Tuesday, 9 September 2025
पूर्व सीएम अशोक गहलोत आए इसीलिए डिप्टी सीएम दीया कुमारी को भी आजमेर आना पड़ा। एक किलो मीटर पैदल चलीं, यह भी कोई खबर है ? दिखावा रहा दौरा
राजस्थान में लगातार हो रही अतिवृष्टि को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सभी प्रभारी मंत्रियों और सचिवों को अपने-अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा करने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों में कहा गया कि सभी मंत्री और सचिव 5 से 7 सितम्बर तक अपने-अपने जिलों का दौरा करे। मुख्यमंत्री के निर्देशों का अधिकांश मंत्रियों ने पालन किया, लेकिन डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने मुख्यमंत्री के इस निर्देशों का पातन नहीं किया। तीन दिन की निर्धारित अवधि में अजमेर जिले के दौरे पर नहीं आयी। इस बीच 6 सितम्बर को कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अजमेर का दौरा किया और सर्वाधिक प्रभावित स्वास्तिक नगर के पीडितों से 'भी मुलाकात की। गहलोत ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का भी ध्यान आकर्षित किया। पूर्व सीएम के दौरे से स्वास्तिक नगर की समस्या प्रदेश स्तर पर हाइलाइट बोराज गांव के तालाब की पाल निकटवर्ती स्वास्तिक नगर डूब गया हुई। असल मे पाल टूटने से स्वास्तिक नगर की स्थिति को लेकर पूर्व सीएम हमलावर रहे इसलिए डिप्टी सीएम और अजमेर प्रभारी को 8 सितम्बर को जिते की प्रभारी मंत्री दीया कुमारी. अजमेर जाना पड़ा। दीया कुमारी ने स्वास्तिक नगर के पीडितों से मौके पर मुलाकात की और सर्किट हाऊस में अधिकारियों की बैठक कर फसलों की खराबे की स्थिति भी जानी। यह सही है कि यदि पूर्व सीएम गहलौत नहीं आते तो दीया कुमारी भी अजमेर का दौरा नहीं करती। यदि दीया कुमारी को मुख्यमंत्री के निर्देश मानने होते तो वे अन्य मंत्रियों की तरह निर्धारित 5 से 7 सितम्बर के बीच अजमेर का दौरा करती।
दिखावा रहा दौरा :
डिप्टी सीएम 8 सितम्बर को मुश्किल से पहांटे के दौरे पर रही। यह दौरा भी दिखावा ही रहा। स्वास्तिक नगर में जहां 5 दिन बाद भी सैकड़ों पीडितों की आँखो में आंसू है वहां दीया कुमारी एक किलोमीटर पेदल चली। दीया कुमारी के पैदल चलने की खबर अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित हुई हा पैदल चलना भी खबर है? लोकतंत्र में तो सवाल उठता है कि क्या किसी मंत्री का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं को प्रधान सेवक मानते हैं। लेकिन राजस्थान में ऐसा लोकतंत्र है, जिसमें नौकर यदि एक किलोमीटर पैदल चलता है तो उसकी खबर अखबारों में छपती है। इसे दीया। कमारी का मीडिया मैनजमेंट ही कहा जाएगा कि पैदल चलना बड़ी बात हो गई है। दीया कुमारी के दौरे पर स्वास्तिक नगर के पीडितों को कितनी राहत मिलती है यह तो भविष्य ही बताएगा; लेकिन स्वास्तिक नगर पूरी तरह बर्बाद हो गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि दीया कुमारी ने 8 सितम्बर को जब अजमेर का दौरा किया तो भाजपा का एक भी विधायक साथ नहीं था। असल में दीया कुमारी ने विधानसभा के चलते हुए दौरा किया। सवाल यह भी है कि जब जयपुर में विधानसभा चल रही थी तो दीया कुमारी अजमेर क्यों आई ?
S.P.MITTAL BLOGGER (09-09-2025)
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