Monday 28 February 2022

आखिर यूक्रेन अपनी हार का गुस्सा भारतीय छात्रों पर क्यों उतार रहा है?फंसे छात्रों को सुरक्षित निकालना भारत सरकार की पहली प्राथमिकता हो।भारतीय अभिभावक भी विचार करें।

युद्धग्रस्त यूक्रेन में जो भारतीय छात्र-छात्राएं फंसे हैं, उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए कई केंद्रीय मंत्री यूक्रेन की सीमा से लगे पौलेंड, रोमानिया, हंगरी आदि देशों में जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण रिजिजू, जनरल वीके सिंह आदि शामिल हैं। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। रूस और यूक्रेन के युद्ध के शुरुआती दौर में भारतीय छात्रों को सुगमता के साथ लाया जा रहा था, लेकिन युद्ध में हारने की स्थिति को देखते हुए यूक्रेन के सैनिक भारतीय छात्रों पर गुस्सा उतार रहे हैं। इससे छात्रों की परेशानियां और बढ़ गई है। अब युद्धग्रस्त क्षेत्रों में छात्रों को निकालना मुश्किल हो रहा है। छात्र-छात्राओं को यूक्रेन के बंकरों में शरण लेनी पड़ रही है। खाने पीने का सामान भी समाप्त हो रहा है। अपनी परेशानियों के वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सरकार पर दबाव भी बनाया जा रहा है। यह सही है कि यूक्रेन, रूस के हमलों का मुकाबला नहीं कर सकता है, लेकिन हार का गुस्सा फंसे छात्रों पर उतारना उचित नहीं है। भारत के 20 हजार युवा यूक्रेन में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं, इससे यूक्रेन को लाभ ही हो रहा है। अब यदि यूक्रेन भारतीय छात्रों को सुरक्षित नहीं रखेगा तो फिर भविष्य में कोई भी युवा पढ़ने के लिए यूक्रेन नहीं जाएगा। भारतीय छात्र-छात्राएं सकुशल भारत लौटे यह जिम्मेदारी यूक्रेन की भी है। भारतीय छात्रों पर गुस्सा उतारने के बजाए यूक्रेन के सैनिकों को छात्रों को सुरक्षित सीमावर्ती देशों में पहुंच जाना चाहिए। इन देशों में भारत सरकार ने अपने जहाज तैया रखे हैं, जो छात्रों को स्वदेश ला रहे हैं। यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों से छात्रों को सीमावर्ती देशों तक लाने की मुहिम भी तेज कर दी है, इसलिए केंद्रीय मंत्रियों को संबंधित देशों में भेजा गया है। लेकिन यूक्रेन के जो हालात हैं उसमें छात्रों को निकालना इतना आसान भी नहीं है। रूस ने यूक्रेन पर चौतरफा हमला कर रखा है। यूक्रेन के सैनिक हमलों का मुकाबला करने की स्थिति में नहीं है। रूस ने यूक्रेन को जवाबी कार्यवाही करने का मौका ही नहीं दिया है। यूक्रेन पर मिसाइलों के हमलों से पूरे यूक्रेन में दहशत का माहौल है। खुद यूक्रेन के नागरिक बड़ी संख्या में मर रहे हैं या फिर हताहत हो रहे हैं। पावर प्लांट में आग लग जाने के बाद यूक्रेन में बिजली सप्लाई भी ठप हो रही है, ऐसे में छात्रों के मोबाइल फोन चार्ज भी नहीं हो पा रहे है। मोबाइल फोनों के बंद हो जाने से छात्रों की लोकेशन का पता लगाना भी मुश्किल हो रहा है। यूक्रेन में जो हालात है, उनमें भारतीय अभिभावकों को धैर्य रखने की जरुरत हे। केंद्र सरकार अपने स्तर पर कूटनीति भ अपना कर छात्रों को सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रही है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भूमिगत हो गए हैं। यूक्रेन से दूतावास स्तर पर भी संपर्क मुश्किल हो रहा है। ऐसे हालातों पर भारतीय अभिभावकों को भी विचार करना चाहिए। सब जानते हैं कि भारत में जिन छात्रों को प्रवेश नहीं मिलता वे यूक्रेन जैसे देश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हैं। यह माना कि भारत के मुकाबले में यूक्रेन में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई सस्ती है, लेकिन फिर भी अभिभावकों को अपने बच्चों को सोच समझ कर विदेश भेजना चाहिए। 

S.P.MITTAL BLOGGER (28-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

पन्ना प्रमुख और बूथ पर फोकस की तरकीबों के बाद भी मतदान वाले दिन प्रत्याशी को एजेंटों को पारिश्रमिक देना ही पड़ता है।राजनीतिक पार्टियां बूथवार खर्चा वहन करती हैं। तब संगठन घटा रह जाता है।

राजस्थान में 20 माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं, लेकिन दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस ने बूथ स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। भाजपा ने मतदान केंद्र के हिसाब से पन्ना प्रमुखों की सूची बना ली है। यानी 60 मतदाताओं पर एक पन्ना प्रमुख नियुक्त किया है। इसी प्रकार कांग्रेस ने भी बूथ स्तर पर 10-10 कार्यकर्ताओं की सूची मोबाइल नंबर के साथ तैयार कर ली है। यानी आज चुनाव हो जाएं तो दोनों ही पार्टियों के पास बूथ स्तर तक की व्यवस्था है। किसी भी राजनीतिक दल के लिए यह अच्छी बात है उसकी तैयारी बूथ स्तर तक है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या ऐसी व्यवस्था मतदान वाले दिन नजर आती है? जो नेता राजनीतिक दल के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं, उन्हें अनुभव है कि मतदान वाले दिन मतदान केंद्र (बूथ) के अंदर जो पार्टी एजेंट बैठता है उसे भी दिनभर का पारिश्रमिक देना पड़ता है। ऐसे एजेंटों की सूची बनती है और फिर वार्ड अध्यक्ष का ब्लॉक अध्यक्ष के माध्यम से बूथ एजेंट तक निर्धारित राशि पहुंचाई जाती है। संबंधित प्रत्याशी एक-दो दिन पहले किसी वफादार नेता को भुगतान कर देता है, ताकि मतदान वाले दिन एजेंट की उपस्थिति सुनिश्चित हो जाए। हो सकता है कि कुछ एजेंट अपवाद भी हों, जो पारिश्रमिक नहीं लेते हों, लेकिन प्रत्याशी को तो संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र के हिसाब से एजेंटों का पारिश्रमिक देना ही पड़ता है। बूथ एजेंट ही नहीं बल्कि वार्ड अध्यक्ष से लेकर संगठन के जिलाध्यक्ष और वार्ड पार्षद व सरपंच तक को खुश रखना पड़ता है। अभी 20 माह पहले कार्यकर्ताओं के नाम की सूचियां बनाई जा रही हों, लेकिन चुनाव के समय प्रत्याशी को अपने हिसाब से तैयारियां करनी पड़ती है। कई बार तो प्रत्याशी को अपनी ही पार्टी के जिलाध्यक्ष या मंडल अध्यक्ष पर भरोसा नहीं होता है। प्रत्याशी को लगता है कि जिलाध्यक्ष तो हरवा देगा, ऐसे में विवाद ज्यादा होता है। जो नेता अपने विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन चार बार चुनाव जीत रहा है, उसका अपना मैनेजमेंट बन जाता है। कई बार उसके रसूखात काम आ जाते हैं, लेकिन तब ऐसा नेता स्वयं को संगठन से बड़ा समझने लगता है। जो प्रत्याशी किसी दूसरे शहर से आकर चुनाव लड़ता है वह अपने करोड़ों की नकद राशि लेकर आता ही है। अब अखबार वाले भी चुनाव प्रचार की खबरों को प्रकाशित करने के लिए नकद राशि लेते हैं। प्रत्याशी चाहे जितना धुआंधार प्रचार कर लें, लेकिन उसकी खबर तभी प्रकाशित होती है, जब पैकेज को स्वीकार कर लिया जाएगा। प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में खबरें कैसे छपती है, इसका अनुभव चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को अच्छी तरह है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (28-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं अजमेर के फोटो जर्नलिस्ट दीपक शर्मा।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को निखारने में अजमेर के फोटोजर्नलिस्ट दीपक शर्मा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, इसके लिए दीपक शर्मा चुनाव प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ के साथ ही रहते हैं। सीएम योगी को जब किसी बड़ी चुनावी सभा को संबोधित करना होता है तो हेलीकॉप्टर में दीपक शर्मा भी साथ रहते हैं। इसी प्रकार रोड शो के दौरान भी दीपक अपने अत्याधुनिक कैमरों से योगी के फोटो खींचते हैं। इन दिनों सीएम योगी सोशल मीडिया पर जो फोटो पोस्ट कर रहे हैं, वे सभी फोटोजर्नलिस्ट दीपक शर्मा के हैं। यूं तो उत्तर प्रदेश और खासकर लखनऊ में फोटो जर्नलिस्ट की कोई कमी नहीं है। लेकिन सीएम योगी अजमेर के फोटोजर्नलिस्ट दीपक शर्मा की फोटो टेक्नोलॉजी से बेहद प्रभावित रहे हैं। पिछले पांच वर्ष के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश सरकार के कई समारोहों के फोटो दीपक शर्मा द्वारा खींचे गए। यही वजह है कि योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार के दौरान दीपक को अपने साथ ही रखते हैं। मालूम हो कि दीपक ने अजमेर में दैनिक भास्कर के शुरुआती दिनों में फोटोग्राफी की शुरुआत की थी। दीपक लंबे समय तक भास्कर से जुड़े रहे और अब पिछले कई वर्षों से स्वतंत्रता तौर पर फोटो जर्नलिज्म का काम कर रहे है। राज्य सरकार के लिए भी दीपक फोटोग्राफी का कार्य करते हैं। अजमेर में स्मार्ट सिटी के विभिन्न प्रोजेक्ट की नई पुरानी फोटो भी दीपक शर्मा खींच रहे हैं। अपने ड्रोन कैमरे से भी दीपक शर्मा बड़ी बड़ी रैलियों के फोटो सुगमता के साथ लेते हैं। अजमेर में चाहे आनासागर का प्राकृतिक सौंदर्य हो या फिर अरावली की पर्वतमाला। दीपक ने अपने कैमरे में नई तकनीक से कैद किया है। दीपक पर्यावरण और सामाजिक कार्यो से भी जुड़े हुए हैं। इस उपलब्धि के लिए मोबाइल नंबर 9828549049 पर फोटो जर्नलिस्ट दीपक शर्मा को बधाई दी जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (28-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

Sunday 27 February 2022

राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात सुनी और अजमेर संभाग के कार्यकर्ताओं को बूथ मैनेजमेंट के गुर सिखाए। सांसद-विधायकों को दूर रखा।पूर्व सीएम वसुंधरा राजे इस बार जन्मदिन पर 8 मार्च को बूंदी में करेंगी शक्ति प्रदर्शन।सीएम अशोक गहलोत ने दिल्ली में राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। पुरानी पेंशन योजना को राष्ट्रीय मुद्दा बनाया जाए।

27 फरवरी को राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया एक दिवसीय दौरे पर अजमेर में रहे। पूनिया ने सबसे पहले सुबह 11 बजे एमडीएस चौराहा स्थित रावत कॉम्प्लेक्स में टीवी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात सुनी। इस अवसर पर भाजपा के कई पदाधिकारी भी मौजूद रहे। तय कार्यक्रम के अनुसार पूनिया ने जयपुर रोड स्थित भाजपा के नवनिर्मित जिला कार्यालय का निरीक्षण भी किया। इसके बाद डॉ. पूनिया ने फॉयसागर रोड स्थित हंस पैराडाइज रिसोर्ट में भाजपा की संभाग स्तरीय बैठक में भाग लिया। इस बैठक से संभाग के सांसदों और विधायकों को दूर रखा गया। बैठक में जिला अध्यक्ष और भाजपा के विभिन्न अभियानों से जुड़े संयोजकों-समन्वयकों को ही बुलाया गया। बैठक में डॉ. पूनिया ने बूथ मैनेजमेंट के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पूनिया ने कहा कि यदि बूथ मैनेजमेंट अच्छा होगा तो आगामी विधानसभा के चुनाव में जीत हो सकती है। बूथ से जुड़े एक एक मतदाता के बारे में भाजपा के कार्यकर्ता को जानकारी होनी चाहिए। जो मतदाता वोट डालने नहीं आते हैं, उन पर विशेष फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की कल्याणकारी नीतियों के बारे में मतदाताओं को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए। योजनाओं का लाभ दिलवाने में भाजपा कार्यकर्ता भूमिका निभाए। बैठक में अजमेर के प्रभारी और प्रदेश महामंत्री बीरमदेव सिंह शहर भाजपा के जिला अध्यक्ष डॉ. प्रियशील हाड़ा, देहात अध्यक्ष देवी शंकर भूतड़ा, शहर भाजपा के महामंत्री संपत सांखला आदि भी मौजूद रहे। बैठक में बाद पत्रकारों से संवाद करते हुए डॉ. पूनिया ने कहा कि अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पूरी तरह विफल रही है। अभी भले ही बजट घोषणाओं को लेकर वाहवाही लूटी जा रही हो, लेकिन आने वाले दिनों में प्रदेश की जनता को इन घोषणाओं की हकीकत का पता चल जाएगा।
 
वसुंधरा का शक्ति प्रदर्शन:
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस बार अपने जन्मदिन पर 8 मार्च को बूंदी में शक्ति प्रदर्शन करेंगी। राजे ने गत वर्ष जन्मदिन पर भरतपुर के गोवर्धन तीर्थ में धार्मिक अनुष्ठान पर शक्ति प्रदर्शन किया था। इस बार हाड़ौती क्षेत्र के बूंदी को चुना गया है। तय कार्यक्रम के अनुसार श्रीमती राजे प्रात: 10:30 बजे भगवान केशव देव के दर्शन करेंगी। वहीं जब पूजा अर्चना का बड़ा कार्यक्रम भी रखा गया है। शाम को चंबल नदी में महिला कार्यकर्ताओं के साथ दीपदान करेंगी। जन्मदिन को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर मनाने के लिए प्रदेशभर के राजे समर्थक कार्यकर्ता बूंदी में एकत्रित होंगे। इनमें सांसद, विधायक, स्थानीय निकायों के प्रमुख भाजपा के पदाधिकारी आदि को भी शामिल किया गया है।
 
गहलोत की राहुल प्रियंका से मुलाकात:
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 27 फरवरी को दिल्ली प्रवास पर रहे। गहलोत ने दिल्ली प्रवास में राहुल गांधी और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में पांच राज्यों के चुनाव परिणामों को लेकर विचार विमर्श हुआ। यानी चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस की स्थिति पर विचार किया गया। राजस्थान में जुलाई माह में राज्य सभा की चार सीटों के लिए चुनाव होना है। इन चुनावों को लेकर भी बैठक में विचार विमर्श हुआ। गहलोत ने हाल ही में प्रस्तुत बजट के बारे में भी राहुल और प्रियंका को जानकारी दी। इस मुलाकात के बाद मीडिया से संवाद करते हुए गहलोत ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को राष्ट्रीय मुद्दा बनना चाहिए। राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया। यानी जो कर्मचारी वर्ष 2004 में नियुक्ति हुआ है उसे भी सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन मिलेगी। गहलोत ने कहा कि पेंशन योजना सरकारी कर्मचारी को सुरक्षा प्रदान करती है। कर्मचारी को यह पता होता है कि सेवानिवृत्ति के बाद उसे प्रतिमाह पेंशन के रूप में एक निश्चित राशि मिलेगी। ऐसी स्थिति में वह अपने सेवाकाल के दौरान मन लगाकर काम करता है। सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही केंद्र सरकार ने सुरक्षा बलों पेंशन योजना को समाप्त नहीं किया। इसी प्रकार न्यायिक क्षेत्र के कार्मिकों को भी सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन का प्रावधान रखा गया है। सिर्फ सरकार के कर्मचारियों को ही पेंशन से वंचित किया जाना उचित नहीं है। कई राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए कमेटियां बनाई है। लेकिन राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर पूरे देश में पहल की है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (27-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

जब कोई देश कमजोर होता है तो उसके हालात यूक्रेन जैसे होते हैं।यूक्रेन के मुद्दे पर भारत, चीन और यूएई रूस के समर्थन में।

भारत में ऐसे अनेक लोग मिल जाएंगे जो अनेक तरह की आजादी चाहते है। कश्मीर की आजादी के लिए दिल्ली के जेएनयू में नारे लगते हैं तो अरविंद केजरीवाल जैसे राजनेता स्वतंत्र देश पंजाब का मुखिया बनने के सपने देख रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपना ही राग अलाप रही हैं। उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रचार के दौरान जो बयान सामने आ रहे हैं, उससे देश के सबसे बड़े राज्य के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। भारत में भी विभाजनकारी ताकतें सक्रिय हैं। ऐसे लोगों को यूक्रेन के हालात देख लेने चाहिए। यूक्रेन पहले सोवियत रूस का ही एक प्रदेश था, लेकिन सोवियत रूस के टूटने के बाद यूक्रेन अलग देश हो गया। लेकिन यूक्रेन ने एक स्वतंत्र देश के तौर अपनी स्थिति को मजबूत नहीं किया। यही वजह है कि आज रूस के राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन को हड़पना चाहते हैं। यूक्रेन को हड़पने में पुतिन को सफलता मिलती है या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इस विवाद में भारत की स्थिति एक मजबूत देश के तौर पर उभरी है। यूक्रेन के साथ युद्ध के दौरान ही रूस के राष्ट्रपति पुतिन द्वारा प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के साथ आधे घंटे तक फोन पर बात करने से जाहिर होता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का कितना दबदबा है। इसे भारत की कूटनीति ही कहा जाएगा कि अमेरिका और रूस जैसे दो महाशक्तियों के बीच भारत ने संतुलन बनाए रखा है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत भले ही अमरीका के साथ खड़ा नजर आए, लेकिन 26 फरवरी को जब संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद की बैठक में यूक्रेन मुद्दे पर रुख के खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखा गया तो भारत ने प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। समर्थन करने वाले तीन देशों में चीन और यूएई भी शामिल रहे। यानी यूक्रेन के मुद्दे पर भारत और चीन साथ साथ हैं। कोई माने या नहीं लेकिन भारत और चीन ने जो एकजुटता दिखाई है, उसका असर चीन के साथ सीमा विवाद हल करने में देखने को मिलेगा। सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत और चीन के रुख के कारण रूस के विरुद्ध सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पास नहीं हो सका। भारत ने बहुत सोच समझ कर रूस का समर्थन किया है। आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति और मजबूत होगी। अब रूस जैसा शक्तिशाली देश भी भारत के साथ खड़ा नजर आएगा। जो लोग पाकिस्तान के हिमायती है वे मौजूदा हालातों में पाकिस्तान की स्थिति देख लें। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है। यदि रूस और यूक्रेन में कोई समझौता होता है तो उसमें भारत की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (27-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

अजमेर के सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में 300 मुस्लिम छात्राएं कक्षा में हिजाब नहीं पहनती हैं। इनमें से अधिकांश छात्राएं दरगाह के खादिमों के परिवार की है।कर्नाटक के हिजाब प्रकरण में खादिम सरवर चिश्ती के बयानों पर खादिमों की संस्था अंजुमन को एतराज।विचारों को अभिव्यक्त करने पर मुझे संवैधानिक अधिकार है-चिश्ती

कर्नाटक के हिजाब प्रकरण को लेकर अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह के खादिम और अन्य मुस्लिम संगठनों से जुड़े सरवर चिश्ती ने जो बयान दिए हैं, उन दरगाह के खादिमों की रजिस्टर्ड संस्था अंजुमन सैयद जादगान ने एतराज जताया है। अंजुमन के अध्यक्ष सैय्यद मोईन हुसैन और सचिव सैयद वाहिद हुसैन अंगारा शाह ने कहा है कि ख्वाजा साहब की दरगाह में हिन्दू मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक है। यहां बड़ी संख्या में हिन्दू भी जियारत के लिए आते हैं। खादिम समुदाय पूरी अकीदत के साथ हिन्दुओं को भी सूफी परंपरा के अनुरूप जियारत कराते हैं। ऐसे किसी खादिम को आग में घी डालने वाले बयान नहीं देने चाहिए। सरवर चिश्ती पूर्व में अंजुमन के सचिव भी रह चुके हैं, इसलिए उनके तीखे बयानों की वजह से खादिमों की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ता है। सरवर चिश्ती को कर्नाटक हिजाब जैसे मुद्दे पर बयान देने का इतना ही शौक है तो वे उन मुस्लिम संगठनों के नाम से दें, जिससे वे जुड़े हैं। ख्वाजा साहब ने तो हमेशा प्यार मोहब्बत का ही संदेश दिया। खादिम समुदाय उसी परंपरा को कायम रखना चाहता है। अंजुमन के पदाधिकारियों ने कहा कि ऐसे बयानों की वजह से ख्वाजा साहब के उर्स से पहले जिला प्रशासन सरवर चिश्ती को पाबंद करता है। अंजुमन ने उम्मीद जताई है कि सरवर चिश्ती भविष्य में ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिसकी वजह से कौम बदनाम हो। वहीं सरवर चिश्ती का कहना है कि उन्हें बोले की स्वतंत्रता है, उनके इस अधिकार को कोई नहीं छीन सकता है। वे जो भी बोलते हैं वह संविधान के दायरे में होता है। अंजुमन के मौजूदा पदाधिकारियों ने अंजुमन के चुनाव के मद्देनजर मेरे विरुद्ध बयान दिया है।
 
300 मुस्लिम छात्राएं:
कर्नाटक के हिजाब प्रकरण को लेकर भले ही अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह के खादिमों के बीच मतभेद हों, लेकिन यह सही है कि दरगाह से मुश्किल से एक किलोमीटर दूर राजकीय सेंट्रल गल्र्स स्कूल में करीब तीन सौ मुस्लिम छात्राएं प्रतिदिन बिना हिजाब के ही कक्षाओं में बैठ कर पढ़ाई करती हैं। इनमें 12वीं कक्षा तक मुस्लिम छात्राएं शामिल हें। अनेक छात्राएं अपने घरों से स्कूल पर भी आती है। अधिकांश छात्राएं घर से स्कूल तक बिना हिजाब के ही आती है। यदि कोई मुस्लिम छात्रा घर से हिजाब में आती है तो कक्षा में प्रवेश से पहले ही हिजाब उतार देती हैं। आज तक किसी भी मुस्लिम छात्रा ने हिजाब पहन कर कक्षा में बैठने की जिद नहीं की। स्कूल की जो यूनिफार्म है, उसी को पहन सभी छात्राएं आती हैं। कक्षा में बैठने के बाद सभी छात्राएं एक समान नजर आती हैं। स्कूल की प्रिंसिपल गीता जिरोटिया ने बताया कि स्कूल में करीब डेढ़ हजार छात्राएं अध्ययन करती हैं, इनमें से करीब 300 छात्राएं मुस्लिम हैं, लेकिन पहनावे को लेकर स्कूल में कभी कोई विवाद नहीं हुआ। सरकार ने जो यूनिफार्म निर्धारित कर रखी है, सभी छात्राएं उसी ड्रेस कोड का पालन करती हैं। मुस्लिम छात्राएं भी पढ़ाई को लेकर बहुत जागरूक है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में पढ़ने वाली अधिकांश मुस्लिम छात्राएं दरगाह के खादिमों के परिवारों की है। दरगाह के आसपास ही खादिमों के घर और गेस्ट हाउस बने हुए हैं शिक्षा के प्रति जागरूकता की वजह से खादिम परिवारों की बच्चियां भी अच्छी पढ़ाई करने लगी है। खादिम परिवारों की लड़कियों के निकाह खादिम परिवारों के लड़कों से ही करने की परंपरा है। इसलिए खादिम परिवारों के लड़के लड़कियां अजमेर में ही रहते हैं। खास बात यह है कि खादिम परिवारों के लड़के लड़कियों के शिक्षण का खर्च अंजुमन वहन करती है। खादिम परिवार के सदस्य कहीं भी पढ़े, लेकिन उसकी फीस अंजुमन द्वारा ही जमा करवाई जाती है। अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह से जुड़े खादिम परिवारों की संख्या करीब तीन हजार लोगी। परिवार में लड़के के जन्म के साथ ही उसे दरगाह में खादिम का अधिकार मिल जाता है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (27-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

Saturday 26 February 2022

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष और राष्ट्रीय संत गोविंद गिरी महाराज शिवरात्रि के अवसर पर अजमेर में तीन दिनों तक धर्म की गंगा बहाएंगे।नौसर माता मंदिर में गौरीश्वर देवालय का प्रतिस्थापन तथा पुष्कर के चित्रकूट धाम में भस्म आरती का भव्य आयोजन भी।

अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष और राष्ट्रीय संत गोविंद गिरी महाराज शिवरात्रि के अवसर पर अजमेर में तीन दिनों तक धर्म की गंगा बहाएंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार पुष्कर ब्रह्मा सावित्री वेद विद्यापीठ के परिसर में 27 फरवरी से 1 मार्च तक विभिन्न धार्मिक आयोजन होंगे। तीनों दिन गोविंद गिरी जी महाराज प्रवचन देंगे तथा यज्ञ आदि के कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इन तीन दिनों में कई शिष्य दीक्षा भी ग्रहण करेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष शिवरात्रि के अवसर पर गोविंद गिरी महाराज पुष्कर में ही निवास करते हैं। गोविंदगिरि महाराज के सानिध्य में ही देश के कई धार्मिक स्थलों पर संस्कृत भाषा की विद्यापीठ संचालित हो रही है। इन विद्यापीठों में संस्कृत की पढ़ाई करवाई जाती है। विद्यापीठ में रहकर ही युवा वेदों का ज्ञान भी प्राप्त करते हैं। पुष्कर स्थित विद्यापीठ के आचार्य बृजेश तिवारी ने बताया कि महाशिवरात्रि पर एक मार्च को रुद्राभिषेक भी किया जाएगा। तीन दिवसीय धार्मिक समारोह में देशभर से श्रद्धालु विद्यापीठ के परिसर में आएंगे।
 
गौरीश्वर देवालय का प्रतिष्ठापन:
अजमेर के पुष्कर घाटी स्थित सुप्रसिद्ध नवदुर्गा नौसर माता मंदिर के पीठाधीश्वर श्री रामकृष्ण देव जी ने बताया कि 1 मार्च को प्रातः: 10 बजे राष्ट्रीय संत और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्याय अयोध्या के कोषाध्यक्ष गोविंद गिरी महाराज के सानिध्य में मंदिर परिसर में गौरीश्वर देवालय का प्रतिष्ठापन किया जाएगा। इस देवालय में श्री गौरीश्वर प्रभु, श्री गणपति, माता पार्वती, श्री कार्तिकेय श्री कुबेर एवं नंदी की प्रतिमाएं प्रतिष्ठापित की जाएगी। इसी दिन शाम छह बजे पंडित चंद्रमोहन भट्ट व पंडित शिवमोहन भट्ट के शिष्य अंकित भट्ट शिवनाद संगीत की प्रस्तुति देंगे। उन्होंने बताया कि गौरीश्वर देवालय के प्रतिष्ठापन पर मंदिर परिसर में अनेक धार्मिक आयोजन किए जा रहे है। 1 मार्च को सायं काल मंदिर परिसर में ही भंडारे का आयोजन भी किया गया है। इस संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9828621902 पर ली जा सकती है।
 
भस्म आरती:
प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी पुष्कर के निकट देवनारायण रोड पर स्थित चित्रकूट धाम में भव्य भस्म आरती का आयोजन किया गया है। मंदिर के उपासक पाठक जी महाराज ने बताया कि 1 मार्च को शिवरात्रि पर दिन में 11 फिट ऊंचे शिवलिंग पर श्रद्धालु जल अर्पित कर सकेंगे तथा शाम को छह बजे शिवलिंग पर भस्म आरती होगी। मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क रहेगा। 

S.P.MITTAL BLOGGER (26-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

जब यूपी में उर्दू और दिल्ली में पंजाबी व उर्दू को द्वितीय भाषा का सरकारी दर्जा मिल सकता है तो राजस्थान में राजस्थानी भाषा को क्यों नहीं?मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कर सकते हैं एक सकारात्मक पहल।

