Wednesday, 7 May 2025

पाकिस्तान के 9 ठिकानों पर सैकड़ों आतंकी ढेर। धरा रह गया चीन का एयर डिफेंस सिस्टम। दुनिया भर में भारतीय सेना के शौर्य की प्रशंसा। पाकिस्तान ने भी अब तक 8 लोगों के मरने और 35 के घायल होने की बात स्वीकारी। पहलगाम की विधवाओं ने पीएम मोदी के ऑपरेशन सिंदूर पर गर्व जताया। पाकिस्तान पर हमले से चीन मायूस। दारा का सटीक कार्टून।

पूरे देश में जब 7 मई को युद्ध पूर्व मॉक ड्रिल का इंतजार किया जा रहा था, तब 6 मई की रात को ही भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के अन्य स्थानों पर चल रहे आतंकी कैंपों पर हमला कर दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लड़ाकू विमानों से बम गिराए तो वहीं पाकिस्तान के अन्य स्थानों पर मिसाइल से हमला कर आतंकी कैंपों को ध्वस्त कर दिया। पाकिस्तान की सेना ने स्वीकार कर लिया है कि भारतीय हमले में 8 पाकिस्तानी मारे गए हैं, जबकि 35 घायल हुए हैं, लेकिन वहीं भारत के न्यूज चैनलों पर बताया जा रहा है कि 9 ठिकानों पर हुए हमलों में सैकड़ों पाकिस्तानी आतंकी मारे गए हैं। पाकिस्तान के न्यूज चैनलों पर आतंकियों के शव ताबूत में रखकर ले जाने वाले वीडियो भी प्रसारित हो रहे है। 22 अप्रैल पहलगाम की आतंकी घटना के बाद पाकिस्तान को भी उम्मीद थी कि भारत बदला लेगा। इसलिए पाकिस्तान ने चीन से एयर डिफेंस सिस्टम मंगवाए ताकि भारतीय विमानों के आने की जानकारी के साथ साथ मिसाइलों को आसमान में ही नष्ट किया जा सके, लेकिन 6 मई की रात डेढ़ बजे जब भारतीय सेना के राफेल जैसे लड़ाकू विमानों ने पीओके में बम गिरए और मिसाइलें दागी तो पाकिस्तान की सेना को भनक तक नहीं लगी। मिसाइल सटीक निशाने पर गिरी और बमों ने आतंकियों के ठिकाने ध्वस्त कर दिए। जिन आतंकी संगठनों के ठिकाने ध्वस्त किए गए उनमें लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन आदि शामिल है। इन आतंकी संगठनों के लोग ही हमारे कश्मीर में आतंकी वारदात कर रहे थे। 22 अप्रैल की पहलगाम की घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आतंकियों को ऐसा सबक सिखाया जाएगा, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की है। 6 मई की रात को हुई सैन्य कार्यवाही ने बता दिया कि भारत ने पाकिस्तानियों के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही की है। भारतीय सेना ने जो शौर्य दिखाया, उसकी प्रशंसा दुनिया भर में हो रही है। इस हमले में भारतीय सेना को कोई नुकसान नहीं हुआ यह दिखाता है कि सेना ने पूरी तैयारी के साथ हमला किया। भारतीय सेना को यह भी पता है कि पाकिस्तानी अब जवाबी कार्यवाही करेगा, इसलिए पाकिस्तान की सीमा से लगे पंजाब में शिक्षण संस्थान बंद कर दी है तथा अमृतसर हवाई अड्डे पर आगामी आदेशें तक फ्लाइटों पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान यदि जवाबी कार्यवाही करता है तो भारतीय सेना मुकाबला करने के लिए तैयार है। हमले के बाद पाकिस्तान के प्रति कोई सहानुभूति न हो, इसके लिए भारत के विदेश मंत्रालय ने पहले से ही तैयारी कर ली है। अमेरिका जैसे ताकतवर देश को विदेश मंत्रालय की ओर से जानकारी भी दी गई। विधवाओं ने गर्व जताया: मालूम हो कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने हिंदू पुरुषों को चुन चुनकर मारा था। मृतकों की पत्नियों ने प्रधानमंत्री मोदी से आतंकियों को सबक सिखाने की मांग की थी। हमले के बाद विधवाओं ने भी भारतीय सेना और प्रधानमंत्री के रुख पर गर्व जताया है। 6 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर जो सैन्य कार्यवाही की उसका नाम ऑपरेशन सिंदूर रखा गया। ऑपरेशन सिंदूर के नाम का सुझाव पीएम मोदी की ओर से ही दिया गया था। पहलगाम के हमले में अनेक भारतीय महिलाओं का सिंदूर उजड़ गया था। चीन मायूस: भारतीय सेना ने 6 मई की रात को पाकिस्तान पर जो हमला किया उस से चीन मायूस है। हमले के बाद चीन ने भारत की इस कार्यवाही पर अफसोस जताया है। जानकार सूत्रों के अनुसार चीन को इस बात का भी अफसोस है कि हमले के वक्त पाकिस्तान की सेना सोती रह गई। चीन के हथियार होने के बाद भी पाकिस्तान सेना ने तत्काल कोई जवाबी कार्यवाही नहीं की। दारा का कार्टून: भारत द्वारा पाकिस्तान पर किए गए हमले को लेकर कार्टूनिस्ट जसवंत दारा ने सटीक कार्टून बनाया है। इस कार्टून को मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है। S.P.MITTAL BLOGGER (07-05-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

वसुंधरा राजे मंच पर तो अनिता भदेल पहली पंक्ति में बैठी। केवडिय़ा में राजस्थान भाजपा के प्रशिक्षण शिविर में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने डबल इंजन की सरकार के फायदे बताए।

गुजरात के पर्यटन स्थल केवडिय़ा में 5 मई से शुरू हुए राजस्थान भाजपा के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्उा के साथ मंच पर बैठाया गया है, वहीं पांचा रबार की भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल को पहली पंक्ति में बैठने का अवसर मिला है। पहली पंक्ति में राजस्थान से बने केंद्रीय मंत्री और राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है। अजमेर दक्षिण क्षेत्र की भाजपा विधायक भदेल को भले ही इस बार मंत्री बनने का अवसर न मिला हो, लेकिन भाजपा के प्रशिक्षण शिविर में उन्हें महत्व दिया गया है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को मंच पर बैठाकर यह प्रदर्शित किया गया है कि संगठन में राजे का महत्व बना हुआ है। मंच पर बैठाए जाने के फोटो खुद वसुंधरा राजे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए हैं। इससे जाहिर है कि वह स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही है। प्रशिक्षण शिविर में जहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों ने विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को अनुशासन, ईमानदारी और सेवा का पाठ पढ़ाया वहीं केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने राजस्थान में चल रही केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। सांसदों और विधायकों को बताया गया कि केंद्र की मोदी सरकार की ओर से राजस्थान में विकास की कितनी योजनाएं चल रही है। विधायकों और सांसदों से कहा गया कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मोदी सरकार की योजनाओं के बारे में आम लोगों को बताए। S.P.MITTAL BLOGGER (07-05-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Monday, 5 May 2025

अंदाजा लगाया जा सकता है कि अशोक गहलोत ने अपनी सरकार को बचाने के लिए बीएपी के दो विधायक राजकुमार रौत और रामप्रसाद को कितना ब्याज चुकाया होगा। कांग्रेस शासन में भ्रष्ट मगरमच्छों को पकडऩे की इजाजत नहीं थी, तब के एसीबी डीजी सोनी। खनन की लूट करने वाले राम निवास मीणा और रविंद्र मीणा पर भी कार्यवाही अब भी होनी चाहिए। विधायक जयकृष्ण पटेल का 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार होना राजस्थान के आदिवासी के साथ विश्वासघात है।

राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र बांसवाड़ा की बागीदौरा विधानसभा सीट से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक जयकृष्ण पटेल को 4 मई को जयपुर में विधायक आवास के निकट 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। एसीबी के डीजी महरेड़ा ने बताया कि यह रिश्वत विधानसभा में सवाल वापस लेने की एवज में ली जा रही थ। यानी विधायक पटेल रिश्वतखोरी के लिए विधानसभा का इस्तेमाल कर रहे थे। बीएपी के विधायक के इस तरह गिरफ्तार होने से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गत कांग्रेस के शासन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार को बचाने के लिए तब के बीएपी विधायक राजकुमार रौत और रामप्रसाद को कितना ब्याज चुकाया होगा। मालूम हो कि कांग्रेस में राजनीतिक अस्थिरता के समय गहलोत सरकार को जिन विधायकों ने समर्थन दिया उनमें बीएपी के रौत और रामप्रसाद भी शामिल थे। ये विधायक जब जयपुर और जैसलमेर की होटलों में बंधक थे, तब गहलोत ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि इस समय जो विधायक मेरे साथ हैं, उन्हें ब्याज सहित भुगतान करुंगा। राजकुमार रौत और रामप्रसाद पूरे पांच वर्ष गहलोत सरकार से राज्यसभा का चुनाव लड़ा तब भी बीएपी के इन दोनों विधायकों ने गहलोत के कहने पर कांग्रेस को वोट दिया। पांच वर्ष में तीन बार गहलोत ने राज्यसभा के चुनाव में इन दोनों विधायकों के वोट का इस्तेमाल किया। जब गहलोत ने स्वयं ब्याज सहित भुगतान की बात कही तो फिर ब्याज वसूली का अंदाजा लगाया जा सकता है। वसूली की रकम का आकलन बीएपी के मौजूदा विधायक जयकृष्ण पटेल की ताजा सौदेबाजी से किया जा सकता है। खनन से जुड़ा सवाल वापस लेने के लिए पटेल ने खान मालिक से 10 करोड़ रुपए की मांग की थी। बाद में यह सौदा ढाई करोड़ में तय हुआ। एक लाख रुपए की पहली किश्त लेने के बाद चार मई को 20 लाख रुपए की दूसरी किश्त ली जा रही थी। यानी विधानसभा से सवाल वापसी के ढाई करोड़ रुपए तो गहलोत सरकार को बचाने की एवज में कितना ब्याज लिया गया होगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। भ्रष्ट मगरमच्छों को पकडऩे की इजाजत नहीं थी: अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए करीब दो वर्ष तक बीएल सोनी एसीबी के डीजी थे। सेवानिवृत्ति के बाद सोनी ने कहा कि कांग्रेस सरकार में बड़े और प्रभावशाली भ्रष्टाचारियों को पकडऩे की इजाजत नहीं थी। यह सही है कि जब सरकार का मुखिया ही ब्याज सहित भुगतान की बात कह रहा हो तो फिर बड़े और प्रभावशाली भ्रष्टों को कैसे पकड़ा जा सकता है? यहां उल्लेखनीय है कि गहलोत ने पूरे पांच वर्ष गृह विभाग अपने पास रखा।किसी भी बड़े भ्रष्टाचारी को पकड़ने से पहले गृहमंत्री मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी होती है। पूर्व डीजी सोनी का बयान बताता है कि जब बड़े भ्रष्टों को पकडऩे के लिए अनुमति मांगी गई तो गृह विभाग की ओर से ऐसी जरूरी अनुमति नहीं मिली। मौजूदा समय में गृह विभाग मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पास ही है, लेकिन बीएपी के विधायक पटेल को पकड़ने की इजाजत एसीबी को तुरंत मिल गई। मगरमच्छ के तोर पर हाल ही में पूर्व मंत्री महेश जोशी गिरफ्तार हो चुके हैं। जांच एजेंसियों की नजर अब पूर्व मंत्री प्रमोद जोशी पर भी लगी हुई है। कांग्रेस के शासन में महेश जोशी जलदाय मंत्री और प्रमोद जैन खान मंत्री रहे। इन दोनों पर ही भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है। प्रमोद जैन पर तो करीब 10 एफआईआर दर्ज हुई है। हाईकोर्ट ने भी इन सभी एफआईआर को रद्द करने से मना कर दिया है। कार्यवाही तो अब भी होनी चाहिए: टोडाभीम क्षेत्र में खनन का काम करने वाले रामनिवास मीणा और उनके पुत्र रविंद्र मीणा की शिकायत पर एसीबी ने बीएपी विधायक पटेल को गिरफ्तार तो कर लिया हे, लेकिन मीणा पिता पुत्र के खिलाफ अब भी अवैध खनन के मामले में कार्यवाही होनी चाहिए। एसीबी ने विधायक पटेल और रविंद्र मीणा के बीच हुई जो बातचीत टैप की है, उसके अनुसार अवैध खनन करने के लिए रविंद्र मीणा को कम से कम 10 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा कराना था। रामनिवासी मीणा और रविंद्र मीणा निर्धारित मात्रा से ज्यादा खनन कर रहे थे। टोडा भीम की पहाडिय़ों से मीणा पिता-पुत्र अवैधखनन कर रहे थे, इसलिए तो विधानसभा में सवाल वापस लेने के लिए ढाई करोड़ में सौदा किया गया। एसीबी के पास इस बात के सबूत हैं कि मीणा भी अवैध खनन कर रहे थे। ऐसे में सरकार को अवैध खनन के मामले में सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। इसके साथ ही उन लोगों का भी पता लगाना चाहिए जो जयकृष्ण पटेल के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे थे। आरोप है कि पटेल के पीछे टोडा भीम के कांग्रेसी विधायक घनश्याम महर खड़े हैं। महर के इशारे पर ही जयकृष्ण पटेल ने विधानसभा में अवैध खनन का सवाल लगाया था। सवाल यह भी है कि क्या अकेले पटेल की क्षमता ढाई करोड़ हजम करने की है? गिरफ्तारी के बाद सबसे पहले बीएपी के सांसद राजकुमार रौत ने प्रतिक्रिया दी कि राजनीतिक कारणों से हमारे पार्टी के विधायक को फंसाया गया है। सवाल उठता है कि पटेल की गिरफ्तारी पर रौत को इतनी घबराहट क्यों हो रही है? आदिवासियों के साथ विश्वासघात: विधायक पटेल का 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार होना राजस्थान के आदिवासियों के साथ विश्वासघात है। राजस्थान में मौजूदा समय में बीएपी के तीन विधायक और एक सांसद हैं। इस पार्टी का जन्म आदिवासियों के हितों और आदिवासी क्षेत्र की वन संपदा को सुरक्षित रखने के लिए ही हुआ। आरोप लगाता है कि कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियां आदिवासियों और क्षेत्र की वन संपदा ओं का शोषण दोहन करती है। राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर आदि क्षेत्रों के आदिवासियों ने भाजपा और कांग्रेस को दरकिनार कर भारत आदिवासी पार्टी पर भरोसा जताया, लेकिन अब आदिवासियों के वोट से सांसद और विधायक बने लोग ही विश्वासघात कर रहे हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (05-05-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

कथित शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का बयान झूठा साबित हुआ। मोदी सरकार ने पाकिस्तान जाने वाला चिनाब नदी का पानी रोका। सियालकोट में पानी की किल्लत।

22 अप्रैल को पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने घोषणा की कि सिंधु नदी से निकलने वाले पानी को पाकिस्तान जाने से रोका जाएगा। मोदी सरकार के इस फैसले का बद्रिकापीठ के कथित शंकराचार्य अभिमुक्तेश्वरानदं ने मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि सिंधु और उससे जुड़ी नदियों के पानी को भारत में ही रोकने के लिए मोदी सरकार को कम से कम 20 वर्ष लगेंगे, क्योंकि नदी के पानी को रोकने के लिए भारत में अभी कोई व्यवस्था नहीं है। कथित शंकराचार्य ने यह भी कहा कि मोदी सरकार देश की जनता को बेवकूफ बना रही है, लेकिन मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर के बगलियार बांध पर चिनाब नदी का पानी रोककर कथित शंकराचार्य का बयान झूठा साबित कर दिया है। बांध में पानी रोकने से पाकिस्तान के सियालकोट में चिनाब नदी का जलस्तर छह फीट कम हो गया है। पाकिस्तानियों का मानना है कि नदी में पानी की आवक कम होने से सिंचाई पर असर पड़ेगा। भारत में अब किशन गंगा बांध पर झेलम नदी के पानी को पाकिस्तान जाने से रोकने की योजना बना ली है। जाहिर है कि अविमुक्तेश्वरानंद जैसे लोगों को तथ्यों की जानकारी नहीं होती और बेवजह देश विरोधी बयान देते हैं। पहलगाम में 26 हिंदुओं की हत्या के बाद जब एकजुटता दिखाने की जरूरत है, तब कथित शंकराचार्य गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। अविमुक्तेश्वरानंद के बयान से यह भी जाहिर होता है कि उन्हें हिंदुओं की हत्या का कोई दर्द नहीं है। मालूम हो कि अभिमुक्तेश्वानंद ने फर्जी तरीके से शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद का स्थान लिया है। स्वामी स्वरूपानंद के अंतिम संस्कार से पहले ही अविमुक्तेश्वरानंद ने स्वयं को बद्रिकापीठ का शंकराचार्य घोषित कर दिया। अविमुक्तेश्वरानंद के शंकराचार्य बनने का मामला अदालत में विचाराधीन है। अदालत को बताया गया है कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज ने अपने जीवन काल में किसी भी शिष्य को उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया था। ऐसा प्रतीत होता है कि जिस फर्जीवाड़े से अविमुक्तेश्वरानंद शंकराचार्य के पद पर बैठ गए, उसी मानसिकता से हिंदुओं के विरोध में बयान जारी कर रहे हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (05-05-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Thursday, 1 May 2025

जातिगत जनगणना की घोषणा के साथ ही आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को बढ़ाने का रास्ता भी खुला। एससी एसटी और ओबीसी वर्ग की कमजोर व पिछड़ी जातियां आगे आएंगी। दबंग जातियों को लगेगा धक्का। मुसलमानों की पिछड़ी जातियां भी सामने आएगी।

30 अप्रैल को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने घोषणा की कि आगामी जनगणना जाति आधारित होगी। यानी अब जनगणना में व्यक्ति की जाति भी लिखी जाएगी। जाति आधारित जनगणना की मांग कांग्रेस सहित विपक्षी दल कर रहे थे। विपक्ष के खासकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का कहना था कि मौजूदा समय में सरकारी नौकरियों में पचास प्रतिशत की सीमा निर्धारित कर रखी है, उससे पिछड़ी जातियों को नुकसान हो रहा है। देश में ओबीसी और अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या ज्यादा है। लेकिन उन्हें मात्र पचास प्रतिशत ही आरक्षण मिल रहा है। जिन जातियों की संख्या कम है, उन्हें भी पचास प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। राहुल गांधी का तर्क है कि जब जाति आधारित जनगणना होगी तो फिर आरक्षण की पचास प्रतिशत की सीमा भी समाप्त हो जाएगी। आबादी के हिसाब से सरकार को आरक्षण देना ही पड़ेगा। अब जब सरकार ने जाति आधारित जनगणना की घोषणा कर दी है, तब आरक्षण की पचास प्रतिशत की सीमा बढ़ाने का रास्ता भी साफ हो गया है। देश में ऐसे कई राज्य है, जिन्होंने अति पिछड़ी जातियों को ओबीसी वर्ग में शामिल कर आरक्षण को 65 प्रतिशत तक कर दियाहै। स्वाभाविक है कि जब देशभर में जातिगत जनगणना होगी तो पिछड़ी जातियों के आंकड़े सामने आएंगे। जानकारों की मानें तो जातिगत जनगणना का फायदा उन पिछड़ी जातियों के लोगों को भी मिलेगा जो अभी तक आरक्षण से वंचित है। एससी एसटी और ओबीसी वर्ग में कुछ दबंग जातियां ही आरक्षण का लाभ ले रही है। अब जब इन वर्गों की सभी जातियों के आंकड़े सामने आएंगे तो फिर उन जातियों के लोगों को पहले नौकरी मिलेगी जो अभी तक वंचित है। कोटे में कोटा देने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सहमति जताई है। इसमें कोई दो राय नहीं कि मोदी सरकार ने पिछड़ी जातियों के लोगों को मुख्ध्याारा में लाने के लिए बड़ा फैसला किया है। मुसलमानों की स्थिति भी सामने आएगी: जातिगत जनगणना से मुसलमानों की जातियां भी सामने आएगी। मुसलमानों में भी बड़ी संख्या में लोग पिछड़ी जाति के है। जिन्हें पसमांदा कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार पसमांदा मुसलमानों की वकालत कर चुके हैं। वक्फ के नए कानून में पिछड़ी जाति के मुसलमानों को प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान किया गया है। अब जब मुसलमानों की भी जातिगत जनगणना होगी तो पिछड़ी जाति के मुसलमानों के आंकड़े भी सामने आएंगे। इससे उन उच्च जाति के मुसलमानों को धक्का लगेगा जो अभी तक मुसलमानों के ठेकेदार बने हुए हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (01-05-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511