Wednesday, 23 April 2025

अजमेर की पत्रकारिता के स्तंभ रहे महावीर सिंह चौहान का निधन। श्री हनुमान वंदना का पांचवां संस्करण जारी। अजमेर के पार्षद शेखावत ने भी जेडी वेंस का संबोधन सुना।

अजमेर की पत्रकारिता के स्तंभ रहे महावीर सिंह चौहान का 22 अप्रैल को निधन हो गया और 23 अप्रैल को पुष्कर रोड स्थित शमशान स्थल पर अंतिम संस्कार कर दिया। 75 वर्षीय चौहान अपने पीछे दो पुत्र और एक पुत्री छोड़ गए हैं। चौहान के बड़े पुत्र मनीष सिंह चौहान दैनिक भास्कर के अजमेर संस्करण में सिटी रिपोर्टर के तौर पर काम कर रहे है। चौहान ने पत्रकारिता तब शुरू की जब अखबार के समाचारों की कंपोजिंग हाथ से होती थी। यानी रांगा धातु से बने अक्षरों को एक एक कर जमाया जाता था। उस समय महावीर सिंह चौहान दैनिक नवज्योति अखबार में काम करते थे। एक समय ऐसा भी आया, जब फिल्म जगत की खबरों से नवज्योति को जबदरस्त लोकप्रियता मिली। चूंकि चौहान के संबंध फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों से थे, इसलिए फिल्मी खबरें नवज्योति में प्रकाशित हुई। फिल्मों की समीक्षा करने में भी चौहान को महारत हासिल थी। दैनिक पत्रों का काम छोड़ने के चौहान ने मोगरा नाम से एक साप्ताहिक अखबार भी निकाला। हालांकि जीवन के अंतिम दिनों में वे अस्वस्थ रहे, लेकिन उनकी सक्रियता बनी रही। उन्हें फोटोग्राफी का भी बेहद शोक रहा। स्वर्गीय चौहान के निधन पर मोबाइल नंबर 9460090344 पर उनके पुत्र मनीष चौहान को अपनी संवेदनाएं बताई जा सकती है। हनुमान वंदना: सेवानिवृत्त आरएएस रामसुख गुर्जर द्वारा तैयार श्री हनुमान वंदना का पांचवां संस्करण जारी हो गया है। गुर्जर ने बताया कि तुलसी पीठाधीश्वर जगत गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने हनुमान चालीसा के कई शब्दों को शुद्ध किया है। ऐसे शुद्ध शब्दों से ही हनुमान चालीसा को तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि इस पांचवें संस्करण में हनुमान जी से जुड़ी सभी आरतियां, हनुमान चालीसा और पूजा विधि विधान की विस्तृत जानकारी दी गई है। गुर्जर का अनुभव है कि श्री हनुमान चालीसा का प्रतिदिन 11 बार श्रद्धा के साथ स्मरण करने से मनोकामना पूर्ण होती है। हनुमान चालीसा एक सिद्ध महामंत्र है। श्री हनुमान वंदना का वितरण निशुल्क रूप से किया जाता है। इस बार हनुमान वंदना को पॉकेट बुक के रूप में प्रकाशित किया गया है। इसे जेब में रखा जा सकता है। हनुमान वंदना प्राप्त करने के लिए मोबाइल नंबर 9414364751 पर रामसुख गुर्जर से संवाद किया जा सकता है। संबोधन सुना: अजमेर नगर निगम के पार्षद देवेंद्र सिंह शेखावत ने 22 अप्रैल को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में आयोजित भारत अमेरिका ट्रेड संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने संबोधित किया। जेडी वेंस के विचारों के बारे में जानकारी मोबाइल नंबर 9749922222 पर पार्षद शेखावत से ली जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (23-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

कश्मीर में जब हिंदुओं पर गोली चलाई जा रही थी, तब दिल्ली में कुछ मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि दूसरी जंग का संकल्प ले रहे थे। मोदी ने तो पहले ही कहा था- गले में मंगलसूत्र तोड़कर ले जाएंगे। हिंदुओं के रहते हुए ही भारत में मुसलमान सुरक्षित रह सकते हैं।

22 अप्रैल को दोपहर को जब श्रीनगर के पहलगाम में कुछ मुस्लिम आतंकी हिन्दू पर्यटक पर गोलियां चला रहे थे, तब दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कुछ मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि भारत में दूसरी जंग लड़ने का संकल्प ले रहे थे। पहलगाम में मुस्लिम आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म और नाम पूछकर गोली मार दी। इस खुले हत्याकांड में 28 पर्यटक मारे गए। हिन्दुओं की हत्या की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। यह संगठन पाकिस्तान से संचालित होता है। सवाल उठता है कि कश्मीर में हिंदू पर्यटकों की हत्या से किसका नुकसान होगा? सब जानते हैं कि तीन दशकों तक जम्मू कश्मीर आतंक की गिरफ्त में रहा। वर्ष 2020 में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर में जो शांति हुई उसी का परिणाम है कि करोड़ों पर्यटक आने लगे। इसका सबसे बड़ा फायदा कश्मीरी मुसलमानों को मिला। अब यदि हिंदू पर्यटक आना बंद कर देंगे तो फिर कश्मीरी मुसलमानों के सामने दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो जाएगा। आतंकियों ने हिंदुओं की हत्या कर कश्मीरी मुसलमानों का ही नुकसान किया है। गंभीर बात तो यह है कि जब कश्मीर में धर्म और नाम पूछकर गोली मारी जा रही थी, तभी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कुछ मुस्लिम संगठनों के आह्वान पर एक सम्मेलन हो रहा था। यह सम्मेलन वक्फ के नए कानून के विरोध में हुआ। कश्मीर के गोलीकांड की शुरुआती खबर जब टीवी चैनलों पर प्रसारित हो रही थी, तभी ताल कटोरा स्टेडियम में मुस्लिम नेताओं द्वारा दिए गए भाषण भी प्रसारित हो रहे थे। वक्फ के नए कानून को मुसलमानों का विरोधी मानते हुए कहा गया कि अब आजादी की दूसरी जंग लड़ी जाएगी। भारत में रहकर जो मुसलमान आजादी की दूसरी जंग लड़ने की बात कह रहे हैं उन्हें यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि भारत में जब तक हिन्दू बहुसंख्यक है, तब तक मुसलमान भी सुरक्षित है। जिस दिन हिन्दू अल्पसंख्यक हो गया, उस दिन भारत में रहने वाले मुसलमान भी सुरक्षित नहीं रहेंगे। इसका उदाहरण मुस्लिम देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में देखा जा सकता है। यह तीनों देश भारत की सीमा से सटे हुए हैं। यहां मुसलमान ही मुसलमानों को मार रहे हैं। भारत में आज मुसलमान इसलिए समृद्धि और सुरक्षा के साथ रह रहा है कि हिन्दू आबादी बहुसंख्यक है। जहां तक वक्फ के नए कानून का सवाल है तो इसका फायदा भी पिछड़ी जाति के गरीब मुसलमानों को ही मिलेगा। सरकार ने कई बार स्पष्ट कर दिया है कि वक्फ की संपत्तियों से जो इनकम होगी, उसे गरीब मुसलमानों के विकास पर ही खर्च किया जाएगा। जब वक्फ के नए कानून का लाभ गरीब मुसलमानों को मिलेगा तो फिर दिल्ली में वे कौन से मुसलमान हैं जो दूसरी जंग लड़ने का संकल्प ले रहे है। तालकटोरा स्टेडियम में एकत्रित नेता बेवजह मुसलमानों को गुमराह कर रहे है कि मस्जिदें, कब्रिस्तान, मदरसे जैसे धार्मिक स्थल छीन लिए जाएंगे। जबकि सच्चाई यह है कि नए कानून से इन धार्मिक स्थलों पर मजबूती मिलेगी। जैसे जर्जर पड़ी मस्जिदों का जीर्णोद्धार होगा तथा कब्रिस्तानों की चार दीवारी कर सुरक्षित बनाया जाएगा। मोदी ने पहले ही कहा था: हिन्दू महिलाओं के गले से मंगलसूत्र तोड़कर ले जाएंगे, यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान सभाओं में कही थी, तब अनेक राजनीतिक दलों के नेताओं ने मोदी के इस कथन को गैर जिम्मेदाराना बताया था। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई घटना ने मोदी के कथन को सही साबित किया है। जिन 28 लोगों को मौत के घाट उतारा गया इनमें अधिकांश युवा है। वीडियो में पत्नियों को पति के शव पर बिलखते देखा गया है। पति की मोत के बाद पत्नी का मंगलसूत्र अपने आप टूट जाता है। हृदय विदारक बात तो यह है कि जो युवा जोड़े हनीमून मनाने गए थे, उन्हें भी नहीं बख्शा गया। जिस लड़की की शादी को दो माह पहले हुई हो और उसके पति की गोली मारकर हत्या कर दी जाए तो उस पत्नी की पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है। S.P.MITTAL BLOGGER (23-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Wednesday, 16 April 2025

सुप्रीम कोर्ट ने भी माना की देश के कानून से ऊपर है मुसलमानों का मामला। इतना अधिकार तो किसी मुस्लिम देश में भी नहीं। कट्टरपंथियों की वजह से पश्चिम बंगाल में एक हजार हिंदुओं को शरणार्थी शिविरों में रहना पड़ रहा है।

सब जानते हैं कि वक्फ एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों में स्वीकृत हो गया है और संसद की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति ने भी नए कानून के आदेश जारी कर दिए है। देश के संविधान के मुताबिक अब किसी भी अदालत में नए कानून को चुनौती नहीं दी जा सकती, लेकिन इसके बावजूद भी वक्फ एक्ट के नए कानून के विरोध में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। 16 अप्रैल की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि संसद में पारित कानून पर आमतौर पर सुनवाई नहीं होती, लेकिन यह मामला अपवाद हो सकता है। यानी सुप्रीम कोर्ट ने केवल सुनवाई करेगा ताकि नए कानून के कुछ प्रावधानों को निरस्त करने का आदेश भी दे सकता है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने नए कानून पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है, लेकिन केंद्र सरकार से जो सवाल पूछे गए हैं उनसे जाहिर है कि सुप्रीम कोर्ट भी मुसलमानों को देश के कानून से ऊपर समझता है। कोर्ट ने वक्फ की संपत्तियों को डीनोटिपुाइड करने, कलेक्टर द्वारा संपत्तियों का सर्वे कराने और वक्फ परिषद में गैर मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। हालांकि सीजेआई खन्ना और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने याचिका कर्ताओं के वकीलों से यह भी जानना चाहा कि वह सुनवाई कर सकते हैं? संसद में पारित कानून पर सुप्रीम कोर्ट में ही रही सुनवाई से साफ प्रदर्शित है कि भारत में रहने वाले मुसलमानों के सम्मान में कोई कमी नहीं है। मुसलमानों को इतना अधिकार तो किसी मुस्लिम देश में भी नहीं मिलेगा। दुनिया में भारत एक मात्र ऐसा देश है, जहां वक्फ जैसे नियम कायदे बने हुए हैं। देश के विभाजन के समय पाकिस्तान में भी हिंदुओं ने अपनी संपत्तियों को यूं ही छोड़ दिया। तब हिंदुओं की संपत्तियों को मोहम्मद अली जिन्ना की सरकार ने अपने अधिकार में ले लिया, लेकिन भारत में जिन मुसलमानों ने घर मकान छोड़े उन्हें वक्फ संपत्तियां घोषित कर दिया। भारत की तत्कालीन सरकार ने जो निर्णय लिए उसी का खामियाजा आज पूरा देश उठा रहा है। भारत में रेलवे और सेना के बाद सबसे ज्यादा भूमि वक्फ की है। रेलवे और सेना की संपत्तियों को सरकार की माना जाता है, लेकिन वक्फ की संपत्तियों पर सरकारका कोई नियंत्रण नहीं है। नए कानून में सिर्फ वक्फ सम्पत्तियों के रजिस्ट्रेशन और पारदर्शी प्रबंधन का प्रावधान किया गया है। लेकिन इसके बावजूद भी वक्फ बोर्डों पर काबिज लोग नए कानून को स्वीकार नहीं कर रहे है। संशोधन प्रस्ताव पर संसद में बोलते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कहा कि नए कानून से बनने के पहले जो संपत्तियां वक्फ की है उनके स्वरूप में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यानी अप्रैल 2025 से पहले की संपत्तियां वक्फ की ही माना जाएगी। लेकिन इसके बावजूद भी गुमराह किया जा रहा है कि नए कानून से सरकार वक्फ की संपत्तियों जैसे दरगाह, मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान आदि को छीन लेगी। आम मुसलमानों को नए कानून के प्रावधानों को समझाने की जरूरत है। अब तक वक्फ बोर्डों में मुसलमानों की उच्च जातियों का ही कब्जा रहा है। लेकिन नए कानून के अंतर्गत गठित होने वाली वक्फ परिषदों में मुसलमानों में पिछड़ी जातियों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा। जब पिछड़ी जाति के मुस्लिमनों को प्रतिनिधित्व मिलेगा, तब वक्फ संपत्तियों से होने वाली इनकम का उपयोग गरीब मुसलमान भी कर सकेंगे। मौजूदा समय में वक्फ संपत्तियों से गरीब मुसलमानों को कोई फायदा नहीं हो रहा। यानी जो नया कानून गरीब मुसलमानों के हित में है, उसका भी विरोध किया जा रहा है। एक हजार हिंदू शरणार्थी शिविरों में: इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि भारत के अभिन्न अंग पश्चिम बंगाल में एक हजार हिंदुओं को शरणार्थी शिविरों में रहना पड़ रहा है। वक्फ के नए कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के मकानों में तोड़ फोड़ और आगजनी की। ऐसी ही स्थिति दक्षिण चौबीस परगना क्षेत्र में भी बनी। पिता पुत्र को मौत के घाट उतार दिया गया। हिन्दू समुदाय के लोग खासकर महिलाएं और बच्चे जान बचाकर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। अभी भी हालात इतने डरावने है कि हिन्दू समुदाय के लोग अपने घर वापस नहीं आ पा रहे हैं। गंभीर बात तो यह है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंदुओं की चिंता करने के बजाए उन लोगों से संवाद कर रही है जो वक्फ के नए कानून का विरोध कर रहे हैं। हिंसा में सबसे ज्यादा प्रताड़ित हिंदू समुदाय हुआ है। लेकिन ममता बनर्जी मुसलमानों को डराने वाला बयान ही दे रही है। 16 अप्रैल को मुस्लिम धर्म गुरुओं से संवाद करते हुए ममता ने कहा कि यदि पश्चिम बंगाल में भाजपा का शासन हो गया तो मुसलमानों का खाना पीना बंद कर दिया जाएगा। सवाल उठता है कि क्या जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां मुसलमानों का खाना पीना बंद है? ममता बनर्जी को यह पता होना चाहिए कि केंद्र सरकार की योजनाओं में मुस्लिम लाभार्थियों का 37 प्रतिशत हिस्सा है। S.P.MITTAL BLOGGER (17-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

खाचरियावास के भाई करण सिंह के नाम के साथ राठौड़ लिखने पर नाराजगी। इसलिए हिंदुओं में एकता नहीं हो पाती।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के जयपुर स्थित आवास पर 14 अप्रैल को ईडी की जो रेड हुई उस पर मैंने 16 अप्रैल को ब्लॉग लिखा था। इस ब्लॉग में खाचरियावास के भाई करण सिंह के नाम के साथ राठौड़ शब्द लिख दिया गया। जबकि कारण सिंह का सरनेम शेखावत है। शेखावत और राठौड़ दोनों ही सरनेम राजपूत समाज के है। लेकिन इसके बावजूद भी 16 अप्रैल को राजपूत समाज के राठौड़ गोत्र के लोगों ने मुझे फोन कर अपनी नाराजगी जताई। फेसबुक और वाट्सएप के माध्यम से सैकड़ों राठौड़ों ने अपनी नाराजगी का इजहार किया। कुछ ने तो मेरी पत्रकारिता को ही चुनौती दे दी। यह सही है कि मुझे करण सिंह का सरनेम शेखावत लिखना चाहिए, लेकिन सवाल उठता है कि राजपूत समाज के ही एक व्यक्ति का सरनेम भूलवश राठौड़ लिख दिया तो कौन सा गुनाह हो गया? क्या शेखावत राजपूत समाज में नहीं आते? आज जब देश में संपूर्ण हिंदुओं को एकजुट होने की जरूरत है, तब कुछ लोग राठौड़ और शेखावत के मुद्दे पर ही अटके हैं। मुझे नहीं पता कि राजपूत समाज में राठौड़ और शेखावत में कोई फर्क है। मैं तो शेखावतों को भी राजपूत समाज का सम्मानीय व्यक्ति मानता हंू। मुझे याद है कि भैरो सिंह शेखावत जब राजस्थान के मुख्यमंत्री बने थे, तो उन्होंने पूर्व राजघरानों और ठिकानों की पुरानी हवेलियों को पर्यटन स्थल बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, तब शेखावत ने इस बात का ध्यान नहीं रखा कि कौन सा ठिकानेदार राठौड़ है या नहीं। यूं तो भगवान राम भी राजपूत जाति से संबंध रखते थे। लेकिन क्या आज भगवान राम को सिर्फ राजपूत जाति तक सीमित रखा जा सकता है। राम तो सभी जातियों के आराध्य देव है। करण सिंह के नाम के साथ राठौड़ लिख दिए जाने पर मैं अपनी भूल स्वीकार करता हंू, लेकिन मेरा मानना है कि शेखावत भी संपूर्ण हिंदू समाज के अंग है। हिंदू समाज में जितना महत्व राठौड़ों का है उतना ही शेखावतों का होना चाहिए। जब भारत के और कट्टरपंथियों का खतरा मंडरा रहा है, तब हिंदुओं को एकजुट रहने की जरूरत है। करण सिंह के नाम के साथ राठौड़ लिखकर मेरा मकसद राठौड़ जाति के सम्मान को ठेस पहुंचाना नहीं था। S.P.MITTAL BLOGGER (17-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Monday, 14 April 2025

घर साफ सुथरा और आंगन में तुलसी का पौधा लगा हो तो हनुमान जी खुद आ जाएंगे। चित्रकूट धाम के उपासक पाठकजी महाराज ने रामायण का सार समझाया।

13 अप्रेल को मदार स्थित एचबी नगर में आयोजित श्रीश्याम भजन संध्या में पुष्कर स्थित चित्रकूट धाम के उपासक पाठकजी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को रामायण का सार समझते हुए कहा कि जब घर साफ सुथरा और आंगन में तुलसी का पौधा लगा हो तो हनुमान जी खुद आ जाएंगे। उन्होंने बताया कि हनुमान जी जब माता सीता को ढूंढने के लिए लंका गए तो लंका के हर घर में मंदिर देखे गए, लेकिन जब हनुमान जी ऐसे घरों में प्रवेश किया तो अंदर का माहौल राक्षसों का जैसा था। पूरे लंका में एक मात्र घर साफ सुथरा देखा गया। घर के आंगन में तुलसी का पौधा भी लगा हुआ था। इसलिए रामायण के रचयिता तुलसीदास ने ऐसे घर को भवन यानी मंगलकारी की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि आज लोग अपने घर का नाम हमारे देवी देवताओं के नाम पर रख लेते हैं, लेकिन घर के अंदर उसके अनुरूप आचरण नहीं होता। यदि घर साफ-सुथरा और आंगन में तुलसी का पौधा लगा हो तो हनुमान जी खुद ही आ जाएंगे और जब हनुमान जी आएंगे तो भगवान राम और माता सीता को तो आना ही पड़ेगा। फिर लक्ष्मण जी भी पीछे पीछे आ जाएंगे। मेरा मानना है कि जिस घर में राम दरबार होगा उस घर में कभी भी अमंगल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आज भले ही घर में किसी देवी देवता की प्रतिमा न लगाए, लेकिन घर साफ सुथरा और आंगन में तुलसी का पौधा लगा होना चाहिए। पाठकजी महाराज ने कहा कि अब लोग श्रद्धाभाव से अपने घर के अंदर एक मंदिर भीस्थापित करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि घर के अंदर का माहौल मनुष्य के जीवन पर गहरा असर डालता है। यदि घर के अंदर मन लगता है तो सही मायने में घर घर होता है। लेकिन यदि मन घर के अंदर नहीं लगता है तो फिर मनुष्य के जीवन में अनेक बाधाएं आती है। कई बार देखा गया है कि लोग अपने घर में सिर्फ रात के समय सोने के लिए जाते है यह प्रवृत्ति अमंगलकारी है। भजन संध्या में कमल प्रकाश मित्तल, नीरज मित्तल, प्रमोद मंगल, योगेंद्र मित्तल, विक्की मित्तल, राजेंद्र सिंहल, कार्तिक सिंहल, गगन आदि ने पाठकजी महाराज का स्वागत किया। S.P.MITTAL BLOGGER (14-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

ममता के बंगाल में वक्फ मुद्दे का विरोध तो बहाना है। असल उद्देश्य तो हिंदुओं को भगाना है। मुर्शिदाबाद में हो रहा है प्रयोग। सीआरपीएफ के जवान दर्शनीय बने। आखिर मोदी-शाह ने आंखें क्यों बंद कर रखी है?

वक्फ एक्ट संशोधन का कानून बनने के बाद बांग्लादेश की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल में विरोध हो रहा है। विरोध तो एक बहाना है, असल उद्देश्य बंगाल में हिंदुओं को डराना या भगाना है। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हिंदुओं को भगाने वाला प्रयोग शुरू हो गया है। मुर्शिदाबाद में 70 प्रतिशत आबादी मुस्लिम समुदाय की है। कट्टरपंथी सोच रखने वाले मुसलमान चाहते हैं कि शेष 30 प्रतिशत हिंदू भी भाग जाए। वक्फ मुद्दे के विरोध के दौरान जो हिंसा हुई उसमें चार सौ हिंदुओं को अपना मकान दुकान कारोबार सब कुछ छोड़कर भगाना पड़ा। मीडिया खबरों के अनुसार महिलाएं अपने छोटे छोटे बच्चों को लेकर मुर्शिदाबाद से भाग रही हैं। दूसरों जिलों में जाकर शरण ली है, कई लोग मारे गए हैं। हाईकोर्ट के आदेश से मुर्शिदाबाद में सीआरपीएफ की चार टुकडिय़ों को भेजा गया है, लेकिन सीआरपीएफ के जवान सिर्फ दर्शनीय बने हुए है। असल में इन जवानों को बंगाल पुलिस के नियंत्रण में ही ड्यूटी देनी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इशारे पर चलने वाली बंगाल पुलिस ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में सीआरपीएफ के जवान प्रभावी तरीके से तैनात नहीं किए है। यानी हिंसा को रोकने के लिए हाईकोर्ट का उद्देश्य भी पूरा नहीं हो रहा। पहले वामपंथी सरकारों में हिंदुओं पर अत्याचार होते रहे, लेकिन पिछले 13 साल से ममता बनर्जी के कार्यकाल में हिंदुओं पर अत्याचार और बढ़ गए। यही वजह है कि मुर्शिदाबाद जिले में हिंदू आबादी घटकर मात्र 30 प्रतिशत रह गई है। यदि हिंसा के ऐसे ही हालात रहे तो मुर्शिदाबाद जिले हिंदू विहीन हो जाएगा। लगातार आरोप लगते रहे कि बांग्लादेश से बड़ी संख्या में कट्टरपंथी पश्चिम बंगाल में आ गए है। सबसे चिंताजनक बात तो यह है कि हिंदू समुदाय की रक्षा करने में ममता सरकार पूरी तरह विफल रही है। ममता सरकार की विफलता की आलोचना कांग्रेस के नेताओं ने भी की है। पश्चिम बंगाल के हालात बद से बदत्तर हो गए है, लेकिन फिर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आंखें बंद किए हैं। पश्चिम बंगाल के जो हालात है उसके अनुरूप ममता सरकार को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। राज्यपाल की रिपोर्ट भी राष्ट्रपति शासन का सुझाव दे रही है। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि पश्चिम बंगाल में कट्टरपंथियों के उग्र स्वभाव को देखते हुए केंद्र सरकार ममता सरकार को बर्खास्त करने का जोखिम नहीं ले रही। चूंकि पश्चिम बंगाल की सीमाएं बांग्लादेश से लगी हुई है, इसलिए ज्यादा चिंता हो रही है। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार गिरने के बाद से अराजकता का माहौल है। बांग्लादेश में भी हिंदुओं पर लगातार अत्याचार हो रहे है7 भाजपा के नेताओं ने तो सार्वजनिक तौर पर कहा है कि ममता बनर्जी के कारण पश्चिम बंगाल अब बांग्लादेश बनता जा रहा है। S.P.MITTAL BLOGGER (14-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Sunday, 13 April 2025

पीएम मोदी और उद्योगपति अडानी पर अब राहुल गांधी के हमले और तेज होंगे। राहुल गांधी की मोदी सरकार के प्रति व्यक्तिगत नाराजगी को ईडी की जब्ती की कार्यवाही से समझा जा सकता है।

पूरा देश जानता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी व्यक्तिगत नाराजगी रखते हैं। दोनों के बीच सामान्य शिष्टाचार का संवाद भी नहीं है। आमतौर पर यह सवाल होता है कि आखिर राहुल गांधी की मोदी के प्रति इतनी नाराजगी क्यों है? इस सवाल का जवाब देश के लोग अब ईडी की जब्ती की कार्यवाही से समझ सकते है। 12 अप्रैल को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में ईडी ने नेशनल हेराल्ड अखबार के दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस मुंबई और लखनऊ की बिल्डिंगों को जब्त करने की कार्यवाही शुरू कर दी है। कोई 700 करोड़ रुपए की इन संपत्तियों को खाली करने के निर्देश दिए गए हैं। इन संपत्तियों को राहुल गांधी और उनकी माता जी श्रीमती सोनिया गांधी को ही खाली करना है। नेशनल हेराल्ड अखबार की दो हजार करोड़ की संपत्तियों को हड़पने के लिए राहुल गांधी और उनके परिवार ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) कंपनी बनाई। मात्र 50 लाख रुपए का निवेश कर मां और पुत्र ने दो हजार करोड़ की संपत्तियों का मालिकाना हक प्राप्त कर लिया। आज इन कंपनी के दिल्ली, मुंबई और लखनऊ की बिल्डिंगों से लाखों रुपए प्रतिमा का किराया सोनिया गांधी और राहुल गांधी प्राप्त कर रहे हैं। कंपनी को बनाने और फिर निवेश में मां और पुत्र ने भारतीय कानून का उल्लंघन किया, इसलिए अब ईडी एजेएल की संपत्तियों को जब्त कर रही है। पूर्व में जो मुकदमा दर्ज हुआ उसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी अदालत से जमानत पर है। स्वाभाविक है कि जब गांधी परिवार की 700 करोड़ रुपए की संपत्तियों को जब्त किया जाएगा तो राहुल गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी के प्रति गुस्सा जताएंगे ही। पूरा देश जनता है कि गौतम अडानी को लेकर बेवजह नरेंद्र मोदी पर हमले किए जाते हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर नेशनल हेराल्ड अखबार को लेकर जो आरोप लगे उनका जवाब आज तक भी नहीं दिया गया है। राहुल गांधी की दादी श्रीमती इंदिरा गांधी के पिता जवाहरलाल नेहरू जब भारत के प्रधानमंत्री थे, तब अंग्रेजी अखबार नेशनल हेराल्ड को सरकार की ओर से दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में कौडिय़ों के भाव जमीन दी गई। कायदे से यह जमीन सरकार की है, लेकिन सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एजेएल कंपनी बनाकर नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को हड़प लिया। राहुल गांधी को उम्मीद नहीं थी कि देश में कभी ऐसी भी सरकार बनेगी जो देश के शक्तिशाली गांधी परिवार से संपत्तियां छीन सकेगा। अब जब ईडी गांधी परिवार से संपत्तियां छीन रही है तो स्वाभाविक है कि राहुल गांधी, मोदी सरकार की और अधिक आलोचना करेंगे। S.P.MITTAL BLOGGER (13-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि लोकतंत्र में जनता द्वारा बनाई सरकार ही सर्वोपरि। यानी वक्फ एक्ट संशोधन के विरुद्ध दायर याचिकाओं पर भी फैसला आ गया।

संसद के दोनों सदनों में वक्फ एक्ट संशोधन के प्रस्ताव मंजूर होने के बाद राष्ट्रपति ने भी स्वीकृति दे दी है। यानी संसद में जो प्रस्ताव स्वीकृत हुआ वह अब कानून बन चुका है। लेकिन इसके बावजूद कुछ मुस्लिम संगठनों और सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर कर रद्द करने की मांग की है। इन सभी याचिकाओं पर 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, लेकिन इससे पहले 9 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पादरीवाला और जस्टिस आर माधवन ने तमिलनाडु सरकार बनाम राज्यपाल के विवाद में फैसला दे दिया है कि लोकतंत्र में जनता द्वारा चुनी गई सरकार ही सर्वोपरि होती है। एक निर्वाचित सरकार ही जनता के प्रति उत्तरदायी होती है। जनप्रतिनिधियों को हर पांच वर्ष में जनता के बीच जाकर अपनी उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करना होता है। किसी को भी यह अधिकार नहीं कि विधानसभा में स्वीकृत प्रस्ताव को रोक दिया जाए। यह मूल सिद्धांत हमारे लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए जरूरी है। इसके साथ ही दोनों जजों ने तमिलनाडु सरकार के प्रस्तावों को राज्यपाल द्वारा रोके जाने की निंदा की। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार ने जिस दिन राज्यपाल को प्रस्ताव भेजे उसी दिन से मंजूरी के आदेश भी दिए। यानी सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल की अनुमति को भी दरकिनार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर विपक्षी दल बेहद खुश है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तो इसे लोकतंत्र की जीत बताया है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला भले ही तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल के विवाद के संदर्भ में आया हो, लेकिन इससे प्रतीत होता है कि वक्फ एक्ट संशोधन के विरुद्ध प्रस्तुत याचिकाओं पर भी सुप्रीम कोर्ट का नजरिया सामने आ गया है। वक्फ एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव भी लोकसभा और राज्य सभा में स्वीकृत हुआ है। यह प्रस्ताव नरेंद्र मोदी सरकार का है, जिसे देश की जनता ने लगातार तीसरी बार चुना है।ै यानी वक्फ एक्ट में संशोधन देश की जनता की भावनाओं के अनुरूप हुआ है। जब सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु के प्रकरण में जनता द्वारा चुनी गई सरकार को सर्वोपरि मानता है तो फिर जनता द्वारा चुनी गई मोदी सरकार के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट आपत्ति कैसे जता सकता है? सुप्रीम कोर्ट का जो रुख तमिलनाडु पर लागू होता है, वही रुख केंद्र की सरकार पर भी लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट यह नहीं कह सकता है कि तमिलनाडु और देश की जनता में फर्क ळै। जब तमिलनाडु में जनता सर्वोपरि है तो देश में भी जनता ही सर्वोपरि है। पूर्व के वक्फ एक्ट में कितनी बुराइयां है, यह अब कोई मुद्दा नहीं रहा है, क्योंकि संशोधन के बाद नया कानून बनने से पुराना वाला निरस्त हो गया है। देश के जागरूक पाठकों को पता होगा कि जब 2020 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के प्रस्ताव को संसद के दोनों सदनों में मंजूरी मिली, तब भी अनेक संगठन सुप्रीम कोर्ट गए थे। तब भी सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र में जनता द्वारा चुनी गई सरकार के फैसले को ही सर्वोपरि माना। S.P.MITTAL BLOGGER (13-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Saturday, 12 April 2025

बिहार में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर सचिन पायलट ने रोड़ा लगाया। पहली बार ऐसा है जब अशोक गहलोत के पास कांग्रेस में कोई बड़ा दायित्व नहीं है। रघु शर्मा जैसे नेताओं का तो सूपड़ा ही साफ।

राजस्थान के डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट इस समय कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव है और वे छत्तीसगढ़ के प्रभारी है, लेकिन पार्टी हाईकमान खासकर राहुल गांधी के निर्देश पर सचिन पायलट बिहार में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। चूंकि बिहार में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे है इसलिए 11 अप्रैल को पायलट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री के नाम का फैसला चुनाव परिणाम आने पर किया जाएगा। पायलट ने यह बात तब कही जब इंडिया गठबंधन के सदस्य आरजेडी ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया। यानी पायलट ने मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर आरजेडी के समक्ष रोड़ा खड़ा कर दिया है। मालूम हो कि गत चुनावों में कांग्रेस ने बिहार में 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे मात्र 19 सीटों पर ही जीत मिल पाई। जबकि आरजेडी ने 144 पर उम्मीदवार खड़े कर 75 सीटें हासिल की। आरजेडी का कहना है कि इस बार समझौते में कांग्रेस को कम सीटें दी जाए, क्योंकि कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाते। जबकि कांग्रेस पिछली बार की तरह 70 सीटों पर ही दावा कर रही है। जानकार सूत्रों का कहना है कि आरजेडी पर दबाव डालने के लिए ही सचिन पायलट ने रोड़ा खड़ा किया है। देखना होगा कि पायलट के इस बयान पर तेजस्वी यादव क्या प्रतिक्रिया देते हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि भाजपा ने मौजूदा मुख्यमंत्री और जेडीयू के नेता नीतिश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है। यानी भाजपा ने चुनाव परिणाम से पहले ही नीतिश कुमार को मुख्यमंत्री मान लिया है। गहलोत के पास दायित्व नहीं: कांग्रेस की राजनीति में यह पहला अवसर है, जब मुख्यमंत्री के पद से हटने के बाद अशोक गहलोत के पास संगठन का कोई दायित्व नहीं है। इससे पहले गहलोज जब मुख्यमयंत्री रहते हुए राजस्थान में चुनाव हार गए तो उन्हें कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया। एक बार तो गहलोत संगठन महासचिव भी रहे। अब कांग्रेस की राजनीति में गहलोत के मुकाबले पायलट का ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। जानकार सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री रहते हुए गहलोत ने 25 सितंबर 2022 को जो बगावत की थी, उसकी वजह से सोनिया गांधी और राहुल गांधी खफा है। मुख्यमंत्री के पद से हटे हुए गहलोत को सवा वर्ष गुजर गया है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर परकोई सक्रियता देखने को नहीं मिली है। अशोक गहलोत जब मुख्यमंत्री थे, तभी राजस्थान के मंत्री रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी बनाया गया। रघु शर्मा की देखरेख में ही गुजरात विधानसभा के चुनाव भी हुए, लेकिन 182 में से कांग्रेस को मात्र 15 सीटों पर ही जीत मिल पाई। इतनी बुरी हार के बाद रघु शर्मा ने स्वत: ही प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया। तब रघु शर्मा पर गुजरात में टिक बेचने के आरोप भी लगे। जब रघु शर्मा गुजरात के प्रभारी थे, तब राजस्थान में अनेक समर्थक मुख्यमंत्री का सपना देखने लगे थे। रघु शर्मा का घमंड भी सातवें आसमान पर था, लेकिन रघु शर्मा वर्ष 2023 में अपने निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी से विधानसभा का चुनाव भी हार गए। अब कांग्रेस की राजनीति में रघु शर्मा को कोई पूछने वाला नहीं है। रघु को भी गहलोत का ही समर्थक माना जाता है। S.P.MITTAL BLOGGER (12-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

तो कांग्रेस सरकार वाले सदस्य ही बनाएंगे आरएएस। 21 अप्रैल से इंटरव्यू। आखिर भाजपा सरकार अपने वादे पर अमल क्यों नहीं करती?

राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा 2023 के लिए राज्य लोक सेवा आयाग से व्यक्तिगत इंटरव्यू के लिए 21 अप्रैल की तारीख घोषित कर दी है। दो लिखित परीक्षा के बाद आयोग ने आरएएस के 972 पदों के लिए 2 हजार 168 अभ्यर्थियों को पात्र घोषित किया है। इंटरव्यू के दौरान अभ्यर्थी के चयन में आयोग के अध्यक्ष और सदस्य की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आरएएस के इंटरव्यू के लिए जो चयन बोर्ड बनाया जाता है, उसका अध्यक्ष आयोग का सदस्य ही होता है। अध्यक्ष चाहे तो किसी बोर्ड की अध्यक्षता कर सकते हैं, लेकिन आमतौर पर आयोग अध्यक्ष द्वारा नियुक्त सदस्य ही चयन बोर्ड के अध्यक्ष होते हैं। पिछले कांग्रेस के शासन में भाजपा के नेताओं ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस विचारधारा वाले व्यक्तियों को आयोग का सदस्य नियुक्त कर दिया है। यह भी आरोप लगाया गया है कि ऐसे सदस्यों के कारण ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के परिवार के तीन सदस्य आरएएस बन गए। तब भाजपा नेताओं ने वादा किया कि हमारी सरकार बनने पर राज्य लोक सेवा आयोग में निष्पक्षता की पहली प्राथमिकता दी जाएगी। कुछ अति उत्साही भाजपाइयों ने तो आयोग के सदस्यों को ही हटाने की की घोषणा कर दी। दिसंबर 2023 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में आयोग के कामकाज में सुधार लाने का वादा किया, लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार बनने के बाद भाजपा के नेता अपने वादे को भूल गए है। भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार बने हुए सवा वर्ष गुजर गया, लेकिन अभी तक भी आयोग के कामकाज को सुधारने का कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। आयोग में अध्यक्ष का पद गत छह माह से खाली पड़ा हैै। इस प्रकार एक सदस्य का पद भी करीब चार माह से रिक्त है। आयोग का अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त करने में कोई संवैधानिक बाधा नहीं है। मुख्यमंत्री अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर किसी को भी आयोग का अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त कर सकते हैं। चूंकि भाजपा सरकार के गठन के बाद आयोग में एक भी सदस्य की नियुक्ति नहीं हुई है, इसलिए आयोग का कामकाज वो ही पांच सदस्य कर रहे हैं, जिनकी नियुक्ति कांग्रेस शासन में हुई थी। यानी 21 अप्रैल से शुरू होने वाले इंटरव्यू में आरएएस का चयन वो ही सदस्य करेंगे जो कांग्रेस की विचारधारा के हैं। एक ओर भाजपा के नेता आरोप लगाते हैं कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर परिवार के तीन सदस्यों को आरएएस बनवा दिया। लेकिन वहीं अपनी सरकार में आयोग में अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति नहीं करते, कांग्रेस सरकार के कार्यकाल की तरह आयोग में नियुक्तियां हो इसके लिए भाजपा सरकार खुद जिम्मेदार है। मौजूदा समय में आयोग के अध्यक्ष का कार्यभार केसी मीणा के पास है। सदस्य के तौर पर संगीता आर्य, मंजू शर्मा, कर्नल केसरी सिंह राठौड़ और प्रोफेसर अयूब खान काम कर रहे है। गहलोत सरकार में मुख्य सचिव रहे निरंजन आर्य की पत्नी संगीता आर्य तो पूर्व में सोजत से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव भी लड़ चुकी है। सुप्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास, राहुल गांधी को पप्पू न कहे इसलिए अशोक गहलोत ने कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा को भी आयोग का सदस्य नियुक्त कर दिया। कर्नल केसरी सिंह राठौड़ को आयोग का सदस्य नियुक्त करने के बाद अशोक गहलोत को सार्वजनिक तौर पर खेद जताना पड़ा। गहलोत ने कहा कि मुझे कर्नल राठौड़ की पृष्ठभूमि के बारे में पता होता तो मैं आयोग के सदस्य के तौर पर नियुक्ति नहीं करता। गहलोत ने यह बात कर्नल राठौड़ एक जाति विशेष पर की गई टिप्पणियों के संदर्भ में कही थी। यानी गहलोत ने अपने कार्यकाल में किसी न किसी स्वार्थ के कारण आयोग में नियुक्तियां की। युवाओं को उम्मीद थी कि भाजपा सरकार बनने के बाद आयोग के काम में सुधार होगा, लेकिन सरकार की कार्य पद्धति बताती है कि कांग्रेस वाले ढर्रे पर ही आयोग का काम काज चल रहा है। अब यदि आरएएस के इंटरव्यू में किसी कांग्रेस नेता के परिवार के सदस्य का चयन हो जाए तो भाजपा को ऐतराज करने का कोई अधिकार नहीं है। S.P.MITTAL BLOGGER (12-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Wednesday, 9 April 2025

मंत्री खर्रा ने विधायक भदेल की कार्यकुशलता की प्रशंसा की। दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में विकास की गंगा बहेगी।

राजस्थान के नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग के मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने 8 अप्रैल को अजमेर में विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन व शिलान्यास किया। राजा साइकिल चौराहे के निकट बने एक करोड़ 42 लाख के पार्क का उद्घाटन और श्रीनगर रोड से जेपी नगर तक सड़के के शिलान्यास समारोह में खर्रा ने कहा कि क्षेत्र की विधायक श्रीमती अनिता भदेल जागरुक प्रतिनिधि है। वे जिस काम के पीछे पड़ जाती है उसे पूरा करवा कर ही दम लेती हैं। उन्होंने कहा कि भदेल अजमेर दक्षिण क्षेत्र से पांचवीं बार विधायक चुनी गई है। बार बार चुनाव जीतने से प्रतीत है कि उनका अपने क्षेत्र में बसे लोगों से संवाद बना रहता है। खर्रा ने कहा कि श्रीमती भदेल मुझे जो भी काम बताती है उसे मैं पूरा करता हंू। मैंने विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दे रखे हैं। खर्रा ने कहा कि अब दक्षिण क्षेत्र में विकास की गंगा बहेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी अपनी घोषणाओं में दक्षिण क्षेत्र में करोड़ों रुपए के कार्य स्वीकृत किए हैं। आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में सड़कों का जाल दिखेगा और कोई समस्या नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि श्रीमती भदेल अपने क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा प्रयासरत रहती है। इस अवसर पर श्रीमती भदेल ने कहा कि कांग्रेस के शासन में विभिन्न कार्य अवरुद्ध हो गए थे, लेकिन अब भाजपा की सरकार में आमजन के कार्य हो रहे हैं। शहर भाजपा के अध्यक्ष ने भी श्रीमती भदेल को जागरूक जनप्रतिनिधि बताया। वार्ड पार्षद व भाजपा मंडल अध्यक्ष रजनीश चौहान, पूर्व सभापति सुरेंद्र सिंह शेखावत, विनोद सतवानी, सागर झामनानी, भवानी सिंह जेदिया, संदीप माखीजानी, संतोष मौर्य, रेणु शर्मा, अंजना शेखावत, हितेश ढाबरिया आदि के साथ साथ अजमेर विकास प्राधिकरण की आयुक्त नित्या के, उपायुक्त कुशाल यादव, यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेश जैन सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। सामुदायिक भवन के लिए 51 लाख रुपए: समारोह में अजमेर के सांसद और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि दक्षिण क्षेत्र में सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए सांसद कोष से 51 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। सांसद चौधरी ने कहा कि गत लोकसभा के चुनाव में उन्होंने सामुदायिक भवन का वादा किया था। अब उसी वादे को निभाते हुए राशि स्वीकृत की गई है। इस क्षेत्र में आने वाले मदार रेलवे स्टेशन को सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। S.P.MITTAL BLOGGER (09-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Tuesday, 8 April 2025

अमीरों की ही सरकार होती तो 33 लाख करोड़ रुपए का लोन बगैर जमानतों के नहीं दिया जाता। मुद्रा योजना के लाभार्थियों से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष को जवाब दिया। पीएम मोदी ने भी किया जैन धर्म के नवकार महामंत्र का वाचन।

8 अप्रैल को दिल्ली में मुद्रा योजना के चुनिंदा लाभार्थियों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि मेरी सरकार अमीरों को ही लाभ पहुंचाती है। ऐसे लोगों को मैं कहना चाहता हंू कि यदि मेरी सरकार अमीरों को लाभ पहुंचाने वाली होती तो 33 लाख करोड़ रुपए का लोन बगैर जमानती के नहीं दिया जाता। पिछले दस वर्षों में मुद्रा योजना के अंतर्गत 52 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को 33 लाख करोड़ रुपए दिए गए है। सबसे खास बात यह है कि इन लाभार्थियों में 70 प्रतिशत महिलाएं हैं। कुल मुद्रा लोन में से आधे लोन एससी एसटी और ओबीसी वर्ग के युवाओं को दिए गए हैं। जिन 52 करोड़ लोगों ने लोन लेकर अपना कारोबार शुरू किया उन्होंने औसतन दो तीन लोगों को भी रोजगार दिया तो रोजगार प्राप्त करने वालों की संख्या का अंदाजा लगाया जा सकता है। मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना दुनिया की सबसे बड़ी योजना है, जिसमें 33 लाख करोड़ रुपए युवाओं को वितरित किए गए है। संवाद के दौरान लाभार्थियों ने बताया कि उन्हें किस प्रकार से लोन मिला और फिर कारोबार की शुरुआत की। नवकार मंत्र का वाचन: विश्व नवकार महामंत्र दिवस के अवसर पर 9 अप्रैल को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नवकार मंत्र का वाचन किया। इस समारोह में 108 देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। जैन समाज की प्रमुख हस्तियां भी मौजूद थी। मोदी ने भी पूरी आत्मीयता के साथ नवकार महामंत्र का वाचन किया। जैन धर्म में इस मंत्र को सबसे अधिक पूजनीय और सार्वभौमिक माना जाता है। यह मंत्र आंतरिक परिवर्तन की प्रेरणा देने के साथ साथ अहिंसा, विनम्रता के पथ पर चलने की सीख देता है। यह मंत्र लोगों को एकजुट करने का प्रयास भी करता है। यह मंत्र सत्य, अहिंसा, परिग्रह के सिद्धांत पर आधारित है। महामंत्र के बाद मोदी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश के विकास में जैन समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है। S.P.MITTAL BLOGGER (09-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

राजस्थान विधानसभा की वार्षिक डायरी इस बार भी सनातनी कैलेंडर के अनुरूप प्रकाशित। अध्यक्ष देवनानी की पहल। अहिल्याबाई होल्कर, अरविंद घोष, महाराणा प्रताप जैसे महापुरुषों के विचार आज भी प्रासंगिक।

लगातार दूसरा वर्ष है, जब राजस्थान विधानसभा की वार्षिक डायरी सनातन धर्म के अनुरूप विक्रम संवत प्रतिपदा पर प्रकाशित की गई है। इस बार भारतीय पंचांग के अनुसार नववर्ष की शुरुआत चैत्र शुक्ल एक यानी 30 मार्च से हुई है। विधानसभा की वार्षिक डायरी का पहला पन्ना चैत्र शुक्ल एक, विक्रम संवत 2082 है। भले ही इसी पृष्ठ पर अंग्रेजी तारीख 30 मार्च 2025 भी अंकित हो, लेकिन भारतीय पंचांग की तिथि को प्राथमिकता दी गई है। डायरी के अंतिम पृष्ठ पर फाल्गुन शक चैत्र कृष्ण की 30 तारीख अंकित है। इसी पृष्ठ पर अंग्रेजी तारीख 19 मार्च 2026 का भी उल्लेख किया गया है। मालूम हो कि भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने भी निर्णय लिया है कि अब राजस्थान का स्थापना दिवस भारतीय पंचांग के अनुरूप चैत्र प्रतिपदा को ही मनाया जाएगा। अब तक प्रतिवर्ष अंग्रेजी तारीख 30 मार्च को स्थापना दिवस मनाया जाता था। यह संयोग रहा कि इस बार 30 मार्च को ही चैत्र शुक्ल की पहली तारीख रही इसलिए राजस्ािान दिवस भारतीय पंचांग के अनुरूप ही मनाया गया। राज्य सरकार ने भले ही स्थापना दिवस इस वर्ष सनातनी कैलेंडर के अनुरूप बनाने का निर्णय लिया हो, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने गत वर्ष ही वार्षिक डायरी सनातनी कैलेंडर के अनुरूप ही प्रकाशित कर दी थी। देवनानी ने विधानसभा की वार्षिक डायरी को तो सनातनी पंचांग के अनुरूप बनाया ही है, साथ ही डायरी में महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवाई गई है। प्रदेश के सभी विधायकों के बारे में विस्तृत जानकारी भी है। इसी प्रकार राजस्थान के लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। प्रशासनिक ढांचे का भी विस्तृत विवरण दिया गया है। डायरी में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, प्रतिपक्ष के नेता के रंगीन फोटो के साथ साथ विधानसभा के विशिष्ट सचिव भारत भूषण शर्मा (उच्च न्यायिक अधिकारी) का फोटो भी प्रकाशित किया गया है। डायरी में राजस्थान की भौगोलिक स्थिति भी बताई गई है। डायरी की विशेष बात यह है कि एक माह के पन्नों के बाद किसी महापुरुष की फोटो और उनके विचार लिखे गए हैं। तीन सौ वर्ष पूर्व के विचार आज भी प्रासंगिक है। महापुरुषों के फोटो के पृष्ठों का समायोजन उनकी जन्म तिथियों के अनुरूप किया गया है। चूंकि संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की जन्म जयंती 14 अप्रैल की है इसलिए अप्रैल माह के पृष्ठों के साथ अंबेडकर का विचार संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, यह एक मार्गदर्शक है जो समाज को दिशा देता है, लिखा गया है। डायरी में महाराणा प्रताप की जन्मतिथि 9 मई 1540 बताई गई है। इस हिसाब से मई माह के पृष्ठों पर महाराणा प्रताप के विचार लिखे हैं। वीर वही है जिसमें मृत्यु का भय नहीं एवं मातृभूमि की रक्षा के लिए सर्वस्व न्योछावर करने का भाव हो। मई माह में ही भगवान महावीर के फोटो के साथ संदेश में लिखा है, स्वयं पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जन्म तिथि 15 अक्टूबर 1931 मानते हुए उनके विचार लिखे है-लक्ष्य कितना भी बड़ा हो दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से प्राप्त किया जा सकता है। 23 जनवरी 1897 जन्म तिथि मानते हुए क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस के विचार में लिखा है, संघर्ष में मुझे मनुष्य बनाया और इसी से मुझ में आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ, जो पहले नहीं था। 5 सितंबर 1888 की जन्म तिथि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मानते हुए लिखा शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए। जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सके। सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म तिथि 31 अक्टूबर 1857 मानते हुए उनके विचार लिखे, हम सिर्फ भारतीय है, हमें ऊंच नीच, अमीर गरीब जाति पात के भेदभाव को समाप्त करना होगा। 21 नवंबर 1872 को जन्मे स्वतंत्रता सेनानी केसरी सिंह बारहट के विचार के रूप में लिखा, शक्ति सामर्थ्य और स्वाभीमान ही वीर की पहचान है। 15 अगस्त 1872 को जन्मे अरविंद ओस के विचार लिखे, एक व्यक्ति का कर्तव्य केवल अपने लिए ही नहीं होता, बल्कि समस्त मानवता के लिए होता है। 12 जनवरी 1863 को जन्मे स्वामी विवेकानंद के विचार लिखे, अनुभव ही आपका सर्वोच्चम शिक्षक है, जब तक जीवन है सीखते रहो। डायरी में 31 मई 1725 को अहिल्याबाई होल्कर का जन्म माना गया। उनके विचार लिखे भारत की नारी शक्ति को अब जाग्रत होना चाहिए, क्योंकि नारी अबला नहीं अपितु शक्ति का प्रतीक है। 27 सितंबर 1907 को जन्म क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह के विचार लिखे आपका जीवन तभी सफल हो सकता है जब आपका निश्चित लक्ष्य हो, और आप उसके लिए पूरी तरह समर्पित हो। S.P.MITTAL BLOGGER (08-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

वक्फ एक्ट में संशोधन का विरोध कर कांग्रेस केंद्र में सरकार बनाने का सपना देख रही है। इसी नीयत से अहमदाबाद में राष्ट्रीय अधिवेशन। आखिर प्रियंका गांधी कहां है? कानून बन जाने के बाद जम्मू कश्मीर विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव क्यों? सदन में मारपीट तक।

कांग्रेस का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन 8 अप्रैल को गुजरात के अहमदाबाद में शुरू हो गया। इस अधिवेशन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित 1750 नेता भाग ले रहे हैं। यह वही अहमदाबाद और गुजरात है, जिसमें विगत दिनों राहुल गांधी ने कहा था कि यहां कांग्रेस में भाजपा के नेता भी घुस आए हैं। उम्मीद थी कि राहुल गांधी के कथन के बाद उन कांग्रेसियों को बाहर निकाला जाएगा जो भाजपा के हैं, लेकिन राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू होने से पहले तक एक भी भाजपाई नुमा कांग्रेसी को बाहर नहीं किया गया। कांग्रेस अपने संगठन में कितने भाजपाइयों को रखती है, वह उसका आंतरिक मामला है, लेकिन जो कांग्रेस केंद्र में सरकार बनाने का सपना देख रही है उसे अपने अधिवेशन में अपनी नीतियों पर भी मंथन करना चाहिए। संसद में हाल ही में वक्फ एक्ट संशोधन प्रस्ताव का कांग्रेस के सांसदों ने जमकर विरोध किया। सवाल उठता है कि जब कांग्रेस वक्फ एक्ट में संशोधन का विरोध कर रही है, तब केंद्र में सरकार कैसे बनाई जा सकती है? पूरा देश जानता है कि वक्फ बोर्ड में बैठे उच्च वर्ग के मुस्लिम नेता किस प्रकार से संपत्तियों का दुरुपयोग कर रहे है। हिंदू आबादी वाले गांवों को वक्फ की संपत्ति बताई जा रही है। इतना ही नहीं कई स्थानों पर मंदिरों पर भी वक्फ का हक जता दिया गया। कांग्रेस को लगता है कि नए कानून का विरोध करने से मुसलमानों के वोट मिल जाएंगे। कांग्रेस का यह आंकलन पूरी तरह गलत हे, क्योंकि देश के अधिकांश मुसलमान वक्फ एक्ट में संशोधन से खुश है। आंकड़े बताते हैं कि देश में 85 प्रतिशत मुसलमान पिछड़ी जातियों के हैं, जिन्हें आज तक भी वक्फ बोर्ड में प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। नए कानून में पिछड़ी जातियों के मुसलमानों को प्रतिनिधित्व देने का नियम बनाया है। असदुद्दीन ओवैसी जैसे मुस्लिम नेता कुछ भी कहे, लेकिन पिछड़ी जातियों के मुसलमान नए कानून से खुश है। नए कानून का लाभ जब पिछड़ी जातियों के मुसलमानों को मिलने लगेगा, तब चुनावों में कांग्रेस को मुस्लिम वोटों से भी वंचित होना पड़ेगा। वक्फ एक्ट संशोधन के प्रकरण में शुरुआती दौर में दावा किया गया है कि जब प्रस्ताव संसद में रखा जाएगा, तब देश भर के मुसलमान सड़कों पर आ आएंगे। लेकिन जब 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में बिल बहुत से स्वीकृत हुआ तो देश के किसी भी सड़क पर मुसलमानों ने धरना प्रदर्शन नहीं किया। उल्टे नए कानून के समर्थन में मुसलमानों ने सड़कों पर खुशियां जताई। इससे साफ जाहिर है कि वक्फ बोर्ड की गतिविधियां को लेकर पिछड़े वर्ग का मुसलमान खुश नहीं था। सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि अच्छे प्रबंधन के बाद वक्फ संपत्तियों से जो इनकम होगी, उसे पिछड़े वर्ग के मुसलमानों पर ही खर्च किया जाएगा। आम मुसलमान अब यह भी समझ गया है कि नया कानून उनके धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने वाला नहीं है। कांग्रेस को देश के आम नागरिक की भावनाओं को समझते हुए अपनी नीतियां बनानी चाहिए। कांग्रेस की दोषपूर्ण नीतियों के कारण ही उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल जैसे राज्यों में क्षेत्रीय दल प्रभावी हो गए हैं। कांग्रेस को आज इन राज्यों में क्षेत्रीय दलों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। प्रियंका गांधी कहां है?: मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी अहमदाबाद में होने वाले अधिवेशन में शामिल नहीं हो रही है। प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति को लेकर कांग्रेस संगठन में कई तरह की चर्चाएं हो रही है। लोकसभा में 2 अप्रैल को जब वक्फ एक्ट संशोधन पर चर्चा और मतदान हुआ, तब भी प्रियंका गांधी मौजूद नहीं थी। पिछले पांच दिनों में लगातार दूसरा अवसर है, जब महत्वपूर्ण मौके पर प्रियंका गांधी अनुपस्थित है। प्रियंका गांधी कहां है, इस पर कांग्रेस की ओर से भी कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है। राष्ट्रीय महामंत्री और सांसद होने के नाते राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रियंका गांधी की उपस्थिति अनिवार्य है। मालूम हो कि प्रियंका गांधी केरल के मुस्लिम बाहुल्य वायनाड से लोकसभा की सांसद हैं। विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव: संसद से सहमति के बाद वक्फ एक्ट संशोधन बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी मंजूर कर लिया है। यानी अब वक्फ एक्ट का नया कानून बन गया है। इस वैधानिक प्रक्रिया के बाद भी 7 अप्रैल को जम्मू कश्मीर विधानसभा में नए कानून के विरोध में स्थगन प्रस्ताव रखा गया। गंभीर बात तो यह है कि यह स्थगन प्रस्ताव सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से रखा गया है। यानी जम्मू कश्मीर विधानसभा में देश की संसद के फैसल ेको चुनौती देने का काम किया जा रहा है। एक और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर विधानसभा में देश में बने कानून को चुनौती दी जा रही है। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था। ऐसा इसलिए किया गया ताकि देश विरोधी ताकतों को खत्म किया जाए। अब जम्मू कश्मीर में हालात नियंत्रण में है, तब मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला फिर से जम्मू कश्मीर को आतंकवाद के दौर में ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। 8 अप्रैल को तो विधानसभा में विधायकों के बीच मारपीट भी हो गई। पीडीपी के विधायकों ने आरोप लगाया कि एक और नेशनल कॉन्फ्रेंस विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव रख रही है तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ दावतें कर रहे हैं। सदन में वक्फ एक्ट संशोधन प्रस्ताव की प्रतियों को फाड़ भी गया। S.P.MITTAL BLOGGER (08-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

अजमेर में भाजपा के दबाव में हुआ वार्डों का परिसीमन। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजय जैन ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप। आखिर कांग्रेस सरकार में नियुक्त वकीलों को हटाया। विवेक पाराशर के स्थान पर जेपी शर्मा बने अजमेर के लोक अभियोजक।

अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन ने आरोप लगाया है कि नगर निगम के 80 वार्डों का परिसीमन भाजपा के दबाव में हुआ है। भाजपा के विधायक वासुदेव देवनानी और श्रीमती अनिता भदेल ने जो राजनीतिक नजरिया बताया उसी के अनुरूप प्रशासन ने वार्डों की सीमाओं को घटाने और बढ़ाने का काम किया है। राजनीतिक दबाव के कारण ही निर्वाचन विभाग के दिशा निर्देशों की भी अवहेलना की गई है। निर्देशों के अनुरूप एक वार्ड को एक पुलिस स्टेशन की सीमा में रखना था। लेकिन ऐसे कई वार्ड हो गए जिनका थाना क्षेत्र अलग अलग है। निर्वाचन विभाग के अनुसार परिसीमन का विवरण 28 मार्च को घोषित हो जाना चाहिए था, लेकिन प्रशासन ने 2 अप्रैल को परिसीमन को सार्वजनिक किया। इस परिसीमन पर आपत्ति जताने की अंतिम तिथि 17 अप्रैल है, लेकिन विलंब से प्रकाशन के कारण आपत्ति दर्ज कराने के समय में कटौती हो गई है। जैन ने कहा कि उन्होंने एक जांच कमेटी गठित कर परिसीमन की खामियां उजागर की है। यदि इन खामियों को दूर नहीं किया गया तो अजमेर में जन आंदोलन किया जाएगा। जैन की प्रेसवार्ता में पूर्व मेयर कमल बाकोलिया प्रताप यादव, अमोलक सिंह छाबड़ा, अंकुर त्यागी, श्याम प्रजापति, बिपिन बेंसिल, गजेंद्र सिंह रलावता, वैभव जैन, नरेश सात्यावना, मुजफ्फर भारती आदि उपस्थित रहे। पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल ने भी वार्डों के परिसीमन पर आपत्ति जताई। जैन ने बताया कि खामियों का पता लगाने के लिए एक कमेटी गठित की गई थी, कमेटी का निष्कर्ष इस प्रकार है। 1. अजमेर नगर निगम सीमा में राजस्व की दृष्टि से अजमेर नगर पालिका के गठन के समय से ही अजमेर में दो क्षेत्र जो कि अजमेर थोक मालियान व थोक तेलियान के नाम से जाने जाते है। नगर पालिका से नगर परिषद् वर्ष 2008 में नगर निगम का भाग रहे है। वर्तमान में वार्डो का परिसीमन/पुनर्गठन करते समय अजमेर के थोक मालियान के एक बड़े हिस्से को वार्ड में शामिल नहीं किया गया है। जबकि नगर पालिका के गठन से ही यह शहरी क्षेत्र में शामिल है उसके बावजूद भी अभी परिसीमन में उसको निगम क्षेत्र से भी बाहर रखा गया है यह एक भारी अनदेखी अधिकारियों द्वारा की गई है। 2. अजमेर से श्रीनगर रोड जाने वाले मार्ग पर नेहरू नगर से आगे की ओर स्थित दोनो तरफ के रिहायषी क्षेत्र जो कि थोक मालियान का भाग है जिसमें वर्तमान में कई मकान व प्लाट बने हुये है जो कि वर्तमान में नगर निगम के वार्ड 54 के भाग में आपके द्वारा प्रकाषित सूची में ज्ञानोदय कॉलोनी के नाम से दर्षाया गया है लेकिन आपके नगर निगम के नक्षे में इसको बाहर रखा गया है जबकि आज की परिस्थिति में भी इन्होने इसकी अनदेखी करते हुए थोक मालियान के आंषिक हिस्से को नगर निगम सीमा से बाहर रखा है जो कि बिल्कुल नियम विरूद्ध है। ग्राम नौसर, गा्रम कोटड़ा, ग्राम किरानीपुरा, ग्राम चौरसियावास, ग्राम खानपुरा, ग्राम परबतपुरा, ग्राम माखुपुरा व ग्राम दौराई का आंषिक भाग ही शामिल है। 3. नगर निगम सीमा में जयपुर रोड स्थित अषोग उद्यान, बड़ल्या चौराहा पर इंजिनियरिंग कॉलेज, जनाना अस्पताल, ट्रासर्पोट नगर, म.द.स. विश्वविद्यालय, दौराई/मदार रेल्वे स्टेषन, महाराणा प्रताप स्मारक, कृषि उपज मंडी सहित मुख्य चर्चित एवं उपयोगी संस्थानों को निगम सीमा में शामिल ना करके अजमेर वासियों के साथ कुठाराघात किया है जिन्हें परिसीमांकन में वार्डों में शामिल किया जाना चाहिये। 4. स्वायत्त शासन विभाग द्वारा जारी पत्र के दिषा निर्देषों में स्पष्ट अंकित है कि कोई भी वार्ड एक ही थाना क्षेत्र की सीमा में होना चाहिए जिसकी अनदेखी कर उन्होंने शहर के कई वार्ड दो या दो से अधिक थाने क्षेत्र में विभाजित कर दिये है जिनमें वार्ड नं. 60 दो थाना क्षेत्र में, वार्ड 70 तीन थाना क्षेत्र में, वार्ड 61 दो थानो में व वार्ड 41 चार थाना क्षेत्रों में विभाजित किया गया है जो कि नियम विरूद्ध है। 5. इसी प्रकार स्वायत्त शासन विभाग के निर्देशों के तहत स्पष्ट हवाला है कि वार्ड को यथासंभव विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम के साथ इस प्रकार रखा जाये कि सम्पूर्ण वार्ड एक ही जोन में आये जबकि शहर के कई वार्ड जिनमें वार्ड संख्या 1,2, 78, 80, 54, 53 के कई क्षेत्र ए.डी.ए की सीमा क्षेत्र में है तो कई नगर निगम की सीमा में है जो कि नियम विरूद्ध है। 6. शहर के कई मकान वार्ड परिसीमन में दो-दो वार्डो में समाहित कर लिये गये है इनको भी दुरूस्त किया जाना आवश्यक है। 7. इनके द्वारा शहर के कई वार्डो के मतदान स्थलों को मतदान बूथ तीन-चार किमी दूरी पर कर दिये गये है जिसके कारण मतदान प्रतिशत में कमी आने की संभावना है जबकि निर्वाचन आयोग की मंशा है कि अत्यधिक मतदान हो जिसके विपरीत निगम प्रशासन की मंषा कम मतदान करा कर उनके मौलिक अधिकार के हनन करने की है। 8. परिसीमन के संदर्भ में मुख्य बिन्दु पर ध्यान आकर्षित करते हुए माननीय जिलाधीश महोदय को एक पत्र भी भेज दिया गया था जिसमें वर्तमान में निगम क्षेत्र की कुल जनसंख्या व वार्डो की जनसंख्या का क्या आधार रखा गया है इसको भी स्पष्ट नहीं किया गया है जो कि नियम विरूद्ध है। 9. जबकि राजस्थान सरकार द्वारा दिये गये आदेष में स्पष्ट है कि किसी भी वार्ड की अनुमानित जनसंख्या के आधार को 15 प्रतिषत तक घटाया जा सकता है अन्यथा बढ़ाया जा सकता है जबकि इस आकड़ें के अनुरूप किसी भी वार्ड में स्पष्ट नहीं किया हुआ है जिससे शहरवासी भम्रित है और निगम व प्रषासन द्वारा लोगो को गुमराह किया गया है जबकि प्रकाषित सूची में जनसंख्या हर वार्ड की व सम्पूर्ण निगम क्षेत्र की स्पष्ट दर्षाई जानी चाहिये थी। 10. जिला निर्वाचन अधिकारी/कलेक्टर/निगम आयुक्त द्वारा दिनांक 27 मार्च तक परिसीमन का कार्य पूर्ण कर समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाशित व जिला मुख्यालय/निगम परिसर में भी आज दिवस तक परिसीमन से संबंधित कोई सूची न तो प्रकाशित की गई है ना ही इसकी आपत्तियां स्वीकार करने हेतु सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइन से आमजन को अवगत कराया गया है ऐसी परिस्थिति में आपत्तियॉं किस आधार पर स्वीकार की जाएगी, इसका क्या मापदंड होगा इसकी अनदेखी की गई है। 11. नगर निगम प्रशासन द्वारा परिसीमन की कार्यवाही को पटल पर लाने के लिए ना तो कोई ऐसी टीम गठित की गई जिसमें शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर सर्वे करके इस परिसीमन कार्य को अंजाम दिया है बल्कि दफ्तर में ए.सी. में बैठकर ही इसकी खानापूर्ति राजनीतिक दबाव में आकर की गई है जिसमें नियमों की अवहेलना की गई है यह भी एक जांच का विषय है शर्मा लोक अभियोजक नियुक्त: प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के सवा वर्ष बाद अजमेर में भी सरकारी वकीलों की नियुक्ति में फेरबदल कर दिया गया है। अब तब कांग्रेस सरकार में नियुक्त वकील ही विभिन्न अदालतों में सरकार की ओर से पैरवी कर रहे थे, लेकिन 7 अप्रैल को विधि विभाग ने अलग अलग आदेश जारी कर कांग्रेस सरकार में नियुक्त वकीलों को हटा कर नए वकीलों की नियुक्ति कर दी है। आदेश के अनुसार जयप्रकाश शर्मा को जिला लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है, इस पद पर अब तक विवेक पाराशर काम कर रहे थे। इसी प्रकार एससी एसटी कोर्ट के लिए विशिष्ट लोक अभियोजक के तौर पर पंकज जैन की नियुक्ति की गई है। इस पद पर अब तक मंजूर अली पैरवी कर रहे थे। पोक्सो अदालत संख्या 2 में संजय तिवारी की नियुक्ति की गई है। अब तक इस अदालत में विक्रम सिंह शेखावत पैरवी कर रहे थे। टाडा कोर्ट में लक्ष्मीकांत शर्मा नियुक्त किए गए है, अब तक इस कोर्ट में बृजेश पांडे सरकार की ओर से पैरवी कर रहे थे। अपर जिला न्यायाधीश संख्या एक की अदालत में शशि प्रकाश इंदौरिया, किशनगढ़ स्थित एडीजे कोर्ट के पदमराज सैनी, नसीराबाद के लिए महेंद्र कुमार चौधरी को नियुक्त किया गया है। राजेंद्र सिंह राठौड़ व राजेश कुमार सुकरिया को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया है। सभी नवनियुक्त वकीलों ने 8 अप्रैल को पदभार संभाल लिया है। S.P.MITTAL BLOGGER (08-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Monday, 7 April 2025

श्रीलंका में पीएम मोदी को सर्वोच्च सम्मान मित्र विभूषण मिला, लेकिन तमिलनाडु के समारोह में मुख्यमंत्री स्टालिन नहीं आए। यह मोदी से नहीं बल्कि सनातन धर्म से नफरत दिखाती है। अफसोस: स्टालिन की पार्टी को कांग्रेस का समर्थन है।

5 और 6 अप्रैल को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका के दौरे पर रहे। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिशानायके ने अपने देश के सर्वोच्च सम्मान मित्र विभूषण से मोदी को नवाजा। भारत के सहयोग से श्रीलंका में 850 करोड़ रुपए की लागत से 128 किलोमीटर का रेलवे ट्रेक बना है। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने इस सहयोग के लिए भी पीएम मोदी का आभार जताया। एक ओर भारत के प्रधानमंत्री को श्रीलंका में इतना मान सम्मान मिला, लेकिन जब 6 अप्रैल को मोदी तमिलनाडु पहुंचे तो मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने स्वागत का सामान्य शिष्टाचार भी नहीं निभाया। इतना ही नहीं स्टालिन उस समारोह में भी नहीं गए, जिसमें मोदी ने रामेश्वरम के समुद्र में बने वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का उद्घाटन किया। इस समारोह में आमंत्रित करने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने व्यक्तिगत तौर पर स्टालिन को फोन किया था। देश के पहले इस वर्टिकल ब्रिज का निर्माण भी रेलवे ने ही किया है। देश के प्रधानमंत्री का स्वागत न करना और न फिर समारोह में जाना दर्शाता है कि मुख्यमंत्री स्टालिन के मन में सनातन धर्म के प्रति कितनी नफरत है। स्टालिन और उनके पुत्र डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन पहले ही कह चुके है कि सनातन धर्म को नष्ट कर दिया जाना चाहिए। पीएम मोदी को सनातन धर्म के प्रति अटूट श्रद्धा रखने वाला माना जाता है। जबकि 550 करोड़ रुपए की लागत से रामेश्वरम में जो सी ब्रिज बना है, उसमें तमिलनाडु में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसका फायदा स्टालिन की सरकार को ही मिलेगा। एक और स्टालिन केंद्रीय शिक्षा नीति के तहत त्रिभाषायी फार्मूले को स्वीकार नहीं कर रहे है, वहीं तमिलनाडु में मेडिकल की पढाई तमिल भाषा में करवाने को तैयार नहीं है। यदि मेडिकल की पढ़ाई तमिल भाषा में हो तो तमिलनाडु के युवाओं को डॉक्टर बनने में सुविधा होगी। स्टालिन अपने प्रदेश में हिंदी भज्ञषा को विकल्प के तौर पर भी स्वीकार नहीं करते और युवाओं को तमिल भाषा में मेडिकल की पढ़ाई करने का अधिकार भी नहीं देते। इससे स्टालिन और उसके नेतृत्व वाली डीएमके की कथनी और करनी को समझा जा सकता है। तमिलनाडु के नागरिकों को भी अपने मुख्यमंत्री के दोहरे चरित्र को समझने की जरूरत है। गंभीर बात तो यह है कि जो पार्टी सनातन धर्म को नष्ट करने की सोच रखती हे, उस पार्टी से कांग्रेस ने गठबंधन कर रखा है। कांग्रेस को उत्तर भारत में सनातनियों के तो वोट चाहिए लेकिन दक्षिण में कांग्रेस उस पार्टी के साथ खड़ी है जो सनातन धर्म को ही नष्ट करना चाहती है। S.P.MITTAL BLOGGER (07-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

