Monday 31 July 2017

#2847
सचिन पायलट के घर में नहीं थम रहा कांग्रेसियों का हंगामा।
अब राष्ट्रीय सचिन बंसल के सामने जूतम-पैजार।
========
अजमेर को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट का गृह जिला माना जाता है। पायलट ने अजमेर से लगातार दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ा है। लेकिन अजमेर कांग्रेस में असंतोष थम नहीं रहा। शहर कांग्रेस कमेटी के गठन पर पहले वरिष्ठ नेता कैलाश झालीवाल के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन हुआ तो 30 जुलाई को कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल की मौजूदगी में कार्यकर्ताओं के बीच जूतम-पैजार हुई। नाराज कार्यकर्ता मुन्नवार खान, शमशुद्दीन तोपदड़ा, अशोक मटई, शैलेश गुप्ता, मेहराज खान आदि ने बंसल से कहा कि कार्यकारिणी में भाजपा में रहने वालों को तो शामिल किया गया है, जबकि निष्ठावान कार्यकर्ता की उपेक्षा की गई है। शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन नहीं चाहते थे कि राष्ट्रीय सचिव के सामने कोई हंगामा हो। इसलिए जैन के समर्थक निर्मल पारीक, दीपक धानका, मनीष सेठी आदि ने जब असंतुष्टों को बोलने से रोकना चाहा तो जूतम-पैजार शुरू हो गई। बाद में बड़ी मुश्किल से राष्ट्रीय सचिव बंसल को इंडोर स्टेडियम के अंदर बैठक स्थल पर ले जाया गया। अजमेर के कांग्रेसियों की जूतम-पैजार देखने के बाद भी बंसल ने कहा कि बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत बनाकर अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की जाए।
प्रदेश अध्यक्ष को होगी श्किायत-जैन:
राष्ट्रीय सचिव बंसल के सामने हुए हंगामे पर अफसोस जताते हुए शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि पूरे घटनाक्रम की शिकायत प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को भेजी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि हंगामे के पीछे पार्टी के पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती का हाथ है। जबकि डॉ. बाहेती द्वारा सुझाए गए कार्यकर्ताओं के नाम भी कार्यकारिणी में शामिल किए गए हैं। जैन ने कहा कि शिकायत में आरोपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की जाएगी। वहीं दूसरी ओर डॉ. बाहेती ने कहा कि कार्यकर्ता को अपनी बात कहने का अधिकार है। इस पूरे हंगामे से मेरा कोई सरोकार नहीं है। मैं कांग्रेस का जिम्मेदार और वफादार गांधीवादी कार्यकर्ता हंू।
एस.पी.मित्तल) (31-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2846
पहले आ जाती तो मीडिया ही आलोचना करता। करो तो मरो, नहीं करो तो मरो। सीएम वसुंधरा राजे ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे में कहा।
===========
देर से ही सही लेकिन 31 जुलाई को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान के बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वे किया। हवाई सर्वे के दौरान ही सीएम राजे कुछ देर के लिए जालोर स्टेडियम में रुकीं और मीडिया से संवाद किया। आमतौर पर सीएम राजे पत्रकारों से बचतीं हैं। कुख्यात अपराधी आनंदपाल के एनकाउंटर पर जब प्रदेश भर में हंगामा हो रहा था, तब भी इस मुद्दे पर सीए राजे न कोई पत्रकार वार्ता नहीं की। अब जब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं करने को लेकर सरकार की आलोचना हो रही थी तो 31 जुलाई को अपनी ओर  से पहल कर सीएम राजे ने जालोर में पत्रकारों से संवाद किया। सीएम राजे ने कहा कि मेरे देर से आने की भी आलोचना की जा रही है। यदि मैं पहले आ जाती तो भी मीडिया कहता कि में प्रशासन को बचाव कार्य नहीं करने दे रही हूं। स्वाभाविक है कि मैं आती तो प्रशासन के अधिकारी मेरे साथ प्रोटोकॉल में रहते। सीएम ने कहा कि करो तो मरो और नहीं करो तो भी मरो। लेकिन मैं मीडिया को यह बताना चाहती हंू कि जयपुर में बैठ कर भी मेरी नजर बाढ़ प्रभावित पाली, सिरोही, जालोर, बाड़मेर आदि जिलों पर लगी हुई थी। अधिकारियों को निर्देश देकर बचाव कार्य युद्ध स्तर कराएं जा रहे थे। मेरे पास जितने भी फोन आए उनकी सभी समस्याओं का समाधान तत्काल किया गया। सीएम ने अधिकारियों से कहा कि बाढ़ से बचाव के लिए लम्बी अवधि की योजनाएं बनानी चाहिए। जो तालाब, ऐनीकट अथवा अन्य जल भराव क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनकी मरम्मत युद्ध स्तर पर करवाई जाए। हमें ऐसी योजना बनानी चाहिए ताकि हमारे प्रदेश का पानी वेस्ट न हो। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर सीएम राजे 31 जुलाई की शाम को ही वापस जयपुर लौट आईं।
गुजरात के सीएम बनासकांठा में ही रहेंगे:
राजस्थान के पड़ौसी राज्य गुजरात में भी बाढ़ आई हुई है। बाढ़ से बनासकांठा का क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित है। 31 जुलाई को गुजरात के सीएम विजय रूपानी ने घोषणा की है कि वे अगले तीन दिनों तक बनासकांठा में ही रह कर बाढ़ पीडि़तों की मदद करेंगे। मेरे प्रदेश के लोग जब पानी में फंसे हो तो मैं गांधी नगर में नहीं रह सकता। मेरे लिए प्रदेशवासी पहले हैं। मैं रात भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ही गुजारुंगा।
एस.पी.मित्तल) (31-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2845
किशनगढ़ मार्बल मंडी को उजाडऩे के लिए निशान लगाए। दो अगस्त को बिगड़ सकते हैं हालात।
========
अजमेर जिले की सुप्रसिद्ध किशनगढ़ मार्बल मंडी की 64 बीघा भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के लिए 31 जुलाई को मार्बल के गोदामों दुकानों आदि पर निशान लगा दिए हैं। प्रशिक्षु आईपीएस डॉ. प्रियंका, तहसीलदार अरविंद शर्मा आदि के नेतृत्व में 31 जुलाई को भारी पुलिस बल किशनगढ़ मार्बल मंडी पहुंचा तो सैकड़ों लोग एकत्रित हो गए। अतिक्रमणकारियों का कहना था कि उन्हें 6 माह का समय दिया जाए, ताकि वे अपने गोदाम दुकान आदि स्थानांतरित कर सकें। लेकिन तहसीलदार अरविंद शर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश हैं, इसलिए 2 अगस्त से अतिक्रमण हटाने ही पड़ेंगे। उन्होंने विरोध करने वालों को चेतावनी दी कि यदि सरकारी काम में रुकावट की गई तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी। चिन्हीकरण के बाद अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट अरविंद सेंगवा की उपस्थित में किशनगढ़ के एसडीएम दफ्तर में अधिकारियों की एक बैठक हुई। इस बैठक में 2 अगस्त की रणनीति बनाई गई। एसडीएम अशोक कुमार ने उम्मीद जताई कि शांतिपूर्ण तरीके से अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे। जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने सेंगवा को विशेष तौर पर किशनगढ़ में नियुक्त किया है।
मंदिर की है भूमि:
जिस 64 बीघा भूमि से मार्बल कारोबारियों के अतिक्रमण हटाने हैं, वह भूमि श्री रघुनाथ मंदिर की है। मंदिर के पुजारी चन्द्रप्रकाश वैष्णव का कहना है कि हमारी कृषि भूमि पर गौशाला का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर का भी विकास किया जाएगा। यहां पर उल्लेखनीय है कि अतिक्रमण्कारियों की सूची में अलवर यूआईटी के अध्यक्ष देवी सिंह शेखावत, कांग्रेस के पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया आदि के नाम शामिल हैं।ं
एस.पी.मित्तल) (31-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2844
जय श्रीराम का नारा लगाने वाले मंत्री खुर्शीद ने कलमा-ए-शाहादत पढ़ा और फिर मुसमान हो गए। लेकिन अभी भी निकाह तो दोबारा से करना होगा।
==========
बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने अब जय श्रीराम का नारा लगाने से तौबा कर लिया है। इतना ही नहीं खुर्शीद ने जय श्रीराम का नारा लगाने पर शर्मिंदगी भी जाहिर की है। जय श्रीराम का नारा लगाने के अपराध में खुर्शीद को मुस्लिम धर्म से खारिज करने वाले इमारत-ए-शरिया के मुफ्ती सुहेल अहमद कासमी ने बकायदा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मंत्री खुर्शीद उनके दफ्तर में आए और जय श्रीराम के नारे पर शर्मिंदगी जताई। चूंकि खुर्शीद ने धर्म के मुताबिक अपना गुनाह कबूल कर दोबारा से कलमा-ए-शहादत पढ़ लिया है, इसलिए वे फिर से मुस्लिम हो गए हैं। मैं अल्लाह से दुआ करता हंू कि खुर्शीद की तौबा को कबूल करे, लेकिन मुफ्ती कासमी ने स्पष्ट कहा कि खुर्शीद को अब नए सिरे से निकाह रस्म करनी होगी। मालूम हो कि गत 28 जुलाई को बिहार विधानसभा में जब भाजपा के समर्थन में नीतिश कुमार ने बहुमत साबित कर दिया था, तब खुर्शीद ने जय श्रीराम का नारा लगाया था। इसके बाद मुफ्ती कासमी ने फतवा जारी कर खुर्शीद को इस्लाम धर्म से खारिज कर दिया। इस फतवे के बाद भी खुर्शीद ने कहा कि वे भविष्य में भी भगवान जय श्रीराम का नारा लगाते रहेंगे। लेकिन खुर्शीद के इस कथन को लालू प्रसाद यादव की आरजेडी ने साम्प्रदायिक मुद्दा बना दिया। हालात बिगड़ते इससे पहले ही मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने खुर्शीद को तलब किया और मुस्लिम धर्म के नियमों का पालन करने के आदेश दिए। नीतिश ने खुर्शीद से कहा कि वे ऐसा कोई कृत्य न करें, जिससे बिहार के मुसलमान नाराज हों। सीएम की फटकार के बाद खुर्शीद तुरंत मुफ्ती कासमी के पास पहुंचे और अपने गुनाह के लिए माफी मांगी।
आरजेडी अभी भी हमलावर:
हालांकि खुर्शीद ने जय श्रीराम का नारा लगाने पर माफी मांग ली है। लेकिन नीतिश कुमार से मात खाई आरजेडी अभी भी हमलावर बनी हुई है। आरजेडी के नेताओं का कहना है कि नीतिश कुमार बिहार में साम्प्रदायिकता फैलाना चाहते हैं। खुर्शीद ने नीतिश के कहने पर ही जय श्रीराम का नारा लगाया है। यानि अब देश में जय श्रीराम का नारा लगाना भी साम्प्रदायिक है।
एस.पी.मित्तल) (31-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Sunday 30 July 2017

#2843
यूनिवर्सिटी की पोल खुलने के डर से गवर्नर को मुहामी गांव जाने से रोका। दो दिवसीय दौरे पर अजमेर आएंगे। 
=======================
राजस्थान के गर्वनर कल्याण सिंह एमडीएस यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए 31 जुलाई को सायं 5 बजे अजमेर पहुंचेंगे। समारोह एक अगस्त को सायं 4 बजे होगा। आम तौर पर कल्याण सिंह यूनिवॢसटी के दीक्षांत समारोह में संबंधित शहर का तीन दिन का दौरा निर्धारित करते हैं। अंतिम दिन गवर्नर यूनिवर्सिटी के द्वारा गोद लिए गांव जाते हैं। कल्याण सिंह की पहल पर ही एमडीएस यूनिवर्सिटी ने निकटवर्ती मुहामी गांव को गोद ले रखा है। सिंह गत दो वर्षों से दीक्षांत समारोह के मौके पर मुहामी गांव में भी आ रहे हैं। लेकिन इस बार गवर्नर का मुहामी जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है। जानकार सूत्रों के अनुसार गत दो बार के दौरे में यूनिवर्सिटी और प्रशासन के अधिकारियों ने विकास के जो वायदे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया गया। अधिकारियों को पता था कि जब काम के बारे में गवर्नर जानकारी लेंगे तो पोल खुल जाएगी। ऐसे में बरसात के मौसम का बहाना कर गवर्नर को मुहामी जाने से रोक दिया गया है। अधिकारियों ने मुहामी में पेयजल की पाईप लाईन बिछाने, सड़क बनाने आदि के वायदे किए थे। गवर्नर के मुहामी नहीं आने से ग्रामीण निराश है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि गवर्नर आते तो उन्हें बताया जाता कि अधिकारियों ने वायदे के मुताबिक काम नहीं किए। 
बीमार है गवर्नर :
गवर्नर कल्याण सिंह इन दिनों बीमार भी चल रहे हैं। गवर्नर की बीमारी और चलने में होने वाली परेशानी को देखते हुए ही उन्हें सर्किट हाऊस की बजाए सीआरपीएफ के गेस्ट हाऊस में ठहराया जा रहा है। चूंकि कल्याण सिंह सीढिय़ां नहीं चढ़ सकते हैं इसलिए सर्किट हाऊस में नहीं ठहराया गया। तय कार्यक्रम के अनुसार गवर्नर एमडीएस यूनिवॢसटी के परिसर में मात्र ढाई घंटे रूकेंगे। एक अगस्त को सायं 4 बजे पहुंचने के बाद 6:30 बजे जयपुर के लिए रवाना हो जाएंगे। दीक्षांत समारोह के मंच से ही मंगलम भवन का उद्घाटन रिमोट से कर देंगे। 30 जुलाई को यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक वीसी प्रो. भागीरथ सिंह बीजानियां ने गवर्नर के दौरे और दीक्षांत समारोह के बारे में विस्तृत जानकारी दी। जिस मंगलम भवन का उद्घाटन होना है, उसमें अभी भी निर्माण कार्य हो रहा है। माना जा रहा है कि एक अगस्त को उद्घाटन से पहले तक रंग-रोशन का काम होता रहेगा। चूंकि गवर्नर भी मंगलम भवन नहीं जा रहे हैं। इसलिए उद्घाटन के बाद भी बकाया काम होते रहेंगे। 
एस.पी.मित्तल) (30-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2842
दूसरे दिन भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नहीं कर सकीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा। आदर्श सोसायटी मदद के लिए आगे आई। 
=======================
30 जुलाई को भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं कर सकीं। प्रदेश के पाली, सिरोही, जालौर, बाड़मेर आदि जिलों में भीषण बाढ़ की वजह से हालात बेहद खराब हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वें करने के लिए सीएम राजे 29 जुलाई को जयपुर से रवाना हुई थीं। लेकिन उनके हैलीकॉप्टर को सोजत में उतारना पड़ा। पायलट ने कहा कि खराब मौसम की वजह से हैलीकॉप्टर सिरोही, जालौर, बाड़मेर, पाली आदि की ओर नहीं जा सकता। फलस्वरूप राजे को सोजत से ही वापस जयपुर लौटना पड़ा। चूंकि हालातों में कोई सुधार नहीं हो रहा है इसलिए उम्मीद थी कि सीएम राजे 30 जुलाई को बाढ़ प्रभावित जिलों को दौरा करेंगी। लेकिन 30 जुलाई को जयपुर में राजनीतिक व्यवस्थाओं के कारण सीएम राजे प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं कर सकीं। राजे ने जयपुर में बैठे-बैठे ही प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी हासिल की। 
मुख्यमंत्री गंभीर - गोयल 
प्रदेश के जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद दावा किया कि बाढ़ के हालातों को लेकर मुख्यमंत्री राजे बेहद गंभीर हैं। राजे ने संबंधित जिलों के अधिकारियों को निर्देंश दिए हैं कि जिन गांवों का सड़क से सम्पर्क टूट गया है, वहां के ग्रामीणों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई जाए। 
आदर्श सोसायटी ने की मदद : 
आदर्श कॉ-आपरेटिव सोसायटी की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भरपूर मदद की जा रही है। सोसायटी की ओर से एक हैलीकॉप्टर किराए पर लिया गया है, जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवा रहा है। सोसायटी की ओर से बताया गय कि अब तक करीब 50 हजार भोजन के पैकेट वितरित किए गए हैं। जिन गांवों का सम्पर्क सड़क मार्ग से टूट गया है, उनके ग्रामीणों को हैलीकॉप्टर से भोजन के पैकेट दिए जा रहे हैं l 
एस.पी.मित्तल) (30-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2841
वसुंधरा सरकार को अब केन्द्र से पैकेज की दरकार। बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रशासन के साथ सेना भी मुस्तैद। 
=======================
राजस्थान देश के उन राज्यों में शामिल हैं, जहां बाढ़ की वजह से हालात खराब हैं। लेकिन केन्द्र सरकार की ओर से अभी तक भी राजस्थान को कोई मदद नहीं मिली है। हालांकि अब तक कोई 50  से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और ग्रामीण क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। पशुधन के साथ-साथ कच्चे-पक्के मकान भी धराशायी हो गए हैं। 30 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेडियो पर मन की बात में भी बाढ़ से होने वाली परेशानी का जिक्र किया है। मोदी का कहना रहा कि केन्द्र ने अनेक राज्यों में मदद की पहल की है। मोदी का इशारा गुजरात को केन्द्र द्वारा दी गई मदद की ओर था। हालांकि राजस्थान गुजरात से जुड़ा हुआ प्रदेश है। लेकिन अभी तक भी केन्द्र से कोई मदद नहीं मिल पाई है। अब राजस्थान सरकार ही अपनी ओर से पैकेज की मांग करने जा रही है। आंकलन किया जा रहा है कि बाढ़ की वजह से कितना नुकसान हुआ है। राज्य सरकार की ओर से दो-तीन चरणों में केन्द्र से मदद मांगने की योजना है। पहले चरण में बाढ़ प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता मिले तो दूसरे चरण में नुकसान का मुआवजा। अब देखना है कि राज्य सरकार की दरकार पर केन्द्र कितनी मदद करता है। 
प्रशासन और सेना मुस्तैद : 
राजस्थान के आपदा प्रबंधन के सचिव हेमन्त गैरा (आईएएस) ने बताया कि सेना के जवानों के साथ प्रशासन भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मुस्तैद है। सेना के कोई 450 जवान अपने साधनों के साथ लोगों की भरपूर मदद कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से एनडीआरएफ की टीमों को जगह-जगह तैनात किया गया है। गैरा ने बताया कि वे स्वयं जोधपुर में कैम्प कर पाली, सिरोही, जालौर, बाड़मेर आदि जिलों के हालातों पर नजर रखे हुए हैं। प्रशासन के अधिकारी रात और दिन मेहनत कर लोगों की मदद कर रहे हैं। पाली के पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव भी प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों की मदद का काम कर रहे हैं। 
एस.पी.मित्तल) (30-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2840
जय श्रीराम का नारा लगाने वाला शख्स मुसलमान नहीं रह सकता। मुफ्ती सुहैल ने बिहार के मंत्री खुर्शीद को इस्लाम से खारिज किया। 
=======================
इमारत ए शरिया से जुड़े मुफ्ती सुहैल अहमद कासमी ने साफ कहा है कि जो मुसलमान जय श्रीराम का नारा लगाएगा या अपने खुदा के अलावा किसी दूसरे धर्म के भगवान को खुदा मानेगा तो वह मुसलमान नहीं रह सकता। इस्लाम की इस धारणा के चलते ही मैंने बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद अहमद को इस्लाम से खारिज और मुर्तद (विश्वास नहीं करने वाला) घोषित कर दिया है। इसके लिए बाकायदा लिखित में फतवा जारी किया गया है। मुफ्ती सुहैल ने कहा कि मेरे इस फतवे के बाद मंत्री खुर्शीद का निकाह भी गैर इस्लामी हो गया है। खुर्शीद अब एक मुसलमान के तौर पर अपनी पत्नी के साथ भी नहीं रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग राम और रहीम की दुहाई देते हैं, वे सच्चे मुसलमान नहीं हैं। सच्चा मुसलमान वो ही होता है, जो सिर्फ अपने खुदा को माने। उन्होंने कहा कि मैं किसी बहस में नहीं उलझना चाहता क्योंकि मेरा फतवा मुस्लिम धर्म के अनुरूप है। 
लगाता रहूंगा श्रीराम का नारा : 
वहीं दूसरी ओर मंत्री खुर्शीद अहमद ने कहा है कि वे आगे भी जय श्रीराम का नारा लगाते रहेंगे। वे तो मंदिरों में जाकर भी पूजा-अर्चना करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी मुफ्ती को उन्हें इस्लाम  से खारिज करने का अधिकार नहीं हैं। खुर्शीद ने कहा कि फतवा जारी करने से पहले मुझसे पूछना चाहिए था। मेरी जिम्मेदारी बिहार की जनता की सेवा करना है। मेरा काम बताएगा कि अल्पसंख्यकों के लिए क्या करता हूं। मेरे मन को मेरा खुदा ही जानता है। मालूम हो कि 28 जुलाई को बिहार विधानसभा में जब नीतीश कुमार ने भाजपा के समर्थन से बहुमत साबित किया था, तब बाहर निकलकर खुर्शीद अहमद ने जय श्रीराम का नारा लगाया था। खुर्शीद जदयू के विधायक हैं और उन्हें 29 जुलाई को मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई है। 
एस.पी.मित्तल) (30-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Saturday 29 July 2017

#2839
अभी भी तो कश्मीर घाटी में सुरक्षा बल ही तिरंगे की हिफाजत कर रहे हैं। सीएम महबूबा का बयान कितना उचित।
=========
जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अनुच्छेद 370 के साथ छेड़छाड़ की गई तो कश्मीर में राष्ट्र ध्वज को हाथ में लेने वाला कोई नहीं होगा। उन्होंने स्वयं की पीडीपी और फारुख अब्दुल्ला के नेशनल कान्फ्रेंस को मुख्यधारा की पार्टी बताते हुए कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को जीवन खतरे में पड़ जाएगा। महबूबा का कहना रहा कि पीडीपी और एनसी के कार्यकर्ता ही कश्मीर में राष्ट्रध्वज लेकर खड़े होते हैं। सवाल उठता है कि आखिर महबूबा को यह बात कहने की क्या जरुरत हुई। सब जानते हैं कि भाजपा की मदद से ही महबूबा जम्मू कश्मीर की सीएम है। भाजपा ने संसद में भी यह वायदा किया है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को नहीं हटाया जाएगा। महबूबा जिन शर्तों पर सरकार चला रही हैं उसमें 370 को बनाए रखने की शर्त भी शामिल है। केन्द्र में सत्ता में आने के बाद भाजपा के किसी भी जिम्मेदार नेता ने 370 को हटाने अथवा उसके महत्व को कम करने की बात नहीं कही। महबूबा भले ही स्वयं को राष्ट्रध्वज की हिफाजत करने वाला मानती हो, लेकिन हकीकत है कि यदि केन्द्र के सुरक्षा बल तैनात न हो तो महबूबा भी कश्मीर घाटी में तिरंगे को हाथ में नहीं ले सकती। महबूबा माने या नहीं घाटी में सिर्फ सुरक्षा बल के जवान ही तिरंगे को हाथ में लेते हैं और उसकी हिफाजत के लिए अपनी जान दे देते है। महबूबा मुफ्ती हो या फारुख अब्दुल्ला ये लोग स्वत्रंता और गणतंत्र दिवस पर सीएम होने के नाते राष्ट्रध्वज फहराने की रस्म अदा करते है। जब यह लोग सीएम नहीं होते तब इन्हें भी तिरंगे से कोई सरोकार नहीं होता है। महबूबा को यह समझना चाहिए कि अनुच्छेद 370 की वजह से ही आज कश्मीर में एक तरफा माहौल है। इसकी वजह से चार लाख हिन्दुओं को पीट-पीट कर कश्मीर घाटी से भगा दिया गया। महबूबा को यदि 370 से इतना ही लगावव है तो थोड़ी मदद चार लाख हिन्दू शरणार्थियों से भी दिखनी चाहिए। जम्मू कश्मीर की सीएम होने के नाते क्या महबूबा का यह दायित्व नहीं की वह भगाए गए हिन्दुओं को वापस अपने घरों में बसाएं।
एनजीओ ने दायर की है याचिका:
वी द सिटीजन नामक एक एनजीओ ने अनुच्छे 35ए के कानूनी आधार की सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में कहा गया कि यह अनुच्छेद कभी भी संसद में पेश नहीं हुआ। इसे राष्ट्रपति के आदेश पर लागू किया गया। कोर्ट ने इस याचिका पर व्यापक बहस के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ बनाई है।
एस.पी.मित्तल) (29-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2838
भाजपा के युवा मोर्चे द्वारा अजमेर में निकाली गई सर्वधर्म कावड़ यात्रा में मुस्लिम प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
============
महराष्ट्र में एआईएमआईएम के विधायक वारिस पठान भले ही वंदे मातरम् बोलने से इंकार करें, लेकिन 29 जुलाई को अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह से जुड़े मुस्लिम प्रतिनिधियों ने भाजपा के युवा मोर्चे की ओर से निकाली गई सर्वधर्म कावड़ यात्रा में शरीक होकर साम्प्रदायिक सद्भावना दिखाई। युवा मोर्चे के जिलाध्यक्ष विनीत कृष्ण पारीक ने बताया कि गत वर्ष की तरह इस बार भी 29 जुलाई को पुष्कर से अजमेर स्थित नगर निगम परिसर में श्री पंचमुखी महादेव मंदिर तक एक कावड़ यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में ख्वाजा साहब की दरगाह से जुड़े सैयद पीर नफिस मियां चिश्ती, सैयद गोहर चिष्ती, सलमान खान, इषरद परवीन, अजमत उल्ला  आदि ने भी उत्साह के साथ भाग लिया। इसके साथ ही स्वामी अनादि सरस्वती, रोमन कैथोलिक सोसायटी के वाइस चेयरमैन फादर कॉसमॉस शेखावत, गुरुद्वारा श्रीरामदास के अध्यक्ष सूरज सिंह आदि भी उपस्थित रहे। सर्वधर्म कावड़ यात्रा में तिरंगे से सजे बाबा बर्फानी की झांकी आकर्षण कर केन्द्र रही। शाम को मंदिर में 108 दीपो से महाआरती की गई। इस अवसर पर भाजपा के बड़े नेता भी उपस्थित रहे।
एस.पी.मित्तल) (29-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2837
वसुंधरा राजे नहीं ले सकीे बाढ़ के हालातों का जायजा। हालात और बिगड़े।
============
29 जुलाई को मुख्यमंत्री वसुध्ंारा राजे राजस्थान के बाढ़ से प्रभावित जिलों का दौरा करने के लिए जयपुर से हैलीकॉप्टर से रवाना तो हो गई, लेकिन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं कर सकी। हैलीकॉप्टर के पायलट ने पाली जिले के सोजत कस्बे में ही हैलीकॉप्टर को उतार दिया। पायलट ने साफ कहा कि खराब मौसम में हैलीकॉप्टर को सिरोही, जालौर आदि जिलों के ऊपर नहीं ले जाया जा सकता। 29 जुलाई को भी जालौर, सिरोही, पाली, बाड़मेर आदि जिलों में तेज बारिश की वजह से बाढ़ के हालात बने रहे। बाढ़ पीडि़तों की शिकायत है कि सरकार समुचित मदद नहीं कर रही है। जालोर स्थित पथमेड़ा की गौशाला में बाढ़ की वजह से 500 से ज्यादा गायों की मौत हो गई। लोगों की मौत का सिलसिला 29 जुलाई को भी जारी रहा। हालांकि सेना के हैलीकॉप्टर बचाव कार्य में लगे हुए हैं, लेकिन राज्य सरकार की प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह फैल हो गई। पीडि़तों को उम्मीद थी कि सीएम को दौरे से कुछ राहत मिलेगी, लेकिन प्रकृति ने सीएम के दौरा करने से ही रोक दिया। प्रभावित लोगों ने मदद के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय का भी ध्यान आकर्षित किया है। ट्वीट के जरिए भी पीएम मोदी को भी हालातों से अवगत कराया है। 
एस.पी.मित्तल) (29-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2836
गाय को लेकर ख्वाजा साहब की दरगाह के बाहर मुस्लिम परिषद का प्रदर्शन।
==========
29 जुलाई को अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह के बाहर गाय की सुरक्षा और कथित गौ सेवकों द्वारा निर्दोष लोगों की हत्याएं करने के विरोध में राजस्थान मुस्लिम परिषद की ओर से प्रदर्शन किया गया। परिवार के प्रमुख यूनुस चोपदार ने कहा कि जिस तरह से गाय को लेकर निर्दोष मुस्लमानों की पिटाई और हत्याएं की जा रही है, उससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में रोष है। चोपदार ने कहा कि मुसलमान भी गाय की रक्षा चाहता है। इसलिए हमारी परिषद यह मांग करती हैं कि गाय को राष्ट्रीय माता घोषित किया जाए। प्रत्येक गाय को पहचान कोड दिया जाए जो लोग गाय की हत्या करते हैं उन्हें फांसी दी जाए। लेकिन साथ ही सरकार उन लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही करें, जो लोग कानून हाथ में लेकर निर्दोष मुसलमानों की हत्याकर रहे हैं। प्रदर्शन में खादिमों की संस्था अंजुमन यागदार के अध्यक्ष अब्दुल जर्रार चिश्ती, खादिम सरवर चिश्ती, मोहम्मद मोइनुद्दीन आदि शामिल थे। 
प्रदर्शन के स्थान पर विवाद:
मुस्लिम परिषद द्वारा एक दिन पहले घोषणा की थी। प्रदर्शन ख्वाजा साहब की दरगाह के निजाम गेट पर किया जाएगा। निजाम गेट चूंकि दरगाह का मुख्य द्वार है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए दरगाह कमेटी के सहायक नाजिम मोहम्मद आदिल ने परिवार के प्रतिनिधियों को पत्र लिख कर निजाम गेट पर प्रदर्शन नहीं करने की हिदायत दी। इस संबंध में सहायक नाजिम ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी सूचना दी। दरगाह कमेटी के पत्र के बाद 29 जुलाई को प्रदर्शन के समय बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई। ऐन मौके पर प्रदर्शनकारियों ने दरगाह के मुख्यद्वार के बाहर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। परिषद के प्रतिनिधियों ने भारी पुलिस बल की उपस्थिति पर भी ऐतराज जताया। 
एस.पी.मित्तल) (29-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2835
आखिर हो गया अजमेर कलेक्टर गौरव गोयल की मेहनत का प्रदर्शन। अक्षरधाम की तरह विकसित होगा पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर।
============
28 जुलाई को पुष्कर स्थित विश्वविख्यात ब्रह्मा मंदिर परिसर में मंदिर प्रबंध कमेटी की एक बैठक जिला कलेक्टर गौरव गोयल की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में ब्रह्मा मंदिर के विकास के मॉडल का प्रदर्शन किया गया। ब्रह्मा मंदिर को गुजरात के सुप्रसिद्ध अक्षरधाम की तर्ज पर विकसित करने के लिए कलेक्टर गोयल पिछले कई माह से मेहनत कर रहे थे। कलेक्टर ने गुजरात और दिल्ली के आर्किटेक्टों से भी सम्पर्क किया और उन्हें प्रशासन की मंशा से अवगत करवाया। व्यापक योजना के बाद कोई 24 करोड़ रुपए मंदिर विकास पर खर्च करने का फैसला किया गया। बैठक में श्री गोयल ने कहा कि इस मॉडल को मुख्यमंत्री श्रीमती राजे को भी दिखाया गया है। सीएम ने भी मॉडल की प्रशंसा की है। सीएम राजे चाहती हैं कि जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू हो जाए। कलेक्टर ने बैठक में उपस्थ्ति पुष्कर के तीर्थ पुरोहित जनप्रतिनिधियों और प्रबुद्ध नागरिकों से सुझाव भी आमंत्रित किए। कलेक्टर ने कहा कि पुष्कर का अपना धार्मिक महत्व है, लेकिन पुष्कर में ऐसा कोई स्थान नहीं है, जहां बाहर से आने वाले श्रद्धालु या पर्यटक दो तीन घंटे व्यतीत कर सकें। मेरा प्रयास रहा कि विकास का ऐसा मॉडल बने जिससे लोगों को धार्मिक वातावरण के साथ-साथ पुष्कर का प्राकृतिक सौन्दर्यी भी देखने को मिले। उन्हें इस बात का संतोष है कि मेहनत के बाद आज पुष्कर मंदिर के विकास का मॉडल सार्वजनिक किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मॉडल में पुष्कर के ऐतिहासिक धार्मिक महत्व बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने जन प्रतिनिधियों के भी सहयोग की अपील की। बैठक में उपस्थित पुष्कर के विधायक सुरश्ेा रावत, तीर्थ पुरोहित संघ के प्रतिनिधियों आदि ने कलेक्टर के प्रयासों की सराहना की। सभी ने माना कि कलेक्टर गोयल के प्रयासों से ही ब्रह्मा मंदिर के हालातों में सुधार आया है और अब मंदिर परिसर का विकास भी भव्य तरीके से होने जा रहा है। मालूम हो कि गत वर्ष ब्रह्मा मंदिर के महंत सोमपुरी की सड़क दुर्घटना में मौत हो जाने के बाद राज्य सरकार ने कलेक्टर गोयल की अध्यक्षता में मंदिर प्रबंध कमेटी का गठन किया था। कलेक्टर ने न केवल मंदिर के प्रबंधन में सुधार किया, बल्कि आय को भी कई गुना बढ़ा दिया। आज 1 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की राशि बैंक में जमा है जो मंदिर की दान पेटियों से निकली है।

एस.पी.मित्तल) (29-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Friday 28 July 2017

#2834
पाकिस्तान में फिर से सैनिक शासन का खतरा। भारत पर भी पड़ेगा असर।
------------
28 जुलाई को पनामा पेपर लीक मामले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। नवाज के पद छोड़ते ही पाकिस्तान में एक बार फिर सैनिक शासन का खतरा उत्पन्न हो गया है। हालांकि पूर्व में जनरल परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ  का तख्ता पलट कर सत्ता पर कब्जा किया था। लेकिन अब यह माना जा रहा है कि पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियों में जबरदस्त खींचतान है। नवाज शरीफ की पार्टी में भी बिखराव के हालात हैं। ऐसे में कट्टरपंथियों के हावी होने की संभावना ज्यादा है। पाकिस्तान में हमेशा ही सेना की रुचि देश में शासन करने की रही है। सैनिक शासन में ही पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फीकर भुट्टो को फंासी के तख्ते पर लटकाया गया तो मुशर्रफ के सैनिक शासन में भुट्टो की बेटी बेनजीर को एक विस्फोट में उड़ा दिया गया। पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी इस तरह हावी हैं जिनका सरकार भी कोई समाधान नहीं कर सकती हैं। यदि पाकिस्तान में सैनिक शासन लागू होता है तो यह भारत के लिए मुसीबत होगी। लोकतांत्रिक  प्रक्रिया से चुनी गई सरकार फिर भी भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश करती है, लेकिन सैनिक शासन में तो दोनों देशों के बीच हालात तनापूर्ण हो जाते हैं। जनरल परवेज मुशर्रफ ने ही भारत पर कारगिल युद्ध थोपा था। अच्छा हो कि पाकिस्तान में राजनीतिक प्रक्रिया के तहत ही किसी सरकार का गठन हो। चूंकि नवाज शरीफ के परिवार के सभी सदस्यों को भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी माना गया है, इसलिए अब शरीफ परिवार का कोई भी सदस्य         प्रधानमंत्री नहीं बन सकता। हालंाकि रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ           प्रधानमंत्री की दोड़ में सबसे आगे हैं। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में आसिफ कितने दिन सरकार चला पाएंगे, यह आने वाले दिनों में पता चलेगा।
एस.पी.मित्तल) (28-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2833
चलो तेजस्वी यादव नेता तो बन गए। नीतिश की जीत तो तय थी।
===========
28 जुलाई को बिहार के सीएम नीतिश कुमार ने भाजपा के समर्थन से भले ही अपना बहुमत साबित कर दिया हो, लेकिन पराजित लालू प्रसाद यादव के लिए यह अच्छी बात है कि उनका बेटा और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव नेता बन गए। तेजस्वी नेता बन गए इसका सबूत भी 28 जुलाई को ही देखने को मिला।  विधानसभा के अंदर हार के बाद जब तेजस्वी बाहर आए तो मीडिया का जमावड़ा था। कोई 10 मिनट तक तेजस्वी ने अपना पक्ष रखा। टीवी चैनल पर तेजस्वी का भाषण लाइव दिखाया गया। लालू प्रसाद के लिए यह खुशी की बात है कि उनके बेटे का भाषण लाइव प्रसारण हो रहा है, क्योंकि स्वयं लालू प्रसाद का कथन तो रिकॉर्डेड भी नहीं दिखाया जा रहा। यह सही है कि तेजस्वी को राजनीति विरासत में मिली है, लेकिन राजनीति में बहुत तेजी से तेजस्वी को सब लोग जानने लगे हैं। कई बार लालू का भाषण समझ में नहीं आता, लेकिन तेजस्वी तो राहुल गांधी से भी अच्छा बोलने लगे हैं। हालांकि तेजस्वी भी अपने पिता की तरह भाजपा और संघ को कौसने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। 28 जुलाई को तेजस्वी ने नीतिश कुमार की राजनीति पर अनेेक सवाल उठाए, लेकिन स्वयं पर लगे भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप का जवाब नहीं दिया। इसे देश की राजनीति का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि जिस तेजस्वी पर गंभीर आरोप हैं, वह तेजी से एक सफल नेता बन रहा है। जिस निर्भिक अंदाज में तेजस्वी ने मीडिया से संवाद किया उससे साफ प्रतीत हो रहा था कि तेजस्वी को जेल जाने का भी डर नहीं है। शायद जेल जाने पर तेजस्वी और बड़े नेता बन जाएं।
एस.पी.मित्तल) (28-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Thursday 27 July 2017

#2831
सिग्नेचर क्रिकेट प्रतियोगिता में युवा खिलाडिय़ों को योग्यता दिखाने का मौका मिल रहा है। 
=========
अजमेर की कायड़ विश्राम स्थली स्थित ख्वाजा मॉडल स्कूल के मैदान पर खेली जा रही सिग्नेचर क्रिकेट प्रतियोगिता 2017 में अजमेर के युवा खिलाडिय़ों को अपनी योग्यता का प्रदर्शन करने का भरपूर मौका मिल रहा है। प्रतियोगिता के प्रमोटर पार्षद नीरज जैन और समीर शर्मा ने बताया कि इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे खिलाडिय़ों में से ही जिला क्रिकेट टीम का चयन होगा। जो बाद में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगी। अजमेर में खेली जा रही इस प्रतियोगिता की विजेता और उपविजेता टीम को पूर्व पार्षद  स्व. सूरजभान यादव की स्मृति में शील्ड दी जाएगी। स्व. यादव के पुत्र रोहित यादव ने बताया कि उनके पिता की रुचि खेलों को बढ़ावा देने में रही थी। 27 जुलाई को खेले गए दो मैचों में शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन, स्वामी न्यूज समूह के चेयरमैन कंवल प्रकाश किशनानी, पत्रकार रिषिका महर्षि, शिक्षक संघ के नेता शक्ति सिंह गौड आदि अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। प्रतियोगिता को सफल बनाने के कमल पुट्टी, महिपाल सिंह, मासूम अली, वसीम अकरम, शिवदत्त पाराशर, कैलाश नरवाल आदि की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। 27 जुलाई को खेले गए पहले मैच में केएसएम 1 ने एडवोकेट क्लब को हराया जबकि दूसरे मैच में आर के क्लब पर केएसएम 2 ने जीत हासिल की। 
एस.पी.मित्तल) (27-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2830
विपक्ष का पीएम पद का एक औेर उम्मीदवार धराशायी। 
अब राहुल गांधी और ममता बचे हैं। 
==========
सवाल यह नहीं है कि 27 जुलाई को नीतिश कुमार छठी बार बिहार के सीएम का पद संभाल लिया है। असल सवाल यह है कि विपक्ष में प्रधानमंत्री पद का एक और दावेदार धराशायी हो गया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने बीमारी के बाद भी विपक्ष का संयुक्त महागठबंधन बनया था। इसमें नीतिश कुमार को भी पीएम का दावेदार माना जा रहा था। लेकिन नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने राजनीति के मैदान पर जो जाजम बिछाई, उसमें नीतिश कुमार स्वयं ही एनडीए की शरण में आ गए। एनडीए में शामिल होने वाले दल का कोई भी नेता सपने में भी पीएम की उम्मीदवारी नहीं कर सकता है। नीतिश कुमार ने जिस तरह से विपक्ष का साथ छोड़ कर नरेन्द्र मोदी की शरण ली है, उससे लालूप्रसाद यादव जैसे बड़बोले नेता अपनी मौत मारे गए हैं। विपक्ष के महागठबंधन  में अब कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही पीएम उम्मीदवार नजर आ रही हैं। हालांकि लोकसभा के चुनाव दो वर्ष बाद होंगे। देखना है कि इन दो वर्षों में विपक्ष के महागठबंधन का क्या होता है। बिहार में जो कुछ भी घटनाक्रम हुआ उस पर राहुल गांधी का कहना है कि उन्हें तो चार माह पहले ही पता था कि नीतिश कुमार क्या करने जा रहे हैं। सवाल उठता है कि यदि राहुल गांधी को पता था तो एक राजनेता के नाते उन्होंने रोकथाम की कोशिश क्यों नहीं की? जाहिर है कि मोदी और अमित शाह की रणनीति के आगे कांग्रेस की रणनीति कमजोर रही। भाजपा सम्प्रदायिक पार्टी है, यह तर्क भी बिहार में नीतिश कुमार को उनके इरादों से डिगा नहीं सका। भले हीपूर्व में नरेन्द्र मोदी के कारण ही नीतिश कमार ने एनडीए का साथ छोड़ा हो, लेकिन आज मोदी के कारण ही नीतिश कुमार फिर से एनडीए में शामिल हो गए हैं। 27 जुलाई को भाजपा का देश के 18 राज्यों में शासन हो गया है। अब देखना है कि विपक्ष भाजपा की इस ताकत से कैसे मुकाबला करता है। जबकि पूरे देश में जीएसटी की वजह से व्यापारी वर्ग भाजपा से बुरी तरह खफा है। 
एस.पी.मित्तल) (27-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2829
5वें दिन भी नहीं टूटी सांसद सांवरलाल जाट की बेहोशी। 
बेहतर इलाज के लिए एम्स में किया शिफ्ट।
======
27 जुलाई को लगातार 5वें दिन भी अजमेर के सांसद सांवरलाल जाट की बेहोशी नहीं टूटी। अब बेहतर इलाज के लिए सांसद जाट को जयपुर के एसएमएस अस्पताल से दिल्ली के एम्स में भर्ती करवाया गया है। जाट को एयर एम्बुलैंस की जरिए जयपुर से दिल्ली लाया गया। एम्स के चिकित्सक भी बेहोशी न टूटने को लेकर चिंतित नजर आए। हालांकि अभी इलाज में कोई बड़ी तब्दीली नहीं की गई है। जाट को जयपुर में भी वेंटीलेटर पर रखा गया था और एम्स में भी वेंटीलेटर पर ही रखा गया है। जाट के परिजनों का सरकार पर दबाव था कि जाट को एम्स में भर्ती करवाए। जाट को जयपुर से दिल्ली ले जाने की सूचना मिलने पर अजमेर से बड़ी संख्या में जाट के समर्थक दिल्ली पहुंच गए हैं। मालूम हो कि 22 जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जब प्रदेश के सांसदों की बैठक ले रहे थे, तभी जाट को दिल का दौरा पड़ा। चिकित्सकों के अनुसार जमीन पर गिरने की वजह से जाट के सिर में भी चोट आई। चूंकि एम्बुलैंस के आने में भी विलम्ब हुआ, इसलिए जाट का बे्रन डेमेज होता चला गया। ब्रेन के डेमेज होने की वजह से ही जाट की बेहोशी नहीं टूट रही। 
एस.पी.मित्तल) (27-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2828
पुलिस की सख्ती से अजमेर में शरीफ शराबियों की शामत। 
थोड़ा रहम करें टाइगर साहब।
=============
वैसे तो मैं शराब को एक सामाजिक बुराई मानता हंू और मेरी सहानुभूति कभी भी शराब पीने वालों के साथ नहीं होती। मैंने शराब की वजह से अच्छे-अच्छे घर बर्बाद होते देखे हैं। मैं उन माता-पिता की पीड़ाओं से अवगत हंू, जिनका जवान बेटा शराब पीता है। पुलिस शराब पीने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करे इसका मैं पक्षधर हंू। मेरा यह भी मानना है कि शराब की वजह से अपराध भी बढ़ते हैं तथा शराब पी कर वाहन चलाने से दुर्घटनाएं भी होती हैं। पुलिस यदि शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करती है तो यह स्वागत योग्य है। लेकिन यदि इसकी आड़ में बेकसूर लोगों को पुलिस परेशान करें तो इसे उचित भी नहीं माना जाएगा। मैं उन शरीफ शराबियों की बात कर रहा हंू जो अपने ड्राइवर के साथ वाहन में बेठे होते हैं। कायदे से पुलिस को शराबी वाहन चालक के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए। लेकिन अजमेर पुलिस कार में सवार सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही कर रही हैं। सवाल उठता है कि जो व्यक्ति कार में बैठा हुआ है, उसके विरुद्ध कार्यवाही क्यों की जा रही है? शराबियों के चक्कर में पुलिस निर्दोष व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्यवाही कर रही है। अजमेर के पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह चौधरी का इतना टेरर है कि पुलिस सत्तारुढ पार्टी के मंत्रियों तक की नहीं सुन रही है। हाल ही में पुलिस ने मोटर साइकिल पर जा रहे भाजपा के दो कार्यकर्ताओं को गंज पुलिस स्टेशन में धारा 151 में गिरफ्तार किया। इन दोनों कार्यकर्ताओं को पुलिस के चंगुल से छुड़ाने के लिए भाजपा के बड़े से बड़े नेता ने जोर लगा लिया। यहां तक की मंत्री की भी दुहाई दी गई, लेकिन यह दोनों कार्यकर्ता अगले दिन सिटी मजिस्ट्रेट  अरविंद सेंगवा से ही छूट पाए। मंत्री का भी कहना रहा कि जिस वक्त पुलिस ने पकड़ा, तब इन दोनों ने शराब नहीं पी रखी थी। इस मामले में गंभीर बात यह है कि जब भाजपा का वरिष्ठ नेता संबंधित डीएसपी के घर सिफारिश करने पहुंचा तो डीएसपी ने रात के समय घर आने पर नाराजगी दिखाते हुए गंज पुलिस स्टेशन को निर्देश दिए कि भाजपा के इन नेता को भी शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जाए। बाद में यह नेता बड़ी मुश्किल से अपने सम्मान को बचा पाया। जब सत्तारुढ़ पार्टी के नेता ही पुलिस की सख्ती से पीडि़त हैं तो आम लोगों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। पुलिस पकडऩे के बाद कैसा व्यवहार करते हैं, इसकी जानकारी सभी लोगों को है। पुलिस जब भी अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए शक्ति करती हैं तो इससे आम व्यक्ति ही पेरशान होता है। इस समय अजमेर जिले में भाजपा का दबदबा है। लेकिन भाजपा के किसी भी प्रभावशाली नेता में इतनी हिम्मत नहीं कि वह पुलिस की ज्यादती के खिलाफ आवाज उठा सके। अब पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह चौधरी को ही पुलिस के व्यवहार में सुधार करवाने की जिम्मेदारी है। अच्छा हो कि टाइगर साहब अपने खुफिया तंत्र से रात के समय पुलिस स्टेशनों पर होने वाली गतिविधियों की जानकारी लें। 
एस.पी.मित्तल) (27-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Wednesday 26 July 2017

#2827
तो अब मंदिरों की तरह सरकारी स्कूलों में लगेंगी दान पेटियां।
तो क्या इससे सुधार जाएंगे हालात।
========= 
राजस्थान सरकार ने सरकारी स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के लिए स्कूल परिसर में दान पेटियां लगाने का फैसला किया है। यानि जिस प्रकार मंदिरों में दान पेटियां रखी होती हंै, उसी प्रकार सरकारी स्कूलों में भी इधर-उधर दान पेटियां रखी होगी। समझ में नहीं आता कि सरकार के किस अक्लमंद व्यक्ति के दान पेटियां रखवाने का फैसला करवाया है। एक ओर सरकार स्कूलों पर अरबों रुपए खर्च करती है। सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले बच्चों को मुफ्त में भोजन से लेकर पाठ्य पुस्तकें यहां तक की साइकिल, स्कूटी आदि तक दी जा रही है। इसके अतिरिक्त एसएसी, एसटी वर्ग के बच्चों को अनुदान भी दिया जाता है। इतना सब कुछ होने के बाद भी सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बहुत कम है। सरकारी स्कूलों में शिक्षिकों को भी मोटा मासिक वेतन मिलता है। दूसरी ओर प्राइवेट स्कूल हैं, जहां शिक्षिकों मात्र 10 से 15 हजार रुपए का वेतन मिलता है और सरकारी स्कूल के मुकाबले में सुविधाएं भी कम होती है। लेकिन फिर भी सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जाता है। प्राइवेट स्कूल का संचालक इस बात का भरपुर प्रयास करता है कि उसके बच्चे पढाई में होशियार बने, जबकि सरकारी स्कूल में इतनी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के बाद भी बच्चों को पढ़ाई में होशियार बनाने की ओर ध्यान नहीं दिया जाता। सरकारी स्कूलों में आधारभूत सुविधाएं हो, इस पर किसी को ऐतराज नहीं है। लेकिन सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ जाए तो सरकार को दान पेटियां लगाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। सवाल यह भी उठता है कि जो सरकार मिड-डे मिल के नाम पर करोड़ों रुपया खर्च कर रही है वह दान पेटी लगा कर कितने रुपए एकत्रित कर लेगी? सब जानते हैं कि मिड-डे-मिल के नाम पर भी बड़ा घोटाला हो रहा है। सरकार इस घोटालों को ही रोक ले तो उसे दान पेटियां लगाने की जरुरत नहीं होगी। सरकार पहले ही सरकारी स्कूलों के लिए भामाशाह योजना में धनाढ्य लोगों से आर्थिक सहयोग लेती है। इस पर स्कूल परिसर में दान पेटियां लगाना समझ से परे है। 
एस.पी.मित्तल) (26-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2826
इधर कारगिल के शहीदों को नमन तो उधर कारगिल युद्ध करवाने वालों ने कश्मीर बंद करवाया। 
==========
26 जुलाई को देशभर के राष्ट्र पे्रमियों ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए हमारे जवानों को नमन किया तो वहीं कारगिल युद्ध करवाने वालों ने कश्मीर को बंद करवाया। सब जानते हैं कि कारगिल युद्ध में हमारे सैकड़ों जवानों को बलिदान देना पड़ा। तब कहीं जाकर देश की अखंडता बनी रही। यानि देश को बचाने  के लिए हमारे सैनिकों ने सीने पर गोलियां खाईं। लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि कश्मीर में अलगाववादियों के संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने आज कश्मीर को बंद करवाया है। जांच एजेंसियों ने हुर्रियत के कई नेताओं को आतंक के लिए पाकिस्तान से आर्थिक मदद लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों के विरोध में ही कश्मीर को बंद करवाया गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कश्मीर में हालात कैसे हैं? एक ओर जब पूरा देश करगिल के शहीदों को नमन कर रहा है, तो वहीं हुर्रियत ने कश्मीर को बंद करवाया है। साफ जाहिर है कि हुर्रियत के नेता उस पाकिस्तान को मदद कर रहे हैं, जिसनें कारगिल युद्ध में हमारे सैनिकों को नुकसान पहुंचाया है। हुर्रियत के नेताओं के चेहरे पर से अब पूरी तरह नकाब उतर गई है। साफ हो गया है कि हुर्रियत के नेता पाकिस्तान से करोड़ों रुपए लेकर हमारे कश्मीर में आतंकी वारदातें करवाते हैं। इतना ही नहीं जब हमारे सुरक्षा बल आतंकियों से मुकाबला करते हैं। तब कश्मीरी युवाओं को रुपए देकर सुरक्षा बलों पर पत्थर फिकवाते हैं। अब जब हुर्रियत के नेताओं की पोल खुल गई है, तब कश्मीर का माहौल बिगाडऩे के लिए बंद करवाया जा रहा है। इतना ही नहीं हुर्रियत अपने समर्थन से प्रदर्शन भी करवा रहा है। जम्मू-कश्मीर की सरकार को चाहिए की वह हुर्रियत के नेताओं के खिलाफ और व्यापक कर्यवाही करें। 
एस.पी.मित्तल) (26-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2825
बरसात में अजमेर की सड़कों पर चलना मुश्किल। खड्डों के कारण प्रतिदिन हो रही है दुर्घटनाएं।
=====
कहने को तो अजमेर शहर के दोनों भाजपा विधायक स्वतंत्र प्रभार के मंत्री हैं। नगर निगम और अजमेर विकास प्राधिकरण से लेकर जिला परिषद आदि संस्था पर भी भाजपा के नेता विराजमान हैं। लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि बरसात के दिनों में सड़कों पर चलना मुश्किल हो रहा है। खड्डों की वह से रोजाना दुर्घटनाएं हो रही हैं। बरसात में सड़कों की मरम्मत नहीं हो सकती, यह तर्क बेमानी है, क्योंकि गत वर्ष 15 अगस्त को जब अजमेर में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया गया था, तब तेज बरसात में भी खड्डों को भरा गया। तब यह प्रचारित किया गया कि अब बरसात में भी डामर की सड़क बनाने की तकनीक आ गई है। 
बरसात में सड़कों की मरम्मत इसलिए हुई कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समारोह में भाग लेने के लिए अजमेर में थी। यानि प्रशासन के अधिकारी मुख्यमंत्री की मौजूदगी की वजह से बरसात में भी सड़कों की मरम्मत कर सकते हैं। लेकिन बगैर मुख्यमंत्री के लोगों को खड्डे वाली सड़कों पर ही चलना होगा। शहर के प्रमुख बाजारों की सड़कों पर एक-एक फीट के खड्डे हो गए हैं। मंत्री और सरकारी अधिकारी तो बड़े टायरों वाले वाहनों में बैठकर निकल जाते हैं, लेकिन दुपहिया वाहन चालकों को भारी परेशानी होती है। खड्डों की वहज से वरिष्ठ नागरिक तो वाहन ही नहीं चला पा रहे हैं। 
एक ट्रक माल की दरकार:
जानकार सूत्रों के अनुसार शहर भर की सड़कों के खड्डे भरने के लिए मात्र एक ट्रक माल (रोडी-डामर) की जरुरत है। सवाल उठता है कि क्या प्रशासन के पास एक ट्रक सामग्री भी नहीं है? जबकि स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहे हैं। एक ओर अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने का प्रचार हो रहा है तो दूसरी ओर बाहर से आने वालों को भी खड्डा युक्त सड़कों पर चलना पड़ रहा है। 
एस.पी.मित्तल) (26-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Tuesday 25 July 2017

#2824
क्या रामनाथ कोविंद आलीशान राष्ट्रपति भवन में रहते हुए बरसात में टपकने वाले कानपुर के डेरापुर का घर याद रखेंगे? शाही अंदाज में हुआ वेलकम।
============================================
25 जुलाई को रामनाथ कोविंद ने भारत के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली। अब कोविंद विशालकाय राष्ट्रपति भवन में रहेंगे। गत 20 जुलाई को जब कोविंद ने चुनाव जीता, तब यह कहा था कि वे उन लोगों का प्रतिनिधित्व राष्ट्रपति भवन में करेंगे, जिनके मकान की छत बरसात में टपकती है। कोविंद का कहना रहा कि कानपुर जिले के डेरापुर गांव में उनका जो मकान था उसकी छत बरसात में टपकती थी। इसलिए वे और उनके भाई बहन दीवार के सहारे खड़े होकर बरसात बन्द होने का इन्तजार करते थे। अब जब कोविंद अंग्रेजों के जमाने के राष्ट्रपति भवन में रहने के लिए आ गये हैं तो यह सवाल उठा है कि क्या कोविंद को अपना डेरापुर का मकान याद रहेगा? कोविंद ने स्वयं देखा कि किस तरह राष्ट्रपति के तौर पर उनका शाही वेलकम हुआ। कोविंद ने स्वयं देखा कि जब पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को उनके निवास स्थान पर छोडऩे जाना था तब बाहर तेज बरसात आ रही थी। कोविंद और प्रणव दोनों आलीशान कारों में बैठे हुए थे और घुड़सवाल बरसात में भीग रहे थे। इस शाही वेलकम से कोविंद गौरवान्वित हो सकते हैं, लेकिन सवाल उस गरीब व्यक्ति का है जिसके मकान की छत आज भी बरसात में टपकती है। सब जानते हैं कि कोविंद भाजपा उम्मीदवार के तौर पर राष्ट्रपति का चुनाव जीते हैं। अच्छा हो कि कोविंद भाजपा की सरकार से ऐसी योजना बनवाये, जिसके अन्तर्गत गरीबों को पक्के मकान मिल सके। ऐसा ना हो कि कोविंद राष्ट्रपति भवन की चकाचोंध में उस रामनाथ कोविंद को भूल जाए, जिसके मकान की छत बरसात में टपकती थी। कोविंद को यह भी याद रखना चाहिए कि भाजपा ने उन्हें एक दलीत चेहरा मानते हुए अपना उम्मीदवार बनाया था। कोविंद को आम लोगों की उस भावना पर भी खरा उतरना है। कोविंद एक पढ़े-लिखे दलीत व्यक्ति हैं इसलिए उन्हें कानून और भारतीय संविधान की अच्छी तरह जानकारी है। उम्मीद है कि कोविंद एक रबड स्टेम्प के तरह राष्ट्रपति की भूमिका नहीं निभायेंगे। कोविंद को देश की विषम परिस्थितियों को देखते हुए भी राष्ट्रपति की भूमिका निभानी है।
एस.पी.मित्तल (25-07-17)
नोट : फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog :- spmittalblogspot.in M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
=================================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2823
नील गाय और आवारा पशुओं से फसल को बचाने के लिए तारबंदी पर मिलेगा 40 हजार का अनुदान। पुष्कर के विधायक सुरेश रावत के प्रयास रंग लाए। 
============================================
राजस्थान के लघु सीमान्त किसानों को अपने खेत की तारबंदी करने के लिए राज्य सरकार से 40 हजार रुपए तक का अनुदान मिलेगा। सरकार ने इस सम्बन्ध में 21 जुलाई को आदेश जारी कर दिये हैं। पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेश सिंह रावत ने बताया कि खेत की तारबंदी नहीं होने से नील गाय और अन्य आवारा पशु फसल को खराब करते हैं, जिसकी वजह से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है, चूंकि आर्थिक संकट है इसलिए गरीब किसान अपने बूते पर तारबंदी भी नहीं करवा पा रहा है। किसानों की इस समस्या की ओर उन्होंने मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे का ध्यान आकर्षित किया था। मुख्यमंत्री ने मेरे आग्रह को गंभीरता से लेते हुए कृषि विभाग को निर्देश जारी किये। सरकार के फैसले के अनुसार लघु सीमान्त किसान की पात्रता रखने वाले किसान को तारबंदी के लिए अधिकतम 40 हजार रुपए का अनुदान दिया जायेगा। किसान अब सरपंच और पटवारी की अनुशंसा के माध्यम से कृषि पर्यवेक्षक से सम्पर्क कर सरकार की इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। रावत ने इसके लिए मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे का आभार जताया है। रावत ने पुष्कर सहित प्रदेश भर के किसानों से इस योजना का लाभ उठाने की अपील की है।
एस.पी.मित्तल (25-07-17)
नोट : फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog :- spmittalblogspot.in M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
=================================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Monday 24 July 2017

#2822
अजमेर के सांसद सांवरलाल जाट को हर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। भूपेन्द्र यादव स्वयं रखे हुए हैं नजर। हालत स्थिर।
=========== 
अजमेर से जुड़े और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव ने कहा है कि जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती अजमेर के सांसद सांवरलाल जाट के ईलाज पर स्वयं उनकी नजर लगी हुई है। जाट को हर चिकित्सा सुवधिा उपलब्ध करवाई जाएगी। जयपुर और दिल्ली स्थित एम्स के बड़े डॉक्टर बार-बार जाट के स्वास्थ्य का परीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने माना कि ब्रेन में डेमेज होने के कारण जाट की हालत नाजुक है, लेकिन राज्य और केन्द्र की भाजपा सरकार चिकित्सा उपलब्ध करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सरकार जाट के स्वास्थ्य को लेकर कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे स्वयं दो बार अस्पताल जाकर जाट के स्वास्थ्य की जानकारी ले चुकी हैं। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यक्रमों, संसद की विभिन्न समिति की बैठकों, उप राष्ट्रपति के चुनाव की व्यस्तता के बाद भी वे जाट के स्वास्थ्य की जानकारी लगातार ले रहे हैं। जाट भाजपा के सांसद ही नहीं, बल्कि अजमेर जिले के लोकप्रिय नेता हैं। लाखों लोगों की भावनाएं जाट के स्वास्थ्य के साथ जुड़ी हुई हैं। चूंकि वे स्वयं भी अजमेर के ही हैं, इसलिए जाट के साथ उनका विशेष लगाव है। उन्होंने स्वयं भी जाट का ईलाज कर रहे चिकित्सकों से संवाद किया है। उन्हें पूरा भरोसा है कि जाट शीघ्र स्वस्थ होकर किसानों की भलाई का काम करेंगे। मालूम हो कि जाट राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष भी हैं। 
हालत स्थिर :
दूसरी ओर अस्पताल के अधीक्षक जीएस मीणा ने बताया कि जाट की हालत अभी स्थिर बनी हुई है। दो दिन की बेहोशी के बाद 24 जुलाई को जाट ने अपनी आंखों को हिलाया। आज जाट का सिटी स्कैन और डायलिसिस भी किया गया। मालूम हो 22 जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की बैठक में ही जाट को दिल का दौरा पड़ा था। जाट तभी से ही बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।  
एस.पी.मित्तल) (24-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2821
आखिर पुष्कर तीर्थ में श्रद्धालुओं से क्यों वसूला जाता है टैक्स? मेयर पुत्र विवाद की जानकारी ठेकेदार को नहीं।
==========
इस समय राजस्थान और केन्द्र में भाजपा की सरकार है। अभी 21 जुलाई को ही जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जयपुर आए तो प्रदेश भर के साधु-संतों को एकत्रित कर आशीर्वाद लिया। सीएम वसुंधरा राजे इन दिनों सावन माह के प्रत्येक सोमवार को प्रदेश के प्रमुख शिव मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान करवा रही हैं। राजे स्वयं विभिन्न मंदिरों में जाकर पूजा-पाठ करती हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर हिन्दुओं के तीर्थ स्थल पुष्कर में श्रद्धालुओं से टैक्स की वसूली क्यों की जा रही है? श्रद्धालुओं से टैक्स की वसूली के लिए पुष्कर नगर पालिका प्रतिवर्ष टेंडर आमंत्रित करती है। वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए भी 56 लाख 57 हजार रुपए में ठेका दे रखा है। जब ठेकेदार पालिका में 56 लाख रुपए जमा करवाता है तो श्रद्धालुओं से वसूली का अंदाजा लगाया जा सकता है। सरकार के दिशा-निर्देंशों के अनुरूप वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं से 2 रुपए प्रति श्रद्धालु तथा कार आदि वाहन का 10 रुपए शुल्क निर्धारित कर रखा है। यह माना कि पालिका की आय का मुख्य स्त्रोत श्रद्धालुओं से टैक्स वसूली है। सवाल उठता है कि जब भाजपा की सरकार साधु-संतों से आशीर्वाद लेती है तो फिर पुष्कर जैसे तीर्थ स्थल पर टैक्स की वसूली क्यों होती है? जो साधु-संत सरकारी बुलावे पर नेताओं को आशीर्वाद देने के लिए जाते हैं, उनकी भी यह जिम्मेदारी है कि वे सरकार पर दबाव डाल कर पुष्कर तीर्थ से टैक्स वसूली को बंद करवावें। पालिका को होने वाले राजस्व के घाटे की पूर्ति सरकार को करनी चाहिए। 
ठेकेदार को नहीं है जानकारी :
23 जुलाई को अजमेर नगर निगम के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत के पुत्रों के साथ पुष्कर के नाके पर जो मारपीट की घटना हुई, उसकी जानकारी पुष्कर नगर पालिका के ठेकेदार रविन्द्र पंडित को नहीं है। महाराष्ट्र निवासी रविन्द्र पंडित से जब विवाद के बारे में जानकारी ली गई तो उसने साफ कहा कि मुझे तो झगड़े के बारे में पता ही नहीं है। वहीं पुष्कर में ठेकेदार के मैनेजर के तौर पर काम कर रहे रवि पाराशर ने कहा कि अब मामला समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि नाके के कर्मचारी को हिदायत दे रखी है कि अजमेर नंबर वाले वाहनों से टैक्स की वसूली नहीं की जाए। पाराशर ने मेयर गहलोत के पुत्रों के साथ हुई घटना पर खेद प्रकट किया है। वे स्वयं भी भाजपा के कार्यकर्ता हैं और गहलोत का बेहद सम्मान करते हैं। 
एस.पी.मित्तल) (24-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2820
आखिर पीएम मोदी को अचानक क्यों लेनी पड़ी राजस्थान के भाजपा सांसदों की बैठक? अमित शाह भी तो तीन दिन से राजस्थान में ही थे।
=============
24 जुलाई को दिल्ली में संसद भवन के परिसर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान के लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों की बैठक ली। इस बैठक में मोदी ने सांसदों से सरल स्वभाव का बनकर जनता के बीच जाने का आह्वान किया। भाजपा के सांसदों की बैठक होना पार्टी का आन्तरिक मामला है, लेकिन जिस तरह प्रधानमंत्री ने अचानक बैठक ली, इसको लेकर प्रदेश की राजनीति में हलचल हो गई। सब जानते हैं कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 23 जुलाई को ही तीन दिवसीय जयपुर दौरा पूरा कर दिल्ली पहुंचे थे। इन तीन दिनों में शाह ने अनेक बैठकें कर प्रदेश की भाजपा सरकार और संगठन की स्थिति को जांचा। शाह ने भी सांसदों और विधायकों की बैठक ली थी। सवाल उठता है कि जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं विधायकों और सांसदों आदि की बैठक ले रहे थे, तब अगले ही दिन प्रधानमंत्री को बैठक लेने की क्या जरूरत पड़ गई? क्या अमित शाह की रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री को बैठक लेने की जरूरत हुई? आखिर अमित शाह ने अपने तीन दिवसीय राजस्थान दौरे के बारे में प्रधानमंत्री को ऐसा क्या बता दिया? भाजपा के सांसद अमित शाह की मैराथन की दौड़ की थकावट से उभरे भी नहीं थे कि 24 जुलाई को सुबह 10 बजे ही प्रधानमंत्री की बैठक में सांसदों को उपस्थित होना पड़ा। हालांकि सभी सांसदों ने मोदी की बैठक को ऊर्जावान बताया है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में राजस्थान की राजनीति के संदर्भ में बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 
एस.पी.मित्तल) (24-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2819
चीन, पाकिस्तान और कांग्रेस पर मोदी सरकार का एक साथ वार। आखिर कौन खराब कर रहा है देश के हालात।
============ 
24 जुलाई का दिन ऐसा रहा, जब केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने दुश्मन देश चीन और पाकिस्तान के साथ-साथ कांग्रेस पर भी जोरदार वार किया। लोकसभा में कथित गौ रक्षकों की गुंडागर्दी को लेकर कांग्रेस के सांसदों ने कागज के टुकड़े अध्यक्ष सुमित्रा महाजन पर फैंके तो सरकार के प्रस्ताव पर कांग्रेस के 5 सांसदों को 5 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया। अध्यक्ष ने कहा कि माफी मांगने पर ही निलंबन वापस होगा। असल में कथित गौ रक्षकों की गुंडागर्दी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी राज्य सरकारों को सख्त कार्यवाही करने की हिदायत दी है। कानून व्यवस्था का जिम्मा राज्यों का होने के बाद भी कांग्रेस के सांसद लोकसभा में लगातार हंगामा करते रहे। जब हंगामा बर्दाश्त से बाहर हो गया तो अध्यक्ष ने कांग्रेस के हुड़दंगी सांसद गौरव गोगाई, रंजीता रंजन, अधीर रंजन, सुमिता देव और एक अन्य को निलंबित कर दिया। हालांकि लोकसभा को भी स्थगित करना पड़ा, लेकिन लंबे अरसे बाद यह पहला अवसर रहा जब सरकार के प्रस्ताव पर कांग्रेस के सांसदों के खिलाफ इतनी प्रभावी कार्यवाही की गई है। कांग्रेस कथित गौ रक्षकों के द्वारा पिटाई का मामला तो संसद में उठा रही है, लेकिन पश्चिम बंगाल और केरल में जिस तरह निर्दोंष हिन्दुओं को मारा जा रहा है, उस पर कोई विरोध नहीं करती। 
चीन पर सुषमा भारी : 
24 जुलाई को राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने साफ कहा कि यदि सिक्कम के डोकलाम क्षेत्र में चीनी सेना नहीं हटती हैं तो भारत के सैनिक भी मौके पर खड़े रहेंगे। सुषमा ने आज यह बात तब कही जब एक दिन पहले ही चीन ने दोबारा से युद्ध की धमकी दी है। सुषमा ने साफ कर दिया है कि भारत अब चीन से युद्ध करने में पीछे नहीं रहेगा। यदि चीन ने डोकलाम क्षेत्र में सैनिक कार्यवाही की तो भारत उसका मुंह तोड़ जवाब देगा। भारत और चीन के संबंधों के इतिहास में यह पहला अवसर है जब भारत ने चीन को इस तरह का जवाब दिया है। 
हुर्रियत के 7 नेता गिरफ्तार : 
24 जुलाई को ही पाकिस्तान पर वार करते हुए कश्मीर में हुर्रियत के 7 नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि पाकिस्तान से हवाला के जरिए धनराशि लेकर हुर्रियत के नेता कश्मीर में आतंकी वारदातें करवाते हैं। यहां तक की सुरक्षा बलों पर पत्थर फैंकने के लिए कश्मीरी युवकों को पैसे भी देते हैं। हुर्रियत के जिन नेताओं को गिरफ्तार किया गया है, उनमें एजाज अकबर, अलताफ, फन्टूस, नईम बट्ट, मेहराज कंवल बिटा कराटे, पीर सेफुउल्ला, शहीद अल इस्लाम आदि शामिल हैं। 
आखिर कौन बिगाड़ रहा है हालात : 
एक ओर जब दुश्मन देश चीन और पाकिस्तान से युद्ध का खतरा बना हुआ है तब संसद में कथित गौ रक्षकों के मुद्दे पर कांग्रेस हंगामा कर रही है। सवाल उठता है कि आखिर देश का माहौल कौन खराब कर रहा है? जब कभी किसी देश को अन्य बाहरी देश से खतरा होता है तो संबंधित देश के नागरिक एकजुट होकर अपने देश की सुरक्षा में लग जाते हैं, लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि जब भारत को एक नहीं दो-दो दुश्मन देशों से खतरा है तब देश में हालात बिगाडऩे के काम राजनीतिक दलों के द्वारा किए जा रहे हैं। हालात बिगाडऩे वालों को यह समझना चाहिए कि पाकिस्तान को मदद करने के लिए ही चीन ने सिक्कम के डोकलाम में तनाव के हालात उत्पन्न किए हैं। 
एस.पी.मित्तल) (24-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Sunday 23 July 2017

#2818
अमित शाह ने भी कहा सांसद-विधायक अहंकार छोड़ें। संगठन से ही मिलती है सत्ता। 
=======================
21 जुलाई को जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का तीन दिवसीय जयपुर दौरा शुरू हुआ था, तब मैंने अपने ब्लॉग संख्या 2810 में यह लिखा था कि अमित शाह अपने दौरे में भाजपा के सांसदों, मंत्रियों और विधायकों को विनम्र बनने की सीख दें। क्योंकि वर्तमान में भाजपा के जनप्रतिनिधि सत्ता के नशे में डुबे हैं। मैं यह दावा नहीं करता कि अमित शाह ने मेरा ब्लॉग पढ़कर ही अपने सांसदों और विधायकों को कोई सीख दी है। शाह ने अपने दौरे के अंतिम दिन 23 जुलाई को सांसदों और विधायकों से दो टूक शब्दों में कहा कि अहंकार छोड़कर आम भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम करें। शाह ने कहा कि कार्यकर्ता से संगठन मजबूत होता है और संगठन से ही सत्ता मिलती है। यदि सत्ता में आने के बाद सांसद और विधायक घमंडी हो जाएंगे तो सत्ता चली भी जाएगी। उन्होंने सांसदों और विधायकों को सलाह दी कि वे अपने कोष की राशि को भाजपा के आम कार्यकर्ता से पूछकर खर्च करें। कार्यकर्ता को यह पता होना चाहिए कि उसके विधायक और सांसद ने किस स्थान पर विकास कार्य करवाया है। उन्होंने कहा कि विधायक और सांसद जितने विनम्र होंगे,उतना ही लाभ संगठन को मिलेगा। विधायक और सांसद ही जनता के बीच पार्टी का चेहरा होता है। यदि हमारा चेहरा सरल और विनम्र होगा तो इसका फायदा चुनाव में भी मिलेगा। अब देखते हैं कि अमित शाह की सीख का राजस्थान में भाजपा के सांसदों और विधायकों पर कितना असर होता है। इस समय राजस्थान में सभी 25 लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा के सांसद और 200 में से 161 विधायक भाजपा के ही हैं। आम शिकायत है कि भाजपा के सांसद, विधायक और मंत्री न केवल घमंडी है बल्कि दुव्र्यवहार भी करते हैं। सांसदों और विधायकों के व्यवहार से ही भाजपा की छवि खराब हो रही है
एस.पी.मित्तल) (23-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2817
अजमेर के सांसद सांवरलाल जाट की हालत नाजुक। एयर एम्बुलेंस से भी नहीं ले जाया जा सकता एम्स। 
=======================
अजमेर के सांसद और राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष सांवरलाल जाट की हालत 23 जुलाई को भी नाजुक बनी रही। जाट इस समय जयपुर के एसएमएस अस्पताल में वैंटिलेटर पर हैं। जाट को जयपुर से दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शिफ्ट करने के लिए एम्स के न्यूरो फिजिशियन डॉ. विनय गोयल को जयपुर बुलाया गया। डॉ. गोयल ने जाट के स्वास्थ्य परीक्षण के बाद कहा कि एयर एम्बुलेंस से भी जाट को जयपुर से दिल्ली नहीं ले जा सकता हैं। डॉ. गोयल का मानना रहा कि जाट के ब्रेन में भारी डेमेज हुआ है। इसलिए 36 घंटे बाद भी बेहोशी नहीं टूटी है। जाट को वैंटिलेटर से उठाना भी जोखिम भरा होगा। डॉ. गोयल की सलाह पर अब एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वीके बहल को जयपुर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए स्टेट प्लेन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। जाट के परिजन चाहते हैं कि बेहतर ईलाज के लिए उन्हें दिल्ली ले जाया जाए। जाट की नाजुक हालत को देखते हुए भाजपा के बड़े नेताओं का एसएमएस अस्पताल में तांता लगा हुआ है। अजमेर जिले से भी बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता जयपुर पहुंच रहे हैं। हालांकि सरकार जाट के ईलाज में कोई कसर नहीं छोड़ रही है, लेकिन फिर भी जाट के समर्थक और बेहतर ईलाज की मांग कर रहे हैं। मालूम हो कि 22 जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की बैठक में ही जाट को दिल का दौरा पड़ा था। 
एस.पी.मित्तल) (23-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2816
अजमेर के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत के पुत्रों के साथ पुष्कर के चुंगी नाके पर मारपीट। 
=======================
23 जुलाई को जब अजमेर के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत के पुत्र विनीत और रणित अजमेर से पुष्कर जा रहे थे कि तभी पुष्कर के टोल नाके पर कर्मचारियों से विवाद हो गया। विवाद इतना बड़ा कि कर्मचारियों ने विनीत और रणित के साथ मारपीट भी की। दोनों का कहना है कि हम नाके पर चुंगी की राशि देने को तैयार थे, लेकिन कर्मचारी रसीद नहीं दे रहे थे। रसीद मांगने पर ही मारपीट की गई। हालांकि हमने अपने पिता धर्मेन्द्र गहलोत का भी हवाला दिया, लेकिन नाके के कर्मचारियों पर कोई असर नहीं हुआ। घटना की जानकारी मिलने ही भाजपा के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में चुंगी नाके पर पहुंच गए, लेकिन तब तक मारपीट करने वाले कर्मचारी नाके से भाग चुके थे। हंगामे को देखते हुए पुलिस भी मौके पर आ गई। बाद में विनीत और रणित ने पुष्कर के पुलिस स्टेशन पर जाकर कर्मचारियों की मौखिक शिकायत की। पुलिस अब इस मामले में आवश्यक कार्यवाही कर रही है। जिस समय मारपीट की घटना हुई, उस समय मेयर धर्मेन्द्र गहलोत जयपुर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की बैठक में उपस्थित थे। भाजपा के नेताओं ने पुष्कर के चुंगी नाके के कर्मचारी के व्यवहार को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए पुष्कर नगर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक से सख्त कार्यवाही करने की मांग की है। 
एस.पी.मित्तल) (23-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2815
अमित शाह के सामने आम कार्यकर्ता नजर आईं सीएम वसुंधरा राजे। कहीं नहीं दिखा विरोध।
=======================
23 जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का तीन दिवसीय जयपुर दौरा पूरा हो गया। इन तीन दिनों में शाह ने राजस्थान में भाजपा की सरकार और संगठन की विस्तृत जानकारी ली। अमित शाह का जयपुर दौरा कितने दबदबे वाला था, इसका अंजादा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे स्वयं एक आम कार्यकर्ता के तौर पर नजर आई। शाह के तीनों दिनों के सभी कार्यक्रमों की कमान राजे ने स्वयं संभाल रखी थी। राजे के पास हर घटना का अपडेट था। राजे अमित शाह के सामने एक आम कार्यकर्ता ही रही, इसका सबसे बड़ा उदाहरण 23 जुलाई को जयपुर के सुशीलपुरा में दलित रमेश पंचारिया के कच्चे-पक्के मकान में देखने को मिला। शाह के साथ भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव, भाजपा के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी आदि भी दलित के घर भोजन कर रहे थे। लेकिन पहचान पत्र सिर्फ सीएम वसुंधरा राजे के गले में ही था। शाह के सभी कार्यक्रमों के लिए छोटे-बड़े सभी कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र दिया गया था। यानि शाह के साथ भोजन करते वक्त भी राजे ने अपनी पहचान कार्यकर्ता के तौर पर ही बनाए रखी। इसी प्रकार 22 जुलाई को जब सांसद सांवरलाल जाट को शाह की उपस्थिति में दिल का दौरा पड़ा तो सबसे पहले राजे बैठक से बाहर आईं और एम्बुलेंस लाने के लिए दौड़ पड़ीं। एम्बुलेंस के आने में विलंब होने पर राजे ने खुले तौर पर नाराजगी भी जताई। राजे तत्काल एसएमएस अस्पताल भी पहुंच गई। राजस्थान के जो भाजपा नेता और मंत्री, वसुंधरा राजे के मिजाज से वाकिफ हैं, उन्होंने भी यह महसूस किया कि इन तीन दिनों में वसुंधरा राजे का व्यवहार बेहद ही सहज और साधारण बना रहा। वसुंधरा राजे के लिए यह भी सफलता रही कि किसी भी बैठक में अमित शाह के सामने विरोध नहीं हुआ। हालांकि सरकार और संगठन में राजे का पहले ही एक छत्र शासन है, लेकिन फिर भी किसी भी नेता ने ऐसी बात नहीं कही, जो राजे के खिलाफ जाती हो। घनश्याम तिवाड़ी, नरपत सिंह राजवी जैसे नेताओं के विरोध का भी कोई पता नहीं चला। ज्ञानदेव आहूजा जैसे असन्तुष्ट विधायक अपने बोलने से ही शाह के सामने निपट गए। यही वजह रही कि अमित शाह ने वसुंधरा राजे की प्रशंसा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जानकार सूत्रों के अनुसार राजे ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी की जमकर तारीफ की। राजे ने अमित शाह से कहा कि परनामी के नेतृत्व में प्रदेश भर में संगठन एकजुट हैं। 
