जो भूटान हमारे दुश्मन देश चीन की गोद में बैठा हुआ था, उसी भूटान ने 22 मार्च को हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो से सम्मानित किया है। यह सम्मान खुद भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने दिया। खास बात यह है कि भूटान के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब किसी विदेशी नागरिक को यह सम्मान दिया गया है। सब जानते हैं कि भारत की सीमाएं भूटान से लगी हुई है, लेकिन चीन के डर की वजह से भूटान का झुकाव चीन की ओर है। ऐसे माहौल में ही भूटान ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया है। इसे भारत की सफल कूटनीति ही माना जाएगा। स्वाभाविक है कि भूटान को चीन के मुकाबले में खड़ा करने में भारत ने विशेष प्रयास किए होंगे। अब चीन भूटान में अपनी राय नहीं थोप सकता है। भूटान को सहयोग करने के लिए कई समझौते भी किए गए है। चीन पर नियंत्रण रखने के लिए भारत और भूटान की दोस्ती जरूरी है। इसमें कोई दोराय नहीं कि भारत ने फिलहाल भूटान को चीन की गोद से उठा लिया है।
भूटान में आचार संहिता नहीं:
सब जानते हैं कि लोकसभा चुनाव के कारण भारत में आचार संहिता लगी हुई है, इसलिए बड़े सरकारी समारोह नहीं हो सकते हैं। लेकिन पड़ोसी देश भूटान में आचार संहिता नहीं है। इसे भी कूटनीति ही कहा जाएगा कि लोकसभा चुनाव के दौरान ही भूटान में मोदी को अपने देश में बुलाया और सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया। 22 मार्च को भारत में जब भ्रष्टाचार के आरोप में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अदालत में पेश किया जा रहा था, तभी भूटान में पीएम मोदी का सम्मान हो रहा था। देश के विपक्षी दलों को राजनीति की इस कूटनीति को भी समझना चाहिए। हो सकता है कि आने वाले दिनों में पड़ोसी देशों में ऐसे और समारोह हो। भूटान के सम्मान को मोदी ने देश के 140 करोड़ लोगों को समर्पित किया है। पीएम मोदी 22 और 23 मार्च को भूटान के दौरे पर रहे। इस दौरे में मोदी के सम्मान में भूटान ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
भूटान में आचार संहिता नहीं:
सब जानते हैं कि लोकसभा चुनाव के कारण भारत में आचार संहिता लगी हुई है, इसलिए बड़े सरकारी समारोह नहीं हो सकते हैं। लेकिन पड़ोसी देश भूटान में आचार संहिता नहीं है। इसे भी कूटनीति ही कहा जाएगा कि लोकसभा चुनाव के दौरान ही भूटान में मोदी को अपने देश में बुलाया और सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया। 22 मार्च को भारत में जब भ्रष्टाचार के आरोप में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अदालत में पेश किया जा रहा था, तभी भूटान में पीएम मोदी का सम्मान हो रहा था। देश के विपक्षी दलों को राजनीति की इस कूटनीति को भी समझना चाहिए। हो सकता है कि आने वाले दिनों में पड़ोसी देशों में ऐसे और समारोह हो। भूटान के सम्मान को मोदी ने देश के 140 करोड़ लोगों को समर्पित किया है। पीएम मोदी 22 और 23 मार्च को भूटान के दौरे पर रहे। इस दौरे में मोदी के सम्मान में भूटान ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
S.P.MITTAL BLOGGER (23-03-2024)
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