Monday 28 August 2023

एक हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर बने गंगा माता के कुंड में पानी ही पानी। जबकि नीचे जमीन में एक हजार फिट पर भी पानी नहीं। यह अजमेर की चामुंडा माता का ही करिश्मा है।अंतिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की कुलदेवी हैं चामुंडा माता।टूटे रास्ते को नवरात्रि से पहले ठीक करावाया जाएगा-डीसी, सी.आर. मीणा।

26 अगस्त को मुझे भी अजमेर के संभागीय आयुक्त सी.आर. मीणा के साथ अजमेर की अरावली पहाड़ी पर बने ऐतिहासिक चामुंडा माता मंदिर में दर्शन करने का अवसर मिला। मंदिर के पुजारी मदन सिंह ने हम दोनों को चामुंडा माता पर चढ़ी चुनरिया ओढ़ाई और हमारी मनोकामना पूर्ण होने के लिए चामुंडा माता से प्रार्थना की। मंदिर से जुड़ी प्रबंध कमेटी के सदस्य मदन सिंह रावत, रतन सिंह, बीरम सिंह, कान सिंह, शंभू सिंह, कल्याण सिंह, गुलाब सिंह, कालू सिंह आदि ने हमें मंदिर परिसर में बने उस गंगा माता कुंड को दिखाया, जिसमें वर्ष भर पानी भरा रहता है, चाहे कितना भी पानी निकाला जाए। कुंड का पानी कभी समाप्त नहीं होता। कुंड में पानी कहां से आता है यह भी रहस्य बना हुआ है। चामुंडा माता का मंदिर पहाड़ी पर जमीन से एक हजार फिट ऊपर बना हुआ है। इसे चामुंडा माता का चमत्कार ही कहा जाएगा कि एक हजार फिट ऊपर तो पानी ही पानी, लेकिन नीचे जमीन में एक हजार फिट की खुदाई के बाद भी पानी नहीं है। पुजारी और मंदिर प्रबंध कमेटी  के सदस्यों का कहना है कि कुंड का पानी किसी मिनरल वाटर से भी शुद्ध और खनिज युक्त है। इस मंदिर का इतिहास भी बहुत पुराना है। इतिहासकारों के अनुसार हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान वर्ष 1160 में जब तारागढ़ किले से अपना शासन चलाते थे, तब फॉयसागर की अरावली की पहाड़ी पर स्थित चामुंडा माता की पूजा अर्चना करने आते थे। यही वजह है कि चामुंडा माता को पृथ्वीराज चौहान की कुलदेवी माना गया। चामुंडा माता के दर्शन करने और चमत्कारी कुंड का पानी पीने के लिए देशभर से श्रद्धालु अजमेर आते हैं। नवरात्रि के दिनों में दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए पहाड़ी पर मंदिर परिसर के विकास के साथ साथ पहाड़ी वाले मार्ग को भी सुगम बनाया गया है। अब मंदिर तक दुपहिया और विशेष परिस्थितियों में चौपहिया वाहन आ सकते हैं। लेकिन पिछले दिनों हुई तेज वर्षा से रास्ते की एक दीवार ढह गई, जिसकी वजह से वाहनों का आवागमन बंद हो गया है। चूंकि नीचे 600 फिट गहराई है, इसलिए पैदल श्रद्धालुओं का आवागमन भी जोखिम भरा है। संभागीय आयुक्त मीणा के मंदिर आगमन पर समाजसेवी सुभाष काबरा ने टूटे रास्ते को जल्द ठीक करवाने का आग्रह किया। इस पर मीणा ने कहा कि रास्ते को ठीक करने के कार्य के आदेश जारी हो चुके हैं। वहीं मंदिर से जुड़े शुंभ सिंह ने डीसी मीणा को बताया कि 15 अक्टूबर से नवरात्र शुरू हो रहे हैं। नवरात्रि के दिनों में लाखों श्रद्धालुओं चामुंडा माता के दर्शन करने आते हैं, ऐसे में नवरात्रि से पहले पहले रास्ता ठीक होना चाहिए। नहीं तो दुर्घटना की आशंका रहेगी। मौजूदा समय में टूटा रास्ता बहुत खतरनाक स्थिति में है। पहाड़ी पर 600 फिट की दीवार का निर्माण बहुत मुश्किल कार्य है। वहीं यदि निकट की पहाड़ी काट कर रास्ता चौड़ा किया जाता है तो भी काफी समय लगेगा। डीसी मीणा ने भरोसा दिलाया कि रास्ते का कार्य युद्धस्तर पर कराया जाएगा ताकि नवरात्र में श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। मंदिर के इतिहास के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9001206361 पर शंभू सिंह से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (28-08-2023)
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पाकिस्तान ही नहीं, चीन भी चाहता है नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटवाना, इसलिए श्रीलंका के समुद्र में एक और जासूसी जहाज उतर रहा है।31 अगस्त को फिर जुटेंगे विपक्षी दलों के नेता।

भारत में लोकसभा के चुनाव अगले वर्ष मई में होंगे, लेकिन इससे पहले इसी वर्ष अक्टूबर नवंबर में चीन अपना जासूसी जहाज शी यान-6 श्रीलंका के समुद्र में उतार देगा। चीन अपने इस जहाज से भारत के आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु राज्यों के तटीय इलाकों पर आसानी से जासूसी कर सकेगा। चीन सीधे तौर पर भले ही लोकसभा चुनाव को प्रभावित नहीं करे, लेकिन चीन की ओर से भारत को कमजोर दिखाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि विपक्षी दलों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने का अवसर मिल सके। लद्दाख की सीमा पर कथित कब्जे को लेकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पहले ही मोदी पर हमलावर हैं। राहुल का आरोप है कि चीन ने हमारी हजारों एकड़ भूमि पर कब्जा कर लिया है, हालांकि ऐसे आरोपों का सेना के अधिकारी खंडन कर चुके हैं। कांग्रेस और विपक्ष के अन्य नेता भारत के मुकाबले भले ही चीन को ताकतवर बताते हों, लेकिन चीन के तानाशाह राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी भारत की सेना की ताकत को लद्दाख सीमा पर देख चुके हैं। लद्दाख सीमा पर मात खाने के बाद ही चीन ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए मणिपुर जैसी घटनाओं को अंजाम दिलवाया है। चीन का मकसद भारत में प्रधानमंत्री मोदी को कमजोर दिखाना है। हालांकि पहले पाकिस्तान ने भी मोदी के खिलाफ ऐसी कार्यवाहियां की थी, लेकिन जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर मोदी ने पाकिस्तान से आने वाले आतंकवाद की कमर तोड़ दी। आज जम्मू कश्मीर में रिकॉर्ड पर्यटन हो रहा है। वहीं पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने कटोरा लेकर खड़ा है। अब पाकिस्तान तो भारत से मुकाबला करने की स्थिति में नहीं है, इसलिए पाकिस्तान, चीन के कंधे पर सवार हो गया है। जहां तक श्रीलंका का सवाल है तो श्रीलंका पूरी तरह चीन के कर्ज पर निर्भर है। श्रीलंका ने पहले ही अपना बंदरगाह हंबनटोटा चीन को लीज पर दे रखा है। अब जासूसी जहाज शी यान-6 को भी भारतीय समुद्री सीमा से सटे समुद्र में खड़े होने की अनुमति दे दी है। असल में चीन नहीं चाहता है कि एशिया महाद्वीप में भारत ताकतवर बने। चीन को भारत की विपक्षी पार्टियों का भी सहयोग मिल जाता है। जिस प्रकार विपक्षी पार्टियां किसी भी कीमत पर मोदी को पीएम पद से हटवाना चाहती हैं, उसी प्रकार चीन भी मोदी को हटवाना चाहता है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पता है कि मोदी के पीएम रहते चीन एक मात्र शक्तिशाली राष्ट्र नहीं बन पाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर यह पीएम मोदी का ही दबदबा है कि जी-20 के दिल्ली में होने वाले सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन चार दिनों तक रहेंगे। दो दिवसीय सम्मेलन सितंबर के पहले सप्ताह में होगा और अमेरिकी राष्ट्रपति दो दिन पहले दिल्ली आ जाएंगे। भारत के विपक्षी दल चाहे कुछ भी कहे, लेकिन यह भारत का दबदबा ही है कि अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश राष्ट्रपति चार दिन दिल्ली में रहेंगे। जी-20 समूह की अध्यक्षता करना भी भारत के लिए गर्व की बात है।
 
31 को मुंबई में जुटेंगे:
विपक्षी दलों ने जो इंडिया नाम का गठबंधन बनाया है उसकी बैठक 31 अगस्त को मुंबई में हो रही है। इस बैठक में भी नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के पद से हटाने की रणनीति बनाई जाएगी। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले देश के पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं, लेकिन गठबंधन की बैठक का उद्देश्य लोकसभा की रणनीति पर है। असल में कांग्रेस राज्यों में जिन क्षेत्रीय दलों से लड़ रही है वही दल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ना चाहते हैं। ऐसे में देखना होगा कि यह गठबंधन कितना सफल होता है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (28-08-2023)

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Sunday 27 August 2023

दानवीर हो तो प्रेमचंद गोदा जैसा। अजमेर के बोराज के सरकारी स्कूल की काया पलट की ।दो करोड़ के सहयोग से सरकारी स्कूल का नाम भी बदला जा सकता है-डीसी, सीआर मीणा।मेरा नाम सुभाष काबरा नहीं, मांगीलाल है।सरकारी स्कूल को पब्लिक स्कूल की तरह चला रही हैं प्राचार्य शिव सुमन चौहान

समाज में ऐसे भी लोग हैं जो किसी गरीब को दो जोड़ी कपड़े दे कर अखबारों में फोटो छपवा लेते हैं। गौशालाओं में 200 रुपए का चारा डलवा कर स्वयं को सनातनी गौ भक्त होने का दावा करते हैं। जरुरतमंदों को भोजन करवाने वाली फोटो और खबर भी अखबारों में छपवाई जाती है। ऐसे स्वयंभू समाजसेवियों को अजमेर की अरांई पंचायत समिति के झीरोता गांव के निवासी प्रेमचंद गोदा से प्रेरणा लेनी चाहिए। छोटे से गांव से निकल कर मुंबई में अरबों रुपयों का फार्मास्यूटिकल का कारोबार करने वाले प्रेमचंद गोदा आज करोड़ों रुपए के सामाजिक कार्य करवा रहे हैं, लेकिन कभी भी अपने नाम का प्रचार नहीं करते। जिन संस्थाओं और व्यक्तियों को मदद करते हैं उन्हें भी पाबंद करते हैं कि उद्घाटन स्थल पर उनके नाम का कोई बोर्ड न लगाया जाए। चूंकि गोदा मुसीबतों के दौर से गुजरे हैं इसलिए चाहते हैं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अच्छी तरह पढ़ाई करें। इसी उद्देश्य से गोदा ने अजमेर के बोराज स्थित राजकीय महात्मा गांधी स्कूल के नवीनीकरण के लिए साठ लाख रुपए की राशि दी। इस राशि से स्कूल की जो नई स्मार्ट बिल्डिंग बनी उसी का लोकार्पण 26 अगस्त को अजमेर के संभागीय आयुक्त सी.आर. मीणा ने किया। इस अवसर पर गोदा के आर्थिक सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि कोई भी दानवीर-भामाशाह दो करोड़ रुपए की सहायता देकर सरकारी स्कूल का नामकरण अपने माता-पिता या स्वयं के नाम करवा सकता है। मीणा ने प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया। प्रेमचंद गोदा के रिश्तेदार अजमेर निवासी आशीष गदिया ने बताया कि गोदा जी ने जिले की ग्रामीण क्षेत्र की अन्य स्कूलों और आदर्श नगर स्थित अंध विद्यालय में भी सहयोग किया है।
 
मांगीलाल:
दानवीर प्रेमचंद गोदा ने जो साठ लाख रुपए की राशि दी, उसके पीछे समाजसेवी सुभाष काबरा की प्रेरणा रही। यही वजह रही कि डीसी मीणा, स्कूल की प्राचार्य शिव सुमन चौहान, बोराज के सरपंच लाल सिंह रावत और ग्रामीण प्रतिनिधियों ने काबरा को लड्डुओं से तोल कर सम्मान दिया। सभी ने माना कि बोराज, हाथीखेड़ा, खरेकड़ी, अजयसर आदि ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान में काबरा की सक्रिय भूमिका रहती है। अपनी प्रशंसा से अभिभूत सुभाष काबरा ने समारोह में कहा कि जनसमस्याओं के समाधान के लिए उन्हें जो भी करना पड़ेगा वे करेंगे। उन्होंने कहा कि भले ही मेरा नाम सुभाष काबरा हो लेकिन मैं मांगीलाल बनने को हमेशा तैयार रहता हंू। मुझे बताया गया है कि बोराज के इस स्कूल में एक बिल्डिंग और बनानी है, मुझे इस बिल्डिंग के लिए धनराशि मांगने में कोई शर्म नहीं होगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सबसे पहले  प्रेमचंद गोदा से ही आग्रह किया जाएगा कि वे स्कूल की कायापलट में और सहयोग करें। काबरा ने इस अवसर पर संभागीय आयुक्त मीणा से आग्रह किया कि सरकारी स्कूल की भूमि पर जिन लोगों ने कब्जा कर रखा है उसे भी हटाया जाए। स्कूल को दिए जाने वाले सहयोग के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829071969 पर सुभाष काबरा से ली जा सकती है।
 
पब्लिक स्कूल:
यूं तो बोराज का राजकीय महात्मा गांधी स्कूल ग्रामीण क्षेत्र का है, लेकिन इस स्कूल में नई बिल्डिंग बनने से अब यह स्कूल पब्लिक स्कूल नजर आता है। स्कूल की प्राचार्य शिव सुमन चौहान एक ओर जहां जनसहयोग से करोड़ों रुपया एकत्रित कर रही हैं, वहीं शिक्षा की गुणवत्ता पर भी ध्यान दे रही है। अब यह स्कूल नर्सरी से 9वीं कक्षा तक अंग्रेजी माध्यम का हो गया है। यही वजह है कि समारोह में स्कूल की छात्र-छात्राओं ने पब्लिक स्कूल की तरह सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। भगत सिंह की फांसी वाला दृश्य तो बहुत मार्मिक रहा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने से ऐसा लगा ही नहीं कि किसी सरकारी स्कूल का समारोह हो रहा है। श्रीमती चौहान ने बताया कि इस स्कूल में छह सौ विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। विद्यार्थियों के साथ उनके माता पिता भी जागरूकता दिखाते हैं इसलिए स्कूल में नामांकन लगातार बढ़ रहा है। समारोह में उपस्थित समाजसेवी रमेश अग्रवाल, सुबोध जैन, चामुंडा माता मंदिर कमेटी के सदस्य महावीर सिंह रावत, गुलाब सिंह रावत, मास्टर जयसिंह रावत, रतन सिंह, कान सिंह, शक्ति सिंह, कालू सिंह, बीरम सिंह, अर्जुन सिंह, शमशेर सिंह, महेंद्र सिंह, मदन सिंह, रूप सिंह, विवेक सिंह आदि ने भी स्कूल की प्राचार्य श्रीमती शिव सुमन की प्रशंसा की। 

S.P.MITTAL BLOGGER (27-08-2023)
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हिन्दू विचारधारा से ही दूसरों की धार्मिक आजादी की रक्षा हो सकती है-विवेक रामास्वामी, अमेरिका में राष्ट्रपति पद के प्रबल दावेदार।दुर्गा पूजा विभिन्न संस्कृतियों का मिश्रण है-कोलकाता हाईकोर्ट।चंद्रमा पर अब शिव शक्ति पॉइंट।भारत की सनातन संस्कृति का इससे ज्यादा प्रभाव और महत्व क्या होगा?

विगत दिनों कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के कैंपस में संत मोरारी बापू ने राम कथा की तो इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी शामिल हुए। सुनक ने बापू के साथ जय श्रीराम का नारा लगाया और इस सच्चाई को स्वीकार किया कि वे सनातन धर्म को मानते हैं, इसलिए इंग्लैंड पर अच्छी तरह शासन कर रहे हैं। सुनक ने कहा कि हिन्दू होने पर मुझे गर्व है। अब अमेरिका में राष्ट्रपति पद के प्रबल दावेदार रिपब्लिकन पार्टी के विवेक रामास्वामी ने कहा कि मैं हिन्दू धर्म को मानता हंू। यह मुझे मेरे परिवार से विरासत में मिला है। एक हिन्दू होने के नाते मैं अन्य नेताओं के मुकाबले दूसरों की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों की बेहतर ढंग से रक्षा कर सकता हंू। मेरा उद्देश्य अमेरिकी समाज में परिवार, आस्था और देश भक्ति के मूल्यों को सहजना है। अमेरिकी समाज इन मूल्यों को खोता जा रहा है। अमेरिका में असल समस्या विभिन्न धर्मों में नहीं, बल्कि परंपरागत रूप से धर्म को मानने वालों और धर्मनिरपेक्षता (सेक्युलरिज्म) को धर्म के रूप में मानने वालों के बीच में है। यानी जिस हिन्दू विचारधारा से ऋषि सुनक इंग्लैंड पर शासन कर रहे हैं, उसी विचारधारा के अनुरूप अमेरिका में शासन करने के लिए विवेक रामास्वामी भी तैयार हैं। सब जानते हैं कि अमेरिका और इंग्लैंड ईसाई राष्ट्र है, लेकिन इन दोनों राष्ट्रों में भी सनातन संस्कृति को महत्व दिया जा रहा है। इंग्लैंड और अमेरिका में रहने वाले ईसाई भी मानते हैं कि जिस तरह कट्टरपंथ बढ़ रहा है, उसमें हिन्दू धर्म के माध्यम से ही सुरक्षित रहा जा सकता है। हिन्दू धर्म एकमात्र ऐसा धर्म है जो सभी धर्मों का सम्मान करने की शिक्षा देता है।
 
विभिन्न संस्कृतियों का मिश्रण:
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी की सरकार ने आगामी नवरात्र पर सार्वजनिक पार्कों, सड़कों, फुटपाथों आदि पर धार्मिक पूजा करने पर रोक लगा दी। इस रोक के विरोध में दुर्गा पूजा से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की। इन याचिकाओं पर निर्णय देते हुए ही जस्टिस सब्य सांची भट्टाचार्य ने कहा कि दुर्गा पूजा सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष त्योंहार है। इसे केवल धार्मिक पूजा के अर्थ तक सीमित नहीं किया जा सकता। यह विभिन्न संस्कृतियों का मिश्रण हैं। इसमें समारोह और सांस्कृतिक आयोजन का भी तत्व है इस अर्थ में दुर्गा पूजा महोत्सव की किसी विशेष समुदाय के शुद्ध धार्मिक प्रदर्शन की तुलना में कहीं अधिक धर्मनिरपेक्ष प्रकृति है। यानी कोलकाता हाईकोर्ट ने भी माना है कि नवरात्र में दुर्गा पूजा का सभी के लिए महत्व है। सनातन संस्कृति की मान्यता के अनुसार शक्ति की प्रतीक मां दुर्गा की शक्ति से संपूर्ण समाज का भला होता है। मां दुर्गा उन शक्तियों का नाश करती हैं जो समाज को नुकसान पहुंचाती है।
 
शिव शक्ति पॉइंट:
इसे भी सनातन संस्कृति का प्रभाव और महत्व ही कहा जाएगा कि जिस चांद पर पूरी दुनिया अध्ययन कर रही है, उस चांद की जमीन पर शिवशक्ति पॉइंट भी बन गया है। कोई माने या नहीं लेकिन भारत के चंद्रयान तीन की सफल लैंडिंग ईश्वरीय शक्ति की वजह से ही हुई। ऐसे में यदि लैंडिंग स्थल का नाम शिव शक्ति रखा जाता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है। हमने चंद्रमा पर शिव की शक्ति को पहुंचाया है। विभिन्न धर्मों में भी चंद्र ग्रह का उल्लेख मिलता है। कई धर्मों का कैलेंडर तो चांद के दिखने पर ही निर्भर है। कहा जा सकता है कि अनेक धर्मों में चांद का खास धार्मिक महत्व है। जिस चांद की इतनी महिमा है उस चांद पर शिव शक्ति पॉइंट बनना हर सनातनी के लिए गर्व की बात है। सनातन संस्कृति का इससे ज्यादा प्रभाव और महत्व क्या होगा, जब हर निर्णय में सनातन संस्कृति के विचारों का उपयोग हो रहा है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (27-08-2023)
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Saturday 26 August 2023

गहलोत, डोटासरा और डूडी के सामने कांग्रेस का कोई दावेदार नहीं, लेकिन टोंक में सचिन पायलट के सामने 18 कांग्रेसियों ने दावेदारी जताई।केकड़ी में रघु शर्मा के सामने सिर्फ एक दावेदार।

विधानसभा के मद्देनजर इन दिनों राजस्थान में कांग्रेस में ब्लॉक स्तर पर चुनाव के दावेदारों से आवेदन मांगे जा रहे हैं। मीडिया की खबरों के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्वाचन क्षेत्र सरदारपुरा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के लक्ष्मणगढ़ तथा पूर्व कांग्रेस विधायक दल के नेता रहे रामेश्वर डूडी के नोखा (बीकानेर) से किसी भी कांग्रेसी ने टिकट की मांग नहीं की है। यानी गहलोत, डोटासरा और डूडी का फिर से कांग्रेस उम्मीदवार बनना तय है, लेकिन वहीं पूर्व  डिप्टी सीएम सचिन पायलट के टोंक निर्वाचन क्षेत्र से 18 कांग्रेसियों ने टिकट के लिए आवेदन किया है। हालांकि अभी पायलट ने टोंक से टिकट की मांग नहीं की है। लेकिन पायलट के सामने 18 दावेदारों को तैयार करने से कांग्रेस की रणनीति खासकर गहलोत और डोटासरा की रणनीति को समझा जा सकता है। पायलट के समर्थक माने या नहीं लेकिन कांग्रेस में यह पायलट को घेरने की रणनीति है। हालातों को देखते हुए ही गत 23 अगस्त को जब अजमेर के मसूदा विधानसभा क्षेत्र के विजयनगर में पायलट के समर्थकों ने किसान सम्मेलन  किया तब मसूदा के मौजूदा विधायक राकेश पारीक ने मंच से पायलट से आग्रह किया कि वे मसूदा से चुनाव लड़े। मसूदा में भी गुर्जर समुदाय के वोट अच्छी संख्या में है। पायलट अजमेर से सांसद भी रह चुके हैं, लेकिन पायलट ने अभी तक भी चुनाव लड़ने के बारे में कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की है। पायलट मौजूदा निर्वाचन क्षेत्र टोंक से लड़ेंगे या फिर अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र अजमेर या दौसा से। पायलट दौसा से भ सांसद रह चुके हैं। 2018 के चुनाव में पायलट मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे। यह बात अलग है कि तब कांग्रेस हाईकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया। लेकिन अब पांच वर्ष बाद गहलोत डोटासरा डूडी के टिकट तो पक्के हो गए हैं, लेकिन सचिन पायलट का नहीं। पायलट द्वारा अभी तक भी टिकट के लिए आवेदन नहीं किए जाने को लेकर उनके समर्थकों में भी असमंजस की स्थिति है। सवाल उठता है कि क्या पायलट इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे? यदि पायलट चुनाव नहीं लड़ते हैं तो उनके समर्थकों खासकर गुर्जर समुदाय में निराशा का भाव उत्पन्न होगा। यहां यह खास तौर से उल्लेखनीय है कि चुनावों में पायलट के ही मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद थी। इसलिए गुर्जर बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा का एक भी गुर्जर उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका। यानि गुर्जर समुदाय ने कांग्रेस के पक्ष में एकतरफा मतदान किया। एक ओर सीएम गहलोत अपनी सरकार के रिपीट होने का दावा कर रहे हैं, तब सचिन पायलट के चुनाव लडऩे पर कोई निर्णय न होना कार्यकर्ताओं में निराशा के भाव को और बढ़ाएगा।
 
रघु के सामने एक दावेदार:
केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के मौजूदा विधायक रघु शर्मा को ही टिकट मिलना तय है। रघु के सामने सिर्फ एक कांग्रेसी सुमेर सिंह चारण ने ही टिकट मांगा है। चारण केकड़ी कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष रहे हैं। केकड़ी और सरवाड़ ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर रघु शर्मा को ही उम्मीदवार बनाने के लिए कहा है। उम्मीद थी कि इस बार रघु शर्मा अपने पुत्र सागर शर्मा को उम्मीदवार बनवाएंगे। लेकिन पिछले दिनों केकड़ी का जो माहौल देखने को मिला, उसमें रघु ने अपने पुत्र को उम्मीदवार बनवाने का जोखिम नहीं लिया। हालांकि पिछले तीन चार वर्षों से सागर शर्मा ही अपने पिता की विधायकी का काम कर रहे थे। पहले चिकित्सा मंत्री और फिर गुजरात के प्रभारी बनाए जाने पर रघु शर्मा की अनुपस्थिति में पुत्र ही केकड़ी के विधायक बन बैठे। तमाम प्रचार सामग्रियों में भी सागर शर्मा के फोटो ही लगाए गए। रघु शर्मा जब गुजरात के प्रभारी थे, तब तो यहां तक कहा गया कि रघु शर्मा अब राज्यसभा में जाएंगे और उनके पुत्र केकड़ी से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन जब गुजरात में कांग्रेस का भट्टा बैठ गया तो रघु ने तत्काल प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया। यहां यह खासतौर से उल्लेखनीय है कि हार के बाद हरीश चौधरी ने भी पंजाब के प्रभारी पद से इस्तीफा दिया था, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने रघु शर्मा का इस्तीफा तो स्वीकार कर लिया है, लेकिन हरीश चौधरी को पंजाब के प्रभारी के पद पर बनाए रखा। रघु की अब कांग्रेस हाईकमान में पहले वाली स्थिति नहीं है। इधर केकड़ी में भी रघु को लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है। भले ही रघु के सामने किसी कांग्रेसी ने दावेदारी न की हा, लेकिन कांग्रेस का आम कार्यकर्ता भी रघु के व्यवहार से खुश नहीं है। अपने ससुर की बेइज्जती होने पर केकड़ी की एक महिला पार्षद ने तो कांग्रेस से इस्तीफा तक दे दिया। कांग्रेस के पार्षदों ने ही नगर पालिका में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। 

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Friday 25 August 2023

तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने पैरों पर खड़े हो गए हैं।अजमेर में परदेसियों से ना अखियां मिलाना वाला फिल्मी गाना सोशल मीडिया पर वायरल।भाजपा से आशीष सांड ने मसूदा और एडवोकेट अशोक सिंह रावत ने पुष्कर से मजबूत दावेदारी जताई। वहीं कांग्रेस से राजेंद्र रावत ने पुष्कर में सक्रियता दिखाई।

24 अगस्त को अजमेर के विजयनगर में प्राज्ञ कॉलेज के खेल मैदान पर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की जन सभा हुई उसमें भीड़ की कोई कमी नहीं थी। पायलट को कांग्रेस की सर्वोच्च वर्किंग कमेटी में शामिल किए जाने के बाद तो समर्थकों में कुछ ज्यादा ही उत्साह देखने को मिला। यही वजह रही कि 24 अगस्त को पायलट की सभा में अजमेर जिले के अधिकांश कांग्रेसी शामिल हुए। सभा का आयोजन मसूदा के कांग्रेसी विधायक राकेश पारीक की ओर से किया गया। सभा के बाद पारीक के समर्थकों का मानना रहा कि अब विधानसभा में मसूदा से राकेश पारीक ही कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे। पारीक 2020 में पायलट के साथ दिल्ली भी गए तथा बर्खास्तगी के बाद भी पायलट के साथ खड़े रहे। यानी राकेश पारीक सत्ता के लालच में सीएम अशोक गहलोत के साथ नहीं गए। अब पायलट फिर से कांग्रेस की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं, तब मसूदा से पारीक को ही टिकट दिलवाएंगे। एक ओर जहां पायलट की सभा को सफल माना गया, वहीं कांग्रेस की राजनीति में यह भी माना जा रहा है कि पायलट के नेतृत्व को चुनौती देने के लिए 24 अगस्त को ही अजमेर शहर में देव सेना की ओर से गौरव यात्रा निकाली गइ्र। यह यात्रा तब निकाली गई, जब अंतरराष्ट्रीय गुर्जर दिवस पर 23 अगस्त को ही गुर्जर समाज की ओर से एक बड़ी रैली निकाली गई। रैली के आयोजन से जुड़े गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष हरचन्द हाँकला का कहना रहा कि देव सेना के अध्यक्ष मोनू गुर्जर से आग्रह किया गया था कि सचिन पायलट की विजय नगर की सभा को देखते हुए 24 अगस्त की गौरव यात्रा नहीं निकाली जाए, लेकिन मोनू गुर्जर हमारे आग्रह को स्वीकार नहीं किया। वहीं मोनू गुर्जर का कहना रहा कि 24 अगस्त की गौरव यात्रा का प्रोग्राम पहले से ही तय हो गया था, लेकिन गौरव यात्रा में मेहमानों के तौर पर सीएम अशोक गहलोत के समर्थक माने जाने वाले नेता उपस्थित रहे। गौरव यात्रा में भी गुर्जर समाज के युवाओं ने अपना उत्साह दिखाया। यह गौरव यात्रा भी एक दिन पहले निकाली रैली की तरह ब्याव रोड स्थित उबड़ा का देवड़ा धार्मिक स्थल से शुरू हुई और शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए वैशाली नगर स्थित भगवान देवनारायण के मंदिर पर समाप्त हुई। गौरव यात्रा में भी करीब चार सौ वाहन और हजारों लोग शामिल हुए। सब जानते हैं कि अजमेर को भी पायलट का गढ़ माना जाता है। पायलट ने अपनी जनसंघर्ष यात्रा भी अजमेर से ही शुरू की थी। पायलट अजमेर से दो बार लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। पहली जीत पर तो पायलट केंद्र में मंत्री भी बने। पायलट जब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे, तब रघु शर्मा को अपने दम पर ही अजमेर से लोकसभा का उप चुनाव जीतवाया। यह बात अलग है कि रघु शर्मा मंत्री बनने के बाद पायलट का साथ छोड़ दिया। लेकिन अब बदली हुई परिस्थितियों में रघु शर्मा को केकड़ी से जीत के लिए पायलट की ही मदद चाहिए। 24 अगस्त को विजय नगर में जो सभा हुई, उस में रघु शर्मा उपस्थित नहीं रहे। 

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तो क्या सचिन पायलट के नेतृत्व को चुनौती देने के लिए 24 अगस्त को अजमेर में देव सेना ने गौरव यात्रा निकाली?24 अगस्त को ही अजमेर के विजयनगर में हुई थी पायलट की सभा।

24 अगस्त को अजमेर के विजयनगर में प्राज्ञ कॉलेज के खेल मैदान पर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की जन सभा हुई उसमें भीड़ की कोई कमी नहीं थी। पायलट को कांग्रेस की सर्वोच्च वर्किंग कमेटी में शामिल किए जाने के बाद तो समर्थकों में कुछ ज्यादा ही उत्साह देखने को मिला। यही वजह रही कि 24 अगस्त को पायलट की सभा में अजमेर जिले के अधिकांश कांग्रेसी शामिल हुए। सभा का आयोजन मसूदा के कांग्रेसी विधायक राकेश पारीक की ओर से किया गया। सभा के बाद पारीक के समर्थकों का मानना रहा कि अब विधानसभा में मसूदा से राकेश पारीक ही कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे। पारीक 2020 में पायलट के साथ दिल्ली भी गए तथा बर्खास्तगी के बाद भी पायलट के साथ खड़े रहे। यानी राकेश पारीक सत्ता के लालच में सीएम अशोक गहलोत के साथ नहीं गए। अब पायलट फिर से कांग्रेस की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं, तब मसूदा से पारीक को ही टिकट दिलवाएंगे। एक ओर जहां पायलट की सभा को सफल माना गया, वहीं कांग्रेस की राजनीति में यह भी माना जा रहा है कि पायलट के नेतृत्व को चुनौती देने के लिए 24 अगस्त को ही अजमेर शहर में देव सेना की ओर से गौरव यात्रा निकाली गइ्र। यह यात्रा तब निकाली गई, जब अंतरराष्ट्रीय गुर्जर दिवस पर 23 अगस्त को ही गुर्जर समाज की ओर से एक बड़ी रैली निकाली गई। रैली के आयोजन से जुड़े गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष हरचन्द हाँकला का कहना रहा कि देव सेना के अध्यक्ष मोनू गुर्जर से आग्रह किया गया था कि सचिन पायलट की विजय नगर की सभा को देखते हुए 24 अगस्त की गौरव यात्रा नहीं निकाली जाए, लेकिन मोनू गुर्जर हमारे आग्रह को स्वीकार नहीं किया। वहीं मोनू गुर्जर का कहना रहा कि 24 अगस्त की गौरव यात्रा का प्रोग्राम पहले से ही तय हो गया था, लेकिन गौरव यात्रा में मेहमानों के तौर पर सीएम अशोक गहलोत के समर्थक माने जाने वाले नेता उपस्थित रहे। गौरव यात्रा में भी गुर्जर समाज के युवाओं ने अपना उत्साह दिखाया। यह गौरव यात्रा भी एक दिन पहले निकाली रैली की तरह ब्याव रोड स्थित उबड़ा का देवड़ा धार्मिक स्थल से शुरू हुई और शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए वैशाली नगर स्थित भगवान देवनारायण के मंदिर पर समाप्त हुई। गौरव यात्रा में भी करीब चार सौ वाहन और हजारों लोग शामिल हुए। सब जानते हैं कि अजमेर को भी पायलट का गढ़ माना जाता है। पायलट ने अपनी जनसंघर्ष यात्रा भी अजमेर से ही शुरू की थी। पायलट अजमेर से दो बार लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। पहली जीत पर तो पायलट केंद्र में मंत्री भी बने। पायलट जब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे, तब रघु शर्मा को अपने दम पर ही अजमेर से लोकसभा का उप चुनाव जीतवाया। यह बात अलग है कि रघु शर्मा मंत्री बनने के बाद पायलट का साथ छोड़ दिया। लेकिन अब बदली हुई परिस्थितियों में रघु शर्मा को केकड़ी से जीत के लिए पायलट की ही मदद चाहिए। 24 अगस्त को विजय नगर में जो सभा हुई, उस में रघु शर्मा उपस्थित नहीं रहे। 

