Friday 30 June 2017

#2741
अवकाश रद्द होने के आदेश के बाद भी काम पर नहीं लौट रहे वाणिज्यिक अधिकारी। जीएसटी के कार्यक्रम पर सवाल। 
===============
राजस्थान में 1 जुलाई को जिला स्तर पर होने वाले जीएसटी कार्यक्रम असमंजस की स्थिति बनी है। यह कार्यक्रम वाणिज्यिक कर विभाग को जिला प्रशासन के सहयोग से करना है। इसके लिए सरकार ने बकायदा आदेश भी जारी कर दिए हैं। लेकिन कर विभाग के अधिकारी 4 जुलाई तक सामूहिक अवकाश पर हैं। जीएसटी  के अंतर्गत कुछ पदों को समाप् त करने के विरोध में अधिकारियों ने अवकाश लिया है। हालांकि ऐसे अवकाश को रद्द कर दिया गया है। लेकिन 30 जून तक भी अजमेर सहित सभी जिलों में विभाग के अधिकारी काम पर नहीं लौटे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जीएसटी  पर होने वाला कार्यक्रम कैसे होगा? सवाल यह भी है कि आखिर इस विभाग के अधिकारी जीएसटी  के प्रावधानों का विरोध क्यों कर रहे हैं? जबकि जीएसटी  को लागू करने में इस विभाग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। 
सूचना केन्द्र में होगा कार्यक्रम:
वाणिज्यक कर विभाग के उपायुक्त दिनेश गुप्ता ने बताया कि एक जुलाई से सम्पूर्ण देश में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू हो रहा है। इस उपलक्ष्य में 1 जुलाई को सूचना केन्द्र में सायं 5 बजे विशेष कार्यक्रम में आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रभारी मंत्री, जिला कलेक्टर, कर सलाहकार संघ, व्यापार संघ एवं विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी भाग लेंगे। कार्यक्रम में स्थानीय वक्ताओं के संबोधन के पश्चात पॉवर पॉइंट प्रजेन्टेशन के द्वारा जीएसटी के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी। उपस्थिति विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों की शंकाओं का समाधान भी किया जाएगा। वेबकास्ट के द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे कार्यक्रम को सम्बोधित करेंगे। 
(एस.पी.मित्तल) (30-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2740
रोक के बाद भी अजमेर के आनासागर में नहा रहे हैं जायरीन। मौत का भी डर नहीं। 
=================
अजमेर शहर के बीचों बीच बने ऐतिहासिक आनासागर झील के रामप्रसाद घाट पर जायरीन के नहाने की परंपरा चली आ रही है, लेकिन अब इस घाट पर पैदल चलने का रास्ता बनाया जा रहा है। चूंकि घाट पूरी तरह टूट चुका है और आनासागर के किनारे मिट्टी डाली गई है। इसलिए यह किनारा बेहद खतरनाक हो गया है। पिछले कई दिनों से जायरीन के डूबने की वारदातें हो रही है। 28 जून को भी दो जायरीन नहाते वक्त डूब गया। बाद में बड़ी मुश्किल से उनकी लाशों को बाहर निकाला गया। आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए 29 जून को नगर निगम ने रामप्रसाद घाट वाले आनासागर किनारे जालियां लगा दी। साथ ही नहाने पर प्रतिबिंध होने की सूचना भी लगाई गई। चेतावनी भरे सूचना बोर्ड पर साफ-साफ लिखा है कि दुर्घटना होने पर नगर निगम जिम्मेदार नहीं होगा। लेकिन इस प्रतिबंध के बावजूद भी जायरीन का यहां नहाना जारी है। ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत के लिए आने वाले जायरीन 30 जून को भी नहाते देखे गए। यानि नगर निगम ने जो चेतावनी वाले बोर्ड लगाए हैं उसका कोई असर नहीं हुआ है। 
रोकने वाला कोई नहीं:
यह सही है कि निगम प्रशासन ने अपनी और से चेतावनी वाले बोर्ड लगा दिए हैं। लेकिन जायरीन को रोकने वाला कोई भी नहीं है। न तो निगम प्रशासन और न ही पुलिस का कोई जवान मौके पर खड़ा है। निगम प्रशासन को यह उम्मीद है कि बोर्ड लगाने के बाद अब नहाने के लिए कोईभी जायरीन आनासागर में नहीं जाएगा। यहां यह खासतौर से उल्लेखनीय है कि बरसात की वजह से रामप्रसाद घाट वाला किनारा और जानलेवा हो गया है। 
नहाने की है परंपरा:
ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत के लिए आने वाले जायरीन आनासागर के रामप्रसाद घाट पर नहाने की पंरपरा पुरानी है। माना जाता है कि सूफी संत ख्वाजा साहब भी अपने जीवन काल में इसी स्थान पर वजू करते थे। इस लिहाज से जायरीन धार्मिक आस्था से भी यहां स्नान करते हैं। 
एस.पी.मित्तल) (30-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2739
तो क्या जीएसटी की जिद्द में भाजपा का वोट बैंक बिखर जाएगा? देशभर में विरोध, संसद में जश्न। 
=============
30 जून को दिन भर न्यूज चैनलों पर मोदी सरकार के मंत्री जीएसटी के फायदे गिनाते रहे तो वहीं देशभर में व्यापारियों विरोध करते देखा गया। अजमेर सहित देश के कई शहरों में बंद भी रहा। नरेन्द्र मोदी माने या नहीं, लेकिन आमतौर पर भाजपा को व्यापारी वर्ग की पार्टी माना जाता है। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि व्यापारी चुनाव में भाजपा का समर्थन करता है। लेकिन आज सबसे ज्यादा व्यापारी वर्ग ही जीएसटी के खिलाफ है। यदि इतने बड़े समूह का गुस्सा बना रहा तो चुनाव में भाजपा को नुकसान हो सकता है। हालांकि मोदी कई बार कह चुके हैं कि उन्हें चुनाव की हार से कोई फर्क नहीं पड़ता। देश को सुधारने और आगे ले जाने के लिए वे हर काम करेंगे। मोदी ने गत वर्ष नवम्बर में जब नोटबंदी की थी, तब भी माहौल बिगड़ा हुआ नजर आ रहा था। लेकिन तीन माह पहले हुए यूपी सहित चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जो सफलता मिली, उससे जाहिर है कि आम मतदाता मोदी की नीतियों से खुश है। एक जुलाई से जीएसटी के लागू होने के बाद नरेन्द्र मोदी के गृह प्रदेश गुजरात में विधानसभा के चुनाव होने हैं। यदि गुजरात में भाजपा की जीत होती है तो फिर यही माना जाएगा कि देश की जनता नरेन्द्र मोदी के साथ है, भले ही व्यापारी वर्ग कितना भी विरोध कर लें। जीएसटी लागू करने पर भी मोदी सरकार यही कहना है कि इससे टैक्स चोरी बंद होगी और आम जनता को फायदा होगा। यही वजह है कि व्यापारियों के विरोध के बावजूद भी 30 जून की रात को संसद के संयुक्त अधिवेशन में मोदी सरकार जीएसटी का जश्न मना रही है। 
(एस.पी.मित्तल) (30-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Wednesday 28 June 2017

#2738
हमारी सेना पर फिर आया आजम खान का शर्मनाक बयान। इसे देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा। 
============
देश और कश्मीर को बचाने के लिए हमारी सेना के जवान आए दिन शहादत दे रहे हैं। मृत्यु का दर्द क्या होता है, यह उस विधवा से पूछा जाना चाहिए, जिसका पति कश्मीर में आतंकवादियों की गोली का शिकार हो गया। उस बेटी से पूछो जिसका पिता सीमा पार के हमलों में मारा गया। पूरा देश आज हमारी सेना की शहादत और बहादुरी को सलाम कर रहा है। लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान को लगता है कि कश्मीर में हमारी सेना ज्यादती कर रही है। आजम खान उन आतंकियों और अलगाववादियों का समर्थन कर रहे हैं जो हमारे सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाते हैं और पत्थर फैंकते हैं। आजम खान ने हमारी सेना के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है, उन्हें यहां नहीं लिखा जा सकता। लेकिन आजम खान को अपने बयान पर शर्म आनी चाहिए। यदि हमारी सेना सीमा पर गोलियां न खाए तो आजम खान जैसे नेता इस तरह के बयान नहीं दे सकते। आज आजम खान जिन मुसलमानों को भड़काना चाहते हैं, उन्हें यह समझाना चाहिए कि कट्टरपंथी आतंकी कश्मीर में आम मुसलमानों को भी मौत के घाट उतार रहे हैं। सब जानते हैं कि समाजवादी पार्टी की सरकार में आजम खान सबसे ताकतवार मंत्री थे। अपने घर की यूनिवर्सिटी के लिए आजम खान ने कब्रिस्तान पर भी कब्जा कर लिया। वक्फ  बोर्ड की रिपोर्ट में आजम खान पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आजम खान जिस तरह से घिरे हुए हैं, उसे ध्यान में रखते हुए ही अब मुसलमानों को भड़काने वाली कार्यवाही की जा रही है। अच्छा हो कि आजम खान सकारात्मक और देश हित की राजनीति करें। आजम खान को सत्ता के बगैर भी जीने की आदत डालनी चाहिए। 
एस.पी.मित्तल) (28-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2737
आनंदपाल के एनकाउंटर की सीबीआई जांच में हिचक क्यों? परिजन अंतिम संस्कार भी करें। 
===========
राजस्थान के कुख्यात अपराधी आनंदपाल का एनकाउंटर 24 जून की रात को हुआ था। 28 जून गुजर जाने के बाद भी आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। मृतक परिजन एनकाउंटर की सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहे हैं। राजपूत समाज के विभिन्न गुट आनंदपाल की मौत पर एकजुट हो गए हैं। लोकेन्द्र सिंह कालवी द्वारा खड़ी की गई करणी सेना ने 30 जून को जयपुर बंद का ऐलान भी किया है। प्रदेश के कई हिस्सों में आनंदपाल के समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं। आनंदपाल भले ही एक अपराधी रहा हो, लेकिन अब उसका एनकाउंटर राजनीति से जुड़ गया है। राजस्थान की सरकार पहले आनंदपाल की गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर कटघरे में खड़ी थी तो अब एनकाउंटर के बाद अनेक सवालों से घिरी हुई हैं। प्रदेश के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने छाती ठोंक कर कहा था कि आनंदपाल का एनकाउंटर हकीकत है। हमारी पुलिस ने ऐसा कोई काम नहीं किया जिसे छुपाया जाए। एके 47 से सौ राउंड गोलियां चलाकर आनंदपाल ने पुलिस के साथ पूरा मुकाबला किया। सवाल उठता है कि जब एनकाउंटर में कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ तो फिर सीबीआई जांच करवाने में हिचक क्यों है? कटारिया ने कहा था कि यदि परिजन चाहेंगे तो सीबीआई से जांच करवाई जाएगी। सवाल अब आनंदपाल के अपराधिक जीवन का नहीं है, क्योंकि उसे तो अपने कर्मों की सजा मिल गई। लेकिन सवाल सरकार की विश्वसनीयता का है? लोकतांत्रिक प्रणाली में किसी भी सरकार की विश्वसनीयता होनी ही चाहिए। इसके साथ ही परिजनों का भी यह दायित्व है कि वे शव का अंतिम संस्कार करें। अब जब आनंदपाल की बेटी भी दुबई से लौट आई हैं तो उसे समझदारी का परिचय देना चाहिए। गर्मी और बरसात के उमस भरे माहौल में आनंदपाल का शव खराब हो रहा है। कोई भी बेटी यह नहीं चाहेगी कि उसके पिता के शव की दुर्गति हो। 
एस.पी.मित्तल) (28-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2736
तो राहुल गांधी की गैर मौजूदगी में मीरा कुमार ने भर दिया नामांकन। बघेला भी कर रहे हैं मिलने का इंतजार।
=============
28 जून को यूपीए की उम्मीदवार मीरा कुमार ने आखिर राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया। हालांकि इस अवसर पर 17 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी नजर नहीं आए। हालांकि उनकी मम्मी श्रीमती सोनिया गांधी उपस्थित रहीं। सब जानते हैं कि मीरा कुमार के चयन में कांग्रेस की अहम भूमिका है। राहुल गांधी किस मौके पर उपस्थित रहे या न रहे, यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है। लेकिन राहुल गांधी एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के बड़े नेता है। इसलिए उनकी मौजूदगी और गैर मौजूदगी राजनीति में मायने रखती है। आज भाजपा के बाद देश में कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी है। चुनाव में भी प्रचार की कमान राहुल गांधी के पास ही होती है। माना तो यही जाता है कि अब कांग्रेस में सारे फैसले राहुल गांधी करते हैं। ऐसे में मीरा कुमार के नामांकन के समय राहुल की गैर मौजूदगी अनेक सवाल खड़े करती हैं। क्या मीरा कुमार की उम्मीदवारी पर राहुल गांधी की सहमति नहीं है? या फिर राहुल गांधी राष्ट्रपति चुनाव को महत्वपूर्ण नहीं मानते? एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के सामने विपक्ष ने मीरा कुमार को साझा उम्मीदवार बनाया है। अब विपक्ष का यह प्रयास है कि मीरा कुमार को अधिक से अधिक वोट मिल सके। चूंकि एनडीए और यूपीए के मतों में ज्यादा अंतर नहीं है। इसलिए भाजपा के नेता जोड़-तोड़ की राजनीति भी कर रहे हैं। यूं तो बिहार के सीएम नीतिश कुमार यूपीए के साथ ही है, लेकिन नीतिश कुमार ने एनडीए के उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा की है जबकि नीतिश कुमार कांग्रेस और राजद के समर्थन से ही सरकार चला रहे हैं। कहा जा रहा है कि गुजरात में कांग्रेस के असंतुष्ट नेता शंकर सिंह बाघेला राहुल गांधी से मिलने का इंतजार कर रहे हैं। यदि अहमद पटेल ने दखल नहीं दिया होता तो अब तक बाघेला 30 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ चुके होते। राहुल गांधी भले ही अपनी नानी से मिलने के लिए इटली में हो, लेकिन बाघेला कांग्रेस के 30 विधायकों के वोट रामनाथ कोविंद को दिलवा सकते हैं। क्या कांग्रेस के इन सब मसलों को निपटाने की जिम्मेदारी राहुल गांधी की नहीं है? जब देश में राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हो, तब इतने लंबे समय के लिए राहुल गांधी विदेश में रहे तो फिर चर्चा होती है। राहुल गांधी के विदेश में रहने को लेकर कई बार कांग्रेस में भी असमंजस की स्थिति होती है। यदि राहुल गांधी को वाकई कांग्रेस का नेतृत्व करना है तो उन्हें कार्यकर्ता के साथ रहना पड़ेगा। 
(एस.पी.मित्तल) (28-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2735
मोदीजी बताओं शिवराज ने 8 रुपए किलो खरीदे प्याज को मात्र दो रुपए किलो में क्यों बेचा?
============
नरेन्द्र मोदी जब लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रचार कर रहे थे, तब एक मुद्दा कृषि उत्पादों के भण्डार का भी था। मोदी ने मनमोहन सिंह की सरकार को कोसते हए कहा था कि भंडारगृह नहीं होने की वजह से कृषि उत्पाद बरसात में खराब हो जाते है। सरकार समर्थन मूल्य पर किसानों से जो उत्पाद खरीदती है वह जरूरतमंद उपभोक्ता तक नहीं पहुंच पाते है। देश की जनता ने भी यह महसूस किया कि देश में कृषि उत्पाद के लिए भंडार गृह होने ही चाहिए, इसलिए चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत दे दिया। तब देशवासियों ने यहीं उम्मीद की थी कि मोदी राज में कृषि उत्पाद बरसात में खराब नहीं होने दिए जाएंगे, लेकिन 28 जून को न्यूज चैनलों पर बताया गया कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने बरसात में खराब हो रहे प्याज को मात्र 2 रुपए 9 पैसे किलो में बेच दिया। इस प्याज को थोड़े दिन पहले ही सरकार ने किसानों से 8 रुपए किलो में खरीदा था। सवाल उठता है कि जो प्याज सरकार ने 8 रुपए किलो में खरीदा उसे 2 रुपए किलो में क्यों बेच दिया? यह माना कि मोदी सरकार को तीन वर्ष हुए है, लेकिन शिवराज तो पिछले 15 वर्ष से मध्यप्रदेश में शासन कर रहे है। क्या मध्यप्रदेश में इतने भण्डार भी नहीं है जिनसे कुछ दिनों के लिए प्याज को सुरक्षित रखा जा सके? सवाल यह भी है कि सरकार ने प्याज को जरूरतमंदों तक सही समय पर क्यों नहीं पहुंचाया? आज बाजार में प्याज 20 रुपए किलो तक मिल रहा है। यानि जिस होशियार व्यापारी ने 2 रुपए किलो में प्याज खरीदा है, वह उपभोक्ता को 15 रुपए किलो में तो बेचेगा ही। यूं तो मोदी सरकार को भी तीन वर्ष हो गए है और जब सरकार के सारे मंत्री उपलब्धियों को गिनाने में लगे हुए है तब देश की जनता को यह भी बताना चाहिए कि 8 रुपए वाला प्याज मात्र 2 रुपए में ही क्यों बेचा जा रहा है। सरकार यह भी बताए कि पिछले तीन वर्ष में देश को कृषि उत्पाद के लिए कितने भंडार नए बने है?
(एस.पी.मित्तल) (28-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Tuesday 27 June 2017

#2734
तो क्या आनंदपाल के मारे जाने से राजस्थान का राजपूत समाज नाराज है? अब केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मांगी रिपोर्ट। 
=============
राजस्थान के कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर को लेकर 27 जून को दिल्ली में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के एक प्रतिनिधि मंडल ने केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात में एडवोकेट ए.पी. सिंह भी शामिल थे। मुलाकात के बाद दावा किया गया कि एनकाउंटर पर राजनाथ सिंह ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। इधर नागौर के सांवरदा में आनंदपाल की माताजी निर्मल कंवर ने आमरण अनशन की धमकी दी है। आनंदपाल का शव अभी भी मुर्दाघर में ही रखा हुआ है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लगातार अंतिम संस्कार करवाने के प्रयास कर रहे हैं। भीषण गर्मी में तीन दिनों तक शव को रखे रहने से डीडवाना क्षेत्र के हालात तनावपूर्ण है। परिजन एनकाउंटर के तरीके पर एतराज कर रहे हैं। हो सकता है कि आजकल में राज्य सरकार सीबीआई जांच का प्रस्ताव केन्द्र सरकार से कर दें। लेकिन केन्द्रीय गृहमंत्री के द्वारा राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब किए जाने से सवाल उठता है कि क्या आनंदपाल के मारे जाने से राजस्थान का राजपूत समाज नाराज है? 22 माह पहले फरारी के समय से ही आनंदपाल पुलिस के लिए सरदर्द बन गया था। पत्रकारों के सवाल पूछने पर सरकार को भी अपमानित होना पड़ता था। सरकार की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों प्रदेश के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि अब तो मैं स्वयं आनंदपाल बन गया हूं। पुलिस ने आनंदपाल को पकडऩे के लिए उसकी गैंग से जुड़े 100 से भी ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया। यहां तक की दुबई में रह रही उसकी बेटी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया। सरकार विरोधी माहौल को देखते हुए पुलिस को उम्मीद थी कि आनंदपाल के एनकाउंटर पर उसे शाबासी मिलेगी। यही वजह रही कि एनकाउंटर के बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने अपनी पीठ थपथपाई, लेकिन जब एनकाउंटर पर सवाल उठने लगे तो पुलिस का जोश ठंडा हो गया। राजपूत समाज से जुड़े अधिकांश संगठन आरोप लगा रहे हैं कि नागौर के एक मंत्री के इशारे पर आनंदपाल को मौत के घाट उतारा गया है। इस आरोप में कितनी सच्चाई है, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा। लेकिन फिलहाल राजस्थान की पुलिस बचाव की मुद्रा में है। तेजी से बदलते हालातों में आनंदपाल के एनकाउंटर को जातीय राजनीति से जोड़ा जा रहा है। सरकार को इस पूरे मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। यदि हालात बिगड़े तो फिर नियंत्रण में करना मुश्किल होगा। सरकार को निर्मल कंवर की मांगों पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए। 
एस.पी.मित्तल) (27-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2733
जीएसटी को लेकर भाजपा के पदाधिकारी ही सरकार के खिलाफ। तो फिर आम व्यापारी कैसे संतुष्ट होगा? 
===============
जीएसटी के टैक्स प्रावधानों को लेकर अजमेर और राजस्थान में भाजपा के जिम्मेदार पदाधिकारी ही सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं। सवाल उठता है कि जब भाजपा के पदाधिकारी ही नाराज है तो फिर आम व्यापारी संतुष्ट कैसे होगा ? सत्तारूढ़ पार्टी के पदाधिकारी होने के नाते इन भाजपा नेताओं की यह जिम्मेदारी है कि वे जीएसटी के लाभ के बारे में आम व्यापारी और उपभोक्ता को समझाएं। लेकिन अजमेर और राजस्थान भर में जीएसटी के खिलाफ कारोबार बंद करवाने और सरकार को गालियां देने में भाजपा के नेता ही सबसे आगे हैं। राजस्थान में कपड़ा कारोबार 4 दिन के लिए 27 जून से बंद हो गया है। बंद को सफल बनाने के लिए अजमेर में जो संघर्ष समिति बनी है, उसका नेतृत्व प्रवीण जैन कर रहे हैं। जैन ही शहर भाजपा की कार्यसमिति के सदस्य हैं और जैन की जयपुर रोड स्थित होटल केसी इन में आए दिन सरकार के मंत्रियों और संगठन की बैठकें होती है। जैन ने 27 जून को भी टीवी चैनलों पर केन्द्र सरकार की जमकर आलोचना की। बाजारों से जो जुलूस निकाला गया, उसकी अगुवाई भी जैन ने ही की। इस प्रकार किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश टांक ने घोषणा की है कि जीएसटी के खिलाफ एक जुलाई से राजस्थान भर की मार्बल मंडियां बंद रहेंगी। देश का 97 प्रतिशत मार्बल कारोबार राजस्थान में ही होता है। किशनगढ़ मंडी विश्वविख्यात है जबकि सुरेश टांक भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं। सत्तारूढ़ पार्टी के नेता होने की वजह से ही टांक ने केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली तक से मुलाकात की है। टांक के राजनीतिक प्रभाव की वजह से ही राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने भी जीएसटी में मार्बल टैक्स कम करने  का आग्रह केन्द्र सरकार से किया है। 30 जून से ही राजस्थान की 247 कृषि मंडियों में भी बंद शुरू हो रहा है। मंडी हड़ताल में भी भाजपा के पदाधिकारी सक्रिय हैं। 
सरकार के प्रयासों पर पानी :
एक ओर केन्द्र की भाजपा सरकार जीएसटी को देश में क्रान्तिकारी बदलाव मान रही हैं तो वहीं दूसरी ओर संगठन के पदाधिकारी ही जीएसटी को जनविरोधी बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सरकार 30 जून की आधी रात को संसद का विशेष सत्र बुलाकर जश्न मना रही है और इधर भाजपा के नेता काली पट्टियां बांध कर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। मीडिया में करोड़ों रुपए के विज्ञापन देकर जीएसटी के लाभ बताए जा रहे हैं तो भाजपा के नेता जीएसटी को काला कानून बता रहे हैं। भाजपा नेताओं के विरोध की वजह से ही सरकार के सकारात्मक प्रयासों पर पानी फिर रहा है। सरकार ने साफ कर दिया है कि अब जीएसटी में कोई बदलाव नहीं होगा। 
एस.पी.मित्तल) (27-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2732
डेरा सच्चा सौदा ने दरगाह में भेजी ईद की मिठाई और फल।
==========
सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख इंशा गुरमीत राम रहीम की ओर से ईद के अवसर पर अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में 100 किलो मिठाई और फल भेजे गए। डेरा के प्रतिनिधि इंशा नरेन्द्र कुमार ने मिठाई और फल दरगाह के प्रमुख खादिम सैयद गनी गुर्देजी को भेंट की। नरेन्द्र कुमार ने बताया कि डेरा के प्रमुख राम रहीम सिंह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। होली और दीपावली भी उत्साह के साथ मनाए जाते हैं तो ईद के मौके पर मिठाई और फल भी वितरित किए जाते हैं। डेरा प्रमुख की ख्वाजा साहब की दरगाह के प्रति गहरी आस्था है। राजस्थान में स्वच्छता अभियान की शुरूआत भी दरगाह से ही की गई थी। इसके लिए डेरा प्रमुख स्वयं अजमेर आए। गुर्देजी ने बताया कि डेरा की ओर से पिछले 10 वर्ष से ईद की मिठाई और फल भेजे जा रहे हैं।  
एस.पी.मित्तल) (27-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2731
अजमेर के जेएलएन अस्पताल में बिगड़ी सफाई व्यवस्था पर भाजपा अध्यक्ष यादव ने जताई नाराजगी। कहां गए 150 एसी? 
===========
संभाग के सबसे बड़े अजमेर स्थित जेएलएन अस्पताल की दुर्दशा पर जब कोई आम मरीज या उसका परिजन शिकायत करता है तो उसकी कोई सुनवाई नहीं होती। लेकिन 27 जून को अजमेर शहर भाजपा के अध्यक्ष अरविंद यादव को स्वयं बिगड़ी व्यवस्था का शिकार होना पड़ा। पेट में दर्द की शिकायत पर यादव अपने परिचित 63 वर्षीय दीनदयाल को लेकर अस्पताल पहुंचे तो जगह-जगह पानी बिखरा हुआ था। पानी में चलते-चलते ही दीनदयाल गिर पड़े, जिससे उनके कूल्हे की हड्डी टूट गई। यानि पेट का दर्द दूर होने की बजाय अब दीनदयाल को कुल्हे की हड्डी का ईलाज करवाना पड़ रहा है। यादव ने जब यह जानना चाहा कि प्रात: 10 बजे अस्पताल में पानी क्यों बिखरा है? तो जवाब मिला कि सफाई हो रही है। जबकि नियमों के मुताबिक सफाई ठेकेदार को प्रात: 8 बजे से पहले-पहले ही सम्पूर्ण अस्पताल की सफाई का काम पूरा कर लेना चाहिए। असल में सफाई ठेकेदार और चिकित्सा अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से ही अस्पताल की सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है। 
कहां गए एसी :
भीषण गर्मी चलते के वार्डों में मरीजों की परेशानी को देखते हुए यादव ने जानना चाहा कि 150 एसी कहां चले गए। यादव जब नगर सुधार न्यास के सदस्य थे तब 150 एसी दिए गए थे। लेकिन अब अस्पताल के वार्डों में एसी नहीं है। 
सीएम को लिखा पत्र :
वरिष्ठ नागरिक दीनदयाल के कूल्हे की हड्डी टूटने और अस्पताल की बिगड़ी व्यवस्था को लेकर यादव ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को एक पत्र लिखा। इस पत्र में अस्पताल के हालात सुधारने का आग्रह किया गया है। 
एस.पी.मित्तल) (27-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2730
सोल किडनी फॉर लाइफ के आयोजन में 11 जनों ने लिया देहदान का संकल्प। अजमेर गौरव अवार्ड से भी नवाजा। 
=============
समाज में अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 24 और 25 जून को अजमेर में दो दिवसीय कार्यक्रम हुआ। सामाजिक संस्था प्रथम एक पहल के सचिव चन्द्रभान प्रजापति ने बताया कि समारोह में 11 जनों ने अंगदान करने का संकल्प लिया। सोमरत्न आर्य और रवि तोषनीवाल ने सेमीनार में अंगदान की महत्व के बारे में जानकारी दी। समारोह में अंगदान करने वालों को एक-दूसरे से पहचान करने का अवसर मिला। समारोह में रास बिहारी गौड़ (साहित्य जगत), धनराज चौधरी (खेल जगत), रिची रिचर्डसन (पशु मित्र व्यवहार), अमर सिंह राठौड़ (नागरिक सुरक्षा), सुरेश चन्दीराम (व्यापार जगत) आदि को अजमेर गौरव अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा खास तौर से उपस्थित रहे। प्रजापति ने बताया कि मुकेश मिश्रा, लता मिश्रा, आई.डी. मिश्रा, सुधा मिश्रा, रमेश चन्द शर्मा, रजनी शर्मा, कमल शर्मा, दीया शर्मा, हरिप्रसाद छीपा आदि ने देहदान का संकल्प लिया। अंगदानदाताओं को महर्षि दधिचि सम्मान से नवाजा गया। 
(एस.पी.मित्तल) (27-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Saturday 24 June 2017

#2729
डीएसपी अयूब की हत्या के बाद आज तक चैनल ने उठाया सवाल-गद्दारों की सुरक्षा कब तक? अवार्ड लौटाने और मोमबत्ती जलाने वाली गंैग जवाब दे।
============
देश के लोकप्रिय न्यूज चैनल आज तक ने 24 जून को देश के सामने एक सवाल रखा है। 22 और 23 जून की रात को श्रीनगर में एक मस्जिद के बाहर जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी मोहम्मद अयूब की हत्या के संदर्भ में आज तक ने पूछा है कि...गद्दारों को सुरक्षा कब तक? असल में डीएसपी अयूब को जब उपद्रवी पीट रहे थे, तब अंदर मस्जिद में अलगाववादी नेता मीर वाइज बैठे हुए थे। ऐसा कई बार हुआ है, जब पाकिस्तान के हिमायती हुर्रियत के नेता खुलेआम कश्मीरियों को भड़काने वाली तकरीर करते हैं। लेकिन फिर भी ऐसे नेताओं को केन्द्र और राज्य सरकार सुरक्षा उपलब्ध करवाती है। पुलिस के वाहनों में ऐसे नेताओं को इधर से उधर ले जाया जाता है। कश्मीर पुलिस के सैकड़ों जवान हुर्रियत के नेताओं की सुरक्षा में लगे हुए हैं। सरकार इन नेताओं की सुरक्षा पर करोड़ों रुपए खर्च करती है। आज तक ने जायज सवाल उठाया है, जब ये नेता अपने ही देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं तो फिर इन्हें सुरक्षा क्यों दी जा रही है? आज तक के इस सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय के मंत्री जितेन्द्र प्रसाद और जम्मू कश्मीर की महबूबा मुफ्ती ने तो दिया है, लेकिन असहिष्णुता के नाम पर अवार्ड लौटाने और आतंकवादियों की मौत पर मोमबत्ती जलाने वाली गैंग को भी आज तक के सवाल का जवाब देना चाहिए। डीएसपी की हत्या क्या असहिष्णुता नहीं है? गंभीर बात तो यह है कि डीएसपी अयूब की हत्या पवित्र रमजान माह में की गई। आखिर कुछ कश्मीरी कौन से धर्म पर चल रहे हैं। जो गैंग दिल्ली के जंतर-मंतर और इंडिया गेट पर मोमबत्ती जलाती है, उसे कश्मीर घाटी में जाकर उन अलगाववादियों का सामना करना चाहिए जो बेकसूर डीएसपी को मौत के घाट उतारते हैं। असल में अब हुर्रियत के नेताओं के चेहरे पर से नकाब उतर चुका है। साफ हो गया है कि पाकिस्तान से जो धनराशि मिलती है, उसी से कश्मीर में पत्थरबाजी और हिंसक घटनाएं करवाई जाती हैं। अब समय आ गया है जब सरकार को हुर्रियत के नेताओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए ताकि कश्मीर में फिर से अमन चैन कायम हो सके। 
एस.पी.मित्तल) (24-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2728
पीएम मोदी की अमरीका की यात्रा के मौके पर चीन ने कैलाश मान सरोवर की यात्रा रोकी। 
=============
इसे चीन की दबाव की राजनीति ही कहा जाएगा कि जब 25 जून को पीएम मोदी अमरीका पहुंच रहे हैं, तब 24 जून को ही चीन ने सिक्किम के नाथूला दर्रे वाले मार्ग से कैलाश मान सरोवर की यात्रा रोक दी है। इससे अनेक श्रद्धालु गंगटोक में फंस गए हैं। हालांकि उत्तराखंड के मार्ग से मानसरोवर की यात्रा जारी है। लेकिन सिक्किम वाले मार्ग से यात्रा को अचानक रोका जाना चीन की बुरी नियत दर्शाता है। हालांकि यात्रा को रोकने पर चीन ने कोई सीधी बात नहीं कही है। लेकिन माना जा रहा है कि पीएम मोदी की आमरीका की यात्रा के मौके पर दबाव की राजनीति दिखाने के लिए ही यात्रा को रोका गया है। असल में चीन मोदी पर मानसिक दबाव डालना चाहता है। चीन भी यह जानता है कि जब मोदी 25-26 जून को अमरीका में रहेंगे तो दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे। अमरीका में सत्ता परिवर्तन के बाद मोदी पहली बार अमरीका जा रहे हैं। चीन ने वर्ष 2015 में मोदी की पहल पर ही नाथूल दर्रे से कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू की थी। तब इसे मोदी की सफलता माना गया। अमरीका की यात्रा के मौके पर भारत का ध्यान भटकाने के लिए ही चीन ने मानसरोवर की यात्रा को अचानक रोका है। चीन पहले भी कई बार हमारे सिक्किम पर अपना अधिकार जता चुका है। सब जानते हैं कि चीन की सहानुभूति पाकिस्तान के साथ है। स्वयं के मुस्लिम बहुल्य प्रांतों में शांति बनी रहे, इसलिए चीन पाकिस्तान के कट्टरपंथियों की मदद् करता रहता है। इसे चीन का दोहरा चरित्र ही कहा जाएगा कि एक और पाकिस्तान में आतंकवादियों के प्रति नरम रुख रखता है तो दूसरी और अपने देश में मुसलमानों पर अनेक पाबंदिया लगा रखी हैं।  
(एस.पी.मित्तल) (24-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2727
क्या सीपी जोशी राजस्थान क्रिकेट से ललित मोदी को भगा पाएंगे? फिर जाएगा मामला अदालत में। 
========
24 जून को जयपुर में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) की बैठक हुई। इस बैठक में नागौर जिला क्र्रिकेट संघ को सस्पेंड करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। संघ के सस्पेंड होते ही अध्यक्ष ललित मोदी और सचिव राजेन्द्र नांदू भी सस्पेंड हो गए। नांदू ही आरसीए के सचिव भी हैं इसलिए हाथों-हाथ संयुक्त सचिव महेन्द्र नाहर को कार्यवाहक सचिव नियुक्त कर दिया गया। बैठक से ही एक पत्र बीसीसीआई के प्रमुख विनोद राय को भेजा गया। इसमें कहा गया कि अब ललित मोदी का आरसीए से कोई सम्बन्ध नहीं रहा है। ऐसे में आरसीए की मान्यता को बहाल कर दिया जाए। आरसीए के अध्यक्ष और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सीपी जोशी ने उम्मीद जताई है कि 26 जून को मुम्बई में होने वाली बीसीसीआई की बैठक में आरसीए पर से प्रतिबंध हट जाएगा। यह माना कि 24 जून को ललित मोदी को जिला संघ के अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया गया है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या सीपी जोशी राजस्थान की क्रिकेट से ललित मोदी को भगा पाएंगे? यह भी सही है कि जब तक ललित मोदी क्रिकेट से नहीं हटेंगे तब तक राजस्थान में क्रिकेट की गतिविधियां शुरू नहीं हो पाएगी। मोदी की वजह से ही बीसीसीआई ने आरसीए की मान्यता सस्पेंड की है। ऐसे में राजस्थान में न तो कोई रणजी मैच हो रहे हैं न ही अंडर 19 के खिलाडिय़ों को अवसर मिल रहा है। राजस्थान की टीम भी कुंए में पड़ी है। 24 जून को जिस तरह नागौर संघ को सस्पेंड किया गया, उसके जवाब में सचिव नांदू का कहना है कि यह कार्यवाही असंवैधानिक है। इस कार्यवाही को अदालत में चुनौती दी जाएगी। यानि आरसीए का विवाद एक बार फिर अदालत में पहुंच जाएगा। सब जानते हैं कि भारत में कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए ललित मोदी लंदन में रह रहे हैं। बीसीसीआई ने भी मोदी पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं। मोदी को बीसीसीआई के सभी पदों से पहले ही हटाया जा चुका है। अच्छा हो कि ललित मोदी खुद ही राजस्थान क्रिकेट का पीछा छोड़ दें ताकि खिलाडिय़ों को क्रिकेट खेलने का अवसर मिल सके।
(एस.पी.मित्तल) (24-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Friday 23 June 2017

#2726
देवनानी के 10 दिवसीय योग शिविरों का उत्साह के साथ समापन। सभी ने की सराहना। 
==========
23 जून को अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के 28 वार्ड में लगे तीस योग शिविरों का उत्साह के साथ समापन हो गया। दस दिवसीय शिविर क्षेत्र के भाजपा विधायक और राजस्थान के स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी की पहल पर हुए। कोई तीन हजार से भी ज्यादा लोगों ने प्रतिदिन योगाभ्यास किया। 23 जून को समापन के अवसर पर देवनानी, संभागीय आयुक्त हनुमान सिंह मीणा, आईजी श्रीमती मालिनी अग्रवाल, क्षेत्रीय सांसद सांवरलाल जाट, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष बी.एल.चौधरी, एडीए के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा, जिला प्रमुख वंदना नोगिया, एमडीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.कैलाश सोडानी, सिटी मजिस्ट्रेट अरविंद सेंगवा, किशोर कुमार, हरफूल सिंह यादव, एडीएम किशोर कुमार, पूर्व मंत्री श्रीकिशन सोनगरा, ब्लॉगर एस.पी.मित्तल आदि ने शिविरों में जाकर शिवरार्थियों को प्रमाण पत्र दिए। शिवरार्थियों और अतिथियों का यह मानना रहा कि स्वास्थ की दृष्टि से योग शिविर बेहद लाभकारी रहे हैं। देवनानी ने बताया कि कई स्थानों पर अब ऐसे शिविर नियमित लगेंगे। शिविर के संयोजक मेयर धर्मेन्द्र गहलोत और सहसंयोजक सुभाष काबरा व सोमरत्न आर्य के अनुसार तीस स्थान पर ोग शिविरों में प्रतिदिन कुछ न कुछ खाद्य सामग्री अथवा पेय पदार्थ उपलब्ध करवाया गया। हालांकि यह चुनौतीपूर्ण काम था, लेकिन कार्यकर्ताओं के सहयोग से सभी इंतजाम किए गए। प्रशिक्षित योग शिक्षकों ने योग अभ्यास करवाया तो पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल की ओर से दो बार शिविरार्थियों की नि:शुल्क जांच की गई। अस्पताल के वाइस प्रेसीडेंट श्याम सोमानी ने बताया कि सभी 30 स्थानों पर चिकित्सा कर्मियों को लगा कर जांच का काम करवाया गया। देवनानी ने उम्मीद जताई है कि शिविर में भाग लेने वाले लोग अब योग को अपनी आदत में लेंगे। जीवन में नियमित योग बेहद जरूरी है। 
एस.पी.मित्तल) (23-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए
#2725
आखिर आडवानी की मनस्थिति क्या होगी? क्या यह सब तकदीर का खेल है?
=========== 
23 जून को एनडीए के राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने जब पूरे उत्साह और उमंग के साथ नामांकन दाखिल किया। तब पीएम नरेन्द्र मोदी, अमित शाह आदि के साथ लालकृष्ण आडवानी भी उपस्थित थे। नामांकन की पूरी प्रक्रिया को जिन लोगों ने टीवी पर देखा, उन्होंने आडवानी के मुरझाए हुए चेहरे को भी देखा होगा। मुरली मनोहर जोशी फिर हंस रहे थे। लेकिन आडवानी के चेहरे पर कोई भाव नहीं था। पीएम मोदी ने बीच में एक दो बार आडवानी से सलाह भी की, लेकिन आडवानी ने सिर्फ गर्दन हिलाई। सब जानते हैं कि आडवानी भाजपा में पहले पीएम पद के दावेदार थे और अब राष्ट्रपति पद के। इसे तकदीर का खेल ही कहा जाएगा कि  आडवानी को दोनों पद नहीं मिले। एक समय था जब आडवानी उम्मीदवार तय करते थे। आज वो ही आडवानी कतार में मूकदर्शक बने हुए हैं। कोविंद ने जब चार नामांकनों का सेट चुनाव अधिकारी को सौंपा, तब आडवानी की मनस्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। नामांकन से पहले जब हाथ उठाकर एकता और जीत का प्रदर्शन किया गया, तब साफ लग रहा था कि आडवानी का हाथ जबरदस्ती उठवाया जा रहा है। पूरी प्रक्रिया में जिस तरह कोविंद ने आडवानी को प्राथमिकता दी, उससे भी प्रतीत हो रहा था कि आडवानी की जगह वे उम्मीदवार बने हैं। भले ही पीएम की उम्मीदवारी के समय आडवानी ने मोदी के लिए अप्रिय शब्दों का इस्तेमाल किया हो। लेकिन आडवानी के सामने तकदीर का भी खेल रहा है। मोदी के लिए उमा भारती ने भी कड़वे वचन बोले थे। लेकिन आज उमा भारती मोदी के मंत्रीमंडल में ही केबिनेट मंत्री है। जो लोग राजनीति में रूचि  रखते हैं, उन्होंने भी अब यह महसूस किया होगा कि पिछले कुछ दिनों से आडवानी शांत है। शायद वे राष्ट्रपति के उम्मीदवार को लेकर मंथन कर रहे हो। लेकिन अब तो कोविंद की घोषणा हो चुकी है। फिलहाल ऐसा कोई पद भी नजर नहीं आ रहा, जो आडवानी के स्तर का हो। देखना है कि आने वाले दिनों में आडवानी का कौनसा स्वरूप सामने आता है। बहुत से लोगों की यह पीड़ा होती है कि उन्हें मेहनत का फल नहीं मिलता। ऐसे लोगों को आडवानी की स्थिति से संतोष कर लेना चाहिए। सफलता सिर्फ मेहनत से नहीं मिलती, मेहनत के साथ ईश्वर की कृपा भी होना जरूरी है। 
एस.पी.मित्तल) (23-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2724
डीएसपी मोहम्मद अयूब की बेरहमी से हत्या। आखिर कश्मीरी ऐसा क्यों कर रहे हैं?
23 जून की तड़के जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में एक मस्जिद के बाहर कश्मीरियों ने डिप्टी एसपी मोहम्मद अयूब की पीट-पीट कर हत्या कर दी। अयूब को पहले निर्वस्त्र किया गया और फिर पत्थर मार-मार कर जान ले ली। हत्या के समय अयूब अपनी ड्यूटी पर था। कहा जा रहा है कि घटना के समय मस्जिद में अलगाववादी नेता मीर वाइज बैठे हुए थे। अयूब की हत्या पर सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस को एक अनुशासित फौज है। यदि पुलिस के सब्र ने जवाब दे दिया तो फिर क्या होगा? एक वक्त था जब पुलिस की जिप्सी देखकर लोग भाग जाते थे। कश्मीरी ऐसा कोई काम न करे, जिससे पुराना वक्त लौट आए। समझ में नहीं आता कि आखिर कश्मीरी ऐसा बुरा बर्ताव क्यों कर रहे हैं? यह बात पूरी तरह साफ हो गई है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के इशारे पर कश्मीर के अलगाववादी नेता आम लोगों को भड़काते हैं। यह बात भी साफ है कि अलगावववादी नेता पाकिस्तान की मदद से ऐशो आराम की जिन्दगी व्यतीत कर रहे हैं। 
यदि कुछ कश्मीरियों को यह लगता है कि अनेक नेता कश्मीर को भारत से आजाद करा लेंगे तो यह उनका मुगालता है। भारत में रहते हुए कश्मीरी वाकई में जन्नत में रह रहे हैं। कश्मीरी यह देंखे कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के हालात कैसे हैं? वहां के मुसलमानों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है। जबकि हमारे यहां अनुच्छेद 370 की वजह से कश्मीरियों को अनेक रियायतें मिली हुई हैं। श्रीनगर में कश्मीरी इसलिए एक डीएसपी की हत्या कर रहे है कि वहां हिन्दू समुदाय के लोग नहीं रहते। यदि आज कश्मीर घाटी में हिन्दू भी रहते तो इस तरह मोहम्मद अयूब की हत्या नहीं हो सकती थी। सब जानते हैं कि पूर्ववर्ती सरकारों की नीतियों की वजह से चार लाख हिन्दुओं को पीट पीट कर भगा दिया। अब घाटी में खुद मुसलमान ही अलगाववादियों के शिकार हो रहे हैं। जो लोग कश्मीरियों के हिमायती हैं वे बताए मोहम्मद अयूब की हत्या क्यों की गई? आखिर कश्मीरियों की ऐसी कौनसी विचारधारा है, जिसके अंतर्गत मोहम्मद अयूब को मौत के घाट उतारा जाता है। 
(एस.पी.मित्तल) (23-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Thursday 22 June 2017

#2723
तो सिर्फ विरोध के लिए बनाया मीरा कुमार को उम्मीदवार। एनडीए की रणनीति अब अधिक मतों से जीतने की।
================== 
22 जून को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की पहल पर हुई विपक्षी दलों की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार उम्मीदवार होगीं। सोनिया गांधी के आमंत्रण पर जो राजनीतिक दलों के नेता एकत्रित हुए, उन्हें भी पता था कि साझा उम्मीदवार की जीत नहीं हो सकती हैं। लेकिन एनडीए का उम्मीदवार निर्विरोध न चुना जाए इसलिए मीरा कुमार को उम्मीदवार घोषित किया गया। सब जानते हैं कि मीरा कुमार कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे बाबू जगजीवन राम की पुत्री है। इसमें कोई दो राय नहीं कि देश के पिछड़े वर्ग के लोगों में बाबू जगजीवन राम की मजबूत स्थिति थी, लेकिन यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि श्रीमती इंदिरा गांधी की नीतियों की वजह से ही बाबू जगजीवन राम को कांग्रेस छोडऩी पड़ी थी। बाबू जगजीवन राम ने कांग्रेस के खिलाफ ही नया राजनीतिक दल बनाया था। हालांकि बाद में जगजीवन राम फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। जहां तक मीरा कुमार की उम्मीदवारी का सवाल है तो विपक्ष की एकता पहले ही टूट चुकी है। नितीश कुमार और मुलायम सिंह जैसे नेता पहले ही एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं। माना जा रहा है कि 22 जून को जो दल विपक्ष की बैठक में उपस्थित थे, उनमें से कई दल आने वाले दिनों में कोविंद के साथ जा सकते हैं। अब एनडीए का भी यह प्रयास होगा कि अधिक से अधिक मतों से कोविंद की जीत को सुनिश्चित किया जाए। 23 जून को होने वाले नामांकन के समय भी एनडीए अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगा। 
एस.पी.मित्तल) (22-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2722
रामनाथ कोविंद के चुनाव प्रचार में भूपेन्द्र यादव की अहम भूमिका। राज्यों के दौरे में भी साथ रहेंगे। 
==============
एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के चुनाव प्रचार में राजस्थान से राज्यसभा के सांसद भूपेन्द्र यादव और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र सिंह यादव की अहम भूमिका है। प्रचार के दौरान ही 21 जून को जब कोविंद भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से आशीर्वाद लेने गए तब यादव भी साथ थे। असल में कोविंद के चुनाव प्रचार की कमान यादव के हाथ में ही है। 23 जून को नामांकन के समय ही भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित करने एवं अन्य इंतजामों की रणनीति भी यादव की देखरेख में बन रही हैं। नामांकन पत्र के 4-5 सैट भी यादव के द्वारा ही तैयार करवाए जा रहे हैं। यादव सुप्रीम कोर्ट के वकील भी हैं इसलिए नामांकनों को प्रस्तुत करने से पहले चुनाव आयोग के नियमों के अनुरूप जांच-पड़ताल भी यादव ही कर रहे हैं। नामांकन के बाद जब कोविंद अपने प्रचार के लिए राज्यों का दौरा करेंगे, तब यादव भी साथ रहेंगे। जानकारों की माने तो कोविंद के चयन में यादव की भी भूमिका रही है। यादव बिहार के प्रभारी भी रह चुके हैं। इस समय यादव गुजरात चुनाव के प्रभारी है। मालूम हो कि यादव अजमेर के रहने वाले हैं और सांसद के तौर पर उन्होंने अजमेर जिले के ही दो गांवों को गोद ले रखा है। केन्द्र की राजनीति में मजबूत स्थिति होने का लाभ अजमेर को भी समय-समय पर मिलता है। 
एस.पी.मित्तल) (22-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2721
आखिर राजस्थान में स्कॉउट गाइड का नया अखाड़ा क्यों खड़ा करना चाहते हैं शिक्षा सचिव नरेश कुमार गंगवार।
================== 
राजस्थान में स्काउट गाइड का नया अखाड़ा खड़ा करने के लिए 22 जून को जयपुर में प्रदेश के शिक्षा सचिव नरेश कुमार गंगवार ने एक बैठक की। इस बैठक में प्रदेश के शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों के साथ-साथ उप-निदेशक स्तर के अधिकारी उपस्थित रहे। शिक्षा विभाग की यह बैठक पूरी तरह स्काउट गाइड का समानान्तर अखाड़ा बनाने पर केन्द्रित रही। गंगवार पिछले दिनों ही हिन्दुस्तान स्काउट गाइड के स्टेट कमिश्नर बने हैं। बैठक में गंगवार ने अधिकारियों को निर्देंश दिए हैं कि एसटीसी के शिक्षकों के प्रशिक्षण केन्द्रों पर हिन्दुस्तान स्काउट गाइड के कैम्प अनिवार्य रूप से लगाए जाए। ऐसे कैम्प एक सप्ताह के लिए लगते हैं, जिससे प्रशिक्षण लेने वाले शिक्षकों को स्काउट गाइड की जानकारी दी जाती है। बैठक में इस बात की भी रणनीति बनाई गई, जिससे राज्य सरकार से विशेषज्ञ अनुदान लेने और वर्तमान में जिला स्तर पर संचालित स्काउट गाइड के दफ्तरों में जगह लेने का भी निर्णय लिया गया। चूंकि स्काउट गाइड में शिक्षा विभाग की ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसलिए माना जा रहा है कि गंगवार अपने शिक्षा सचिव के पद का प्रभाव काम में लेते हुए नया अखाड़ा खड़ा कर देंगे। गंगवार को केन्द्र सरकार के बड़े अधिकारियों का समर्थन प्राप्त है। इसलिए वे राजस्थान के उन अधिकारियों की परवाह नहीं कर रहे हैं, जो स्काउट गाइड से जुड़े हुए हैं। इसे गंगवार का दम ही कहा जाएगा कि वे नया अखाड़ा तब खड़ा कर रहे हैं, जब प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी. मोहंती राजस्थान स्काउट गाइड के चीफ कमिश्नर हैं। इतना ही नहीं प्रदेश के सामाजिक न्याय और अधिकारिकता मंत्री अरूण चतुर्वेदी प्रधान हैं। संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत, विधायक, अजीत सिंह जैसे भाजपा के दिग्गज उप प्रधान हंै। जिला स्तर पर स्काउट गाइड में सक्रिय पदाधिकारियों के सामने असमंजस की स्थिति है। शिक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी में इतनी हिम्मत नहीं कि वे अपने शिक्षा सचिव के निर्देंशों का उल्लंघन कर दें। गंगवार की सक्रियता प्रदेश की नौकरशाही के भी समझ में नहीं आ रही है। राज्य सरकार स्काउट गाइड को सालाना 10 करोड़ रुपए का अनुदान देती है। इस अनुदान से ही स्काउट गाइड के पदाधिकारी विदेशों के दौरे भी करते हैं। कांग्रेस के शासन में वरिष्ठ आरएएस निरंजन आर्य जब स्टेट चीफ कमिश्नर थे, तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को प्रधान बनाया गया था। लेकिन भाजपा की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने स्काउट गाइड का चीफ कमिश्नर बनने में रूचि नहीं दिखाई। लेकिन राजे की सहमति से ही चतुर्वेदी को प्रधान और मोहंती को चीफ कमिश्नर बनाया गया। चतुर्वेदी और मोहंती के समर्थकों का कहना है कि गंगवार पर अंकुश लगवाने के लिए इस मामले को सीएम के समक्ष रखा जाएगा। 
एस.पी.मित्तल) (22-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2720
रिटायर आईएएस परमेशचन्द्र ने सौ चूहे खाकर बिल्ली ......को चली, कहावत को चरितार्थ किया।  अवैध कालॉनियों का अब उठाया मुद्दा। 
==============
22 जून को राजस्थान के रिटायर आईएएस परमेशचन्द्र ने एक पत्र नगरीय विकास विभाग के सचिव मुकेश शर्मा को लिखा है। इस पत्र में अवैध कॉलोनियों में बिजली, पानी, सड़क आदि की सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर सवाल उठाए गए हैं। परमेशचन्द्र ने अपने पत्र में पूछा है कि जब सरकार की किसी भी संस्था ने भूखंड के पट्टे जारी नहीं किए हैं तो फिर ऐसी अवैध कॉलोनियों में सरकार की मूलभूत सुविधाएं क्यों नहीं दी जा रही है? इसमें कोई दो राय नहीं की परमेशचन्द्र का यह सवाल वाकई महत्त्वपूर्ण है। लेकिन सवाल पर सवाल यह है कि आखिर परमेशचन्द्र ने आईएएस से रिटायर होने के बाद इस मुद्दे को क्यों उठाया है? परमेशचन्द्र राजस्थान और केन्द्र में अनेक महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। हो सकता है कि अनेक अवैध कॉलोनियों में उन्हीं के आदेश से बिजली पानी की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हों। अच्छा होता कि आईएएस रहते हुए परमेशचन्द्र इन मुद्दे को उठाते। अब तो यह भी पता नहीं कि परमेशचन्द्र के इस पत्र का जवाब मुकेश शर्मा देंगे या नहीं। परमेशचन्द्र भी अच्छी तरह समझते हैं कि अवैध कॉलोनियां अफसरों और नेताओं के संरक्षण में बनती हैं और चुनाव में वोट लेने के लिए ऐसी कॉलोनियों में रातों रात बिजली, पानी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। परमेशचन्द्र जब नौकरशाह थे, तब तो नेताओं के इशारों पर नाच करते रहे और आज गंभीर मूुद्दा उठाकर वाह-वाही लूटना चाहते हैं। इसे परमेशचन्द्र की वफादारी ही कहा जाएगा कि रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें राज्य सरकार ने परिसिमन जैसे समिति का अध्यक्ष बना रखा है।
एस.पी.मित्तल) (22-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Wednesday 21 June 2017

#2718
भगवान की मूर्तियों पर टैक्स लगाना हिन्दुओं की आस्था पर हमला है। स्वामी प्रज्ञानानंद महाराज। 
=============
जोशी मठ और द्वारकापीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज के प्रतिनिधि और जयपुर स्थित संचेतना संस्था के प्रमुख स्वामी प्रज्ञानानंद जी महाराज ने 21 जून को एक पत्रकार सम्मेलन में मूर्तियों पर टैक्स लगाने की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार आगामी 1 जुलाई से देशभर में जीएसटी लागू कर रही है। जीएसटी के दायेर में भारतीय सनातन संस्कृति के देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी शामिल किया गया है। सरकार अब हमारे देवी-देवताओं की मूर्तियों पर 28 प्रतिशत टैक्स की वसूली करेगी। अब तक किसी भी सरकार ने देवी-देवताओं की मूर्तियों पर टैक्स लगाने की हिम्मत नहीं की। सभी सरकारों ने हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखते हुए मूर्तियों को टैक्स के दायरे से बाहर रखा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चलने वाली भाजपा की सरकार ने हिन्दुओं की आस्था पर हमला करते हुए देवी-देवताओं की मूर्तियों पर भी 28 प्रतिशत का टैक्स लगा दिया है। सवाल सिर्फ मूर्तियों का ही नहीं है, बल्कि मूर्तियां बनाने वाले कलाकारों का भी है। देश में ऐसे अनेक परिवार हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी हमारे देवी-देवताओं की मूर्तियों को बना रहे हैं। ऐसे कलाकारों की आजीविका का साधन तो मूर्ति निर्माण है ही, लेकिन ऐसे परिवार हमारी सनातन संस्कृति को भी जिंदा रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक हिन्दू परिवार में अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां मिल जाएंगी। मूर्ति जरा सी भी खंडित होने पर मंदिर में नई मूर्ति स्थापित की जाती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन मूर्तियों के प्रति हिन्दुओं की कितनी गहरी आस्था है। भाजपा की सरकार को हिन्दू विचारधारा की सरकार माना जाता है। एक ओर हमारे प्रधानमंत्री विभिन्न मंदिरों में जाकर सनातन संस्कृति के अनुरूप पूजा पाठ करते हैं, लेकिन वहीं मंदिरों में रखी मूर्तियों पर टैक्स भी लगाते हैं। 
सरकार को चाहिए कि देव-देवताओं की मूर्तियों को टैक्स के दायरे से बाहर रखें। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है जो जनआक्रोश देश में फैलेगा, उसका मुकाबला कोई भी सरकार नहीं कर पाएगी। जैन समाज में तो बड़ी-बड़ी मूर्तियां स्थापित की जाती है। जब जैन तीर्थोंकरों की मूर्तियों पर भी टैक्स लगेगा। उन्होंने कहा कि अब प्रदेशभर में आंदोलन चलाया जाएगा। इसके लिए उनके मोबाइल नम्बर 9314230949 पर सम्पर्क किया जा सकता है। 
एस.पी.मित्तल) (21-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2717
आईजी मालिनी अग्रवाल ने अजमेर में लांच की होंडा की बड़े काम की चीज।
==================
21 जून को अजमेर रेंज की आईजी श्रीमती मालिनी अग्रवाल ने होंडा कंपनी के हल्के वजन के टू-व्हीलर क्लिक को लॉंच किया। कंपनी के श्रीनगर रोड स्थित शोरूम पर आयोजित लांॅचिंग समारोह में आईजी ने क्लिक पर से पर्दा उठाकर अजमेर के नागरिकों को समर्पित किया। आईजी ने उम्मीद जताई है कि इस वाहन का उपयोग मध्यमवर्गीय परिवार खासकर कॉलेज में पढऩे वाली छात्राएं उपयोग कर सकेंगी। उन्होंने होंडा के डीलर एस पी सहगल से कहा कि वे टू-व्हीलर के साथ उपभोक्ता को आईएसआई मार्क के दो हेलमेट भी दें। उन्होंने कहा कि दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का होना जरूरी है। इसी प्रकार कार चलाते समय सीट बेल्ट को बांधना अनिवार्य है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि ट्रेफिक नियमों के प्रति जागरूकता के लिए मोटर वाहन कंपनियां पुलिस के साथ मिलकर अभियान चलाएं। इस अवसर पर होंडा के डीलर एस पी सहगल ने बताया कि क्लिक का निर्माण राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों को देखकर खास तौर से किया गया है। 110 सीसी इंजन वाले इस वाहन की कीमत मात्र 43 हजार रुपए रखी गई है। एवरेज भी एक लीटर में 60 किलोमीटर है। केन्द्र सरकार के द्वारा निर्धारित नए मोटर वाहन कानून के अनुरुप ही क्लिक को बनाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस वाहन का उपयोग सुविधाजनक तरीके से हो सकता है। लगेज के लिए विशेष इंतजाम किए गए है। फुटमेट में भी पर्याप्त स्थान है। उनके शोरूम पर क्लिक मांग पर भी उपलब्ध है। इससे पहले मारूति कंपनी के डीलर भावुक सहगल और श्रीमती सहगल ने आईजी अग्रवाल का स्वागत किया। इस अवसर पर पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत, कांगे्रस के युवा नेता सौरभ बजाड़, होंडा के एरिया मैनेजर पार्थ पारीक आदि भी उपस्थित थे।
एस.पी.मित्तल) (21-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2716
तो डी बी गुप्ता को राजस्थान का सीएस नहीं बनने देने के लिए लगवाए भ्रष्टाचार के आरोप।
===============
21 जून को जयपुर में आरटीआई कार्यकर्ता अशोक पाठक ने एक प्रेस कांफेंस कर कोई 200 करोड़ रुपए के जमीन घोटाले को उजागर किया। यह वैसा ही घोटाला है जैसा बिहार के सीएम रहे लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती ने किया है। पाठक का आरोप है कि जब परसराम मोरदिया राजस्थान हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमैन मं तब स्वायत शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव डी.बी. गुप्ता से मिलीभगत कर गैर कानूनी तरीके से भूमि के पट्टे जारी कर दिए। पाठक के आरोपों में कितना दम है यह तो जांच के बाद पता चलेगा। लेकिन आरोपों के जवाब में गुप्ता ने कहा है कि ऐसे आरोप आज तब लगाए गए हैं जब प्रदेश के मुख्य सचिव का चयन होना है। वर्तमान सीएस ओ पी मीणा 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हंै। जो वरिष्ठ आईएएस सीएस की दौड़ में शामिल हैं उनमें सबसे आगे डी बी गुप्ता बताए जा रहे है। जानकारों की माने तो दौड़ में शामिल एक आईएएस ने ही गुप्ता को पीछे ढकेलने की कोशिश की है। गुप्ता ऐसे आरोपों को पूरी तरह खारिज कर चुके हैं। प्रशासन में डी.बी.गुप्ता की छवि साफ सुथरी मानी जाती है। गुप्ता वर्तमान में एसीएस हैं।
एस.पी.मित्तल) (21-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2715
एक प्रधानमंत्री से आखिर और क्या चाहिए। 
बरसात में भीगते हुए किया योग। 
हमारी सनातन संस्कृति का परचम पूरे विश्व में फैलाया।
==============
किसी भी देश की सबसे बड़ी सफलता तब होती है, जब उसकी संस्कृति को दूसरे देश भी अपनाएं। इसे यू भी समझा जा सकता है कि जिस गैर अमरीकी के पास डॉलर होता है, तो वह स्वयं को गौरवांवित महसूस करता है। आज पूरी दुनिया में अमरीका का डॉलर राज कर रहा है। ऐसा ही कुछ हमारी सनातन संस्कृति से जुड़े योग का है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भारत के अलावा दुनिया भर के 200 देशों में योग के कार्यक्रम हुए। अमरीकी डॉलर से दुनिया में कोई भी चीज खरीदी जा सकती है, तो भारत के योग से दुनिया का कोई भी नागरिक निरोगी रह सकता है। देखा जाए तो अमरीकी डॉलर से ज्यादा हमारे योग का महत्त्व है। व्यक्ति कितना भी धनाढ्य हो, लेकिन यदि उसे कोई रोग है तो उसका धनाढ्य होना बेकार है। हमारे शास्त्रों में लिखा भी है कि पहला सुख निरोगी काया। योग के प्रति दुनिया में जागरुकता के लिए ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 जून को लखनऊ में बरसात में भीगते हुए भी योग किया। सुरक्षा में लगे अधिकारी अपने प्रधानमंत्री को बरसात में भीगने से बचाते हैं, लेकिन मोदी तो स्वयं बरसात में भीगे। ताकि योग का संदेश दिया जा सके। सब जानते हैं कि दो वर्ष पहले मोदी की पहल पर ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। मोदी का प्रयास रहा कि 21 जून को तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भारत में घर-घर योग हो। भले ही अनेक लोगों ने आज योग नहीं किया हो, लेकिन उन्हें इतना तो पता था कि आज योग दिवस है। यानि प्रधानमंत्री ने हमारी सनातन संस्कृति से जुड़े योग को घर-घर तक पहुंचाया तो विदेशों में भी जागरुकता बढ़ाई। हर भारतीय के लिए गर्व की बात है कि आज हमारी संस्कृति की ओर विदेशी भी आकर्षित हो रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा अहमदाबाद में आयोजित योग के समारोह में तीन लाख लोगों ने भाग लेकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
(एस.पी.मित्तल) (21-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2714
काश! रोजा इफ्तार की सद्भावना कायम रहे।
राजस्थान पत्रिका की इफ्तार पार्टी में दिखा कौमी एकता का मंजर।
==============
सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की विश्व विख्यात दरगाह अजमेर में होने की वजह से रमजान माह में रोजा इफ्तार की दावतें अजमेर में अपेक्षाकृत ज्यादा होती हैं। 20 जून को भी राजस्थान पत्रिका की पहल पर समाजसेवी नीतिन शर्मा, मुन्नवर चिश्ती, अमित भंसाली, राजेश सोनी आदि के सहयोग से पुष्कर रोड स्थित लाल गढिय़ा समारोह स्थल पर जो इफ्तार पार्टी हुई उससे कौमी एकता का मंजर देखने को मिला। दरगाह के खादिमों की संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान के अध्यक्ष मोइन सरकार, सचिव वाहिद हुसैन अंगारा शाह, पूर्व अध्यक्ष गुलाम कीबरिया, तारागढ़ दरगाह कमेटी के सदर मोहसीन सुल्तानी के साथ जब मसाणिया भैरवधाम के उपासक चम्पालाल महाराज पुष्कर स्थित चित्रकूट धाम के उपासक पाठक महाराज, स्वामी कृष्णानंद, स्वामी समताराम, ईसाई धर्म गुरु फादर कॉसमॉस शेखावत, संसदीय सचिव सुरेश रावत, आईजी महेन्द्र चौधरी आदि एक साथ बैठे तो दो धर्मो का भेद खत्म हो गया। रोजा रखने वालों के साथ जब हिन्दू धर्म के प्रतिनिधियों ने भी प्लेट में रखे पिंड खजूर को खाया तो ऐसा लगा कि सभी धर्म एक समान हैं। राजस्थान पत्रिका की पहल पर हुए इस रोजा इफ्तार में कलेक्टर गौरव गोयल, एडीए चेयरमैन शिवशंकर हेड़ा, मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, आदि भी उपस्थित रहे। पूर्व विधायक, मंत्री आदि ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में पीछे नहीं रहे। पत्रिका के अजमेर संस्करण के सम्पादक उपेन्द्र शर्मा, सिटी चीफ युगलेश शर्मा आदि ने सभी अतिथियों का इस्तकबाल किया। हिन्दू और मुसलमान दोनों के नुमाइंदों ने उम्मीद जताई कि ऐसी सद्भावना हमेशा बनी रहे। नितिन शर्मा ने बताया कि हमारे इस इफ्तार का राजनीति से कोई सरोकार नहीं है। हमने धर्म गुरुओं के साथ-साथ राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया। यही वजह रही की इस इफ्तार पार्टी में एक हजार से भी ज्यादा लोगों के शिरकत की। बाद में सभी मेहमानों की दस्तार बंदी भी की गई। 
(एस.पी.मित्तल) (21-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Tuesday 20 June 2017

#2713
तो अजमेर के कलेक्टर और एसपी ईमानदारी की कसौटी पर खरे उतरे। शहर में अब दिन में नहीं चलेंगे ट्रेक्टर-ट्रॉली। 
==============
18 जून को लिखे ब्लॉग में मैंने सवाल उठाया था कि यदि अजमेर के जिला कलेक्टर गौरव गोयल और पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र चौधरी ईमानदार हैं तो फिर शहर में दिन में अवैध रूप से ट्रेक्टर-ट्रॉली क्यों चल रहे हैं? यह सवाल भाजपा के पार्षद अनीश मोयल के 8 वर्षीय पुत्र की ट्रेक्टर-ट्रॉली से कुचलने से हुई मौत पर उठा था। मुझे संतोष है कि ईमानदारी की कसौटी पर कलेक्टर और एसपी खरे उतरे हैं। 19 जून को कलेक्टर ने एक आदेश निकालकर निर्देंश दिए है कि ट्रेक्टर-ट्रॉली का संचालन अब रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक ही होगा। यानि अब शहर में दिन में ट्रेक्टर-ट्रॉली नहीं चल पाएंगे। कलेक्टर के आदेश की क्रियान्वित में एसपी ने सभी थाना अधिकारियों को निर्देंश दिए हैं कि यदि दिन में ट्रेक्टर-ट्रॉली नजर आए तो उसे जब्त करने की कार्यवाही की जाए। इसमें कोई दो राय नहीं कि ट्रेक्टर-ट्रॉली की वजह से शहर में आए दिन दुर्घटना हो रही थी। पुलिस को भी यह पता था कि ट्रेक्टर-ट्रॉली का संचालन पूरी तरह अवैध है। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही थी। अब जब मामला गर्माया तो प्रशासन को कार्यवाही करनी पड़ी है। शहर के नागरिकों ने कलेक्टर, एसपी से जो अपेक्षा की थी, उस पर दोनों खरे उतरे हैं। 
