एसीबी न्यायालय में अवमानना के एक प्रकरण में अजमेर जेल के अधीक्षक वासुदेव ने कहा कि एसपी द्वारा सुरक्षा गार्ड उपलब्ध नहीं करवाए जाने के कारण बीमार कैदियों का समुचित ईलाज नहीं हो पा रहा है। अजमेर के युवा एडवोकेट जिनेश सोनी ने अपने मुवक्किल सुरेश सोनी की ओर से एक अवमानना याचिका अदालत में प्रस्तुत की थी और 16 अक्टूबर को सुनवाई हुई। अपने बचाव में जेल अधीक्षक वासुदेव ने कहा कि कैदी सुरेश सोनी के ईलाज के लिए एसपी से सुरक्षा गार्ड मांगे गए थे। लेकिन सुरक्षा गार्ड नहीं मिले। इसलिए कैदी सोनी को ईलाज के लिए बाहर नहीं भेजा जा सका। इस पर न्यायाधीश कौशिक ने पूछा, क्या जेल में और कैदी भी बीमार हैं जिन्हें बेहतर ईलाज की जरूरत है? इस पर जेल अधीक्षक ने अपनी सहमति जताई। अधीक्षक ने कहा कि यदि सुरक्षा गार्ड मिल जाएं तो वह बीमार कैदियों को अजमेर के बाहर भी भेज सकते हैं। अधीक्षक ने यह भी बताया कि सुरक्षा गार्ड के लिए पुलिस को कितनी बार पत्र लिखे गए। जेल अधीक्षक की लाचारी को देखते हुए एडवोकेट जिनेश ने कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ अपने मुवक्किल का बेहतर ईलाज करवाना है। इस पर न्यायाधीश कौशिक ने जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और रेंज की आईजी को निर्देश दिए कि सुरेश का तो तत्काल ईलाज करवाया जाए। साथ ही जेल में बंद बीमार कैदियों के ईलाज के भी पुख्ता इंतजाम किए जाएं। न्यायाधीश ने कहा कि बीमार कैदियों को ईलाज कराने का संवैधानिक अधिकार है। न्यायाधीश कौशिक ने कहा कि कैदियों को ईलाज से वंचित नहीं किया जा सकता। आदेश का स्वागत करते हुए एडवोकेट जिनेश ने कहा कि उनकी अवमानना याचिका से जेल में बंद सभी बीमार कैदियों को राहत मिलेगी। यदि अब भी कैदियों का ईलाज सही प्रकार से नहीं हुआ तो वह कलेक्टर, एसपी और जेल अधीक्षक के खिलाफ न्यायालय की अवमानना याचिका दायर करेंगे।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511
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