Thursday, 11 September 2025

अब 10 दिन मां कामाख्या के दरबार में। भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक। मां कामाख्या का महाभारत में भी उल्लेख। खाटू वाले श्याम बाबा की नानी का दर्जा भी।

सब जानते हैं कि असम की राजधानी गुवाहाटी में माँ कामाख्या का दरबार है। माँ कामख्या भारत की 51 शक्तिपीठों में से एक है। सनातन संस्कृति को समझने और मानने वालों का विश्वास है कि इन 51 शक्तिपीठों में से सबसे महत्वपूर्ण शक्तिपीठ मां कामाख्या की है। यहां कोई प्रतिमा नहीं है। बल्कि एक प्राकृतिक आकृति है। मां के शरीर की यह प्राकृति आकृति ही दुनिया की शक्ति का केंद्र है। यह प्राकृतिक आकृति, प्राकृतिक झरने से ही संचित होती है। ऐसे अद्भुत शक्ति के दरबार के दर्शन के लिए ही मैं और मेरी पत्नी श्रीमती अचला मित्तल 11 सितंबर से 10 दिवसीय प्रवास पर रहेंगे। मां कामाख्या का दरबार असम के नीलांचल पर्वत पर बना हुआ है। मां कामाख्या के दर्शन के बाद शिलांग और भूटान जाने का भी कार्यक्रम है। ऐसी स्थिति में पाठकों को मेरे ब्लॉग 20 सितंबर तक नहीं मिल पाएंगे। मां कामाख्या के दरबार में जाने से पहले मैंने मां कामाख्या के दरबार की विशेष जानकारी रखने वाली पुष्कर की ज्योतिषाचार्य ज्योति दाधीच से बात की। ज्योति दाधीच पिछले 12 वर्षों से मां कामाख्या के दरबार में नियमित जा रही है। प्रतिवर्ष 22 से 26 जून के बीच मंदिर परिसर में मां कामाख्या का रजोपर्व मनाया जाता है। ज्योति दाधीच का कहना रहा कि जब कोई मंदिर बंद होता है तो दर्शनार्थी नहीं आते हैं, लेकिन मां कामाख्या का मंदिर ऐसा है, जब प्राकृतिक आकृति के दर्शन नहीं होते, लेकिन फिर भी लाखों श्रद्धालु उपस्थित रहते हैं। इन पांच दिनों में दुनिया भर के ज्योतिषाचार्य और तंत्र विद्या को मानने वाले लोग उपस्थित रहते हैं। यही वजह है कि मंदिर परिसर के निकट ही दिगम्बर दशनाम अखाड़ा भी संचालित होता है। जून में होने वाले रजो पर्व को अंबुबाची का मेला भी कहा जाता है। इसे सिद्ध काल का नाम भी दिया गया है। ज्योति दाधीच ने नवरात्र पर्व पर अष्टमी पर मंदिर परिसर का विशेष महत्व है। तंत्र विद्या की जानकारी रखने वाली ज्योति दाधीच ने बताया कि मां कामाख्या का महाभारत में भी उल्लेख मिलता है। यही वजह है कि यहां पंच मठी आश्रम भी है। मां कामाख्या को राजस्थान के खाटू वाले श्याम बाबा की नानी का दर्जा भी मिला हुआ है, इसलिए श्याम बाबा के भक्त भी मां कामाख्या के दरबार में हाजिरी लगाते हैं। मां कामाख्या के माध्यम से सभी 9 ग्रहों पर नियंत्रण भी पाया जा सकता है। मंदिर से मिलने वाले जल का विशेष धार्मिक महत्व है। मां कामाख्या के दरबार के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9782127445 पर ज्योति दाधीच से ली जा सकती है। सहयात्री: मेरे साथ इस यात्रा में अजमेर के प्रमुख इत्र कारोबारी देवेश्वर प्रसाद गुप्ता, कपड़ा कारोबारी भगवान चंदीराम, समाजसेवी सुभाष काबरा, महाकाल कुल्फी के निर्माता राजेश मालवीय तथा भीलवाड़ा के बनवारी लाल डाडा भी अपनी पत्नियों के साथ शामिल है। हमारे इस दौरे का संयोजन ट्रेवल एक्सपोलर के प्रतिनिधि देवेंद्र सिंह ने किया है। इच्छुक लोगों को सुगमतापूर्वक धार्मिक और पर्यटन यात्राएं करवाने में देवेंद्र सिंह और उनकी कंपनी को महारथ हासिल है। गत वर्ष सितंबर माह में हमारी आदि कैलाश की यात्रा का संयोजन भी देवेंद्र सिंह ने किया था। मोबाइल नंबर 9001626940 पर देवेंद्र सिंह से संपर्क किया जा सकता है और वेबसाइट www.travelnexplore.in से जानकारी ली जा सकती है S.P.MITTAL BLOGGER (10-09-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment