Wednesday, 3 September 2025

अब 10 श्रमिकों तक के दुकानदारों को श्रम विभाग से लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं। लेकिन लाइसेंस के बगैर जीएसटी का पंजीयन बैंक में चालू खाता, लोन आदि की सुविधा नहीं मिल रही।

राज्य सरकार ने इंस्पेक्टर राज को समाप्त करने के लिए राजस्थान दुकान एवं वाणिज्यिक संस्थान अधिनियम के अंतर्गत एक आदेश जारी कर 10 श्रमिकों तक के दुकानदार को श्रम विभाग से लाइसेंस नहीं लेने की छूट दी। यानी जिन छोटे व्यापारिक संस्थानों पर दस श्रमिक काम करते हैं, उन्हें श्रम विभाग से लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है। राजस्थान सरकार ने यह आदेश गत 19 अगस्त को जारी किया। यही सही है कि इस आदेश से छोटे दुकानदारों को अब श्रम विभाग से मुक्ति मिल गई है, लेकिन इसके साथ भी दुकानदारों के सामने अनेक नई समस्याएं खड़ी हो ई है। असल में वाणिज्यिक संस्थान के लिए जीएसटी से पंजीयन के लिए श्रम विभाग के लाइसेंस की अनिवार्यता है। इसी प्रकार बैंकों में संस्थान का चालू खाता भी श्रम विभाग के लाइसेंस से ही खुलता है। इतना ही नहीं बैंक भी उन्हीं दुकानदारों को लोन देता है जिसके संस्थान का पंजीयन श्रम विभाग में हो रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब दुकानदार श्रम विभाग से लाइसेंस नहीं लेंगे तो फिर उन्हें जीएसटी और बैंकिंग की सुविधाएं केसे मिलेगी? सरकार ने लाइसेंस राज से मुक्ति तो दिलाई, लेकिन नई उत्पन्न समस्याओं का समाधान नहीं किया। पीड़ित व्यापारियों के प्रतिनिधि चंद्रशेखर अग्रवाल ने कहा कि अब छोटे दुकानदारों के लिए जीएसटी का पंजीयन स्वघोषणा के आधार पर ही किया जाए। इसी प्रकार बैंकिंग सेवाओं के लिए भी श्रम विभाग का लाइसेंस की अनिवार्यता को समाप्त करवाया जाए। दुकानदारों की समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए दुकानदार एकजुट हो रहे है। व्यापारिक संस्थाओं का शिष्टमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात करेगा। दुकानदारों की समस्याओं के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9828133357 पर चंद्रशेखर अग्रवाल से ली जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (03-09-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

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