एस.पी.मित्तल) (23-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Saturday 22 July 2017

#2814
इसलिए तो सत्ता का हलवा खाने से वंचित रहे सांसद सांवरलाल जाट। 
इस बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में पड़ा दिल का दौरा।
=========== 
22 जुलाई को जयपुर में जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह राजस्थान की भाजपा सरकार और संगठन के कामकाज का जायजा ले रहे थे कि तभी सभागार में मौजूद अजमेर के भाजपा सांसद सांवरलाल जाट को दिल का दौरा पड़ा। बेहोश जाट को तत्काल एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। जाट की सांस टूटे नहीं, इसलिए अस्पताल में उनकी छाती को जोर-जोर से दबाया गया। दिल के दौरे की गंभीरता को देखते हुए  मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी अस्पताल पहुंचीं। इलाज से निश्चित होने के बाद ही मुख्यमंत्री वापस भाजपा के प्रदेश कार्यालय में आईं। चिकित्सकों का कहना है कि अब जाट की स्थिति खतरे से बाहर है। लेकिन चिकित्सकों ने जाट को पूरी तरह आराम करने की सलाह दी है। जाट को अभी भी वेंटिलेटर पर रखा गया है। शाम को अमितशाह भी जाट की कुशलक्षेम जानने के लिए अस्पताल पहुंचे। शाह ने भी जाट को भरोसा दिलाया कि पूरी पार्टी उनके साथ खड़ी है। शाह ने जाट से कहा कि वे अपने दिमाग में कोई तनाव नहीं रखें। 
पहले भी बिगड़ी है तबीयत:
22 जुलाई को ऐसा पहली बार नहीं हुआ, जब  अचानक सांसद जाट को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। इससे पहले भी कई बार विपरित परिस्थितियों में जाट को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जाट जब केन्द्र मं जल संसाधन राज्यमंत्री थे, तभी भी कई बार जाट को अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया। जाट के स्वास्थ की वजह से ही उन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल से त्याग पत्र देना पड़ा था। इसे एक संयोग ही कहा जाएगा कि गत वर्ष जाट ने दिल्ली में अमित शाह के निवास पर जाकर ही अपना त्याग पत्र दिया था। हालांकि केन्द्रीय मंत्रिमंडल से हटने के बाद जाट को राजस्थान किसान आयोग का अध्यक्ष बना कर मंत्री स्तर की सुविधाएं दी गई। 
सत्ता का हलवा:
गत वर्ष जब जाट ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया, तब जाट ने राजस्थान पत्रिका को एक इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में जाट ने कहा कि मैं तो हलवा खाना बहुत चाहता हंू, लेकिन खाऊ कैसे? जाट का कहना रहा कि मैं तो केन्द्र मं मंत्री बना रहना चाहता था, लेकिन स्वास्थ खराब होने की वजह से इस्तीफा देना पड़ा है। इसमें कोई दो राय नहीं कि सांवरलाल जाट भाजपा में एक दमदार राजनेता हैं। जाट का रुतबा जाट समुदाय में ही नहीं बल्कि अन्य जातियों में भी है। अजमेर में जाट की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने गत लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट को कोई एक लाख मतों से हराया। यह बात अलग है कि बाद में जाट के नसीराबाद विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार श्रीमती सरिता गैना को हार का सामना पड़ा। जाट राजनीति के पुराने खिलाड़ी रहे हैं। स्वर्गीय भैरोसिंह शेखावत की सरकार को बचाने के लिए अपने लोकदल में दो फाड़ करवाए, लेकिन इसके बाद से जाट भाजपा के साथ ही है। 
बेटा भी है सक्रिय:
सांवरलाल जाट के प्रतिकूल स्वास्थ की वजह से उनके पुत्र रामस्वरूप लाम्बा भी पिछले कुछ वर्ष से राजनीति में सक्रिय हैं। नसीराबाद के उपचुनाव में जाट ने लाम्बा को टिकट दिलवाने का प्रयास भी किया था। लाम्बा को ही जाट की राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी मना जा रहा है। 
एस.पी.मित्तल) (22-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2813
राजस्थान में न्यायिक कर्मचारियों की हड़ताल से अनेकों को बेवजह जेल जाना पड़ रहा है। 
=============
शेट्टी आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं करने के विरोध में राजस्थान के न्यायिक कर्मचारी 20 जुलाई से हड़ताल पर हैं। 22 जुलाई को लगातार तीसरा दिन रहा, जब प्रदेशभर की अधिकांश अदालतों के ताले भी नहीं खुले। चंूकि चपरासी से लेकर रीडर तक हड़ताल पर हैं, इसलिए न्यायिक कार्य पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है। इसका खामियाजा उन मुल्जिमों को उठाना पड़ रहा है, जिनकी जमानत संबंधित अदालत में हो सकती है। सब जानते हैं कि पुलिस जिन आरोपियों को गिरफ्तार करती है उनमें से कुछ की जमानत थाने पर ही तथा कुछ की जमानत अदालत से हो जाती है। संगीन धाराओं वाले आरोपियों को ही जेल भेजा जाता है, लेकिन हड़ताल की वजह से अनेक आरोपी बेवजह जेल जा रहे हैं। चूंकि अदालतों में सुनवाई नहीं हो रही है, इसलिए गिरफ्तार आरोपियों को संबंधित अदालत की ओर से सीधे जेल भेजा जा रहा है। अदालतों में पक्षकारों को सामूहिक तौर पर सुनवाई की आगामी तारीख दी जा रही है। चंूकि अभी कोई समझौता वार्ता भी नहीं हो रही, इसलिए हड़ताल के लम्बे चलने की संभावना है। न्यायिक प्रशासन का कहना है कि कर्मचारियों की अधिकांश मांगे राज्य सरकार से संबंधित हैं। 
23 जुलाई को होनी है परीक्षा:
प्रदेशभर में कोई 1500 लिपिक पदों के लिए 23 जुलाई को परीक्षा होनी है। हाईकोर्ट प्रशासन की देखरेख में होने वाली इस परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी भाग ले रहे हैं। हड़ताल की वजह से लिपिक परीक्षा पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस परीक्षा से न्यायिक कर्मचारियों को पहले ही दूर रखा गया है। 
एस.पी.मित्तल) (22-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2812
तो क्या किशनगढ़ का प्रशासन अलवर के यूआईटी अध्यक्ष देवीसिंह शेखावत, कांग्रेस के पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया जैसे प्रभावशाली लोगों के अतिक्रमण हटा पाएगा?
100 करोड़ की भूमि पर से 2 अगस्त तक हटाने हैं अतिक्रमण। 
=========
21 जुलाई को जयपुर स्थित हाईकोर्ट पीठ के न्यायाधीश मनीष भंडारी के समक्ष राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया ने यह लिखकर दिया है कि अजमेर जिले के किशनगढ़ स्थित श्री रघुनाथ मंदिर की करीब 64 बीघा भूमि पर से आगामी 2 अगस्त तक सभी अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे। अतिक्रमण से मुक्त हुई जमीन मंदिर के पुजारी परिवार को सौंप दी जाएगी। न्यायाधीश भंडारी ने मौखिक तौर पर कहा है कि अतिक्रमण हटाने में अब कोई बहाने बाजी नहीं होनी चाहिए। न्यायाधीश भंडारी ने ही 22 अप्रैल 2014 को आदेश देकर मंदिर भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए अजमेर और किशनगढ़ प्रशासन को पाबंद किया था। लेकिन भंडारी के आदेश को कानूनी पेचीदगियों में उलझाए रखा गया। अब एक बार फिर यह सवाल उठा है कि क्या प्रभावशाली लोगों के अतिक्रमण किशनगढ़ का प्रशासन हटा सकता है? अतिक्रमणकारियों की सूची में भाजपा के प्रभावशाली नेता और अलवर यूआईटी के अध्यक्ष देवी सिंह शेखावत, किशनगढ़ के पूर्व कांग्रेसी विधायक नाथूराम सिनोदिया जैसे नाम शामिल हैं। किशनगढ़ के तहसीलदार ने हाईकोर्ट में अतिक्रमणकारियों की जो सूची पेश की है, उसमें शेखावत और सिनोदिया के नाम भी शामिल हैं। मंदिर भूमि पर लगभग 80 से भी ज्यादा लोगों ने मार्बल पत्थर के गोदाम और दुकानें बना रखी हैं। 
गौशाला बनाएंगे-पुजारी:
पुजारी परिवार के सदस्य और तहसील से लेकर हाईकोर्ट तक में मंदिर का पक्ष रखने वाले चन्द्र प्रकाश वैष्णव (लाला भाई) ने बताया कि राज्य सरकार ने भी अतिक्रमणकारियों के भू-रूपांतरण अथवा भूमि नियमन के सभी आवेदन खारिज कर दिए हैं। अब अतिक्रमणकारियों और किशनगढ़ के तहसीलदार अरविंद शर्मा के पास ऐसा कोईबहाना नहीं बचा है, जिसकी वजह से हमारे मंदिर की भूमि पर से अतिक्रमण हटाने को टाला जा सके। अब यदि 2 अगस्त तक हमारी 64 बीघा भूमि पर से अतिक्रमण नहीं हटाए गए तो यह हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना होगी। वैष्णव ने कहा कि हाईकोर्ट ने मंदिर की भूमि को कृषि भूमि माना है। इसलिए हमारा परिवार भी इस भूमि का कोई व्यावसायिक उपयोग नहीं करेगा। हमारे परिवार की इच्छा है कि इस भूमि पर गौशाला खोली जाए। इस गौशाला में बीमार और असहाय गायो को रखा जाएगा। हम श्री रघुनाथ भगवान के मंदिर को भी नया बनाएंगे। अभी हमारा मंदिर जर्जर अवस्था में है। वैष्णव ने बताया कि गत वर्ष जिला कलेक्टर ने अतिक्रमण हटाने के लिए किशनगढ़ के उपखंड अधिकारी को नोडल अधिकारी तथा तहसीलदार को सहायक अधिकारी नियुक्त किया था। लेकिन फिर भी कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई। 
मार्बल कारोबार पर पड़ेगा असर:
किशनगढ़ मार्बल मंडी के बीचों बीच श्री रघुनाथ मंदिर की 64 बीघा भूमि से यदि गोदाम, दुकानें आदि हटाए जाते हैं तो इसका असर मार्बल कारोबार पर पड़ेगा। मंडी के बंद होने से मार्बल उद्योग पहले ही मरा पड़ा है। जीएसटी में 28 प्रतिशत टैक्स लगाने के विरोध में गत 1 जुलाई से किशनगढ़ की मार्बल मंडी बंद पड़ी है। 
ये है अतिक्रमणकारी:
किशनगढ़ के प्रशासन ने हाईकोर्ट में अतिक्रमणकारियों की जो सूची पेश की है उनमें जीबी स्टोनक्स, सिनोदिया मार्बल, बाबा रामदेव मार्बल, गोयल मार्बल, ए क्लास मार्बल, सिद्धेश्वरी मार्बल, सिद्धार्थ मार्बल, बृजमोहन मार्बल, चम्पालाल मार्बल, रमेशचन्द मार्बल, दिनेश मार्बल, रामचन्द्र मार्बल, श्रीओम मार्बल, एम.एम.एन्टरप्राइजेज, गणपति मार्बल, गोविन्द मुन्दड़ा एंड कम्पनी, छाजेड़ आर्म मार्बल, कटनी शिवा इण्डस्ट्रीज, रमेश छापरवाल मार्बल एण्ड सन्स, मीना मार्बल, श्रीनाथ चारभुजा मार्बल, अशोक मार्बल, वेद मार्बल, गुलाब मार्बल, अमित मार्बल, सारदा मार्बल, चैनराज मार्बल, विठ्ठल मार्बल, मार्बल कार्नर, अमृत भोजनालय, जैन भोजनालय, सिद्धी हैण्डीक्राफ्ट, महावीर स्टोनेक्स, कटनी मार्बल, हरीश मार्बल, के टी मार्बल, राघव मार्बल, गोयल स्टोनेक्स, वीर तेजा मार्बल, गुरूदेव मार्बल, शेखावत मार्बल, कोटा स्टोन, राजराजेश्वरी मार्बल, श्री शिवम मार्बल, अमीत मार्बल, महावीर मार्बल, अमित मार्बल, शम्भूनाथ धर्मा मार्बल, महादेव मार्बल, यश मार्बल, रोयला मार्बल्स टी एस, जयश्री मार्बल, खुशी मार्बल एण्ड ग्रेनाइट, कविता मार्बल, रेनू मार्बल, सीता मार्बल, एआरजी मार्बल, रॉयल इण्डिया मार्बल, माहेश्वरी स्टोन, महावीर इलेक्ट्रोनिक ट्रेलर धर्मकांटा, कृष्णा मार्बल, प्रिया मार्बल, अरूण मार्बल, यूएम मार्बल, पंचौली धर्मकांटा, मुदगल मोटर्स, अर्पित मार्बल, कमल इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं।  इस भूमि की कीमत कोई 100 करोड़ रुपए बताई जाती है। 
एस.पी.मित्तल) (22-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Friday 21 July 2017

#2811
आरएएस आशुतोष गुप्ता को जयपुर के जवाहर सर्किल थाने पर बुरी तरह पीटा। शराब कारोबारी हावी रहे पुलिस पर। 
20 जुलाई की रात को जयपुर के जवाहर सर्किल थाने में आरएएस आशुतोष गुप्ता को बुरी तरह पीटा गया। शराब कारोबार से जुड़े दबंग लोगों ने पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में ही गुप्ता की लात घुंसों से पिटाई की। गुप्ता ने कहा भी की वे राजस्थान सरकार के उपमुख्य सचेतक मदन राठौड़ के निजी सहायक हैं, लेकिन दबंगों ने कोई परवाह नहीं की। अब गुप्ता का चलना फिरना भी मुश्किल हो रहा है। गुप्ता की पत्नी श्रीमती प्रिया भार्गव भी आरएएस हैं और वर्तमान में अजमेर स्थित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में विशेषाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। 21 जुलाई को प्रिया भार्गव ने अजमेर रेंज की आईजी मालिनी अग्रवाल को अपने पति की पीड़ा के बारे में बताया। मालिनी अग्रवाल के पति संजय अग्रवाल इस समय जयपुर के पुलिस आयुक्त हैं। प्रिया भार्गव ने जवाहर सर्किल के थानाधिकारी राजेश सोनी पर भी गंभीर आरोप लगाए। प्रिया भार्गव ने पुलिस के इन आरोपों को झूठा बताया कि पार्किंग विवाद में उनके पति ने किसी बुजुर्ग गोपाल लाल शर्मा को लात मारी। पुलिस ने यह भी झूठ कहा कि आशुतोष गुप्ता नशे में थे। प्रिया भार्गव का कहना रहा कि मैं उनकी पत्नी हंू और दावे के साथ कह सकती हंू कि मेरे पति शराब नहीं पीते। यदि कोई अपराध किया है तो पुलिस को कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए थी। आईजी मालिनी अग्रवाल ने भरोसा दिया कि पूरे मामले में न्यायपूर्ण कार्यवाही की जाएगी। श्रीमती अग्रवाल ने जयपुर पुलिस के अधिकारी से भी संवाद किया। प्रिया भार्गव ने आरएएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों से भी मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने अजमेर जिला कलेक्टर गौरव गोयल से भी मदद मांगी है। 
पुलिस थाने में अपने साथ हुए दुव्र्यवहार को लेकर आशुतोष गुप्ता ने एक बयान जारी किया है।  
आज समाचार पत्रों में मेरे विरुद्ध जो भ्रामक एवं षड्यंत्रपूर्वक एक समाचार प्रकाशित किया गया। विगत 1 वर्ष से मैं विशिष्ट सहायक, सरकारी उप मुख्य सचेतक श्री मदन राठौड़ साहब के विशिष्ट सहायक पद पर कार्यरत हूँ। मेरे द्वारा राजकीय आवास ना लिया जाकर मालवीय नगर D ब्लॉक् स्थित एक 1BHK फ्लैट किराए पर लिया था। प्रारम्भ से ही वहां पार्किंग की समस्या थी तथा निरंतर पार्किग को लेकर कहा सुनी चलती रहती थी। मेरी दैनिक दिनचर्या के मुताबिक शाम 7.30 से 9.30 बजे गौरव टावर स्थित गोल्ड जिम में जाकर वर्क आउट करता हूँ। कल जिम के पश्चात  9.30 बजे जब मैं अपने घर पहुंचा तो मकान मालिक के कुछ मेहमान आये हुए थे जिस कारणवश वहाँ पार्किंग उपलब्ध नही थी। कुछ देर विचार करने के उपरांत मेरे घर से 5  7 घर दूर एक खाली स्थान पर मैंने स्वयं का वाहन पार्क किया। गाड़ी से उतरते ही सामने वाले घर से 2 व्यक्ति बाहर आये तथा तुरंत भद्दी गालियाँ एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। मेरे द्वारा प्रतिकार एवम प्रतिरोध करने पर 2 मिनट में उस व्यक्ति ने रिवाल्वर/ कट्टा अपनी गाड़ी से बाहर निकाल कर मुझ पर फायर करने की धमकी दी।  तब तक वहाँ काफी लोग इकट्ठा हो चुके थे। उन सबसे बच कर मैं पुनः अपने वाहन की ओर दौड़ा ....लेकिन 8  10 गुंडों ने मेरी गाड़ी का दरवाज़ा जबरन पकड़ लिया तथा मुझे खींच कर बाहर निकालने लगे। पूरी जान की बाज़ी लगा कर मैं अपने वाहन में बैठ कर घटना स्थल से 1 km दूर चला गया जहाँ से मैंने मेरे बैच मेट श्री योगेश दाधीच IPS  को फोन  लगाया, जो कि डीसीपी पूर्व पर पद स्थापित है तथा उन्हें सम्पूर्ण घटना क्रम से अवगत करवाया। अगले 10 मिनट में जवाहर सर्किल थाने से SHO और ड्राइवर मुझे आते हुए दिखाई दिए। पुलिस के आने के उपरांत मैं थोड़ा आश्वस्त हुआ तथा अपनी गाड़ी के साथ उनके पीछे ही आ गया। यही शायद मेरी सबसे बड़ी भूल थी कि पुलिस संरंक्षण में मैं सुरक्षित हूँ। वहाँ पर उन लोगों ने कम से कम 50 गुंडे एवं असामाजिक तत्व इकट्ठे कर लिए तथा पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में मेरे ऊपर 15 से 20 व्यक्ति टूट पड़े। पुलिस की ओर से मुझे बचाने का मात्र उपक्रम ही किया गया। लगभग 8 से 10 मिनट तक मैंने उन असामाजिक एवम गुंडा तत्वों से लात, घूंसों, से मार खाई तथा निहत्थे उनका मुकाबला किया। पुलिस का ऐसा नग्न स्वरूप 22 वर्ष के सेवाकाल में संभवतः पहली बार देखने को मिला। बड़ी मुश्किल से मैं पुलिस के वाहन से जवाहर सर्किल थाने आया। वहाँ का नज़ारा तथा SHO से लेकर ASI, कांस्टेबल , दीवान आदि का आचरण और भाषा कल्पना से परे थी। मुझसे तू- तड़ाक और गाली गलौच तक पुलिस कर्मियों द्वारा की गई तथा मेरा मोबाइल तथा गाड़ी की चाबी जबरदस्ती अपने कब्जे में ले ली। मुझे कहा गया कि साले अभी तुझे 151 में अंदर करते हैं। थाने में मुझे शुरू  में बैठने तक के लिए नही कहा गया, जब मैं स्वयं एक रिक्त कुर्सी पर बैठा तो मुझे असभ्य एवं अशिष्ट भाषा का प्रयोग करते हुए कुर्सी से उठा दिया गया। SHO द्वारा कहा गया कि साले तेरा breath analyzer से अल्कोहल टेस्ट करवाता हूँ। चूंकि मैं कभी शराब तथा किसी भी अन्य प्रकार का कोई नशा नही करता ..मैंने SHO से कहा कि मुझे कोई आपत्ति नही आप मेरा तुरंत प्रभाव से टेस्ट करवा लें। SHO एवं उनके स्टाफ द्वारा 3 बार मेरा उक्त टेस्ट किया गया जिसमें 0 रीडिंग ही आयी। प्राप्त रिपोर्ट पर मेरे द्वारा हस्ताक्षर एवं समय , दिनांक आदि अंकित कर दी गयी। जब मैंने सम्बद्ध पुलिस कर्मियों से यह कहा कि कानून सब के लिए समान होता है आप उस व्यक्ति का जी पूरी तरह शराब के नशे में चूर था उसका भी अल्कोहल टेस्ट करवाइये। मेरे द्वारा अनेकों बार कहने के उपरांत भी उसका टेस्ट नही करवाया गया तथा अत्यन्त अशिष्ट भाषा  में पुलिस कर्मियों ने यह कहा कि तू हमें कानून मत सिखा। अंत में अनेकों बार कहने के उपरांत SHO द्वारा एक अन्य व्यक्ति का अल्कोहल टेस्ट करवा कर रिपोर्ट 0 दे दी गयी। असल मुजरिम जो शराब के नशे में चूर था तथा जिसने मेरे ऊपर पिस्तौल तानी थी उसका अल्कोहल टेस्ट नही करवाया गया। मालवीयनगर में ही मेरी बड़ी बहिन डॉ सुप्रिया घीया वरिष्ठ  gynecologist हैं तथा उनका घीया अस्पताल स्थित है तथा जीजा CA हैं। समस्त घटना क्रम के सुनते ही वे दोनों भी तुरंत थाने पहुंचे.. जहाँ पुलिस वालों द्वारा उनके साथ भी अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया। रात 12. 30 बजे जयपुरिया अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में नियुक्त चिकित्सकों द्वारा दोनों पक्षों का फौरी तौर पर मेडिकल किया गया..   परंतु मेडिकल जूरिस्ट ना होने के कारण वो समस्त प्रक्रिया आज पूर्ण हुई। मैं इस संदेश के माध्यम से संघ के माननीय अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों से विनम्र निवेदन करता हूँ कि मैं शारीरिक एवं मानसिक रूप से अत्यंत पीड़ित एवं दहशत ज़दा हूँ। कल से मैं अपनी बहिन के घर पर ही हूं तथा प्रतिपक्ष द्वारा किसी भी वारदात को अंजाम दिया जा सकता है। समाचार पत्रों में समस्त मिथ्य एवं भ्रामक समाचारों का भी प्रकाशन किया गया जो कि मेरी सामाजिक एवं कार्यालिक छवि के लिए अत्यंत गंभीर है। मैं मानसिक एवं शारीरिक रूप से अवसाद ग्रस्त हूँ। अगर पुलिस का यह रवैया सुपर टाइम स्केल के अधिकारी के साथ है तो आम फरियादियों की तो सोच कर ही रूह कांप उठती है। मैंने जीवन में कभी मद्यपान अथवा अन्य कोई नशा नही किया तथा अत्यन्त आत्मानुशासित जीवन व्यतीत किया है। अतः मेरी इस उत्पीड़ित अवस्था से संघ स्तर पर यथा योग्य प्रयास किये जायें तथा मेरी जान की सुरक्षा की भी उचित स्तर पर वार्ता कर यथेष्ट किया जाए। हार्दिक धन्यवाद : आशुतोष गुप्ता, विशिष्ट सहायक, सरकारी उप- मुख्य सचेतक, विधान सभा, जयपुर।
एस.पी.मित्तल) (21-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2810
अमित शाह राजस्थान में भाजपा के मंत्रियों एवं विधायकों को विनम्र बनाएं। सत्ता के घमंड में डूबे हैं जनप्रतिनिधि। 
===============
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह 21 जुलाई से तीन दिवसीय जयपुर दौरे पर आ गए हैं। चूंकि राजस्थान में भाजपा की सरकार है, इसलिए सत्ता और संगठन ने शाह का शहंशाह की तरह स्वागत किया। स्वभाविक है कि शाह के सामने मंत्री और विधायक बेहद ही विनम्र नजर आए। शाह कोई थोपे हुए अध्यक्ष नहीं है, शाह को भी यह पता है कि जो दिख रहा है वह हकीकत नहीं है। चूंकि राजस्थान में अगले वर्ष नवम्बर में चुनाव होने हैं, इसलिए अभी से ही तैयारियां शुरू करने की दृष्टि से शाह तीन दिन के दौरे पर आए हैं। शाह अपनी रणनीति के तहत सत्ता और संगठन से जुड़े पदाधिकारी से संवाद कर रहे हैं। अच्छा हो कि प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों को विन्रम बनाने की सीख भी दी जाए। अमितशाह माने या नहीं लेकिन राजस्थान में ऊपर से लेकर नीचे तक का संगठन सत्ता की गोद में बैठा हुआ है। विधायक की मर्जी और दबाव से ही जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष बने हुए हैं। मंत्रियों और विधायकों का व्यवहार अपने निर्वाचन क्षेत्रों में भी जनहित में नहीं है। अव्वल तो मंत्री अपने क्षेत्रों में जाते ही नहीं है और जाते भी हैं तो दो चार लोगों से घीरे रहते हैं।  उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद मंत्री या तो जयपुर के सरकारी बंगले पर आ जाते हैं या फिर सैर सपाटे के लिए निकल जाते हैं। मंत्रियों और विधायकों के व्यवहार से आम व्यक्ति भी दु:खी और परेशान है। इसमें कोई दो राय नहीं कि केन्द्र और राज्य सरकार की अनेक योजनाएं कल्याणकारी हैं, लेकिन इस योजनाओं का लाभ जरुरतमंद तक पहुंचे, इसकी चिंता मंत्रियों और विधायकों को नहीं है। मुख्यमंत्री की भामाशाह योजना में प्राइवेट अस्पतालों में भी गरीब व्यक्ति का इलाज संभव है। लेकिन मंत्री और विधायक इस योजना का लाभ भी गरीबों को नहीं दिलवाते हैं। आम व्यक्ति छोटे-छोटे कामों के लिए सरकारी दफ्तरों के धक्के खाता है, लेकिन विधायक और मंत्री धनाढ्य व्यक्तियों के कामों के लिए ही फोन करते हैं। गरीब व्यक्ति को यूं ही टाल दिया जाता है। यदि तीन दिवसीय दौरे में अमितशाह राजस्थान के मंत्रियों और विधायकों को विनम्र बनाने में कामयाब होते हैं तो उनका दौरा सफल मना जाएगा। 
एस.पी.मित्तल) (21-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2809
दोस्त और दुश्मन को पहचानने की समझ देने के लिए मौलाना महमूद मदनी ने की ख्वाजा साहब की दरगाह में दुआ।
=============
21 जुलाई को ऑल इंडिया जमीयत उलेमा ए हिन्द के प्रमुख और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना महमूद मदनी ने अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में जियारत की। जियारत के बाद मौलाना मदनी ने मुझ से संवाद भी किया। मैं चाहता था कि मौलाना मदनी देश के ज्वलंत मुद्दों पर अपने विचार रखें। लेकिन मौलाना ने मुझ से विन्रमता के साथ कहा कि आज मैं सिर्फ दरगाह में जियारत के लिए आया हंू। इसलिए राजनीतिक मुद्दों पर बात नहीं करुंगा। लेकिन मौलाना ने कहा कि उन्होंने ख्वाजा साहब के दरबार में यह दुआ की है कि हमें दोस्त और दुश्मनों को पहचानने की समझ दें। उन्होंने कहा कि ख्वाजा साहब का दरबार ऐसा है, जहां हर दुआ कबूल होती है। यदि हमें यह समझ आ जाए कि हमारा दोस्त कौन है और दुश्मन कौन, तो फिर अनेक समस्याओं का समाधान हो जाएगा। उन्होंने इसे अफसोसनाक बताया कि विदेशी ताकतों के इशारे पर हमारे देश का माहौल खराब किया जा रहा है। मौलाना ने सूफी परंपरा के अनुरूप ख्वाजा साहब की दरगाह में मखमली व फूलों की चादर पेश की। दरगाह के खादिमों की संस्था सैय्यद जादगान के अध्यक्ष मोईन सरकार ने मदनी को जियारत करवाई और दरगाह का तबर्रुक भेंट किया। इस मौके पर खादिमों की दूसरी संस्था शेख जादगान के सचिव माजिद चिश्ती और गरीब नवाज सूफी मिशन सोसायटी के अध्यक्ष जुल्फीकार चिश्ती ने भी मदनी का इस्तकबाल किया। अजमेर पहुंचने पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े मौलाना अयूब काजमी ने भी मदनी का स्वागत किया। 
एस.पी.मित्तल) (21-07-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)