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Thursday 24 August 2023

अजमेर में कांग्रेसियों के बीच हुई मार कुटाई का वीडियो भाजपा विधायक देवनानी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। तंज जो आपस में लड़ रहे हैं वे भाजपा से क्या लड़ेंगे?कांग्रेस में अजमेर उत्तर से सिर्फ एक मुस्लिम दावेदार। मसूदा में लंबी लाइन।आखिर मेयर ब्रज लता हाड़ा चुप क्यो हैं?-निलंबित भाजपा पार्षद शेखावत।रिटायर आईएएस हनुमान सिंह भाटी भाजपाई हुए। पुष्कर से दावेदारी।

23 अगस्त को अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से आवेदन मांगे गए। आवेदन मांगने का स्थान गंज स्थित जनकपुरी समारोह स्थल पर रखा गया। जब दावेदार अपने आवेदन प्रभारी मुकुल गोयल और ब्लॉक अध्यक्षों को जमा करवा रहे थे, तभी शहर कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शिवकुमार बंसल और पार्षद नौरत गुर्जर के समर्थकों के बीच मार कुटाई शुरू हो गई। बाद में इन दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ गंज पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। कांग्रेस की राजनीति में नौरत गुर्जर को आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ तथा शिव कुमार बंसल को वरिष्ठ महेंद्र सिंह रलावता का समर्थक माना जाता है। पूर्व में भी राठौड़ और रलावता के समर्थकों के बीच मारपीट हो चुकी है। तब रलावता के पुत्र और अन्यों के खिलाफ राठौड़ समर्थकों ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस बार रलावता की ओर से बंसल ने मोर्चा संभाला और राठौड़ के समर्थकों से भिड़ गए। असल में अजमेर के अनेक कांग्रेसी नहीं चाहते कि धर्मेन्द्र राठौड़ अजमेर उत्तर से चुनाव लड़े। लेकिन कुछ समर्थक राठौड़ को अजमेर में स्थापित करना चाहते हैं। हालांकि राठौड़ का अजमेर की राजनीति में कोई योगदान नहीं रहा। राठौड़ ने पूर्व में अलवर के बानसूर से चुनाव लड़ा था। लेकिन पिछले दो वर्ष से राठौड़ अजमेर की राजनीति में सक्रिय हैं। पहले पुष्कर से चुनाव लड़ने का मन बनाया और अब सारा फोकस अजमेर उत्तर पर है। यही वजह है कि गत बार के कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र सिंह रलावता और उनके समर्थक राठौड़ की दावेदारी का विरोध कर रहे हैं। आवेदन प्रक्रिया के दौरान कांग्रेसियों में जो मार कुटाई हुई उसका वीडियो उत्तर क्षेत्र के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। देवनानी ने तंज कसा है कि जो आपस में लड़ रहे हैं, वे क्या लड़ेंगे? मालूम हो कि देवनानी लगातार चार बार से चुनाव जीत रहे हैं और पांचवीं बार भी देवनानी की सशक्त दावेदारी है। टिकट मिलने की उम्मीद के कारण ही देवनानी लगातार कांग्रेस पर हमलावर है। यह बात अलग है कि देवनानी के सामने दावेदारी जताने वाले कई भाजपाई नेता धर्मेन्द्र राठौड़ से मित्रता निभा रहे हैं। यही वजह है कि भाजपा के सभी दावेदार (देवनानी को छोड़कर) राठौड़ के खिलाफ कोई बयानबाजी नहीं करते। ऐसे दावेदार देवनानी का तो विरोध कर रहे हैं, लेकिन राठौड़ के खिलाफ चुप हैं। जबकि देवनानी अकेले ही राठौड़ को चुनौती दे रहे हैं।
 
सिर्फ एक मुस्लिम दावेदार:
अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में ही सूफी संत ख्वाजा साहब की दरगाह भी आती है। दरगाह के एक डेढ़ किलोमीटर के दायरे में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है। लेकिन 23 अगस्त को कांग्रेस की ओर से चौबीस नेताओं ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी जताई। लेकिन इनमें से मात्र एक हुमायूं खान ही मुस्लिम दावेदार रहे। अजमेर में कांग्रेस के संगठन में कई मुस्लिम पदाधिकारी हैं। लेकिन एक भी पदाधिकारी ने दावेदारी नहीं जताई है। जिन कांग्रेसियों ने टिकट की मांग की है उनमें धर्मेन्द्र राठौड़, महेंद्र सिंह रलावता चेतन पवार गिरधर तेजवानी मोहन चेलानी, हरीश हिंगोरानी, शिव कुमार बंसल, महेश चौहान, ममता चौहान, चेतन प्रकाश सैनी, महेंद्र तंवर, विजय सिंह गहलोत, विनोद रतनु, लोकेश कुमार, रश्मि हिंगोरानी, हुमायूं खान, दिलीप सामतानी, गजेंद्र सिंह राठौड़, धर्मेंद्र शर्मा, राजकुमार, अंकित मोटवानी, ओमप्रकाश मंडावरा व पीयूष सुराणा शामिल है। लेकिन वहीं जिले के मसूदा विधानसभा क्षेत्र से अनेक मुस्लिम नेताओं ने दावेदारी जताई है। इनमें पत्रकार नवाब हिदायतुल्ला, मोहम्मद मेहमूद खान, महफूल काठात, खुश नूर बानो, मुबारक अली चीता, वाजीत चीता, निरमा चौहान, सरदारा काठात आदि शामिल हैं। इसी प्रकार मसूदा के मौजूदा विधायक राकेश पारीक, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य संग्राम सिंह गुर्जर, अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी, विमल चंद्र रांका, मीनू कंवर राठौड़, कमलादेवी जाट, भूपेंद्र सिंह राठौड़ शामिल हैं।

मेयर चुप क्यों?:
अजमेर नगर निगम में निलंबित भाजपा के पार्षद देवेंद्र सिंह शेखावत ने सवाल उठाया है कि उनके निलंबन पर मेयर श्रीमती ब्रज लता हाड़ा चुप क्यों हैं? शेखावत ने कहा कि हाड़ा भाजपा की ही मेयर हैं, लेकिन सरकार की निलंबन कार्यवाही का कोई विरोध नहीं किया। उन्हें जिस मामले में निलंबित किया गया, उसकी पूर्व में दो बार जांच हो चुकी थी। दोनों जांच में उन्हें निर्दोष माना गया। लेकिन कुछ अधिकारियों ने अपनी जिद के चलते उन्हें निलंबित करवाया है। शेखावत ने कहा कि मेयर हाड़ा की चुप्पी को वे संगठन के मंच पर रखेंगे। ऐसा प्रतीत होता है कि श्रीमती हाड़ा अपने संगठन को महत्व देने के बजाए कांग्रेस सरकार के अधिकारियों के साथ सामंजस्य बैठा रही है। समय आने पर मैं ऐसे कई मामले उजागर करुंगा। उल्लेखनीय है कि अजमेर स्थित इंडोर स्टेडियम परिसर में संचालित तंदूर रेस्टोरेंट को तोड़ने के संबंध में अजमेर के तत्कालीन जिला कलेक्टर अंशदीप और नगर निगम के आयुक्त सुशील कुमार के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश अदालत की ओर से दिए गए हैं। हालांकि दबाव के चलते रेस्टोरेंट के मालिक यशपाल चूंडावत ने अपनी शिकायत ही वापस ले ली है। लेकिन विधि के जानकारों का मानना है कि कोर्ट ने एफआईआर के जो आदेश दिए हैं, उस पर विराम लगाना मुश्किल हैं। कोर्ट यह देखेगी की आखिर जिन अधिकारियों ने नियमों के विरुद्ध काम किया उन्हें क्या सजा मिली है। भले ही पीड़ित व्यक्ति ने अपनी शिकायत वापस ले ली हो।
 
भाटी भाजपा में शामिल:
24 अगस्त को जयपुर में रिटायर आईएएस हनुमान सिंह भाटी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। भाटी अजमेर के पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का टिकट चाहते हैं। पिछले कुछ दिनों से भाटी पुष्कर में सक्रिय हैं। पुष्कर से भाजपा एक और दावेदार रावत महासभा के अध्यक्ष डॉ. शैतान सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन तकनीक से भाजपा की सदस्यता ले ली है। 

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पाकिस्तान और अफगानिस्तान की हिमायत करने वाले राजनेता अब चंद्रयान की सफल लैंडिंग पर क्या कहेंगे?जश्न का ऐसा माहौल दीपावली पर भी नहीं होता। जसवंत दारा का शानदार कार्टून।

कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया था, तब भारत के कई राजनेताओं और सांसदों ने तालिबान का तहे दिल से इस्तकबाल किया। हमारे देश के फिल्मकार, अभिनेता, बुद्धिजीवी, लेखक पत्रकार आदि पाकिस्तान की हिमायत करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। कईयों को तो अपने भारत से ज्यादा पाकिस्तान पसंद आता है। यह बात अलग है कि आज अफगानिस्तान कट्टरपंथियों की जकड़ में है तो पाकिस्तान कटोरा लेकर दुनिया के सामने भीख मांग रहा है। ऐसे पड़ोसी देश होने के बाद भी भारत के वैज्ञानिकों ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर अपना यान उतार दिया। अब इस यान विक्रम लेंडर ने प्रज्ञान रोवर की मदद से फोटो भी भेजना शुरू कर दिया है। भारत के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसमें कोई दो राय नहीं कि इस उपलब्धि के पीछे केंद्र की मोदी सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति भी रही। 2019 में चंद्रयान दो की विफलता के बाद से ही वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया गया। इसी का परिणाम रहा कि वैज्ञानिकों ने चार वर्ष बाद चांद के साउथ पोल पर अपना यान उतार दिया। भारत की इस सफलता पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हिमायतियों को भी प्रतिक्रिया देनी चाहिए। आज हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हुआ है। हिमायती स्वयं देख लें कि उनके पसंदीदा देश किस स्थिति में है और भारत की स्थिति क्या है? भारत अब दुनिया के चौथे नंबर वाला देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका रूस और चीन अपने यान चंद्रमा पर उतार चुके हैं। यह बात अलग है कि चंद्रा के साउथ पोल (दक्षिणी ध्रुव) पर यान उतारने वाला भारत पहला देश है। इस स्थान पर लगातार 14 दिनों तक सूर्य की रोशनी रहती है, इसलिए हमारे यान का जीवन भी मात्र 14 दिनों का ही है। अंतरिक्ष की टेक्नोलॉजी में भारत को अभी महारत हासिल करनी है, इसलिए अब सूर्य की ओर आदित्य एल-1 को भेजने जाने की तैयारी हो रही है। गगनयान भी जल्द भेजा जाएगा। हमें ऐसी तकनीक विकसित करनी है, जिसमें हमारा यान चंद्रमा पर अधिक दिनों तक रह सके तथा दायरा भी बढ़ाए। चंद्रयान तीन चाँद के 10 किलोमीटर के दायरे के फोटो ही भेजेगा, जबकि जापान द्वारा प्रस्तावित यान चंद्रमा पर पहुंचकर सौ किलोमीटर के दायरे के वातावरण की जानकारी देगा। रूस के लूना 25 यान की लैंडिंग यदि सफल हो जाती तो यान एक वर्ष तक चांद पर रहता। हम अब जब चांद पर मनुष्य को भेजने की सोच रहे हैं तब हमें तकनीक को विकसित करना चाहिए।
 
जश्न का माहौल:
23 अगस्त को जब चंद्रयान तीन ने सफल लैंडिंग की तो पूरे देश में जश्न का माहौल देखने को मिला।  यह जश्न स्वत:स्पूत था। लोगों ने अपनी मर्जी से सार्वजनिक स्थलों पर खड़े होकर पटाखे जलाए और मिठाइयां बांटी। जब टीवी चैनलों पर लैंडिंग का प्रसारण हो रहा था तो देश भर के बाजार भी सूने हो गए। देश के अधिकांश लोगों ने टीवी के सामने बैठ कर चंद्रयान तीन की लैंडिंग को देखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दक्षिण अफ्रीका से ही देश को संबोधित किया। 23 अगस्त की शाम को जो माहौल देखा गया जैसा दीपावली के पर्व पर भी देखने को नहीं मिलता है।
 
दारा का कार्टून:
चंद्रयान की सफल लैंडिंग पर कार्टूनिस्ट जसवंत दारा ने एक सामायिक कार्टून बनाया है। इस कार्टून को मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है। 

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Monday 21 August 2023

भाजपा की चार परिवर्तन यात्रा में से एक का नेतृत्व करने पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सहमत।राजस्थान भाजपा में विवाद को थामने की कोशिश। नितिन गडकरी भी सक्रिय।

विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजस्थान में भाजपा चार परिवर्तन यात्रा निकाल रही है। कांग्रेस सरकार के रहते हुए पूर्व में दो बार जब परिवर्तन यात्राएं निकाली गई, तब वसुंधरा राजे ने अकेले ही यात्रा का नेतृत्व किया, लेकिन इस बार भाजपा ने प्रदेश के चार प्रमुख धार्मिक स्थलों से यात्राएं निकालने का निर्णय लिया है। इन यात्राओं में पूर्व सीएम राजे की भूमिका को लेकर काफी समय से मंथन हो रहा था, लेकिन अब एक यात्रा का नेतृत्व करने पर राजे ने सहमति जता दी है। सवाई माधोपुर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर से 2 सितंबर से शुरू होने वाली परिवर्तन यात्रा का नेतृत्व वसुंधरा राजे करेंगी। कहा जा रहा है कि यात्रा के शुभारंभ पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह उपस्थित रहेंगे। सूत्रों के अनुसार भले ही इस बार अकेले वसुंधरा राजे ने परिवर्तन यात्रा न निकाली हो, लेकिन एक यात्रा का नेतृत्व देकर भाजपा में विवादों को थामने की कोशिश की गई है। असल में पिछले दिनों विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जो संकल्प समिति, प्रबंधन समिति आदि की घोषणाएं हुई उनमें राजे को शामिल नहीं किया गया। ऐसे में मीडिया में यह माना गया कि अब विधानसभा चुनाव में राजे की कोई भूमिका नहीं होगी। लेकिन एक परिवर्तन यात्रा का नेतृत्व देकर भाजपा ने फिलहाल विवाद को थामने की कोशिश की है। असल में 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही प्रदेश के भाजपा नेताओं से राजे का तालमेल नहीं बैठ रहा था। पहले सतीश पूनिया और अब सीपी जोशी के अध्यक्ष रहते हुए संगठन में राजे की कोई सक्रिय भूमिका देखने को नहीं मिली। सूत्रों के अनुसार चुनाव में राजे को सक्रिय करने में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की भूमिका मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार एक परिवर्तन यात्रा करने के लिए गडकरी ने ही वसुंधरा राजे को सहमत करवाया है। वसुंधरा राजे के समर्थक पहले भी आरोप लगाते रहे हैं कि प्रदेश में राजे को महत्व नहीं दिया जा रहा है। चूंकि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से लगता है कि आगामी चुनाव में सत्ता परिवर्तन हो जाएगा, इसलिए वह कोई जोखिम लेना नहीं चाहता। वसुंधरा राजे की नाराजगी से भाजपा को नुकसान न हो इसलिए राजे को हर संभव संतुष्ट किए जाने की योजना भी बन रही है। हालांकि राजे के अनेक समर्थक अब संगठन के कार्यों में सक्रिय हो गए हैं।  

इन स्थानों से भी निकले यात्रा:
भाजपा की रणनीति के मुताबिक 3 सितंबर को रामदेवरा, 4 सितंबर को बेणेश्वर धाम और 5 सितंबर को गोगामेड़ी से यात्राएं शुरू होंगी। इनका नेतृत्व क्रमश: प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत तथा विधानसभा में भाजपा विधायक दल के उपनेता सतीश पूनिया करेंगे। महत्वपूर्ण बात यह है कि शुरुआत के समय इन सभी स्थानों पर भाजपा के राष्ट्रीय नेता जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी,  अमित शाह आदि उपस्थित रहेंगे। यात्रा के समापन पर होने वाली सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन होगा। यह चारों यात्राएं प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेंगी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (22-08-2023)
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मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में एनडीटीवी की लॉन्चिंग में सीएम भूपेश बघेल और कमलनाथ ने भाग लिया।सवाल तो फिर राहुल गांधी उद्योगपति अडानी की आलोचना क्यों करते हैं?दो माह पहले की चुनावी घोषणाओं का जनता पर असर नहीं-कांग्रेस।

21 अगस्त को एनडीटीवी ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए अपना प्रादेशिक न्यूज चैनल लॉन्च किया। इस लॉन्चिंग में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने स्पेशल गेस्ट के तौर पर भाग लिया। चैनल के एडिटर संजय .... ने शुरुआत में ही स्पष्ट कर दिया कि चैनल को चलाने वाले कंपनी का मालिकाना हक अडानी समूह के पास है। वैसे भी बघेल और कमलनाथ घाघ राजनेता है, इसलिए पता करके ही आए होंगे कि एनडीटीवी का मालिक कौन है? दोनों दिग्गज कांग्रेसियों ने अपने अपने प्रदेश में न केवल एनडीटीवी का स्वागत किया, बल्कि सहयोग का भरोसा भी दिलाया। मालूम हो कि राजस्थान में तो सीएम अशोक गहलोत ने सोलर पार्क के लिए अडानी समूह को 85 हजार बीघा भूमि रियायती दर पर दी है। ऐसा ही सहयोग भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में किया है। सवाल उठता है कि जब कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता अडानी समूह को इतना पसंद करते हैं, तब राहुल गांधी अडानी की आलोचना क्यों करते हैं? यदि राहुल गांधी की नजर में अडानी समूह बेईमान है तो कांग्रेस के नेताओं की नजर में भी अडानी समूह बेईमान ही होना चाहिए। लेकिन कांग्रेस के मुख्यमंत्री और प्रमुख नेता तो अडानी को विकास पुरुष मानते हैं और सहयोग के लिए तत्पर होते हैं। सब जानते हैं कि राजनेता किसी उद्योगपति से दोस्ती किस नियत से करते हैं। अशोक गहलोत से लेकर कमलनाथ तक कांग्रेस नेता किस स्वार्थ से अडानी से दोस्ती कर रखी है यह भी सबको पता है। ऐसे में राहुल गांधी की आलोचना पर भी सवाल उठते हैं। क्या राहुल की आलोचना सिर्फ दबाव (ब्लैकमेल) बनाने के लिए है? यदि ऐसा नहीं होता तो गहलोत, बघेल और कमलनाथ भी अडानी समूह की आलोचना करते। कांग्रेस को भी दो माह बाद चार राज्यों में विधानसभा का चुनाव लड़ना है और कांग्रेस को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के लिए हेलीकॉप्टर का इंतजाम करना है। दोनों भाई-बहन हेलीकॉप्टर से चुनावी सभाओं को संबोधित करते हैं। जहां तक अडानी समूह का सवाल है तो उसके लिए सभी राजनीतिक दल समान हैं। पूर्व में राहुल गांधी रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी का भी नाम लेते थे। लेकिन पिछले कुछ माह से राहुल सिर्फ अडानी का ही नाम लेते हैं। हो सकता है कि आने वाले दिनों में राहुल गांधी अडानी का नाम लेना भी छोड़ दें।
 
चुनावी घोषणाओं का असर नहीं:
राजस्थान की तरह मध्यप्रदेश में भी दो माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है। 21 अगस्त को एनडीटीवी के लॉन्चिंग समारोह में कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार इन दिनों जो चुनावी घोषणाएं कर रही है, उसका आम जनता पर कोई असर नहीं होगा। कमलनाथ ने कहा कि सरकार ने तीन साल तो कोई काम नहीं किया और अब चुनाव से पहले घोषणाएं की जा रही है, जनता सब समझती है। इन चुनावी घोषणाओं का असर मतदाताओं पर नहीं पड़ेगा। असल में मध्यप्रदेश में जो भाषा कांग्रेस के नेता बोल रहे हैं, वही भाषा राजस्थान में भाजपा के नेताओं के द्वारा इस्तेमाल की जा रही है। राजस्थान में भी भाजपा के नेता कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणाओं का अब कोई असर होने वाला नहीं है। 

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Thursday 17 August 2023

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में मोरारी बापू की कथा में ब्रिटेन के पीएम ने जय सियाराम का जयकारा लगाया। यह बदलते भारत की ताकत।ब्रिटेन के पीएम की टेबल पर गणेश जी की मूर्ति रखी है।पाकिस्तान में ईश निंदा के आरोप में ईसाई बस्तियों और पांच चर्चों में आग लगाई।

भारत में सनातन संस्कृति को लेकर जो माहौल बदला है, उसका असर अब विदेशों में भी होने लगा है। जिस ब्रिटेन ने भारत पर दो सौ वर्षों तक राज किया, आज उसी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक जय सियाराम का जयकारा लगा रहे हैं। 15 अगस्त को जब भारत में आजादी का जश्न मनाया जा रहा था, तब इसी दिन मोरारी बापू की राम कथा में शामिल होने के लिए ब्रिटेन के पीएम भी आए। कोई माने या नहीं, लेकिन बदलते भारत का ही परिणाम है कि मोरारी बापू की राम कथा अब कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के कैम्पस में हो रही है। पीएम सुनक ने न केवल सिर झुका कर मोरारी बापू का आशीर्वाद प्राप्त किया, बल्कि सार्वजनिक तौर पर सनातन संस्कृति की  आध्यात्मिक शक्ति को भी स्वीकार किया। यह सही है कि ऋषि सुनक भारतवंशी ब्रिटिश नागरिक हैं, लेकिन अपनी सनातन संस्कृति की आध्यात्मिक ताकत को स्वीकारने की हिम्मत भारत में बदले माहौल की वजह से ही आई है। जिन भारतीयों को अभी हमारी सनातन संस्कृति पर भरोसा नहीं है उन्हें ब्रिटेन के पीएम सुनक के ये विचार जरूर पढ़ना चाहिए। मोरारी बापू की कथा में व्यास पीठ पर पुष्प अर्पित करते हुए पीएम सुनक ने कहा कि जिस प्रकार कथा में बापू के पीछे हनुमान जी  की सुनहरी तस्वीर लगी है, उसी प्रकार मैंने भी अपने दफ्तर की टेबल पर गणेश जी की मूर्ति विराजमान कर रखी है। सुनक ने कहा, मेरे लिए धर्म बहुत व्यक्तिगत है। यह जीवन के हर मोड़ पर रास्ता दिखाता है। रामायण, भगवत गीता और हनुमान चालीसा स्मरण करते हुए सुनक ने कहा कि उनके लिए भगवान राम चुनौतियों का साहस के साथ मुकाबला करने, विनम्रता के साथ शासन करने और निस्वार्थ भाव से काम करने के लिए प्रेरणा का प्रतीक हैं। जब ब्रिटेन का प्रधानमंत्री भारत की सनातन संस्कृति से शासन चलाने की बात को स्वीकार रहा है, तब हमारे ही देश के अने बुद्धिजीवी, प्रगतिशील पत्रकार और राजनेताओं को सनातन संस्कृति की आध्यात्मिक शक्ति  पर भरोसा नहीं है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सनातन संस्कृति में आस्था और श्रद्धा पर आपत्ति करने वाले एक ब्रिटेन के पीएम की भी आस्था को देख लें। प्रधानमंत्री की टेबल पर गणेशजी की मूर्ति रखना ही बड़ी घटना है। इससे हमारे गणेश जी के मैनेजमेंट का भी अंदाजा लगाया जा सकता है। गणेश जी हमेशा ही ऋषि सुनक को सही राह दिखाते होंगे। इस अवसर पर हमारे राष्ट्र संत मोरारी बापू का भी अभिनंदन किया जाना चाहिए। बापू ने वो ख्याति अर्जित की है,जिसके माध्यम से ब्रिटेन के पीएम भी राम कथा सुनने आ रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि हमारे बापू आज सनातन संस्कृति ध्वजवाहक हैं।
 
पाकिस्तान में आगजनी:
मीडिया खबरों के अनुसार ईश निंदा के आरोपों के चलते पाकिस्तान के फैसलाबाद में ईसाई बस्तियों और चर्चों में तोड़कर आग लगा दी गई। नाराज लोगों का आरोप है कि ईसाई धर्मप्रचारक अक्सर इस्लाम की आलोचना करते हैं। लाहौर स्थित बिशप आजाद मार्शल ने भी चर्चों में तोडफ़ोड़ और आगजनी की पुष्टि की है। मालूम हो कि पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र है और ईशनिंदा को गंभीर अपराध माना जाता है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (17-08-2023)

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रुद्रदत्त मिश्रा सहित अजमेर के अनेक स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथा केंद्र सरकार की वेबसाइट पर। शिक्षाविद चेतना उपाध्याय की मेहनत।हमारे लिए यह गर्व और सम्मान की बात है-डॉ. स्नेहलता मिश्रा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आजादी के अमृत महोत्सव में देश भर के स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथाओं को एकत्रित कर रही है। पीएम मोदी का मानना है कि ऐसे लाखों स्वतंत्रता सेनानी रहे, जिन्होंने आजादी के खातिर अपना सब कुछ बलिदान कर दिया, लेकिन ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों का कोई लेखा जोखा नहीं है। हर स्वतंत्रता सेनानी और उसके परिवार को पहचान व सम्मान देने के लिए केंद्रीय कला एवं संस्कृति मंत्रालय ने एक पहल शुरू की है। इसके अंतर्गत देश के हर जिले से स्वतंत्रता सेनानियों का ब्यौरा एकत्रित किया जा रहा है। सरकारी दस्तावेजों से मिलान होने वाली वीर गाथाओं को मंत्रालय की डिजिटल डायरी में भी स्थान मिल रहा है। मंत्रालय की ओर से अजमेर जिले में यह उल्लेखनीय कार्य उच्च अध्ययन शिक्षण संस्थान में रीडर के पद पर कार्यरत डॉ. चेतना उपाध्याय कर रही हैं। डॉ. चेतना ने बताया कि रुद्रदत्त मिश्रा सहित 14 स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथाएं केंद्र सरकार की डिजिटल डायरी में प्रदर्शित हो गई है। इनमें पन्नालाल माहेश्वरी, किशन अग्रवाल, कन्हैयालाल व्यास अनंत, जीतमल लूणिया, रामभजन मिश्रा, चांदकरण शारदा, देवकी वल्लभव द्विवेदी, दुर्गाप्रसाद चौधरी, महिमा देवी किंकर, सोहनलाल, ज्ञानेश्वरी देवी, उम्मेद खां तथा अंबालाल गुर्जर हैं। ये वे स्वतंत्रता सैनानी हैं, जिनके प्रमाण उपलब्ध हैं। डॉ. चेतना ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथा लिखने का काम अभी भी जारी है। स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़ी जानकारियां मोबाइल नंबर 8094554488 पर डॉ.चेतना उपाध्याय से ली जा सकती है।
 
हमें गर्व है:
केंद्र सरकार की डिजिटल डायरी में रुद्रदत्त मिश्रा की वीर गाथा का उल्लेख होने पर उनकी पुत्री और प्रदेश की प्रसिद्ध गायनोकॉलोजिस्ट डॉ. स्नेहलता मिश्रा ने कहा कि यह हमारे परिवार के लिए गर्व और सम्मान की बात है। केंद्र सरकार की इस पहल से देश दुनिया में उनके पिता की वीर गाथा को देख सकेंगे। डॉ. मिश्रा ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। सरकार की डिजिटल डायरी के अनुसार मिश्रा ने हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक से जुड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। मिश्रा ने बम, पिस्टल जैसे हथियार प्रमुख क्रांतिकारियों को उपलब्ध करवाए। मिश्रा को दिल्ली षडय़ंत्र का भी आरोपी बनाया गया। मिश्रा ने स्वतंत्रता आंदोलन में चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरु जैसे क्रांतिकारियों के साथ काम किया। क्रांतिकारियों के साथ जुड़ने में अर्जुनलाल सेठी प्रेरणा स्रोत रहे। आजादी के आंदोलन में योगदान को देखते हुए ही 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने मिश्रा को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया। मिश्रा के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9261237999 पर उनकी पुत्री डॉ. स्नेहलता मिश्रा से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (17-08-2023)

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Wednesday 16 August 2023

आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ अजमेर उत्तर में ई-रिक्शा पर तो भाजपा नेता बीपी सारस्वत केकड़ी में टंगे नजर आए।परबतसर में अमर चंद जाजड़ा की एक शाम भारत माता के नाम।

राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ अब स्वयं को अजमेर उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी मान कर सक्रिय हैं। राठौड़ ने उत्तर क्षेत्र में अनेक ई रिक्शा घुमवाए हैं। रिक्शा पर लगे लाउडस्पीकर के माध्यम से राठौड़ ने क्षेत्रवासियों को स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। ये शुभकामनाएं राठौड़ ने अपनी आवाज में दी है। ऐसा लगता है कि राठौड़ खुद ई रिक्शा में बैठ कर बोल रहे हैं। मालूम हो कि राठौड़ के पैर में फ्रैक्चर हो जाने के कारण वे इन दिनों जयपुर आवास पर विश्राम कर रहे हैं। लेकिन उनकी आवाज और टीम उत्तर क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। तीन माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ही अजमेर देहात भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष प्रो. बीपी सारस्वत भी केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। भाजपा की राजनीति में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के  कट्टर समर्थक माने जाने वाले प्रो. सारस्वत ने भी स्वतंत्रता दिवस पर केकड़ी क्षेत्र में फ्लेक्स टंगवाए हैं। क्षेत्रवासियों को शुभकामनाएं देने वाले ऐसे फ्लैक्स चौराहों, सार्वजनिक स्थलों, बिजली के खंभों आदि पर लगे हैं। सारस्वत का कहना है कि केकड़ी से उनकी मजबूत दावेदारी है। वहीं नागौर के परबतसर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने के इच्छुक पीह के सरपंच अमर चंद जाजड़ा ने अपने जन्मदिन के उपलक्ष में 23 अगस्त को एक शाम भारत माता के नाम भजन संध्या रखी है। परबतसर के सुभाष बोस स्टेडियम में रात 8 बजे होने वाली इस भजन संध्या में गीता रेबारी और प्रकाश माली भजनों की प्रस्तुति देंगे। इससे पहले पीह से लेकर परबतसर तक एक विशाल वाहन रैली निकाली जाएगी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (16-08-2023)
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तेलंगाना सरकार की तुष्टीकरण की नीति के कारण ही अजमेर में बनने वाले तेलंगाना गेस्ट हाउस का विरोध हो रहा है।गेस्ट हाउस के लिए भूमि का आवंटन भाजपा सरकार ने किया था।

असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी की मांग पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना की सभी मस्जिदों के मौलवियों एवं मौलानाओं को पांच हजार रुपए प्रतिमाह का अनुदान देने की घोषणा की है। यह घोषणा स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 14 अगस्त को की गई। इससे करीब सात हजार मौलवियों और मौलानाओं को फायदा होगा। ओवैसी खुद हैदराबाद से सांसद और उनका छोटा भाई अकबरुद्दीन ओवैसी तेलंगाना का पार्टी अध्यक्ष है। अकबरुद्दीन ओवैसी तब चर्चा में आए जब सेना को लेकर प्रतिकूल बयानबाजी की थी। अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने एआईएमआईएम को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। तेलंगाना में भी तीन माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। मौलाना मौलवियों को अनुदान देने के पीछे मुस्लिम मतदाताओं को खुश करना भी है। असल में तेलंगाना की 35 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है, इसलिए इन सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी ही जीतते हैं। सीएम चंद्रशेखर राव तुष्टीकरण में कांग्रेस को पीछे छोड़ना चाहते हैं, इसलिए अनुदान के साथ साथ अल्पसंख्यकों को कब्रिस्तान के लिए भी 125 एकड़ भूमि का आवंटन कर रहे हैं। कहा जा सकता है कि तेलंगाना की मौजूदा सरकार ओवैसी बंधुओं के दबाव में काम कर रही है। सरकार की तुष्टीकरण की नीति के कारण ही अजमेर में तेलंगाना गेस्ट हाउस का विरोध हो रहा है। राजस्थान में पिछली बार जब भाजपा की सरकार थी, तब अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा ने करीब पांच हजार वर्ग मीटर भूमि कोटड़ा क्षेत्र में रियायती दर पर आवंटित की। तेलंगाना सरकार का कहना रहा कि यह गेस्ट हाउस अजमेर आने वाले जायरीन के काम आएगा। ख्वाजा साहब की दरगाह में तेलंगाना से बड़ी संख्या में जायरीन जियारत के लिए आते हैं। क्षेत्रवासियों को आशंका है कि इस गेस्ट हाउस के बनने से क्षेत्र का माहौल खराब होगा। यही वजह है कि पिछले छह माह में कोटड़ा क्षेत्र के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। प्रत्येक शनिवार को सैकड़ों लोग एकत्रित होकर सुंदरकांड का पाठ भी करते हैं। गेस्ट हाउस के विरोध में जिला कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक को ज्ञापन दिए गए हैं। क्षेत्रवासियों के विरोध के चलते अभी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (16-08-2023)
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राजस्थान में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच तालमेल की संभावना और बढ़ी।भाजपा का जेजेपी के साथ तालमेल संभव।

16 अगस्त को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और राहुल गांधी की उपस्थिति में दिल्ली कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नेताओं की एक बैठक हुई। इस बैठक में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली प्रदेश में आम आदमी पार्टी से गठबंधन करने पर विचार विमर्श हुआ। आप इंडिया गठबंधन के उन 26 दलों में शामिल हैं। जिन्होंने लोकसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ने का संकल्प किया है, ताकि पीएम मोदी को हराया जा सक। हाल ही में कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप पार्टी में नजकियां तब और बढ़ी जब दिल्ली सर्विस बिल पर संसद में कांग्रेस ने केजरीवाल का समर्थन किया। इस समर्थन की एवज में केजरीवाल ने कांग्रेस के प्रमुख नेताओं का लिखित में आभार प्रकट किया। दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें हैं। इन सभी सात सीटों पर गत दो बार से भाजपा के उम्मीदवार ही जीत रहे हैं। चूंकि दिल्ली प्रदेश में दो बार से आप की सरकार बन रही है, इसलिए कांग्रेस और आम मिल कर लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं ताकि दिल्ली में भाजपा से कुछ सीटें छीनी जा सके। मोदी और भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस और केजरीवाल ने पहले के अपने सभी मतभेद भुला दिए हैं। भले ही केजरीवाल की पार्टी का जन्म ही कांग्रेस के भ्रष्टाचार के विरोध से हुआ हो, लेकिन अब केजरीवाल को कांग्रेस के साथ तालमेल करने में कोई एतराज नहीं है। जानकार सूत्रों के अनुसार बदली हुई परिस्थितियों में राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और आप का गठबंधन हो सकता है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी नहीं चाहते हैं कि आप की वजह से हार का सामना करना पड़े। गहलोत गुजरात चुनाव में कांग्रेस के सीनियर ऑब्जर्वर थे। कांग्रेस की हार के लिए गहलोत ने आप को ही जिम्मेदार माना था। केजरीवाल गुजरात की तरह राजस्थान में भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। प्रचार की शुरुआत धमाकेदार की थी। पंजाब से गंगानगर हनुमानगढ़ क्षेत्र में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बड़ी सभा भी कर चुके हैं। लेकिन इंडिया गठबंधन बनने के बाद केजरीवाल ने राजस्थान में कोई राजनीतिक गतिविधियां नहीं की है। कांग्रेस दिल्ली में तो केजरीवाल के साथ गठबंधन करे और राजस्थान में केजरीवाल कांग्रेस को हराए,ऐसा नहीं होगा। यदि दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए तालमेल होगा तो फिर विधानसभा चुनाव में राजस्थान में भी कांग्रेस और केजरीवाल के बीच तालमेल संभव है। सूत्रों के अनुसार सरकार रिपीट के लिए लालायित सीएम गहलोत केजरीवाल के साथ तालमेल के पक्ष में हैं। गहलोत चाहते हैं कि जिन सीटों पर भाजपा की दो से लेकर पांच बार तक लगातार जीत हो रही है, उनमें से कुछ सीटें केजरीवाल की पार्टी को दे दी जाए। यदि कांग्रेस और आप के बीच तालमेल होता है तो यह राजस्थान की राजनीति में बड़ा बदलाव होगा।
 
भाजपा, जेजेपी के साथ:
भाजपा को कांग्रेस और केजरीवाल के गठबंधन का आभास हो गया है, इसलिए भाजपा ने हरियाणा में अपनी सहयोगी जननायक जनता पार्टी की एंट्री राजस्थान में करवा दी है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और दिग्गज जाट नेता नारायण सिंह की पुत्रवधू रीटा सिंह 14 अगस्त को जेजेपी में शामिल हो गई हैं। जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला ने रीटा सिंह को हाथों हाथ प्रदेश की महिला विंग का अध्यक्ष मनोनीत कर दिया है। राजस्थान में जाट बाहुल्य करीब 28 सीटें ऐसी हैं जिन पर भाजपा प्रत्याशी की कभी जीत नहीं हुई। भाजपा ऐसी सीटों पर जेजेपी के उम्मीदवारों का समर्थन कर सकती है। मालूम हो कि जेजेपी के विधायकों के समर्थन से ही हरियाणा में भाजपा की सरकार चल रही है और अजय चौटाला के पुत्र दुष्यंत चौटाला खट्टर सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। जेजेपी की एंट्री करवा कर भाजपा भी जाट बाहुल्य सीटों पर कांग्रेस का प्रभाव कम करना चाहती है। सूत्रों के अनुसार रीटा सिंह दांतारामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जेजेपी की उम्मीदवार हो सकती है। अभी रीटा के पति वीरेंद्र सिंह कांग्रेस से विधायक हैं। 


S.P.MITTAL BLOGGER (16-08-2023)

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Monday 14 August 2023

पुष्कर के मौजूदा भाजपा विधायक सुरेश रावत का टिकट कटवाने और बाहरी नेताओं को रोकने के लिए चार दावेदारों ने गठबंधन किया।इससे विधायक समर्थकों में खलबली।


अजमेर के पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा भाजपा विधायक सुरेश रावत का आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट कटवाने और बाहरी नेताओं को रोकने के लिए पुष्कर क्षेत्र चार प्रमुख दावेदारों ने गठबंधन कर लिया है। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय मंत्री और पुष्कर स्थित कपालेश्वर महादेव मंदिर के महंत सेवानंद गिरी (मो.9414415450), पीसांगन पंचायत समिति के पूर्व प्रधान अशोक सिंह रावत (मो.9414354846), राजस्थान रावत महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शैतान सिंह रावत (मो.9414008777) तथा भाजपा ओबीसी मोर्चे के देहात जिला अध्यक्ष मदन सिंह रावत (मो. 9571072955) ने अपना गठजोड़ कर लिया है। पुष्कर क्षेत्र में इन चारों दावेदारों ने संयुक्त रूप से फ्लैक्स लगाए हैं। स्वाधीनता दिवस और रक्षा बंधन पर क्षेत्रवासियों को बधाई देने वाले इस फ्लेक्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो के साथ लिखा गया है कि जनता की मजबूरी बदलाव जरूरी है। यह फ्लैक्स पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि ये चारों दावेदार रावत समुदाय से संबंध रखते हैं। मौजूदा विधायक सुरेश रावत लगातार दो बार से भाजपा टिकट पर चुनाव जीत रहे हैं। माना जाता है कि सुरेश रावत की जीत में रावत मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यही वजह है कि भाजपा के अन्य रावत नेता भी टिकट की मांग करते हैं। इन चारों प्रमुख दावेदारों को इस बात का अंदाजा रहा कि यदि अलग अलग टिकट मांगा गया तो एक बार फिर सुरेश रावत को ही उम्मीदवार बना दिया जाएगा। इसलिए अब इन चारों प्रमुख दावेदारों ने एक गठबंधन बना लिया है। भाजपा के प्रदेश नेताओं को संदेश दिया गया है कि हम चारों में से किसी को भी उम्मीदवार बना दिया जाए। रावत दावेदारों के गठबंधन का एक उद्देश्य बाहरी नेताओं को पुष्कर आने से रोकना भी है। इन दिनों कई बाहरी नेता पुष्कर में सक्रिय होकर भाजपा के टिकट की मांग कर रहे हैं। चारों दावेदारों का कहना है कि स्थानीय व्यक्ति की ही टिकट मिलने पर रावत समुदाय एकजुट होगा। यदि किसी बाहरी व्यक्ति को उम्मीदवार बना दिया गया तो रावत नेता निर्दलीय खड़े हो कर भाजपा का खेल बिगाड़ सकते हैं। चारों दावेदारों ने इस बात को भी माना है कि सुरेश रावत के कार्यकाल में पुष्कर का अपेक्षित विकास नहीं हुआ है। जो समस्याएं दास वर्ष पहले थी, वे आज भी बनी हुई है। पवित्र सरोवर में आज भी दूषित पानी गिर रहा है। पिछले दस वर्षों में पांच वर्ष तो सुरेश रावत संसदीय सचिव के पद पर रहते हुए राज्य मंत्री की भूमिका में रहे। रावत समुदाय में भी मौजूदा विधायक के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।
 
नेताओं का गठबंधन:
चार प्रमुख दावेदारों के गठजोड़ पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक सुरेश रावत ने कहा कि भाजपा में लोकतांत्रिक व्यवस्था है, इसलिए हर कार्यकर्ता को टिकट मांगने का अधिकार है। लेकिन यह गठबंधन सिर्फ टिकट मांगने तक है,उन्होंने कहा कि रावत समुदाय ही नहीं बल्कि सर्व समाज में उनकी लोकप्रियता है। दस वर्ष के कार्यकाल में पुष्कर के मतदाताओं के सुख दुख में साथ रहे हैं। पुष्कर का चहुंमुखी विकास भी उनके माध्यम से हुआ है। पुष्कर क्षेत्र में जहां सड़कों का जाल बिछा वहीं केंद्र सरकार की अनेक योजनाओं का लाभ पुष्कर वासियों को दिलाया है। रावत ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासन में पुष्कर के साथ भेदभाव हुआ है, जिसका जवाब आगामी विधानसभा चुनाव में पुष्कर के मतदाता देंगे। 


S.P.MITTAL BLOGGER (14-08-2023)

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भगत सिंह नौजवान सभा जरूरतमंद व्यक्तियों को अजमेर और जयपुर के अस्पतालों में ब्लड उपलब्ध करवाएगी।15 अगस्त को आना सागर किनारे भारत माता की आरती और आतिशबाजी। विदेशी कलाकार तनुरा नृत्य करेंगे।ख्वाजा साहब की दरगाह से निकली तिरंगा रैली।

शहीद भगत सिंह नौजवान सभा की ओर से 13 अगस्त को अजमेर के अग्रवाल स्कूल  में जो रक्तदान शिविर लगाया गया, उसमें 1653 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ। सभा के प्रतिनिधि विजय तत्वेदी ने बताया कि एकत्रित ब्लड अब अजमेर के जेएलएन और जाना सरकारी अस्पतालों के साथ साथ पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल, पंचशील स्थित क्षेत्रपाल अस्पताल, ब्यावर के अमृतकौर अस्पताल और किशनगढ़ के यज्ञ नारायण अस्पताल तथा जयपुर के एसएमएस व दुर्लभजी अस्पतालों में जरूरतमंद मरीजों को उपलब्ध करवाया जाएगा। शिविर में एकत्रित ब्लड इन्हीं अस्पतालों को नि:शुल्क दिया गया है। इन अस्पतालों में निशुल्क ब्लड प्राप्त करने के लिए मोबाइल नंबर 9636007744 पर विजय तत्ववेदी से संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि रक्तदान के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सभी रक्त वीरों को संस्था की ओर से आईएसआई मार्का का एक हेलमेट भी दिया गया है। सभा की ओर से  15 अगस्त को रीजनल कॉलेज स्थित आनासागर चौपाटी पर देश भक्ति से जुड़े कार्यक्रम होंगे। लोक कलाकार जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे, वहीं विदेशी कलाकार तनुरा नृत्य की प्रस्तुति देंगे। मौके पर स्थापित की गई भारत माता की बड़ी तस्वीर की महाआरती भी की जाएगी। इसके बाद आनासागर के ऊपर आतिशबाजी होगी। शहरवासी आनासागर के चारों तरफ खड़े होकर आतिशबाजी का आनंद ले सकेंगे। समारोह की शुरुआत सायं सात बजे से होगी।
 
दरगाह के बाहर तिरंगा रैली:
स्वाधीनता दिवस के उपलक्ष में 14 अगस्त को अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह के बाहर से एक तिरंगा रैली निकाली गई। रैली शुरू होने से पहले सभी को तिरंगे वितरित किए गए। यह रैली दरगाह से शुरू होकर देहली गेट तक पहुंची। रैली में बड़ी संख्या में मुस्लिम प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने देश भक्ति के नारे लगाए। रैली के आयोजक नवाब हिदायतुल्ला ने बताया कि यह रैली गत पांच वर्षों से लगातार की जा रही है। रैली का उद्देश्य सौहार्द को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि ख्वाजा साहब की दरगाह में सभी धर्मों के लोग आते हैं। यहां सूफी परंपरा के अनुरूप जियारत भी की जाती है। यही वजह है कि दरगाह को देश भर में साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल माना जाता है। इस सौहार्द को बनाए रखने के लिए ही दरगाह के बाहर से तिरंगा रैली निकाली जाती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (14-08-2023)

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मंत्री कटारिया, मालवीय और सुभाष गर्ग संभाग मुख्यालयों पर ध्वजारोहण करेंगे, जबकि खाचरियावास नवगठित जिला केकड़ी में।धारीवाल, कल्ला जैसे मंत्रियों का पूरा सम्मान। टोंक में मुरारीलाल मीणा को भेज कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के प्रति नरम रुख दिखाया।अजमेर में संभागीय आयुक्त मीणा करेंगे ध्वजारोहण।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मन में क्या है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। गहलोत पहले ही कह चुके हैं कि राजनीति में जो होता है, वह दिखता नहीं और जो दिखता है, वह होता नहीं है। लेकिन ऐसे घाघ राजनेता की कार्यप्रणाली से कुछ तो अंदाजा लगाया जा सकता है। गहलोत अपने कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से नाराज हैं, इसका पता 15 अगस्त को स्वाधीनता समारोहों में मंत्रियों के ध्वजारोहण की सूची से भी पता चलता है, कौन मंत्री किस जिले में ध्वजारोहण करेंगे, इसका निर्णय मुख्यमंत्री ही करते हैं। राजस्थान में तीन माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं, इसलिए इस बार का ध्वजारोहण हर मंत्री के लिए महत्वपूर्ण है। सीएम गहलोत ने मंत्री लालचंद कटारिया को सीकर, महेंद्रजीत मालवीय को बांसवाड़ा तथा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग को भरतपुर संभाग मुख्यालय पर ध्वजारोहण का अवसर दिया है, जबकि कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को नवगठित जिला केकड़ी में भेजा है। यह सही है कि खाचरियावास जयपुर शहर से विधायक हैं और जयपुर में राज्य स्तरीय समारोह होता है, जिसमें मुख्यमंत्री ही ध्वजारोहण करेंगे। लेकिन जब अन्य मंत्रियों को दूसरे बड़े जिलों में भेजा जा सकता है,तब खाचरियावास जैसे दबंग मंत्री को छोटे जिले में क्यों भेजा जा रहा है? केकड़ी से रघु शर्मा कांग्रेस के विधायक हैं। 11 अगस्त को जयपुर में हुई कांग्रेस पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में सीएम गहलोत ने खाचरियावास और रघु शर्मा दोनों को कड़ी फटकार लगाई थी। खाचरियावास को तो यहां तक कहा गया कि मैं मजबूरी में आपकी अनुशासनहीनता बर्दाश्त कर रहा हंू। खाचरियावास की तभी से बोलती बंद हैं। अब केकड़ी में ध्वजारोहण के निर्णय से खाचरियावास को और झटका लगेगा। गहलोत ने बड़ी सफाई से रघु और खाचरियावास को राजनीति की एक ही नाव में बैठा दिया है। वहीं सीएम गहलोत ने अपने प्रतिद्वंदी पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के प्रति नरम रुख प्रदर्शित किया है। असल में पायलट से विवाद के चलते सीएम गहलोत ने रघु और खाचरियावास जैसे मंत्रियों को अपने गले में टांगा था। अब जब पायलट के साथ पहले जैसी प्रतिद्वंदिता नहीं है, जब रघु और खाचरियावास की दबंगता क्यों स्वीकार की जाए। सीएम ने पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक में मंत्री मुरारीलाल मीणा को अवसर दिया है। मीणा पायलट के कोटे से ही मंत्री बने हैं। मीणा 2020 में पायलट के साथ दिल्ली भी गए थे। सीएम गहलोत ने खाचरियावास को भले ही केकड़ी भेजा हो, लेकिन शांति धारीवाल, बीडी कल्ला जैसे वरिष्ठ मंत्रियों के सम्मान का पूरा ख्याल रखा है। धारीवाल को कोटा और कल्ला को बीकानेर में ध्वज फहराने का अवसर दिया है। यानी दोनों मंत्री अपने गृह जिले में ही झंडारोहण करेंगे। संसदीय सचिव महेंद्र चौधरी को भी अपने गृह जिले नागौर में अवसर दिया है। इसी के साथ ही हेमाराम चौधरी बालोतरा, परसादी लाल मीणा गंगापुर सिटी, डॉ.महेश जोशी नीम का थाना, रामलाल जाट शाहपुरा, प्रमोद भाया बारां, विश्वेंद्र सिंह डीगा, उदयलाल आजना चित्तौडग़ढ़, साले मोहम्मद फलौदी, श्रीमती ममता भूपेश बैरवा दौसा, भजनलाल जाटव ब्यावर, टीकाराम जूली अलवर, गोविंद राम मेघवाल अनूपगढ़, श्रीमती शकुंतला रावत खैरथल, बृजेंद्र ओला चूरू, श्रीमती जाहिदा खान दूदू, अर्जुन सिंह बामनिया सलूंबर, अशोक चांदना बूंदी, भंवरसिंह भाट डीडवाना कुचामन, राजेंद्र सिंह यादव कोटपुतली बहरोड व सुखराम विश्नोई सांचोर में ध्वजारोहण करेंगे।
 
मीणा अजमेर में:
प्रदेश के 10 संभाग मुख्यालयों में से पांच में ध्वजारोहण के लिए मंत्रियों की नियुक्ति कर दी गई है, जबकि शेष पांच अजमेर, जोधपुर, उदयपुर और पाली में संभागीय आयुक्त को ही अधिकार दिया गया है। जयपुर में सीएम गहलोत स्वयं ध्वजारोहण करेंगे। मुख्यमंत्री के इस निर्णय के अनुरूप ही अजमेर में संभागीय आयुक्त सीआर मीणा ध्वजारोहण करेंगे। 


S.P.MITTAL BLOGGER (14-08-2023)

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Sunday 13 August 2023

जयपुर में भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के नेतृत्व में निकली तिरंगा बाइक रैली।2047 तक भारत दुनिया का सबसे प्रगतिशील देश बनेगा।

केंद्र सरकार के हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत 13 अगस्त को जयपुर में पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा जयपुर ग्रामीण के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के नेतृत्व में तिरंगा बाइक रैली निकली। इस रैली में सांसद राठौड़ ने आम जनों के साथ हेलमेट पहनकर बाइक चलाई। देश भक्ति से जुड़े इस कार्यक्रम में सेना के साथ साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों के अधिकारियों और महिला जवानों ने भी भाग लिया। यह रैली विजय द्वार से शुरू होकर अमर जवान ज्योति पर समाप्त हुई। रैली में जयपुर के बाइकर्स ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। तिरंगा रैली की वजह से पूरे जयपुर का माहौल देशभक्ति पूर्ण हो गया। रैली के समापन पर सांसद राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आव्हान पर ही देश भर में 13 से 15 अगस्त तक घर घर तिरंगा अभियान शुरू किया गया है। 15 अगस्त हमारे लिए सिर्फ स्वाधीनता दिवस का दिन नहीं है, बल्कि यह लोगों में देशभक्ति का जज्बा दिखाने का दिन भी है। उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार तिरंगा रैली में लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है उससे जाहिर है कि लोग अपनी देशभक्ति की भावनाओं को प्रकट कर रहे हैं। राठौड़ ने कहा कि पीएम मोदी ने हमारे सामने आगामी 25 वर्षों का रोड मैप रखा है। मोदी की दूरदृष्टि के कारण ही 2047 में भारत दुनिया का सबसे बड़ा प्रगतिशील देश होगा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की नीतियों की वजह से आज देश का तेजी से विकास हो रहा है। वहीं अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का दबदबा बढ़ा है। यूक्रेन और रूस के युद्ध में जब दुनिया अलग अलग नजर आ रही है, तब दोनों ही युद्ध ग्रस्त देश शांति के लिए भारत की ओर देख रहे हैं। उन्होंने आज पड़ोसी देश पाकिस्तान में अराजकता का माहौल है। जबकि भारत में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। देश कि हर नागरिक ने तरक्की है। भारत का युवा विदेशों में भी अपनी दक्षता दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी। 


S.P.MITTAL BLOGGER (13-08-2023)

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