Thursday 9 May 2019

कांग्रेस ने भले ही स्वीकार न किया हो, लेकिन नरेन्द्र मोदी ने तो दो चरणों के चुनाव को राजीव गांधी के मुद्दे पर कर दिया है।

कांग्रेस ने भले ही स्वीकार न किया हो, लेकिन नरेन्द्र मोदी ने तो दो चरणों के चुनाव को राजीव गांधी के मुद्दे पर कर दिया है।
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देश में लोकसभा चुनाव के 7 में से 5 चरण पूरे हो चुके हैं। छठा और सातवां चरण क्रमश: 12 मई और 19 मई को होगा। 6 मई के पांचवें चरण के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के पिता पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को भ्रष्टाचारी कहा तो कांग्रेस में उबाल आ गया। कांग्रेस के नेताओं की टिप्पणियों को देखते हुए मोदी ने कहा कि यदि राजीव गांधी की छवि इतनी ही अच्छी थी तो कांग्रेस राजीव गांधी के मुद्दे पर शेष दो चरणों के चुनाव लड़ ले। हालांकि कांग्रेस ने मोदी की इस चुनौती को स्वीकार नहीं किया, लेकिन मोदी ने राजीव गांधी पर लगातार राजनीतिक हमले जारी रखे। 8 मई को दिल्ली की चुनावी सभा में मोदी ने कहा कि राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए सेना की युद्ध पोत आईएनएस विराट का इस्तेमाल टैक्सी की तरह किया। जो युद्ध पोत समुन्द्र में देश की सुरक्षा के काम आनी चाहिए, उसे दस दिनों तक एक द्वीप पर खड़े रखा, ताकि प्रधानमंत्री के ससुराल और परिवार वाले पिकनिक मना सके। मोदी ने कहा कि नामदार (राहुल गांधी) कहते हैं कि सेना किसी की जागीर नहीं है, लेकिन यह भूल जाते हैं कि उनके पिता ने सेना को जागीर की तरह ही इस्तेमाल किया। असल में कांग्रेस जिस चुनौती से बचना चाहती है उसी चुनौती को मोदी बार बार कांग्रेस के सामने खड़ा कर रहे हैं। 8 मई के दिल्ली वाले बयान पर कांग्रेस में फिर से उथल पुथल हो रही है। एक के बाद एक नेता मोदी के खिलाफ बोल रहे हैं। यानि दो चरणों के चुनाव को मोदी जिस मोड़ पर ले जाना चाहते थे, उसी मोड़ पर चुनाव प्रचार पहुंच रहा है। 12 और 19 मई के चुनावों का सबसे ज्यादा असर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में हैं। सब जानते हैं कि श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में क्या हुआ था। श्रीमती गांधी के बाद राजीव गांधी ही प्रधानमंत्री बने थे। इसे मोदी की रणनीति ही कहा जाएगा कि उन्होंने चुनाव के हर चरण में नीति को बदला है। सवाल यह भी है कि कांग्रेस दो चरणों के चुनाव राजीव गांधी के मुद्दे पर क्यों नहीं लडऩा चाहती? आखिर राजीव गांधी भी तो कांग्रेस के नेता रहे। कांग्रेस को राजीव गांधी के प्रधानमंत्री काल के कार्यों को देश के सामने रखने चाहिए, ताकि मोदी को जवाब दिया जा सके। 
एस.पी.मित्तल) (09-05-19)
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