ट्रेक्टर वाले स्वयं में सुधार करें : 
दिन में ट्रेक्टर-ट्रॉली पर रोक लगने से अब ट्रेक्टर-ट्रॉली वाले नाराजगी जताएंगे। ट्रेक्टर मालिकों को गरीब बताते हुए कुछ लोग वकालात भी करेंगे। लेकिन अच्छा हो कि ट्रेक्टर-ट्रॉली चलाने वाले स्वयं में सुधार करें। किसी भी ट्रेक्टर मालिक के पास ट्रॉली की अनुमति नहीं होती है। लेकिन फिर भी ट्रॉली में बजरी, पत्थर आदि निर्माण सामग्री इधर से उधर लाई जाती है। पत्थर और बजरी से भरी ट्रॉली को सड़कों पर जिस तेज गति से दौड़ाया जाता है, उसकी वजह से दुर्घटनाएं होती है। वैसे भी ट्रेक्टर ट्रॉली का उपयोग ग्रामीण क्षेत्र में ही कृषि कार्य के लिए होना चाहिए। आम तौर पर यह भी देखा गया है कि पिता के ड्राइविंग लाइसेन्स पर ही पुत्रगण ट्रेक्टर चलाते हैं। यानि लाइसेन्स एक लेकिन चलाने वाले 4-5 परिजन होते हैं। 
एस.पी.मित्तल) (20-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2710
नाराजगी के वातावरण में जीएसटी के जश्न के मायने? 30 जून को आधी रात को होगा संसद का विशेष सत्र।
============== 
20 जून को केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने ऐलान किया है कि 30 जून की रात को जीएसटी लागू होने का जश्न मनाया जाएगा। इसके लिए संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र आधी रात को बुलाया है। इसी सत्र में रात 12 बजे राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जीएसटी कानून को लांच करेंगे और 1 जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू हो जाएगा। चूंकि सरकार ने जीएसटी का ब्रांड एम्बेसेडर सुपर स्टार अमिताभ बच्चन को बनाया है, इसलिए जश्न तो शानदार होगा ही। जीएसटी के जश्न के क्या मायने हैं, यह अभी देश के आम लोगों के समझ में नही आ रहा है। देश में एक समान कर प्रणाली हो, यह अच्छी बात है। लेकिन फिलहाल तो देश भर में जीएसटी से नाराजगी ही नजर आ रही है। शायद ही कोई व्यवसायी होगा, जो जीएसटी के प्रावधानों से सन्तुष्ट हो। सरकार ने मोबाइल सेवाओं तक पर टैक्स में वृद्वि कर दी है। सरकार का कहना है कि जीएसटी का फायदा आने वाले वर्षों में देखने को मिलेगा। सरकार माने या नहीं, लेकिन फिलहाल तो जीएसटी को लेकर देश भर में नाराजगी का माहौल है। अच्छा होता कि सरकार जश्न मनाने से पहले लोगों की नाराजगी को दूर करती। भाजपा की विचारधारा वाले व्यापारी भी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इतना ही नहीं भाजपा संगठन में पदों पर बैठे नेता ही व्यापारियों के धरना प्रदर्शन की अगुवाई करने को मजबूर हैं। जब सरकार अपनी पार्टी के पदाधिकारियों को ही सन्तुष्ट नहीं कर पा रही है तो फिर किस बात का जश्न मनाया जा रहा है? भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी जीएसटी में बढ़े टैक्सों को कम करने की मांग केन्द्र सरकार से की है। इसका ताजा उदाहरण राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे का है। देश का 97 प्रतिशत मार्बल पत्थर का उत्पादन और कारोबार राजस्थान में होता है। अब तक मार्बल पर 2-3 प्रतिशत ही टैक्स लगता था। लेकिन जीएसटी लागू होने पर 28 प्रतिशत टैक्स की वसूली होगी। कमोबेश यही हालात अन्य प्रान्तों के भी हैं। जिन भाजपा सांसदों को लेकर संसद में जश्न की तैयारी हो रही है, वो सांसद भी टैक्स कम करने के लिए बार-बार वित्त मंत्री के पास जा रहे हैं। अच्छा होता कि सरकार अपनी पार्टी के जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियें और जनता के मूड को ध्यान में रखते हुए जश्न मनाती। जहां तक आम जनता का सवाल है तो मंहगाई और अन्य कारणों से त्रस्त मानी जा रही है। यह माना कि नोटबंदी जैसे फैसलों से धनाढ्य वर्ग को लाईन पर लाया गया है। लेकिन ऐसे फैसलों का लाभ आम लोगों को भी मिलना चाहिए। 
(एस.पी.मित्तल) (20-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2709
तो भाजपा न आरक्षण की विरोधी है न दलितों की। 2019 का ख्याल रखते हुए कोविंद को बनाया उम्मीदवार।
================= 
रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह न तो आरक्षण के खिलाफ है और न ही दलितों के। इतना ही नहीं 2019 में होने वाले लोकसभा के चुनाव में भी भाजपा ने अपनी जीत को सुनिश्चित करने की कोशिश की है। अब विपक्षी दल कोविंद की उम्मीदवारी पर कितनी भी चिल्ल-पों कर लें, लेकिन नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने वो ही किया है जो राजनीति में जायज होता है। राहुल गांधी लगातार यह आरोप लगाते रहे कि मोदी सरकार गरीबों की नहीं, धनवानों की है। यहां तक कहा गया कि मोदी भारत को कांग्रेस मुक्त नहीं बल्कि दलित मुक्त बनाना चाहते हैंं। सवाल उठता है कि अब जब कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना दिया तो फिर विपक्ष भाजपा के निर्णय का विरोध क्यों कर रहा है? कल्पना कीजिए यदि किसी स्वर्ण जाति के व्यक्ति को उम्मीदवार घोषित कर दिया जाता तो कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल भाजपा को दलित विरोधी करार देने में कोई कसर नहीं छोड़ते। कोविंद की उम्मीदवारी से मोदी सरकार ने यह भी साफ कर दिया है अब इस देश से आरक्षण व्यवस्था को हटाया नहीं जाएगा। आरक्षण व्यवस्था के सबसे पक्षधर व्यक्ति को ही देश का मुखिया बनाया जा रहा है। 20 जून को यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव ने भी कोविंद की उम्मीदवारी का समर्थन कर विपक्ष में और बिखराव कर दिया है। मायावती, नीतिश कुमार जैसे नेता भी पहले ही सकारात्मक रूख जाहिर कर चुके हैं। 
(एस.पी.मित्तल) (20-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Monday 19 June 2017

#2707
ट्रेक्टर-ट्रॉली वालों के खिलाफ कार्यवाही होगी। अजमेर एसपी ने भाजपा नेताओं को दिलाया भरोसा। 
==========
19 जून को अजमेर के एसपी राजेन्द्र सिंह चौधरी ने भाजपा के नेताओं को भरोसा दिलाया कि अवैध रूप से चलने वाली ट्रेक्टर-ट्रॉलियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष अरविंद यादव के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने चौधरी से मुलाकात की। भाजपा के पार्षद अनीश मोयल के 8 वर्षीय पुत्र की ट्रेक्टर-ट्रॉली से कुचल कर मौत हो जाने के संदर्भ में भाजपा नेताओं ने अवैध रूप से संचालित ट्रेक्टर ट्रोलियों पर रोक लगाने की मांग की। भाजपा नेताओं ने कहा ट्रेक्टर-ट्रॉली का संचालन नियमों के अन्तर्गत ही होना चाहिए। इस पर एसपी चौधरी ने कहा कि विशेष अभियान चलाकर ट्रेक्टर-ट्रॉलियों के कागजातों की जांच की जाएगी। किसी भी ट्रेक्टर-ट्रॉली को अवैध रूप से नहीं चलने दिया जाएगा। इस प्रतिनिधि मंडल में रमेश सोनी, नीरज जैन, सुभाष खण्डेलवाल, विनीत कृष्ण पारिक, जयकिशन पारवानी आदि शामिल थे। 
एस.पी.मित्तल) (19-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2706
तो मंत्री अनिता भदेल ने किया प्रधानमंत्री का सपना साकार। एक हजार महिलाएं बनी आत्मनिर्भर। 12 बालिकाएं अब हवाई यात्रा करेंगी। 
=============
अजमेर दक्षिण क्षेत्र की विधायक और राजस्थान की महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कौशल विकास के सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। श्रीमती भदेल ने अपने विधानसभा क्षेत्र की बालिकाओं के लिए कौशल विकास का बड़ा शिविर लगाया। 12 जून को शुरू हुए इस शिविर का 19 जून को अंतिम दिन था। चन्द्रवरदाई नगर में ऑल सेन्ट गल्र्स स्कूल के मैदान पर लगे इस शिविर में एक हजार से भी अधिक बालिकाओं ने मेहन्दी लगाने से लेकर ब्यूटी पार्लर तक का काम सीखा। श्रीमती भदेल ने बताया कि इस शिविर में प्रशिक्षित बालिकाएं रोजगार की दृष्टि से आत्मनिर्भर बन गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मंत्रीमंडल में कौशल विकास का अलग से मंत्री बनाया है। मोदीजी का प्रयास है कि युवा वर्ग ऐसा हुनर सीखे, जिससे उन्हें अपने आप रोजगार मिल सके। यह माना कि शिक्षा की डिग्री का महत्व है। लेकिन जिंदगी में असल डिग्री तो कोई हुनर सीखना है। मैंने प्रधानमंत्री के सपने को साकार करते हुए ही बालिकाओं के लिए कौशल विकास का शिविर आयोजित किया। सभी बालिकाओं ने 8 दिनों तक दिनभर शिविर स्थल पर रहकर अपने लक्ष्य की प्राप्ति की। बालिकाओं के भोजन आदि की व्यवस्था नि:शुल्क की गई थी।  8 दिनों में जिन बालिकाओं का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा, उन्हें अब हवाई यात्रा करवाई जाएगी। इसके लिए 12 बालिकाओं का चयन होगा। मेरा प्रयास है कि प्रशिक्षित बालिकाओं को सरकार की योजनाओं में ऋण उपलब्ध करवाकर आर्थिक दृष्टि से अपने पैरों पर खड़ा किया जाए। उन्होंने बताया कि बालिका कौशल विकास शिविर की जानकारी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी दी गई है। आठ दिनों में अनेक मंत्रियों ने भी शिविर का अवलोकन किया। शिविर में प्रशिक्षण लेने वाली बालिकाओं को एमडीएस यूनिवर्सिटी के कौशल विकास और उद्यमिता संकाय की ओर से प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे।
एस.पी.मित्तल) (18-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2705
राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे भी चाहती हैं मार्बल पर टैक्स कम हो। नहीं तो बर्बाद हो जाएगा मार्बल उद्योग। 
==============
राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली से साफ-साफ कहा है कि यदि जीएसटी के अन्तर्गत मार्बल पत्थर पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है तो मार्बल उद्योग बर्बाद हो जाएगा। इसका सीधा असर राजस्थान पर पड़ेगा क्योंकि देश का 97 प्रतिशत मार्बल व्यवसाय राजस्थान से ही होता है। सीएम राजे ने जेटली से आग्रह किया कि राजस्थान के हालातों को देखते हुए मार्बल को जीएसटी के दायरे से बाहर किया जाए या फिर टैक्स में कटौती की जाए। सीएम ने जो गंभीरता दिखाई, उसी को देखते हुए जेटली ने भरोसा दिलाया कि मार्बल पर उनका मंत्रालय रिव्यू करेगा। राजस्थान में अजमेर की किशनगढ़ मार्बल मंडी विश्व विख्यात है। मार्बल उद्योग को जीएसटी की मार से बचाने के लिए किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश टांक रात-दिन जयपुर-दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं। टांक ने जिस गंभीरता के साथ मार्बल उद्योग की परेशानियों को रखा, उसकी वजह से ही सीएम राजे ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से बात की। 18 जून को भी टांक ने दिल्ली में राजस्थान के पांच सांसदों को साथ लेकर अनेक केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। राज्यसभा के सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव ने भी भरोसा दिलाया कि मार्बल को जीएसटी के दायरे से बाहर करवाने के प्रयास किए जाएंगे। 
बर्बाद हो जाएगा उद्योग :
टांक ने केन्द्रीय मंत्रियों को बताया कि यदि 28 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाता है तो मार्बल उद्योग बर्बाद हो जाएगा। वर्तमान में डेढ़ करोड़ से अधिक के कारोबार पर 2 प्रतिशत के टैक्स का प्रावधान है। मार्बल उद्योग को पहले ही सरेमिक टाईल्स से कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है। जबकि टाईल्स पर 23.5 प्रतिशत टैक्स वर्तमान में लग रहा है। यानि 2 प्रतिशत टैक्स में ही जब 23.5 प्रतिशत टैक्स वाली टाईल्स से मार्बल मुकाबला नहीं कर पा रहा है तो फिर 28 प्रतिशत टैक्स चुकाने पर मार्बल उद्योग के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं जीएसटी के प्रावधानों में टाईल्स पर टैक्स 28 प्रतिशत कर दिया गया है। यानि 5.5 प्रतिशत की कटौती। टांक ने कहा कि दिल्ली में बैठे बड़े अधिकारियों ने मार्बल पत्थर की जमीनी हकीकत जाने बिना ही हमारे मार्बल को विदेशी मार्बल के बराबर मान लिया है जबकि विदेशी मार्बल से राजस्थान की खानों से निकलने वाले मार्बल पत्थर की तुलना नहीं की जा सकती। मार्बल तो 10 रुपए फीट में भी उपलब्ध हो जाएगा। जबकि विदेशी मार्बल की शुरूआत ही 200 रुपए फीट से शुरू होती है। किशनगढ़ मार्बल मण्डी से रोजाना 350 ट्रक मार्बल बाहर भेजा जाता है। जबकि 1000 ट्रक प्रतिदिन कच्चा माल लेकर आते हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है। 
बिगड़ सकती है कानून व्यवस्था :
टांक ने आशंका जताई कि मार्बल उद्योग के बर्बाद होने पर राजस्थान की कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। प्रदेश में अधिकांश मार्बल खानें आदिवासी इलाकों में हैं। पूर्व में इन क्षेत्रों में अपराध ज्यादा होते थे। लेकिन जब से आदिवासियों को खानों में रोजगार उपलब्ध हुआ है तब से इन इलाकों में शांति है। यानि बड़ी संख्या में आदिवासी युवा रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। यदि खाने बंद होती है तो प्रदेश भर में अपराध बढ़ सकते हैं। 
देवी-देवताओं की मूर्तियां भी चपेट में : 
मार्बल पत्थर से बड़ी संख्या में देवी-देवताओं की मूर्तियां भी बनाई जाती हैं। लेकिन अब ऐसी मूर्तियां भी महंगी हो जाएगी। 
एस.पी.मित्तल) (19-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2704
तो मंत्री देवनानी की पहल पर तीन हजार महिला-पुरूष रोजाना कर रहे हैं योग। तीस स्थानों पर लगे हैं शिविर। 
==================
अजमेर उत्तर क्षेत्र के भाजपा विधायक और राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी राजस्थान ही नहीं देश के एक मात्र जनप्रतिनिधि होंगे, जिन्होंने अपने दम पर एक साथ 30 स्थानों पर योग शिविर लगा कर हजारों महिला-पुरूषों को निरोगी बनाने का प्रयास किया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष में देवनानी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के 28 वार्डों में 30 योग शिविर लगाए हैं। 14 जून से शुरू हुए ये शिविर 23 जून को समाप्त होंगे। इस शिविरों में 3 हजार से भी ज्यादा महिला-पुरूष रोजाना योग कर रहे हैं। इसे देवनानी की मेहनत ही कहा जाएगा कि सभी 30 शिविर स्थलों पर अनुभवी योग प्रशिक्षक उपलब्ध हंै और सभी शिविरार्थियों को रोजाना अंकुरित दाने दिए जा रहे हैं। शिविरों को सफल बनाने में देवनानी के सैंकडों समर्थक लगे हुए हैं। भाजपा के सभी पार्षद सक्रिय हैं। देवनानी ने कहा कि कोई कार्यक्रम एक स्थान पर करना तो आसान है, लेकिन लगातार 10 दिनों तक 30 स्थानों पर कार्यक्रम करना चुनौतीपूर्ण काम था। लेकिन उन्हें इस बात का संतोष है कि योग शिविरों के प्रति लोगों में आकर्षण रहा। प्रत्येक शिविर में 100 से भी ज्यादा महिला-पुरूष भाग ले रहे हैं। इससे प्रतीत होता है कि लोग योग के माध्यम से अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा लोगों को प्रतिदिन योग करना अपनी आदत में डाल लेना चाहिए। यदि रोजाना आधा घंटे योग किया जाए तो जीवन में कभी भी दवाई नहीं लेनी पड़ेगी। देवनानी ने योग शिविरों में सहयोग करने वाले सभी कार्यकर्ताओं का आभार जताया। देवनानी को उम्मीद है कि 30 स्थानों में से कम से कम 10 स्थानों पर अब योग शिविर नियमित लगेंगे। क्षेत्रीय लोगों ने अपने स्तर पर 23 जून के बाद भी शिविर को जारी रखने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में वैशाली नगर के टीकमचंद स्कूल के मैदान में लगे शिविर को भी निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया गया है। क्षेत्रीय पार्षद चन्द्रेश सांखला ने बताया कि इस शिविर से योग के प्रति जो जागरूकता बढ़ी है, उसे देखते हुए ही क्षेत्रीय लोग अपने स्तर पर शिविर का संचालन करेंगे। इस शिविर में योग प्रशिक्षक नेमीचंद तम्बोली अपनी सेवाएं नि:शुल्क दे रहे हैं। 
एस.पी.मित्तल) (19-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2703
रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर मोदी ने खेला मास्टर स्ट्रोक। विपक्ष अब मीरा कुमार को ला सकता है। 
=============
बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मास्टर स्ट्रोक खेला है। इससे विपक्ष भी चारों खाने चित्त है। मीडिया में जितने भी नाम आ रहे थे, उनमें कोविंद का नाम शामिल नहीं था। 19 जून को सुबह जब भाजपा संसदीय दल की बैठक हो रही थी तब भी न्यूज चैनलों पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का नाम जोर-शोर से चल रहा था। थोड़ी देर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कोविंद का नाम घोषित कर दिया। पीएम मोदी ने अपनी ओर से फोन कर सोनिया गांधी को भी कोविंद के नाम की जानकारी दी। कोविंद का नाम मोदी का मास्टर स्ट्रोक इसलिए भी है कि अब विपक्ष के दलित नेताओं को भी एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन करना होगा। इसे एक संयोग ही कहा जाएगा कि कोविंद ने दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ा और दोनों ही बार हार का सामना करना पड़ा। फलस्वरूप भाजपा को राज्य सभा में भेजना पड़ा। जानकारों की माने तो नरेन्द्र मोदी ने कोविंद को राज्यपाल बनाने के समय ही राष्ट्रपति का उम्मीदवार तय कर लिया था। केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने तो कह भी दिया जो राजनीतिक दल कोविंद का विरोध करेगा, उसे दलित विरोधी माना जाएगा। यानि मायावती जैसी नेताओं के लिए कोविंद का विरोध करना आसान नहीं होगा। कोविंद की उम्मीदवारी का विरोध बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के लिए भी आसान नहीं होगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि मोदी ने बहुत सोच-समझकर कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। हो सकता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल कोविंद के सामने लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार को लाए। यदि विपक्ष को अपनी स्थिति कमजोर लगी तो वह कोविंद को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति बनाने की घोषणा भी कर सकता है। 
एस.पी.मित्तल) (19-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2702
हुर्रियत का असली चेहरा फिर उजागर हुआ। पाकिस्तान की जीत पर कश्मीर में आतिशबाजी।
============
18 जून को जब चैम्पियन ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को हरा दिया तो कश्मीर में सुरक्षा बलों के कैम्पों के सामने अलगाववादियेां ने आतिशबाजी की। इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि अलगाववादियों के नेता मीरवाइज, उमर फारूख ने पाकिस्तान को बधाई भी दी। इससे एक बार फिर हुर्रियत का असली चेहरा उजागर हो गया है। पाकिस्तान की जीत पर आतिशबाजी होने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कश्मीर घाटी के हालात कैसे हैं? जो लोग मानवाधिकारों के हनन का मुद्दा उछाल कर पत्थरबाजों की हिमायत करते हैं, उन्हें अब यह देखना चाहिए कि सुरक्षा बलों के कैम्पों के बाहर ही आतिशबाजी की जा रही है। क्या यह देशद्रोह नहीं है? सुरक्षा बलों को इससे ज्यादा चिढ़ाने वाली कार्यवाही और क्या हो सकती है। जिस पाकिस्तान के आतंकी कश्मीर में घुस कर सुरक्षा बलों के जवानों को मार रहे हैं, उसी पाकिस्तान की जीत पर सुरक्षा बलों के कैम्पों के बाहर आतिशबाजी की जा रही है। यदि सुरक्षा बल मानवाधिकारों का हनन करते तो कैम्पों के बाहर पाकिस्तान की जीत पर आतिशबाजी करने की किसी की भी हिम्मत नहीं होती और न ही मीरवाइज जैसे नेता पाकिस्तान को बधाई दे पाते। अनुच्छेद 370 की आड़ में हुर्रियत के नेता कश्मीर में एशो-आराम की जिंदगी जी रहे हैं। क्या ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्यवाही नहीं होनी चाहिए? शर्म आनी चाहिए उन तथाकथित बुद्धिजीवियों को जो पत्थरबाजों की हिमायत में खड़े हो जाते हैं। 
(एस.पी.मित्तल) (19-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Sunday 18 June 2017

#2701
ख्वाजा साहब की शिक्षाओं पर होगा अजमेर में 20 जून को रोजा इफ्तार का कार्यक्रम। 
=======================
सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ने साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए सुफीवाद की जो शिक्षा दी, उसी के अनुरूप 20 जून को अजमेर के पुष्कर रोड स्थित लालगढिया समारोह स्थल पर रोजा इफ्तार का कार्यक्रम होगा। राजस्थान पत्रिका के सामाजिक सरोकार से जुड़े अभियान के अन्तर्गत होने वाले रोजा इफ्तार के कार्यक्रम को सफल बनाने में दरगाह के प्रमुख खादिम सैयद मुनव्वर चिश्ती, सामाजिक कार्यकर्ता नितिन शर्मा और अमित भंसाली सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। पत्रिका संस्थान और इन तीनों सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि आज देश में जो हालात हैं, उनका मुकाबला ख्वाजा साहब के सूफीवाद से ही किया जा सकता है। सूफीवाद में कट्टरता का कोई स्थान नहीं है। सूफीवाद सभी धर्मों के लोगों में मोहब्बत का पैगाम देता है। यही वजह है कि पूरी दुनिया में अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह को साम्प्रदायिक सद्भावना की मिसाल माना जाता है। यूं तो दरगाह से लेकर गली-मौहल्ले तक रमजान के माह में रोजा इफ्तार के कार्यक्रम होते हैं। लेकिन 20 जून को लालगढिया में होने वाला कार्यक्रम अलग ही है। इसमें कई हजार हिन्दू और मुसलमान इफ्तार पार्टी में जुटेंगे। इसके साथ ही अन्य धर्मों के लोग भी शिरकत करेंगे। इस इफ्तार पार्टी में शामिल होने के लिए मसाणिया भैरव धाम के मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज, पुष्कर स्थित चित्रकूट धाम के पाठक जी महाराज, स्वामी कृष्णानन्द, स्वामी समताराम, ईसाई धर्मगुरु कॉसमॉस शेखावत के साथ-साथ अनेक मुस्लिम संस्थाओं के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। इफ्तार के बाद आए हुए खास मेहमानों का इस्तकबाल भी किया जाएगा। मुनव्वर चिश्ती, नितिन शर्मा, अमित भंसाली और राजस्थान पत्रिका ने उम्मीद जताई है कि इफ्तार के इस आयोजन का संदेश देशभर में जाएगा। कार्यक्रम को सफल बनाने मेंं राजेश सोनी, खालिद खान, बलराम शर्मा, ओम शर्मा, मुंकद शर्मा, अमर सिंह पंवार, गोपाल शर्मा आदि भी सक्रिय भूमिका में है।  
(एस.पी.मित्तल) (18-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2700
आखिर शहर में दिन-दहाड़े क्यों दौड़ते हैं ट्रेक्टर ट्रॉली? सर्वज्ञ की मौत से कुछ तो सबक ले अजमेर प्रशासन और पुलिस। 
=======================
18 जून को मेरे मित्र गिरीश बाशानी का फोन आया। गिरीश ने सीधा सपाट सवाल किया कि जब अजमेर के कलेक्टर गौरव गोयल और पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह चौधरी ईमानदार हैं तो फिर शहर में दिन-दहाड़े अवैध रूप से सड़कों पर ट्रेक्टर ट्रॉली क्यों दौड़ते हैं? यह अच्छी बात है कि आमजन में एसपी और कलेक्टर की ईमेज ईमानदारी वाली है। यानि कलेक्टर अपने अधिनस्थों से और एसपी थानाधिकारी से न तो कोई बेगार लेते हैं और न ही मंथली आदि का हिसाब। सही भी है जब कलेक्टर-एसपी ईमानदार हैं तो फिर दिन-दहाड़े ट्रेक्टर ट्रॉली सड़कों पर नहीं दौडऩे चाहिए। 17 जून को कलेक्टर, एसपी ने देखा कि भाजपा के पार्षद और मांगीलाल एंड सन्स के मालिक अनिश मोयल के 8 वर्षीय पुत्र सर्वज्ञ की दर्दनाक मौत ट्रेक्टर की ट्रॉली से कुचलकर हो गई। सर्वज्ञ की मौत से प्रशासन और पुलिस को कुछ तो सबक लेना ही चाहिए। आम नागरिक आए दिन ट्रेक्टर ट्राली की दुर्घटना का शिकार होता है, लेकिन आम आदमी की मौत अथवा जख्मी होने को कोई भी गंभीरता से नहीं लेता। अब तो सत्तारूढ़ पार्टी के प्रभावशाली नेता के पुत्र की भी मौत हो गई है। प्रशासन और पुलिस अब और किसकी मौत का इंतजार कर रहा है? भाई गिरीश के सवाल का जवाब मुझे नहीं, बल्कि अजमेर के कलेक्टर और एसपी को देना है। 
प्रशासन ने ही दे रखी है अनुमति : 
18 जून को ही मेरे सामने एक और चौकाने वाला तथ्य आया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मुझे जिला प्रशासन का एक आदेश दिखाया। इस आदेश में 7 ट्रेक्टरों के नंबर लिखे हुए थे। प्रशासन के आदेश में कहा गया कि इन ट्रेक्टरों को दिन-दहाड़े दौडऩे से न रोका जाए। पुलिस अधिकारी का कहना रहा कि अब पुलिस क्या कर सकती है। पुलिस का भी मानना है कि प्रशासन का यह आदेश सरासर गैर कानूनी है क्योंकि किसी भी कानून और नियमों के अन्तर्गत शहर की सड़कों पर ट्रेक्टर ट्रॉली के संचालन के आदेश नहीं दिए जा सकते। इस संबंध में प्रशासन का कहना रहा कि स्मार्ट सिटी के काम जल्द हों इसलिए ट्रेक्टर ट्रॉली को चलाने की अनुमति दी गई है। यदि हम सर्वज्ञ की मौत पर अजमेर को स्मार्ट सिटी बना रहे हैं तो फिर हमें ऐसी स्मार्ट सिटी नहीं चाहिए। आठ साल के बेटे की मौत का दर्द क्या होता है, यह अनिश मोयल और उनकी पत्नी से पूछा जाए। अनिश और उनकी पत्नी ऐसी स्मार्ट सिटी का क्या करेगी, जिसमें उनका बेटा ही न हो। अच्छा हो कि प्रशासन ने स्मार्ट के नाम पर ट्रेक्टर ट्रॉली के लिए अब तक जितने भी आदेश दिए हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए और चौराहों पर खड़ी पुलिस बिना हेलमेट वालों को पकडऩे के बजाए ट्रेक्टर ट्रॉली वालों को पकड़े। 
रोजगार कोई बहाना नहीं :
जब भी ट्रेक्टर ट्रॉली वालों पर कार्यवाही होती है तो रोजगार का मुद्दा उछाल दिया जाता है। लेकिन रोजगार की आड़ लेकर आप सर्वज्ञ जैसे मासूम को मौत के घाट नहीं उतार सकते। प्रशासन और पुलिस को यदि ट्रेक्टर ट्रॉली वालों के रोजगार की इतनी ही चिंता है तो इस गैर कानूनी काम की अनुमति रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक दी जा सकती है। 
भाजपा नेताओं की चुप्पी आश्चर्यजनक :
अजमेर के अधिकांश भाजपा नेता अनिश मोयल के पास जाकर सर्वज्ञ की मौत पर अफसोस तो जता रहे हैं। लेकिन ट्रेक्टर ट्रॉली वालों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं। भाजपा नेताओं की चुप्पी आश्चर्यजनक है। क्या किसी अवैध काम को रोकने की जिम्मेदारी सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की नहीं है? 
(एस.पी.मित्तल) (18-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2699
तो कट्टरपंथी पवित्र रमजान माह की शिक्षाओं को क्यों नहीं समझते? कितनी अच्छी है जकात की परम्परा। 
=======================
17 जून को रमजान के 22वें रोजे के दिन मेरे एक मुस्लिम मित्र मिलने आए। उनके हाथ में मिठाई का डिब्बा और एक लिफाफा था। मुझे मिठाई का डिब्बा इसलिए दिया कि उनकी छोटी बेटी ने पहली मर्तबा रोजे रखे। नोटों से भरा लिफाफा इसलिए दिया ताकि मैं जरूरतमंद व्यक्तियों तक पहुंचा दूं। चूंकि मित्र ने अपना नाम उजागर नहीं करने का वायदा लिया इसलिए मैं उनका नाम यहां नहीं लिख रहा हूं। मित्र का कहना था कि हमारी धार्मिक परम्परा में रमजान माह में आमदनी का 3 प्रतिशत तक जकात देने का नियम है। जकात देकर हम किसी पर अहसान नहीं करते बल्कि स्वयं को ही बुराईयों से बचाते हैं। मुस्लिम धर्म के अनुसार जकात की राशि जरूरतमंद व्यक्ति को ही दी जाए। मुझे पूरा भरोसा है कि आप जरूरतमंद व्यक्तियों तक जकात को पहुंचा देंगे। मैंने उसी भरोसे के अनुरूप सामाजिक सरोकार से जुड़े सोमरत्न आर्य को मेरे ऑफिस में आमंत्रित किया और नोटों का लिफाफा थमा दिया। आर्य अब इस जकात को लोहागल में चलने वाले वृद्वाश्रम को दे देंगे। यह वृद्धाश्रम जन सहयोग से ही चलता है। यहां रहने वाले बेसहारा वृद्धों की देखभाल बहुत ही अच्छे तरीके से होती है। यानि मेरे मुस्लिम मित्र ने जिस धार्मिक भावना से जकात दी, उसका सही उपयोग हो जाएगा। मैं बहुत चाहता था कि मित्र के नाम का उल्लेख मैं ब्लॉग में करूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर पा रहा हूं। सवाल उठता है कि जब धर्म में इतनी अच्छी शिक्षा है तो फिर कट्टरपंथी आए दिन निर्दोष लोगों को क्यों मार रहे हैं? रमजान माह में रोजे का मतलब सिर्फ भूखा रहना ही नहीं है बल्कि सब बुराईयों से अपने आप को बचाना है। लगातार 17 घंटे तक जून माह की भीषण गर्मी में बिना पानी के रहना अपने आप में तप तो है ही, लेकिन साथ ही इस अवधि में अपनी जुबान से ना तो बुरा बोलना और ना कानों से किसी की बुराई सुनना भी है। बुराई के वक्त आंख भी खुली नहीं रहनी चाहिए। लेकिन इन सब अच्छी शिक्षाओं को दरकिनार कर कश्मीर घाटी मेें आतंकवादी पुलिस जवानों को ही मौत के घाट उतार रहे हैं। जो लोग धर्म के नाम पर बड़ी-बड़ी तकरीरें करते हैं, उन्हें यह बताना चाहिए कि आखिर रमजान माह में रोजों के दौरान निर्दोष लोगों को मौत के घाट क्यों उतारा जा रहा है? रमजान के रोजों में जब बुराई देखना और सुनना ही बंद है तो फिर गोलियां क्यों चलाई जा रही है? क्या रमजान माह का उपयोग बातचीत के लिए नहीं हो सकता? आखिर आतंकवादी कश्मीर की कौनसी आजादी चाहते हैं? आज भारत में रहने वाला मुसलमान जितने सकून और आत्म सम्मान के साथ रह रहा है, उतना तो मुस्लिम देशों में भी नहीं है। कश्मीर में बहुत खून-खराबा हो चुका है। अब यह बंद होना चाहिए। इसके लिए यदि सरकार को भी दो कदम पीछे हटना पड़े तो हटना चाहिए। अलगाववादियों को भी संविधान के दायरे में रहकर संवाद करना चाहिए। अलगाववादी यह अच्छी तरह समझ लें कि कश्मीरियों का जो सम्मान भारत में हो सकता है, वह पाकिस्तान में कभी नहीं हो सकता। पाकिस्तान में तो आम मुसलमान भी सुरक्षित नहीं है। 
(एस.पी.मित्तल) (18-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Saturday 17 June 2017

#2698
तो पुलिस थानों पर बिना रिश्वत काम नहीं होता। बांसवाड़ा सदर का थानेदार 4 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
============
17 जून को राजस्थान के बांसवाड़ा सदर थाने के थानेदार गोकुलराम को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया। एसीबी आए दिन रिश्वतखोर पुलिस वालों को पकड़ रही है। लेकिन फिर भी रिश्वतखोरी पर कोई अंकुश नहीं लग रहा है। इससे प्रतीत होता है कि राजस्थान के पुलिस स्टेशनों पर रिश्वत के बिना कोई काम नहीं होता। 13 जून को तो जोधपुर थाने के थानेदार कमलदान चारण को एसीबी ने तब गिरफ्तार किया। जब वह रिश्वत की एवज में एक महिला की अस्मत लेने पर उतारू था। 15 जून को एक समारोह में जब एडीजी इंदू भूषण ने चारण और पुलिस में फैले भ्रष्टाचार का मामला उठाया तो दूसरे एडीजी पी के सिंह ने कहा कि एक व्यक्ति के कारण पूरा पुलिस महकमा भ्रष्ट और चरित्रहीन नहीं होता हैं। जिन लोगों का पुलिस से वास्ता पड़ता है उन्हें अच्छी तरह पता है कि थाने पर कैसा व्यवहार होता है। पुलिस को भ्रष्ट बनाने में राजनेताओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। जो थानेदार विधायक, सांसद अथवा मंत्री की सिफारिश से मलाईदार थाने पर नियुक्त होता है वह भेड़ पर ऊन नहीं छोडऩे की कहावत को चरितार्थ करता है। यदि पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारी की संपत्ति की जांच हो जाए तो पुलिस में फैले भ्रष्टाचार का पता लग सकता है। सब जानते है कि राजस्थान में पुलिस के अधिकारी ही एसीबी में तैनात होते हैं। यदि एसीबी में चयन प्रक्रिया अलग से हो तो भ्रष्टाचार के मामले और अधिक पकड़े जा सकते है। कई बार यह भी देखा गया है कि आईपीएस और आरपीएस अधिकारी सेवानिवृत्ति के बाद अपनी संपत्तियों को उजागर करते हंै।
एस.पी.मित्तल) (17-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2697
यह तो ईश्वर का न्याय नहीं हुआ। अजमेर के भाजपा पार्षद अनिश मोयल के 12 वर्षीय पुत्र सर्वज्ञ का दु:खद निधन।
============
हालांकि जन्म-मृत्यु का खेल ईश्वर के हाथ में होता है। जिस जीव का जन्म हुआ है, उसे मरना ही पड़ता हैं। लेकिन कई बार ईश्वर के न्याय पर सवाल उठते हैं? ऐसा ही सवाल 12 वर्षीय सर्वज्ञ मोयल की दर्दनाक मौत से उठा है। अजमेर के भाजपा पार्षद अनिश मोयल का पुत्र सर्वज्ञ 17 जून को सुबह जब अपनी दुकाने के कर्मचारी के साथ मोटर साइकिल पर कोचिंग सेन्टर से घर की ओर लौट रहा था कि तभी शास्त्री नगर रामभवन के सामने एक ट्रेक्टर ट्रोली ने टक्कर मार दी। कर्मचारी तो दूर जा गिरा लेकिन मासूम सर्वज्ञ ट्रेक्टर के नीचे आ गया। ट्रेक्टर के नीचे दब जाने से सर्वज्ञ की मौके पर ही मौत हो गई। अनिश मोयल अपने पुत्र की मौत के आघात को कैसे सहन करेंगे यह ईश्वर ही जानता है। अभी तो स्वयं अनिश की उम्र भी ज्यादा नहीं है। कुछ वर्ष पहले ही अनिश ने राजनीति में प्रवेश किया और अपने मधुर व्यवहार से अच्छी कामयाबी हासिल की। निर्वाचित पार्षद के साथ-साथ भाजपा के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी भी है। अनिश के दादा स्व.मांगीलाल मोयल का जीवन भी संघर्षपूर्ण रहा। दर्जी का काम करते हुए स्व.मांगीलाल जी ने अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाया। अनिश ने अपने भाई संदेश के साथ पिता रमेश मोयल के कारोबार को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कचहरी रोड स्थित डॉ क्षेत्रपाल के अस्पताल के निकट मांगीलाल एण्ड संस के नाम से जो शो रूम बनाया, उसमें भी अपने पुश्तैनी दर्जी के काम को जारी रखा है। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि सर्वज्ञ के निधन के आघात को सहन करने की क्षमता मोयल परिवार को प्रदान करें।
मंत्री का दौरा निरस्त :
अनिश मोयल के पुत्र के निधन के मद्देनजर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ का 17 जून का अजमेर दौरा निरस्त हो गया है। सराफ के जेएलएन अस्पताल एंडोस्कोपी लैब का उद्घाटन करने के लिए आना था। जानकारी के अनुसार भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष अरविन्द यादव ने जब इस घटना की जानकारी सराफ को दी तो उन्होंने स्वयं ही दौरा रद्द कर दिया। अजमेर भाजपा में शोक का माहौल है।
(एस.पी.मित्तल) (17-06-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)