उत्तर प्रदेश और दिल्ली में हिन्दी को राजभाषा घोषित कर रखा है, लेकिन इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में उर्दू और दिल्ली में पंजाबी व उर्दू को द्वितीय राजभाषा भाषा घोषित किया हुआ है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार के शिक्षा संस्थानों में कक्षा एक से दस तक के विद्यार्थी हिन्दी के साथ साथ उर्दू व पंजाबी में भी पढ़ाई कर सकते हैं। इन दोनों राज्यों की प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र भी संबंधित भाषा में ही उपलब्ध करवाए जाते हैं। अपनी मातृभाषा में परीक्षा देने से युवाओं को अपनी योग्यता प्रदर्शित करने का पूरा अवसर मिलता है, लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि 8 करोड़ की आबादी वाले राजस्थान में अभी तक भी राजस्थानी भाषा को द्वितीय भाषा घोषित नहीं किया गया है। 23 अगस्त 2013 को विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार से मांग की गई कि राजस्थानी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल किया जाए, लेकिन यह मांग तभी पूरी होगी, जब राजस्थान की सरकार राजस्थानी को यूपी और दिल्ली की तरह द्वितीय भाषा का दर्जा दे। अफसोसनाक बात यह है कि कांग्रेस और भाजपा की सरकारें राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर केंद्र से मांग तो करते हैं, लेकिन अपने अपने शासन में राजस्थानी को द्वितीय भाषा घोषित नहीं करते। असल में 1956 में राजस्थान को जब पूर्ण राज्य का दर्जा मिला तो हिन्दी भाषा को राजभाषा घोषित कर दिया, जबकि तब प्रदेश की लोक संस्कृति को देखते हुए राजस्थानी भाषा का उल्लेख किया जाना चाहिए था। केंद्र की 8वीं अनुसूची में किसी भाषा को शामिल करने के लिए जो मापदंड बनाए गए हैं उनमें जरूरी है कि संबंधित भाषा को राजभाषा घोषित किया जाए तथा कक्षा एक से दस तक में संबंधित भाषा में पढ़ाई का प्रावधान हो। इच्छुक विद्यार्थियों को परीक्षा में प्रश्न पत्र भी संबंधित भाषा में ही उपलब्ध हो। यह तभी संभव होगा, जब राज्य सरकार राजस्थानी को राजस्थान की द्वितीय भाषा घोषित करे। सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की। जब भी राजस्थानी भाषा का मुद्दा जोर पकड़ता है तो मामले को केंद्र सरकार के पाले में डाल दिया जाता है। हर सरकार अपनी जिम्मेदारी से बचती है, यदि राजस्थानी भाषा को वाकई केंद्र की 8वीं अनुसूची में शामिल करवाना है तो मौजूदा अशोक गहलोत की सरकार को राजस्थानी भाषा को द्वितीय भाषा का दर्जा देना होगा। सवाल यह भी है कि जब गुजरात में गुजराती, महाराष्ट्र में मराठी और बंगाल में बंगाली भाषा को राजभाषा का दर्जा मिला हुआ है तो फिर राजस्थान में राजस्थानी भाषा के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। सरकार को चाहिए कि राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के माध्यम से राजस्थानी भाषा के पाठ्यक्रम तैयार करवाए जाए। असल में राजस्थान की अफसरशाही यह नहीं चाहती है कि संघ लोक सेवा आयोग और राजस्थान लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में राजस्थानी भाषा के प्रश्न पत्र भी तैयार हो। जबकि संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में विद्यार्थियों को गुजराती, मराठी, बंगाली आदि भाषाओं में भी प्रश्न पत्र उपलब्ध होते हैं। राजस्थानी मोट्यार परिषद के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. एसएस जोलावास इन दिनों राजस्थानी भाषा को राज्य की द्वितीय भाषा का दर्जा दिलाने के लिए प्रदेशभर में अभियान चला रहे हैं। जोलावास के प्रयासों से ही अभी तक 150 विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख दिया है। इन विधायकों में सरकार के मंत्री और कांग्रेस के विधायक भी शामिल है। जोलावास का मानना है कि 25 अगस्त 2003 को विधानसभा में सर्वसम्मति से जो प्रस्ताव पास किया, उसका महत्व तभी है जब राजस्थान की सरकार राजस्थानी को द्वितीय भाषा का दर्जा दे। राजस्थानी भाषा को लेकर चलाए जा रहे अभियान के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9783730979 व 9414737972 पर डॉ. जोलावास से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (26-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

यूक्रेन में फंसे राजस्थान के विद्यार्थियों को लेकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे चिंतित।बजट घोषणाओं के कारण राजस्थान के नागरिक और कर्ज में डूब जाएंगे।एक मुलाकात में राजे ने अजमेर के आनासागर के किनारे बने पाथवे के बारे में भी जानकारी ली।पेड़ पौधे और फूल देते हैं मन को सुकून।

25 फरवरी को जयपुर में मेरी मुलाकात भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से हुई। कोई पौन घंटे के सीधे संवाद में राजे ने यूक्रेन में फंसे राजस्थान के मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को लेकर चिंता प्रकट की। जो अभिभावक अपने बच्चों के लिए राजे के पास आ रहे हैं, उन सभी की जानकारियां दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय तथा सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह के पास भिजवाई जा रही है। राजे ने कहा कि राजस्थान के विद्यार्थियों को सुरक्षित लाने के लिए वे भरसक प्रयास कर रहे हैं। उनका विदेश मंत्रालय से भी संपर्क बना हुआ है। राजे ने माना कि यूक्रेन में फंसे अधिकांश बच्चे मध्यमवर्गीय परिवारों के हैं। प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 23 फरवरी को प्रस्तुत वार्षिक बजट के संबंध में राजे ने कहा कि बजट घोषणाएं राजस्थान के लोगों को और कर्जदार बनाएगी। सरकार के पास पैसा तो है नहीं और करोड़ों रुपए के खर्च वाली घोषणाएं कर दी गई है। कुछ घोषणाओं का तो पूरा होना संभव ही नहीं है। आने वाले दिनों मे लोगों को बजट घोषणाओं की हकीकत का पता चल जाएगा। राजे ने दिल्ली स्थित उदयपुर हाउस में 250 कमरों का हॉस्टल बनाए जाने पर भी नाराजगी व्यक्त की। राजे ने कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थी, तब उदयपुर हाउस जैसी संपत्तियों को दिल्ली सरकार से मुक्त कराया था। ऐसी सम्पत्तियां हैरिटेज से जुड़ी है। इन संपत्तियों को खुर्द बुर्द करने के बजाए संरक्षण दिया जाना चाहिए। उदयपुर हाउस जैसी संपत्तियां देश की राजधानी दिल्ली में राजस्थान की आन बान और शान को प्रदर्शित करती है। राजे ने कहा कि स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता के लिए सरकारी स्कूलों का सामनीकरण उनके शासन में किया था। इससे स्कूलों के शिक्षकों और स्कूल भवनों का सदुपयोग हो सका, लेकिन कांग्रेस के राज में सब गड़बड़ कर दिया गया। अब अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने की रट लगाई जा रही है। अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खुले, यह अच्छी बात है, लेकिन इसके लिए अंग्रेजी के अच्छे जानकारी शिक्षकों का होना जरूरी है। जब अंग्रेजी के सैकड़ों स्कूल खोल दिए हैं, तब अंग्रेजी के शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की गई। न जाने कब नए शिक्षकों की भर्ती होगी। सरकार के कामकाज का इतना बुरा हाल है कि शिक्षकों की भर्ती के पात्रता परीक्षा तक आयोजित नहीं हो पा रही है। गत वर्ष 26 सितंबर को हुई रीट की परीक्षा को रद्द करना पड़ा है। परीक्षा से पहले प्रश्न पत्रों को 10-10 लाख रुपए में बिकना बेहद ही शर्मनाक है। सरकार अब इस मामले में लीपापोती कर रही है। अफसोनाक बात तो यह है कि सरकार में बैठे लोग पेपर लीक घोटाले में शामिल हैं। राजे ने कहा कि रीट पेपर लीक घोटाले की जांच सीबीआई से ही होनी चाहिए। राजे ने अजमेर के आनासागर के चारों तरफ बनने वाले पाथवे के बारे में भी जानकारी ली। राजे ने कहा कि जब चारों तरफ पाथवे बन जाएगा, तब आनासागर झील का प्राकृतिक सौंदर्य और निखरेगा। राजे ने कहा कि प्रकृति की सुंदरता मनुष्य के जीवन पर असर डालती है। जब कोई व्यक्ति पेड़ पौधे और रंग बिरंगे फूल देखता है तो उसे सुकून (आनंद) की अनुभूति होती है। मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए जयपुर के कई स्थानों पर छोटे बड़े बगीचे विकसित किए थे, लेकिन अब इन बगीचों की सार संभाल नहीं हो रही है। पौन घंटे की मुलाकात में वसुंधरा राजे से अन्य कई मुद्दों पर भी विचारों का आदान प्रदान हुआ। 


S.P.MITTAL BLOGGER (26-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

Thursday 24 February 2022

अच्छा हुआ काली दुल्हन वाले बयान पर राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने माफी मांग ली।

राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया उन संजीदा राजनेताओं में से एक हैं जो अपने विरोध को भी सलीके से रखते हैं, इसलिए कांग्रेस सरकार के वार्षिक बजट की तुलना जब पूनिया ने काली दुल्हन के श्रृंगार से की तो उनकी संजीदा छवि पर सवाल उठे। भले ही पूनिया को कांग्रेस सरकार का बजट पसंद न आया हो, लेकिन वे अपनी राजनीति में किसी दुल्हन के रंग का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। क्या किसी महिला का काला रंग होना बुरी बात है? शायद पूनिया को अपनी गलती का अहसास हुआ हो और उन्होंने अगले दिन यानी 23 फरवरी को सुबह ही एक ऑडियो संदेश जारी कर अपने बयान पर माफी मांग ली है। पूनिया ने कहा कि वे अक्सर ऐसे बयान नहीं देते हैं, लेकिन 22 फरवरी को बजट के बाद अनायास ही उनके मुंह से काली दुल्हन के श्रृंगार वाली बात निकल गई। मेरे इस बया नसे किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो क्षमा प्रार्थी हंू। अच्छा हुआ कि एक दिन में ही पूनिया को अपनी गलती का अहसास हो गया और उन्होंने सार्वजनिक तौर पर माफ भी मांग ली। यह बात अलग है कि पूनिया के 22 फरवरी के बयान पर कांग्रेस ने उनके विरुद्ध मोर्चा खोल दिया था। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज से लेकर महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष डिसूजा तक ने पूनिया से माफी मांगने की बात कही। अब देखना है कि पूनिया के माफी मांगने के बाद मामला शांत होता है या फिर कांग्रेस अपने विरोध को जारी रखती है। अलबत्ता माफी मांगना भी एक बहुत बड़ा गुण है और नेताओं द्वारा अपने बयान पर माफी मांगना तो और बड़ी बात है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (24-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

आखिर रूस ने यूक्रेन को अपने कब्जे में ले ही लिया।चीन और रूस की ताकत के आगे संयुक्त राष्ट्र संघ तमाशबीन बना। नाटो की आड़ में रूस पर कार्यवाही की गई तो अमेरिका और ब्रिटेन को परिणाम भुगतने होंगे।भारत तो तटस्थ देश की भूमिका निभाएगा। अभी भी 20 हजार भारतीय छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंसे हैं।

अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे ताकतवर देश चिल्लपों करते रह गए और रूस ने 22 फरवरी को यूक्रेन के सभी सैन्य ठिकानों को अपने कब्जे में ले लिया। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि यदि नाटो की आड़ में अमेरिका, ब्रिटेन आदि देशों ने युद्ध में दखल दिया तो ऐसे देशों को परिणाम भुगतने होंगे। पुतिन का कहना है कि यूक्रेन के मौजूदा शासन में रूसी भाषा बोलने वाले नागरिकों पर अत्याचार हो रहे थे, ऐसे नागरिक पहले सोवियत संघ के ही नागरिक थे। ऐसे रूसी नागरिकों को बचाने का दायित्व रूस का है। उन्होंने कहा कि अब यूक्रेन की मदद करने वाले देशों को परिणाम भुगतने होंगे। जो युद्ध अभी यूक्रेन तक चिन्हित है वह अन्य देशों में फैल जाएगा। रूस की सेनाओं ने यूक्रेन के एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह तबाह कर दिया है इसलिए यूक्रेन की सेना रूस का मुकाबला नहीं कर पा रही है। पुतिन के कुछ भी तर्क हों, लेकिन यह सही है कि रूस ने अपने सैन्य बल के दम पर यूक्रेन पर कब्जा किया है। गंभीर बात तो यह है कि यूक्रेन पर कब्जे के समय संयुक्त राष्ट्र संघ तमाशबीन बना हुआ है। यह माना कि संयुक्त राष्ट्र संघ में अमेरिका का दबदबा है, लेकिन यूक्रेन को लेकर रूस और चीन ने जो ताकत दिखाई है, उसके आगे संयुक्त राष्ट्र संघ बेदम नजर आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने जो पांच देश शक्तिशाली है, उनमें रूस और चीन भी है। यदि अमेरिका के दबाव से कोई प्रस्ताव रखा जाता है तो चीन और रूस वीटो पावर का इस्तेमाल करेंगे। यूक्रेन पर कब्जे के समय चीन पूरी तरह रूस के साथ खड़ा है। अब तक अन्य देशों में अमेरिका की दखलंदाजी होती थी। अमेरिका ने अपना दबदबा बनाए रखने के लिए ही इराक, अफगानिस्तान आदि देशों में सैन्य कार्यवाही की। लेकिन इस बार रूस ने यूक्रेन पर सैन्य कार्यवाही कर दुनिया में अपनी ताकत दिखाई है। गंभीर बात यह है कि रूस पिछले चौबीस घंटे से यूक्रेन पर मिसाइलों से हमला कर रहा है। यूक्रेन के सभी सैन्य ठिकाने अब रूस के नियंत्रण अथवा निगरानी में है। यदि इस युद्ध में नाटो देशों का दखल होता है तो आने वाले दिनों में दुनिया में गैस और तेल की किल्लत हो जाएगी। इस समय हालात बेहद नाजुक है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस देशों को सोच समझ कर कार्यवाही करनी चाहिए। अच्छा हो कि यह युद्ध यूक्रेन से बाहर न निकले। यदि युद्ध यूक्रेन से बाहर निकलता है तो फिर तीसरे विश्व युद्ध को कोई नहीं रोक सकता। सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि रूस ने अपनी स्थिति को काफी मजबूत कर लिया है। रूस के पीछे चीन जैसा शक्तिशाली देश भी खड़ा है। चीन तो अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की फिराक में बैठा है। चीन चाहता है कि यूक्रेन में अमेरिकी उलझ जाए। यदि अमेरिका यूक्रेन में उलझता है तो दुनिया के कारोबार पर चीन की मजबूत पकड़ हो जाएगी। जिस किसी देश ने यूक्रेन की मदद की तो यह माना जाएगा कि वह रूस की सेना से लड़ रहा है। ऐसे में रूस को उस देश पर हमला करने का बहाना मिल जाएगा। हो सकता है कि रूस की मदद के लिए चीन भी अपनी सेनाओं का इस्तेमाल करे।
 
भारत तटस्थ:
रूस और यूक्रेन के बीच जो युद्ध शुरू हुआ है उसमें भारत तटस्थ देश की भूमिका निभा रहा है। भारत किसी भी स्थिति इस युद्ध में उलझना नहीं चाहता है। इसलिए भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से बार बार कहा जा रहा है कि आपसी बातचीत से समस्या का समाधान किया जाए। भारत के लिए यह गंभीर बात है कि 20 हजार छात्र-छात्राएं अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। ऐसे विद्यार्थी मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए हैं। यूक्रेन के शिक्षण संस्थानों में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए बिना किसी टेस्ट के प्रवेश मिल जाता है। भारत के मुकाबले में यूक्रेन के शिक्षण संस्थानों में फीस भी कम लगती है। जो विद्यार्थी भारत में नीट और जेईई की प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं होते वे यूक्रेन जैसे देश में जाकर डॉक्टर और इंजीनियर की डिग्री हासिल कर लेते हैं। रूस के हमले के बाद यूक्रेन ने अपना एयर स्पेस बंद कर दिया है। ऐसे में यूक्रेन के हवाई अड्डों से वाणिज्यिक विमानों को उडऩा मुश्किल हो रहा है, लेकिन भारत सरकार ने भरोसा दिलाया है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय विद्यार्थी दूतावास की निगरानी में है और किसी भी अभिभावक को घबराने की जरुरत नहीं है। 22 फरवरी को मात्र 300 विद्यार्थी ही भारत लौट पाए हैं। दावा किया जा रहा है कि सभी भारतीय विद्यार्थी अपने दूतावास के संपर्क में है। इस बीच विदेश मंत्रालय ने भारतीय विद्यार्थियों से अपील की है कि वे यूक्रेन में अपने घरों पर ही रहें। 

S.P.MITTAL BLOGGER (24-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

आखिर सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग में इतनी हड़बड़ी क्यों है?आयोग ने दिन में आरएएस मैंस की परीक्षा स्थगित की और रात को ही नई तिथियां घोषित की।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी हाईकोर्ट का फैसला आने से पहले जिद वाला बयान दिया।ढाई माह तक काम चलाऊ अध्यक्षों के भरोसे रहा आयोग। आखिर मुख्यमंत्री के दस दस सलाहकार क्या कर रहे हैं?

राजस्थान प्रशासनिक एवं अधीनस्थ सेवा (आरएएस) की मुख्य परीक्षा को लेकर सरकार और परीक्षा लेने वाला राजस्थान लोक सेवा आयोग हड़बड़ी में नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रिटायर मुख्य सचिव निरंजन आर्य से लेकर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा तक को अपना सलाहकार बना रखा है, लेकिन सरकार के कुछ समय में नहीं आ रहा है। सरकार को भी पता था कि आरएएस प्री के अभ्यर्थियों ने परिणाम को लेकर जो याचिका दायर कर रखी है, उस पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच का निर्णय 22 फरवरी को आएगा। लेकिन इ फैसले का इंतजार किए बिना ही सीएम गहलोत ने 21 फरवरी को बयान जारी कर कहा कि आरएएस मैंस की परीक्षा तय तिथि 25 व 26 फरवरी को ही होगी। इधर सीएम ने जिद वाला बयान दिया, उधर अगले ही दिन 22 फरवरी को हाईकोर्ट ने आरएएस प्री के घोषित परिणाम पर रोक लगा दी। इससे मैंस परीक्षा भी रुक गई। यानी सीएम का जिद वाला बयान धरा रह गया। मुख्यमंत्री ने बयान देने में जो हड़बड़ी दिखाई, वैसी ही हड़बड़ी 23 फरवरी को राज्य लोक सेवा आयोग में देखने को मिली। आयोग ने हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले के आलोक में 23 फरवरी को फुल कमीशन की बैठक बुलाई और 25 व 26 फरवरी को होने वाली मैंस परीक्षा स्थगित कर दी। जबकि हाईकोर्ट की जयपुर पीठ की डबल बेंच में सिंगल बेंच के फैसले के विरुद्ध सरकार और आयोग की ओर से याचिका दायर हो चुकी थी। दोपहर बाद ही चीफ जस्टिस अकील कुरैशी और जस्टिस सुदेश बंसल की बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी। डबल बेंच के फैसले के मद्देनजर आयोग ने 23 फरवरी की रात को ही आरएएस मैंस की परीक्षा 20 व 21 मार्च को लेने का निर्णय ले लिया। सवाल उठता है कि आयोग ने मैंस की परीक्षा स्थगित करने से पहले डबल बेंच के निर्णय का इंतजार क्यों नहीं किया? जाहिर है कि सरकार की तरह आयोग भी हड़बड़ी में है। अच्छा होता कि आयोग हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले का इंतजार करता। इस फैसले के बाद आयोग को मेंस परीक्षा पर निर्णय लेना चाहिए था। सरकार और आयोग की हड़बड़ी आरएएस जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा को लेकर दिखाई जा रही है जो बेहद अफसोसनाक बात है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 30 मंत्रियों के साथ साथ 10 सलाहकार भी नियुक्त कर रखे हैं, लेकिन फिर भी इतनी हड़बड़ी हो रही है। सवाल उठता है कि मंत्री और सलाहकार किस भूमिका में है? आरएएस मैंस की परीक्षा को लेकर चीफ जस्टिस अकील कुरैशी ने भी आयोग के तौर तरीकों पर एतराज किया है। जस्टिस कुरैशी ने भी कहा है कि आयोग को विवादित प्रश्नों से बचना चाहिए। असल में इन दिनों आयोग का ढर्रा बिगड़ा हुआ है। संजय कुमार श्रोत्रिय के 14 फरवरी को अध्यक्ष बनने से पहले ढाई माह तक आयोग काम चलाऊ अध्यक्षों के भरोसे था। सीएम गहलोत ने आयोग को राजनीति की प्रयोगशाला बना रखा है। आयोग में 10-10 दिन के लिए अध्यक्ष बनाए जा रहे हैं। अपने राजनीतिक मकसद को पूरा करने के लिए दो माह तक काम चलाऊ अध्यक्ष बनाए जा रहे हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (24-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

राजस्थान की राजनीति में अब सचिन पायलट का भविष्य क्या है?पायलट द्वारा जयपुर में चुनिंदा पत्रकारों को दिए गए लंच में चर्चा का विषय।राजधानी की पत्रकारिता अजमेर के पत्रकारों के हाथों में।

22 फरवरी को पूर्व डिप्टी सीएम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने जयपुर के अपने सरकारी बंगले में चुनिंदा पत्रकारों को लंच दिया। इस लंच में मुझे भी शामिल होने का अवसर मिला। लंच में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के दिग्गज पत्रकार शामिल रहे। पायलट ने आत्मीयता के साथ सभी पत्रकारों की आवभगत की। यह कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं थी, लेकिन राजनीतिक गलियारों खास कर कांग्रेस में पायलट के इस लंच को महत्वपूर्ण माना गया। 20 फरवरी को हुए कांग्रेस के अधिवेशन में भले ही पायलट नजर न आए हो, लेकिन 22 फरवरी को पायलट दिनभर पत्रकारों के साथ रहे। पांच राज्यों के चुनाव में पायलट कांग्रेस के स्टार प्रचारक है, इसलिए उन्होंने प्रचार के दौरान के संस्मरणों को पत्रकारों के साथ साझा किया, वहीं पत्रकारों से यह चर्चा रही कि अब राजस्थान की राजनीति में पायलट का भविष्य क्या है। मेरा जैसा पत्रकार तो अजमेर में रह कर पत्रकारिता करता है, लेकिन राजधानी जयपुर में तो बड़े बड़े पत्रकार पंडित है। मैं ऐसे पत्रकार और राजनीतिक पंडितों से ही कुछ जानना और समझना चाहता था। पंडितों की राय बताने से पहले यह बताना जरूरी है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश के संगठन और सरकार में पायलट को कोई महत्व नहीं देते हैं। संबंध इतने खराब है कि पायलट को अपने निर्वाचन क्षेत्र टोंक की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखना पड़ता है। ऐसे माहौल में कुछ पंडितों का मानना था कि दिसंबर 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट भाजपा में चले जाएंगे। ऐसे पंडितों ने पायलट के मित्र रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह के नाम भी गिनाए। लेकिन कुछ पंडितों ने पायलट के भाजपा में जाने की संभावनाओं को खारिज कर दिया। ऐसे पंडितों का कहना रहा कि सचिन पायलट की नजर राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद पर है। भाजपा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भूपेंद्र यादव, अर्जुनराम मेघवाल, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र सिंह राठौड़ के रहते हुए पायलट का मुख्यमंत्री बनना मुश्किल है। कुछ पंडितों का मानना था कि दिसंबर 2023 के चुनाव से पहले अशोक गहलोत को हटाकर पायलट को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा और फिर पायलट के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा। इस बार कांग्रेस हाईकमान भी पायलट को ही मुख्यमंत्री बनाने की गारंटी देगा। लेकिन इस संभावनाओं को भी पंडितों ने खारिज कर दिया। पंडितों का कहना था कि अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते पायलट को कभी भी मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया जाएगा। कुछ पंडितों का मानना रहा कि दिसंबर 2023 के चुनाव में पायलट स्वयं भी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहेंगे, क्योंकि गहलोत शासन में जो कारनामें हुए हैं उनमें कांग्रेस सरकार रिपीट नहीं होगी। वैसे भी इस बार भाजपा की बारी है। इसलिए गहलोत सरकार की हार का ठीकरा पायलट अपने सिर नहीं फोड़ेंगे। वहीं कुछ पत्रकार पंडितों का मानना रहा कि पायलट 2013 से 2018 की तरह 2023 से 2028 तक एक बार फिर भाजपा के शासन में संघर्ष करेंगे और फिर 2028 के चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलवाकर मुख्यमंत्री बनेंगे। पायलट के राजनीतिक भविष्य को लेकर पत्रकारों में भले ही अलग अलग राय रही हो, लेकिन सभी पत्रकारों का मानना रहा कि पायलट का भविष्य उज्ज्वल है। पिछले डेढ़ वर्ष से मरोड़ने और कुचलने के बाद भी पायलट की लोकप्रियता को कम नहीं किया जा सका है। भले ही अशोक गहलोत, पायलट को राजस्थान से दूर रख रहे हों, लेकिन प्रदेशभर में पायलट का जलवा बरकरार है। लंच के समय पायलट को भी पता था कि पत्रकार साथी उनके भविष्य पर ही चर्चा कर रहे हैं, इसलिए स्नैक्स और सूप के दौर की समाप्ति के बार पायलट ने पत्रकारों को मूंग दाल के हलवे, गरम गरम गुलाब जामुन के साथ साथ काले अंगूर, आलू, मटर पनीर और दाल तड़का वाले स्वादिष्ट भोजन के लिए आमंत्रित किया। बदलते मौसम के अनुकूल स्वादिष्ट कुल्फी भी खिलाई।
 
अजमेर के हाथों में पत्रकारिता:
पायलट के लंच पर मेरी मुलाकात भारत में बीबीसी न्यूज के प्रभारी रहे संजीव श्रीवास्तव से भी हुई। श्रीवास्तव ने मुझे बताया कि जयपुर में पत्रकार समूहों के जो वाट्सएप ग्रुप बने हुए हैं उनमें मेरे ब्लॉगों को रोजाना पढ़ते हैं। श्रीवास्तव ने मेरे ब्लागों की प्रशंसा करते हुए मेरी हौसला अफजाई की। पत्रकारों के बीच संजीव श्रीवास्तव जैसे वरिष्ठ पत्रकार द्वारा प्रशंसा किया जाना मुझे अच्छा लगा। मैं संजीव श्रीवास्तव जी का हृदय से आभार हंू। मेरी मुलाकात राजस्थान पत्रिका के स्टेट हैड अमित वाजपेयी, जी न्यूज के स्टेट हैड मनोज माथुर, शशि मोहन शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार श्याम सुंदर शर्मा आदि से भी हुई। ये सभी पत्रकार अजमेर के हैं, जिन्होंने जयपुर जाकर राजधानी की पत्रकारिता में अपनी योग्यता दिखाई है। पायलट के लंच पर जयपुर पिंक सिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष मुकेश मीणा और अन्य संगठनों के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। वरिष्ठ पत्रकार और इन दिनों सोशल मीडिया पर ब्लॉग लिख रहे महेश झालानी भी लंच में उपस्थित रहे। 

S.P.MITTAL BLOGGER (23-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

इधर हिजाब के लिए जंग हो रही है, उधर अफगानिस्तान में भूख से मरते मुसलमानों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गेहूं भेज रहे हैं।

इधर भारत में हिजाब को लेकर जंग छिड़ी हुई है, उधर पड़ोसी देश अफगानिस्तान में मुस्लिम आबादी दाने दाने के लिए मोहताज है। अफगानिस्तान के मुसलमानों को भूखे मरने से बचाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गेहूं के 50 ट्रकों की पहली खेप अफगानिस्तान पहुंचा दी है। इन ट्रकों में 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं है। गेहूं से भरे इन ट्रकों के काफिले को विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने रवाना किए। सब जानते हैं कि अफगानिस्तान पर कट्टरपंथी संगठन तालिबान के कब्जे के बाद से हालात बिगड़े हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ की पाबंदियों के बाद अफगानिस्तान को विदेशों से कोई सहायता नहीं मिल रही है। अभी तक सिर्फ पाकिस्तान ने ही तालिबान सरकार को मान्यता दी है। लेकिन पाकिस्तान तो खुद कंगाली के मुहाने पर खड़ा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान को तो खुद अपने मुसलमानों को भूख से बचाने की जरूरत है। ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए भूखों मरते अफगानिस्तानियों को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं दान दिया है। एक ओर भारत अफगानिस्तान के मुसलमानों को बचाने के लिए गेहूं भेज रहा है तो दूसरी ओर भारत में हिजाब को लेकर जंग हो रही है। कर्नाटक से उठा विवाद अब पूरे देश में फैल गया है। कर्नाटक में कट्टरपंथियों ने एक हिन्दू लड़के की हत्या तक कर दी है। कट्टरपंथी मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहना कर स्कूल कॉलेज की कक्षाओं में बैठा रहे हैं। मुस्लिम लड़कियां अपने धर्म की परंपराओं के अनुरूप घर से शिक्षण संस्थान तक हिजाब पहने, इस पर किसी को एतराज नहीं है, लेकिन पढ़ाई के समय कक्षा में भी अनिर्वायता पर संस्थानों के प्रबंधको को एतराज है। शिक्षण संस्थानों के एतराज पर ही कट्टरपंथी जंग कर रहे हैं। गंभीर बात तो यह है कि सरकारें इन कट्टरपंथियों के आगे नतमस्तक है। हालात इतने खराब है कि हाईकोर्ट तक की नहीं सुनी जा रही है। अब तो मुस्लिम लड़कियों तक को धरना प्रदर्शन में शामिल कर लिया गया है। यह सही है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और यहां सभी धर्मों के लोगों को अपने धर्म के अनुरूप रहने का अधिकार है। भारत मेें सभी वर्गों के लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के मिलता है। कोरोना काल में जब गरीब तबके के लोगों को अनाज की समस्या हुई तो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने देश के 80 करोड़ व्यक्तियों को प्रतिमाह पांच किलो अनाज मुफ्त दिया। अनाज वितरण में भी भेदभाव नहीं किया। सब जानते हैं कि अफगानिस्तान एक मुस्लिम राष्ट्र है और पिछले 40 वर्षों से अफगानिस्तान में अस्थिरता बनी हुई है। कभी सोवियत रूस तो कभी अमेरिका की सेना अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लेती हैं। मौजूदा समय में कट्टरपंथी संगठन तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा है। तालिबान भी शिक्षण संस्थानों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने का पक्षधर है। भारत में जो लोग कक्षाओं में लड़कियों के हिजाब पहनने के पक्षधर हैं, उन्हें एक बार अफगानिस्तान के हालातों का अध्ययन करना चाहिए। असल में भारत में कुछ ऐसी ताकतें सक्रिय हैं जो भारत जैसे आत्मनिर्भर देश को पाकिस्तान अफगानिस्तान जैसे मुल्कों की राह पर ले जाना चाहती है। ऐसी ताकतों से भारत के मुसलमानों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (23-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

राजस्थान में राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का ही लाभ मिलेगा।संविदा कर्मी नियमित तो नहीं हुए, लेकिन वेतन भत्तों में 20 प्रतिशत की वृद्धि।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि बजट में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया तथा अखबार मालिकों को भी खुश कर दिया।पशु पालकों को एक लीटर दूध पर 5 रुपए का अनुदान देने की घोषणा पर अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने सीएम गहलोत का आभार जताया।

23 फरवरी को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट विधानसभा में पढ़कर सुनाया। गहलोत ने कहा कि यह बजट कृषि बजट है। अपने बजट भाषण की शुरुआत गहलोत ने इस शेर के साथ की। न पूछो मेरी मंजिल कहां है, अभी तो सफर का इरादा किया है। न हारूंगा हौंसला उम्र भर। यह मैंने खुद से वादा किया है। सीएम गहलोत ने जब यह शेर सुनाया तब विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी मौजूद थे। गहलोत ने मुस्कुराते हुए कहा कि ऐसे शेर सुनाने की सीख मैंने वसुंधरा राजे से ही ली है। सीएम गहलोत ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की नई पेंशन स्कीम को लेकर उन्हें बहुत सारे ज्ञापन मिले हैं। इसमें पुरानी स्कीम को ही लागू रखने की बात कही गई है। इसलिए मैं अब 1 जनवरी 2004 के पश्चात नियुक्त हुए राज्य कर्मचारियों को पुरानी योजना के मुताबिक पेंशन देने की घोषणा करता हंू। इसके साथ ही नए पे ग्रेड की भी घोषणा कर रहा हंू। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था में पेंशन की राशि बहुत उपयोगी होती है। नए पे ग्रेड के लागू होने से रोडवेज, पर्यटन निगम, विकास प्राधिकरण आदि सरकारी विभागों के कार्मिकों को भी फायदा होगा। इसके साथ ही सीएम ने स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के भत्तों में भी 20 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की। सीएम ने संविदा कर्मियों को नियमित करने की तो कोई घोषणा नहीं की, लेकिन सभी संविदा कर्मियों के वेतन में 20 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। सीएम ने एक महत्वपूर्ण घोषणा पर्यटन उद्योग को लेकर की। उन्होंने कहा कि जो सुविधाएं उद्योग क्षेत्र को मिल रही है, वे ही सुविधाएं अब पर्यटन क्षेत्र को भी मिलेगी। पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलने से सरकार पर करीब 700 करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ पड़ेगा। उन्होंने ग्रामीण टूरिज्म स्कीम लागू करने की घोषणा की। सीएम ने अपने बजट भाषण में दुग्ध उत्पादकों को के लिए एक लीटर दूध पर 5 रुपए अनुदान देने की घोषणा की। इस घोषणा का अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने स्वागत किया है। चौधरी ने बताया कि अभी तक दो रुपए का अनुदान मिल रहा था, जिसे 4 रुपए बढ़ाने की मांग की गई थी, लेकिन सीएम गहलोत ने पशु पालकों के प्रति उदार रुख दिखाते हुए अनुदान की राशि 5 रुपए कर दी है यानी जो पशुपालक अपने पशुओं का दूध डेयरी के संकलन केन्द्रों पर जमा करवाएगा प्रति लीटर पांच रुपए का अनुदान मिलेगा। चौधरी ने कहा कि सीएम की यह घोषणा पशुपालकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। चौधरी ने बताया कि सीएम ने 2 हजार नवीन दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां बनाने की भी घोषणा की है। इसके साथ ही प्रदेश भर में पांच हजार सरस डेयरी के नए बूथ खोले जाएंगे, इनमें से एक हजार महिलाओं को मिलेंगे। इतना ही नहीं ग्राम पंचायत स्तर पर स्वयं सेवी संगठनों के सहयोग से गौशालाएं खोली जाएंगी, इन गौशालाओं को एक करोड़ रुपए तक की सहायता मिलेगी।
 
अखबार मालिकों को भी खुश किया:
सीएम गहलोत ने अपने बजट भाषण में प्रदेश के उन अखबार मालिकों को भी खुश कर दिया है, जिन्होंने सरकार से रियायती दर पर भूमि ली है। अखबार मालिकों ने ऐसी भूमि प्रिंटिंग प्रेस लगाने और दफ्तर खोलने के लिए ली है। लेकिन अधिकांश अखबार मालिकों ने प्रेस की जमीन को विभिन्न कंपनियों को किराये पर दे रखा है। सरकार के पहले के प्रावधानों के अनुसार अखबार मालिक 40 प्रतिशत भूमि को अन्य कार्यों के लिए किराये पर दे सकते थे, लेकिन सीएम गहलोत ने 23 फरवरी को 60 प्रतिशत भूमि का उपयोग अन्य कार्य करने की छूट दे दी है। अधिकांश अखबार मालिकों ने 60 प्रतिशत से भी ज्यादा भूमि किराये पर दे रखी है। ऐसे में मुख्यमंत्री पर अखबार मालिकों का दबाव था कि 40 प्रतिशत की छूट को 80 प्रतिशत तक किया जाए। उल्लेखनीय है कि अधिकांश दैनिक समाचार पत्रों के मालिकों ने राजधानी जयपुर के अलावा संभाग और जिला मुख्यालयों पर रियायती दर पर भूमि आवंटित करवा रखी है। कई अखबार मालिकों ने तो प्रिंटिंग प्रेस तक नहीं लगाई है। यदि किसी ने प्रेस लगाई है तो वह तहखाने में चल रही है,जबकि भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल को बड़ी बड़ी कंपनियोंं को किराये दे रखा है। सीएम ने अपने बजट भाषण में गैर अधिस्वीकृत पत्रकारों को भी कोविड सहायता देने की घोषणा की है। कोरोना की दूसरी लहर में जिन पत्रकारों की मृत्यु हुई उनके परिजन को राज्य सरकार की ओर से 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया। लेकिन यह सहायता उन्हीं पत्रकारों को मिल सकी जो राज्य के जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत थे। लेकिन अब सीएम ने गैर अधिस्वीकृत मृतक पत्रकारों के परिजन को भी 50 हजार रुपए की सहायता देने की घोषणा की है।
 
बजट की महत्वपूर्ण घोषणा:
-मनरेगा में 100 दिन के बजाए 125 दिन रोजगार मिलेगा, 25 दिन का खर्च राज्य सरकार व्यय करेगी।
-100 यूनिट पर 50 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। 101 से 150 यूनिट पर 3 रुपए तथा 150 से 300 यूनिट बिजली खर्च पर 2 रुपए का अनुदान मिलेगा।
- चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अब 5 लाख के बजाए 10 लाख रुपए का बीमा होगा।
- अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के शिक्षकों का अलग से पैनल बनेगा। एक हजार 200 नए अंग्रेजी स्कूल खुलेंगे तथा 10 हजार अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की भर्ती होगी।
- 19 जिलों में कन्या महाविद्यालय खुलेंगे, इसके साथ ही ज्योतिबा फुले वाचनालय तथा अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास भी खोले जाएंगे।
-दिल्ली स्थित उदयपुर हाउस में 250 कमरों का हॉस्टल बनाया जाएगा, ताकि दिल्ली में कोचिंग इंस्टीट्यूटों में पढऩे वाले राजस्थान के विद्यार्थी रियायती दरों पर रह सकें।
-जुलाई 2022 में होने वाली रीट परीक्षा के लिए रीट के पुराने परीक्षार्थियों से आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा। रीट परीक्षा में नकल को देखते हुए एसओजी ने एमटीपीटी सेल के गठन की भी घोषणा की गई है।
-सीएम गहलोत ने कहा कि तीन वर्ष में एक लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई, जबकि एक लाख 25 हजार की भर्ती प्रक्रियाधीन है। इस बजट में एक लाख और भर्तियों की घोषणा की जा रही है।
-दिव्यांग छात्रों को पांच हजार स्कूटी नि:शुल्क दी जाएगी। इसी प्रकार स्कूली छात्राओं को 13 हजार के बजाए 20 हजार स्कूटी दी जाएगी। जो प्राइवेट संस्थान दिव्यांग बच्चों को पढ़ाते हैं उनके अनुदान में 100 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
-प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सड़कों पर अब 10 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी, पहले पांच करोड़ रुपए का प्रावधान था। इसी प्रकार नगर निकायों के अधीन आने वाली सड़कों की मरम्मत के लिए 1 हजार 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
-जोधपुर, बीकानेर, भीलवाड़ा आदि बड़े शहरों में स्मार्ट सिटी की तर्ज पर काम करने के लिए एक हजार 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
-उदयपुर और कोटा में विकास प्राधिकरण बनाने की घोषणा की गई है। पर्यटन विकास निगम का बजट एक हजार करोड़ रुपए का करने की घोषणा की गई है।
- डांग, मेवात और मगरा विकास बोर्ड का बजट बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना के अंतर्गत चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में परिवार की मुखिया महिला को स्मार्ट फोन दिया जाएगा। ऐसी महिलाओं की संख्या एक करोड़ 33 लाख है। स्मार्ट फोन में 3 वर्ष की इंंटरनेट की सुविधा भी होगी। इस योजना पर 2 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। लोक कलाकारों के मानदेय में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
-500 पुलिस मोबाइल यूनिट शुरू किए जाएंगे। अभय कमांड केंद्र से जुडऩे वाले कैमरों की संख्या दस हजार से बढ़ाकर 30 हजार की गई है। इसी प्रकार बाजारों में प्राइवेट संस्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को अभय कमांड सेंटरों से जोड़ा जाएगा। हर जिले में साइबर पुलिस स्टेशन खोला जाएगा।
-कृषि कल्याण कोष में कृषक साथी योजना की राशि 2 हजार करोड़ से बढ़ाकर 5 हजार करोड़ की गई है। कृषि विभिन्न क्षेत्रों में अनुदान भी बढ़ाया गया है। अब एक हैक्टेयर कृषि भूमि की तारबंदी पर अनुदान मिलेगा। कृषि प्रोसेसिंग यूनिट के लिए एक करोड़ रुपए तक के अनुदान का प्रावधान किया गया है।
- एक लाख किसानों को सोलर पंद के लिए अनुदान मिलेाग। 22 फरवरी 2022 तक जिन किसानों की कृषि कनेक्शन के लिए आवेदन किया है उन्हें प्राथमिकता से अगले दो वर्ष में बिजली कनेक्शन दे दिए जाएंगे। रात के समय बिजली देने के प्रावधानों के तहत आने वाले सभी 17 जिलों में बिजली की सप्लाई दिन में की जाएगी। ग्राम पंचायत स्तर पर जीएसएस की स्थापना होगी। पूर्वी राजस्थान के 13जिलों के लिए नहरी परियोजना निगम बनाने की घोषणा की गई है।
-डीएलसी की दर दस प्रतिशत के बजाए पांच प्रतिशत की बढ़ेगी। रीको के भूखंडों के करों में भी छूट देने की घोषणा की गई है।
-व्यापारियों के लिए एमएसटी स्कीम को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। रियल एस्टेट के लिए काम आने वाली कृषि भूमि के भू-रूपांतरण दरों में भी रियायत दी गई है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (23-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511


Monday 21 February 2022

22.2.2022 के अंकों का ज्योतिष गणित में खास महत्व है। अंक ज्योतिष में 22.2.2022 के अंकों का जोड़ 12 नहीं 3 होता है-ज्योतिषाचार्य भंवरलाल जी।

22 फरवरी यानी मंगलवार को आप जो तारीक अंकित करेंगे उसे 22.2.2022 लिखा जाएगा, निसंदेह 2 अंक को एक साथ 6 बार लिखना और देखना आकर्षक होगा। ऐसे अंकों को बोलचाल की भाषा में वीआईपी अंक भी कहा जाता है। ऐसे अंकों को लेने के लिए वाहनों के मालिक परिवहन विभाग में अतिरिक्त भी राशि देते हैं। यानी ऐसे नंबर समाज में आपका रुतबा भी बढ़ाते हैं, लेकिन उन वीआईपी अंकों का अंक ज्योतिष में अलग ही महत्व होता है। अंक ज्योतिष के अंक मनुष्य के जीवन पर असर डालते हैं। 22.2.2022 के अंकों के संबंध में पुष्कर स्थित जोगणिया धाम के उपासक और सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य भंवरलाल जी का कहना है कि यूं तो 22.2.2022 के अंकों का जोड़ 12 होता है, लेकिन अंक ज्योतिष में 12 का मतलब 3 अंक होता है। अंक ज्योतिष में 1+2 की गणना 3 मानी जाती है और इसी आधार पर ग्रहों और राशि की स्थिति का अध्ययन किया जाता है। 3 अंक बृहस्पति ग्रह का है इसका संबंध राहुल के अंक 4 से होने के कारण चांडाल योग बन रहा है। यह बुद्धि पर प्रतिकूल असर डालता है। 22 फरवरी का दिन रूस और यूक्रेन के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों देशों में जो तनाव चल रहा है वह 22 फरवरी को और भड़क सकता है। रूस यूक्रेन के विरुद्ध 22 फरवरी को बड़ी कार्रवाई कर सकता है, ज्योतिषाचार्य भंवरलाल जी के अनुसार भारत के लोगों के लिए 22.2.2022 का दिन सकारात्मक ऊर्जा देने वाला है। लोगों को अपने हाथ से अधिक से अधिक बार 22.2.2022 लिखना चाहिए, इससे न केवल नकारात्मक प्रवृत्तियों का नाश होगा, बल्कि मनुष्य के शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। तनाव से भी मुक्ति मिलेगी। 22.2.2022 अंक लिखने के तुरंत बाद यदि कोई शुभ कार्य किया जाता है तो उसकी सफलता निश्चित है। ऐसे अंक हमें बुराईयों से भी दूर रखते हैं। 22.2.2022 सिर्फ कैलेंडर की तारीख नहीं है बल्कि मनुष्य के जीवन में इन अंकों का खास महत्व है। उन्होंने बताया कि गणित के सभी अंक मनुष्य की राशि के अनुरूप जीवन को प्रभावित करते हैं। अब जब 22.2.2022 के अंक सामने आए हैं तो मनुष्य के लिए उसका महत्व है। इन अंकों को एक कागज पर लिखकर दफ्तर की टेबल या घर के बाहर चस्पा भी किया जा सकता है। आप चाहे तो एक कागज पर 22.2.2022 लिखकर दिनभर अपनी जेब या पर्स में भी रख सकते हैं। आपको सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। किसी सरकारी अथवा प्राइवेट दफ्तर में कोई पत्र देना है तो उसे 22.2.2022 की तारीख अंकित कर जरूर दे दें। इन अंकों के महत्व के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 8078624852 पर ज्योतिषाचार्य भंवरलाल जी से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (21-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

एनएस निर्वाण अजमेर डिस्कॉम के एमडी बने। जोधपुर में प्रमोद टांक और जयपुर में अजीत सक्सेना की नियुक्ति।

राज्य सरकार ने 21 फरवरी को एक आदेश जारी कर एनएस निर्वाण को अजमेर, प्रमोद टांक को जोधपुर तथा अजीत सक्सेना को जयपुर विद्युत वितरण निगम का प्रबंध निदेशक नियुक्ति किया है। ये तीनों पद पिछले कुछ दिनों से रिक्त थे। अजमेर में निर्वाण की नियुक्ति बीएस भाटी के स्थान पर हुई है। भाटी निगम में गत तीन वर्षों से प्रबंध निदेशक के पद पर काम कर रहे थे। भाटी इस वर्ष भी अपनी नियुक्ति के लिए प्रयासरत थे, लेकिन राज्य सरकार ने निर्वाण को डिस्कॉम का एमडी नियुक्त किया है। निर्वाण अजमेर विद्युत निगम में ही मुख्य अभियंता के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। मौजूदा समय में निर्वाण राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के निदेशक हैं। सरकार ने अजमेर डिस्कॉम में निर्वाण की उपलब्धियों को देखते हुए नियुक्ति दी है। निर्वाण निगम में कनिष्ठ अभियंता के पद पर नियुक्त हुए थे, लेकिन उनकी सेवानिवृत्ति मुख्य अभियंता के पद से हुई। निर्वाण अजमेर के ही रहने वाले हैं। डिस्कॉम का एमडी बनना निर्वाण के लिए बड़ी उपलब्धि है। उल्लेखनीय है कि बीएस भाटी के कार्यकाल में अजमेर डिस्कॉम घाटे से उभर कर मुनाफे में आया था।
 
छीजत को कम किया जाएगा:
नवनियुक्त एमडी निर्वाण ने कहा कि अजमेर डिस्कॉम के अधीन आने वाले प्रदेश के 13 जिलों में छीजत को कम किया जाएगा। निर्वाण ने कहा कि बिजली चोरों के खिलाफ पिछले दिनों जो अभियान चलाया गया उसे जारी रखा जाएगा। उन्होंने माना कि छीजत की वजह से निगम को घाटा होता है। अजमेर की तरह अन्य शहरों में बिजली वितरण का कार्य निजी क्षेत्र में देने के सवाल पर निर्वाण ने कहा कि राज्य सरकार की नीति के अनुरूप काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अजमेर में टाटा पावर को लेकर जो शिकायतें प्राप्त हो रही है उन पर भी तत्परता से कार्यवाही की जाएगी। उनका प्रयास होगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी नियमित बिजली सप्लाई की जाए। मोबाइल नंबर 9414004018 पर वाट्सएप संदेश के जरिए एनएस निर्वाण को बधाई दी जा सकती है। 


S.P.MITTAL BLOGGER (21-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

अकबर तो विदेशी आक्रमणकारी था। महाराणा प्रताप की वीरता और स्वाभिमान से तुलना नहीं की जा सकती।विद्या भारती राजस्थान क्षेत्र के प्रवासी कार्यकर्ताओं की तीन दिवसीय बैठक पुष्कर में शुरू।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े विद्या भारती संस्थान के राजस्थान क्षेत्र के प्रवासी कार्यकर्ताओं की तीन दिवसीय बैठक 21 फरवरी से अजमेर के पुष्कर स्थित वैष्णव धर्मशाला में शुरू हुई। इस बैठक में विद्या भारती के कार्यकर्ताओं की शैक्षिक गतिविधियों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। बैठक के शुभारंभ के अवसर पर 21 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश के संगठन मंत्री शिवप्रसाद, संस्थान के अध्यक्ष और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भरत राम कुमार, लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. परमेंद्र दशोरा ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के उस बयान की घोर निंदा की जिसमें महाराणा प्रताप और मुगल शासक अकबर के बीच सत्ता संघर्ष होना बताया गया था। विद्या भारती के पदाधिकारियों ने कहा कि अकबर तो विदेशी आक्रमणकारी था, जिसने भारत की संस्कृति को नष्ट भ्रष्ट करने का प्रयास किया। जबकि महाराणा प्रताप देश की अस्मिता, स्वतंत्रता और राष्ट्रीय स्वाभिमान के लिए बिना झुके जीवन भर संघर्ष करते रहे। ऐसे महाराणा प्रताप के त्याग, तपस्या, संघर्ष को केवल का सत्ता का संघर्ष बताकर डोटासरा ने राष्ट्रीय स्वाभिमान को कलंकित करने का कृत्य किया है। उन्होंने कहा कि विद्या भारती शिक्षा के माध्यम से शुद्ध रूप में राष्ट्रीय जीवन मूल्यों के पोषण का कार्य कर रही है। ऐसे में हमारे कार्य से प्रेरित होकर अपने महापुरुषों के प्रति अंग्रेजों के द्वारा रटाए गए मिथ्या इतिहास की गुलामी से आज समाज मुक्त होता दिखने लगा है। लेकिन आज भी राजनीति के स्वार्थ के कारण कुछ राजनेता अपने महापुरुषों के गौरव और स्वाभिमान को शर्मसार करने की निर्लज्ज चेष्टा कर रहे है। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि अंग्रेजों के समय भारत के इतिहास को किस विचारधारा के साथ लिखा गया था। आजादी के बाद ऐसे इतिहास की सच्चाई सामने लानी चाहिए थी, लेकिन सत्ता में बैठे लोगों ने भारत के स्वाभिमान के बजाए अपने स्वार्थ को महत्व दिया। यही वजह है कि हमारे अनेक वीर योद्धाओं के इतिहास का सही चित्रण नहीं हो सका है। विद्या भारती का प्रयास है कि महाराणा प्रताप जैसे अनेक वीर योद्धाओं का सही इतिहास समाज के सामने आए। लेकिन अफसोसनाक है कि कांग्रेस के नेता हमारे महान योद्धाओं को कमजोर साबित करने में लगे हुए हैं। ऐसे लोग विदेशी आक्रमणकारियों का गुणगान करने से भी नहीं हिचक रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब देश के लोगों के सामने इतिहास का सच सामने आने लगा है। विद्या भारती का प्रयास रहेगा कि इतिहास के बारे में लोगों को खासकर युवाओं को सही जानकारी दी जाए। 

S.P.MITTAL BLOGGER (21-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

आखिर राजस्थान में कांग्रेस सरकार प्रशासनिक पदों पर किस तरह के व्यक्तियों की भर्ती करना चाहती है?अब आरएएस भर्ती परीक्षा पर उठे सवाल। 25 व 26 फरवरी को होनी है मुख्य परीक्षा।

राजस्थान में राज्य स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) के प्रश्न पत्र लाखों रुपए में बिकने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि राज्य स्तरीय प्रशासनिक सेवा और अधीनस्थ सेवा (आरएएस) की 25 व 26 फरवरी को होने वाली परीक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। आरएएस के 988 पदों पर भर्ती होनी है। चयनित अभ्यर्थी ही आगे चल कर राजस्थान के प्रशासनिक इंतजाम करेंगे। इनमें से अनेक आरएएस आगे चल कर आईएएस भी बनेंगे। सवाल उठता है कि राज्य की मौजूदा कांग्रेस सरकार आखिर प्रशासनिक पदों पर किस तरह के व्यक्तियों की भर्ती करना चाहती है। आरोप है कि पहले एक खास विचारधारा के शिक्षाविदों से आरएएस परीक्षा का सिलेबस तैयार करवाया और प्रश्न पत्र तैयार करने में भी इन्हीं शिक्षाविदों की भूमिका रही। इसमें प्रमुख नाम राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. बीएम शर्मा और राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े शिक्षाविदों का नाम सामने आ रहा है। प्रो. शर्मा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पसंदीदा शिक्षाविदों में से एक है। गहलोत ने अपने 2008 से 2013 तक के मुख्यमंत्री काल में प्रो. शर्मा को राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया तो अब महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंस का निदेशक बना दिया। इस संस्थान का उद्देश्य प्रदेश के शिक्षा और प्रशासनिक क्षेत्र में गांधी दर्शन का प्रचार प्रसार करना है। संस्थान के लिए पिछले बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया। तब इस संस्थान का सदस्य कांग्रेस विचारधारा के कुमार प्रशांत, डीआर मेहता, सीएम बाफना, मनीष शर्मा, गोपाल बाहेती, सवाई सिंह, रमेश बोराणा आदि को बनाया गया। इतना ही नहीं राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े 30 कॉलेज शिक्षकों को संस्थान में नियुक्ति भी दी गई। जानकारों की मानें तो अब राज्य लोक सेवा आयोग अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग तथा रीट जैसे अन्य राज्य स्तरीय परीक्षाओं को संपन्न करवाने में इसी संस्थान से जुड़े लोगों की भूमिका है। रीट परीक्षा में हुई करतूतों की जानकारी तो जगजाहिर हो गई है, लेकिन ऐसा साया आरएएस परीक्षा पर मंडरा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रो. बीएम शर्मा को संरक्षण दे, इस पर कोई एतराज नहीं है, लेकिन आपत्तिजनक बात तब है, जब प्रो. बीएम शर्मा अपनी सेवाएं विभिन्न कोचिंग सेंटरों में भी देते हैं। कई कोचिंग सेंटर अपनी प्रचार सामग्री में धड़ल्ले से बीएम शर्मा के नाम और फोटो का उपयोग करते हैं। एक ओर मुख्यमंत्री गहलोत गांधी दर्शन के प्रचार प्रसार के लिए प्रो. शर्मा का सहयोग ले रहे हैं तो दूसरी ओर प्रो. शर्मा कोचिंग सेंटरों में जाकर लेक्चर दे रहे हैं। इन्हीं प्रो.शर्मा की भूमिका आरएएस का सिलेबस और प्रश्न पत्र तैयार करने में भी है। प्रो. शर्मा राजीव गांधी स्टडी सर्किल के सलाहकार भी हैं। गंभीर बात तो यह है कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजीव गांधी स्टडी सर्किल के चेयरमैन है, जबकि तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग सह समन्वयक हैं। यह सर्किल एनजीओ है या फिर सरकारी उपक्रम, यह सीएम गहलोत ही बता सकते हैं। आरएएस परीक्षा को लेकर जो खबरें सामने आ रही है, उससे योग्य और महेनती अभ्यर्थी परेशान हैं। राज्यसभा के सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का आरोप है कि आरएएस परीक्षा की अधिसूचना के समय जो सिलेबस था उसे 80 प्रतिशत तक बदल दिया गया, जबकि कानून के मुताबिक ऐसा नहीं हो सकता। सवाल उठता है कि प्रो. बीएम शर्मा जैसे शिक्षाविदों ने आखिरकार प्रशासनिक सेवा की परीक्षा के सिलेबस में कौन सा गांधी दर्शन शामिल किया है? आरएएस के परीक्षा के अभ्यर्थी अब नए सिलेबस के अनुरूप पढ़ाई करने के लिए परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य लोक सेवा आयोग में सुनने वाला कोई नहीं है। हाल ही में आयोग के अध्यक्ष पद पर जिन संजय कुमार श्रोत्रिय की नियुक्ति की है वे भी गहलोत सरकार से उपकृत हैं। श्रोत्रिय की आईपीएस सेवा से 6 माह बाद सेवानिवृत्ति होने वाली थी, लेकिन आयोग में नियुक्ति के बाद श्रोत्रिय 62 वर्ष की उम्र तक काम कर सकेंगे। ऐसे में श्रोत्रिय गांधी दर्शन वाले शिक्षाविदों के इशारे पर ही काम करेंगे। आयोग में राज्य सरकार या तो अपने राजनीतिक दल के किसी नेता की नियुक्ति करती है या फिर सरकार समर्थक किसी आईएएस व आईपीएस की। मुख्यमंत्री गहलोत निष्पक्षता की जितनी भी बातें करें, लेकिन प्रदेश में सरकारी भर्तियों को लेकर युवा वर्ग खासा गुस्से में हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (21-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

