Wednesday 31 October 2018

अजमेर में अग्रवाल समाज की प्रतिभाओं का सम्मान 17 नवम्बर को।

अजमेर में अग्रवाल समाज की प्रतिभाओं का सम्मान 17 नवम्बर को।
-======

अग्रवाल समाज अजमेर की ओर से 17 नवम्बर को प्रतिभा सम्मान समारोह विजय लक्ष्मी पार्क में आयोजित किया गया है। समाज के अध्यक्ष शैलेन्द्र अग्रवाल और महासचिव  नरेन्द्र बंसल ने बताया कि सायं चार बजे  होने वाले इस समारोह में उन प्रतिभाओं का सम्मान किया जाएगा जो एक नवम्बर 2017 के पश्चात सिविल सेवा, सीए फाइनल, सीएस फाइनल, आईआईटी, आईआईएम, मेडिकल आदि की परीक्षा में सफल हुए हैं। इसी प्रकार जिन विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा में 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त हुए हैं उनका सम्मान भी किया जाएगा। पात्र अभ्यर्थी मोबाइल नम्बर 9414280962 पर शैलेन्द्र अग्रवाल, 8209396954 पर नरेन्द्र बंसल, 9414483062 पर राजेन्द्र अग्रवाल तथा 9530254798 पर प्रवीण अग्रवाल से सम्पर्क कर सकते हैं।
एस.पी.मित्तल) (31-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============
Attachments area

सोनिया के घर पर राहुल के साथ बैठक।

सोनिया के घर पर राहुल के साथ बैठक। 
पर राजस्थान के टिकिट फाइनल नहीं। 
मीडिया की खबरों को ख्वाब बताया।
========

7 दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों को लेकर 31 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस की सुप्रीमो सोनिया गांधी के निवास 10 जनपथ पर केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई। इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलेजा, संगठन महासचिव अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट, प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे आदि ने भाग लिया। बैठक में राहुल गांधी ने दो टूक शब्दों में कहा कि उन्हीं को उम्मीदवार बनाया जाए जो जीतने की स्थिति में हैं। संयुक्त सहमति से उम्मीदवारों का निर्णय होना चाहिए। बैठक में विभिन्न सर्वें और प्रभारी सचिवों की रिपोर्ट पर भी विचार किया गया। कई विधानसभा क्षेत्रों में गहलोत और पायलट ने अपनी राय दी। बैठक के बाद कुमारी शैलेजा ने कहा कि आज की बैठक में एक भी नाम पर निर्णय नहीं हुआ है। ऐसी बैठक आने वाले दिनों में दो तीन होंगी, तब निर्णय हो सकेगा। मीडिया में जो नाम चल रहे हैं वे मीडिया का ख्वाब है। उन्होंने कहा कि मैं स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष हंू और यह बात कह रही हंू कि अभी कोई नाम फाइनल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि आज की बैठक महत्वपूर्ण रही।
दावेदारों का जमावड़ाः
29 और 30 अक्टूबर को गहलोत, पायलट आदि बड़े नेताओं की उपस्थिति में उम्मीदवारों पर मंथन हुआ। इसलिए प्रदेश भर के दावेदार दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे। 31 अक्टूबर की सुबह जैसे ही यह जानकारी मिली कि सोनिया गांधी के निवास पर केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी तो सैकड़ों दावेदार सोनिया के घर के बाहर एकत्रित हो गए। हालांकि ऐसे दावेदारों की मुलाकात पायलट और गहलोत से नहीं हो रही है। लेकिन फिर भी दावेदार दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। 31 अक्टूबर की बैठक में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अहमद पटेल भी उपस्थित रहे। 
दो बार हार का फार्मूला नहींः
जानकार सूत्रों के अनुसार कांगे्रस की बैठक में दो बार लगातार हारने वाले नेता को उम्मीदवार नहीं बनाए जाने का मामला भी उठा, लेकिन इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ। पूर्व में कहा जा राहा था कि जो नेता दो बार लगातार हार चुका है उसे उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा। 
एस.पी.मित्तल) (31-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

सीएम राजे पहुंची ओम माथुर के घर।



सीएम राजे पहुंची ओम माथुर के घर। 
माथुर ने कहा-कुछ सीटों पर विवाद।
अब दिल्ली में मंथन।
=====

7 दिसम्बर को होने वाले चुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवारों को तय करने के लिए 31 अक्टूबर से दिल्ली में मंथन शुरू हो गया है। राजस्थान के चुनाव प्रभारी और केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के आवास पर सीएम वसुंधरा राजे गजेन्द्र सिंह शेखावत जैसे बड़े नेताओं ने उपस्थिति दर्ज करवाई। पिछले दिनों जयपुर में उम्मीदवारों को लेकर जो विचार विमर्श हुआ उसी पर अब दिल्ली में उच्च स्तर पर मंथन हो रहा है। माना जा रहा है कि एक दो दिन में ही राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह के साथ बैठक होगी। 
सीएम राजे माथुर के घरः
दिल्ली रवाना होने से पहले सीएम राजे जयपुर में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ओम प्रकाश माथुर के घर पर गईं। माथुर से मुलाकात करने के बाद ही सीएम राजे दिल्ली के लिए रवाना हुई। इस मुलाकात के बाद माथुर ने कहा कि अभी किसी भी सीट पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। लेकिन कुछ सीटों पर विवाद है जिन्हें आपस में बैठ कर सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी उम्मीदवार को लेकर बड़े नेताओं में कोई मतभेद नहीं है। सभी का प्रयास है कि जिताऊ को उम्मीदवार बनाया जाए। कितने विधायकों के टिकिट कटेंगे तथा 75 वर्ष से अधिक उम्र वाले को उम्मीदवार न बनाया जाए जैसे विषयों पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। सभी का प्रयास है कि वसुंधरा राजे के नेतृत्व में दोबारा से भाजपा की सरकार बने। 
एस.पी.मित्तल) (31-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

अजमेर में बड़ा आवासीय परिसर सीज।

अजमेर में बड़ा आवासीय परिसर सीज। अवैध निर्माणकर्ताओं में खलबली।
======


31 अक्टूबर को नगर निगम ने बड़ी कार्यवाही करते हुए अजमेर के गुलाबबाड़ी क्षेत्र के दानमल माथुर मार्ग स्थित एक बड़े आवासीय परिसर को सीज कर दिया। निगम के आयुक्त हिमांशु गुप्ता (आईएएस) ने मोहनलाल महावर इस आवासीय परिसर में धड़ेल्ले से व्यवसायिक गतिविधियां कर रहा है। यहां होस्टल के साथ-साथ कोचिंग सेंटर तथा ब्यूटीपार्लर तक चल रहा था। निगम की इस कार्यवाही से शहर भर में खलबली मच गई है,क्योंकि अधिकांश स्थानों पर आवासीय परिसर में व्यवसायिक गतिविधियां हो रही हैं। जानकारी के अनुसार इन दिनों शहर की प्रमुख सड़कों के किनारे आवासीय नक्शों पर काॅमर्शियल निर्माण हो रहे हैं। ऐसे निर्माणकर्ताओं के बारे में भी जानकारी एकत्रित की गई है। हो सकता है कि कुछ दिनों में ऐसे अवैध निर्माणों पर भी सीज की कार्यवाही की जाए। 
एस.पी.मित्तल) (31-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

