Tuesday 2 December 2014

हार से सबक नहीं सीख रही कांग्रेस

हार से सबक नहीं सीख रही कांग्रेस
केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के बयान पर कांग्रेस के नेता जो हंगामा कर रहे हैं,उससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस लगातार हार से कोई सबक नहीं सीख रही है, उसी गलती को बार-बार दोहरा रही है, जिसकी वजह से लोकसभा और विधानसभाओं में हार का सामना करना पड़ रहा है। साध्वी का कहना है कि इस देश में रहने वाले राम की संतान हैं। भारतीय संस्कृति में यह बात आम बोलचाल में भी बोली जाती है। सवा सौ करोड़ लोगों में से करोड़ों ऐसे होंगे, जो स्वयं को राम की ही संतान मानते हैं। यहां राम का मतलब कोई व्यक्ति या धर्म नहीं, बल्कि उस केन्द्रीय सत्ता की ओर से इशारा है, जिसने यह दुनिया बनाई है। चूंकि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है और यहां वोट से सरकार चुनी जाती है, इसलिए किसी भी मंत्री को सोच समझ कर बोलना चाहिए। निरंजन ज्योति सिर्फ साध्वी ही नहीं, बल्कि केन्द्रीय मंत्री भी है और उन्होंने भारतीय संविधान की शपथ भी ली है, ऐसे में उनके बयान को उचित नहीं माना जा सकता। हालांकि अब साध्वी ने लोकसभा और राज्यसभा में माफी भी मांग ली है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का हंगामा जारी है। कांग्रेस को लगता है कि साध्वी के बयान को उछाल राजनीतिक फायदा होगा और इससे मुसलमान वर्ग खुश होगा। मुसलमानों की भावनाओं का आदर करते हुए ही दूसरे मंत्री मुख्त्यार अब्बास नकवी ने भाजपा को साध्वी के बयान से अलग कर दिया, लेकिन शायद कांग्रेस के नेताओं के अभी भी समझ में नहीं आ रही। अच्छा हो कि इस तरह के मुद्दों को छोड़ कर कांगेस नरेन्द्र मोदी की सरकार की विफलताओं पर जनता का ध्यान आकर्षित करें। अन्यथा सरकार की विफलताओं के बाद भी भाजपा चुनाव जीतती चली जाएगी। कांग्रेस का यही रवैया चुनावों में भाजपा को वोट दिलवा देता है। दो दिसम्बर को राहुल गांधी ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ जो स्टैंड लिया, उसे सही दिशा में उठाया एक कदम माना जा सकता है। जहां तक मुसलमानों का सवाल है तो उन्हें भी साध्वी के बयानों के बजाए आरिफ माजिद के बयानों पर ज्यादा चिंता दिखानी चाहिए। आरिफ ने इराक से लौट कर बताया कि आईएसआईएस वाले इस्लामिक स्टेट के नाम पर मुस्लिम युवकों को गुमराह कर रहे हैं। आईएस के प्रतिनिधि किस तरह का समाज बनाना चाहते हैं, यह सभी को पता है, जबकि भारत में रहने वाला मुसलमान तरक्की पसंद है, इसलिए परिवार के बड़े लोगों को युवाओं का ख्याल रखना चाहिए। ऐसा न हो कि इंटरनेट पर तकरीर सुनने के बाद आरिफ की तरह उनका बेटा भी आईएस में भर्ती होने के लिए इराक चला जाए। यदि कांग्रेस वाकई मुसलमानों की हमदर्द है तो उसे साध्वी निरंजन ज्योति के बयान के बजाए भारतीय युवक आरिफ माजिद के बयान को मुद्दा बना कर चिंता प्रकट करनी चाहिए। यदि आईएस भारत के मुस्लिम युवकों को गुमराह करने में सफल हुआ तो वह भारत के लिए घातक होगा।
-(एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in

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