बाबा रामदेव ने शरबत जिहाद का मुद्दा उठाया।

लव जिहाद, लैंड जिहाद के बाद अब योग गुरु बाबा रामदेव ने शरबत जिहाद का मुद्दा उठा दिया है। बाबा रामदेव पतंजलि उत्पादों के ब्रांड एम्बेसडर है। इन दिनों बाबा रामदेव पतंजलि के उत्पादों के गुणों के बारे में सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर रहे है। हाल ही में बाबा ने पतंजलि के विभिन्न स्वादों वाले शरबतों के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। अपने शरबतों के बारे में बताते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि बाजार में एक पुरानी कंपनी का शरबत भी बिक रहा है। लोगों को इस पुरानी कंपनी के शरबत से बचना चाहिए। क्योंकि यह कंपनी उन संस्थानों को सहयोग करती है जो देशहित में नहीं सोचते। बाबा ने इस कंपनी के शरबत की तुलना जिहाद से कर दी। बाबा ने बहुत स्पष्ट कहा कि पतंजलि के उत्पादों से जो इनकम होती है उसे शिक्षा के गुरुकुल, योग केंद्र और स्वस्थ रहने के लिए शिविर संचालित किए जाते है। यानी पतंजलि का एक एक पैसा देशहित में खर्च होता है। बाबा रामदेव का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि बाबा ने देशवासियों का ध्यान एक गंभीर मुद्दे पर आकर्षित किया है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि शरबत जिहाद का मुद्दा उठाकर बाबा रामदेव पतंजलि के शर्बतों की बिक्री बढ़ाने का काम कर रहे हैं। बाबा रामदेव का यह वीडियो https://www.facebook.com/share/v/1BTd4cKsyV/?mibextid=wwXIfr लिंक पर देखा जा सकता है। S.P.MITTAL BLOGGER (06-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Sunday, 6 April 2025

11500वां ब्लॉग। पाठकों का स्नेह बना रहे।

जब ईश्वर की कृपा होती है तो सनातन संस्कृति के संयोग भी मिल जाते हैं। आज जब मैं 11500वां ब्लॉग पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं, तब सनातन धर्म के प्रतीक भगवान राम का जन्मोत्सव देशभर में मनाया जा रहा है। हर सनातनी के घर में पूजा अर्चना हो रही है। भगवान राम को मर्यादा पुरुष कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवनकाल में कभी भी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। रावण जैसे दुश्मन को समझाने के बहुत प्रयास किए, लेकिन अंत में रावण का वध करना ही पड़ा। अब जब उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जन्म स्थान पर ही रामलला विराजमान हो गए तो सनातनियों की खुशी सातवें आसमान पर है। मेरे लिए भी यह खुशी की बात है कि मैं 11500वां ब्लॉग पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हंू। इसे भगवान राम की कृपा ही कहा जाएगा कि देश भर में ब्लॉग को पढ़ा जा रहा है। कोई तीन हजार वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से ब्लॉग को प्रेषित किया जाता है। लेकिन जब कोई ब्लॉग वायरल होता है तो पाठकों की संख्या करोड़ों तक पहुंच जाती है। सोशल मीडिया के अन्य प्लेट फार्मों के माध्यम से भी ब्लॉग पाठकों तक पहुंचते हैं। मुझे इस बात का संतोष है कि जो ब्लॉग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लिखे जाते हैं, उनकी चर्चा देशभर में होती है। करंट विषयों पर लिखे गए ब्लॉग का उपयोग देश के अनेक दैनिक समाचार पत्र और न्यूज़ पोर्टल में होता है। जो लोक ब्लॉग के साथ मेरानाम लगाते हैं उनका हृदय से आभार, लेकिन जो लोग मेरा नाम हटाकर ब्लॉग की सामग्री को अपने अखबार और पोर्टल पर उपयोग करते है, उनका हाथ जोड़कर अभिनंदन। 11500वां ब्लॉग को लिखने के साथ ही मैं फर्स्ट इंडिया मीडिया समूह के मैनेजिंग एडिटर और सीईओ पूर्व आईएएस पवन अरोड़ा का भी आभारी हंू। गत 29 मार्च को अजमेर के होटल मेरवाड़ा स्टेट में इस मीडिया समूह की ओर से अजयमेरु सम्मान समारोह रखा गया। इस समारोह में मुझे भी विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया। समूह के मैनेजिंग एडिटर अरोड़ा ने तो मेरे ब्लॉगों की चर्चा की ही, साथ ही राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी, विधायक अनिता भदेल, डॉ. विकास चौधरी, अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी आदि ने भी कहा कि वे मेरे ब्लॉगों के नियमित पाठक हैं। मेरे लिए सबसे बड़ा उपहार जनप्रतिनिधियों द्वारा दिया गया सम्मान ही है। सभी ने मेरे ब्लॉगों की उच्च स्तरीय भाषा की प्रशंसा की। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हंू कि पाठकों का स्नेह मेरे प्रति बना रहे। S.P.MITTAL BLOGGER (06-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

अजमेर में मित्तल मॉल के साथ अब 88 कमरो वाला फोर स्टार सुविधा का होटल सरोवर पोर्टिको। दरे बड़े बैंक्वेट हॉल के साथ पांच मंजिला माल की छत पर हाईब्रिड आर्टिफिशियल गार्डन व स्वीमिंग पूल। रेस्टोरेंट की सुविधा के साथ हर कमरे से देखा जा सकता है अजमेर का प्राकृतिक सौंदर्य। मॉल, पीवीआर और होटल का मेल राजस्थान में पहला।

अजमेर शहर के बीचों बीच जीरो माइलस्टोन (आगरा गेट चौराहा) पर बने वातानुकूलित पांच मंजिला मित्तल मॉल की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रतिदिन 10 हजार से भी ज्यादा लोग आ रहे है। सप्ताह के अंतिम दो दिनों में तो मॉल के सभी फ्लोर पर मेले जैसा माहौल रहता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि पुष्कर तीर्थ और ख्वाजा साहब की दरगाह होने के कारण अजमेर का अंतर्राष्ट्रीय महत्व है। यही वजह है कि पुष्कर के आसपास के 15 किलोमीटर का क्षेत्र जो डेस्टिनेशन मैरिज का हब बन गया है। अजमेर के महत्व को अब होटल के इंटरनेशनल ब्रांड सरोवर पोर्टिको ने और बढ़ा दिया है। शृंखला वाली इस ब्रांड के देश विदेश में 136 होटल है, जिनमें सेवन स्टार की सुविधाएं उपलब्ध है। इसी ब्रांड ने अब अजमेर के मित्तल, गर्ग और भैंसा परिवार से अनुबंध कर सरोवर पोर्टिको, मित्तल मॉल के परिसर में शुरू किया है। राजस्थान में यह पहला स्थान है, जहां पीवीआर सुविधा वाले पांच मंजिला मॉल के साथ 88 कमरों वाला होटल शुरू हुआ है। सातवीं और आठवीं मंजिल पर बने होटल में दो बड़े बैंक्वेट हॉल है। इनमें एक साथ पांच सौ से भी ज्यादा मेहमान बैठ सकते है। इतना ही पांच मंजिला मॉल की छत पर हाइब्रिड आर्टिफिशियल गार्डन बनाया गया है। छत पर घास के रूप में फाइबर का ग्रीन कारपेट बिछा है, लेकिन किनारे पर ओरिजिनल पेड़ लगे हुए है। यहां आने के बाद नेचुरल गार्डन की ही अनुभूति होती है। होटल की खास बात यह है कि सभी कमरो से अजमेर का प्राकृतिक सौंदर्य देखा जा सकता है। किन्हीं कमरों से एलिवेटेड रोड का नजारा तो किन्हीं कमरों से ऐतिहासिक चर्च की इमारत देखने को मिलेगी। कुछ कमरों से कोतवाली का ऐतिहासिक गेट और आगरा गेट चौराहा भी देखा जा सकता है। इसके साथ ही बजरंगगढ़ की पहाडिय़ों को भी देखा जा सकता है। होटल की छत पर स्वीमिंग पूल बना हुआ है। दो भागों में विभाजित इस स्वीमिंग पूल का उपयोग छोटे बच्चे भी कर सकते हैं। शानदार रेस्टोरेंट के साथ होटल में अलग अलग किचन निर्मित है। शाकाहारी भोजन वाले मेहमानों के लिए अलग से किचन बनाई गई है। अजमेर शहर में भले ही पार्किंग की प्रॉब्लम हो, लेकिन सरोवर पोर्टिको में आने वाले एक हजार मेहमानों को भी वाहन खड़े करने में कोई परेशानी नहीं है। होटल प्रबंधन स्वयं वाहनों की पार्किंग तीन मंजिला भूतल में करवाता है। मेहमान को तो सिर्फ होटल के पोर्च तक ही वाहन को लाना है। होटल में ढेर सारी सुविधाओं को देखते हुए अब शादी समारोह की बुकिंग भी होने लगी है। सरोवर पोर्टिको अपने ब्रांड के अनुरूप ब्रेक फास्ट, लंच, डिनर, हाईटी आदि होटल में ही उपलब्ध करवाता है। यानी किसी मेजबान को बाहर से हवाई बुलाने की जरूरत नहीं है। होटल के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9257038814 पर ली जा सकती है तथा होटल के वीडियो वेबसाइट https://www.sarovarhotels.com/sarovar-portico-ajmer/ पर देखा जा सकता है। S.P.MITTAL BLOGGER (05-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

अब बनाया जाएगा अजमेर को स्मार्ट शहर। आनासागर से मिट्टी भी निकलेगी। गर्मी के दिनों में भी 48 घंटे में पेयजल की सप्लाई। सरकारी होटल का नाम बदलने से ही इनकम बढ़ गई। विकास के विभिन्न कार्य पर 2 हजार करोड़ खर्च होंगे-देवनानी।

अजमेर उत्तर क्षेत्र के भाजपा विधायक और राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के गलत निर्णयों के कारण भले ही अजमेर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट सफल न हो पाया हो, लेकिन अब अजमेर शहर को स्मार्ट बनाने का काम शुरू हो गया है। राज्य की भाजपा सरकार ने विभिन्न विकास कार्यों के लिए दो हजार करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। इसमें अजमेर के चारों तरफ रिंग रोड, कोटड़ा में पचास बैड का अस्पताल, आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, कन्वेंशन सेंटर, पचास हजार की क्षमता वाला स्टेडियम, इंजीनियरिंग कॉलेज को आईआईटी के अनुरूप बनाने, आधुनिक बस स्टैंड का निर्माण, ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने जैसे कार्य किए जाएंगे। देवनानी ने कहा कि अजमेर को पर्यटन केंद्र बनाने के लिए 150 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। वरुण सागर को पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाया जाएगा। देवनानी ने बताया कि जलदाय विभाग के इंजीनियरों को निर्देश दिए गए है कि गर्मी के दिनों में भी 48 घंटे में पेयजल की सप्लाई को बरकरार रखा जाए। अजमेर शहर की पेयजल की समस्या के निदान के लिए 600 करोड़ रुपए खर्च होंगे। गर्मी के दिनों में बिजली की वजह से पेयजल सप्लाई बाधित न हो, इसके लिए पंप हाउस पर अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि पेयजल सप्लाई में कोई कोताही न बरती जाए। अजमेर शहर के हाथी भाटा के दफ्तर में गैस आधारित जीएसएस स्थापित किया जाएगा। ताकि शहरवासियों को बिजली कटौती का सामना न करना पड़े। देवनानी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और वित्त मंत्री दीया कुमारी का आभार जताया है कि विकास के जो कार्य उन्होंने बताए उन सभी को मंजूर किया गया। आनासागर से मिट्टी निकलेगी: देवनानी ने आनासागर की दुर्दशा पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जो मामला विचाराधीन है उस पर तो वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन जनप्रतिनिधि होने के नाते उनका दायित्व है कि आनासागर झील का संरक्षण हो। उन्होंने माना कि पिछली कांग्रेस सरकार में ऐसे कई निर्णय हुए जिसकी वजह से आनासागर की भराव क्षमता कम हुई। इंजीनियरों की नासमझी की वजह से जो निर्माण हुए उनके लिए लाखों टन मिट्टी आनासागर में डाली गई। आज भी वो मिट्टी जमा पड़ी है। कायदे से इंजीनियरों को मिट्टी को उसी समय निकालना चाहिए था। उनका प्रयास है कि आनासागर से बड़ी मात्रा में मिट्टी को निकाला जाए। ताकि ज्यादा पानी भर सके। उन्होंने कहा कि आनासागर के किनारे जो पाथवे बना हुआ है उसे कई जगहों पर जिक जैक का रूप दिया गया है। बेवजह बनाए गए जिक जेक भी हटाए जाएंगे। रीजनल कॉलेज के सामने चल रही दुकानों, रेस्टोरेंट, शोरूम समारोह स्थल आदि को हालांकि सीज कर दिया गया है, लेकिन वे चाहते हैं कि ऐसे अवैध निर्माण तुरंत प्रभाव से हट जाए और पहले की तरह आनासागर का पानी सड़क के किनारे आ जाए। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए है। उन्होंने कहा कि नालों का पानी आनासागर में न गिरे, इसके लिए सीवरेज सिस्टम को ठीक किया जा रहा है। जल्द ही सीवरेज का पानी ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचने लगेगा, फिर साफ पानी आनासागर में आएगा। जयपुर रोड से आने वाले प्रवेश द्वार को सुगम और आकर्षक बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अजमेर शहर का नया नजारा देखने को मिलेगा। होटल की इनकम में वृद्धि: देवनानी ने कहा कि उन्हीं की पहल पर फायसागर का नाम वरुण सागर, किंग एडवर्ड मेमोरियल होटल का नाम स्वामी दयानंद सरस्वती विश्रांति गृह तथा होटल खादिम का नाम होटल अजयमेरु रखा गया। आरटीडीसी के अधिकारियों ने बताया कि नाम बदलने के बाद से ही होटल अजयमेरु की इनकम में वृद्धि हो गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कुछ और संस्थानों के नाम बदले जाएंगे। S.P.MITTAL BLOGGER (06-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Friday, 4 April 2025

मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में नहीं रखा जाए। तमिलनाडु और कर्नाटक में हिंदुओं के चढ़ावे का दुरुपयोग। देश में चालीस हजार स्थानों पर रामोत्सव मना रही है विश्व हिन्दू परिषद। केंद्रीय सह संगठन मंत्री देशपांडे का अजमेर में वीएस भाटी के निवास पर स्वागत।

देश भर में हिंदू धर्म के प्रति जन जागरण के उद्देश्य से विश्व हिंदू परिषद चालीस हजार स्थानों पर रामोत्सव मना रही है। अजमेर में रामोत्सव के समारोह में भाग लेने आए परिषद के केंद्रीय सह संगठन मंत्री विनायकराव देशपांडे ने एक मुलाकात में कहा कि मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण नहीं होना चाहिए। देश में जिन मंदिरों का संचालन धर्मार्थ ट्रस्ट के माध्यम से होता है, वहां अस्पताल, स्कूल जैसे सामाजिक कार्य भी कुशल प्रबंधन के जरिए होते हैं, लेकिन जिन मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण होता है वहां प्रबंधन तो खराब होता ही है साथ ही हिंदुओं के चढ़ावे का दुरुपयोग होता है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और कर्नाटक में अनेक मंदिर राज्य सरकारों के नियंत्रण में है। यह देखा गया है कि हिंदू श्रद्धालु जो चढ़ावा देते है उसे सरकार की अन्य योजनाओं में खर्च कर दिया जाता है। यह काम पूरी तरह हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है। मंदिरों में जो चढ़ावा आता है उसे श्रद्धालुओं की सुविधाओं और मंदिर विकास पर ही खर्च किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान के पुष्कर स्थित विश्व विख्यात ब्रह्मा मंदिर भी जल्द सरकारी नियंत्रण से मुक्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का काम मंदिरों का संचालन का नहीं है। मंदिर सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो इसके लिए विश्व हिंदू परिषद देशभर में अभियान चला रहा है। देशपांडे ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर सभी धर्मों के प्रति आस्था जताई है। मोदी अपने सनातन धर्म के प्रति भी अटूट आस्था रखते हैं। मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही विश्व हिंदू परिषद और अन्य संस्थाओं ने मिलकर अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनवाया है। हिंदू कैलेंडर अपनाएं: अजमेर में जनकपुरी समारोह स्थल पर रामोत्सव के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देशपांडे ने सनातन धर्म को मानने वाले लोगों से अपील की वे हिंदू कैलेंडर को ही अपनाएं और विक्रम संवत की तिथियों के अनुरूप ही जीवन यापन करें। भारतीय खगोल एवं पंचांग को वैज्ञानिक भी स्वीकार करते हैं, इसलिए अनेक देशों में हमारे पंचांग का ही अनुसरण किया जाता है। जब हम हमारे पंचांग का उपयोग करते हैं तो हमारा आचरण भी अपने धर्म के अनुरूप होता है। भारतीय पंचांग में एक एक मिनट के बारे में जानकारी दी गई है। यही वजह है कि हमारे वे विज्ञानी पंडित शुभ क्षण निर्धारित करते हैं। स्वागत: देशपांडे के अजमेर पहुंचने पर एवीवीएनएल के पूर्व एमडी वीएस भाटी के सागर विहार स्थित निवास पर स्वागत किया गया। इस अवसर पर परिषद के केंद्रीय सह संगठन मंत्री आनंद गोपाल, प्रांत उपाध्यक्ष पूर्व आईएएस स्नेहला पंवार, नगर मंत्री किशन गुर्जर, लेखराज सिंह आदि उपस्थित रहे। S.P.MITTAL BLOGGER (05-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

जिस लालसोट-गंगानगर नेशनल हाईवे पर डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने इंजीनियरों को फटकार लगाई, वह हाईवे पीडब्ल्यूडी के अधीन ही आता है। मंत्री सुरेश रावत का हाइब्रिड एन्युटी मोड वाला प्रस्ताव फाइलों में दब गया।

3 अप्रैल को राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने लालसोट-गंगानगर नेशनल हाईवे-23 का आकस्मिक निरीक्षण किया। डिप्टी सीएम ने देखा कि मौके पर घटिया सामग्री का उपयोग हो रहा है। इस पर दीया कुमारी ने इंजीनियरों को फटकार लगाई टौर संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी करने के आदेश दिए। भले ही डिप्टी सीएम ने इंजीनियरों को फटकार लगाई हो, लेकिन हकीकत यह है कि इस नेशनल हाईवे की देखभाल दीया कुमारी के अधीन आने वाला पीडब्ल्यूडी विभाग ही करता है। राजस्थान में सड़कों की देखभाल चार प्रकार से होती है। एक नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधीन सड़कें आती हैं। करीब साढ़े सात हजार किलोमीटर की ऐसी सड़कें पूरी तरह केंद्र सरकार के अधीन है। दो -करीब साढ़े 3 हजार किलोमीटर की सड़क नेशनल हाईवे तो होती है, लेकिन सड़कों के रखरखाव का काम राज्य का पीडब्ल्यूडी विभाग करता है। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर ही ठेकेदारों का निर्धारण करते है। अच्छा होता कि 3 अप्रैल को दीया कुमारी अपने विभाग के इंजीनियरों के खिलाफ कार्यवाही करती। ठेकेदार को नोटिस दिलवाकर तो दीया कुमारी ने अपना बचाव किया है। यदि घटिया निर्माण हो रहा है तो इसकी जिम्मेदारी खुद दीया कुमारी की है। राजस्थान में करीब 35 हजार किलोमीटर सड़क स्टेट हाइवे कहलाती है। इन सड़कों का रखरखाव राजस्थान स्टेट हाइवे अथॉरिटी के माध्यम से होता है। यह संस्था वर्ल्ड बैंक से लोन लेकर और बीओटी पद्धति से सड़कों का काम करती है। चौथे प्रकार की वह सड़क है जो ग्रामीण सीमा को शहरी सीमा से जोड़ती है। इन सड़कों की दुर्दशा ज्यादा खराब है। जबकि आवागमन के लिए इन्हीं सड़कों का उपयोग ज्यादा होता है। इन सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रदेश के जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए है। इन सड़कों का निर्माण हाइब्रिड एन्युटी मोड से कराए जाने का प्रस्ताव दिया गया है। यदि इस मोड़ से सड़कें बनती है तो उच्चस्तरीय नेटवर्क ग्रामीणों को प्राप्त हो सकेगा। जिसका फायदा ग्रामीण विकास को भी मिलेगा। इस मोड़ में पांच वर्षों में किए गए खर्च के अनुरूप ही राशि खर्च करनी होगी, इससे सड़कों का निर्माण सुदृढ़ीकरण उन्नयन संभव हो सकेगा। चूंकि संबंधित ठेकेदार के पास ही मेंटेनेंस का काम होगा, इसलिए ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें पेचवर्क से मुक्त हो सकेगी। मंत्री रावत ने यह महत्वपूर्ण सुझाव गत वर्ष अगस्त में भेजा था, लेकिन सात माह गुजर जाने के बाद भी इस प्रस्ताव पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। हाल ही के बजट में सरकार ने इन सड़कों के लिए प्रति विधानसभा 10 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया है। S.P.MITTAL BLOGGER (05-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

जो युवा नेता राहुल गांधी के आगे पीछे धूमते थे, जाब वो राहुल जी की ओर देखते भी नहीं है-खडग़े। कांग्रेस की संपत्तियों को हड़पने वाले कांग्रेसियों पर कार्यवाही होगी। कांग्रेस में अब सांसद और विधायक से ज्यादा जिलाध्यक्ष ताकतवर होंगे। राहुल जी, बड़े नेताओं का घमंड दूर करवाओ-अक्षय त्रिपाठी।

3 अप्रैल को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 8 राज्यों के करीब 700 जिलाध्यक्षों से सीधा संवाद किया। दिल्ली के पार्टी मुख्यालय पर हुए इस संवाद में खडग़े ने कहा कि पार्टी के युवा नेता जो कभी राहुल गांधी के आगे पीछे घूमते थे, आज वे संसद भवन परिसर में राहुल जी की ओर देखते भी नहीं है। खडग़े का इशारा ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा, जतिन प्रसाद जैसे नेताओं की ओर था। यह नेता राहुल गांधी का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। खडग़े ने कहा कि अब हमे ंऐसे मौका परस्त नेताओं से सावधान रहने की जरुरत है। खडग़े ने गुलाम नबी आजाद की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो लोग जमीनी नेता नहीं थे, उन्हें भी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री तक बनाया, लेकिन जब कांग्रेस में संकट का समय आया तो ऐसे नेता कांग्रेस को छोड़ कर चले गए। इन नेताओं को अपनी असलियत का पता जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव में चल गया है। मात्र 2 प्रतिशत ही वोट ले पाए हैं। जिलाध्यक्षों के संवाद में खडग़े ने तो लंबा भाषण दिया, लेकिन राहुल गांधी मात्र दस मिनट ही बोले। राहुल गांधी की रुचि अपनी पार्टी के जिलाध्यक्षों के विचारों को सुनने में थी। जिलाध्यक्षों ने कहा कि संगठन में जब पदाधिकारियों का चयन किया जाता है तब सांसद और विधायक की राय को प्राथमिकता दी जाती है। ऐसे में जिलाध्यक्ष सिर्फ नाम मात्र का रहता है। जिलाध्यक्षों ने कहा कि पदाधिकारियों के चयन का अधिकार हमारे पास होना चाहिए ताकि ब्लॉक और बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत किया जा सके। राहुल गांधी ने जिला अध्यक्षों से जानना चाहा कि जब राज्य में हमारी सरकार होती है तो बोर्ड, निगम आदि में अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति कैसे होती है, क्या जिलाध्यक्ष अथवा संगठन के पदाधिकारियों से राय ली जाती है या फिर सीधे मुख्यमंत्री के स्तर पर ही नियुक्ति हो जाती है। राहुल गांधी के इस सवाल का जवाब किसी भी जिलाध्यक्षों ने नहीं दिया, क्योंकि अधिकांश राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्री संवाद में मौजूद थे। राहुल गांधी ने यह भी जानना चाहा कि क्या जिलाध्यक्ष को विधानसभा चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बनाया जाए। इस पर 35 प्रतिशत जिलाध्यक्षों ने हाथ खड़े कर कहा कि टिकट नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि जब जिलाध्यक्ष ही उम्मीदवार बन जाता है तो फिर वह अन्य विधानसभा क्षेत्र में जाकर पार्टी का प्रचार नहीं कर पाता। पूरे कार्यकाल में जिलाध्यक्ष का काम टिकट हथियाने में लगा रहता है, लेकिन करीब 65 प्रतिशत जिलाध्यक्षों ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने का समर्थन किया। असल में ऐसे जिलाध्यक्ष भी थे जो मौजूदा समय में भी विधायक है। राहुल गांधी ने सवाल किया कि यदि हम जिलाध्यक्षों का पावरफुल बना देते हैं तो इस बात की गारंटी क्या है कि जिलाध्यक्ष अपने पद का दुरुपयोग नहीं करेगा। राहुल गांधी ने कहा कि अब संगठन में बदतमीजी नहीं चलेगी। पदाधिकारियों को कार्यकार्यताओं से अच्छा व्यवहार करना ही पड़ेगा। संपत्तियां कांग्रेसियों ने ही हड़प ली: जिला अध्यक्षों के सीधे संवाद में यह बात भी सामने आई कि कई जिलों में कांग्रेस की संपत्तियों को कांग्रेसियों ने ही हड़प लिया है। जो संपत्तियां संगठन की थी, उन्हें खुर्दबुर्द कर दिया। कांग्रेस के जो दफ्तर बरसों से किराए पर चल रहे थे, उन्हें भवन मालिक से सांठगांठ कर चुपचाप खाली कर दिया गया। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की संपत्तियों को खुर्दबुर्द करने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्यवाही की जाएगी। यह पता लगाया जाएगा कि कांग्रेस के किन नेताओं की वजह से किराए के दफ्तर खाली हुए। घमंड दूर करवाओ: 3 अप्रैल को हुए संवाद में राजस्थान के चालीस से भी ज्यादा जिलाध्यक्ष मौजूद थे, लेकिन बोलने का अवसर सीकर की जिलाध्यक्ष सुनीता गठाला और भीलवाड़ा के जिला अध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी को ही मिला। इन दोनों के नामों की सिफारिश प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने की थी। सुनीता गठाला ने प्रदेश संगठन की जमकर प्रशंसा की। वहीं अक्षय त्रिपाठी ने कहा कि जब हमारी सरकार होती है तो विधायक और चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को ही महत्व दिया जाता है। जबकि संगठन की मजबूती के लिए जिलाध्यक्ष को महत्व मिलना चाहिए। त्रिपाठी ने कहा कि कई बार जिलाध्यक्ष बड़े नेताओं को आमंत्रित करते हैं, लेकिन बड़े नेता या तो आते नहीं या फिर घमंडपूर्ण व्वहारकरते हैं। कार्यकर्ता सीधे मुंह बात नहीं करते। त्रिपाठी ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि बड़े नेताओं का घमंड दूर करवाया जाए। जिलाध्यक्षों के संवाद में सचिन पायलट तो छत्तीसगढ़ के प्रभारी की हैसियत से मौजूद थे, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौजूद नहीं रहे। गहलोत के पास मौजूदा समय में न तो किसी प्रदेश का प्रभार है और न ही वह संगठन के किसी पद पर है। यह पहला अवसर है, जब मुख्यमंत्री के पद से हटने के बाद गहलोत को अखिल भारतीय स्तर का संगठन का कोई पद नहीं मिला है। अजमेर के दोनों अध्यक्षों ने भाग लिया: 3 अप्रैल को दिल्ली में हुए संवाद कार्यक्रम में अजमेर देहात के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह राठौड़ और शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन ने भी भाग लिया। यहां उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अजमेर एकमात्र ऐसा जिला है, जिसमें कार्यकारिणी के भंग होने के बाद नए अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं की गई है। राठौड़ और जैन को ही अध्यक्ष मानकर संगठन का काम चलाया जा रहा है। कार्यकारिणी भंग होने के बाद भी राठौड़ और जैन पूरी निष्ठा के साथ जिलाध्यक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर के संवाद कार्यक्रम आमंत्रित किए जाने से जाहिर है कि बड़े नेताओं का भरोसा राठौड़ और जैन पर बना हुआ है। राठौड़ और जैन ने बताया कि संगठन को मजबूत करने की दृष्टि से दिल्ली का संवाद कार्यक्रम बहुत सफल रहा है। राहुल गांधी ने जिला अध्यक्षों से महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्रित की है। अब यदि जिलाध्यक्षों को अधिकार मिलते हैं तो संगठन को मजबूती मिलेगी। S.P.MITTAL BLOGGER (04-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

वक्फ संपत्तियों का लाभ अब 85 प्रतिशत पिछड़े मुसलमानों को मिलेगा। विपक्ष द्वारा संसद में रखी सभी आशंकाएं निराधार साबित होंगी। ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान की ओर से पीएम मोदी मोदी का आभार जताया।

3 अप्रैल की देर रात वक्फ एक्ट संशोधन बिल 2025 राज्यसभा में भी पारित हो गया। बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी बिल मंजूर हो जाने के बाद अब राष्ट्रपति को भेजा जाएगा और फिर राष्ट्रपति की और से कानून बनाने का आदेश जारी होगा। राज्य सभा में भले ही सांसदों की संख्या कम हो, लेकिन लोकसभा के मुकाबले में राज्य सभा में ज़्यादा समय तक बहस हुई। लोकसभा में कोई 12 घंटे, लेकिन राज्यसभा में 15 घंटे से भी ज्यादा समय तक चर्चा हुई। यानी दोनों सदनों में सांसदों ने अपने विचारों को प्रमुखता के साथ रखा लोकतंत्र की यह खूबी हैं कि बहस के बाद बहुमत के आधार पर फैसला होता है। अब देश की संसद ने वक्फ एक्ट में संशोधन प्रस्तावों पर मुहर लगा दी है। दोनों सदनों में पास होने के बाद अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान और ख्वाजा साहब के वंशज जैनुअल आबेदीन के पुत्र और उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि संसद में बहस के दौरान विपक्षी सांसदों ने जो आशंकाएं व्यक्त की है वह सभी निराधार साबित होंगी। वक्फ एक्ट संशोधन के प्रस्ताव को बनाने में उनकी ऑल इंडिया सज्जादानशीन कौंसिल की भी भूमिका है। हमने भी सुझाव दिया था के पिछड़े मुसलमानों को वक्फ बोर्ड में प्रतिनिधित्व दिया जाए। देश में कुल मुसलमानों की आबादी का 85 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के मुसलमान है। इनमें अंसारी, मंसूरी, जुलाहा, राइनी इकरिसी, नाई, मिरासी, मुकेरी, बारी, घोसी जैसीे जातियों के मुसलमान आते है। अब तक इन पिछड़े मुसलमानों को प्रतिनिधित्व नहीं मिलता था। चिश्ती ने बताया कि देश में बिहार एकमात्र ऐसा राज्य जहां जातीय जनगणना हो चुकी है। आंकड़े बताते है के बिहार में 73 प्रतिशत मुसलमान पिछड़ी जातियों के है। अब जब इन पिछड़ी जातियों के मुसलमानों वक्फ बोर्ड में प्रतिनिधि मिलेगा तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम मुसलमान को कितना लाभ होगा। चिश्ती ने कहा कि नए कानून के बाद देश भर की वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन होगा। इसमें सभी संपत्तियों का नामांकन और नाप भी होगा। मौजूदा समय में लाखों संपत्तियों का न तो सीमांकन है और न ही नाप। कब्रिस्तान और मस्जिद के बाद रिकॉर्ड में सीमांकनकी जगह जीरों अंकित किया गया है। नए कानून के लागू होने क ेबाद इन सब बुराइयों को समाप्त किया जाएगा। मौजूदा समय में कुछ संस्थाओं के लोगों ने वक्फ की संपत्तियों को कौडिय़ों के भाव बेच दिया है या फिर मामूली किराये दारी पर दे दीहै। उन्होंने कहा कि जब वक्फ क सपंथ्ततयों में पारदर्शिता आएगी तो इनकम भी बढ़ेगी। वे दावे से कह सकते हैं कि वक्फ संपत्तियों से होने वाली इनकम को मुसलमानों की भलाई पर ही खर्च किया जाएगा। मोदी का आभार: नसीरुद्दीन चिश्ती ने वक्फ एक्ट में संशोधन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और अल्पसंख्यक मामलात मंत्री किरण रिजिजू का आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह बिल देश का पहला ऐसा बिल है, जिस पर लाखों लोगों से राय ली गई है। कुछ लोग गुमराह करते है कि नरेंद्र मोदी मुस्लिम विरोधी है। यदि नरेंद्र मोदी मुस्लिम विरोधी होते तो वक्फ बोर्ड में गरीब मुसलमानों को प्रतिनिधित्व नहीं देते। मोदी ने अपने 11 वर्ष के कार्यकाल में भारत के मुसलमानों के लिए भलाई और विकास के जो कार्य किए उसी की वजह से चार मुस्लिम देशों ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान नरेंद्र मोदी को दिया है। चिश्ती ने कहा कि वक्फ एक्ट में संशोधन के बाद जब आम मुसलमानों को अपनी संपत्तियों का लाभ मिलने लगेगा, तब उन नेताओं की दुकान बंद हो जाएगी जो मोदी को मुस्लिम विरोधी बताते हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (04-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

जब खुद की दाढ़ी में आग लगती है तो हकीकत का पता चलता है कांग्रेस अध्यक्ष खडग़े के कथित अपमान पर राज्यसभा के सभापति धनखड़ की दो टूक। कर्नाटक में वक्फ की संपत्तियां हड़पने का आरोप।

3 अप्रैल को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही मल्लिकार्जुन खडग़े ने अपने प्रतिपक्ष के नेता के विशेषाधिकारों का उपयोग करते हुए कहा कि 2 अप्रैल् को लोकसभा में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने उन पर कर्नाटक में वक्फ की संपत्तियों को हड़पने का आरोप लगाया है। खडगे ने भावुक होते हुए ही कहा कि आरोप साबित हो जाए तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। खडग़े ने सदन में मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मेरी ईमानदारी के बारे में देवगौड़ा से पूछा जा सकता है। खडग़े ने सभापति जगदीप धनखड़ से कहा कि वह अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा से माफी मंगवाए। खडग़े की बात का समर्थन विपक्ष के कई सांसदों ने किया, लेकिन सभापति धनखड़ ने कहा कि खडग़े ने जो बात कही है उसे मैं घनश्याम तिवाड़ी की अध्यक्षता वाली एधिक (आचरण) को रैफर कर रहा हंू। तिवाड़ी एक अनुभवी राजनेता है, इसलिए अनुराग ठाकुर और खडग़े के प्रकरण की सच्चाई का पता लगाएंगे। धनखड़ ने कहा कि वे स्वयं भी चाहते हैं कि सांसदों का आचरण संसदीय परंपराओं के अनुरूप हो, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनेक सांसद ऐसा नहीं करते। उन्होंने उदाहरण दिया कि देश की रक्षा करने वाले राणा सांगा के बारे में इसी संसद में अमर्यादित टिप्पणियां की गई। मैंने तब भी सांसदों को सावचेत किया था। धनखड़ ने खडग़े से कहा कि आपने भी राणा सांगा के मुद्दे पर निष्पक्ष भूमिका नहीं निभाई। धनखड़ ने कहा कि इसी सदन में देश के प्रधानमंत्री और स्वयं मेरे लिए भी अमर्यादित टिप्पणियां की जाती है, लेकिन जब खुद की दाढ़ी में आग लगती है तो हकीकत का पता चलता है। धनखड़ की दो टूक के बाद मल्लिकार्जुन खडग़े शांत होकर बैठ गए। S.P.MITTAL BLOGGER (04-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

जब 370 के निरस्त होने, सीएए और तीन तलाक के कानून से मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं हुआ तो वक्फ एक्ट में संशोधन से कैसे हो सकता है? मुसलमानों के लिए कांग्रेस ने जो कांटे बोए उन्हें नरेंद्र मोदी हटा रहे हैं। नया कानून मुस्लिम विरोधी होता तो टीडीपी, जेडीयू जैसी पार्टियां समर्थन नहीं करती। किसी भी मुस्लिम देश से ज्यादा सम्मान और समृद्धि के साथ भारत में रह रहे है मुसलमान।

Wednesday, 2 April 2025

न्यूज चैनलों में सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती की सबसे ज्यादा मांग। ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान की ओर से वक्फ एक्ट संशोधन पर मुसलमानों का पक्ष रख रहे हैं। दरगाह का संचालन भी एक्ट से होता है, लेकिन धार्मिक मामलों में दखल नहीं।

वक्फ एक्ट में संशोधन को लेकर न्यूज चैनलों पर लगातार बहस हो रही है। चैनलों की बहस में सबसे ज्यादा मांग सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती की है। चिश्ती अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन के पुत्र हैं। आबेदीन ने अपने पुत्र को ही उत्तराधिकारी घोषित कर रखा है। ऐसे में न्यूज चैनलों पर नसीरुद्दीन चिश्ती दरगाह दीवान की ओर से मुसलमानों का पक्ष रख रहे हैं। नसीरुद्दीन चिश्ती उन मुस्लिम प्रतिनिधियों में शामिल है, जिन्होंने वक्फ एक्ट के संशोधन का मसौदा तैयार करने में भूमिका रही है। यही वजह है कि चिश्ती अब खुलकर संशोधन प्रस्ताव का समर्थन कर रहे है। चिश्ती का कहना है कि नया कानून बनने से वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग नहीं हो पाएगा। मौजूदा समय में अनेक वक्फ संपत्तियों पर ऐसे लोग काबिज है जो सिर्फ अपने स्वार्थ पूरे कर रहे है। एक्ट में संशोधन समय की जरूरत है। मैं यह बात दावे से कह सकता हंू कि वक्फ संपत्तियों का लाभ सिर्फ मुसलमानों को ही मिलेगा। वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने की नीयत सरकार की नहीं है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सिर्फ वक्फ संपत्तियों के कामकाज में पारदर्शिता लाना चाहती है। चिश्ती न्यूज चैनलों पर बता रहे है कि ख्वाजा साहब की दरगाह का संचालन भी दरगाह एक्ट 1956 के अंतर्गत हरे हो रहा है। दरगाह कमेटी केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन ही काम करती है। मंत्रालय ही कमेटी का नाजिम (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) नियुक्त करता है। दरगाह कमेटी की ओर से दरगाह के अंदर जायरीन की सुविधाओं के लिए अनेक इंतजाम किए जाते हैं, लेकिन आज तक भी दरगाह कमेटी ने दरगाह की धार्मिक रस्मों में दखल नहीं दिया। दीवान पद की परंपराओं के अनुसार उनके परिवार के सदस्य और खादिम मिलकर दरगाह की धार्मिक रस्मों को पूरा करते हैं। ख्वाजा साहब के सालाना उर्स में मजार शरीफ पर गुसल की रस्म भी दरगाह दीवान और खादिमों के सहयोग से की जाती है। S.P.MITTAL BLOGGER (02-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Tuesday, 1 April 2025

पाकिस्तान में जब हिंदुओं की संपत्तियां सरकार की हो गई तो फिर भारत में मुसलमानों की संपत्तियां वक्फ की कैसे हो सकती है संविधान में वक्फ संपत्तियां या बोर्ड का उल्लेख नहीं, लेकिन तुष्टीकरण की नीति के तहत तत्कालीन पीएम नेहरू ने 1954 में एक्ट बनाया। मोदी सरकार की भी लाचारी: वक्फ एक्ट खत्म नहीं सिर्फ संशोधन। यानी 9 लाख एकड भूमि मुसलमानों की ही रहेगी। ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान की ओर से संशोधन प्रस्ताव का समर्थन, लेकिन खादिमों का विरोध।

संसद के इसी बजट सत्र में ही वक्फ एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव स्वीकृत हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है, इसलिए वक्फ बोर्ड से जुड़ी संस्थाओं का विरोध तेज हो गया है। कुछ संस्थाओं के आह्वान पर 31 मार्च को ईद की नमाज के समय कुछ मुसलमानों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। कहा जा रहा है कि वक्फ एक्ट में संशोधन होने के बाद मुसलमानों की मस्जिदे और अन्य धार्मि कस्थल छीन लिए जाएंगे। संशोधन प्रस्ताव को संविधान के विरुद्ध बताया जा रहा है। असल में भारत में वक्फ की संपत्तियोंं का मामला देश के विभाजन से जुड़ा है। 1947 में विभाजन की त्रासदी के समय पाकिस्तान से लाखों हिन्दू भारत आए और भारत से लाखों मुसलमान पाकिस्तान गए। जिन हिंदुओं ने पाकिस्तान छोड़ा उनकी संपत्तियों को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया, लेकिन जिन मुसलामनों ने भारत छोड़ा वे अपनी संपत्तियों को वक्फ (अल्लाह) के लिए छोड़ गए। हालांकि पाकिस्तान छोड़ते समय हिंदुओं ने भी अपनी संपत्तियों के लिए देवी देवताओं से प्रार्थना की थी, लेकिन पाकिस्तान में हिंदुओं की संपत्तियां सरकार ने अपने कब्जे में ले ली और भारत में मुसलमानों की संपत्तियों के लिए वक्फ बोर्ड बना दिया गया। बीआर अंबेडकर ने जो संविधान बनाया उसमें वक्फ संपत्तियों का कोई उल्लेख नहीं है। यानी संविधान निर्माताओं ने भी तब पाकिस्तान गए मुसलमानों की संपत्तियों को सरकार की ही माना। संविधान में उल्लेख न होने के बाद भी 1954 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ही तुष्टीकरण की नीति के अंतर्गत वक्फ एक्ट बना दिया और संपत्तियों को सुन्नी व शिया मुसलमानो के प्रतिनिधियों को सौंप दिया। वक्फ बोर्ड को बेशकीमती संपत्तियों सौंपने का काम कांग्रेस के अंतिम प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने वर्ष 2013 में किया। यही वजह है कि आज वक्फ बोर्डों के पास 9 लाख एकड से भी ज्यादा भूमि है तथा एक लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा की संपत्तियां है। इसे मोदी सरकार की लाचारी ही कहा जाएगा कि मौजूदा संशोधन में भी वक्फ की संपत्तियां सरकार के अधीन लाने का कोई कानून नहीं बनाया जा रहा है। संशोधन के माध्यम से सिर्फ वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन और वक्फ बोर्डों के कामकाज में पारदर्शिता लाई जाएगी। संपत्तियों से जो इनकम होगी उसे भी मुसलमानो ंपर ही खर्च किया जाएगा। लेकिन इसके बावजूद भी वक्फ बोर्डों पर काबिज मुस्लिम नेता कह रहे है कि एक्ट में संशोधन के बाद मस्जिदें और धार्मिक स्थल छीन लिए जाएंगे। जबकि मस्जिदों का वक्फ की संपत्तियों से कोई सरोकार नहीं है। वक्फ की संपत्तियां उन मुसलमानों की है जो पाकिस्तान चले गए। जबकि मस्जिदे तो विभाजन के बाद भी यथावत है। दीवान की ओर से समर्थन: अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान की ओ रसे उनके पुत्र (उत्तराधिकारी) तथा ऑल इंडिया सज्जादानशीन कौंसिल के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने वक्फ एक्ट संशोधन का समर्थन किया है। चिश्ती ने कहा कि देश के कुछ मुस्लिम नेता झूठ बोल रहे है कि संशोधन के बाद मस्जिदें और धार्मिक स्थल छीन लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने जब संशोधन प्रस्ताव बनाए तब उनकी भी राय ली गई थी। संशोधन में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है, जिससे वक्फ संपत्तियों पर मुसलमानों का हक कम होता हो। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में वक्फ संपत्तियों का कुछ लोग दुरुपयोग कर रहे है। यहां तक कि गलत तरीकों से वक्फ की संपत्तियों को बेचा जा रहा है। संशोधन के बाद संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा और बिना वैधानिक अनुमति के कोई संस्था वक्फ संपत्तियों को नहीं बेच सकेगी। चिश्ती ने कहा कि नया कानून बनने से वक्फ संपत्तियां सुरक्षित हो जाएगी। संपत्तियों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग होगा और जो इनकम होगी, उसे गरीब मुसलमानों परखच्र किया जा सकेगा। मौजूदा समय में वक्फ संपत्तियों से मामूली इनकम हो रही है जसके हिसाब किताब में पारदर्शिता भी नहीं है। वहीं दरगाह के खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सरवर चिश्ती ने एक्ट में संशोधन का विरोध किया है। उन्होंनक हा कि सरकार की मंशा वक्फ संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने की है। S.P.MITTAL BLOGGER (01-04-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

अजमेर के कलाप्रेमियों को 29 को भोपा भैरूनाथ तथा 30 मार्च को दुलारी बाई के नाटक जरूरी देखने चाहिए। लाइट, साउंड और कला का भावपूर्ण मेल शायद फिर कभी देखने को न मिले। नाटक खांचे की प्रस्तुत शानदार रही।

Friday, 28 March 2025

नव संवत्सर पर अजमेर में चौराहों की सजावट, मंदिर में सुंदर कांड, विक्रम मेला, वाहन रैली, सूर्य वंदना आदि के साथ साथ मिश्री और तुलसी से मुंह मीठा कराया जाएगा। अजमेर थियेटर फेस्टिवल का शानदार आगाज। सरकारी दफ्तरों में 31 मार्च को मनेगा नवसंवत्सर।

विक्रम संवत 2082 के पहले दिन यानी 30 मार्च को नव संवत्सर के अवसर पर अजमेर में विभिन्न आयोजन होंगे। नवसंवत्सर समारोह समिति के संयोजक सुनील दत्त जैन ने बताया कि पूर्व संध्या पर 29 मार्च को सायं छह बजे से रीजनल कॉलेज चौराहा स्थित आनासागर चौपाटी पर विक्रम मेले का आयोजन किया गया है। मेले में विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों की प्रस्तुत होगी तथा 25 झांकियों का प्रदर्शन किया जाएगा। इस अवसर पर बच्चों को खाद्य सामग्री निशुल्क दी जाएगी। मेला स्थल पर ही रक्तदान शिविर भी रखा गया है, युवा वर्ग स्वेच्छा से रक्तदान कर सकते हैं। जैन ने बताया कि अगले दिन 30 मार्च की सुबह पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल के सामने चौपाटी पर सूर्य वंदना का कार्यक्रम संस्कार भारती की ओर से किया जाएगा। इसमें शास्त्रीय संगीत के माध्यम से सूर्य की उपासना होगी। उन्होंने बताया कि अजमेर शहर के 25 से भी ज्यादा चौराहों को सजाया जा रहा है। कई चौराहों पर बैंड वादन भी होगा। चौराहों पर समिति से जुड़ी 128 टोलियों के कार्यकर्ता लोगों का स्वागत करेंगे। तिलक लगाकर मिश्री और तुलसी से मुंह मीठा कराया जाएगा। इसके साथ ही महानगर की बस्तियों में 29 मार्च को मंदिरों में सुंदरकांड का पाठ होगा। 29 मार्च को ही नगरा क्षेत्र से विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता एक वाहन रैली निकालेंगे तो जो रीजनल कॉलेज चौपाटी पर आयोजित विक्रम मेले में शामिल होगी। जैन ने बताया कि सनातन धर्म के प्रति जन जागरण के लिए नव संवत्सर से पहले अनेक स्थानों पर विचार गोष्ठियां आयोजित की गई, इसमें प्रचार सामग्री का वितरण किया गया। उन्होंने बताया कि नवसंवत्सर के आयोजनों को लेकर शहर भर में उत्साह देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि नवसंवत्सर के आयोजन हमारी सनातन संस्कृति को मजबूत करते हैं। सरकारी दफ्तरों में 31 को: चूंकि 30 मार्च को रविवार है, इसलिए सरकारी दफ्तरों में नवसंवत्सर के आयोजन सोमवार 31 मार्च को होंगे। जिन दफ्तरों के परिसर में मंदिर बने हुए हैं वहां धार्मिक आयोजन होंगे। साथ ही सनातन धर्म को मानने वाले कार्मिक एक दूसरे को शुभकामनाएं देकर नवसंवत्सर पर्व मनाएंगे। नव संवत्सर के कार्यक्रमों के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829147270 पर संयोजक सुनील दत्त जैन से ली जा सकती है। व्यंग्य बाणों पर सजी फूलों की सेज सा चुटीला हास्य चूड़ामणि: *बाय : डॉ. रमेश अग्रवाल* व्हाट्सएप, फेसबुक, यूट्यूब और टी.वी. से परे, बंद कमरों की घुटन से दूर, एक ही सभागार में, एक ही मानसिक धरातल पर बैठ कर और एक सी गुदगुदी तरंग पर नगर के सैंकड़ों प्रबुद्ध जन नें 27 मार्च को एक लम्बे अन्तराल के बाद अत्यन्त स्वस्थ मनोरंजन की बयार को साझे महसूस किया। सतगुरू इन्टरनेशनल स्कूल के आगाज सभागार में आरम्भ हुए चार दिवसीय थियेटर फेस्टीवल के पहले ही दिन सौरभ अनंत द्वारा निर्देशत एवं भोपाल के विहान ड्रामा वर्क्स द्वारा मंचित हास्य प्रहसन हास्य चूड़ामणि ने आगाज के साथ ही फेस्टीवल को चरम ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। प्राचीन पृष्ठ भूमि पर रचित इस प्रहसन में आधुनिक प्रसंगों के समावेश ने हाल में उपस्थित दर्शकों को एक बिल्कुल नये एवं अनूठे अहसास से अवगत कराया। प्रहसन की पूरी पठकथा एक चोर द्वारा किसी गणिका के गहनों की पुटरिया चुरा कर इसे किसी पाखंडी बाबा के पास छिपाने एवं पीड़ित गणिका द्वारा पुटरिया की खोज में तंत्र मंत्र की गरज से इसी बाबा के पास जा पहुंचने के इर्द गिर्द घूमती है। रोचक एवं कसी हुई पटकथा में लपेट कर न सिर्फ बाबागिरी के पाखंड बल्कि अंधविश्वास एवं आडम्बर में आकंठ डूबे मौजूदा परिवेश पर जोरदार प्रहार किया गया है। प्राचीन कथाओं मैं नजर आने वाले पात्रों के से चरित्र वाले पात्रों के मुंह से नैटवर्क पकड़ने की कोशिश कर रहा हूं, क्यू आर कोड स्कैन करना न भूलें, लाइक और सब्सक्राइब भी करें जैसे संवाद, गुदगुदाने वाले अछूते से हास्य का अहसास कराते हैं। बाबा -चेले की चकल्लस के दौरान कई चुटीले संवाद व्यंग्य की पराकाष्ठा छूते से दिखाई देते हैं मसलन, चोरी का माल छिपाने के लिये बाबाओं से ज्यादा सुरक्षित और कौन सी जगह हो सकती है …….. एक स्थान पर चेला कहता है मैं तो बस यहां से वहां घूमता रहता हूं तो बाबा कहता है, तू क्या देश का प्रधानमंत्री है। योग और आध्यात्म के पर्दे में अपने ब्रांड की मार्केटिंग करने वाले स्वामियों पर किया गया व्यंग्य भी जैसे मलमल पर नक्काशी की तरह कढ़ा हुआ नजर आया। हास्य चूड़ामणि की प्रस्तुति को यादगार बनाने वाला सबसे महत्वपूर्ण घटक इसके कलाकारों का असाधारण एवं उच्च स्तरीय अभिनय था। प्ले के आरम्भ में प्रस्तुत नृत्य गान के दौरान ही इन कलाकारों की मुख मुद्राओं ने अहसास करा दिया था कि आगे होने वाली प्रस्तुति किस कदर हास्य से भरपूर रहने वाली है। लगभग सभी कलाकारों के हाथ पैरों की लयबद्धता और भावाभिव्यक्तियों की चपलता हैरत में डालने वाली थी। कुल मिला कर हास्य चूड़ामणि अजमेर थियेटर फेस्टीवल की एक यादगार उपलब्धि कही जा सकती है। शहर से इतनी दूर और वह भी थियेटर से जुड़े कार्यक्रम में दर्शकों की जितनी उपस्थिति थी वह उत्साहवर्द्धक कही जा सकती है। कुल मिला कर योबी जार्ज , उनकी टीम व रंगकर्म से जुड़े अजमेर के सभी कलाकार इस साझे प्रयास के लिये बधाई के पात्र हैं। शुक्रवार 28 मार्च को इसी मंच पर जोधकुल के अभिनय गुरुकुल के निर्देशक द्वय अरु स्वाति व्यास के नाटक खांचे का प्रदर्शन होगा। S.P.MITTAL BLOGGER (28-03-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने तो उत्तर प्रदेश में गौशालाओं को बंद करवा दिया जाएगा, क्योंकि समाजवादी पार्टी को गौशालाओं से दुर्गंध का एहसास होता है। सनातन संस्कृति में तो गौमाता, मनुष्य का जीवन चक्र है।

27 मार्च को कन्नौज के एक समारोह में समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को दुर्गंध पसंद है, इसलिए गौशालाएं बनाई जा रही है, जबकि समाजवादी पार्टी को सुगंध पसंद है, इसलिए इत्र पार्क विकसित किए गए। उन्होंने कहा कि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराकर दुर्गंध को बंद कर दिया जाएगा। अखिलेश यादव के बयान से प्रतीत होता है कि यदि वह दोबारा से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते हैं तो प्रदेश में गौशालाओं को बंद कर देंगे। हो सकता है कि गौशालाओं के स्थान पर इत्र के शोरूम खोल दिए जाए। गौशालाओं के बंद हो जाने से गौ माता की स्थिति कैसी होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। गौशालाओं से अखिलेश यादव को भले ही दुर्गंध का अहसास होता हो, लेकिन सनातन संस्कृति में तो गौमाता, मनुष्य के जीवन का चक्र है। यहां तक माना जाता है कि जिस घर के आंगन में गाय रहती हो वह घर निरोगी होता है। न केवल गाय का दूध मनुष्य के शरीर को मजबूत बनाता है बल्कि गाय के गोबर और मूत्र से तैयार होने वाली खाद का उपयोग खेती में किया जाता है। गौमाता के गोबर और मूत्र से तैयार खाद से जो फसल तैयार होती है, वह भी क्वालिटी की दृष्टि से उत्तम होती है। यहां तक कि फसल को बचाने के लिए कीटनाशक का उपयोग भी नहीं करना पड़ता है। गौमाता की वजह से ही भारत में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिल रहा है। भारत की सनातन संस्कृति में गाय को सिर्फ एक दुधारू पशु नहीं माना गया बल्कि माता का दर्जा दिया गया है। घर-परिवार की महिलाएं तो गायों को पूजती है। हमारे यहां गोवर्धन पूजन की परंपरा है। गौशालाओं से दुर्गंध आने की बात कहकर अखिलेश यादव ने भारत की सनातन संस्कृति का भी अपमान किया है। अखिलेश ने ऐसा तब कहा जब यादव समुदाय को भगवान कृष्ण का अनुयायी माना जाता है। भगवान कृष्ण तो स्वयं गौभक्त हैं। उन्हें तो ग्वाले (गाय पालक)की उपाधि भी दी गई है। अखिलेश को ऐसा बयान देने से पहले अपने यादव समाज की धार्मिक भावनाओं को तो ख्याल रखना चाहिए था। S.P.MITTAL BLOGGER (28-03-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

फर्स्ट इंडिया मीडिया समूह की ओर से 29 मार्च को होटल मेरवाड़ा स्टेट में अजयमेरु गौरव सम्मान का भव्य समारोह। 25 से ज्यादा विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा।

फर्स्ट इंडिया मीडिया समूह की ओर से अजमेर में 29 मार्च को दोपहर तीन बजे से होटल मेरवाड़ा स्टेट में अजयमेरु गौरव सम्मान का भव्य आयोजन होगा। इस मीडिया समूह में राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल भारत 24, फर्स्ट इंडिया (राजस्थान के साथ साथ) अंग्रेजी का फर्स्ट इंडिया अखबार और दैनिक सच बेधड़क शामिल है। मीडिया समूह के सीईओ एवं मैनेजिंग एडिटर पवन अरोड़ा (रिटायर्ड आईएएस) ने बताया कि फर्स्ट इंडिया पहला न्यूज चैनल है, जिसमें ओटीटी प्लेटफार्म पर एंटरटेनमेंट प्रोग्राम की शुरुआत की है। इससे राजस्थान के कलाकारों को अपनी योग्यता को प्रदर्शित करने का अवसर मिला है। ओटीटी के प्रोग्राम बेहद लोकप्रिय हो रहे है। इसी क्रम में हमारे मीडिया समूह द्वारा क्षेत्रवार गौरव सम्मान समारोह आयोजित किए जा रहे है। इसमें समाज में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाता है। अजमेर के समारोह की अध्यक्ष राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी करेंगे। समारोह में जिले के जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। समारोह का लाइव प्रसारण फर्स्ट इंडिया न्यूज़ चैनल पर किया जाएगा। अरोड़ा ने शहरवासियों से समारोह में भाग लेने की अपील की है। इस कार्यक्रम के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9870607288 पर चैनल के सीनियर जर्नलिस्ट शुभम जैन से ली जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (28-03-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Thursday, 27 March 2025

कांग्रेस की बैठकों में अजमेर देहात अध्यक्ष राठौड़ दे रहे विदाई भाषण। विजय जैन को ही शहर अध्यक्ष मानते हुए दिल्ली बैठक में बुलाया गया है।

अजमेर देहात और शहर जिला कांग्रेस कमेटी राजस्थान भर में एकमात्र कमेटी है जिसे भंग किए जाने के बाद भी नए अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं की गई। इसलिए अगस्त 2020 से ही भूपेन्द्र सिंह राठौड़ देहात और विजय जैन शहर कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे हैं। इन दिनों प्रदेश भर में विधानसभा वार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मेलन हो रहे हैं। अजमेर देहात में 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 26 मार्च को ही केकड़ी विधानसभा क्षेत्र का सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में प्रदेश द्वारा नियुक्ति जिला प्रभारी चेतन डूडी, केकड़ी के पूर्व विधायक रघु शर्मा आदि नेता मौजूद रहे। इस सम्मेलन में निवर्तमान जिलाध्यक्ष भूपेंद्र राठौड़ ने विदाई भाषण दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने उन्हें जिलाध्यक्ष नियुक्त किया था। उन्होंने पूरी सक्रियता के साथ संगठन को मजबूत बनाया, लेकिन 2020 में कैंसर रोग के कारण वे संगठन में सक्रिय नहीं रहे लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने नया अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया। इसके लिए वे डोटासरा के आभारी है। राठौड़ ने कहा कि अब उन्होंने कैंसर रोग को मात दे दी है और वे पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं, लेकिन फिर भी चाहते हैं कि देहात में नया जिलाध्यक्ष नियुक्त हो जाए। अपने विदाई भाषण में राठौड़ पायलट और डोटासरा दोनों का ही आभार प्रकट कर रहे हैं। राठौड़ का कहना है कि वह किसी विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दावेदारी नहीं जता रहे। वे साधारण कार्यकर्ता की हैसियत से कांग्रेस में सक्रिय हैं। राठौड़ देहात के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के सहयोग के प्रति भी आभार जता रहे हैं। राठौड़ के ऐसे भाषणों से माना जा रहा है कि अब अजमेर में कांग्रेस का नया देहात अध्यक्ष नियुक्त होगा। राठौड़ के स्वास्थ्य और राजनीतिक सक्रियता के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829042432 पर ली जा सकती है। दिल्ली बैठक में जैन को ही बुलावा: 3 अप्रैल को दिल्ली में होने वाली कांग्रेस जिलाध्यक्षों की बैठक में विजय जैन को ही अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष मानते हुए आमंत्रित किया है। पार्टी के निर्देशों के अनुरूप विजय जैन ने दिल्ली बैठक की तैयारियां शुरू कर दी है। विजय जैन चाहते है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जन खडग़े और राहुल गांधी के समक्ष उन्हें बोलने का अवसर मिले। अगस्त 2020 में भले ही अजमेर की कांग्रेस कमेटी को भी भंग कर दिया हो, लेकिन नए अध्यक्ष की नियुक्त नहीं होने के कारण विजय जैन ही अध्यक्ष की भूमिका निभाते रहे। प्रदेश के निर्देशों पर शहर में विजय जैन के नेतृत्व में ही जन आंदोलन भी हुए। सचिन पायलट का कट्टर समर्थक होने के कारण अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए सरकार में विजय जैन की उपेक्षा भी हुई। लेकिन जैन ने अपनी सक्रियता को कम नहीं किया। कई बार तो जैन को सरकारी समारोह का बहिष्कार भी करना पड़ा, लेकिन जैन ने हमेशा संगठन के प्रति सेवा भाव दिखाया। अजमेर में कांग्रेस का कार्यालय न होने के कारण जैन ने केसरगंज स्थित अपने निजी दफ्तर को ही कांग्रेस का दफ्तर बना दिया। आज भी कांग्रेस की गतिविधियां इसी दफ्तर से संचालित होती है। कहा जा सकता है कि विजय जैन गत 9 वर्षों से शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का काम पूरी निष्ठा के साथ कर रहे हैं। उनके सरल स्वभाव को अशोक गहलोत के समर्थक भी प्रशंसा करते हैं। दिल्ली बैठक में बुलाए जाने पर विजय जैन गदगद हैं। उनके समर्थकों का मानना है कि विजय जैन को ही शहर कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर रिपीट किया जाएगा। ताजा राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी मोबाइल नंबर 9414002529 पर विजय जैन से ली जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (27-03-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

डोटासरा और जूली ने राजस्थान के कांग्रेसियों की डीएनए टेस्ट रिपोर्ट दिल्ली में बड़े नेताओं को बताई। इस रिपोर्ट पर ही राहुल गांधी 3 अप्रैल को प्रदेश के जिला अध्यक्षों से संवाद करेंगे।

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली 26 मार्च को दिल्ली प्रवास पर रहे। इन दोनों नेताओं ने दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं से मिल कर राजस्थान के संगठन और नेताओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। मालूम हो कि प्रदेश प्रभारी सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने विगत दिनों कहा था कि राजस्थान में भी कांग्रेस के नेताओं का डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा। टेस्ट की रिपोर्ट राष्ट्रीय नेताओं को दी जाएगी और इस रिपोर्ट के अनुरूप ही नेताओं का भविष्य तय होगा। रंधावा के निर्देश पर ही डोटासरा और जूली ने अपने नजरिए से प्रदेश के नेताओं का डीएनए टेस्ट किया और उसी के अनुरूप राष्ट्रीय नेताओं को रिपोर्ट बताई। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और राहुल गांधी ने 27 मार्च से देश भर के कांग्रेस जिलाध्यक्षों से संवाद शुरू कर दिया है। पहले दिन ही 700 जिलाध्यक्षों से मुलाकात की। तय कार्यक्रम के अनुसर खडग़े और राहुल गांधी 3 अप्रैल को राजस्थान के सभी जिलाध्यक्षों से संवाद करेंगे। जिलाध्यक्षों से संवाद से पहले दोनों नेता डोटासरा और जूली द्वारा बताई गई डीएनए टेस्ट रिपोर्ट का भी अध्ययन कर लेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर ही जिलाध्यखों से फीडबैक लिया जाएगा। डोटासरा प्रदेश अध्यक्ष अगस्त 2020 में तब बने थे, जब बगावत करने के कारण सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया था। कुछ वर्षों तक तो डोटासरा ने सचिन पायलट द्वारा नियुक्त अध्यक्षों से ही काम चलाया, लेकिन गत वर्ष डोटासरा ने अपने नजरिए से सभी 41 जिला कमेटियों के अध्यक्षों पर नियुक्त की। हाल ही में जो 9 नए जिले बने हैं उनमें अध्यक्ष का पद रिक्त है। डोटासरा चाहते हैं कि 3 अप्रैल से पहले इन नए जिलों में भी अध्यक्षों की नियुक्ति हो जाए ताकि राहुल गांधी के सामने प्रदेश के सभी जिलाध्यक्ष उपस्थित रहे। 3 अप्रैल को होने वाली बैठक के लिए सभी जिला अध्यक्षों को मौखिक तौर से सूचित कर दिया गया है। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने कहा कि सभी जिलाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने जिले के संगठन की स्थिति की रिपोर्ट बनाकर दिल्ली ले जाए। इस रिपोर्ट में संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ साथ संगठन की गतिविधियों की जानकारी भी दर्ज हो। जो पदाधिकारी निष्क्रिय हैं उनकी सूची भी रहनी चाहिए। S.P.MITTAL BLOGGER (27-03-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

नवरात्रि, चेटीचंड, रामनवमी, हनुमान जयंती जैसे पर्वों पर भी सनातनियों को पीएम मोदी की ओर से उपहार मिलने चाहिए-विहिप। ईद पर 32 लाख मुस्लिम परिवारों को मोदी किट देने का मामला।

हिंदू परिषद राजस्थान के सह प्रांत मंत्री एडवोकेट शशि प्रकाश इंदौरिया ने एक बयान जारी कर मांग की है कि अप्रैल माह में होने वाले नवरात्र, चेटीचंड, रामनवमी, हनुमान जयंती जैसे पर्वों पर भी सनातन धर्म के अनुयायियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाले उपहार मिलना चाहिए। ईद के मौके पर भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे की ओर से देश भर में 32 लाख मुसलमानों को मोदी किट (सेंवई्र पिंड खजूर आदि सामग्री) वितरीत किए जाने के संबंध में एडवोकेट इंदौरिया ने कहा कि जब देश में सभी लोगों को समान अधिकार है, तो फिर सनातनियों की धार्मिक भावनाओं का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के लिए यह अच्छी बात है कि ईद के पर्व पर मुस्लिम परिवारों को मोदी किट दिया जा रहा है, लेकिन असल में समरसता तो तभी होगी, जब सनातन धर्म के पर्वों पर भी हिंदुओं को उपहार दिए जाए। अप्रैल माह में नवरात्र, रामनवमी, हनुमान जयंती जैसे पर्व है। इन पर्वों के प्रति देश के सौ करोड़ से भी ज्यादा हिंदुओं की आस्था है। नवरात्र में भी करोड़ों सनातनी उपवास करते हैं। कई सनातनी तो चौबीस घंटे में सिर्फ एक बार पेयजल का उपयोग करते हैं। धर्म के प्रति सनातनियों की आस्था किसी दूसरे धर्म से कम नहीं है। इंदौरिया ने कहा कि जिस प्रकार मुस्लिम परिवारों को मोदी किट दिए जा रहे है, उसी प्रकार नवरात्र, चेटीचंड, हनुमान जयंती की परम्पराओं के अनुरूप सनातनियों को भी उपहार उपलब्ध कराई जाए। सनातनियों के पर्व और उनसे जुड़ी परंपराओं की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 941466374 पर एडवोकेट इंदौरिया से ली जा सकती है । S.P.MITTAL BLOGGER (27-03-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

100 हिंदू परिवारों के बीच एक मुस्लिम परिवार सुरक्षित। क्या पचास मुस्लिम परिवारों के बीच पचास हिंदू परिवार सुरक्षित रह सकते हैं? योगी आदित्यनाथ के इस सवाल का जवाब राहुल गांधी, अखिलेश, ममता, लालू, केजरीवाल जैसे नेताओं को देना चाहिए।

लगातार आठ वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एएनआई न्यूज चैनल को एक इंटरव्यू देते हुआ कहा कि भारत में आम मुसलमान सुरक्षित है और यह सुरक्षा सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में है। मेरे मुख्यमंत्री बनने से पहले यूपी में जो सांप्रदायिक दंगे होते थे, उसमें मुसलमान भी मारे जाते थे, लेकिन 2017 के बाद यूपी में सांप्रदायिक बंद हो गए हैं। इसका लाभ मुस्लिम आबादी को भी मिला है। प्रदेश का मुसलमान स्वयं कह रहा है कि अब वह सुरक्षित है। योगी ने कहा कि 100 हिंदू परिवारों के बीच एक मुस्लिम परिवार पूर्ण सुरक्षित तरीके से रहता है। ऐसा मुस्लिम परिवार हिंदुओं के बीच सभी धार्मिक रस्मों को पूरा करता है। किसी भी हिंदू को मुस्लिम परिवार की धार्मिक रस्मों से कोई ऐतराज नहीं होता। लेकिन क्या पचास मुस्लिम परिवारों के बीच पचास हिंदू परिवार सुरक्षित रह सकते हैं? योगी ने कहा कि देश के हालात सर्वविदित है, लेकिन कुछ नेता अपने राजनीतिक स्वार्थों के खातिर मुसलमानों में डर और भय की बात करते हैं। योगी आदित्यनाथ ने मुसलमानों और हिंदुओं के डर को लेकर जो सवाल उठाया है उसका जवाब कांग्रेस के राहुल गांधी, सपा के अखिलेश यादव, टीएमसी की ममता बनर्जी, आरजेडी के लालू प्रसाद यादव, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं को देना चाहिए। असल में यह नेता ही वोट के खातिर मुसलमानों को डराते हैं। यूपी के सीएम योगी ने मुसलमानों को लेकर देश के हालातों की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत की है। यह सही है कि मौजूदा समय में भारत में मुस्लिम आबादी 25 करोड़ के पार हो गई है जो दुनिया के किसी भी इस्लामिक देश की आबादी से ज्यादा है। भारत में मुस्लिम आबादी इसलिए भी महत्व रखती है कि सीमा से लगे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान इस्लामिक देश है। भारत में रहने वाले मुसलमानों को इन तीनों इस्लामिक देशों के हालात भी देखने चाहिए। इन तीनों इस्लामिक देशों में आम मुसलमान ही सुरक्षित नहीं है। इसके विपरीत भारत में हिंदू समुदाय के साथ रहने के कारण आम मुसलमान सुरक्षित है। मुसलमानों को भी राहुल गांधी से लेकर अरविंद केजरीवाल तक के नेताओं से सावधान रहने की जरूरत है। देश में ऐसा वातावरण बनना चाहिए जिसमें सौ मुस्लिम परिवारों के बीच एक हिंदू परिवार सुरक्षित रह सके। S.P.MITTAL BLOGGER (27-03-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Wednesday, 26 March 2025

प्रदेशभर में होंगे राजस्थान दिवस के कार्यक्रम, लेकिन अजमेर में एक भी नहीं। क्या यह अजमेर का राजनीतिक पिछड़ा पन है।

1947 में जब देश आजाद हुआ था, तब अजमेर स्वतंत्र राज्य था। अजमेर राज्य की अपनी विधानसभा और अपना मुख्यमंत्री होता था। अजमेर में राज्य 1956 तक अस्तित्व में रहा, लेकिन इसी वर्ष अजमेर राज्य का विलय संयुक्त राजस्थान में हो गया। अजमेर के राज्य स्तरीय महत्व को बनाए रखने के लिए राजस्व मंडल, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, आयुर्वेद निदेशालय जैसे संस्थानों के मुख्यालय दिए गए। एसएमएस जयपुर के बाद मेडिकल कॉलेज भी अजमेर में स्थापित किया गया, लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि अब जब राजस्थान दिवस (30 मार्च) के अवसर पर प्रदेश भर में राज्य स्तरीय समारोह हो रहे है, तब एक भी समारोह अजमेर में आयोजित नहीं किया गया है। भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने राजस्थान दिवस के जो कार्यक्रम घोषित किए है, उसके अनुसार 25 मार्च को बाड़मेर में महिला सम्मेलन, 26 मार्च को बीकानेर में किसान सम्मेलन, 27 मार्च को भरतपुर (मुख्यमंत्री का गृह जिला) गरीब एवं अंत्योदय सम्मेलन, 28 मार्च को भीलवाड़ा में सुशासन सम्मेलन, 29 मार्च को कोटा में युवा एवं रोजगार उत्सव तथा 30 व 31 मार्च को जयपुर में निवेश उत्सव मनाया जाएगा। यानी राज्य स्तरीय समारोहों की सूची में अजमेर का नाम शामिल नहीं है। यह तब है जब अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी केंद्रीय मंत्री है तथा विधायक वासुदेव देवनानी विधानसभा के अध्यक्ष, विधायक सुरेश रावत कैबिनेट मंत्री है। इतना ही नहीं अजमेर से जुड़े भाजपा नेता ओंकार सिंह लखावत धरोहर प्राधिकरण तथा ओम प्रकाश भडाना देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष है। इन दोनों को भी राज्य मंत्री का दर्जा मिला हुआ है। इतना ही नहीं अजमेर संसदीय क्षेत्र के दूदू विधानसभा के विधायक डॉ. प्रेमचंद बैरवा उपमुख्यमंत्री के पद पर आसीन है। 8 विधायकों में से 7 विधायक सत्तारूढ़ भाजपा के है। राजनीतिक दृष्टि से इतनी मजबूत स्थिति होने के बाद भी अजमेर में राज्य स्तरीय समारोह न होना अजमेर का राजनीतिक पिछड़ा पन दर्शाता है। S.P.MITTAL BLOGGER (25-03-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511