27 जून को भोपाल में भाजपा कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने विपक्षी दलों के नेताओं के भ्रष्टाचार गिनाएं। भ्रष्टाचारियों के परिवारों की सूची में पीएम मोदी ने मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव, शरद पवार, फारुख अब्दुल्ला, करुणानिधि और के चंद्रशेखर राव के नामों का उल्लेख किया, लेकिन इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का उल्लेख नहीं किया। जबकि दिल्ली के शराब घोटाले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस प्रकार हवाला के कारोबार के आरोप में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन तो पिछले एक वर्ष से जेल में हैं। पचास करोड़ रुपए का बंगला बनवाने पर खुद केजरीवाल चर्चाओं में है। चूंकि पीएम ने केजरीवाल की पार्टी को भ्रष्टाचारी नहीं बताया, इसलिए अगले ही दिन 28 जून को आम के महासचिव और राज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक ने केंद्र सरकार के यूनिफॉर्म सिविल कोड यूसीसी के प्रस्ताव का समर्थन कर दिया। डॉ. पाठक ने कहा कि देश के संविधान का अनुच्छेद 44 भी कहता है कि यूसीसी लागू होना चाहिए। मालूम हो कि आईएएस के तबादले को लेकर केंद्र सरकार ने जो अध्यादेश लागू किया है उसका संसद में विरोध करने के लिए केजरीवाल ने कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों से सहयोग मांगा था। लेकिन कांग्रेस ने समर्थन देने से इंकार कर दिया। कांग्रेस के समर्थन के बगैर संसद में प्रस्ताव को गिराया नहीं जा सकता। यही वजह रही कि पटना में हुई विपक्षी की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी केजरीवाल की पार्टी ने बहिष्कार किया। जब विपक्ष का साथ नहीं मिला तो अब केजरीवाल ने केंद्र सरकार के निर्णयों का समर्थन करने लगे हैं। केजरीवाल के रंग बदलने के कारण ही कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और दिल्ली की राजनीति में दखल रखने वाले अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल स्वार्थी राजनेता है। अब विपक्ष की एकता को तोड़ने के लिए केंद्र का समर्थन कर रहे हैं। केजरीवाल की राजनीति का उद्देश्य सिर्फ स्वयं के स्वार्थ पूरे करना है। पचास करोड़ रुपए का बंगला बनवाने से जाहिर होता है कि केजरीवाल को भी ऐश ओ आराम की जिंदगी गुजारनी है।
S.P.MITTAL BLOGGER (29-06-2023)
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