मात्र 120 रुपए में सीमेंट का कट्टा बेचेंगी कंपनियां
प्रदेश और देश के आम उपभोक्ता को भले ही सीमेंट का कट्टा 300 रुपए तक मिल रहा हो लेकिन सीमेंट बनाने वाली कम्पनी अब मात्र 120 रुपए में सीमेंट का कट्टा केन्द्र को बेचेगी। केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 13 दिसम्बर को जयपुर में भाजपा सरकार के जश्न समारोह में कहा कि उनके मंत्रालय में राजस्थान और देश की अन्य कम्पनियों के मालिकों को बुलाकर सीमेंट के कट्टे पर निगोशिएशन्स किया। कम्पनियों ने 120 रुपए में सीमेंट के कट्टे देने पर अपनी सहमति दे दी है। सरकार अब इसी मूल्य से कम्पनियों से सीमेंट खरीदेगी। गडकरी ने कहा कि 120 रुपए में कट्टा देने वाली कम्पनियों में राजस्थान की भी कम्पनियां हैं।
बताया जा रहा है कि इनमें आर.के. मार्बल संस्थान द्वारा निर्मित वंडर सीमेंट भी शामिल है। सवाल यह नहीं है कि सरकार इतनी सस्ती सीमेंट कैसे खरीद रही है? महत्वपूर्ण सवाल यह है कि 180 रुपए प्रति कट्टे का मुनाफा किससे मिल रहा है? जब आम उपभोक्ता को 300 रुपए में और सरकार को मात्र 120 रुपए में सीमेंट का कट्टा दिया जा रहा है तो कम्पनियों और बीच के दलालों के मुनाफे का अंदाजा लगाया जा सकता है। असल में गडकरी को कम्पनियों और दलालों के मुनाफे के बारे में सब पता है। गडकरी को यह भी पता है कि सीमेंट के एक कट्टे की लागत 80 रुपए से ज्यादा की नहीं आती है। इसलिए कम्पनियां 120 रुपए में सरकार को देने के लिए तैयार हो गई है। यहां यह सवाल भी उठता है कि जब कम्पनियां सरकार को 120 रुपए में कट्टा दे रही है तो फिर आम उपभोक्ता को सस्ती दर पर सीमेंट क्यों नहीं दी जाती? क्या सरकार के संरक्षण की वजह से कम्पनियां उपभोक्ता से 300 रुपए तक वसूल रही हैं? यदि सरकार 120 रुपए में सीमेंट का कट्टा खरीद सकती है तो फिर उपभोक्ताओं को भी कम से कम 150 रुपए में तो कट्टा दिलवाया ही जा सकता है। गडकरी 120 रुपए में कट्टा खरीद कर अपनी पीठ थपथपा सकते हैं लेकिन इसके साथ ही गडकरी को यह भी बताना होगा कि आखिर उपभोक्ता को 300 रुपए तक सीमेंट का कट्टा क्यों खरीदना पड़ रहा है? जिस जनता के वोट से गडकरी मंत्री बने हैं वह जनता तो 300 रुपए का भुगतान करे और गडकरी मात्र 120 रुपए। माना कि कम्पनियों से खरीदी जाने वाली सीमेंट सरकार की परियोजना में ही काम आएगी लेकिन सवाल यह भी है कि गडकरी आम उपभोक्ता को सस्ती सीमेंट दिलवाने के प्रयास क्यों नहीं करते।
(spmittal.blogspot.in)
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