सरदार पटेल का कद जवाहर लाल नेहरू से भी बड़ा करने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी।

सरदार पटेल का कद जवाहर लाल नेहरू से भी बड़ा करने में प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। चुनावी मौसम में अब 26 नवम्बर को संविधान दिवस पर भी इसी तरह मनाया जाएगा। कांगेस ने दी तीखी प्रतिक्रिया।
======


31 अक्टूबर को गुजरात में नर्मदा नदी पर बने बांध परिसर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के लोह पुरुष माने जाने वाले प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण किया। कोई तीन हजार करोड़ रुपए की लागत से बनी प्रतिमा के भव्य लोकार्पण समारोह में मोदी ने सरदार पटेल का कद प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से बड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची है और इसकी परिकल्पना मोदी ने तब की थी, जब वे गुजरात के सीएम थे। खुद मोदी ने कहा कि मुझे पता नहीं था कि एक दिन देश के प्रधानमंत्री के तौर पर मैं ही पटेल की प्रतिमा का अनावरण करूंगा। मंै पटेल के आशीर्वाद से ही पीएम बना हूं। अंग्रेजों ने जिन हालातों में हमें आजादी दी उसमें सरकार पटेल जैसा व्यक्ति ही सफल हो सकता था। 550 रियासतों की वजह से जब देश निराशा के दौर में था, तब पटेल ही उम्मीद की किरण बने। तब देश की आकांक्षाओं पर पटेल खरे भी उतरे। उनमें कोटिल्य की कूटनीति और शिवाजी का शौर्य था। पटेल की सूझबूझ से ही 550 रियासतों का एकीकरण हो पाया। इस अवसर पर मोदी ने गुजरात सरकार को सुझाव दिया कि तब की 550 रियासतों के इतिहास में एक संग्राहलय में संयोजाया जाए, क्योंकि इन रियासतों के त्याग को भी भुलाया  नहीं जा सकता है। हालांकि मोदी ने अपने भाषण में जवाहर लाल नेहरू  को लेकर कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की, लेकिन उनका कहना रहा कि आजादी के बाद पटेल को उनके योगदान के अनुरूप सम्मान नहीं मिला, इसलिए मैंने दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा पटेल की बनवाई है। पटेल के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। मोदी ने जिस अंदाज में पटेल के योगदान को बताया उससे साफ प्रतीत होता है कि भारत के इतिहास में पटेल का कद सबसे ऊंचा है। मोदी ने कहा कि 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाया जाएगा, जिसमें संविधान निर्माता डाॅ. बीआर अम्बेडकर के योगदान के बारे में जानकारी दी जाएगी।
योजनाओं की भी जानकारी दीः
राजस्थान सहित पांच राज्यों के चुनाव हो रहे हैं। मोदी ने अपने भाषण में केन्द्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। किस तरह योजनाओं का लाभ उठाकर लोग समृद्ध हो रहे हैं। मोदी का यह भाषण दूरदर्शन के चैनलों सहित सभी प्राइवेट चैनलों पर लाइव प्रसारित हुआ। राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि के क्षेत्रीय चैनलों पर भी लाइव प्रसारण हुआ।
कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रियाः
सरदार पटेल की प्रतिमा के लोकार्पण समारोह और पीएम मोदी के भाषण पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि मोदी देश की युवा पीढ़ी को गुमराह कर रहे हैं। देश की आजादी और नवनिर्माण में पंडित जवाहर लाल नेहरू के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने मोदी पर छोटी मानसिकता होने का आरोप लगाया।
एस.पी.मित्तल) (31-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

Tuesday 30 October 2018

राहुल गांधी झूठ बोलते हैं, अब ये साबित करेगी भाजपा।



राहुल गांधी झूठ बोलते हैं, अब ये साबित करेगी भाजपा।
=======

एमपी के सीएम के बेटे कार्तिकेय ने राहुल पर मानहानि का मुकदमा दायर किया।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल विमान सौदे पर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। अब यह बात भाजपा साबित करेगी। इसके लिए एमपी के सीएम शिवराज सिंह च ौहान के पुत्र कार्तिकेय च ौहान को सामने लाया गया है। राहुल गांधी ने अपने दो दिवसीय मध्यप्रदेश दौरे में 28 अक्टूबर को एक कार्यक्रम में कहा कि मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज च ौहान के पुत्र पनामा पेपर घोटाले में शामिल हैं। हालांकि राहुल ने अपने इस आरोप को वापस भी ले लिया। राहुल का कहना रहा कि भाजपा में इतने घोटाले हैं कि मैं कन्फयूज हो गया और गलती से मुख्यमंत्री के बेटे के नाम की बात कह दी। राहुल का गलती वाला बयान सामने आने पर शिवराज सिंह ने कहा कि यदि राहुल गांधी माफी मांग ले तो मानहानि का मुकदमा दायर न करने पर विचार किया जाएगा। लेकिन 30 अक्टूबर को बेटे कार्तिकेय ने भोपाल की अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया। असल में अब राहुल गांधी को अपना माफीनामा अदालत में प्रस्तुत करना होगा। भाजपा का प्रयास है कि राहुल गांधी को झूठा साबित किया जावे। ताकि यह प्रचारित हो कि राफेल सौदे में भी राहुल गांधी गलतबयानी कर रहे हैं। भाजपा ने राहुल को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने का अवसर भी नहीं दिया है। गलत बयानी करते ही राहुल के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया गया है। 
एस.पी.मित्तल) (30-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

राम मंदिर पर अध्यादेश अभी नहीं-सीएम योगी।



राम मंदिर पर अध्यादेश अभी नहीं-सीएम योगी।
तो औवेसी की चुनौती स्वीकार करने के मूड में नहीं है भाजपा।
======

