अब क्यों नहीं बोलते आजम खान
टीवी न्यूज चैनलों में तो नहीं, लेकिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक परिवार की महिलाओं और पुरुषों को नग्न अवस्था में दिखाया गया और पुलिस के इंस्पेक्टर व जवान नग्न महिलाओं को घसीट रहे हैं। यह वीडियो यूपी के ग्रेटर नोएडा के अंतर्गत आने वाले दनकौर पुलिस स्टेशन के बाहर का है। जिस तरह से महिलाओं को नग्न होना पड़ा, वह बेहद ही शर्मनाक है। एक सभ्य समाज में ऐसे कृत्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। गंभीर बात तो यह है कि महिलाएं कोई अपराधी नहीं थीं। बल्कि अपने परिवार के मुखिया सुनील गौतम के साथ दनकौर थाने पर न्याय मांगने गई थी। थाने पर जो पुलिसिया व्यवहार हुआ उसे किसी भी दृष्टि में उचित नहीं माना जा सकता। इस बात की तो जांच होनी ही चाहिए कि महिलाओं को सरेआम किन परिस्थितियों में नग्न होना पड़ा है। नग्न महिलाओं को जिस तरह पुलिस वालों ने घसीटा वह यूपी की समाजवादी पार्टी की सरकार के लिए भी शर्मनाक है। सपा की सरकार के प्रभावशाली नेता आजम खान की चुप्पी भी आश्चर्यचकित करने वाली है। यूपी और ग्रेटर नोएडा में यह सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर आजम खान चुप क्यों है? क्या आजम को दनकौर थाने के प्रभारी प्रवीण यादव का कोई कसूर नजर नहीं आता? क्या आजम खान सुनील गौतम की परिवार की महिलाओं के नग्न होने को सही मानते हैं? सवाल यह है कि आजम की नजर में पीडि़त को न्याय देने में भेदभाव नहीं करना चाहिए। आजम खान जब अन्य मामलों में बड़ी-बड़ी घोषणाएं करते है तो दनकौर की घटना पर क्यों चुप हैं। न्यूज चैनलों एवं मीडिया की भूमिका भी आश्चर्यचकित करने वाली है। जो मीडिया छोटी-छोटी घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाता है उसे क्या थाने के बाहर महिलाओं के नग्न होने का मामला बड़ा नजर नहीं आता। यूपी के सीएम अखिलेश यादव को चाहिए कि वे स्वयं पीडि़त महिलाओं के पास जाएं और न्याय दिलाएं।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511
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