Wednesday 16 January 2019

सीपी जोशी के लिए विधानसभा का संचालन आसान नहीं होगा।

सीपी जोशी के लिए विधानसभा का संचालन आसान नहीं होगा।
स्वागत संबोधन में ही हंगामा। गहलोत और कटारिया को देना पड़ा दखल। आरसीए पर विधि सम्पत फैसला। देवनानी भी सक्रिय।
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16 जनवरी को कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सीपी जोशी ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष का पद संभाल लिया। यूंकि 73 विधायकों वाली भाजपा ने भी समर्थन दिया, इसलिए जोशी का चुनाव सर्वसम्मति से हुआ, लेकिन सदन में स्वागत संबोधन में ही हंगामा हो गया। हालात इतने बिगड़े की जोशी को कहना पड़ा कि असंसदीय शब्द और आरोप कार्यवाही से निकाले जाएंगे। हलांकि कांग्रेस के विधायक सत्ता में है, लेकिन 16 जनवरी को कांग्रेस, भाजपा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और निर्दलीय विधायकों के तेवर देखकर प्रतीत होता है कि जोशी के लिए विधानसभा का संचालन आसान नहीं होगा। जोशी के चुनाव पर सीएम गहलोत और प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया ने सम्मानजनक तरीके से अपने पक्ष को रखा। गहलोत ने उदारता दिखाते हुए उम्मीद जताई कि जोशी कभी भी विपक्ष को शिकायत का मौका नहीं देंगे। निष्पक्ष होकर सदन का संचालन करेंगे। कटारिया का भी कहना रहा कि जोशी अब सदन के संरक्षक हो गए हैं, ऐसे में विपक्ष के विधायकों की भावनाओं का भी ख्याल रखेंगे। लेकिन हंगामा तब शुरू हुआ, जब आरएलपी के हनुमान बेनीवाल ने भाजपा शासन के विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल की कार्यशैली को लेकर टिप्पणी की। बेनीवाल का कहना रहा कि विधायकों को गुंडा तक कहा गया। सरकारी बंगलों के आवंटन में भी भेदभाव किया गया। कांग्रेस के विधायक और परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावा ने कहा कि मेघवाल ने राज्यपाल के निर्णय पर भी आपत्ति की जो संसदीय परंपरा के विरुद्ध है। इस पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह अवसर आरोपों का नहीं है। वैसे भी पूर्व अध्यक्ष के निर्णयों पर बहस नहीं हो सकती। निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा, बलजीत यादव आदि ने संबोधन में जब ज्यादा हंगामा हुआ तो सीएम गहलोत और कटारिया को भी दखल देना पड़ा। खुद सीपी जोशी ने भी कहा कि असंसदीय शब्दों को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जाएगा। स्वागत संबोधन में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय परसराम मदेरणा की पौती दिव्या मदेरणा आदि ने भी भाग लिया।
देवनानी भी सक्रिय दिखे:
अजमेर उत्तर से भाजपा विधायक और पूर्व स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी भी 16 जनवरी को विधानसभा में सक्रिय नजर आए। हालांकि जोशी के स्वागत भाषण में देवनानी को पार्टी की ओर से बोलने का अवसर नहीं मिला, लेकिन जब हंगामा हुआ तो देवनानी बार बार अपनी सीट से उठ कर ऊंची आवास में बोलते देखे गए। देवनानी ने भी दर्शा दिया है कि वे विधानसभा में शांत नहीं बैठेंगे।
आरसीए पर विधि सम्पत फैसला:
विधानसभा का अध्यक्ष चुने जाने पर सीपी जोशी ने कहा कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद को छोड़ने पर विधि सम्पत फैसला करेंगे। चूंकि वे अब संवैधानिक पद पर आसीन हो गए हैं, इसलिए नियमों के अनुरूप ही फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि सदन को चलाने में सभी विधायकों का सहयोग लिया जाएगा। गत भाजपा शासन में विधायकों के 4 हजार सवाल रद्द करने के निर्णय की भी समीक्षा की जाएगी।
एस.पी.मित्तल) (16-01-19)
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