29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में जिस प्रकार सुनवाई टली, उससे केन्द्र सरकार पर अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने और संसद में कानून बनाने का दबाव बढ़ गया है। ऑल इंडिया मज्लिस ए इतेहदुल मुसलिमीन अध्यक्ष व सांसद असाद्दीन औवेसी ने भाजपा को खुली चुनौती दी थी कि 56 इंच का सीना है तो अध्यादेश लाकर दिखाएं। इसी प्रकार अनेक मुस्लिम नेताओं ने भी अध्यादेश का विरोध किया था। 30 अक्टूबर को एक टीवी न्यूज चैनल से संवाद करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ ने कहा कि अध्यादेश लाने पर अभी कोई विचार नहीं हो रहा है। 27 अक्टूबर को योगी का कहना था कि मंदिर निर्माण के मामले में सुप्रीम कोर्ट को जल्द फैसला देना चाहिए, लेकिन 30 अक्टूबर को योगी का कहना रहा कि समय पर मिला न्याय उत्तम होता है, लेकिन समय पर न्याय नहीं मिलना अन्याय माना जाता है। न्यायपालिका के प्रति लोगों का सम्मान है, लेकिन जब न्याय मिलने में देरी होती है तो फिर निराशा होती है। यह विपत्ति का समय है, इसलिए संत समाज को भी धैर्य रखना होगा। जिस तरह योगी का बयान सामने आया है उससे प्रतीत होता है कि मंदिर निर्माण पर सरकार और भाजपा औवेसी की चुनौती को स्वीकार करने के मूड में नहीं है। सरकार अभी जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का इंतजार करेगी। 
दिल्ली में संत सम्मेलन:
अध्यादेश के लिए केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए 3 व 4 नवम्बर को दिल्ली में संत समाज का सम्मेलन रखा गया है। सम्मेलन में देशभर के कोई तीन हजार साधु संत भाग लेंगे। इस सम्मेलन में मंदिर निर्माण को लेकर आंदोलन की घोषणा भी की जाएगी। संतों के सम्मेलन को लेकर सरकार भी चिंतित है।
एस.पी.मित्तल) (30-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

अजमेर से भाजपा के पांच विधायकों के टिकट काटने का मन।

अजमेर से भाजपा के पांच विधायकों के टिकट काटने का मन। पहाड़िया का शक्ति प्रदर्शन। कांग्रेसियों का दिल्ली में जमावड़ा।
======



7 दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा और कांग्रेस में उम्मीदवारों के चयन का काम अब अंतिम चरण में है। कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मौजूदगी में दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की मशक्कत चल रही है, वहीं भाजपा में जयपुर में सीएम वसुंधरा राजे और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर की उपस्थिति में उम्मीदवारों पर अंतिम निर्णय लिया जा रहा है। कांग्रेस के मुकाबले भाजपा में ज्यादा खींचतान है, क्योंकि वर्तमान मंे भाजपा के 200 में से 163 विधायक हैं। तीस अक्टूबर को जयपुर में जो कोर कमेटी की बैठक हुई, उसमें अजमेर जिले के आठ विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवारों पर निर्णय हुआ। हालांकि यह निर्णय गोपनीय रखा गया है, लेकिन कहा जा रहा है कि भाजपा के सात में से पांच विधायकों के टिकिट काटने का मन बना लिया गया है। दीपावली से पहले कोई बखेड़ा न हो, इसके लिए जिन विधायकों के टिकिट कट रहे हैं, उन्हें पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह से मिलवाया जाएगा। ऐसे विधायकों को अमितशाह यह भरोसा दिलाएंगे कि उनका भविष्य भाजपा में सुरक्षित है, चूंकि इस बार राजस्थान में दोबारा से भाजपा की सरकार बनवानी है इसलिए सख्त निर्णय लिए गए हैं। विधायकों को यह भी समझाया जाएगा कि टिकिट कटने का मतलब उनकी छवि खराब होना नहीं है। असल में भाजपा को जीत हासिल करनी है, इसलिए नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है। जानकारों की माने तो कोर कमेटी के मन की जानकारी उन विधायकों को लग गई है, जिनके टिकिट काटे जा रहे हैं । चूंकि कोर कमेटी में केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से लेकर  पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ और अरुण चतुर्वेदी तक शामिल हैं, इसलिए इशारा तो मिल ही गया है। किसी भी विधायक को अपना क्षेत्र बदलने की इजाजत भी नहीं है। इसलिए जिन विधायकों के टिकिट कट रहे हैं, उन्हें अब अपने क्षेत्र में ही नए उम्मीदवार को जिताने का काम करना पड़ेगा। विधायक भगावत करेगा, उसे भाजपा से बाहर कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि जिन विधायकों के टिकिट कट रहे हैं उनके स्थान पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पृष्ठ भूमि वाले उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे। चूंकि भाजपा के नेताओं में संघ का हमेशा डर बना रहता है, इसलिए यह माना जा रहा है कि संघ पृष्ठ भूमि के उम्मीदवारों का निवर्तमान विधायक विरोध नहीं कर पाएंगे। जिन पांच विधायकों के टिकिट कट रहे हैं उनमें से कई मंत्री स्तर की सुविधाएं ले रहे हैं। अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से संघ पृष्ठ भूमि के निरंजन शर्मा का नाम अचानक उभरा है, हालांकि दक्षिण क्षेत्र से जिला प्रमुख वंदना नोगिया रोजाना जयपुर में उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं। केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से डाॅ. जीएल शर्मा का नाम तेजी से उभरा है। किशनगढ़ में सुरेश टांक और चेतन च ौधरी ने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है। इसी प्रकार पुष्कर में मुंसिफ अली खान मौके की तलाश में बैठे हैं। कपालेश्वर महादेव मंदिर के महंत सेवानंद गिरि का मकसद अब मौजूद विधायक सुरेश रावत का टिकिट कटवाना रह गया है। ब्यावर से इंदर सिंह बागावास और देवीशंकर भूतड़ा ने पूरी ताकत लगा रखी है। मसूदा विधानसभा क्षेत्र से श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा का टिकिट कटवाने के लिए नवीन शर्मा अंतिम समय तक प्रयासरत हैं। हालांकि पलाड़ा को संघ का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का विधायक नहीं है। ऐसे में कई भाजपा नेता नसीराबाद पर नजर लगाए हुए हैं। पूर्व जिला प्रमुख पुखराज पहाड़िया ने तो अपने समर्थकों के साथ जयपुर में उपस्थिति दर्ज करवाई है। पहाड़िया के समर्थकों को लगता है कि नसीराबाद से रावत और गुर्जर समुदाय को हटा कर वैश्य समुदाय का उम्मीदवार बनाया जा रहा है। जबकि शक्ति सिंह रावत जैसे नेता भी प्रयासरत हैं। पूर्व में पांच दावेदारों ने मिलकर स्थानीवाद का जो अभियान चलाया था, वह अपने आप फुस्स हो गया, क्योंकि ये पांचों दावेदार अलग अलग हो गए हैं। चूंकि पांच विधायकों के टिकिट कट रहे हैं, इसलिए भाजपा के सैकड़ों दावेदार उत्साहित हैं। उल्लेखनीय है कि भाजपा की कोर कमेटी ने जो पैनल बनाया है उस पर एक नवम्बर को दिल्ली में भाजपा संसदीय बोर्ड की मुहर लग जाएगी। 
कांग्रेसियों का दिल्ली में डेरा
कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक दिल्ली में हो रही है, इसलिए अजमेर के कांगे्रेसियों का दिल्ली में डेरा है। यह डेरा पिछले कई दिनों से चल रहा है। कहा जा रहा है के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और पूर्व सीएम अशोक गहलोत जो सूची बनाएंगे उसी को कांग्रेस हाईकमान मंजूरी देगा। हालांकि स्क्रीनिंग कमेटी में राष्ट्रीय सचिवों को भी शामिल किया गया है। लेकिन अंतिम निर्णय पायलट और गहलोत का ही होगा। अजमेर के जिन नेताओं ने दिल्ली तक दौड़ लगाई है उनमें डाॅ. श्रीगोपाल बाहेती, कमल बाकोलिया, राजकुमार जयपाल, दीपक हासानी, विजय जैन, हाजी कयूम खान, नाथुराम सिनोदिया, मनोज च ौहान, रामस्वरूप च ौधरी शामिल हैं। 29 अक्टूबर को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक 15 जीएमआर में हुई थी, लेकिन यहां हंगामा हो जाने की वजह से तीस अक्टूबर को कमेटी की बैठक पांंिडचेरी भवन में हुई।
एस.पी.मित्तल) (30-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

Monday 29 October 2018

शशि थरूर के कांग्रेस में रहते भाजपा को जीत की चिंता नहीं करनी चाहिए।



शशि थरूर के कांग्रेस में रहते भाजपा को जीत की चिंता नहीं करनी चाहिए। तो नरेन्द्र मोदी तो भगवान शिव की शरण में है। राहुल ने भी उज्जैन में शिवलिंग पर दूध चढ़ाया।
======

कांगे्रस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल विमान सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर चाहे जितने हमले कर लें, लेकिन जब तक शशि थरूर जैसा नेता कांग्रेस में है, तब भाजपा को जीत की चिंता नहीं करनी चाहिए। पहले दिग्विजय सिंह भाजपा को फायदा पहुंचा रहे थे और शशि थरूर। ताजा बयान में थरूर ने कहा कि नरेन्द्र मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू जैसे हैं जिसे न हाथ से हटाया जा सकता है और चप्पल से मारा जा सकता है। थरूर के इस बयान से कांग्रेस को तो कोई फायदा होने वाला नहीं है, लेकिन भाजपा को जरूर राजनीतिक लाभ पहुंचेगा। जब जब कांग्रेस हिन्दू संस्कृति को नीचा दिखाने वाला बयान देगी, तब तब भाजपा को फायदा होगा। हिन्दू संस्कृति में शिवलिंग और बिच्छू का अपना धार्मिक महत्व है। भगवान शिव तो अपने गले में सांप लटकाए रखते थे। अब यदि थरूर भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग पर चप्पल मारने की बात कहेंगे तो हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। राहुल गांधी और उनके राजनीतिक सलाहकार अशोक गहलोत यह अच्छी तरफ समझ लें कि कांग्रेस शिवलिंग पर चप्पल मारने की बात कहेगी तो चुनाव में वोट भाजपा को ही मिलेंगे। सरकार के कामकाज को लेकर आम लोगों में नाराजगी है, लेकिन कोई भी हिन्दू उस दल को वोट नहीं देगा, जो शिवलिंग का अपमान करता हो। समझ में नहीं आता कि शशि थरूर ने शिवलिंग वाला बयान किस नजरिए से दिया, जबकि राहुल गांधी तो पिछले दिनों ही भगवान शिव के प्रतीक बाबा अमरनाथ होकर आए हैं। राहुल ने अपने माथे पर शिवभक्त की तरह तिलक भी लगवाया। खुद शशि थरूर अपनी तीसरी पत्नी सुनंदा पुष्कर की हत्या के आरोप में फंसे हैं। लम्बे अर्से तक थरूर ने यूएनओ में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। क्या इसी हिन्दू विरोधी मानसिकता के साथ थरूर ने यूएनओ में भूमिका निभाई? वैसे भी नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं उनकी तुलना बिच्छू से किया जाना उचित नहीं है। मोदी चुनाव में जीत कर प्रधानमंत्री बने हैं।
राहुल ने चढ़ाया दूधः
29 अक्टूबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने उज्जैन स्थित महाकाल के मंदिर में शिवलिंग पर दुग्घाभिषेक किया और हिन्दू परंपरा के अनुसार  शिवलिंग पर पुष्प अर्पित किए। मंदिर के पुजारियों के साथ राहुल ने आरती भी की। इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमल नाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी साथ थे। राहुल ने भगवान शिव के प्रति श्रद्धा प्रकट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
एस.पी.मित्तल) (29-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

चैनलों और अखबारों में कथित संत रामपाल के विज्ञापन कितने उचित?

चैनलों और अखबारों में कथित संत रामपाल के विज्ञापन कितने उचित? क्या पैसा ही सब कुछ है?
=====

29 अक्टूबर को देश के प्रमुख अखबारों में हरियाणा के कथित संत रामपाल का एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। इस विज्ञापन में बताया गया कि किन किन चैनलोें पर रामपाल के प्रवचन प्रसारित हो रहे हैं। फोटो में रामपाल को ईश्वर के तौर पर प्रस्तुत किया गया और उन्हें धरती को स्वर्ग बनाने वाला बताया गया। सब जानते है। कि रामपाल हत्याओं के संगीन आरोपों में इस स मय हरियाणा की रोहतक जेल में बंद हैं। विगत दिनों ही अदालत ने रामपाल को दो अलग-अलग मुकदमों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यानि जो व्यक्ति धरती को स्वर्ग बना रहा है, वह मरते दम तक जेल में रहेगा। रामपाल के अपराध और सजा की कहानी अपनी जगह है, लेकिन जिन अखबारों में विज्ञापन छपे हैं उन्हीं में आए दिन पत्रकारिता को लेकर प्रवचन दिए जाते हैं। यह दावा किया जाता है कि उनका अखबार ही सच्ची और ईमानदार पत्रकारिता करता है। खबर को सच की कसौटी पर खरा उतारने के लिए मापदंड भी निर्धारित किए गए हैं, लेकिन सवाल उठता है कि सजा मिलने के पांच दिन बाद ही हत्यारे रामपाल के विज्ञापन प्रकाशित करना कैसी पत्रकारिता है? क्या पैसा ही सब कुछ है? क्या पैसा देकार अखबारों में कुछ भी छपवाया जा सकता है? और जब अखबार से पैसा कमाना ही एक मात्र उद्देश्य हो तो फिर पत्रकारिता की दुहाई नहीं दी जानी चाहिए। किसी भी पाठक में इतनी हिम्मत नहीं है कि अखबार के मालिक को पैसा कमाने से रोक सके। जो लोग अखबार प्रबंधन को जानते हैं, उन्हें पता है कि अखबार अब जिला स्तर पर निकलने लगे हैं और सम्पादक के साथ-साथ मैनेजर की भी नियुक्ति होती है। मैनेजर का काम ही अखबार की आड़ में पैसा कमाना होता है। जो सम्पादक ईमानदारी से पत्रकारिता करने का प्रयास करता है। उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। मोटी तनख्वाह के लालच में सम्पादक भी वो ही करता है जो मैनेजर कहता है। अखबार में मैनेजरों को रख कर वसूली करने वाले अखबार के मालिक जब अग्रलेख लिखकर पत्रकारिता की दुहाई देते हैं तो पाठकों को हंसी आती है। लेकिन मालिक को लगता है कि वह पाठक को बेवकूफ बना रहा है। पाठक भी अब अखबार को एक उत्पाद समझ कर ही खरीदता है। पाठक को भी पता है कि अखबार में क्या हो रहा है।
एस.पी.मित्तल) (29-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

आखिर हनुमान बेनीवाल ने कर ही लिया राजस्थान में तीसरे मोर्चे का गठन।

आखिर हनुमान बेनीवाल ने कर ही लिया राजस्थान में तीसरे मोर्चे का गठन। घनश्याम तिवाड़ी, सपा, लोकदल आदि का समर्थन मिला। कांग्रेस भाजपा दोनों के लिए चुनौती।
======

 आखिर 29 अक्टूबर को निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान में तीसरे मोर्चे गठन कर ही लिया। इस मोर्चे से पहले बेनीवाल ने जयपुर में आयोजित किसान हुंकार रैली में अपने नई राजनीतिक दल की घोषणा भी की। बेनीवाल ने अपने दल का नाम राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी रखा है तथा चुनाव चिन्ह के तौर पर बोतल रजिस्टर्ड करवाया है। पार्टी का झंडा हरा और पीला रखा है। बेनीवाल की रैली में बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण उपस्थित रहे। रैली में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को भी शामिल होना था, लेकिन वे किन्हीं कारणों से नहीं आ पाए, लेकिन बेनीवाल को अपना पूर्ण समर्थन देने का ऐलान उनके प्रतिनिधि ने किया। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष और पूर्व सांसद जयंत च ौधरी रैली में मौजूद थे। इसी प्रकार भारत वाहिनी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक घनश्याम तिवाड़ी भी मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त छोटे दलों ने भी अपना प्रतिनिधि भेज कर बेनीवाल के प्रति समर्थन जताया। बेनीवाल भी उपस्थित नेताओं और भीड़ को देखकर उत्साहित नजर आए। उन्होंने साफ कहा कि अब राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद पर किसान का बेटा बैठेगा। कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ने ही प्रदेश की जनता के साथ धोखा किया है। इस मौके पर घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार भ्रष्टतम सरकार है। जिसे आगामी 7 दिसम्बर को उखाड़ फंेकना है। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत च ौधरी ने कहा कि उनके दल का पूर्ण समर्थन बेनीवाल के मोर्चे को हैं। उन्होंने कहा कि यदि एकजुट होकर चुनाव लड़ा जाएगा तो राजस्थान से भाजपा और कांग्रेस दोनों को भगाया जा सकता है।
कांग्रेस-भाजपा को चुनौतीः
अपनी रैली में तीसरे मोर्चे का गठन कर बेनीवाल ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को राजनीतिक चुनौती दी है। बेनीवाल ने 29 अक्टूबर को जिस तरह अकेले दम पर शक्ति प्रदर्शन किया, उससे प्रतीत होता है कि आने वाले दिनों में अन्य दलों का भी समर्थन बेनीवाल को मिल सकता है। यदि बेनीवाल के साथ छोटे दल मिल कर चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस-भाजपा दोनों के लिए चुनौती होगी। हालांकि विगत दो दिनों में राजपूत समाज और आम आदमी पार्टी की ओर से जयपुर में सभाएं की गई लेकिन इन दोनों ही सभाओं में अपेक्षित भीड़ नहीं जुट सकी। जबकि 29 अक्टूबर को बेनीवाल की रैली में जबर्दस्त भीड़ देखी गई। एक अनुमान के मुताबिक दो लाख लोग बेनीवाल की रैली में मौजूद रहे। हालांकि आयोजकों ने इससे भी ज्यादा का दावा किया है। रैली की वजह से जयपुर में यातायात में भी बा धा रही। उल्लेखनीय है कि बेनीवाल को राजस्थान के जाट समुदाय में खास समर्थन मिला हुआ है। वर्तमान में बेनीवाल नागौर जिले के खींवसर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। नागौर में भी बेनीवाल का दबदबा है। बेनीवाल ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को उपस्थित कर बेनीवाल ने अपनी राजनीतिक ताकत दिखा दी है।
एस.पी.मित्तल) (29-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

मुस्लिम जज के बगैर मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कैसे हो सकती है?

मुस्लिम जज के बगैर मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कैसे हो सकती है? सीजेआई गोगोई ने कहा जनवरी 2019 में उपयुक्त बैंच करेगी सुनवाई।
========

29 अक्टूबर को अयोध्या में राम मंदिर के भूमि विवाद को लेकर सुनवाई होनी थी, लेकिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अब इस मामले में जनवरी 2019 में उपयुक्त बैंच के समक्ष सुनवाई होगी। पक्षकारों के वकीलों ने जल्द सुनवाई और अन्य तर्क भी रखे, लेकिन जस्टिस गोगोई ने किसी की भी नहीं सुनी और स्पष्ट कहा कि जनवरी में सुनवाई के समय ही अपना पक्ष रखें। 29 अक्टूबर को जिस तरह सुनवाई टली, उससे प्रतीत होता है कि नई बैंच में किसी मुस्लिम जज को भी रखा जाएगा। वर्तमान में जस्टिस अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट में अकेले मुस्लिम जज हैं। हालांकि गोगोई के चीफ जस्टिस बनने के बाद नई बैंच का गठन भी जस्टिस गोगोई ने ही किया था। 29 अक्टूबर को जस्टिस गोगोई के साथ जस्टिस संजय किशन काॅल और जस्टिस केएम जोसेफ भी थे। लेकिन जस्टिस गोगोई का कहना रहा कि इस मामले की सुनवाई उपयुक्त बैंच में होनी चाहिए। जनवरी में जो बैंच बनेगी, उसका गठन भी चीफ जस्टिस के नाते जस्टिस गोगोई ही करेंगे। समझा जा रहा है कि नई बैंच में जस्टिस अब्दुल नजीर भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में बैंच के गठन के समय जज का धर्म नहीं देखा जाता, लेकिन तीन तलाक के मामले में जो बैंच बनी उसमें एक जज मुस्लिम रहा। इसी प्रकार पूर्व म्ें यूपी हाईकोर्ट ने मंदिर विवाद पर जो निर्णय दिया, उसमें भी एक जज मुस्लिम थे। 29 अक्टूबर को चीफ जस्टिस गोगोई ने एप्रोपिएट बैंच शब्द का जो उपयोग किया उसके न्यायिक क्षेत्र में अनेक मायने निकाले जा रहे हैं।
गेंद सरकार के पाले मंेः
27 अक्टूबर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मंदिर निर्माण पर कोर्ट को जल्द फैसला देना चाहिए। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह ने कहा कि अदालतें ऐसा फैसला न दें जो व्यवहारिक न हो। इससे पहले दशहरे के वार्षिक समारोह में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सरकार कानून बनाकर अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण करें। यही वजह थी कि देश भर में 29 अक्टूबर की सुनवाई का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अगले वर्ष तक के लिए टल गई। एक तरह से मंदिर निर्माण की गेंद अब सरकार के पाले में आ गई है। अभी तो यह भी तय नहीं है कि जनवरी में सुनवाई किस दिन होगी तथा सुनवाई नियमित होगी भी या नहीं। दिसम्बर में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम आ जाएंगे तथा अगले वर्ष मई में लोकसभा के चुनाव होने हैं। मौजूदा मोदी सरकार को संसद का शीतकालीन और बजट सत्र करना है। इन दो सत्रों में मंदिर निर्माण पर कानून बनाया जा सकता है। वैसे भी सुप्रीम कोर्ट में मंदिर मस्जिद का विवाद नहीं है। कोर्ट में भूमि के मालिकाना हक का विवाद है। सरकार चाहे तो भूमि का अधिग्रहण कर मंदिर का निर्माण करवा  सकती है, लेकिन इसके लिए संसद में कानून बनाना पड़ेगा। 
एस.पी.मित्तल) (29-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

बिना विदाई के ही शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पद से रुखसत हो गए बीएल च ौधरी।



बिना विदाई के ही शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पद से रुखसत हो गए बीएल च ौधरी।
======

इसे असम्मान ही कहा जाएगा कि 29 अक्टूबर को बीएल च ौधरी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के पद से बिना विदाई के ही रुखसत हो गए। च ौधरी ने चार वर्षों तक बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर कार्य किया। बोर्ड प्रति वर्ष कोई 22 लाख विद्यार्थियों की 10वीं और 12वीं की परीक्षा आयोजित करता है। बोर्ड का अरबों रुपए का बजट है और राजस्थान का प्रत्येक परिवार बोर्ड से जुड़ा हुआ है। सरकार ने तीन वर्ष के लिए च ौधरी की नियुक्ति की थी, लेकिन बाद में एक वर्ष की वृद्धि कर दी। ऐसे में च ौधरी ने लगातार चार वर्षों तक अध्यक्ष के तौर पर कार्य किया। लेकिन माना जाता है कि च ौधरी बोर्ड मुख्यालय में लोकप्रिय नहीं रहे। उनका अधिकारियों और कर्मचारियों से मधुर व्यवहार भी नहीं रहा। यही वजह रही कि 29 अक्टूबर को अपने कार्यकाल के अंतिम दिन कोई एक घंटे के लिए च ौधरी बोर्ड कार्यालय आए और फिर चुपचाप वापस चले गए। न तो अधिकारियों ने न कर्मचारियों के संगठनों ने च ौधरी के लिए विदाई समारोह आयोजित किया। कई अधिकारी तो 29 अक्टूबर को आकस्मिक अवकाश पर चले गए। बिना विदाई के इतना बड़ा पद छोड देने को लेकर प्रदेश के शिक्षा जगत में अनेक चर्चाएं हो रही हैं। यह माना कि अजमेर में भी आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है, लेकिन किसी अधिकारी के विदाई समारोह पर आचार संहिता लागू नहीं होती है।
एस.पी.मित्तल) (29-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

Sunday 28 October 2018

केजरीवाल ने भी राजस्थान में तीसरे मोर्चे की कोशिशों को झटका दिया।



केजरीवाल ने भी राजस्थान में तीसरे मोर्चे की कोशिशों को झटका दिया। जयपुर की सभा में नहीं जुटी भीड़। अब 29 अक्टूबर को हनुमान बेनीवाल का शक्ति प्रदर्शन।
=====