Sunday 20 February 2022

तो क्या सचिन पायलट के बगैर राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट हो जाएगी?कांग्रेस के जयपुर अधिवेशन में नजर नहीं आए पायलट। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते कांग्रेस की सरकार कभी रिपीट नहीं हुई।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बार बार कहना है कि इस बार सत्ता विरोधी लहर नहीं है, इसलिए दिसंबर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी। गहलोत ने यह बात 19 फरवरी को जयपुर में हुए कांग्रेस के खुले अधिवेशन में भी कही। इस अधिवेशन में प्रदेश कांग्रेस के सभी पदाधिकारियों, विधायकों, 2018 के चुनाव में उम्मीदवार रहे नेताओं, भंग जिला कमेटियों के अध्यक्षों आदि को बुलाया गया। लेकिन इस अधिवेशन में सचिन पायलट कहीं भी नजर नहीं आए, जबकि 2018 के चुनाव में पायलट की मेहनत से ही कांग्रेस की सरकार बनी थी। सवाल उठता है क्या पायलट के बगैर राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट हो सकती है? 19 फरवरी को यह पहला मौका नहीं रहा, जब संगठन और सरकार के महत्वपूर्ण अवसर पर पायलट की अनदेखी की गई हो। इससे पहले भी कई अवसरों पर पायलट की उपस्थिति नहीं हुई है। हर अवसर पर सीएम गहलोत यही दिखाने का प्रयास कर रहे है कि उन्हीं के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार रिपीट हो जाएगी। गहलोत समर्थक कह सकते हें कि पायलट यूपी और पंजाब के चुनाव में व्यस्त है, इसलिए 19 फरवरी को जयपुर के अधिवेशन में भाग नहीं ले सके। पायलट जैसी व्यस्तता तो प्रभारी महासचिव अजय माकन की भी थी, लेकिन माकन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जोड़ा गया। क्या माकन की तरह पायलट को नहीं जोड़ा जा सकता था? यूपी और पंजाब चुनाव के दौरान ही आज तक न्‍यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पायलट ने कहा कि राजस्थान में अब चुनाव के 15 माह रह गए हैं और कांग्रेस सरकार के रिपीट के लिए बहुत कुछ किया जाना चाहिए। यानी सचिन पायलट मुख्यमंत्री गहलोत की इस बात से सहमत नहीं है कि इस बार सत्ता विरोधी लहर नहीं है। सीएम गहलोत ने अपने नजरिए से हाल ही में 58 सरकारी संस्थानों में कांग्रेस के नेताओं को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है, लेकिन इसके बाद भी पायलट का मानना है कि भाजपा के पिछले शासन में जिन कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया, उन्हें सरकार में मान सम्मान मिलना चाहिए। पायलट का ताजा इंटरव्यू बताता है कि सीएम गहलोत ने जो राजनीतिक जाजम अभी तक बिछाई है उससे पायलट संतुष्ट नहीं है। सीएम गहलोत को भले ही सत्ता विरोध लहर नजर नहीं आती हो, लेकिन 19 फरवरी के अधिवेशन में विधायकों, मुख्यमंत्री के सलाहकारों और संगठन के पदाधिकारियों ने विभिन्न मुद्दों पर अपनी नाराजगी जताई। जिन विधायकों को अभी तक भी मंत्री पद या अन्य सरकारी पद नहीं मिला है, उन्होंने साफ कहा कि अधिकारियों के रवैये के कारण आम लोगों में नाराजगी है। अधिवेशन में मुख्यमंत्री के अलावा कोई भी नेता संतुष्ट नजर नहीं आया। अधिवेशन में सरकार के मंत्रियों और संगठन के पदाधिकारियों ने भाजपा को कोसने में तो कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन अपनी सरकार की खामियां भी उजागर की। अशोक गहलोत को भले ही सत्ता विरोधी लहर का अहसास नहीं हो रहा हो, लेकिन यह सच है कि अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते कभी भी कांग्रेस सरकार रिपीट नहीं हुई है। उल्टे हर बार कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा है। 2003 में गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए कांग्रेस को 200 में से 58 सीटें मिली, जबकि 2013 में तो कांग्रेस को सिर्फ 21 सीटें ही मिलीं। 2013 की बुरी हार के बाद ही सचिन पायलट को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2018 के चुनाव में कांग्रेस को 100 सीटें मिली, लेकिन तब कांग्रेस ने पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के बजाए गहलोत को बनाया। जुलाई 2020 में सचिन पायलट की प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से बर्खास्तगी के बाद कांग्रेस की जिला कमेटियों को भी भंग कर दिया था। आज डेढ़ साल बाद भी जिला कमेटियां भंग पड़ी है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (20-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

पुष्कर की पूर्व विधायक नसीम अख्तर ने 19 फरवरी को कांग्रेस के अधिवेशन में आवाज उठाई और 20 फरवरी को पवित्र सरोवर में गंदे पानी के नियंत्रण के लिए डीपीआर बन गई।11 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट से समस्या का समाधान नहीं होगा-विधायक सुरेश रावत।

20 फरवरी को अजमेर के पुष्कर में प्रशासनिक स्तर पर एक बैठक हुई। इस बैठक में हिन्दुओं के आस्था के केंद्र पुष्कर सरोवर में गंदे पानी के नियंत्रण के लिए 50 करोड़ रुपए के खर्च की योजना पर मोहर लगी। पहले चरण में 11 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। पुष्कर की पूर्व विधायक और प्रदेश कांग्रेस की उपाध्यक्ष श्रीमती नसीम अख्तर ने बताया कि 19 फरवरी को जयपुर में कांग्रेस का जो अधिवेशन हुआ उस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष पुष्कर सरोवर में गिरने वाले गंदे पानी की समस्या को रखा था। मुख्यमंत्री ने पवित्र सरोवर में गंदा पानी गिरने की समस्या को गंभीर माना और अजमेर के जिला कलेक्टर को तत्काल निर्देश देकर डीपीआर बनाने को कहा। श्रीमती अख्तर का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर ही 20 फरवरी को पुष्कर में बैठक रखी गई और इसमें 50 करोड़ रुपए की योजना को मंजूर किया गया। इस बैठक में बताया गया कि रंग जी के मंदिर से सावित्री मोहल्ले तक सीवरेज का काम प्रथम चरण में किया जाएगा, जिस पर 11 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। इसके बाद अगले चार चरणों में 10-10 करोड़ रुपए खर्च होंगे। श्रीमती अख्तर ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि अब पवित्र सरोवर में गंदा पानी नहीं गिरेगा। उन्होंने कहा कि करोड़ों हिन्दुओं की धार्मिक आस्था पवित्र सरोवर से जुड़ी हुई है। बैठक में अजमेर विकास प्राधिकरण के सचिव किशोर कुमार, तहसीलदार रामेश्वर छाबा, विधायक सुरेश रावत और योजना से जुड़े इंजीनियर भी उपस्थित रहे। इसी प्रकार नगर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक, पुरोहित संघ के अध्यक्ष श्रवण पाराशर, होटल एसोसिएशन के प्रतिनिधि रघु पारीक, बाबूलाल दग्गी तथा अधिकांश पार्षद उपस्थित रहे।
 
ऊंट के मुंह में जीरा-रावत:
वहीं पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेश रावत ने कहा कि पहले चरण की जो 11 करोड़ रुपए की डीपीआर बनाई गई है,वह ऊंट के मुंह में जीरा है। रावत ने कहा कि 11 करोड़ की डीपीआर तीन दिन पहले ही अजमेर विकास प्राधिकरण ने कलेक्टर को सौंपी थी। इसलिए उन्होंने बैठक में 50 करोड़ रुपए की डीपीआर बनाने की बात कही है। रावत ने कहा कि सरोवर के चारों तरफ सीवरेज का मजबूत काम होना चाहिए तभी सरोवर में गंदा पानी गिरने से रुक सकेगा। यदि एक क्षेत्र में काम किया जाता है तो दूसरे क्षेत्र का गंदा पानी सरोवर में गिरता रहेगा। गंदे पानी को रोकने के लिए उन्होंने पूर्व में विधायक कोष से चार करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे, लेकिन सीवरेज के कार्य में 50 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। ऐसे में राज्य सरकार को भी इतना बड़ी राशि स्वीकृत करनी चाहिए। रावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह किया कि 23 फरवरी को विधानसभा में प्रस्तुत होने वाले बजट में पुष्कर सरोवर के संरक्षण के लिए 50 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की जाए। 

S.P.MITTAL BLOGGER (20-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा और अकालियों के बीच गुप्त समझौता करवाया। यह बात कह कर क्या मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब में कांग्रेस की हार स्वीकार कर ली है?अकालियों को डेरा सच्चा सौदा का भी समर्थन मिला।

20 फरवरी को मतदान के मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एक सनसनीखेज बयान दिया है। चन्नी का कहना है कि कांग्रेस सरकार का साढ़े चार साल तक नेतृत्व करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अकाली दल (शिरोमणि) और भाजपा के साथ गुप्त समझौता करवाया है। इस समझौते के तहत ही हरियाणा की भाजपा सरकार ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम इंसा को पैरोल पर जेल से रिहा किया है। अब डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी पंजाब में अकालियों के समर्थन में वोट कर रहे हैं। चन्नी का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है कि डेरा सच्चा सौदा का करीब 40 पर प्रभाव बताया जाता है। अकालियों ने पहले ही बसपा से गठन बंधन कर रखा है। ऐसे में यदि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों का अकालियों को समर्थन मिलता है तो इससे अकालियों की स्थिति और मजबूत होगी। चन्नी ने कवि कुमार विश्वास के हवाले से कहा कि आम आदमी पार्टी को तो अलगाववादियों का भी समर्थन मिल रहा है। पिछले एक वर्ष में पंजाब में अलगाववादियों की गतिविधियां बढ़ी है। चाहे किसान आंदोलन हो या फिर बेअदबी के मामले। चन्नी के बयान से प्रतीत होता है कि पंजाब में कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं है। चन्नी खुद दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं। यानी चन्नी को स्वयं की जीत पर भी भरोसा नहीं है। चन्नी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़, सांसद मनीष तिवारी जैसे बड़े कांग्रेस नेता नाराज है। पूरे चुनाव प्रचार में चन्नी और सिद्धू ने एक साथ प्रचार नहीं किया। कई मौकों पर सिद्धू ने चन्नी के नेतृत्व को नकार दिया। एक तरफ चन्नी को अपनी ही पार्टी में विरोध का सामना करना पड़ रहा है तो दूसरी ओर चन्नी खुद राजनीतिक लाचारी व्यक्त कर रहे हैं। जिन पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं, उनमें पंजाब अकेला राज्य है, जहां कांग्रेस की सरकार है। कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाए जाने के बाद कैप्टन की रणनीति है, किसी भी तरह पंजाब में कांग्रेस की सरकार रिपीट न हो। पहले यह माना गया कि भाजपा की हरियाणा सरकार ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम इंसा की रिहाई पंजाब में भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए की है, लेकिन अब खुद सीएम चन्नी कह रहे हैं कि राम रहीम को अकालियों को फायदा पहुंचाने के लिए रिहा किया गया है। सब जानते हैं कि पंजाब में अकाली, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बाद भाजपा का नंबर आता है। यानी कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जो रणनीति बनाई है उसमें भाजपा भी शामिल है। चुनाव के विशेषज्ञों का मानना है कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी पंजाब में मजबूत स्थिति में है। लेकिन कवि कुमार विश्वास के ताजा आरोपों से केजरीवाल की पार्टी की स्थिति को काफी नुकसान हुआ है। हालांकि अधिकांश सीटों पर अकाली और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला है। भाजपा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी के साथ गठबंधन किया है। पंजाब में किस दल की सरकार बनेगी इसका पता 10 मार्च को परिणाम वाले दिन चलेगा, लेकिन मुख्यमंत्री चन्नी ने अपनी निराशा अभी जाहिर कर दी है। परिणाम के चन्नी उन कांग्रेस के नेताओं की पोल खोलेंगे जिसकी वजह से कांग्रेस को नुकसान हुआ। 

S.P.MITTAL BLOGGER (20-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

Saturday 19 February 2022

तो मोदी और शाह की रणनीति से गुजरात में राजस्थान के रघु शर्मा मुकाबला करेंगे।दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 125 सीटों का लक्ष्य रखा।

राजस्थान में मंत्री रहे और मौजूदा समय में कांग्रेस के गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने दावा किया है कि इस बार दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनेगी। नरेंद्र मोदी और अमित शाह की रणनीति से मुकाबला करने के लिए गुजरात कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को 25 से 27 फरवरी तक द्वारका तीर्थ में कैम्प लगाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। रघु ने माना कि गुजरात में भाजपा का राजनीतिक प्रबंधन आक्रमक है। जब भी कांग्रेस को लाभ मिलने की स्थिति होती है तो कांग्रेस के किसी विधायक या बड़े नेता को भाजपा में शामिल कर लिया जाता है। ताकि यह प्रदर्शित हो सके कि कांग्रेस कमजोर है। उन्हें अभी भी आशंका है कि चुनाव से पहले कांग्रेस के कई विधायक और नेता भाजपा में शामिल होंगे। भाजपा के इन राजनीतिक चुनाव प्रबंधन के लिए ही द्वारका में तीन दिवसीय ट्रेनिंग कैम्प लगाया जा रहा है। इस कैम्प में वे स्वयं उपस्थित रहेंगे। इसके बाद जिला स्तर पर चिंतन शिविर भी लगाए जाएंगे। रघु ने कहा कि नेता भले ही कितनी भी बड़ी बड़ी बातें कर ले, लेकिन जब तक बूथ पर वोट नहीं डलेगा, तब तक सफलता नहीं मिलेगी। मेरा प्रयास है कि गुजरात में बूथ को मजबूत किया जाए ताकि मतदान वाले दिन कांग्रेस के पक्ष में वोट डल सकें। रघु ने माना कि गत छह बार से गुजरात में भाजपा को जीत मिल रही है। लेकिन इस बार कांग्रेस को जीत मिलेगी। जहां तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की मौजूदगी का सवाल है तो गुजरात में केजरीवाल की पार्टी भाजपा की बी टीम है। रघु ने माना कि आप के उम्मीदवार कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएंगे। चाहे बसपा और भीम वाले, ये सभी कांग्रेस के वोट काटते हैं। लेकिन राजनीति में भाजपा का विकल्प कांग्रेस ही है। क्योंकि आप, बसपा या भीम वाले कभी भी सरकार नहीं बना सके। रघु ने कहा कि कांग्रेस के 15 विधायकों को तोड़ने के बाद भी कांग्रेस के विधायकों की संख्या 65 हैं। गत चुनावों में भाजपा ने 150 सीटों का दावा किया था, लेकिन उसे 99 सीटें ही मिली। जबकि कांग्रेस ने 182 में से 80 सीटें जीत थी। कुछ सीटों पर बहुत कम वोटों से भाजपा की जीत हुई। जिन सीटों पर हमारे उम्मीदवार बहुत कम वोटों से पराजित हुए वहां मेरा विशेष ध्यान है। कुछ सीटें ऐसी हैं जिन पर कांग्रेस की लगातार हार हो रही है। मैं ऐसी हार के कारणों का भी पता लगा रहा हंू। रघु ने कहा कि इस बार कांग्रेस ने 125 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। रघु ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह प्रदेश होने के बाद भी गुजरात में कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश वासियों को भारी परेशानी हुई। सरकार का कोरोना प्रबंधन पूरी तरह से फेल रहा, अपनी विफलता को छिपाने के लिए मुख्यमंत्री को बदल दिया गया, लेकिन मुख्यमंत्री बदलने से भाजपा को कोई फायदा नहीं होगा। पिछले चार वर्षों में 9 परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक हुए हैं, इससे बेरोजगार युवाओं में सरकार के प्रति गुस्सा है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (19-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

गोविंद सिंह डोटासरा बताएं कि क्या कांग्रेस ने भी सत्ता के लिए अंग्रेजों से संघर्ष किया?महाराणा प्रताप के लिए दिया गया बयान देश के स्वतंत्रता सेनानियों का भी अपमान है।कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष ऐसे बयान देंगे तो अशोक गहलोत की सरकार कैसे रिपीट होगी?

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि मुगल शासक जलालुद्दीन अकबर और राजस्थान के चित्तौड़ के राजा महाराणा प्रताप के बीच सत्ता के लिए संघर्ष था। यानी महाराणा प्रताप अपनी मातृभूमि के लिए संघर्ष नहीं कर रहे थे, उन्हें तो चित्तौड़ की सत्ता चाहिए थी। समझ में नहीं आता कि डोटासरा ने किस मानसिकता से ऐसा बयान दिया है। डोटासरा कांग्रेस में कोई गली कूचे के नेता नहीं है, बल्कि राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। डोटासरा का दिया गया बयान सरकार का बयान भी माना जाएगा। डोटासरा यदि अकबर और महाराणा प्रताप के संघर्ष को सत्ता के लिए मानते हैं तो फिर कांग्रेस का अंग्रेजों के साथ संघर्ष भी सत्ता के लिए ही माना जाएगा। क्योंकि भारत के लिए आक्रमणकारी मुगलों और कब्जाधारी अंग्रेजों में कोई फर्क नहीं है। जिस प्रकार अंग्रेजों ने भारत पर कब्जा किया, उसी प्रकार जलालुद्दीन अकबर और उनके पूर्वजों ने आक्रमण कर भारत पर शासन जमाया। पहले महाराणा प्रताप जैसे शूरवीरों ने अपनी मातृभूमि के लिए मुगल शासकों से लड़ाई लड़ी तो फिर सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल आदि ने अंग्रेजों के साथ संघर्ष किया। यानी मातृभूमि के लिए जो स्थिति मुगलों के शासन में महाराणा प्रताप की थी, वही स्थिति अंग्रेजों के शासन में कांग्रेस की थी। अब गोविंद सिंह डोटासरा को यह बताना चाहिए कि क्या कांग्रेस ने भी सत्ता के लिए अंग्रेजों से संघर्ष किया? डोटासरा माने या नहीं, लेकिन महाराणा प्रताप पर दिए गए बयान से देश के स्वतंत्रता सेनानियों का भी अपमान हुआ है। सब जानते हैं कि महाराणा प्रताप एक ऐसे राजा रहे, जिन्होंने कभी भी अकबर की स्वाधीनता स्वीकार नहीं की। यदि प्रताप सत्ता के भूखे होते तो अन्य राजाओं की तरह अकबर की स्वाधीनता स्वीकार कर महलों में रहते। महलों में रहने के बजाए प्रताप ने जंगलों में रह कर घास की रोटियां खाना स्वीकार किया। जिस महाराणा प्रताप ने अपनी मातृभूमि की शान के लिए इतने कष्ट उठाए, उन प्रताप को आज सत्ता का लालची बताया जा रहा है। ऐसी सोच रखने वालों को शर्म आनी चाहिए। समझ में नहीं आता कि गोविंद सिंह डोटासरा महाराणा प्रताप के मुकाबले में जलालुद्दीन अकबर को बड़ा क्यों दिखाना चाहते हैं? क्या डोटासरा, प्रताप को अकबर से बड़ा नहीं मानते? राजस्थान ही नहीं पूरे देश में महाराणा प्रताप की वीरता पर गर्व किया जाता है, लेकिन राजस्थान में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा महाराणा प्रताप को सत्ता का लालची बता रहे हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में कांग्रेस सरकार की वापसी के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं, लेकिन सवाल उठता है कि प्रदेशाध्यक्ष के ऐसे बयानों से क्या अशोक गहलोत सरकार रिपीट होगी? गहलोत माने या नहीं लेकिन डोटासरा ने विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है। डोटासरा को आज नहीं तो कल अपने बयान पर माफी मांगनी पड़ेगी, लेकिन डोटासरा जितने विलंब से माफी मांगेंगे, उतना कांग्रेस को नुकसान होगा। डोटासरा के ऐसे बयानों से अशोक गहलोत के सरकार रिपीट के प्रयासों पर पानी फिर रहा है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (19-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

Friday 18 February 2022

आखिर कवि कुमार विश्वास पंजाब में भाजपा को फायदा पहुंचाना चाहते हैं या कांग्रेस को?100 साल पहले अंग्रेजों ने भी सरदार भगत सिंह को आतंकवादी करार दिया था। मैं भगत सिंह की राह पर चल रहा हूं - अरविंद केजरीवाल।

कांग्रेस शासित राजस्थान के राज्य लोक सेवा आयोग की सदस्य डॉ. मंजू शर्मा के पति और सुप्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास पंजाब के चुनाव में भाजपा को फायदा पहुंचाना चाहते हैं या कांग्रेस को? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है कि 20 फरवरी को पंजाब में मतदान से पहले कुमार विश्वास ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। चुनावी सर्वेक्षणों में पंजाब में सबसे मजबूत स्थिति केजरीवाल की पार्टी की ही है। इस स्थिति को देखते हुए कुमार विश्वास ने ऐसा बयान दिया है, जिससे केजरीवाल को भारी नुकसान हो सकता है। कुमार विश्वास का कहना है कि सात वर्ष पहले केजरीवाल ने उन्हें बताया था कि वे हर हाल में पंजाब के मुख्यमंत्री बनेंगे। केजरीवाल ने पंजाब में अलगाववादियों की गतिविधियों के संदर्भ में कहा कि मैं स्वतंत्र देश पंजाब का प्रधानमंत्री भी बन सकता हंू। सब जानते है कि कुमार विश्वास आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं। लेकिन केजरीवाल से विवाद होने के कारण सात वर्ष पहले कुमार विश्वास ने केजरीवाल की पार्टी को छोड़ दिया था। लेकिन अब सात साल बाद कुमार विश्वास केजरीवाल द्वारा कही गई बातों को सार्वजनिक कर रहे हैं। कुमार विश्वास के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के राहुल गांधी ने भी राजनीतिक प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इन दोनों ने केजरीवाल और उनकी पार्टी को पंजाब के लिए घातक बताया है। जानकारों का मानना है कि कुमार विश्वास के ताजा बयान से भाजपा ज्यादा फायदा होगा। क्योंकि भाजपा की छवि राष्ट्रभक्ति वाली मानी जाती है। यह बात अलग है कि कांग्रेस शासित राजस्थान में कुमार विश्वास ने अपनी पत्नी को राज्य लोक सेवा आयोग का सदस्य बनवा रखा है।

मैं भगत सिंह की राह पर-केजरीवाल:
विगत दिनों कुमार विश्वास जो बयान दिया उस पर 18 फरवरी को अरविंद केजरीवाल ने सफाई दी है। केजरीवाल ने कहा कि कुमार विश्वास एक हास्य कवि है और उन्होंने बयान देकर वाकई कॉमेडी की है। लेकिन मुझे इस बात का अफसोस है कि इस कॉमेडी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी सही मान रहे हैं। मुझे आतंकवादी घोषित किया जा रहा है। मैं जानना चाहता हंू कि यदि मैं आतंकवादी हंू तो भाजपा और कांग्रेस ने मेरे विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की? मैं यदि अलगाववादियों के साथ मिलकर पंजाब को देश से अलग करने का षडय़ंत्र कर रहा था तो फिर नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब का मुख्यमंत्री रहते मेरे विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की। केजरीवाल ने कहा कि 100 वर्ष पहले अंग्रेजों ने भी हमारे स्वतंत्रता सैनानी सरदार भगत सिंह को आतंकवादी करार दिया था। मैं तो भगत सिंह का चेला हंू। भगत सिंह की राह पर चलते हुए ही भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही कर रहा हंू। चूंकि पंजाब में आम आदमी पार्टी चुनाव जीत रही है इसलिए सारे भ्रष्टाचारी एकजुट होकर हमारा विरोध कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के 3 करोड़ नागरिकों को एकजुट होकर भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाना चाहिए। 

S.P.MITTAL BLOGGER (18-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511

देश के न्यायिक इतिहास में पहली बार 38 आरोपियों को फांसी के सजा सुनाई।26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में 70 मिनट में 21 ब्लास्ट हुए। इनमें 56 की मौत और 200 नागरिक जख्मी हुए। तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री और अमित शाह गृह मंत्री थे।

18 फरवरी को देश के न्यायिक इतिहास में यह पहला अवसर रहा जब अहमदाबाद के सेशन कोर्ट ने एक साथ 38 आरोपियों को फांसी तथा 11 को उम्र कैद की सजा सुनाई। अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को 70 मिनट में 21 स्थानों पर एक के बाद एक बम धमाके हुए। इनमें 56 नागरिकों की मौत हो गई तथा करीब 200 नागरिक घायल हुए। इस घटना के बाद पूरे देश में तनावपूर्ण माहौल हो गया। तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री और अमित शाह गृह राज्य मंत्री थे। पूरे अहमदाबाद और गुजरात में इन बम धमाकों को लेकर हाहाकार मचा हुआ था। लेकिन अगले कुछ दिनों में ही अहमदाबाद की पुलिस ने 77 आरोपियों को गिरफ्तार किया इनमें से 49 को बम धमाकों का दोषी माना गया। सभी आरोपियों को यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) कानून में सजा सुनाई गई है। अदालत ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना है। अदालत ने कहा कि 56 निर्दोष व्यक्ति की मौत के मामले में आरोपियों पर कोई नरमी नहीं बरती जा सकती है। इसके साथ ही कोर्ट ने मृतकों के परिवारों को एक एक लाख तथा घायलों को 50 हजार व 25 हजार रुपए का मुआवजा दिलाये जाने के आदेश भी दिए। इन बम धमाकों के मामले की सुनवाई पूर्व न्यायाधीश ज्योत्सना बेन ने भी की थी। कोर्ट के फैसले के बाद जस्टिस जोत्सना ने बताया कि यह मामला एक तरह से सरकार के विरुद्ध विद्रोह जैसा था। इस विद्रोह में बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। उन्होंने स्वयं 300 गवाहों के बयान दर्ज किए। इससे जाहिर था कि आरोपियों ने षडय़ंत्र रचाकर धमाके किए हैं। सरकारी वकील अमित पटेल का कहना रहा कि बम धमाकों में इंडियन मुजाहिद्दीन मॉड्यूल का उपयोग किया गया। हालांकि यह फैसला 14 साल बाद आया है, लेकिन इस फैसले से अपराधी तत्वों को सबक मिलेगा। सेशन कोर्ट का यह ऐतिहासिक फैसला है।
 
इन्हे मिली फांसी की सजा:
कोर्ट द्वारा 38 को फांसी व 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई है, जिनमें जाहिद शेख, इमरान शेख, इकबाल शेख, शमशुद्दीन शेख, जावेद शेख,आसिफ शेख, अतीक खिलजी, मेंहदी अंसारी, शफीक अंसारी, रफीउद्दीन, आरिफ मिर्जा, कयूमुद्दीन, सीबली मुस्लिम, सफदर नागोरी, हाफिज मुल्ला, साजिद मंसूरी, अफजल उस्मानी , सरफुद्दीन ईदी, मो सादिक शेख, मो. आरिफ शेख, अकबर चौधरी, फजल दुरानी, नौशाद सैयद, अहमद बरेलवी, रफीक आफीदी, आमिन शेख, मो.मोबिन खान, मो.अंसार, गयासुद्दीन अंसारी, आरिफ कागजी, उस्मान, यूनुस मंसूरी, इमरान पठान, अबूबसर शेख, अब्बास समेजा, सैफू अंसारी, मो. सैफ शेख, जीशान शेख, जियाउर रहमान, तनवीर पठान, अबरार मणियर, शादुली करीम, तौसिफ पठान, मो. अली अंसारी, मो.इस्माइल, कमरुद्दीन,आलिम काजी, अनीक सैयद व मो.शकील है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (18-02-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511