Thursday, 9 October 2025

अजमेर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। भाग - 11 ================ संघ पर प्रतिबंध और गुरुजी की गिरफ्तारी के विरोध में मास्टर भंवरलाल जी भी जेल गए। तब शिक्षक की नौकरी भी चली गई। पंडित दीनदयाल जी उपाध्याय अजमेर की हिंदू प्रवासी होटल में ठहरे। संघ, जनसंघ और भाजपा का केंद्र रहा प्रवासी होटल।

100 वर्ष पूरे होने पर आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जो विशाल और मजबूत स्वरूप देखा जा रहा है, उसके पीछे अजमेर के मास्टर भंवरलाल जी शर्मा जैसे स्वयंसेवकों का परिश्रम और संघर्ष रहा है। इसी संघर्ष की वजह से सैकड़ों स्वयंसेवकों को सरकारी नौकरी भी गंवानी पड़ी। लेकिन देश के लिए स्वयंसेवकों ने संघ के कार्यों को प्राथमिकता दी। ऐसे ही स्वयंसेवक मास्टर भंवरलाल जी शर्मा रहे। अजमेर में संघ के शुरुआती दिनों से ही भंवर जी का संघ की शाखा में जाना रहा। 30 जनवरी 1948 को जब महात्मा गांधी की हत्या हुई तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगाया गया और तब के संघ प्रमुख माधव सदाशिव गोलवरकर गुरुजी को गिरफ्तार किया गया। प्रतिबंध और गुरुजी की गिरफ्तारी के विरोध में संघ ने तब देश भर में जेल भरो आंदोलन चलाया। मास्टर भंवरलाल जी तब सरकारी स्कूल में शिक्षक थे, लेकिन नौकरी की परवाह किए बगैर जेल चले गए। जेल जाने के कारण भंवर जी की नौकरी भी चली गई। संघ से प्रतिबंध हटने के बाद जब भंवर जी जेल से बाहर आए तो उन्होंने अजमरे के केसरगंज स्थित विरजानंद स्कूल में शिक्षक की नौकरी की। यह स्कूल आर्य समाज द्वारा चलाया जाता था। इसके साथ ही घर परिवार को चलाने के लिए मदार गेट पर हिंदू प्रवासी होटल का संचालन अपने हाथ में लिया। चूंकि यह होटल रेलवे स्टेशन के सामने हैं, इसलिए मुसाफिरों का होटल में आना जाना रहा। संघ से जुड़े होने के कारण ही पंडित दीनदयाल जी उपाध्याय जैसे नेता भी प्रवासी होटल में रहे। तब होटल में रमन नाम का एक कर्मचारी कार्यरत था। पंडित जी जब भी अजमेर प्रवास पर आते तो रमन ही सेवा चाकरी करता था। हालांकि उस समय होटल में सुविधा के नाम पर सोने के लिए एक पलंग और साधारण भोजन मिलता था। भंवर जी ने उन कठिन दिनों में संघ के नगर संचालक का दायित्व भी निभाया और अजमेर में शाखाओं का विस्तार किया। 1951 में जब श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की तब भंवर जी ने अजमेर में जन संघ का कार्य भी किया। उन्हीं दिनों में भैरोसिंह शेखावत, सुंदर सिंह भंडारी, हरिशंकर भाभड़ा, ललित किशोर चतुर्वेदी जैसे बड़े नेता भी अजमेर आने पर प्रवासी होटल में ठहरते थे। तब भैरो सिंह जी का प्रवास तो कई दिनों तक रहता था। बाद में जब भैरो सिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री बने तब कई बार भंवर जी से मिलने के लिए होटल आए। 6 अप्रैल 1980 को जब मुंबई में भारतीय जनता पार्टी बनाने की घोषणा की गई तब मुंबई के अधिवेशन में भंवर जी भी उपस्थित रहे। भंवर जी ही अजमेर भाजपा के पहले अध्यक्ष बने। श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में जब पूरे देश में भाजपा को दो सीटें मिली तो अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए भंवर जी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद भी भंवर जी का प्रवासी होटल भाजपा की राजनीति का प्रमुख केंद्र रहा। वर्षों तक जनसंघ और भाजपा की गतिविधियां इसी होटल में संचालित होती रही। भंवर जी के तीन पुत्र गोपाल शर्मा, कमल शर्मा और अशोक शर्मा भी राजनीति में सक्रिय रहे। परिवार के कई सदस्य आज भी संघ और संघ से जुड़े संगठनों में दायित्व निभा रहे हैं। पौत्री अलका गौउ गत 25 वर्षों से विश्व हिंदू परिषद में सक्रिय हैं और मातृशक्ति प्रांत की संयोजिका का दायित्व भी निभाया है। स्वर्गीय अशोक जी शर्मा के पुत्र और भंवर जी के पौत्र पुनीत शर्मा मौजूदा समय में संघ में दायित्व निभा रहे हैं। भंवर जी के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829551312 पर पौत्र पुनीत शर्मा से ली जा सकती है। यहां मैं खासतौर से उल्लेख करना चाहता हूं कि भंवर जी द्वारा संचालित ऐतिहासिक हिंदू प्रवासी होटल का संचालन अब देवेश्वर प्रसाद गुप्ता और उनके पुत्र तेजस्व गुप्ता व सुमित गुप्ता कर रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भंवर जी के होटल में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। होटल के मूल स्वरूप को बनाए रखा है। आज भी इस होटल में छोटे छोटे कमरे हैं। अलबत्ता होटल का नाम प्रवासी पैलेस किया गया है। S.P.MITTAL BLOGGER (09-10-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment