Wednesday, 19 November 2025
पुष्कर के देशी गुलाब के फूलों को मिलेगी भौगोलिक पहचान। केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ने फामर्स वेलफेयर सोसायटी को भरोसा दिलाया।
अजमेर के सांसद और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने भरोसा दिलाया कि पुष्कर के देसी गुलाब के फूलों को जल्द ही भौगोलिक पहचान दिलवाई जाएगी। जिस प्रकार दार्जिलिंग की चाय और पन्ना के हीरे विश्व विख्यात है, उसी प्रकार आने वाले दिनों में पुष्कर का देसी गुलाब भी दुनिया भर में प्रसिद्ध होगा। पुष्कर के गुलाब को भौगोलिक पहचान दिलाने के लिए श्री पुष्कर राज फामर्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष और लघु उद्योग भारती अजमेर के सह-सचिव गिरिराज अग्रवाल ने 18 नवंबर को केंद्रीय मंत्री चौधरी से मुलाकात की थी। अग्रवाल ने चौधरी को बताया कि भौगोलिक पहचान यानी जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) का टैग केंद्रीय वाणिज्यिक एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा दिया जाता है। इस टेग के मिलने के बाद पुष्कर के गुलाब के फूलों की पहचान दुनिया भर में हो जाएगी। जिससे इन फूलों को कानूनी सुरक्षा भी प्रदान होगी। अग्रवाल ने चौधरी को बताया कि दुनिया में आज बुल्गारिया के गुलाब के फूलों की विशिष्ट पहचान है, लेकिन पुष्कर के गुलाब के फूल ज्यादा समृद्ध और प्रभावशाली है। पुष्कर के गुलाब के फूलों का अर्क और गुलकंद बनाया जाता है, साथ ही आयुर्वेद की दवाओं में भी फूलों का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन भौगोलिक पहचान नहीं होने के कारण पुष्कर के फूल विश्व स्तर पर अभी तक अपनी पहचान नहीं बनाए पाए हैं। यदि हमारे फूलों को जीआई टैग मिल जाता है तो पुष्कर के गुलाब दुनिया में पहले स्थान पर होंगे। दुनिया भर के लोग भरोसे के साथ गुलाब के फूल और उससे बने उत्पाद खरीद सकेंगे। अग्रवाल ने यह भी आग्रह किया कि पुष्कर के गुलाब को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के अंतर्गत भी शामिल किया जाए ताकि क्षेत्रीय किसानों और लघु उद्यमों को लाभ मिल सके। पुष्कर के गुलाब के फूलों की गुणवत्ता और बनाने वाले उत्पादों के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9413345456 पर गिरिराज अग्रवाल से ली जा सकती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (19-11-2025)
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