Saturday 6 December 2014

माणकचंद का विज्ञापन बंद हो

माणकचंद का विज्ञापन बंद हो
देशभर के लोग इन दिनों न्यूज और मनोरंजन चैनलों पर समुद्र के किनारे एक लड़की और लड़के का अश्लील विज्ञापन देख रहे हैं। हो सकता है कि इस विज्ञापन का कुछ लोग मजा ले रहे हों, लेकिन मजा लेने वालों के संबंध में मेरा दावा है कि इस विज्ञापन को वे अपनी जवान बेटी के साथ नहीं देख सकते है। ऐसा विज्ञापन घर परिवार में नहीं देखा जा सकता। यह विज्ञापन माणकचंद वालों का है जिनका नारा है 'ऊंचे लोग, ऊंची पसंदÓ। शायद यह विज्ञापन उन लोगों के लिए जो लेट नाइट अश्लील फिल्में देखते है और उनका स्तर वाकई घर-परिवार से ऊंचा है। कंडोम के इस विज्ञापन से उन लोगों को शर्म आनी चाहिए जो अब केन्द्र की सरकार में बैठकर भारतीय संस्कृति को बचाने की चिंता जताते हैं। समझ में नहीं आता है कि इस तरह के अश्लील विज्ञापन चैनलों पर कैसे प्रसारित हो जाते हैं। क्या एक खूबसूरत लड़की को समुद्र के किनारे नग्न स्थिति में देखना अच्छा लगता है। जहां तक चैनलों का सवाल है तो माणकचंद उत्पाद वाले पैसे देकर कुछ भी प्रसारित करवा सकते है। दिखाने के लिए आपत्तियां मांगी जाती है, लेकिन इन आपत्तियों पर संबंधित संस्था कोई कार्यवाही नहीं करती है। माना कि पीएम मोदी को टीवी चैनल देखने की फुर्सत नहीं है, लेकिन केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री की तो यह जिम्मेदारी है कि ऐसे विज्ञापन प्रसारित ना हो। ऐसे अश्लील विज्ञापनों के खिलाफ सोशल मीडिया पर जागरूक और भारतीय संस्कृति में विश्वास रखने वाले लोग अभियान चला सकते है। मैंने इसकी शुरूआत कर दी है, देखना है कि विरोध कितना आगे बढ़ता है और यह अश्लील विज्ञापन कब बंद होता है। मेरी यह पोस्ट केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी को भेजी जानी चाहिए जो पीएम मोदी की धर्म बहन हैं।
(एस.पी. मित्तल)
S.P. Mittal. blogspot.in

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