Monday, 1 September 2025

अब संगीता आर्य को भी आरपीएससी के सदस्य के पद से इस्तीफा देना चाहिए। मंजू शर्मा के इस्तीफे के लिए पति कुमार विश्वास का आभार। भजन सरकार अब नए सदस्यों की नियुक्ति जल्द करे।

29 अगस्त को ब्लॉग संख्या 11580 में मैंने लिखा था कि यदि सुप्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास में तिनके जितनी भी नैतिकता है तो अपनी पत्नी श्रीमती मंजू शर्मा का राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्य के पद से इस्तीफा दिलवा दें। मैंने यह बात 28 अगस्त को एसआई भर्ती के प्रकरण में हाईकोर्ट के फैसले के संदर्भ में कही। कोर्ट ने इस भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी के लिए सदस्य मंजू शर्मा को भी जिम्मेदार माना। अब 1 सितंबर को मंजू शर्मा ने नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े को भेज दिया। मंजू शर्मा के इस्तीफे के लिए कवि कुमार विश्वास का आभार प्रकट किया जाना चाहिए। असल में श्रीमती मंजू शर्मा की योग्यता यही थी कि वे कुमार विश्वास की पत्नी है। पिछली कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुमार विश्वास को कांग्रेस के पक्ष में कतिवाएं लिखने के लिए पत्नी मंजू शर्मा को आयोग के महत्वपूर्ण सदस्य के पद पर नियुक्ति दी थी। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए राजस्थान के अनेक स्थानीय निकायों ने अपने कवि सम्मेलनों में कुमार विश्वास को आमंत्रित कर पांच-पांच लाख रुपए का भुगतान किया। मंजू शर्मा का इस्तीफा दिलवाने में भी पति कुमार विश्वास की सलाह रही। असल में हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद कुमार विश्वास को भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा था। अच्छा हुआ कि कुमार विश्वास ने हाईकोर्ट की टिप्पणी के तीन दिन बाद ही पत्नी मंजू शर्मा से इस्तीफा दिलवा दिया। संगीता आर्य भी इस्तीफा दे: हाईकोर्ट ने 28 अगस्त को अपने आदेश में एसआई भर्ती परीक्षा की गड़बडिय़ों के लिए आयोग की मौजूदा सदस्य श्रीमती संगीता आर्य को भी जिम्मेदार माना है। मंजू शर्मा के इस्तीफे के बाद अब संगीता आर्य को भी आयोग के सदस्य के पद से इस्तीफा देना चाहिए। सवाल उठता है कि जब नैतिकता के आधार पर जब मंजू शर्मा इस्तीफा दे सकती है तो फिर संगीता आर्य क्यों नहीं? पिछली कांग्रेस सरकार में संगीता आर्य की नियुक्ति भी इसलिए हुई कि वह तत्कालीन मुख्य सचिव निरंजन आर्य की पत्नी थी। सब जानते हैं कि अशोक गहलोत ने अपनी सरकार को बचाए रखने के लिए राजनीति की सारी मर्यादाओं को तोड़ दिया था। निरंजन आर्य मुख्य सचिव रहते हुए गहलोत के इशारे पर काम करते रहे, इसलिए संगीता आर्य को आयोग का सदस्य बना दिया। निरंजन आर्य की गहलोत के प्रति कितनी वफादारी रही, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सेवानिवृत्ति के बाद निरंजन आर्य ने गत विधानसभा का चुनाव सोजत से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर लड़ा। देखना होगा कि निरंजन आर्य अपनी पत्नी संगीता से कब इस्तीफा दिलाते हैं। नए सदस्यों की नियुक्ति जल्द हो: आयोग में अध्यक्ष सहित 10 सदस्यों का प्रावधान है। मंजू शर्मा के इस्तीफे के बाद आयोग में अब अध्यक्ष सहित चार सदस्य रह गए है। यदि श्रीमती संगीता आर्य भी अगले एक दो दिन में इस्तीफा दे देंगी तो आयोग में अध्यक्ष सहित मात्र तीन सदस्य रह जाएंगे। ऐसे में राजस्थान की भजन सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह आयोग में जल्द से जल्द नए सदस्यों की नियुक्ति करे। आयोग में सदस्यों की कमी के कारण परीक्षाओं का काम प्रभावित होता है। आयोग में अध्यक्ष ही सदस्यों को भर्ती परीक्षाओं का प्रभारी बनाते हैं। मौजूदा समय में आयोग के माध्यम से पचास हजार से भी ज्यादा भर्तियां होनी है। आरएएस 2023 परीक्षा सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं के इंटरव्यूज भी चल रहे है। संगीता आर्य को छोड़ दिया जाए तो आयोग में इस समय अध्यक्ष यूआर साहू, सदस्य कर्नल केसरी सिंह राठौड़ व प्रोफेसर अयूब ही आयोग का संपूर्ण कार्य कर रहे हैं। 10 की जगह तीन सदस्यों के काम करने से आयोग में काम की गति का अंदाजा लगाया जा सकता है। S.P.MITTAL BLOGGER (02-09-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

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