Sunday, 31 August 2025

भजन सरकार सिलेक्ट थानेदारों के साथ ही खड़ा दिखना चाहती है, इसलिए विधि मंत्री पटेल ने कहा-एसआई भर्ती परीक्षा रद्द नहीं हुई है। अंग्रेजी में लिखा हाईकोर्ट का आदेश सरकार को समझ नहीं आ रहा-एके जैन। सबसे पहले आरपीएससी की सदस्य संगीता और मंजू से इस्तीफा लेना चाहिए।

राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश समीर जैन ने 28 अगस्त को अपने एक आदेश से विवादित एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने को कहा। कोर्ट के इस आदेश पर न्यूज चैनलों और अखबारों में परीक्षा रद्द होने की खबरें भी प्रकाशित हुई। ऐसी खबरों के बाद हाईकोर्ट ने यह नहीं कहा कि मीडिया में गलत खबरें आ रही है, लेकिन 30 अगस्त को जोधपुर में प्रदेश के विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने का आदेश ही नहीं दिया है। कोर्ट ने तो सरकार को पूरे प्रकरण में ऑब्जर्वेशन करने के लिए कहा है। सरकार अब कोर्ट के आदेश के अंतर्गत ही अध्ययन का काम करवा रही है। असल में भजन सरकार सलेक्टर थानेदारों के साथ खड़ा देखना चाहती है, इसलिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी विधि मंत्री कह रहे है कि भर्ती परीक्षा रद्द नहीं हुई है। कोर्ट में भी सुनवाई के दौरान सरकार का रुख सिलेक्ट थानेदारों के पक्ष में रहा। सरकार ने हाईकोर्ट से आग्रह किया कि परीक्षा को रद्द नहीं किया जाए, क्योंकि एजेंसियों की जांच में सभी सलेक्ट थानेदारों को नकलची या परीक्षा से पूर्व प्रश्न हासिल करने वाला नहीं माना। राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 859 पुलिस सब इंस्पेक्टर का चयन किया था। इसी आधार पर पुलिस महकमे ने चयनित युवाओं को ट्रेनिंग भी दी। यहां तक कि ट्रेनिंग के बाद इन थानेदारों को संबंधित जिलों में नियुक्ति भी दे दी गई, लेकिन इस बीच जांच में पाया गया कि कुछ थानेदारों ने परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र हासिल कर लिया था। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने 55 थानेदारों के साथ ही पचास से भी ज्यादा अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। सरकार का कहना रहा कि सलेक्ट 859 में से 55 थानेदारों ही बेईमान पाय गए है, इसलिए परीक्षा को रद्द कर शेष 8 सौ सलेक्ट थानेदारों को सजा नहीं दी जा सकती। हालांकि हाईकोर्ट ने सरकार के इस आग्रह को स्वीकार नहीं किया और पूरी परीक्षा को ही रद्द कर दिया। आदेश समझ नहीं आ रहा: प्रदेश के जाने माने कानूनविद और हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील एके जैन ने विधि मंत्री पटेल के बयान पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि हाईकोर्ट का आदेश सरकार को समझ नहीं आ रहा है। जैन ने कहा कि यह आदेश अंग्रेजी में है, इसलिए विधि मंत्री को समझ नहीं आ रहा है। जैन ने कहा कि विधि मंत्री को ऐसा बेतुका बयान देने से पहले अपने विभाग के अधिकारियों और हाईकोर्ट में नियुक्त महाधिवक्ता से आदेश को समझना चाहिए था। यदि प्रदेश के विधि मंत्री इस तरह के बयान देंगे तो फिर प्रदेश में कानून की सुरक्षा कैसे हो पाएगी? जैन ने कहा कि हाईकोर्ट ने परीक्षा को रद्द करने के स्पष्ट आदेश दिए है। अब यदि सरकार इस परीक्षा को रद्द नहीं करती है तो यह न्यायालय की अवमानना मानी जाएगी। सरकार चाहे तो हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील कर सकती है। इस्तीफा ले: हाईकोर्ट ने अपने आदेश में परीक्षा लेने वाले राज्य लोक सेवा आयोग पर भी गंभीर टिप्पणी की है। परीक्षा का पेपर लीक करने और फिर इंटरव्यू में गड़बड़ी करने के मामले में कोर्ट ने आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष संजय क्षोत्रिय सदस्य बाबूलाल कटारा, रामूराम रायका के साथ सााि मौजूदा सदस्य श्रीमती संगीता आर्य और श्रीमती मंजू शर्मा को भी जिम्मेदार माना है। सरकार को सबसे पहले मौजूदा सदस्य संगीता और मंजू से इस्तीफा लेना चाहिए। सरकार के पास इस्तीफा लेने के लिए हाईकोर्ट के आदेश का आधार है। वैसे तो हाईकोर्ट की गंभीर टिप्पणी के बाद इन दोनों महिला सदस्यों के नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। लेकिन जब दोनों सदस्य इस्तीफा नहीं दे रहे, तब सरकार को इस्तीफे के लिए दबाव बनाना चाहिए। S.P.MITTAL BLOGGER (31-08-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

बच्चों के जन्म में परेशानी का सबसे बड़ा कारण अधिक उम्र में विवाह करना है-डॉ. सुधा चंडक। 9 माह से पहले जन्म लेने वाले नवजात में सबसे बड़ा रोग आंखों का होता है-डॉ. विनीत चंडक।

बदलते सामाजिक परिवेश में नव दंपत्तियों के सामने सबसे पहले तो बच्चा न होने की समस्या है और जब गर्भधारण हो जाता है तो बच्चे के सुरक्षित जन्म लेने की बड़ी चुनौती होती है। ऐसी समस्याओं से आजकल अधिकांश परिवार परेशान है। अजमेर के वैशाली नगर स्थित चंडक अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधा चंडक ने बताया कि परिवारों के सामने सुरक्षित बच्चे के जन्म को लेकर बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। अधिकांश गर्भवती महिलाएं इस परेशानी से गुजर रही हैं। गर्भधारण के साथ ही महिला को अनेक प्रकार की जांचें करवाने की सलाह दी जाती है, जिस पर हजारों रुपया खर्च होता है। जांच के बाद गर्भ में पल रहे बच्चे को लेकर जो जानकारियां दी जाती है उससे भी गर्भवती महिला और परिजनों में तनाव हो जाता है। जब निर्धारित 9 माह (40 सप्ताह) की अवधि से पहले बच्चे के जन्म हो जाता है तो फिर नवजात को जिंदा रखना बड़ी चुनौती होती है। डॉ. सुधा चंडक ने बताया कि बदलते सामाजिक परिवेश में अब अधिकांश युवा 30 वर्ष की उम्र के बाद विवाह कर रहे हैं और विवाह के पांच वर्ष बाद बच्चा जनने की योजना बनाई जाती है। जब कोई युवती 35 से 40 वर्ष की उम्र में गर्भधारण करती है तो उसे अनेक प्रकार की परेशानियां होती है। इनमें गर्भवती को हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह, खून की कमी, गर्भ में संक्रमण, जुड़वा व अधिक रोगों का होना, तनाव शारीरिक थकावट जैसे रोग होते हैं। जो महिलाएं शराब आदि मादक पदार्थों का सेवन करती हैं उन्हें तो ज्यादा परेशानी होती है। डॉ. सुधा चंडक ने बताया कि संयुक्त परिवार के जमाने में 20 से 25 वर्ष की उम्र में विवाह हो जाता था और तब बच्चे भी स्वस्थ होते थे। बच्चों के जन्म में खानपान की भी बड़ी समस्या हो गई है। जंक फूड खाने से गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चों को भी खतरा रहता है। डॉ. सुधा चंडक ने बताया कि यदि सही चिकित्सा सलाह मिले तो समय से पूर्व होने वाले बच्चों को भी सुरक्षित और स्वस्थ रखा जा सकता है। उनके वैशाली नगर स्थित चंडक अस्पताल में सुरक्षित प्रसव की समुचित व्यवस्था है। अस्पताल में आधुनिक उपकरण और ऑपरेशन थियेटर भी है। आंखों पर असर: चंडक अस्पताल के निदेशक और सुप्रसिद्ध नेत्र रोग विशेष डॉ. विनीत चंडक ने बताया कि जब बच्चे का जन्म 9 माह चालीस सप्ताह से पहले होता है तो नवजात की आंखों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। चूंकि नवजात की आंखें बेहद कोमल और नाजुक होती है, इसलिए इलाज की भी जटिल प्रक्रिया है। यदि नवजात का समय रहते इलाज नहीं करवाया गया तो स्थाई रूप से अंधापन भी हो सकता है। समय से पूर्व होने वाले शिशु को रेटिनोपैथी ऑफ प्री मैच्योरिटी (आरओपी) का रोगी माना जाता है। इस रोग में आंखों की रक्त वाहिकाएं असामान्य रूप से बढ़ती है, जिससे रेटिना का इलाज न होने पर यह स्थायी अंधापन का कारण बन सकती है। सूजन खून का रिसाव यहां तक कि रेटिना का अलग हो जाना भी हो सकता है। इस रोग का निदान एक विशेषज्ञ नेत्र चिकित्सक की कर सकता है। इस रोग की जांच शिशु के जन्म के चार सप्ताह के अंदर करनी चाहिए। लेजर थेरेपी से असामान्य रक्त वाहिकाओं को नष्ट किया जाता है। लेजर थेरेपी नेत्र विशेषज्ञ ही कर सकता है। रेटिना में नई रक्त वाहिकाओं की वृद्धि को रोकने के लिए इंजेक्शन भी लगाए जाते हैं। रेटिना अलग हो जाए तो सर्जरी भी की जाती है। डॉ. चंडक ने कहा कि 40 सप्ताह से पहले जन्म लेने वाले सभी बच्चों की आंखों की जांच करना बेहद जरूरी है। यदि समय पर इलाज नहीं हुआ तो स्थाई अंधापन भी हो सकता है। डॉ. चंडक ने बताया कि उनके वैशाली नगर स्थित अस्पताल में बच्चों की आंखों की लेजर थेरेपी की सभी सुविधाएं उपलब्ध है। यही वजह है कि प्रदेशभर अभिभावक अपने नवजात शिशुओं की आँखों का इलाज करवाने के लिए उनके अस्पताल आते हैं। परंपरागत सेवा: अजमेर के वैशाली नगर स्थित नवनिर्मित चंडक अस्पताल के निदेशक डॉ. विनीत चंडक के पिता एल.एन. चंडक स्वयं भी नेत्र विशेषज्ञ हैं। अजमेर के खाईलैंड मार्केट में चंडक परिवार का नेत्र चिकित्सालय भी है। सेवा के कार्य को विस्तार देते हुए अब अजमेर के वैशाली नगर में भव्य चंडक अस्पताल की शुरुआत की गई है। इस नवनिर्मित अस्पताल में नेत्र चिकित्सा के अलावा नवजात शिशुओं के इलाज की भी विशेष सुविधाएं उपलब्ध है। अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9352994557 पर डॉ. विनीत चंडक से ली जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (31-08-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Friday, 29 August 2025

ट्रंप से फोन पर बात नहीं करने की हिम्मत मोदी ही दिखा सकते हैं। भारतीय उत्पादों पर टैरिफ घटेगा तभी मोदी बात करेंगे। 86 अरब डॉलर की वस्तुओं पर अब पचास प्रतिशत टैरिफ।

भारत से जिन वस्तुओं का निर्यात अमेरिका को होता है, उस पर पहले ही 25 प्रतिशत टैरिफ (शुल्क) बढ़ा दिया गया था, लेकिन 27 अगस्त से 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ भी लागू कर दिया गया। यानी अब भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में पचास प्रतिशत शुल्क बढ़ गया है। भारत प्रतिवर्ष करीब 86 अरब डॉलर का निर्यात अमेरिका को करता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि भारत, रूस से कच्चा तेल न खरीदे, टैरिफ लगाने से पहले ट्रंप ने भारत को चेतावनी भी दी थी, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका के दबाव से रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया जाएगा। चूंकि भारत ने 25 प्रतिशत टैरिफ के बाद भी रूस से तेल खरीदना जारी रखा, इसलिए ट्रंप ने अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ भी 27 अगस्त से लागू कर दिया। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लागू करने से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करने का प्रयास किया। इसके लिए ट्रंप की ओर से चार बार फोन किए गए, लेकिन पीएम मोदी ने एक बार भी ट्रंप का फोन रिसीव नहीं किया। मीडिया की इन खबरों में चर्चा है अब भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में हो रही है। अमेरिका को दुनिया की महाशक्ति माना जाता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात नहीं करने की हिम्मत नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री ही दिखा सकता है। विगत दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध विराम में कहा गया है कि ट्रंप के दबाव की वजह से भारत ने युद्ध विराम पर सहमति दी। लेकिन अब मोदी ने दर्शा दिया है कि वे न तो युद्ध के समय और न ही टैरिफ वार के अवसर पर अमेरिका के दबाव में आए है। यह सही है कि भारत का निर्यात अब 86 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, लेकिन अमेरिका को निर्यात किए जाने वाला उत्पाद भारत की जीडीपी में सिर्फ दो प्रतिशत है। अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने के बाद से ही पीएम मोदी की और से विकल्प रखे गए है। इनमें चीन के साथ कारोबार बढ़ाना भी है। रूस ने भी भारत को सहयोग करने का भरोसा दिलाया है। रूस ने भी भारत को सहयोग करने का भरोसा दिलाया है। रूस की ओर से कहा गया है कि वह अब भारत को पांच प्रतिशत तेल और सत्ता देगा। इतना ही नहीं रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भी ट्रंप को कहा है कि वह भारत पर अनावश्यक दबाव न डाले। S.P.MITTAL BLOGGER (25-08-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

राहुल-तेजस्वी की चुनावी यात्रा का समर्थन करने के लिए तमिलनाडु के सीएम स्टालिन बिहार आए। क्या कांग्रेस और आरजेडी भी सनातन धर्म को नष्ट करने वाली सोच रखती है? डीएमके के नेताओं ने तो बिहारियों को बलात्कारी और भिखारी तक कहा है।

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और आरजेडी के तेजस्वी यादव इन दिनों बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं। चूंकि बिहार में इसी वर्ष विधानसभा के चुनाव होने है, इसलिए यात्रा का चुनावी मकसद भी है। चुनावी मकसद के कारण ही विपक्ष के कई नेता बिहार आकर यात्रा का समर्थन कर रहे है। इसी कड़ी में 26 अगस्त को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी बिहार आए और राहुल तेजस्वी के प्रति अपना समर्थन जताया। स्टालिन के समर्थन देने के बाद ही सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस और आरजेडी भी सनातन धर्म को नष्ट करने वाली सोच रखती है? सब जानते हैं कि स्टालिन और उनके मंत्री पुत्र उदयनिधि ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि सनातन धर्म को नष्ट कर दिया जाना चाहिए। पिता-पुत्र ने सनातन की तुलना मलेरिया और कोरोना जैसे वायरस से की है। पिता पुत्र आज भी अपने सनातन विरोधी बयान पर कायम है। ऐसे में बिहार में स्टालिन का समर्थन कांग्रेस और आरजेडी के लिए विवाद का हो गया है। अब बिहार के मतदाताओं को यह समझना पड़ेगा कि आखिर कांग्रेस और आरजेडी की विचारधारा कौनसी है। एक तरफ इन दोनों दलों को हिंदू समुदाय के वोट चाहिए तो दूसरी तरफ मुसलामनों के वोट के लिए स्टालिन जैसे नेताओं का समर्थन लिया जाता है। स्टालिन जिस डीएमके पार्टी के नेता है, उनके मंत्रियों ने तमिलनाडु में बिहारियों को बलात्कारी कहा है। एक मंत्री का तो कनहा रहा कि बिहारी नागरिक तमिलनाडु में सिर्फ शौचालयों और सड़कों की सफाई के लिए आते हैं। जिस डीएमके के नेताओं की सोच बिहारियों के प्रति इतना घृणा पूर्ण है उसी डीएमके के मुख्यमंत्री को बुलाकर समर्थन लेने से कांग्रेस और आरजेडी को कितना फायदा होगा, यह तो विधानसभा चुनाव के परिणाम ही बताएंगे, लेकिन स्टालिन के आने के बाद बिहार की राजनीति का माहौल गर्म हो गया है। भाजपा के नेता डीएमके के नेताओं द्वारा दिए गए बयानों पर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया मांग रहे हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (28-08-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

तो कांग्रेस में डीएनए टेस्ट का फार्मूला आ गया। भगौड़े कांग्रेसी मायूस।

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने कई बार कहा है कि कांग्रेस के नेताओं का डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा। टेस्ट में खरा उतरने वाले नेताओं को ही सांसद-विधायक का टिकट दिया जाएगा। राहुल गांधी के इस बयान के बाद से ही कांग्रेस के नेता डीएनए टेस्ट के फार्मूले का इंतजार कर रहे थे। अब राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने डीएनए टेस्ट का फार्मूला उजागर कर दिया है। रंधावा ने कहा कि दूसरे दलों से आने वाले नेताओं का कम से कम 6 वर्ष तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा। ऐसे नेताओं की वफादारी की जांच के बाद ही उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया जाएगा। यह फार्मूला उन नेताओं पर भी लागू होगा जो कांग्रेस छोड़ कर दूसरे दल में चले गए और अब वापस कांग्रेस में आने को आतुर है। रंधावा ने कहा कि यही राहुल गांधी का डीएनए टेस्ट है। डीएनए टेस्ट के इस फार्मूले से कांग्रेस के भगोड़े नेताओं मायूस है। असल में राजस्थान में गत लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में कई कांग्रेसी इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए या फिर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा। अब ऐसे भगौड़े कांग्रेसी फिर से कांग्रेस में आना चाहते हैं। पूर्व मंत्री अमीन खान की तो कांग्रेस में वापसी भी हो चुकी है, जबकि अमीन खान ने गत बार बागी होकर विधानसभा का चुनाव लड़ा था। पूर्व विधायक मेवाराम जैन, गोपाल गुर्जर, रामचंद्र सराधना, बलराम यादव, कैलाश मीणा, खिलाड़ी लाल बैरवा जैसे कई भगौड़े नेता है जो वापस कांग्रेस में आना चाहते हैं। कांग्रेस में शामिल होकर फिर से विधायक सांसद बनने का सपना देख रहे है। भगौड़े कांग्रेसियों को उम्मीद है कि राजस्थान में पांच पांच वर्ष के शासन की परंपरा के कारण 2028 में कांग्रेस को बहुमत मिलेगा। ऐसे नेता अब कांग्रेस में अपना उज्ज्वल भविष्य देख रहे हैं। लेकिन ऐसे नेताओं को डीएनए टेस्ट के फार्मूले ने मायूस कर दिया है। यदि कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी अगले छह वर्ष तक लोकसभा विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा तो फिर कांग्रेस में शामिल होने का क्या फायदा है? S.P.MITTAL BLOGGER (28-08-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

भविष्य के स्वर्णिम युग को देखने का अधिकार क्या सिर्फ रॉयल फैमलियों को ही है? ब्रह्माकुमारी संस्थान में रॉयल फैमलियों का दो दिवसीय जश्न। लोकतंत्र में कितना उचित?

ब्रह्मकुमारीज संस्थान के आबू रोड (राजस्थान) स्थित मुख्यालय के परिसर में 28 अगस्त को देश भर की रॉयल फैमलियों का दो दिवसीय समारोह हो रहा है। संस्थान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अध्यात्म से जुड़े समारोह में पूर्व राजघरानों के सदस्य बड़ी संख्या में भाग लेंगे। 30 राजघरानों के प्रमुख सदस्यों ने भाग लेने की स्वीकृति दी है। ये राजघराने ऐसे हैं जिनके पूर्वजों ने शासन किया है। इनमें ग्वालियर राजघराने के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल है। राजघरानों के सदस्यों को ठहराने के लिए संस्थान के आबू रोड स्थित भव्य परिसर में विशेष इंतजाम किए गए हैं। रॉयल फैमलियों के सदस्यों को आध्यात्मिक ज्ञान देने के साथ साथ भविष्य के स्वर्णिम युग की झलक भी दिखाई जाएगी। सवाल उठता है कि क्या भविष्य का स्वर्णिम युग देखने का अधिकार सिर्फ रॉयल फैमलियों को ही है? क्या ब्रह्मकुमारीज के स्वर्णिम युग को देश का आम नागरिक नहीं देख सकता? क्या स्वर्णिम युग पर रॉयल फैमिली का ही अधिकार है? क्या आम नागरिक स्वर्णिम युग की अनुभूति नहीं कर सकता है? सवाल यह भी है कि लोकतंत्र में सिर्फ रॉयल फैमलियों का समारोह कितना उचित है? लोकतंत्र में जब देश के हर नागरिक को समान अधिकार है तो सिर्फ रॉयल फैमलियों के लिए ही अलग से दो दिवसीय समारोह क्यों किया जा रहा है? क्या ब्रह्माकुमारी संस्थान के संचालकों की नजर में आम नागरिक और रॉयल फैमलियों के सदस्यों के बीच अंतर है? सिर्फ रॉयल फैमलियों का समारोह कर ऐसा प्रतीत होता है कि ब्रह्माकुमारी संस्थान में विशेष व्यक्तियों को ही आध्यात्मिक ज्ञान दिया जाता है। संस्थान के संचालकों को यह समझना चाहिए कि ब्रह्मकुमारीज का महत्व आम नागरिकों की वजह से ही है। आम नागरिक ही संस्था से जुड़कर संस्थान को लोकप्रिय बना रहा है। यदि संस्थान के संचालक आम नागरिक को अलग कर देंगे तो फिर संस्थान का कोई महत्व नहीं रहेगा। संस्थान के संचालकों को ऐसे आयोजन करने चाहिए जिससे आम आदमी का जुडाव हो। S.P.MITTAL BLOGGER (28-08-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

कवि कुमार विश्वास में तिनके जितनी भी नैतिकता है तो अपनी पत्नी मंजू शर्मा से राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य पद से इस्तीफा दिलवाए। संगीता आर्य के इस्तीफे पर पति पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य से तो नैतिकता की उम्मीद ही नहीं की जा सकती। भाजपा बताए-आयोग के अध्यक्ष रहे संजय क्षोत्रिय के खिलाफ अब तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई। हाईकोर्ट द्वारा एएसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने से भाजपा-कांग्रेस दोनों के राजनीतिक चरित्र की पोल खुली।

राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश समीर जैन ने 28 अगस्त को प्रदेश की विवादित एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने माना की इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर गडबड़ी हुई। परीक्षा रद्द करने के साथ ही कोर्ट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष संजय क्षोत्रिय और मौजूदा सदस्य श्रीमती मंजू शर्मा और श्रीमती संगीता आर्य की भूमिका की जांच कराने के निर्देश दिए। कोर्ट के इस आदेश के बाद भाजपा और कांग्रेस के राजनीतिक चरित्र की पोल खुल गई है, क्योंकि यह परीक्षा पिछले कांग्रेस के शासन में हुई, तब विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने परीक्षा को रद्द करने की मांग की। तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने परीक्षा को रद्द करने से इंकार कर दिया, लेकिन डेढ़ वर्ष पहले जब भाजपा सत्ता में आ गई, तब भाजपा ने भी रंग बदलते हुए भर्ती परीक्षा को रद्द करने से मना कर दिया। भाजपा सरकार ने पूरा प्रयास किया कि हाईकोर्ट 859 पदों वाली इस परीक्षा को रद्द न करे। राजस्थान की जनता ने इस परीक्षा पर भाजपा और कांग्रेस दोनों के चरित्र को देख लिया है। इस परीक्षा को राजस्थान लोक सेवा आयोग ने संपन्न करवाया। परीक्षा के समय संजय क्षोत्रिय (पूर्व आईपीएस) आयोग के अध्यक्ष थे। परीक्षा में हुई गडबड़ी को लेरक आयोग अध्यक्ष की भूमिका पर भी सवाल उठे। चूंकि क्षोत्रिय की नियुक्ति कांग्रेस शासन में हुई थी, इसलिए पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बचाया तो फिर भाजपा की सरकार बनने पर क्षोत्रिय को सरकार में बेठे भाजपा नेताओं का भी संरक्षण मिला। यही वजह रही कि क्षोत्रिय आसानी से अध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त हो गए। अब 9 माह गुजर जाने के बाद भी भाजपा सरकार की ओर से श्रोत्रिय के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। भाजपा को यह बताना चाहिए कि आखिर सेवानिवृत्ति के बाद भी क्षोत्रिय के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? अब जब हाईकोर्ट ने श्रोत्रिय सहित आयोग के चार सदस्यों के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए हैं, तब देखना होगा कि सरकार किस प्रकार कार्यवाही करती है। यहां यह उल्लेखनीय है कि भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के दोषी सदस्य बाबूलाल कटारा और रामूराम रायका इन दिनों जेल में बंद है। हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद मौजूदा सदस्य संगीता आर्य और मंजू शर्मा को अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए। कुमार विश्वास की नैतिकता: हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती की परीक्षा में पेपरलीक करने के प्रकरण में राजस्थान लोक सेवा आयोग की मौजूदा सदस्य श्रीमती मंजू शर्मा (माली) को भी जिम्मेदार ठहराया है। मंजू शर्मा देश के सुप्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास की पत्नी है। कुमार विश्वास इन दिनों रामायण पर प्रवचन दे रहे हैं। कुमार विश्वास भगवान राम को मर्यादा पुरुष मानकार लोगों को मर्यादाओं की पालना करने के लिए प्रेरित करते हैं। कुमार विश्वास एक कथावाचक की तरह बातते हैं कि किस प्रकार एकधोबी के आरोप को गंभीरता से लेते हुए राम ने अपने पत्नी सीता का त्याग कर दिया। चूंकि कुमार विश्वास लोगों को नैतिकता और मर्यादा का पाठ पढ़ाते हैं, इसलिए उनसे उम्मीद की जाती है कि हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद अपनी पत्नी मंजू शर्मा से आयोग के सदस्य के पद से इस्तीफा दिलवाए। यदि अब भी मंजू शर्मा इस्तीफा नहीं देती है तो यह माना जाएगा कि कुमार विश्वास की कथनी और करनी में अंतर है। उपदेश सिर्फ दूसरों के लिए होते हैं। मालूम हो कि कांग्रेस के शासन में कुमार विश्वास को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंजू शर्मा को आयोग का सदस्य बनाया था। नैतिकता की उम्मीद नहीं: हाईकोर्ट ने आयोग की मौजूदा सदसय श्रीमती संगीता आर्य को भी पेपर लीक का जिम्मेदार माना है। संगीता आर्य पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य की पत्नी है। निरंजन आर्य मुख्य सचिव के पद पर रहते हुए कांग्रेस के इशारे पर काम करते रहे, इसलिए तब मुख्यमंत्री गहलोत ने उनकी पत्नी संगीता आर्य को आयोग का सदस्य नियुक्त किया था। निरंजन आर्य ने मुख्य सचिव के पद पर रहते हुए किन तौर तरीकों से काम किया, इसे प्रदेश की अफसरशाही और जनता ने देखा है। इसलिए निरंजन आर्य और उनकी पत्नी संगीता आर्य से नैतिकता की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। यदि संगीता आर्य और मंजू शर्मा स्वैच्छा से इस्तीफा नहीं देती है तो अगले वर्ष अक्टूबर तक अपने पदों पर बनी रहेगी। क्यांकि आयोग के सदस्यों को आसानी से नहीं हटाया जा सकता। दोनों का कार्यकाल अक्टूबर 2026 में पूरा होगा। S.P.MITTAL BLOGGER (29-08-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

मैंने अपने हाथों से हनुमान बेनीवाल को पैसे दिए। राज्यसभा चुनाव में भी। पैसे वसूलने के लिए ही किरोड़ी लाल मीणा छापे मार रहे हैं। एनडीटीवी पर हुई लाइव भिड़ंत से राजनीति का असली चेहरा उजागर।

28 अगस्त को राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा विवादित एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द किए जाने के बाद एनडीटीवी (राजस्थान) पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल के बीच लाइव भिड़ंत हो गई। नेताओं का एक दूसरे पर आरोप लगाना सामान्य बात होती है, लेकिन जब दो जिम्मेदार नेता सार्वजनिक तौर पर गंभीर आरोप लगाते हैं तो फिर राजनीति का असली चेहरा उजागर हो जाता है। नेता पर्दे के पीछे किस तरह की राजनीति करते हैं, इसका अंदाजा किरोड़ी और बेनीवाल के बीच हुई भिड़ंत से लगाया जा सकता है। कैबिनेट मंत्री किरोड़ी मीणा ने टीवी के लाइव प्रसारण में हनुमान बेनीवाल से कहा कि तू कितना चोर लुटेरा है, यह मैं अच्छी तरह जानता हंू। तू मेरे सामने गिड़गिड़ाता था कि पैसा दिलाओ। मैंने अपने हाथों से तुझे पैसे दिए हैं। तूने राज्यसभा के चुनाव में भी पैसा लिया। यहां यह उल्लेखनीय है कि पिछले कांग्रेस शासन में बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के तीन विधायक थे। राज्यसभा के चुनाव में इन तीनों विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर कांग्रेस उम्मीदवारों को वोट दिए। तब भी कई विधायकों पर पैसे लेने के आरोप लगे थे। किरोड़ी मीणा का यहां तक कहना रहा कि एसआई भर्ती की परीक्षा में आरएलपी की महिला विंग की अध्यक्ष की भी भूमिका है। किरोड़ी ने आरोप लगाया कि हनुमान बेनीवाल जाटों के लड़कों को बिगाड़ रहे हैं। किरोड़ी ने कहा कि जब बेनीवाल उन पर आरोप लगा रहे हैं तो अब वे जांच एजेंसियों को वो सबूत देंगे जिनसे खुद बेनीवाल की लिप्तता उजागर होगी। बेनीवाल ने अब तक मेरी मित्रता देखी है। अब जब मेरी ईमानदारी पर सवाल उठाया है तो मैं दुश्मनी भी प्रकट करुंगा। वही इसी लाइव डिबेट में हनुमान बेनीवाल ने भी कैबिनेट मंत्री किरोड़ी को चोर और लुटेरा कहा। बेनीवाल ने कहा कि एसआई भर्ती परीक्षा रद्द हो जाने से किरोड़ी लाल मीणा की महिला मित्रों को नुकसान हुआ है। बेनीवाल ने कहा कि परीक्षा को रद्द करवाने के लिए पहले तो किरोड़ी ने शोर मचाया, लेकिन बाद में सरेंडर कर दिया। आरएलपी की महिला विंग की अध्यक्ष के बारे में बेनीवाल ने कहा कि वह किरोड़ी के संपर्क में थी। बेनीवाल ने कहा कि किरोड़ी खाद कारखानों पर इसलिए छापामार रहे है ताकि पैसा वसूला जा सके। बेनीवाल का कहना रहा कि मैंने किरोड़ी लाल मीणा के साथ मिलकर राजस्थान में राजनीति का तीसरा मोर्चा बनाया था, लेकिन किरोड़ी मीणा बीच में ही छोड़कर भाग गए। बेनीवाल ने भी अब किरोड़ी को राजनीतिक सबक सिखाने की बात कही है। यहां यह उल्लेखनीय है कि बेनीवाल ने वर्ष 2019 में भाजपा के समर्थन से नागौर से लोकसभा का चुनाव जीता, लेकिन वर्ष 2024 में बेनीवाल कांग्रेस के समर्थन से सांसद बने। मौजूदा समय में बेनीवाल कांग्रेस की भी आलोचना कर रहे हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (29-08-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

कैबिनेट मंत्री सुरेश रावत के पिता के निधन पर मुहामी गांव में ही 6 सितंबर तक प्रतिदिन बैठक होगी।

पुष्कर के भाजपा विधायक और राजस्थान के कैबिनेट मंत्री सुरेश सिंह रावत के पिता सूरज सिंह रावत का 90 वर्ष की उम्र में 26 अगस्त को निधन हो गया। अंतिम संस्कार भी पुष्कर के निकट मुहामी गांव में किया गया। अब आगामी 6 सितंबर तक मुहामी गांव स्थित निवास स्थान पर ही प्रतिदिन बैठक रखी गई है। पुष्कर नगर परिषद के अध्यक्ष रहे कमल पाठक ने बताया कि प्रतिदिन हो रही बैठक में मंत्री रावत भी उपस्थित है। बाहर से आने वालों के लिए बैठक स्थल पर ही भोजन आदि की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मदन राठौड़ ने 28 अगस्त को मुहामी गांव आकर श्रद्धांजलि प्रकट की। इससे पहले भी भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मुहामी गांव आए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और कई केंद्रीय मंत्रियों ने मुहामी गांव आने के समाचार भिजवाए हैं। वीआईपी लोगों के आगमन को ध्यान में रखते हुए गांव के रास्तों की मरम्मत भी करवाई जा रही है। सड़क के दोनों ओर से झाडिय़ों को भी हटाया जा रहा है। कमल पाठक ने बताया कि जयपुर की ओर से आने वालों के लिए जगह जगज सूचना पट्ट लगाए गए हैं ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग से आसानी के साथ मुहामी गांव आया जा सके। इसी प्रकार अजमेर से आने वालों को गगवाना पुलिया के नीचे से गुजर कर मुहामी गांव पहुंचना होगा। आने वालों की संख्या को देखते हुए बैठक स्थल पर विशेष इंतजाम किए गए हैं। मंत्री सुरेश रावत ने बताया कि 90 वर्ष की उम्र में भी उनके पिता को कोई बड़ा रोग नहीं था। उम्र की वजह से पिछले एक माह से उनका स्वास्थ्य कमजोर रहा। उन्होंने कहा कि आज राजनीति में जो सफलता हासिल की है उसके पीछे पिता का ही आशीर्वाद है। पिता ने ही उन्हें नेक रास्ते पर चलने की सीख दी। पिता ने जो शिक्षा दी उसी से वह पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के लोगों की सेवा पिछले 12 वर्षों से कर रहे है। मोबाइल नंबर 9414006464 व 8955197294 पर स्वर्गीय सूरज सिंह रावत को अपनी श्रद्धांजलि दी जा सकती है। यह दोनों नंबर मंत्री सुरेश सिंह रावत से जुड़े हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (29-08-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

अजमेर के रास बिहारी गौड़ अब साहित्य के क्षेत्र में ज्यादा सक्रियता दिखाएंगे। लिटरेचर फेस्टिवल से भी अजमेर को नई पहचान मिली।

देश के ख्याति प्राप्त कवि और साहित्यकार रास बिहारी गौड़ साहित्य के क्षेत्र में और ज्यादा सक्रियता दिखाएंगे। गौड 31 अगस्त को अजमेर रेल मंडल कार्यालय से सेवानिवृत्ति हो रहे हैं। सेवानिवृत्ति के अवसर पर 30 अगस्त को अजमेर के नसीराबाद रोड स्थित मुकुंद गार्डन में शाम को एक समारोह भी रखा गया है। रेल सेवा में होते हुए भी गौड़ साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय रहे। लेकिन अब सेवानिवृत्ति के बाद साहित्य के क्षेत्र में ज्यादा सक्रियता दिखाएंगे। पिछले कई वर्षों से गौड अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल का भव्य आयोजन कर रहे हैं। इस फेस्टिवल में देश के प्रमुख साहित्यकारों, लेखकों, पत्रकारों और राजनेताओं को आमंत्रित किया जाता है। यह फेस्टिवल लगातार लोकप्रिय हो रहा है। इस फेस्टिवल के पीछे रास बिहारी गौड और उनकी टीम की मेहनत रही है। अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल की पहल गौड़ ने ही की है। गौड अपनी कविता का पाठ राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलनों में तो करते ही है, साथ ही गौड़ ने स्टार वन चैनल पर प्रसारित होने वाले लाफ्टर चैलेंज सीजन चार में भी भाग लिया और उपविजेता का ईनाम हासिल किया। इन दिनों गौड़ के लिखे नाटक गांधी जिंदा है का देश के प्रमुख नगरों में मंचन हो रहा है। गौड को साहित्य अकादमी राजस्थान द्वारा सामर मल पुरस्कार भी दिया गया है। इन दिनों गांधी विचार से संबंधित कविताएं, वैचारिकी एवं विमर्श के साथ देश के युवाओं को जोड़ने का कार्य कर रही है। अलग अलग विधाओं में गौड की आठ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, उसके दो व्यंग्य संकलन लोकतंत्र के नाम एवं माननीय मज़े में, तीन काव्य संकलन जस्ट हास्यम, वसीयत है, कविता और किसी दिन लिखूँगा कोई कविता एक उपन्यास आवाज़ों के छायादार चेहरे, एक औपन्यासिक नाटक गांधी जिंदा हैं तथा एक महाकाव्यात्मक संकलन महाभारत अनवरत, समय से संगत शामिल हैं। गौर विदेशों में भी काव्य पाठ कर चुके हैं। सेवानिवृत्ति पर मोबाइल नंबर 9680073007 पर रास बिहारी गौड़ को बधाई दी जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (29-08-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511