28 अक्टूबर को जयपुर के रामलीला मैदान पर आम आदमी पार्टी की सभा भी फेल हो गई। सभा में भीड़ जुटने के लिए दिल्ली के सीएम और पाटी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने इंतजार भी किया, लेकिन अपेक्षित भीड़ नहीं जुट सकी। राजस्थान में 7 दिसम्बर को विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में राजधानी जयपुर में राजनीतिक सरगर्मियां तेजी हैं। 27 अक्टूबर को राजपूत करणी सेना की लोकेन्द्र सिंह कालवी और महिपाल मकराना की ओर से जो सभा की गई वह भी भीड़ नहीं जुटने की वजह से विफल हो गई। अब तीसरी सभा 29 अक्टूबर को जयपुर में ही निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल की ओर से होनी है। हालांकि बेनीवाल की सभाओं में भीड़ आती रही है। 28 अक्टूबर को भी जयपुर में बेनीवाल ने  युवकों के साथ रोड शो किया। माना जाता है कि जाट समुदाय का युवा वर्ग बेनीवाल के साथ है। अब बेनीवाल की सभा पर सभी की निगाह टिकी हुई है। 
आप अपने दम पर-केजरीवालः
28 अक्टूबर को दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने साफ कर दिया कि राजस्थान में विधानसभा का चुनाव उनकी पार्टी अपने दम पर लड़ेगी। सभी 200 सीटों पर आप के उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे। केजरीवाल की इस घोषणा से तीसरे मोर्चे की कोशिशों को झटका लगा है। माना जा रहा था कि वामपंथी दल केजरीवाल की पार्टी, भाजपा के असंतुष्ट घनश्याम तिवाड़ी, निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल आदि मिलकर चुनाव पूर्व तीसरे मोर्चे का गठन करेंगे। इसके लिए 28 अक्टूबर को जमीदारा पार्टी की विधायक कामिनी जिंदल ने केजरीवाल के समर्थन में अखबारों में पूरे पृष्ठ का विज्ञापन भी दिया, लेकिन केजरीवाल ने एक ही झटके में तीसरे मोर्चे की कोशिशों को नकारा दिया।
भाजपा को राहतः
प्रदेश में तीसरे मोर्चे को मजबूती नहीं मिलने से भाजपा को राहत है, क्योंकि तीसरे मोर्चे में यदि छोटे छोटे दल और अपने जिलों में प्रभाव रखने वाले नेता एकजुट होते तो भाजपा को नुकसान हो सकता था। भाजपा के लिए यह संतोष की बात है कि न राजपूतों की सभा में और न केजरीवाल की सभा में भीड़ जुटी। माना जा रहा है कि राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होगा। हालांकि कांग्रेस ने बसपा से गठबंधन करने की घोषणा की थी, लेकिन बसपा की सुप्रीमो मायावती ने साफ इंकार कर दिया। इसका फायदा भी राजनीतिक दृष्टि से भाजपा को ही मिलेगा। 
जाट का अनशन तुड़वायाः
केजरीवाल ने 28 अक्टूबर को किसान नेता और अब उनकी पार्टी में शामिल हुए रामपाल जाट का अनशन तुड़वाया। किसानों की मांगों को लेकर जाट पिछले पांच दिनों से अनशन पर थे। केजरीवाल अनशन स्थल पर पहुंचे और जूस पिलाकर जाट का अनशन तुड़वाया। इस अवसर पर केजरीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जो फसल बीमा योजना बनाई है वह भाजपा बीमा योजना बन कर रह गई है। सरकार ने बड़ी बड़ी बीमा कंपनियों के साथ सांठ-गांठ की है, जबकि दिल्ली के किसानों को फसल के नुकसान होने पर बीमा राशि आसानी से मिल रही है। मेरी सरकार ने किसानों की अनेक समस्याओं का समाधान किया है।
एस.पी.मित्तल) (28-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

राम मंदिर निर्माण पर कोर्ट जल्द फैसला दे-सीएम योगी।

राम मंदिर निर्माण पर कोर्ट जल्द फैसला दे-सीएम योगी।
अदालतें इस तरह फैसले न दें जो व्यवहारिक न हो-अमितशाह।
मंदिर पर 29 अक्टूबर को एससी में सुनवाई।
=====

अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद पर जब 29 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होनी है, जब दो दिन पहले यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ योगी और भाजपा के ताकतवर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह के महत्वपूर्ण बयान सामने आए हैं। राजनीतिक हलकों में अब इन बयानों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में मंदिर निर्माण पर अदालत को जल्द निर्णय देना चाहिए। योगी ने यह भी कहा कि 6 नवम्बर को इस बार दीपावली पर्व वैसा ही मनेगा, जैसा त्रेतायुग में भगवान राम के अयोध्या आने पर मना था। वे स्वयं दीपावली मनाने के लिए अयोध्या में रहेंगे तथा तीन लाख दीप जलाए जाएंगे। एक ओर सीएम योगी जहां कोर्ट से जल्द फैसला देने और त्रेतायुग की तरह कलयुग में दीपावली माने की बात कह रहे हैं। केन्द्र और 20 राज्यों में शासन करने वाली भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह ने केरल में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच कहा कि अदालतें ऐसा फैसला न दें जो व्यवहारिक न हो। सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर जो फैसला दिया है, उस संदर्भ में शाह ने कहा  कि आखिर आप 5 करोड़ भक्तों के विश्वास को कैसे तोड़ सकते हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर केरल की वामपंथी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा केरल में भगवान अय्यपा के भक्तों के साथ खड़ी है। अमितशाह और सीएम योगी के कथनों का सुप्रीम कोर्ट पर कितना असर होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन यूपी से लेकर दिल्ली तक राज करने वाली भाजपा ने अपने इरादें स्पष्ट कर दिए हैं। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना सहित पांच राज्यों के चुनावों पर भी इन बयानों का असर होगा। राजनीति के जानकारों के अनुसार योगी और शाह ने ऐसे बयान सोच समझ कर दिए हैं। इन बयानों के परिणाम पांच राज्यों के चुनावों के साथ-साथ अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में भी सामने आएंगे। राजस्थान, एमपी और छत्तसीगढ़ जैसे हिन्दी भाषी राज्यों के विधानसभा चुनाव में तो सीएम योगी भाजपा के स्टार प्रचारक होंगे।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर नजरः
29 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में मंदिर निर्माण पर शुरू होने वाली सुनवाई पर अब सबकी नजर है। चीफ जस्टिस रंजन गोगई ने इस सुनवाई के लिए तीन सदस्यीय नई बैंच का गठन किया है। इस बैंच में गोगई स्वयं तो होंगे ही, साथ ही जस्टिस संजय किशन कौल तथा केएम जोसिफ को भी रखा है। कोर्ट पहले ही कह चुका है कि उसके सामने भूमि विवाद का प्रकरण है। भूमि पर किसका हक है इसी पर फैसला होना है। कोर्ट के सामने अयोध्या में मंदिर पर मस्जिद निर्माण का कोई मामला विचाराधीन नहीं है।
एस.पी.मित्तल) (28-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

सड़क सुरक्षा और कानून पर देश में पहली बार पीएचडी।



सड़क सुरक्षा और कानून पर देश में पहली बार पीएचडी। अजमेर के विरेन्द्र सिंह राठौड़ को मिली उपाधि।
======

अजमेर जिले के विरेन्द्र सिंह राठौड़ ने उदयपुर स्थित मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से सड़क सुरक्षा और कानून विषय पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। सड़क सुरक्षा पर यह शोध कार्य देश में पहली बार हुआ है। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आनंद पालीवाल ने बताया कि सड़क सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है, जिसमें आए दिन दुर्घटनाओं में लोगों की मौत होती है। कई बार कानून की जानकारी के अभाव में घायल व्यक्तियों को लाभ नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि इस शोध कार्य में सड़क सुरक्षा और उसको लेकर बनने कानूनों पर गहन अध्ययन किया गया है। इसमें छात्र राठौड़ ने कड़ी मेहनत की है। उल्लेखनीय है कि राठौड़ राजस्थान में जिला परिवहन अधिकारी के पद पर कार्यरत है, लेकिन वर्तमान में राठौड़ केन्द्र सरकार में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में तकनीकी सलाहकार के पद पर डेपुटेशन पर हंै। राठौड़ ने विदेशों में भी अपनी सेवाएं दी है। सड़क सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई थी राठौड़ उसके सदस्य भी रहे। राठौड़ ने बताया कि सड़क सुरक्षा और कानून पर उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी हैं। राठौड़ ने कहा कि उनका ये शोध कार्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में उपयोगी साबित होगा। पीएचडी की उपाधि मिलने पर मोबाइल नम्बर 9413313218 पर राठौड़ को बधाई दी जा सकती है। 
एस.पी.मित्तल) (28-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

पीएम मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के साथ-साथ श्रीमती इंदिरा गांधी को भी याद किया।

पीएम मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के साथ-साथ श्रीमती इंदिरा गांधी को भी याद किया। मन की बात में राजस्थान के विश्नोई समाज की प्रशंसा।
======= 

28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोादी ने 49वीं बार अपने मन की बात रेडियो पर की। मोदी ने लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज देश का यह सौभाग्य है कि पटेल की प्रतिमा 31 अक्टूबर को उनकी जयंती पर गुजरात के नर्मदा बांध पर लगाई जा रही है। यह प्रतिमा दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा होगी। मोदी ने कहा कि देश के विभाजन के समय छोटी-छोटी रियासतों और राज्यों को एकजुट करने में सरदार पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। मोदी ने मन की बात में कहा कि जहां हम सरदार पटेल की जयंती माना रहे हैं, वहीं 31 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि को भी आदर के साथ मनाएंगे। मोदी ने देश वासियों को धनतेरस, दीपावली, भैया दूज, छठ आदि त्यौंहारों की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पर्यावरण को बचाने में मरु भूमि के विश्नोई समाज की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस समाज के लोगों ने अपने प्राणों का बलिदान कर पेड़ों को बचाया है। पर्यावरण को बचाने के लिए हमें विश्नोई समाज से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस मौके पर मोदी ने सेना के जवानों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पटेल के निर्णय से ही आजादी के बाद कश्मीर से घुसपैठियों को खदेड़ा गया। इतना ही नहीं आजादी से छह माह पहले टाइम मैग्जीन ने पटेल की भूमिका की प्रशंसा की। महात्मा गांधी ने भी राज्यों की समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी पटेल को ही दी थी। पटेल के योगदान को देखते हुए ही स्टैचू आफ यूनिटी प्रतिमा लगाई गई है।
एस.पी.मित्तल) (28-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
============

Saturday 27 October 2018

साध्वी अनादि सरस्वती और महंत सेवानंद गिरि भी विधायक बनने की दौड़ में।

साध्वी अनादि सरस्वती और महंत सेवानंद गिरि भी विधायक बनने की दौड़ में।
=====








भाजपा को साधु संतों की पार्टी भी माना जाता है, इसलिए अजमेर जिले से साध्वी अनादि सरस्वती और महंत सेवानंद गिरि भी विधायक बनने की दौड़ में शामिल हो गए हैं। साध्वीजी प्रदेश के बहुचर्चित शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के अजमेर उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से तथा महंतजी संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत के पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से दौड़ में शामिल हैं। जानकारों के अनुसार साध्वीजी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों के जरिए अपने नाम को आगे बढ़ा रही है, जबकि महंतजी तो विधिवत तौर पर दावेदारी जता रहे हैं। दोनों को सीएम वसुंधरा राजे पर पूरा भरोसा है, क्योंकि समय समय पर सीएम राजे साध्वीजी तथा महंतजी से आशीर्वाद लेती रही हैं। सीएम जब दोनों के पैर छू कर आशीर्वाद लेती हैं तो विधायक का टिकिट तो दिलवा ही सकती हैं। साध्वी अनादि की धर्म और समाज के प्रति योगदान को देखते हुए पार्टी स्तर पर सर्वे भी करवाया गया है। हालांकि संन्यास ग्रहण करने के बाद साधु संतों की कोई जाति नहीं होती, लेकिन अजमेर उत्तर क्षेत्र में अनादि सरस्वती की उम्मीदवारी का महत्व इसलिए भी है कि वे सिंधी समुदाय से संबंध रखती है और उत्तर क्षेत्र को सिंधी बहुल्य मान कर ही भाजपा यहां से हर बार सिंधी उम्मीदवार ही उतारती है। यानि अनादि सरस्वती सिंधी मतदाताओं को भी प्रभावित करेंगी। सिंधी होने की वजह से साध्वीजी सिंधी भाषा में प्रवचन भी प्रभावी तरीके से देती है। हिन्दी और अंग्रेजी भाषा पर भी उनका कमांड है। यानि राजनीति की हर कसौटी पर साध्वीजी खरी उतरती है। पिछले कई वर्षों से साध्वीजी अजमेर में धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक समारोहों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाती रही हैं। संघ और भाजपा की ओर से होने वाले सभी धार्मिक समारोहों में साध्वीजी को आमंत्रित किया जाता है। अनादि सरस्वती की साध्वी के तौर पर गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जयपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति में हुए संत सम्मेलन में अनादि सारस्वती को भी आमंत्रित किया गया था। साध्वीजी की दावेदारी से उनके हजारों भक्तजन भी उत्साहित हैं। साध्वीजी भारतीय सनातन संस्कृति की प्रबल पक्षधर हैं।
महंत सेवानंद गिरि:
पुष्कर स्थित सुप्रसिद्ध कपालेश्वर महादेव मंदिर के महंत स्वामी सेवानंद गिरि तो खुले तौर पर पुष्कर से दावेदारी जात रहे हैं। महंतजी के समर्थन में गत 24 अक्टूबर को रावत महासभा के एक प्रतिनिधि मंडल ने जयपुर में सीएम वसंधरा राजे से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान महासभा की ओर से एक ज्ञापन भी दिया गया। इस ज्ञापन पर महासभा के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. शैतान सिंह रावत,  महामंत्री भंवर सिंह रावत, कोषाध्यक्ष रूपसिंह रावत के साथ-साथ अनेक सर्किलों के अध्यक्षों तथा सैकड़ों प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हैं। ज्ञापन में कहा गया कि महंत सेवानंद गिरि रावत जाति से संबंध रखते हैं तथा सर्वसमाज में उनका आदर है, इसलिए पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार बनाया जावे। पुष्कर को रावत बहुल्य बताते हुए कहा गया कि महंतजी की वजह से भाजपा की जीत आसान होगी। कपालेश्वर महादेव मंदिर के महंत के तौर पर सेवानंद गिरि गत 18 वर्षों से पुष्कर में सक्रिय हैं। यदि महंतजी को उम्मीदवार बनाया जाता है तो भाजपा की जीत निश्चित हैं। महंतजी की प्रभावी दावेदारी से रावत समुदाय में भी हलचल तेज हो गई है।
एस.पी.मित्तल) (27-10-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
===========