Saturday, 21 June 2025
अजमेर में राम सेतु पुल (एलिवेटेड रोड) रोड के नीचे अवैध पार्किंग से पीआर मार्ग, स्टेशन रोड, कचहरी रोड की यातायात व्यवस्था बिगड़ी। लाल फाटक बंद करने के बाद रेलवे को पुल की चौड़ाई बढ़ानी चाहिए। डबल इंजन की सरकार का दावा करने वाले नेता ध्यान दें। अजमेर स्मार्ट सिटी के हालात पर दारा का कार्टून।
स्मार्ट सिटी योजना के तहत जब अजमेर शहर में एलिवेटेड रोड (रामसेतु पुल) बनाया गया, तब यह उम्मीद जताई गई थी कि इस पुल के नीचे वाले पीआर मार्ग, कचहरी रोड और स्टेशन रोड पर यातायात का दबाव कम होगा। इन मार्गों से गुजरने वाला ट्रैफिक व्यवस्था सुधर जाएगी, लेकिन एलिवेटेड रोड के नीचे अवैध पार्किंग की वजह से यातायात सुधरने की उम्मीद पर पानी फिर गया है। 20 जून को अजमेर फोरम के संस्थापक सदस्य और दैनिक भास्कर के पूर्व संपादक डॉ. रमेश अग्रवाल के नेतृत्व में फोरम के सदस्यों ने एलिवेटेड रोड के नीचे के मार्गों का जायजा लिया। पीआर मार्ग, कचहरी रोड और संपूर्ण स्टेशन रोड के बीच में कार जीप और दुपहिया वाहन खड़े हुए थे। बेतरतीब तरीके से खड़े वाहनों की वजह से यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा था। इन मार्ग के दोनों ओर दुकानदारों ने अपने दुपहिया वाहन सडक पर खड़े कर रखे थे, तो लोगों ने अपने वाहन एलिवेटेड रोड के नीचे खड़े किए। यानी एलिवेटेड रोड के नीचे के मार्ग अवैध पार्किंग से भरे थे। ऐसे में इन मार्गों पर ट्रैफिक का चलना मुश्किल हो रहा था। कोढ़ में खाज वाली कहावत तो तब चरितार्थ हुई, जब रेलवे स्टेशन के बाहर सिटी बस और टैम् पों वालों ने कब्जा कर लिया। इस मार्ग पर यातायात को नियंत्रित करने वाला कोई नहीं था। ऐसा प्रतीत हुआ कि बेरिकेड्स लगाकर ट्रैफिक पुलिस अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गई। जब सामान्य दिनों में यह स्थिति है, तब अजमेर में किसी बड़ी परीक्षा होने पर यातायात की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। स्मार्ट सिटी योजना में तय हुआ था कि एलिवेटेड रोड के नीचे सिविल पार्किंग को ठेके पर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि नगर निगम यातायात व्यवस्था को सुधारने में कुछ भी नहीं करना चाहता। दो चार दुकानदारों के विरोध के कारण सिविल पार्किंग को ठेके पर नहीं दिया जा सका। यदि एलिवेटेड रोड के नीचे नियमों के अनुरूप पार्किंग हो तो इस पूरे मार्ग की यातायात व्यवस्था सुधर सकती है।
लाल फाटक बंद:
रेलवे ने अपनी सुविधा को ध्यान में रखते हुए लाल फाटक को बंद कर दिया। यह फाटक अलवर गेट वाले मार्ग और ब्यावर रोड को जोड़ता था। इस फाटक के ऊपर रेलवे पुलिया है, लेकिन फाटक बंद हो जाने के बाद अब सारा ट्रैफिक इस पुलिया से होकर गुजरता है। अच्छा हो कि रेलवे इस पुलिया की चौड़ाई को बढ़ाए ताकि यातायात सुगम हो सके। इस फाटक के बंद हो जाने से जीसीए चौराहे से श्रीनगर रोड अथवा अलवर गेट जाने के लिए लोगों को संत फ्रांसिस अस्पताल से होते हुए मार्टिंडल ब्रिज तक जाना होता है। जबकि मार्टिंडल ब्रिज की पहले ही दुर्दशा है। ब्रिज के ऊपर जो ट्रैफिक गुमटी बनी हुई थी, उसे हटाकर बेरिकेड्स लगा दिए गए है। इसका परिणाम यह हुआ कि श्रीनगर रोड और अलवर गेट की ओर से आने वाले लोगों को रेलवे स्टेशन, केसर गंज आने के लिए पहले जीसीए चौराहे तक जाना होता है। इस वजह से जीसीए चौराहे पर भी यातायात का दबाव बढ़ गया है। संत फ्रांसिस अस्पताल के बाहर सकड़े स्थान पर भी अस्पताल के वाहन खड़े होते हैं। ट्रेफिक पुलिस अस्पताल के बाहर खड़े वाहनों को हटाने तक की जहमत नहीं करती। जबकि इस निजी अस्पताल को स्वयं अपने स्तर पर पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए। अजमेर की बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने की और उन नेताओं को ध्यान देने की जरूरत है जो प्रदेश में डबल इंजन की सरकार होने का दावा करते हैं।
दारा का कार्टून:
21 जून को योग दिवस के अवसर पर अजमेर स्मार्ट सिटी के हालात को लेकर कार्टूनिस्ट जसवंत दारा ने एक सटीक कार्टून बनाया है। दारा के इस कार्टून से स्मार्ट सिटी के लोगों के हालात को समझा जा सकता है। कार्टून को मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है।
S.P.MITTAL BLOGGER (21-06-2025)
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