Wednesday, 3 December 2025
इस्लाम के जिहाद को स्कूली शिक्षा में शामिल किया जाए -महमूद मदनी जिहाद यदि इतनी ही अच्छी शिक्षा देता है तो फिर इस्लाम के नाम पर हिन्दुओं की हत्याएं क्यों की जाती है?
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना मेहमुद् मदनी ने अपने ताजा बयान में कहा है कि इस्लाम के जिहाद को भारत में स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होनें कहा में जिहाद एक धार्मिक और पवित्र शब्द है जो परस्पर सद्भाव की शिक्षा देता है। जिहाद की आलोचना करने वाले इस्लाम के दुश्मन ही नहीं गद्दार है। उन्होंने कहा कि जिहाद की सही तरीके से व्याख्या नहीं हो रही ही। महमूद मदनी का यह बयान कितना सही है यह तो पडोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश में हो रही अंतकवादी घटनाओं से समझा जा सकता है। ये दोनों देश इस्लामिक है, लेकिन यहां मुसलमान, मुसलमान को ही मार रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं कि किसी भी धर्म मे यदि कोई अच्छी बात है तो, उसे हर धर्म के अनुयायी ग्रहण करते है। अब यदि महमूद मदनी की नजर में इस्लाम का जिहाद सद्भावना वाला है तो सवाल उठता है कि भारत में कट्टरपंथी सोच के मुसलमान निर्दोष हिन्दुओं की हत्याएं क्यों कर रहे है? विगत दिनों कश्मीर के पहलगाम में आंतकवादियों ने धर्म पूछकर 26 हिन्दुओं पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना में इस्लाम को मानने वाले आंतकियों ने स्पष्ट कहा कि हम सिर्फ हिन्दुओं को ही मारने आए है। ऐसे आंतकियों ने इस्लामिक जिहाद की भी दुहाई दी। इन दिनों पूरे देश में हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी की चर्चा हो रही है। इस यूनिवर्सिटी से जुड़े ऐसे डाक्टरों का भंडा फोड हुआ है जो जिहाद के नाम पर देश भर में आतंकी वारदातों की योजना बने रहे थे। गिरफ्तार हुए सभी आरोपी इस्लाम धर्म को मानने वाले है और वे भी इस्लाम के खातिर जिहाद कर रहे थे। जिहाद की दुहाई देकर ही कश्मीर घाटी से 4 लाख हिन्दुओं को प्रताडित कर भगा दिया। आज ऐसे कश्मीरी हिन्दू अपने ही देश में शरणार्थी बनकर रह रहे है। जिस जिहाद के नाम पर हिन्दुओं को कश्मीर से भगाया गया अब मदनी को चाहिए कि उनके जिहाद से हिन्दुओं को वापस कश्मीर घाटी में बसाया जाए । महमूद मदनी यह मानते है कि जिहाद परस्पर सदभाव की शिक्षा देता है तो फिर कश्मीरी हिदुओं को वापस बसाया जाना चाहिए। महमूद मदनी की जिहाद की अपनी व्याख्या अपनी जगह है लेकिन दुनिया में एक मात्र सनातन धर्म है जिसमें सभी धर्म के सम्मान की शिक्षा दी जाती है। देश-दुनिया में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जब किसी हिन्दू शासक हिंदू धर्म नहीं अपनाने पर हत्या की हो । जबकि मदनी को भारत में मुगलों के 600 वर्षों के शासन के इतिहास को देख लेना चाहिए। हाल ही में दुनिया भर में गुरु तेग बहादुर जी महाराज की 350 वीं जयन्ती मनायी गई। इतिहास गवाह है कि क्रूर मुगल शासक औरंगजेब ने 24 नवम्बर 1665 को दिल्ली के चांदनी चौक में गुरु तेग बहादर जी की गर्दन इसलिए कटवा दी कि उन्होंने इस्लाम धर्म स्वीकार करने से मना कर दिया था। महमूद मदनी को चाहिए कि वह अपने जेहाद के माध्यम से देश में हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे को बढ़ावा देने का काम करे।
S.P.MITTAL BLOGGER (02-12-2025)
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