Friday 29 March 2024

आखिर एक माफिया की मौत का इतना महिमामंडन क्यों?

उत्तर प्रदेश, पंजाब और दिल्ली में आतंक मचाने वाले माफिया मुख्तार अंसारी का 28 मार्च को उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। अंसारी पर तीन राज्यों में 65 से ज्यादा मुकदमे दर्ज है। पिछले डेढ़ वर्ष में अंसारी को 17 मुकदमों में दोषी मानकर सजा सुनाई गई। दो मामलों में तो अदालत ने दो बार उम्र कैद की सजा सुनाई। उत्तर प्रदेश में जो समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का शासन रहा, तब आतंक की दुनिया में अंसारी का एकछत्र शासन रहा, लेकिन अब जब अंसारी की जेल में प्राकृतिक मौत हुई है तो मीडिया खासकर न्यूज चैनल वाले महिमा मंडन करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पहले जेल और फिर शव को मेडिकल कॉलेज जाने तथा कब्रिस्तान ले जाने तक के दृश्य न्यूज चैनलों पर लाइव दिखाए जा रहे हैं। चैनल वाले ऐसा दिखा रहे हैं जैसे देश के किसी महान व्यक्ति की मौत हो गई है। सवाल उठता है कि जो व्यक्ति अपराध की दुनिया से जुड़ा रहा और जिसने बेगुनाह लोगों पर अत्याचार किए आखिर उसकी मौत का महिमामंडन क्यों किया जा रहा है? यह माना कि राजनीतिक संरक्षण के कारण मुख्तार अंसारी जनप्रतिनिधि भी बन गया था, लेकिन उसके अपराध कभी भी छिपे नहीं। ऐसे व्यक्ति के निधन का महिमा मंडन होना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं माना जा सकता। न्यूज चैनल वालों को यह समझना चाहिए कि आमद दर्शक का ऐसी खबरों से कोई सरोकार नहीं होता। जो लोग न्यूज चैनल देखते हैं उन्हें देश के डवलपमेंट और प्रमुख घटनाओं में रुचि होती है। चैनल वालों ने 29 मार्च के दिन को जुमे से भी जोड़ दिया। चूंकि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आबादी ज्यादा है, इसलिए सरकार को भी कई जिलों में धारा 144 लागू करनी पड़ी। यदि न्यूज चैनलों पर इतना महिमा मंडन नहीं होता तो अंसारी के शव का सुपुर्द-ए-खाक सामान्य तरीके से हो जाता। कहा जा सकता है कि तनाव को अस्थायी रूप से पनपाने में भी न्यूज़ चैनल वालों की भी भूमिका रही। मुख्तार अंसारी के जुर्म के शिकार सिर्फ हिंदू समुदाय के लोग ही नहीं हुए, बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ाके भी प्रताडि़ किया गया था। जिन लोगों की हत्याएं हुई उन के परिजन को आज न्याय मिला होगा। जिन लोगों की जमीन छीन ली गई उन्हें भी न्याय की उम्मीद जगी होगी। जिन लोगों का अपहरण कर फिरौती ली गई उनके परिजन को भी राहत मिली होगी। कुछ लोग निहित स्वार्थों की वजह से अंसारी की मौत पर हंगामा कर सकते हैं, लेकिन आमतौर पर अंसारी के साथ सहानुभूति देखने को नहीं मिली है। हालांकि अंसारी के बेटे ने जेल में जहर देने का आरोप लगाया है। लेकिन जेल प्रशासन का कहना है कि दो दिन पहले स्वास्थ्य खराब होने के कारण अंसारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब उनकी विस्तृत जांच हुई थी। तब किसी भी रिपोर्ट में शरीर में जहर होने की बात सामने नहीं आई। जेल नियमों के मुताबिक अंसारी को सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही थी। अंसारी को जिन मामलों में सजा मिली, उनमें भी न्यायिक प्रक्रिया को अपनाया गया। 

S.P.MITTAL BLOGGER (29-03-2024)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9929383123
To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment