Monday, 1 September 2025
मैंने तो अपने ही शासन में कहा था आरपीएससी बेईमान है-सचिन पायलट। जिन सदस्यों पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है उन्हें तत्काल हटाया जाए। ईमानदार और स्वच्छ छवि वाले सदस्यों की नियुक्ति हो।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट ने कहा है कि मैंने तो अपने शासन में ही राजस्थान लोक सेवा आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। पांच वर्ष पहले मैंने जो कहा उसे ही अब हाईकोर्ट ने दोहराया है। हाईकोर्ट ने बहुचर्चित एसआई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक में सीधे तौर पर आयोग के अध्यक्ष और चार सदस्यों को जिम्मेदार माना है। मैंने भी पांच वर्ष पहले कहा था कि पेपर लीक आयोग से ही हो रहे हैं। मैंने भी आयोग के सदस्यों की नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि राजस्थान में युवाओं को अधिकांश सरकारी नौकरियों आयोग के माध्यम से ही मिलती है, लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि आयोग के सदस्य ही पेपर बेचने का काम कर रहे है। पायलट ने कहा कि आयोग में आमूल चूल परिवर्तन की जरूरत हे। ताकि ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ भर्ती परीक्षाएं हो सके। पायलट ने कहा कि हाईकोर्ट ने आयोग के जिन दो मौजूदा सदस्यों संगीता आर्य और मंजू शर्मा पर गंभीर टिप्पणी की है उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाया जाना चाहिए। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि इन दोनों सदस्यों को किस प्रकार से हटाया जाता है। वैसे तो हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद इन दोनों सदस्यों को स्वत: ही इस्तीफा दे देना चाहिए। पायलट ने कहा कि यदि ये दोनों सदस्य इस्तीफा नहीं देते हैं तो इन्हें आयोग की सभी परीक्षाओं की प्रक्रिया से अलग रखा जाए। यहां यह उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए सचिन पायलट ने अजमेर से जयपुर तक पद यात्रा निकाली थी। इस पदयात्रा में जो तीन प्रमुख मांगे रखी गई उनमें पेपर लीक और आरपीएससी में बदलाव की मांग भी शामिल थी। यह बात अलग है कि तब कांग्रेस के शासन में पायलट की कोई सुनवाई नहीं हुई।
S.P.MITTAL BLOGGER (01-09-2025)
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