अजमेर के रीजनल कॉलेज वाली चौपाटी अब फेस्टिवल पॉइंट बन गई है। 7 सितंबर को भी जब नगर निगम ने जन्माष्टमी पर्व पर चौपाटी पर झांकियां सजाई गई तो पूरा शहर उमड़ पड़ा। रात 12 बजे तक चौपाटी के सामने 100 फिट चौड़ी सड़क पर पैर रखने की जगह नहीं थी। झांकियां देखने आए हजारों लोगों को भारी परेशानी का सामना भी करना पड़ा। असल में विभिन्न संस्थाएं इस चौपाटी पर फेस्टिवल के आयोजन तो करती है, लेकिन ट्रैफिक मैनेजमेंट और पार्किंग का कोई ख्याल नहीं रखा जाता। 7 सितंबर को भी जन्माष्टमी की झांकी देखने आए हजारों लोगों के वाहनों के लिए पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की गई। फलस्वरूप लोगों में अपने चौपहिया और दोपहिया वाहनों को पुष्कर रोड से जुड़ी आवासीय कॉलोनी की गलियों में खड़ा कर दिया। इससे इन कॉलोनियों में भी जाम की स्थिति हो गई। हालांकि पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन ट्रैफिक जाम को खुलवाने में पुलिस की कोई रुचि नहीं देखी गई। पुलिस कर्मियों का सारा ध्यान जो बेरीकेड लगाए उन पर था, ताकि लोग भीड़ वाली जगह पर अपने वाहन न ले जा सके। जन्माष्टमी के पर्व पर पुलिस ने पुष्कर रोड के वैशाली नगर की ओर जाने वाले ट्रैफिक को तो रोक दिया, लेकिन वैशाली नगर से पुष्कर रोड आने वाले वाहनों पर रोक नहीं लगाई। यही वजह रही कि चौपाटी पर जब हजारों लोग झांकियां देखने के लिए उपस्थित थे, तब सड़क पर वैशाली नगर से वाहन आ रहे थे। कई वाहन तो बीच सड़क पर खड़े हो गए ताकि वाहन में बैठे लोग झांकियों का आनंद ले सके। चौपाटी पर सामाजिक और धार्मिक आयोजन हो यह अच्छी बात है, लेकिन भीड़ को देखते हुए प्रशासन को ट्रैफिक मैनेजमेंट और पार्किंग के इंतजाम अनिवार्य रूप से करने चाहिए।
आनंद सागर में दुर्गंध:
7 सितंबर की रात को जब आनासागर के किनारे बनी चौपाटी पर हजारों लोग उपस्थित थे, तभी आनासागर से दुर्गंध आ रही थी। भगवान श्रीकृष्ण की झांकियां देखने आए लोगों को अपनी नाक पर रुमाल रखना पड़ा। असल में आनासागर का पानी निरंतर कम हो रहा है। फलस्वरूप किनारे पर एकत्रित गंगदी में से दुर्गंध आ रही है। इसके साथ ही आनासागर में अभी भी नालों का गंदा पानी गिर रहा है। इसलिए पानी में भी दुर्गंध है। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत आनासागर कि किनारे चारों तरफ चौपाटी और पाथवे का निर्माण कर दिया गया है। लेकिन आनासागर से उठने वाली दुर्गंध को रोकने के अभी तक भी पुख्ता इंतजाम नहीं हुए हैं।
आनंद सागर में दुर्गंध:
7 सितंबर की रात को जब आनासागर के किनारे बनी चौपाटी पर हजारों लोग उपस्थित थे, तभी आनासागर से दुर्गंध आ रही थी। भगवान श्रीकृष्ण की झांकियां देखने आए लोगों को अपनी नाक पर रुमाल रखना पड़ा। असल में आनासागर का पानी निरंतर कम हो रहा है। फलस्वरूप किनारे पर एकत्रित गंगदी में से दुर्गंध आ रही है। इसके साथ ही आनासागर में अभी भी नालों का गंदा पानी गिर रहा है। इसलिए पानी में भी दुर्गंध है। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत आनासागर कि किनारे चारों तरफ चौपाटी और पाथवे का निर्माण कर दिया गया है। लेकिन आनासागर से उठने वाली दुर्गंध को रोकने के अभी तक भी पुख्ता इंतजाम नहीं हुए हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (08-09-2023)
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