Friday, 11 July 2025

तो क्या भ्रष्टाचार के आरोपों से बचने के लिए एलिवेटेड रोड का मामला कांग्रेस अदालत में ले गई?

275 करोड़ की लागत से बने अजमेर के एलिवेटेड रोड के मामले में अब लोक अभियोजक का कहना है कि प्रशासन ने निर्माण कार्य की जांच की जो कार्यवाही शुरू की है उसे प्रभावित करने के लिए अदालत में मामले को लाया गया है। लोक अभियोजक की यह टिप्पणी बहुत ही गंभीर और महत्वपूर्ण है। उल्लेखनीय है कि विगत दिनों बरसात के कारण जब एलिवेटेड रोड क्षतिग्रस्त हुआ तब प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने एलिवेटेड रोड में हुए भ्रष्टाचार की जांच के निर्देश दिए। एलिवेटेड रोड का निर्माण गत कांग्रेस के शासन में हुआ था और इस रोड का लोकार्पण भी कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 5 मई 2023 को किया था। उद्घाटन के समय भी यह बात सामने आई थी कि एलिवेटेड रोड के उद्घाटन से पहले टेक्निकल ऑडिट भी नहीं हुई है। टेक्निकल ऑडिट नहीं कराने के पीछे भ्रष्टाचार ही प्रमुख कारण रहा। यह आरोप है कि कांग्रेस शासन में निर्माण के दौरान एलिवेटेड रोड में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। यदि भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की जांच सामने आती इससे पहले ही कांग्रेस शासन में लोक अभियोजक रहे विवेक पाराशर ने जनहित में अदालत में एक याचिका दायर कर दी। इसी याचिका पर सिविल अदालत ने एलिवेटेड रोड पर आवागमन पर भी रोक लगा दी। इतना ही नहीं इस मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल भी पक्षकार बन गए हैं। जबकि डॉ. जयपाल कांग्रेस शासन में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की मैनेजिंग कमेटी के सदस्य रहे। अब देखना होगा कि अदालत में विचाराधीन रहते एलिवेटेड रोड के मामले में प्रशासनिक जांच रिपोर्ट का क्या होता है। अलबत्ता एलिवेटेड रोड पर ट्रैफिक बंद होने से शहर के लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। S.P.MITTAL BLOGGER (11-07-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment