Thursday, 9 October 2025

मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक से पहले नागौर के कुचामन में व्यापारी रमेश ारुलानिया को गोली मार दी। रंगदारी न देने वाले व्यापारियों का यही हाल होगा। ऐसी धमकियों से राजस्थान पुलिस की बेइज्जती हो रही है।

7 अक्टूबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कानून व्यवस्था को लेकर बैठक करते इससे पहले ही सुबह पांच बजे नागौर के कुचामन शहर में बदमाशों ने व्यापारी रमेश ारुलानिया की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के समय रुलानिया जिम में वर्कआउट कर रहे थे। तीन बदमाश एक स्कॉर्पियो कार में आए और एक बदमाश ने जिम में जाकर गोली मारी। यानी वारदात को अंजाम देने से पहले रुलानिया की पूरी रेकी की गई। इस घटना को लेकर कुचामन के लोगों में भारी रोष व्याप्त है। बदमाशों ने एक साथ कई मोर्चे पर चुनौती दी है। जिस दिन मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था की समीक्षा का निर्णय लिया, उसी दिन बदमाशों ने व्यापारी को मौत के घाट उतार दिया। बदमाशों ने यह प्रदर्शित किया कि वे मुख्यमंत्री की कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठकों से डरते नहीं है। ऐसा नहीं कि रमेश रुलानिया को अचानक मार डाला गया हो। साल भर पहले लॉरेंस विश्नोई गैंग से जुड़े रोहित गोदारा के बदमाशों ने रुलानिया से पांच करोड़ रुपए मांगे थे, लेकिन तब बदमाशों को रंगदारी देने के बजाए रुलानिया ने पुलिस की सुरक्षा ले ली। हाल ही में पुलिस ने सुरक्षा वापस ले ली। सुरक्षा के हटते ही बदमाशों ने रुलानिया की हत्या कर दी। रुलानिया के साथ कुचामन के तीन और व्यापारियों को रोहित गोदारा की गैंग ने रंगदारी का फरमान जारी कर रखा है। रुलानिया की हत्या के बाद जब बदमाशों को करोड़ों रुपए की रंगदारी आसानी से मिल जाएगी। कोई भी व्यापारी नहीं चाहेगा कि उसका हश्र रमेश रुलानिया जैसा हो। राजस्थान की पुलिस माने या नहीं लेकिन संगठित अपराधियों में पुलिस का डर खत्म हो चुका है। इसलिए रुलानिया की हत्या के बाद रोहित गोदारा गैंग के वीरेंद्र चारण ने सोशल मीडिया पर हत्या की जिम्मेदारी ली और कहा कि जो व्यापारी उन्हें इग्नोर करेगा उसका हाल भी रुलानिया जैसा होगा। पुलिस की कार्यकुशलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तीस घंटे गुजर जाने के बाद भी बदमाशों का कोई सुराग नहीं लगा है। यहां तक कि पुलिस स्कॉर्पियो कार भी बरामद नहीं कर सकी है। असल में पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह विफल हो चुका है। एक समय था जब पुलिस अधीक्षक और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों का संवाद शहर के जागरूक लोगों से होता था। तब जरूरी सूचनाएं पुलिस को मिल जाती थी। लेकिन अब पुलिस के बड़े अधिकारी राजाओं का जीवन व्यतीत करते हैं। शहर के जागरूक लोगों से अधिकारियों का कोई संपर्क नहीं होता। कुचामन शहर की घटना में भी सबूत बताते हैं कि बदमाशों ने बीस मिनट तक रमेश रुलानिया के आने का इंतजार किया। यानी बदमाश रिवाल्वर लेकर 20 मिनट तक सड़क पर खड़े रहे। पुलिस दावा करती है कि रात्रि में गश्त होती है। लेकिन इस दावे की कुचामन में पोल खुल गई। रमेश रुलानिया की हत्या एक संगठित अपराध है। मुख्यमंत्री की ओर से दावा किया जाता है कि राजस्थान में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स बना रखी है। सवाल उठता है कि जब रोहित गोदारा की गैंग ऐलानिया धमकी दे कर हत्या कर रही है, तब एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स कहां है? जाहिर है कि ऐसी फोर्स सिर्फ वाहवाही लूटने का काम कर रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा माने या नहीं लेकिन अब राजस्थान में बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की जरूरत है। यह कहर बचाव नहीं किया जा सकता कि पिछले कांग्रेस के शासन में अपराध ज्यादा होते थे। प्रदेश की जनता ने भाजपा को सरकार चलाने का मौका इसलिए दिया कि अपराध न हो। राजस्थान पुलिस को भी उत्तर प्रदेश पुलिस की तरह अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी होगी। दो चार गली मोहल्लों के बदमाशों को सड़क पर घुमा देने से अपराधों पर अंकुश नहीं लगेगा। राजस्थान में पड़ोसी राज्यों के बदमाशों आकर खूनी वारदात कर रहे है। राजस्थान पुलिस को रमेश रुलानिया की हत्या को एक चुनौती के तौर पर स्वीकार करना चाहिए। रुलानिया की जिस तरह हत्या हुई उससे पुलिस की बेइज्जती हो रही है। S.P.MITTAL BLOGGER (08-10-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

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