Monday, 17 November 2025

जिन मुजीर्बुरहमान ने बांग्लादेश बनाया, अब उनकी बेटी शेख हसीना को मौत की सजा। भारत में आतंक की यूनिवर्सिटी चलाने वाले डॉक्टर्स बांग्लादेश के कट्टरपंथी हालातों को समझें। कांग्रेस को भी शेख हसीना के समर्थन में खड़ा होना चाहिए।

इस्लामिक बांग्लादेश में कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के समर्थन से काम चलाऊ सरकार चला रहे मोहम्मद यूनुस द्वारा गठित इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई है। हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप लगाए गए हैं। शेख हसीना उन मुजीर्बुरहमान की बेटी है, जिन्होंने 1973 में भारत की मदद से बांग्लादेश बनाया था। इसलिए शेख मुजीर्बुरहमान को बांग्ला देश का महात्मा गांधी कहा जाता है। यह अलग बात है कि पूर्व में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने मुजीर्बुरहमान की भी हत्या कर दी। तब शेख हसीना इसलिए बच गई कि उस समय वे भारत में पढ़ाई कर रही थी। यदि शेख हसीना तब बांग्लादेश में होती तो उसी समय मारी जाती। मोहम्मद यूनुस के सत्ता में काबिज होने से पहले शेख हसीना ही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री थी, लेकिन पाकिस्तान और अमेरिका के इशारे पर हुई अराजकता में शेख हसीना को रातों रात बांग्लादेश छोड़ना पड़ा और भारत में शरण लेनी पड़ी। हाल ही में भारत में हरियाणा के गाजियाबाद में अल फलाह यूनिवर्सिटी का पता चला जो पिछले कई वर्षों से आतंक की यूनिवर्सिटी बनी हुई थी। इस यूनिवर्सिटी में ऐसे मुस्लिम डॉक्टर्स तैयार हो रहे थे, जो भारत में आतंकी वारदातें कराने की योजना बना रहे थे। इस यूनिवर्सिटी के तार जम्मू कश्मीर के डॉक्टरों से भी जुड़े हुए थे। इसी यूनिवर्सिटी के एक डॉक्टर ने दिल्ली के लाल किले के बाहर विस्फोट भी किया, जिसमें 9 निर्दोष लोग मारे गए। भारत में रहकर आतंक की यूनिवर्सिटी चलाने वाले डॉक्टरों को पड़ोसी बांग्लादेश के कट्टरपंथी हालातों को समझना चाहिए। शेख हसीना को मौत की सजा की घोषणा से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बांग्लादेश में किस मानसिकता से सरकार चलाई जा रही है। आतंक की यूनिवर्सिटी से जुड़े मुस्लिम डॉक्टर्स माने या नहीं लेकिन आज पूरी दुनिया में मुसलमान आबादी भारत में सुरक्षित है। बांग्लादेश में तो मुस्लिम आबादी 18 करोड़ है, जबकि भारत में 25 करोड़ मुसलमान रहते हैं। भारत की मुस्लिम आबादी दुनिया के किसी भी मुस्लिम देश से ज्यादा है। भारत में 25 करोड़ मुसलमान इसलिए सुरक्षित है कि वे सौ करोड़ से ज्यादा हिंदुओं के साथ रह रहे हैं। यदि भारत के मुसलमानों को भी मुसलमानों के साथ ही रहना पड़े तो फिर पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे हालात भारत में भी हो जाएंगे। अभी भी समय है कि जब भारत के आम मुसलमानों को आतंक की यूनिवर्सिटी चलाने वालों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। यदि अब भी भारत का आम मुसलमान मूकदर्शक बना रहा तो बांग्लादेश और पाकिस्तान की तरह भारत में भी कट्टरपंथी हावी हो जाएंगे, तब आम मुसलमान भी सुरक्षित नहीं रहेगा। कांग्रेस करे समर्थन: ट्रिब्यूनल द्वारा शेख हसीना को मौत की सजा सुनाये जाने के बाद बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार ने भारत से कहा है कि वह शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंप दे। हालांकि अभी भारत सरकार ने इससे इंकार कर दिया है। सब जानते हैं कि 1972 में जब श्रीमती इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थी, तब पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के मुसलमानों को पाकिस्तान की मौत से बचाने के लिए भारतीय सेना को भेजा गया था। भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद ही पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए और बांग्लादेश एक नया देश बन गया। चूंकि श्रीमती इंदिरा गांधी के फैसले से ही बांग्लादेश बना इसलिए अब कांग्रेस को शेख हसीना के समर्थन में खड़ा होना चाहिए। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने तो शेख हसीना को राजनीतिक शरण देकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अभी तक शेख हसीना का खुलासा समर्थन नहीं किया है। S.P.MITTAL BLOGGER (18-11-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment