Friday 30 September 2016

#1796
अजमेर के दुग्ध उत्पादकों और उपभोक्ताओं को खुश कर दिया रामचन्दर चौधरी ने।  बोनस भी मिलेगा और दूध के दाम भी नहीं बढ़ेंगे। 
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30 सितम्बर को अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्दर चौधरी ने जिले के दुग्ध उत्पादकों और उपभोक्ताओं को खुश कर दिया। डेयरी के 715 करोड़ के वार्षिक बजट की घोषणा करते हुए चौधरी ने कहा कि दीपावली के त्यौहारी सीजन में 11 अक्टूबर से 10 नवम्बर तक दुग्ध उत्पादक जितना दूध डेयरी को देगा, उसे प्रति लीटर एक रुपए का बोनस दिया जाएगा। यानि इस अवधि में खरीद मूल्य एक रुपया प्रति लीटर बढ़ जाएगा। चौधरी ने कहा कि डेयरी पशुपालकों से किसी भी कीमत पर दूध खरीदे, लेकिन 31 मार्च 2017 तक बिक्री मूल्य में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी। डेयरी के उत्पाद सुगमता के साथ उपभोक्ताओं को मिले, इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में मावा भी डेयरी बूथ पर मिलने लगेगा। 

(एस.पी. मित्तल)  (30-09-2016)
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#1797
सोनिया और राहुल गांधी के समर्थन के बाद अब कश्मीर के अलगाववादियों के खिलाफ भी कार्यवाही हो जानी चाहिए।
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30 सितम्बर को कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सर्जिकल ऑपरेशन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा कर दी। इससे एक दिन पहले अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पीओएक पर हमले पर सरकार के साथ खड़े होने की बात कही थी। यानि देश भर में देशभक्ति का जो माहौल पैदा हुआ, उसके अनुरूप कांगे्रस ने भी अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है। ऐसे में यह उपयुक्त मौका है जब कश्मीर के अलगाववादियों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही हो जानी चाहिए। सब जानते हैं कि इन अलगाववादियों के समर्थन और संरक्षण की वजह से ही पीओके से आतंकी कश्मीर में घुसकर उरी जैसी वारदातें कर रहे थे। नरेन्द्र मोदी की रणनीति के तहत सेना ने पीओके में घुसकर आतंकियों को तो ढ़ेर कर दिया। इससे आतंक का एक पाया तो कमजोर हो गया है। अब अलगाववादियों के तौर पर काम कर रहे दूसरे पाये को भी तोडऩे की जरूरत है। यदि इस मौके पर अलगाववादियों के खिलाफ भी कार्यवाही हो जाती है तो एक बार फिर केन्द्र सरकार को देशभर का समर्थन मिलेगा। जो अलगाववादी दिल्ली स्थित पाकिस्तान के दूतावास में जाकर भारत के खिलाफ जहर उगलते थे, वो फिलहाल घाटी में दुबके पड़े हैं। देश का कोई भी राजनेता अलगाववादियों की मांगों का समर्थन करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। इस मामले में जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती को भी पहल करनी चाहिए। सर्जिकल ऑपरेशन के बाद कोई भी आतंकी एलओसी को पार कर हमारे कश्मीर में आने की हिम्मत फिलहाल नहीं करेगा। इसलिये महबूबा मुफ्ती को चाहिए कि वे अलगाववादियों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं को बंद करने की घोषणा कर दें। जो अलगाववादी कश्मीर को अलग करने की बात करते हैं, उनके विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करना चाहिए। असल में केन्द्र में कमजोर सरकारों की वजह से अलगाववादी हमेशा भारत पर हावी होते रहे। आजादी के बाद यह पहला अवसर है जब अलगाववादी भी स्वयं को कमजोर समझ रहे हैं। अब कश्मीर के उन पत्थरबाजों के भी समझ में आ जाएगा कि सुरक्षा बलों पर पत्थर फैंकना आसान नहीं होगा। 
(एस.पी. मित्तल)  (30-09-2016)
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#1794
सलमान खान ने फिर दिया पाक कलाकारों समर्थन में बयान। आखिर क्यों नहीं समझ रहे देश की भावनाओं को। 
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एक और हमारी सेना पीओके में घुस कर आतंकवादियों के ट्रेनिंग सेंटरों को नष्ट कर रही है। वहीं दूसरी ओर 30 सितम्बर को एक बार फिर अभिनेता सलमान खान ने पाकिस्तान के कलाकारों का समर्थन किया है। एक इवेंट के दौरान  सलमान खान ने कहा कि मुम्बई फिल्म उद्योग में जो पाकिस्तानी कलाकार काम करते हैं, उन्हें सरकार द्वारा वीजा दिया जाता है। ऐसे में पाक कलकारों को आतंकी नहीं माना जा सकता। इससे पहले भी पाक कलाकारों के मुद्दे पर सलमान खान कह चुके हैं कि फिल्म उद्योग किसी के बाप की जांगीर नहीं है। यानि सलमान खान हमारे फिल्म उद्योग से उस पाकिस्तान के कलाकारों के काम करने का समर्थन करते हैं जो पाकिस्तान आतंकियों को भेज कर हमारे देश में जवानों को शहीद करते हैं। 
आज जब पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है तो फिर सलमान खान को पाक कलाकारों के प्रति समर्थन जताने की जरुरत क्यों पड़ रही है? क्या सलमान खान अपने देश के कलाकार से ज्यादा दुश्मन देश के कलाकारों को पसंद करते हैं? ये माना कि पाक कलाकार वीजा लेकर आते हैं, लेकिन सलमान खान को देश के नागरिकों की भावनाओं का ख्याल करना चाहिए। जब वीजा देने वाली सरकार ही पाकिस्तान पर पाबंदियां लगा रही है तो फिर सलमान खान पाक कलाकारों का समर्थन क्यों कर रहे हैं? ऐसा लगता है कि सलमान खान देश के आम लोगों को चिढ़ाना चाहते हैं। यह बात अलग है कि देशवासियों ने ही सलमान को सफल फिल्म स्टार बनाया है। 
(एस.पी. मित्तल)  (30-09-2016)
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आना सागर में गिरने वाले नालों का पानी ट्रीटमेन्ट प्लान्ट में क्यों नहीं डाला जा रहा? अजमेर में सीवर लाइन को लेकर एडीए और नगर निगम आमने-सामने।

#1795
आना सागर में गिरने वाले नालों का पानी ट्रीटमेन्ट प्लान्ट में क्यों नहीं डाला जा रहा? अजमेर में सीवर लाइन को लेकर एडीए और नगर निगम आमने-सामने।
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अजमेर शहर के बीचों बीच बनी एतिहासिक और प्राकृतिक सौन्दर्य वाली आनासागर झील का महत्व इसलिए भी है कि ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत के लिए आने वाले जायरीन झील के किनारे बने रामप्रसाद घाट पर अकीदत के साथ स्नान भी करते हैं। मान्यता है कि ख्वाजा साहब ने इसी घाट पर अपने जीवनकाल में वजू किया था, लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि आज इस झील में आधे शहर का गन्दा पानी कोई 10 नालों के माध्यम से गिरता है। यही वजह है कि यह झील अब मल मूत्र युक्त पानी में तब्दील हो गई है। ऐसा नहीं कि सरकार ने झील की दुर्दशा को सुधारने का कोई काम न किया हो। केन्द्र सरकार की झील संरक्षण योजना के अंतर्गत करोड़ों रुपए अजमेर के अधिकारियों और इंजीनियरों ने खर्च कर दिए, लेकिन नतीजा जीरो रहा क्योंकि अफसरों और इंजीनियरों ने मल मूत्र वाली झील से गंदगी खाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लानत है कि उस अफसरशाही पर जिसकी वजह से आज भी 10 नालों का पानी इस झील में गिर रहा है। झील संरक्षण योजना के अंतर्गत ही किनारे पर ट्रीटमेन्ट प्लान्ट का निर्माण भी करवा दिया। कोई 20 करोड़ की लागत से बने इस प्लान्ट का उद्घाटन गत 14 अगस्त को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कर भी दिया, लेकिन आज तक भी यह प्लान्ट चालू नहीं हो पाया है। इसका कारण यह है कि अभी झील के किनारे बसी कालोनियों में सीवर लाइन का कार्य ही पूरा नहीं हुआ है। घरों से कनेक्शन कब होंगे और लाइन के जरिए गन्दा पानी ट्रीटमेन्ट प्लान्ट तक कब पहुंचेगा, इसके बारे में कोई नहीं जानता। लेकिन यह सवाल उठता है कि गन्दे नालों का पानी ट्रीटमेन्ट प्लान्ट तक क्यों नही ले जाया जा रहा? फिलहाल सीवर लाइन का विवाद छोड़ भी दिया जाए तो गन्दे नालों का पानी एक विशेष चैनल या पाइप के जरिए प्लान्ट तक पहुंचाया जा सकता है इससे प्लान्ट भी शुरू हो जाएगा। यदि प्लान्ट को शुरू नहीं किया तो यह पड़ा-पड़ा ही जंग लगकर कबाड़ हो जाएगा। जहां तक सीवर लाइन का सवाल है तो अजमेर विकास प्राधिकरण (एडीए) और नगर निगम अब आमने-सामने हो गए हैं। हालांकि इन दोनों ही संस्थाओं के प्रमुख पद पर सत्तारूढ़ भाजपा के नेता विराजमान है, लेकिन फिर भी दोनों संस्थाओं में सीवर को लेकर जंग छिड़ी हुई है। गत नगर निगम के चुनाव में कहा गया था कि यदि अजमेर का विकास करवाना है तो सत्ता की कड़ी से कड़ी जोड़ी जाए। जनता ने भाजपा का बोर्ड बनवा दिया। यानि सत्ता की स्थानीय निकाय की पहली इकाई से लेकर दिल्ली तक में भाजपा का शासन है, लेकिन यहां अजमेर में स्थानीय निकाय की दोनों संस्थाओं में ही तालमेल नहीं हो पा रहा है। 

(एस.पी. मित्तल)  (30-09-2016)
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Thursday 29 September 2016

#1790
जो दिखाया वो नहीं किया, जो नहीं दिखाया वो किया नरेन्द्र मोदी ने। पहली बार हुआ है पाकिस्तान पर चौतरफा हमला। 
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उरी की घटना के बाद सरकार ने पाकिस्तान को घेरने के लिए पानी रोकने, व्यापार कम करने आदि विकल्पों का खूब प्रचार-प्रसार किया, तब किसी को भी यह उम्मीद नहीं थी कि पीओके में सैनिक कार्यवाही भी हो सकती है। बल्कि यह समझा जा रहा था कि सैनिक कार्यवाही को टालने के लिये ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पानी, व्यापार आदि के विकल्प तलाश रहे हैं, लेकिन 29 सितम्बर को सूरज उगने से पहले-पहले भारतीय सेना ने पीओके में घुसकर जो बड़ी कार्यवाही की, उससे साफ हो गया है कि नरेन्द्र मोदी ने जो नहीं दिखाया, उसे ही कर दिया। भारत ने पाकिस्तान पर जो चौतरफा हमला किया, उसमें अब पाकिस्तान की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि वह पीओके पर हुए हमले से ही इंकार कर रहा है। हमारी सेना के अधिकारी और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि सेना ने पीओके पर हमला कर आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया है। कितने आंतकी मरे, इसकी गिनती अब पाकिस्तान बताएगा। उम्मीद तो यही थी कि पाकिस्तान बौखलाहट भरा जवाब देगा, लेकिन उस समय आश्चर्य हुआ जब पाकिस्तान ने पीओके में किसी हमले से ही इंकार कर दिया। शायद पाकिस्तान यह दर्शाना नहीं चाहता है कि पीओके में आतंकियों के कोई ट्रेनिंग सेन्टर चल रहे हैं। भारतीय सेना की अचानक हुई कार्यवाही से अब उन आतंकी नेताओं को भी सबक लेना चाहिए जो पाकिस्तान में बैठकर भारत की एकता और अखंडता को तोडऩा चाहते हैं। भारत में भी ऐसे कई राजनेता है, जो यह मानते थे कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सैनिक कार्यवाही नहीं कर सकती, लेकिन आज जिस तरह पीओके में सेना ने घुसकर आतंकियों को मारा है, उसे देखते हुए मोदी की सरकार कुछ भी कर सकती है। सवाल नरेन्द्र मोदी को शाबासी देने का नहीं है। सवाल देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने का है। हम सबको मिलकर यह दिखाना चाहिए कि आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।
(एस.पी. मित्तल)  (29-09-2016)
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#1791
पीओके पर हमले के बाद अब देश के आतंकी स्लीपर सेलों से सर्तक रहने की जरूरत। पूरा देश हो एकजुट।
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29 सितम्बर के रात को अंधेरे में भारतीय फौज ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुसकर आतंकवादियों को ठिकाने लगा दिया, लेकिन अब आतंकियों से हमारे देश में रहने वाले स्लीपर सेलों से सर्तक रहने की जरूरत है इसलिए हमले के बाद भारत सरकार ने देशभर में अलर्ट जारी किया है। देश में जब भी आतंकियों ने हमला किया तब स्लीपर सेलों की भूमिका भी उजागर हुई। स्वाभाविक है कि जब फौज ने आतंकियों को उन्हीं के अड्डे पर जाकर मौत के घाट उतार दिया तो स्लीपर सेल कुलबुला रहे होंगे। ऐसे में देश के अंदर आतंक की वारदात की संभावना बढ़ गई है। हमें इस बात से तो खुश होना चाहिए कि पहली बार पाकिस्तान को सबक सिखाने वाली कार्यवाही की गई है, लेकिन साथ ही पूरे देश को एकजुटता दिखानी होगी। हम सब जानते हंै कि भारत में वोट की राजनीति के चलते अनेक नेता दुश्मन देश पाकिस्तान के हिमायती बने हुए हंै। कश्मीर में जो अलगाववादी पाकिस्तान जिंदाबाद हिन्दुस्तान, मुर्दाबाद के नारे लगाते है उनका भी खुलेआम समर्थन किया जाता हंै। अब समय आ गया है जब एसे तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।
(एस.पी. मित्तल)  (29-09-2016)
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#1792
पुष्कर पुलिस की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकती थी रेव पार्टी।
आखिर आस्था और पवित्रता से क्यों हो रहा है खिलवाड़।
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हिन्दुओं के तीर्थ स्थल पुष्कर का अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व इसलिए है कि यहां विदेशी पर्यटक भी आते हैं। एक समय था जब इन विदेशी पर्यटकों के आने का कारण पुष्कर में आत्मिक शांति मिलना होता था, लेकिन अब यह माना जाता है कि विदेशी पर्यटक पुष्कर की भावनाओं के विपरीत मौजमस्ती के लिए आते हैं। इसलिए पुष्कर के आसपास रेतीले भू भागों पर बने प्रभावशाली व्यक्तियों के रिसोर्ट और होटलों में आए दिन रेव पार्टियां होती हंै। 28 सितम्बर को भी पुष्कर के निकट रावतों की ढाणी में बने ऋषि वेली रिसोर्ट में हो रही रेव पार्टी पर पुलिस ने छापामार कार्यवाही की।यह रिसोर्ट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व पार्षद बाबूलाल दग्दी का है। बड़ी अजीब बात है कि दग्दी ने इस रिसोर्ट का नाम भारतीय संस्कृति के अनुरूप ऋषि वेली रखा, लेकिन रिसोर्ट में जो कुकर्म हो रहे हैं, वे पुष्कर की आस्था  और पवित्रता के साथ खिलवाड़ है। क्या गोरी चमड़ी वाली  लड़कियों और लड़कों को नग्न और अर्धनग्न देखने के लिए ही कांग्रेस  के नेता ने ऋषिवेली रिसोर्ट बनाया? सवाल कांग्रेस का ही नहीं है। ऐसे रिसोर्ट और होटल तो भाजपा के नेताओं ने भी बना रखे हैं। छापे के दौरान जिन होटलों में लड़के लड़कियों को देख गया वह बेहद ही शर्मसार करने वाला है।  ऐसा नहीं की रेव पार्टियों के बारे में पुष्कर पुलिस को पता न हो। असल में रेव पार्टी के लिए जिस प्रकार डीजे आदि को भी बुकिंग होती है, उसी प्रकार पुलिस को भी बुक किया जाता है। डीजे वाले तो रेव पार्टी में आने के पैसे लेते हैं, लेकिन पुलिस नहीं आने के। 28 सितम्बर को भी पुष्कर पुलिस को रिसोर्ट पर मजबूरी में कार्यवाही करनी पड़ी। असल में पुलिस के बुक होने की स्थिति को देखते हुए सीधे अजमेर में एसपी को सूचना दी गई। एसपी के निर्देश पर पुष्कर के अधिकारी नंदराम भादू मौके पर पहुंचे थे। एसपी नितिन दीप ब्लग्गन भी पुष्कर पुलिस के बारे में जानते हैं, इसलिए पीछे पीछे अजमेर में नियुक्त डीएसपी मोनिका सेन को भी भेज दिया। सवाल उठता है कि जब रेव पार्टी दिनभर चल रही थी तो पुष्कर पुलिस को जानकारी क्यों नहीं हुई। इसे भी पुष्कर पुलिस की मिली भगत ही कहा जाएगा कि रिसोर्ट को बांसेली देवरा निवासी जगदीश माली ने ठेके पर ले रखा है, वह भी पुलिस के हाथों से निकल गया। अब न तो पुलिस के पास  रिसोर्ट का मालिक है और न ठेकेदार। जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें एक रिसोर्ट का कर्मचारी विजय यादव व दूसरा डीजे वाला वकील अहमद। सब जानते हैं कि जगत पिता ब्रह्मा की नगरी माने जाने वाले पुष्कर से करोड़ों हिन्दुओं की आस्था जुड़ी हुई है। पवित्र सरोवर में डूबकी लगाने के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं। ऐसे  में पुष्कर के सभी लोगों का यह दायित्व है कि वह पुष्कर की पवित्रता के साथ खिलवाड़ नहीं होने दें। बाबूलाल दग्दी जैसे पुष्कर के नागरिकों का तो यह दायित्व है कि वे रेव पार्टी जैसे आयजनों को रोकें। दग्दी तो प्रतिनिधि भी रहे हैं। ऐसे में उनका  दायित्व और बढ़ जाता है। दग्दी यह कह कर बरी नहीं हो सकते की उन्होंने रिसोर्ट को ठेके पर दे दिया। रिसोर्ट में क्या हो रहा है, इसकी जानकारी दग्दी को होनी चाहिए और यदि रेव पार्टी दग्दी की जानकारी में हुई है, तो यह और भी बुरी बात है। उम्मीद की जानी चाहिए कि भविष्य में पुष्कर व आसपास के क्षेत्रों में कोई रेव पार्टी नहीं हो। 
(एस.पी. मित्तल)  (29-09-2016)
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ब्लॉग का सम्मान

#1793
ब्लॉग का सम्मान 
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28 सितम्बर को अजमेर में पशुधन सहायक के पद पर कार्यरत अजय सैनी अपने साथियों के साथ मेरे दफ्तर आए और माला पहनाकर मेरा सम्मान किया। सैनी और उनके साथियों ने बताया कि वे रोजाना मेरे ब्लॉग पढ़ते हैं। ब्लॉग में ताजा घटनाओं पर जो सटीक और निष्पक्ष टिप्पणी होती है, उसी से वे लोग प्रभावित हंै। मैं इससे पहले कभी भी अजय सैनी और उनके साथियों से नहीं मिला था। मुझे लगा कि यह मेरे ब्लॉग का सम्मान है। इसीलिए मैंने सैनी और उनके साथियों के सम्मान को स्वीकार किया। मुझ जैसे कलम घसीट को यदि अंजान व्यक्ति आकर मालाएं पहनाएं तो यह पत्रकारिता का भी सम्मान है। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि अजय सैनी ने सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी माध्यम से पत्रकारिता की एमजेएमसी की डिग्री भी ली है। इतना ही नहीं अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के सिलसिले में अब वे उदयपुर स्थित पैसिफिक यूनिवर्सिटी से अजमेर में आवारा पशुओं पर पीएचडी भी कर रहे हैं। सैनी का कहना है कि अजमेर तभी स्मार्ट बनेगा, जब सड़कों पर कोई आवारा पशु नजर न आए। आज इन पशुओं की वजह से आए दिन लोग खासकर वरिष्ठ नागरिक दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। मैं, अजय सैनी की सकारात्मक सोच की भी प्रशंसा करता हूं। साथ ही उनके साथ आए भवानी सिंह राठौड़, दिलीप चौधरी, भगवान सिंह भैरूंदा, ताहीर जफर का भी शुक्रगुजार हूं। 
(एस.पी. मित्तल)  (29-09-2016)
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Wednesday 28 September 2016

#1789
शिक्षा एवं राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर 29 सितम्बर को अजमेर मेें बोलेंगे ख्यातनाम रक्षा विशेषज्ञ जी डी बख्शी। 
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अक्सर न्यूज चैनलों पर पाकिस्तान के फौजी अफसरों को लताडऩे वाले भारतीय फौज के रिटायर्ड मेजर जनरल एवं रक्षा विशेषज्ञ जी.डी.बख्शी 29 सितम्बर को अजमेर के जवाहर रंगमंच पर सायं 6 बजे अपना संबोधन देंगे। भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा शिक्षा एवं राष्ट्रीय विषय पर आयोजित संगोष्ठी में जनरल बख्शी अपने अंदाज में बोलेंगे। जनरल बख्शी को पाकिस्तान के आंतरिक हालातों की बेहतर जानकारी है, इसलिए वे टीवी चैनलों की बहस में भारत का पक्ष मजबूती के साथ रखते हैं। जनरल बख्शी को रक्षा ज्ञान की वजह से बड़े-बड़े चैनल में बुलाते हैं। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता शिक्षाविद् हनुमान सिंह राठौड़ करेंगे। संगोष्ठी के बारे में अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9413529431 और 9414277042 पर ली जा सकती है। 
(एस.पी. मित्तल)  (28-09-2016)
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#1788
राजस्थान के शिक्षा विभाग में खत्म कर दिया भ्रष्टाचार। हो तो सीधे शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को 9414155744 मोबाइल नंबर पर बताएं।
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28 सितम्बर को मेरी मुलाकात राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी से हुई। देवनानी ने दावेे के साथ कहा कि स्कूली शिक्षा में भ्रष्टाचार को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। राजस्थान के किसी भी नागरिक के पास मेरे विभाग में भ्रष्टाचार का कोई सबूत हो तो वह सीधे उनके मोबाइल नंबर 9414155744 पर बताएं। देवनानी ने कहा कि कांग्रेस के शासन में शिक्षा विभाग में तबादलों का काम उद्योग के तौर पर होता था, लेकिन उन्होंने काउंसलिंग पद्धति लागु कर तबादले का चक्कर ही समाप्त कर दिया। आज 80 प्रतिशत शिक्षक काउंसलिंग से मिली नियुक्ति से खुश हंै, इससे ज्यादा ईमानदारी क्या हो सकती है कि काउंसलिंग से पहले शिक्षकों को रिक्त स्थानों की जानकारी दे दी गई। शिक्षकों ने अपने इच्छित स्थान पर नियुक्ति चाही। उन्होंने माना कि काउंसलिंग के बाद भी कुछ शिक्षकों को परेशानी है, ऐसी परिवेदनाओं का मानवीय आधार पर निस्तारण किया जाएगा। स्कूली शिक्षा के इतिहास में पहली बार हुआ है कि 16 हजार स्कूलों को समायोजित किया गया है। कांग्रेस ने वाह वाही लूटने के लिए अनुपयोगी स्थानों पर भी स्कूलें खोल दी थी। मैंने कांग्रेस की गन्दगी को झाड़ू लगाकर साथ किया है। यह भी पहली बार हुआ, जब बड़े पैमाने पर शिक्षकों की पदोन्नित की गई, जो शिक्षक लेक्चरार के पद पर पदोन्नत हुआ है, उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। मैंने न केवल स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाने का काम किया बल्कि शिक्षकों की शैक्षिक गुणवत्ता में भी वृद्वि की है। आज अधिकांश शिक्षक संघ मेरी कार्यप्रणाली से सन्तुष्ट है। मैं शिक्षा विभाग में जो कुछ भी बदलाव कर पाया, उसके पीछे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का संरक्षण और मार्ग निर्देंशन रहा है। यही वजह है कि आज पूरे देश में राजस्थान के शिक्षा सुधारों की चर्चा और प्रशंसा होती हंै। कांग्रेस विचारधारा के लोग मुझ पर भगवाकरण का आरोप लगाते हैं, मेरे यह समझ में नहीं आता कि आखिर भगवाकरण है क्या? यदि स्कूली बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम सिखाया जाए और वीरता के लिए महाराणा प्रताप की जीवनी पढ़ाई जाए तो क्या यह भगवाकरण है? यदि विद्यार्थी स्वस्थ रहकर वीर बनेगा तो फिर देश का सुयोग्य नागरिक भी बन जाएगा। 
(एस.पी. मित्तल)  (28-09-2016)
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#1787
भाजपा के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसदों, उद्योगपतियों आदि के बेटी-बेटीयों वाले स्कूल मेंं आएगा आतंकी देश का 38 सदस्यीय दल।
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उरी की 18 जवानों की ताजा शहादत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने की कोई कसर नहीं छोड़ रही है। युद्ध के साथ-साथ नदियों का पानी बंद करने, व्यापार कम करने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान रोकने आदि के सभी विकल्प तलाशे जा रहे हैं। पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ माहौल है। महाराष्ट्र में पाक कलाकारों को मुम्बई छोडऩे की सलाह दे दी गई है। यानि पूरे देश में गुस्से का माहौल बना हुआ है, ऐसे ही माहौल में पाकिस्तान से एक 38 सदस्यीय शैक्षिक दल अजमेर के मेयो कॉलेज में आने को उत्सुक है। यहॉं मेयो कॉलेज में पाक शैक्षिक दल के स्वागत-सत्कार की जोरदार तैयारियां की जा रही है। मेयो शिक्षण संस्था के प्रबन्धकों की माने तो 2 से 5 अक्टूबर के बीच आतंकी देश का दल अजमेर आएगा। यह दल अंग्रेज शासकों की परम्पराओं को निभाने आ रहा है। देश में जब अंग्रेजों का राज था तो उन्होंने अजमेर में मेयो कॉलेज के साथ-साथ लाहौर के माल रोड पर एचिकसन कॉलेज की भी शुरूआत की थी। इन कॉलेजों में राजा-महाराजाओं और मुगल बादशाहों के बच्चों को पढ़ाने के इंतजाम किए गए थे। तभी से कॉलेजों के बीच शैक्षिक दौरे होते आ रहे हंै। इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि देश के आजाद होने के 70 साल बाद भी इन परम्पराओं को निभाया जा रहाहै। शर्मनाक बात तो यह है कि जब पाकिस्तान हमारे जवानों को लगातार शहीद कर रहा है तब भी अंग्रेजों की परम्पराओं को निभाने की कोशिश की जा रही है। 
सब जानते है कि अजमेर के मेयो कॉलेज में भाजपा की केन्द्र सरकार के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की बेटी, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पोती के साथ-साथ अन्य भाजपा सांसदों प्रभावशाली राजनेताओं, उद्योगपतियों आदि के लड़के-लड़कियां पढ़ते है। मेयो कॉलेज संस्थान के माध्यम से छात्र-छात्राओं का अलग-अलग बारहवीं कक्षा तक स्कूल चलाया जाता है, लेकिन आज भी अंग्रेजों के जमाने की तरह मेयो कॉलेज संबोधित किया जाता है। 
खुफिया विभाग को है इंकार
केन्द्र सरकार ने निर्धारित प्रक्रिया के तहत अजमेर जिला प्रशासन से पाक शैक्षिक दल के दौरे पर रिपोर्ट मांगी है, लेकिन खुफिया विभाग ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें दौरा नहीं होने की बात कही है। पुलिस के जिम्मेदार और अनुभवी अधिकारियों का मानना है कि जब पाकिस्तान से दल आएगा तो वह ख्वाजा साहब की दरगाह जियारत के लिए भी जाएगा। चूंकि पाकिस्तान के खिलाफ माहौल है, ऐसे में कोई अप्रिय वारदात भी हो सकती है।
विरोध भी शुरू 
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव राजेश टण्डन ने पाक दल का विरोध शुरू कर दिया है। टण्डन ने कहा कि यदि दो से 5 अक्टूबर के दौरान पाक शैक्षिक दल अजमेर आएगा तो उसके खिलाफ जोरदार धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि एक ओर भाजपा के नेता पाकिस्तान को कोसने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा के शासन में ही शैक्षिक दौरे के नाम पर पाकिस्तानियों को अजमेर में बुलाकर स्वागत-सत्कार किया जा रहा है। यह भाजपा का दोहरा चरित्र है। टण्डन ने केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मांग की कि पाक दल के दौरे को रद्द करवाया जाए। 
हिन्दू संगठनों का प्रदर्शन:
28 सितम्बर को विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, आदि के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पाक दल के अजमेर दौरे का विरोध किया है।
(एस.पी. मित्तल)  (28-09-2016)
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अंटी में माल हो तो अजमेर शहर के बीचों बीच भी बनाई जा सकती है अवैध कॉलोनी। जिंदा सबूत पीआर मार्ग पर देखा जा सकता है।

#1786
अंटी में माल हो तो अजमेर शहर के बीचों बीच भी बनाई जा सकती है अवैध कॉलोनी।
जिंदा सबूत पीआर मार्ग पर देखा जा सकता है। 
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आप अजमेर शहर के रहने वाले हैं और आपकी अंटी में माल है तो आप शहर के बीचों बीच भी अवैध कॉलोनी का निर्माण कर सकते हैं। अवैध निर्माण की ओर न तो नगर निगम न अजमेर विकास प्राधिकरण, न पुलिस न प्रशासन और न ही पंजीयन विभाग देखेगा। लिखने की जरुरत नहीं कि इन विभागों के  अधिकारी और कर्मचारी नेत्रहीन क्यों बने हैं।  भ्रष्टाचार की सभी सीमाओं को लांघकर अजमेर के व्यस्ततम पीआर मार्ग पर पुराने बर्फ खाने की करीब पांच हजार वर्गगज भूमि पर धड़ल्ल्ले से निर्माण हो रहा है। भ्रष्टाचार की शुरआत पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग से शुरू हुई। इस विभागा को अच्छी तरह पता था कि यह भूमि व्यावसायिक है, लेकिन इसके बावजूद भी सड़क बनाने वाले ठेकेदार हनुमान सिंह मेहता के बेटे रोहित मेहता के नाम आवासीय भूमि की रजिस्ट्री कर दी गई। आवासीय भूमि मानकर रोहित मेहता ने पांच हजार वर्गगज भूमि पर आवासीय कॉलोनी के 70 प्लॉट काट दिए। एक बार फिर आवासीय प्लाटों की रजिस्ट्री हो गई। इतना ही नहीं नगर निगम ने आवासीय कॉलोनी का नक्शा भी स्वीकृत कर दिया। अजमेर के सरकारी दफ्तरों में इस कदर भ्रष्टाचार फैला हुआ है कि टाउन प्लानर ने भी शहर के बीचोंबीच आवासीय कॉलोनी को मंजूरी दे दी। भ्रष्टाचार की हद तो अब हो रही है, जब आवासीय नक्शे की आड़ में व्यावसायिकनिर्माण हो रहा है। ऐसा नहीं कि नगर निगम, एडीए, टाउन प्लानर,पंजीयन आदि विभागों को पता न हो, सब जानते हैं कि कि स्मार्ट सिटी की छाती पर काला धब्बा लग रहा है। लेकिन भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे इन विभागों के अधिकारी पूरी तरहअंधे बने हुए हैं। यूं तो अजमेर के युवा कलेक्टर गोरव गोयल भी सड़कों पर घूमघूम कर हालातों को सुधारने में लगे हुए हैं। न जाने कलेक्टर की नजर इस अवैध कॉलोनी के निर्माण पर कब पड़ेगी। जहां तक नगर निगम का सवाल है तो निगम का दफ्तर इस अवैध कॉलोनी के सामने ही है, लेकिन निगम के 60 पार्षदों में से एक को भी यह कॉलोनी नजर नहीं आ रही है। इतना ही नहीं पीआर मार्ग पर इस कॉलोनी में जाने के लिए मात्र 9 फिट का रास्ता है। कोई बताए तो सही कि 9 फिट वाले रास्ते के बाद 70प्लाटों की कॉलोनी की मंजूरी नगर निगम ने कैसे दे दी?
अभी हाल ही में केन्द्र सरकार ने अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की है। स्मार्ट सिटी के नियमों के अंतर्गत अवैध निर्माण भी धराशाही किया जाने हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचार की वजह से स्मार्ट सिटी का सपना धरा रहा जाएगा। असल में जिन लोगों के कंधे पर स्मार्ट सिटी का बोझ है वो कंधे वाले ही अवैध निर्माण कर्ताओं के संरक्षक बने हुए हैं। 
(एस.पी. मित्तल)  (28-09-2016)
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Monday 26 September 2016

#1778
तो उतने भाजपाई भी नहीं आए प्रधानमंत्री का भाषण सुनने। स्मार्ट सिटी के बैनर लगवाने की होड़ मची।
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25 सितम्बर को जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर अजमेर में जवाहर रंगमंच पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लाइव भाषण सुनने के इंतजाम किए गए। भाषण के समारोह में भाग लेने के लिए शहर अध्यक्ष अरविन्द यादव ने सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को आमंत्रित किया, लेकिन इसे अफसोस नाक ही कहा जाएगा कि भाषण सुनने के लिए उतने भाजपाई भी नहीं आए, जितनों के नाम इन दिनों स्मार्ट सिटी के बैनरों पर नजर आ रहे हैं। अजमेर भाजपा के लिए यह विडम्बना की बात है कि एक ओर स्मार्ट सिटी के बैनरों में बड़े नेताओं का आभार प्रकट किया जा रहा है तो दूसरी ओर प्रधानंत्री का भाषण सुनने के लिए कार्यकर्ताओं का टोटा है। जितने भाजपाईयों के नाम बैनरों में है, उतने भी यदि पीएम का भाषण सुनने के लिए आ जाते तो जवाहर रंगमंच खचाखच भर जाता। इस रंगमंच की क्षमता 800 दर्शकों की है, लेकिन पीएम का भाषण सुनने के लिए मात्र 150 भाजपाई उपस्थित रहे। इनमें मंत्रियों, सांसद और विधायकों के सुरक्षाकर्मी और स्टॉफ भी शामिल है। 
स्मार्ट सिटी की शर्त का ही उल्लंघन 
किसी भी शहर के स्मार्ट सिटी बनने के नियम होते हैं। अन्य नियमों के साथ-साथ यह भी है कि सार्वजनिक स्थलों और चौराहों पर कोई बैनर, पोस्टर नहीं लगे, लेकिन इस शर्त का ही उल्लघंन कर शहर में जगह-जगह स्मार्ट सिटी की घोषणा के बैनर और पोस्टर लगाए गए हैं।

(एस.पी. मित्तल)  (25-09-2016)
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#1779
अतिक्रमणकारियों की सरकारी सूची में अलवर यूआईटी के अध्यक्ष देवी सिंह शेखावत और कांग्रेस के पूर्व विधायक नाथुराम सिनोदिया का नाम भी शामिल। किशनगढ़ में 500 करोड़ की 63 बीघा मंदिर भूमि पर प्रभावशालियों का अवैध कब्जा।
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इसे राजनीति का चरित्र ही कहा जाएगा कि जब अवैध कब्जे की बात सामने आती है तो राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं के नाम भी शामिल होते हैं। भले ही नेताओं के राजनीतिक मतभेद हों, लेकिन कब्जा करने में सभी नेता एकजुट होते हैं। इसका ताजा उदाहरण राजस्थान की मार्बल नगरी किशनगढ़ में देखने को मिला है। हाईकोर्ट के निर्देंश पर किशनगढ़ के उपखंड अधिकारी ने अतिक्रमणकारियों की जो सूची बनाई है, उसमें अलवर यूआईटी के अध्यक्ष देवी सिंह शेखावत और किशनगढ़ के ही कांग्रेस के पूर्व विधायक नाथुराम सिनोदिया  का नाम शामिल है। इन दोनों ने ही मंदिर श्री रघुनाथ जी महाराज की भूमि पर अतिक्रमण कर रखा है। शेखावत ने मार्बल एरिया में शेखावत मार्बल और सनोदिया ने जी वी स्टोनेक्स व सिनोदिया मार्बल के नाम से मार्बल का कारोबार कर रखा है। किशनगढ़ के तहसीलदार ने गत 4 जुलाई को अंतिम नोटिस जारी कर 7 दिन में अवैध कब्जा हटाने के निर्देंश दिए, लेकिन आज 26 सितम्बर के दिन भी इन प्रभावशाली नेताओं का कब्जा नहीं हट सका है। सरकार के किसी भी कारिन्दे में इतनी ताकत नहीं कि वह यूआईटी के अध्यक्ष और पूर्व विधायक का कब्जा हटा सके। 
हाईकोर्ट के हंै आदेश 
मंदिर श्री रघुनाथ के पुजारी परिवार से जुड़े चन्द्र प्रकाश वैष्णव ने बताया कि 63 बीघा भूमि का कब्जा लेने के लिए हाईकोर्ट में लम्बी लड़ाई लड़ी, इसके बाद ही 3 मार्च 2015 को हाईकोर्ट ने अजमेर प्रशासन को आदेश दिए कि भूमि पर से कब्जा हटाया जाए। तहसीलदार और एसडीओ ने बार-बार जो नोटिस जारी किए हैं, उसमें हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रभावशाली लोग हाईकोर्ट के आदेश को नहीं मान रहे हैं। जिन यूआईटी अध्यक्ष पर अतिक्रमण हटाने का जिम्मा है वह स्वयं हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ भूमि पर कब्जा कर बैठे हैं। वैष्णव ने कहा है कि यदि अंतिम नोटिस के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटे तो हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका प्रस्तुत की जाएगी। 
बेबस है प्रशासन 
हाईकोर्ट के आदेश के बाद से ही अजमेर जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार बैठकें कर चुका है, लेकिन राजनेताओं की भागीदारी होने की वजह से प्रशासन बेबस है। अलवर यूआईटी के अध्यक्ष शेखावत के प्रभाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके एक भाई गोपाल सिंह शेखावत आरएएस अधिकारी है तो दूसरे शक्ति सिंह शेखावत सिविल जज। 
मैं अकेला नहीं - शेखावत
यूआईटी अध्यक्ष शेखावत ने कहा कि वे अकेले अतिक्रमणकारी नहीं हंै। ऐसे नोटिस 80 से भी ज्यादा लोगों को मिले हैं। हम सब ने मंदिर के पुजारी से जमीन को खरीदा था। शेखावत ने कहा कि इस मामले में आगे की न्यायिक कार्यवाही की जाएगी। वहीं दूसरी ओर मंदिर के पुजारी वैष्णव का कहना है कि हाईकोर्ट ने अतिक्रमणकारियों के सभी दावों को निरस्त कर भूमि पर हमारे परिवार का मालिकाना हक बताया है। इसीलिए कोर्ट के आदेश है कि अतिक्रमण हटा कर कब्जा पुजारी परिवार को सौंपा जाए। आज मार्बल एरिया में इस भूमि की कीमत करीब 5 सौ करोड़ रुपए है। 
ये भी है अतिक्रमणकारी 
किशनगढ़ के एसडीओ ने गत 4 जुलाई को जिन मार्बल कारोबारियों को अतिक्रमी मानते हुए नोटिस जारी किए हंै, उनमें जी बी स्टोनक्स, सिनोदिया मार्बल, बाबा रामदेव मार्बल, गोयल मार्बल, ए क्लास मार्बल, सिद्धेश्वरी मार्बल, सिद्धार्थ मार्बल, बृजमोहन मार्बल, चम्पालाल मार्बल, रमेशचन्द मार्बल, दिनेश मार्बल, रामचन्द्र मार्बल, श्रीओम मार्बल, एम एम एन्टरप्राइजेज, गणपति मार्बल, गोविन्द मुन्दड़ा एण्ड कम्पनी, छाजेड़ आर्म मार्बल, कटनी शिवा इण्डस्ट्रीज, रमेश छापरवाल मार्बल एण्ड सन्स, मीना मार्बल, श्रीनाथ चारभुजा मार्बल, अशोक मार्बल, वेद मार्बल, गुलाब मार्बल, अमित मार्बल, सारदा मार्बल, चैनराज मार्बल, विठ्ठल मार्बल, मार्बल कार्नर, अमृत भोजनालय, जैन भोजनालय, सिद्धी हैण्डीक्राफ्ट, महावीर स्टोनेक्स, कटनी मार्बल, हरीश मार्बल, के टी मार्बल, राघव मार्बल, गोयल स्टोनेक्स, वीर तेजा मार्बल, गुरूदेव मार्बल, शेखावत मार्बल, कोटा स्टोन, राजराजेश्वरी मार्बल, श्री शिवम मार्बल, अमीत मार्बल, महावीर मार्बल, अमित मार्बल, शम्भूनाथ धर्मा मार्बल, महादेव मार्बल, यश मार्बल, रोयला मार्बल्स (टी एस), जयश्री मार्बल, खुशी मार्बल एण्ड ग्रेनाइट, कविता मार्बल, रेनू मार्बल, सीता मार्बल, ए.आर.जी. मार्बल, रॉयल इण्डिया मार्बल, माहेश्वरी स्टोन, महावीर इलेक्ट्रोनिक ट्रेलर धर्मकांटा, कृष्णा मार्बल, प्रिया मार्बल, अरूण मार्बल, यू एम मार्बल, पंचौली धर्मकांटा, मुदगल मोटर्स, अर्पित मार्बल, कमल इंजीनियरिंग।

(एस.पी. मित्तल)  (26-09-2016)
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#1780
कश्मीर के किसानों को प्यासा मार कर हमारी 6 नदियों का पानी ना-पाक देश को क्यों दिया जा रहा है? समीक्षा बैठक में हो सख्त फैसला। 
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26 सितम्बर को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में पाकिस्तान के साथ हुए सिंधु जल समझौते की समीक्षा की गई। सब जानते है कि समीक्षा बैठक का उद्देश्य क्या है, लेकिन यह सवाल तो उठता ही है कि जब हमारे जम्मू-कश्मीर प्रांत के किसानों को खेती के लिए जल का अभाव है तो फिर पाकिस्तान को हमारी छह नदियों का पानी क्यों दिया जा रहा है? ऐसा समझौता चीन ने हेग नदी पर कर रखा है लेकिन चीन ने कभी भी समझौते की पालना नहीं की। सारे अन्तर्राष्ट्रीय दबावों को हटाते हुए चीन ने हेग नदी से पानी देना बंद कर रखा है। केन्द्र सरकार को भी चाहिए कि दबावों की परवाह किए बगैर नदियों का पानी पाकिस्तान को देना बंद कर दे। आज पाकिस्तान कश्मीर में जिस तरह आंतकवाद फैला रहा है, उसका जवाब सिंधु जल समझौते का तोड़ कर दिया जा सकता है। ऐसा नहीं हो सकता कि पाकिस्तान से आए आंतकवादी हमारे जवानों का लगातार शहीद करते रहें और हम उन्हीं आतंकवादियों को पालने-पोसने वालों को पानी पिलाते रहे। आज जम्मू कश्मीर में ही नहीं देश के अन्य प्रांतों में बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। सरकार की मंशा जब देश भर की नदियों को आपस में जोडऩे की है तो फिर हमें सिंधु नदी से पाकिस्तान को पानी नहीं देना चाहिए। शायद पूरी दुनियां में भारत देश होगा जो खुद प्यासा रहकर दुश्मन देश को पानी पिला रहा है। जिन पांच नदियों का पानी इस ना-पाक को दे रहे हैं,उनमें व्यास, रावी, सतलज, सिंधु, चेनाब और झेलम है।

(एस.पी. मित्तल)  (26-09-2016)
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तो वीसी सोढानी ने यूनिवर्सिटी को 5 दिनों तक पूर्वोत्तर की संस्कृति से महकाए रखा। अजमेर के इतिहास में दर्ज हो गया ऑक्टेव 2016

#1781
तो वीसी सोढानी ने यूनिवर्सिटी को 5 दिनों तक पूर्वोत्तर की संस्कृति से महकाए रखा। अजमेर के इतिहास में दर्ज हो गया ऑक्टेव 2016
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अजमेर के एमडीएस यूनिवर्सिटी के परिसर में 21 से 25 सितम्बर तक ऑक्टेव 2016 का शानदार आयोजन हुआ और इसमें पूर्वोत्तर के 7 राज्य अरूणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैण्ड, सिक्किम तथा त्रिपुरा के लोक कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश की कला और संस्कृति का बखुबी प्रदर्शन किया। यानि लगातार 5 दिनों तक यूनिवर्सिटी के परिसर को पूर्वोत्तर की संस्कृति से महकाए रखा। अजमेर के नागरिकों के लिए यह अच्छा प्रयास रहा कि इतने बड़े पैमाने पर भारतीय संस्कृति जुड़े कलाकार आए। इसका पूरा श्रेय यूनिवर्सिटी के वीसी कैलाश सोढानी को जाता है। सोढानी ने ही अपने स्तर पर पश्चिम क्षेत्र के सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर से सम्पर्क कर इस भव्य आयोजन को अजमेर में करवाया। यूनिवर्सिटी के कोष से भी कोई 10 लाख रुपए की राशि खर्च की। सब जानते है कि ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों के लिए इधर-उधर से आर्थिक सहयोग लिया जाता है, लेकिन सोढानी ने अकेले अपने दम पर इतना बड़ा आयोजन कर दिखाया। यह सोढानी का सकारात्मक पहलू है कि यूनिवर्सिटी के सभी शिक्षक और स्टॉफ आयोजन को सफल बनाने में लगे रहे। यानि सोढानी ने टीम भावना से कार्य को अंजाम दिया। शहर भर के नागरिकों की रूचि भी समारोह के प्रति बनी रहे, इसके प्रयास भी सफलतापूर्वक किए। अंतिम दिन 25 सितम्बर की शाम को मुझे भी ऑक्टेव का कार्यक्रम देखने का अवसर मिला। वीसी सोढानी ने बतायाकि 100 से भी ज्यादा कलाकारों को ठहराने आदि के इंतजाम भी किए हैं। पूर्वाेत्तर राज्यों के कलाकारों ने ही 2 माह पहले आकर इंतजाम की शुरुआत कर दी। मुख्य द्वार से लेकर स्टेज तक इन्हीं कलाकारों ने बनाए। यूं तो अजमेर में सांस्कृतिक आयोजन होते रहते हैं, लेकिन ऑक्टेव 2016 इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। जब कभी अजमेर का सांस्कृतिक इतिहास लिया जाएगा तब ऑक्टेव 2016 और वीसी सोढानी का उल्लेख होगा। सब जानते हैं कि सोढानी के वीसी बनने के बाद से एमडीएस यूनिवर्सिटी में सक्रियता काफी बड़ी है। शिक्षक सुधार के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। 

(एस.पी. मित्तल)  (26-09-2016)
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Sunday 25 September 2016

#1776
एडीए अध्यक्ष हेड़ा भी कूद पड़े बैनर वार में।
स्मार्ट सिटी की घोषणा का श्रेय लेने की होड़।
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केन्द्र सरकार द्वारा अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा के बाद भाजपा के नेताओं में जो बैनर वार शुरू हुई, उसमें अब अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा भी कूद पड़े हैं। असल में हेड़ा को इस वार में मजबूरी में कूदना पड़ा है। गत एक सप्ताह से चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर जो बैनर लगाए जा रहे थे, उसमें अधिकांश बैनरों में हेड़ा का नाम और फोटा नहीं था, जबकि शहर को स्मार्ट बनाने में नगर निगम की तरह एडीए की भूमिका भी महत्त्वपूर्ण होगी। चार दीवारी से बाहर जो शहर बसा है, उसमें एडीए की आवासीय कॉलोनियां ही है। यानि शहर को एडीए ने विस्तार दिया है। अब जब श्रेय लेने की होड़ मची है तो फिर हेड़ा कैसे पीछे रह सकते हैं। पिछले दिनों शहर के प्रमुख स्थानों पर एडीए ने जो इलेक्ट्रॉनिक एलईडी बोर्ड लगावाए, उन सभी पर 25 सितम्बर से स्मार्ट सिटी की घोषणा की जानकारी प्रदर्शित की जा रही है। हेड़ा ने भी अपने इन बोर्डों पर स्वयं की ओर से भी शहरवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। हेड़ा के बोर्ड पर न तो राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी, श्रीमती अनिता भदेल व निगम के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का फोटो है और न ही अजमेर के भाजपा के किसी पदाधिकारी का। देखा जाए तो हेड़ा ने उन बड़े नेताओं से बदला लिया है, जिन्होंने अपने बैनरों में हेड़ा का फोटो नहीं लगाया। खास बात यह है कि हेड़ा जब तक चाहेंगे, तब तक एलईडी बोर्डों पर स्मार्ट सिटी की जानकारी दी जाती रहेगी, क्योंकि ऐसे बोर्डों पर मालिकाना हक एडीए का है। जबकि अन्य नेताओं ने जो बैनर लगाए वे अस्थाई हैं। ऐसे बैनर हवा से भी फट अथवा उखड़ जाते हैं। 

(एस.पी. मित्तल)  (25-09-2016)
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#1777
फेसबुक पर बनाया है  www.facebook.com/SPMittalblog पेज। 
अब इसी पर पढ़े ब्लॉग। वाट्सएप पर हो रही है परेशानी। 
मेरा हमेशा से यह प्रयास रहता है कि ब्लॉग अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे, लेकिन इन दिनों वाट्सएप की तकनीकी खामियों की वजह से अनेक पाठकों तक ब्लॉग नहीं पहुंच पा रहा है। इसलिए मैंने सोशल मीडिया के एक्सपर्ट राहुल गर्ग (मो.नं.7073490583) से फेस बुक पर पेज बनवाया है। कोई भी पाठक www.facebook.com/SPMittalblog लिंक के जरिए मेरा फेसबुक पेज खोल कर लाइक कर सकता है। चूंकि इस पेज पर लाइक करने वालों की कोई लिमिट नहीं है, इसलिए लाखों पाठक मेरे ब्लॉग को आसानी के साथ पढ़ सकते हैं। पिछले कई दिनों से मुझे शिकायत मिल रही है कि वाट्सएप के जरिए ब्लॉग नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे पाठकों से मेरा विनम्र आग्रह है कि वे फेसबुक पेज को लाइक करें। लाइक करने में यदि कोई तकनीकी जानकारी किसी को चाहिए तो वह सोशल मीडिया के एक्सपर्ट राहुल गर्ग से उनके मो.न. 7073490583 पर सवाल कर सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि पाठक तकनीकी परेशानियों को सुलझाने का प्रयास करें। 
(एस.पी. मित्तल)  (25-09-2016)
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गिरगिट की तरह रंग बदला पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित ने। पाक नहीं चाहता भारत से जंग।

#1774
गिरगिट की तरह रंग बदला पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित ने। 
पाक नहीं चाहता भारत से जंग।
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सब जानते हैं कि भारत में रह रहे पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित कश्मीर के अलगाववादियों के हमदर्द रहे हैं। बासित की वजह से ही नई दिल्ली स्थित पाक दूतावास अलगाववादियों का बसेरा बना हुआ है। मौके बे मौके पर पाक दूतावास में अलगाववादियों की दावत और इस्तकबाल होते रहे हैं। हमारे ही देश में बैठ कर बासित ने देश को तोडऩे वालों का साथ दिया। लेकिन 25 सितम्बर को गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए बासित ने कहा कि पाकिस्तान कभी भी भारत से जंग नहीं चाहता है। इतना ही नहीं बासित ने माना कि पाकिस्तान के बालूचिस्तान में नागरिकों को परेशानी है। बासित के रंग बदलने पर जब मीडिया ने सवाल किया तो बासित ने कहा कि यह सब हालातों पर निर्भर करता है। यानि अब पाकिस्तान भी समझ रहा है कि कश्मीर के अलगाववादियों का समर्थन करने से हालात बिगड़ेंगे। असल में पाक आतंकियों के उरी में हमले के बाद पाकिस्तान को चारों तरफ से जो घेराबंदी हुई है, उसी का परिणाम है कि बासित को रंग बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है। 
पीएम ने दिए संकेत:
25 सितम्बर को रेडियो पर मन की बात और 24 सितम्बर को केरल में पीएम मोदी ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि अब कश्मीर में आतंकियों और अलगाववादियों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। भारतीय सेना और सुरक्षा बलों की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा है कि देश के दुश्मनों को मौत के घाट उतारने का पराक्रम हमारे जवानों के पास है। देश के नागरिकों की रक्षा कैसे हो। इस बात को सीमा पर तैनात हमारे जवान अच्छी तरह समझता है। 
अलगाववादियों के खिलाफ भी हो कार्यवाही:
इसमें कोई दोराय नहीं कि उरी की घटना के बाद पाकिस्तान को घेरने की प्रभावी कार्यवाही की गई है। लेकिन इसके साथ ही कश्मीर के अलगाववादियों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। असल में अलगाववादियों की मदद से ही पाकिस्तान कश्मीर में हमले करवाता है। यदि अलगाववादियों के खिलाफ ही सख्त कार्यवाही हो जाए तो फिर पाकिस्तान भी भाड़े के आतंकियों को कश्मीर में नहीं भेज पाएगा। 

(एस.पी. मित्तल)  (24-09-2016)
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Saturday 24 September 2016

दिनभर बिजली बन्द रहने के बारे में अजमेर डिस्कॉम के एमडी विश्नोई को पता ही नहीं। बहुत आक्रोश है जनता में।

#1772
दिनभर बिजली बन्द रहने के बारे में अजमेर डिस्कॉम के एमडी विश्नोई को पता ही नहीं। बहुत आक्रोश है जनता में।
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24 सितम्बर को अजमेर शहर में अधिकांश इलाकों में 5 से 9 घण्टे बिजली की सप्लाई बन्द रही। इसके लिए बाकायदा अखबारों में सूचना दी गई। विद्युत निगम का कहना है कि भूमिगत केबलों को जोडऩे के लिए बिजली की सप्लाई बन्द की गई है। पिछले एक वर्ष से भूमिगत केबल का काम कैसे हो रहा है, इसकी बात तो बाद करूंगा। पहले अजमेर डिस्कॉम के एमडी एम आर विश्नोई की। सब जानते है कि इन दिनों सूरज की तपन जबरदस्त है। ऐसे में हर आदमी  को कम से कम पंखे की हवा तो चाहिए ही। इस पीड़ा का एहसास करते हुए मैंने एमडी विश्नोई से फोन पर बात की। मुझे तब आश्चर्य हुआ जब विश्नोई ने हय जानना चाहा कि क्या अजमेर शहर में बिजली बन्द है? विश्नोईने बड़ी विनम्रता के साथ कहाकि मैं बिजली बन्द होने का पता करूंगा और जल्द से जल्द शहर भर में बिजली की सप्लाई करवाऊंगा। मेरे यह समझ में नहीं आता कि आखिर भाजपा सरकार का प्रबंधन कैसे चल रहा है? डिस्कॉम का मुख्यालय अजमेर में ही है और शहर में दिन भर बिजली बन्द रहे, इसकी जानकारी एम डी को न हो? असल में भूमिगत केबल का काम ठेकेदार कर रहा है चूंकि ठेकेदार और निगम के इंजीनियरों की मिलीभगत है इसलिए जनता की सुनने वाले कोई नहीं है। ठेकेदार और इंजीनियरों की सांठ-गांठ का ही नतीजा है कि एमडी तक को पता नहीं कि उनके शहर में दिनभर बिजली की कटौती हो रही है। अजमेर शहर के उन इंजीनियरों को शर्म आनी चाहिए, जो एमडी को गुमराह कर दिनभर आम जनता को परेशान कर रहे हैं। जनता में जो आक्रोश है उसका खामियाजा राजस्थान की भाजपा सरकार को उठाना पड़ेगा। मुझे भी यह पता था कि ठेकेदार और इंजीनियरों की सांठ-गांठ को एमडी विश्नोई भी नहीं तोड़ सकते हैं इसलिए  जल्द बिजली सप्लाई देने का विश्नोई का वायदा भी झूठा साबित हुआ। 
एक वर्ष से चल रहा है केबल का काम 
अजमेर शहर में पिछले एक वर्ष से भूमिगत केबल बिछाने का काम चल रहा है। पन्द्रह अगस्त को अजमेर में हुए राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस के समारोह की वजह से 2 माह तक रोजाना बिजली की सप्लाई बन्द की गई। चूंकि 15 अगस्त से पहले काम पूरा नहीं हुआ इसलिए पिछले 10 दिनों से फिर से भूमिगत केबल का काम शुरू कर दिया गया है। यह माना कि किसी काम को करने में समय लगता है लेकिन अजमेर शहर में जिस तरह से ठेकेदार और इंजीनियरों की मिलीभगत से काम हो रहा है, उसकी उच्चस्तरीय जांच होनी ही चाहिए। डिस्कॉम के एमडी विश्नोई भले ही एसी कमरे में बैठे हों, लेकिन बिजली के बिना आम जनता कितनी परेशान है इसका अन्दाजा लगाया जा सकता है। 
सीएमडी ने ली बैठक 
24 सितम्बर को जब अजमेर शहर की जनता बिजली के बिना त्राहि-त्राहि कर रही थी तब प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों के अध्यक्ष और सीएमडी श्रीमत पांडे ने भी अजमेर में बैठक की। इन बैठकों का क्या नतीजा निकलता है, यह जनता अच्छी तरह जानती है। अच्छा होता कि पांडे अजमेर के नागरिकों के दर्द का एहसास करते और भ्रष्ट इंजीनियरों को हिदायत देते। जिस तरह एमडी विश्नोई को बिजली बंद का पता नहीं चला उसी प्रकार सीएमडी पांडे भी अनभिज्ञ रहे होंगे। 
(एस.पी. मित्तल)  (24-09-2016)
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ख्वाजा साहब की दरगाह के मुख्य द्वार से जायरीन का प्रवेश रोका। खादिम पुलिस आमने-सामने। हालात नाजुक बने

#1771
ख्वाजा साहब की दरगाह के मुख्य द्वार से जायरीन का प्रवेश रोका। 
खादिम पुलिस आमने-सामने। हालात नाजुक बने
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23 सितम्बर को पुलिस के साथ जो विवाद हुआ उसके विरोध में 24 सितम्बर को अजमेर स्थित विश्व विख्यात ख्वाजा  साहब की दरगाह के मुख्य द्वार (निजाम गेट) से जायरीन का प्रवेश बंद कर दिया गया। बड़ी संख्या में दरगाह के खादिम मुख्य द्वार के बाहर जमीन और सीढिय़ों पर धरना देकर बैठ गए। किसी भी जायरीन को इस द्वार से प्रवेश नहीं दिया गया। ऐसे में बाहर से आने वाले सैकड़ों जायरीन दरगाह के वैकल्पिक गेट लंगर खाना, सिरकी गेट, बाबूल शरीफ, झालरा आदि से जियारत के लिए प्रवेश पा सके। 24 सितम्बर को दिन भर जिस तरीके से सैकड़ों खादिमों दरगाह के बाहर धरना प्रदर्शन किया, उससे दरगाह क्षेत्र के हालात नाजुक रहे। दरगाह में छोटी सी भी वारदात होने पर हालात बिगड़ जाते हैं। ऐसे में दरगाह के बाहर धरना प्रदर्शन होने से जिला और पुलिस प्रशासन के हाथ-पैर भी फूले रहे। खादिम समुदाय की मांग है कि उनके एक सदस्य नसीम के खिलाफ पुलिस ने जो कार्यवाही की है, उसे रद्द किया जाए। साथ ही उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए, जिन्होंने दरगाह के पुलिस स्टेशन पर नसीम के साथ अभद्र व्यवहार किया। इसके विपरीत पुलिस का कहना है कि 23 सितम्बर को जब महिला कास्टेबल विमला अपनी साथी कांस्टेबल के साथ दरगाह के अंदर ड्यूटी दे रही थी, तब खादिम नसीम ने मारपीट की। पुलिस ने महिला कांस्टेबल की लिखित शिकायत पर खादिम के खिलाफ कार्यवाही की है।
आश्वासन के बाद खत्म किया धरना:
खादिमों की संस्था अंजुमन सैय्यद जादगन के अध्यक्ष मोईन सरकार को पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा उचित कार्यवाही का आश्वासन दिए जाने के बाद शाम को खादिमों ने अपना धरना समाप्त कर दिया। भले ही शाम को धरना समाप्त हो गया, लेकिन इससे दिन भर दरगाह क्षेत्र के हालात नाजुक बने रहे। अनेक खादिम अभी भी पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हुए हैं। नाराज खादिमों का कहना है कि जब आश्वासन से ही धरना समाप्त कर दिया गया तो फिर धरना देना ही नहीं चाहिए था। ऐसा आश्वासन तो पुलिस के अधिकारी सुबह से ही दे रहे थे। 
खादिम को जेल भेजा:
शाम को आरोपी खादिम नसीम को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया। न्यायाधीश ने आरोपी को जेल भेजने के आदेश दिए। 

(एस.पी. मित्तल)  (24-09-2016)
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Friday 23 September 2016

पाक कलाकारों से कमाने का लालच न रखें हमारे निर्देशक और निर्माता। चैनल वाले भी बहस में न बैठाएं पाकिस्तानियों को।

#1769
पाक कलाकारों से कमाने का लालच न रखें हमारे निर्देशक और निर्माता। चैनल वाले भी बहस में न बैठाएं पाकिस्तानियों को।
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23 सितम्बर को महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (एमएनएस) ने धमकी दी है कि अगले 48 घंटे में मुम्बई में पाक कलाकारों ने भारत नहीं छोड़ा तो घरों में घुसकर पिटाई करेंगे। यह भी कहा है कि मुम्बई फिल्म उद्योग के निर्देशक और निर्माता पाकिस्तानी कलाकारों को काम दे रहे हैं, उनकी भी पिटाई की जाएगी। हालांकि मैं एमएनएस की इस धमकी से सहमत नहीं हंू, लेकिन मेरा इतना कहना है कि जो निर्देशक और निर्माता पाकिस्तानी कलाकारों से कमाने का लालच रख रहे हैं, उन्हें अब ऐसा लालच छोड़ देना चाहिए। हमारे निर्देशक और निर्माता यह अच्छी तरह समझ लें कि मुम्बई में पाक कलाकार जिस सुकून के साथ काम कर रहे हैं, उसके पीछे सीमा पर तैनात जवान हैं। यदि हमारे जवान अपने सीने पर गोली न खाएं तो फिर मुम्बई में भी पाक कलाकार शूटिंग का कोई काम नहीं कर सकते हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि पाकिस्तान से आए आतंकवादी हमारे 18-18 जवानों को शहीद कर दें और मुम्बई के कुछ लालची स्वार्थी, धंधेबाज निर्देशक निर्माता पाकिस्तान से ही आए कलाकारों को लाखों करोड़ों रुपए का भुगतान करें। कश्मीर में उरी की घटना के बाद देशभर में पाकिस्तान और आतंकवादियों के खिलाफ जो गुस्सा है, उसे देखेते हुए फिल्म उद्योग को पाकिस्तान के कलाकारों को काम नहीं देना चाहिए। कुछ लोग बेतुके तर्क देते हैं कि इससे कला और साहित्य का आदान-प्रदान होता है। मैं ऐसे तर्क देने वालों से यह पूछना चाहता हंू कि भारत में कितने कलाकार और साहित्यकार पाकिस्तान में जाकर काम करते हैं? एक तरफ जब केन्द्र सरकार कई मोर्चों पर पाकिस्तान को सबक सीखाने का काम कर रही है तो फिर फिल्म जगत को भी सहयोग करना चाहिए। शर्मनाक बात तो यह है कि मुम्बई में रहकर जो पाक कलाकार लाखों करोड़ों रुपए काम रहे हैं उन्होंने अभी तक भी उरी की घटना की निंदा नहीं की है। सवाल उठता है कि क्या ऐसे कलाकारों से हमदर्दी दिखाना उचित है?
चैनल वाले भी बंद करे:
देश के ताजा हालातों में न्यूज चैनल वालों से भी में यह कहना चाहता हंू कि बहस के दौरान  पाकिस्तान के किसी भी राजनेता अथवा रिटायर्ड फौजी अफसार को न बैठाएं। सब देखते हैं कि लाहौर या इस्लामाबाद में बैठा पाकिस्तानी भारत के खिलाफ जहर ही उगलता है। बेशर्मी तब होती है, जब हमारे सैनिकों की शाहदत पर भी पाकिस्तानी हंसते हैं। समझ में नहीं आता ऐसे पाकिस्तानियों को हमारे देश में जहर उगलने का मौका क्यों दिया जाता है। 

(एस.पी. मित्तल)  (23-09-2016)
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स्मार्ट सिटी की घोषणा का श्रेय लेने में भी अजमेर भाजपा की फूट उजागर। देवनानी के इलाके में लगे बैनरों में भदेल का नाम व फोटो गायब।

#1770
स्मार्ट सिटी की घोषणा का श्रेय लेने में भी अजमेर भाजपा की फूट उजागर।
देवनानी के इलाके में लगे बैनरों में भदेल का नाम व फोटो गायब। 
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किसी भी राजनीतिक दल को अपनी सरकार के अच्छे निर्णय और विकास कार्यों का श्रेय लेने का पूरा हक है। भाजपा की केन्द्र सरकार ने जब अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की तो अजमेर के भाजपा नेताओं को इसका श्रेय लेने का पूरा अधिकार है। लेकिन यदि श्रेय लेने में भी भाजपा की फूट उजागर हो तो सवाल उठेंगे ही। जिस अजमेर शहर को स्मार्ट बनाने की घोषणा हुई है, वह दो विधानसभा क्षेत्रों में विभाजित है। एक क्षेत्र का नेतृत्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी करते हैं तो दूसरे क्षेत्र का महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल। स्मार्ट सिटी का श्रेय लेने का जितना अधिकार देवनानी का है, उतना ही भदेल का भी। लेकिन इसे अजमेर भाजपा की राजनीति का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि श्रेय लेने में भी उत्तर-दक्षिण विधानसभा में बंटा हुआ है। देवनानी के उत्तर क्षेत्र में बड़ी संख्या में चौराहों और सार्वजनिक स्थलों जो बैनर लगाए गए हैं, उनमें भदेल का नाम और फोटो गायब है। यानि देवनानी के इलाके वाले भाजपाई स्मार्ट सिटी का श्रेय अपनी ही पार्टी के मंत्री भदेल को नहीं देना चाहते। देवनानी के समर्थकों ने बैनरों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  और केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैय्या नायडू तक का फोटो लगाया है, लेकिन भदेल के फोटो और नाम से परहेज किया है। देवनानी कह सकते हैं कि ऐसे बैनर मैंने नहीं लगवाए। बैनर तो कार्यकर्ताओं ने लगाए हैं। लेकिन सब जानते हैं कि उत्तर और दक्षिण में विभाजित अजमेर भाजपा में उत्तर क्षेत्र में वो ही होता है जो देवनानी चाहते हैं। किसी मंत्री का बैनर में फोटो नहीं होने पर कितना बुरा लगता है, इसका अहसास भी देवनानी को ही सबसे ज्यादा है। दो दिन पहले नगर निगम प्रशासन ने जब स्मार्ट सिटी की घोषणा के बैनर लगाए, उसमें देवनानी का फोटो नहीं था। इस पर देवनानी ने निगम के आयुक्त प्रियवृत्त पांड्या के समक्ष नाराजगी जाहिर की। इस नाराजगी के बाद रातों रात पुराने बैनरों को उतरवाया गया और देवनानी के फोटो वाले बैनर दोबारा से लगवाऐ गए। ये बात अलग है कि इस बार निगम ने देवनानी के साथ-साथ भदेल का भी फोटो लगाया है। 

(एस.पी. मित्तल)  (23-09-2016)
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Friday 16 September 2016

प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद उदयलाल आंजना के ठिकानों पर आयकर के छापे। चेतक सीमेंट में भी है साझेदारी।

#1768
प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद उदयलाल आंजना के ठिकानों पर आयकर के छापे। चेतक सीमेंट में भी है साझेदारी।
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राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष उदयलाल आंजना के 18 ठिकानों पर 16 सितम्बर को आयकर विभाग ने छापामार कार्यवाही की है। आंजना दो बार लोकसभा के सांसद रह चुके हैं। आंजना का उदयपुर क्षेत्र में जबरदस्त रूतबा है। आंजना की कंपनियां बड़े पैमाने पर सड़क निर्माण का काम करती है। आंजना की चेतक सीमेंट में भी साझेदारी है। आयकर विभाग के संयुक्त आयुक्त एम रघुवीर ने बताया कि आंजना के उदयपुर, निम्बाहेड़ा, छोटी सादड़ी, नीमच, देवधर सहित 18 स्थानों पर छापामार कार्यवाही की गई है। छापे के दौरान आंजना स्वयं निम्बाहेड़ा वाले स्थान पर उपस्थित थे। छापे की कार्यवाही 17 सितम्बर को भी जारी रहेेगी। आंजना के पास से करोड़ों रुपए की अघोषित आय उजागर होने की उम्मीद है। आंजना की कंपनियां करीब नो सौ करोड़ का कारोबार करती हैं। जांच के दौरान अधिकारियों को ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनसे अघोषित आय का पता चलेगा। संयुक्त आयुक्त रघुबीर ने एक बार फिर काली कमाई करने वालों को चेताया है। उन्होंने कहा कि 30 सितम्बर तक जो भी व्यक्ति आय घोषित करेगा, उससे स्त्रोत के बारे में जानकारी नहीं ली जाएगी। केन्द्र सरकार की इस नीति का धनाढ़्य लोगों को इसका लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा जो भी व्यक्ति काली कमाई कर रहा है, उस पर आयकर विभाग की नजर है। इन दिनों जो छापामार कार्यवाही हो रही है, उसमें 30 सितम्बर वाली स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि छापामार कार्यवाही उन्हीं पर होती है, जो आयकर की चोरी करते हैं। इसीलिये अघोषित आय पर जुर्माना भी वसूला जाता है। उन्होंने कहा कि 30 सितम्बर के बाद सरकार के नियमों के अंतर्गत और अधिक छापामार कार्यवाही की जाएगी। 
(एस.पी. मित्तल)  (16-09-2016)
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18 सितम्बर को कुमार सानू की आवाज पर झूमेंगे किशनगढ़वासी

#1766
18 सितम्बर को कुमार सानू की आवाज पर झूमेंगे किशनगढ़वासी 
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आगामी 18 सितम्बर को अजमेर के किशनगढ़ शहर में रूपालो रावलो के पास स्थित ग्रीन वैली यूबी में सुप्रसिद्व गायक कुमार शानू अपनी आवाज का जादू बिखेरेंगे। संगीत का यह कार्यक्रम सायं 6:30 से शुरू होगा। म्युजिक लवर्स के अध्यक्ष आशीष अग्रवाल व प्रोजेक्ट चेयरमैन संजीव धमीजा ने बताया कि कुमार शानू के कार्यक्रम के लिए भव्य स्टेज का निर्माण किया जा रहा है। साउंड के एक लाख वॉट के साथ संगीतकारों की टीम किशनगढ़वासियों को झूमने को मजबूर कर देगी। कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी विकास छाबड़ा ने बताया कि वर्ष 2014 में संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की जोड़ी से प्यारेलाल व 15 में कल्याणजी आनंदजी की जोड़ी से आंनदजी के कार्यक्रम हो चुके हैं।

छोटे उद्यमियों के बिजनेस बूस्ट के लिए खास है फेसबुक।

#1767
छोटे उद्यमियों के बिजनेस बूस्ट के लिए खास है फेसबुक।
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16 सितम्बर को मेरी मुलाकात फेसबुक के साऊथ एशिया और इंडिया में इकोनोमिक ग्रोथ के हैड रितेश मेहता से हुई। रितेश मेहरा राजस्थान सरकार के सहयोग से प्रदेश भर में फेसबुक पर बिजनेस प्रमोट के बारे में जानकारी दे रहे हैं। मेहता ने बताया कि विज्ञापन की तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव हो रहा है और आज इसमें सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका हो गई है। युवाओं के पास स्मार्ट फोन एक ऐसा हथियार है, जो पूरी दुनिया को मुठ्ठी में रखता है। सोशल मीडिया में फेसबुक का खास स्थान है। उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों को अपने व्यवसाय का फेसबुक पर पेज बनाना चाहिए। मुफ्त में बनने वाले इस पेज पर अपने व्यापार की सभी जानकारी फोटो सहित पोस्ट की जा सकती है। फेसबुक के माध्यम से बहुत आसानी से उपभोक्ता तक जानकारी पहुंचाई जा सकती है। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि अजमेर में रेडिमेड, फेब्रिक कपड़ों के साथ-साथ फर्निशिंग के काम के लिए प्रसिद्ध चन्दीराम एण्ड संस ने फेसबुक पर अपना पेज बनाया है। आज इस पेज को हजारों उपभोक्ता सीधे तौर पर देख रहे हैं। पेज बनाने का कार्य सोशल मीडिया कंसल्टेंट के राहुल गर्ग ने किया हंै। अजमेर में जिस तरह से राहुल गर्ग और चन्दीराम एण्ड संस ने फेसबुक का उपयोग किया है, वह सराहनीय है। चन्दीराम एण्ड संस के प्रतिनिधि भी मानते हैं कि फेसबुक पेज के बाद व्यापार में वृद्धि हुई है, इसके लिए सोशल मीडिया की तकनीक की जानकारी होना आवश्यक है। 
अजमेर में सोशल मीडिया के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक जानकारी पहुंचाने में सक्रिय राहुल गर्ग ने माना कि अब तक जितने भी मध्यम श्रेणी संस्थानों के फेसबुक के पेज बनाए है, उन सभी को फायदा हुआ है। गर्ग ने कहा कि अब जमाना तेजी से बदल रहा है, ऐसे में विज्ञापन की प्रकृति भी बदल रही है। उन्होंने कहा फेसबुक पर पेज बनाना तो आसान है, लेकिन पेज बनने के बाद ज्यादा से ज्यादा लोग देखें यह तकनीक पर निर्भर करता है। इसके लिए फेसबुक वाले भी शुल्क वसुलते हैं, लेकिन यह शुल्क बहुत मामूली होता है। अजमेर के मध्यम श्रेणी के उद्यमियों में सोशल मीडिया के प्रति क्रेज बढ़ता जा रहा है। फेसबुक पर पेज बनने और बाद में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में उनके संस्थान की सकारात्मक भूमिका होती है। जो लोग भी सोशल मीडिया के माध्यम से अपने बिजनेस में वृद्वि करना चाहते हैं, वे मोबाइल नंबर 7073490583 पर सम्पर्क कर सकते हैं। 
कलेक्टर ने कहा फायदा उठाएं 
16 सितम्बर को होटल मेरवाड़ा स्टेट में हुई एक सेमीनार में कलेक्टर गौरव गोयल ने कहा कि छोटे उद्यमियों को सोशल मीडिया की तकनीक का फायदा उठाना चाहिए। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी चाहती है कि छोटे व्यापारी अपनी दुकान, शोरूम आदि का विज्ञापन सोशल मीडिया पर ही करें, इसीलिए राज्य सरकार ने फेसबुक के साथ अनुबंध किया है। इसके अतिरिक्त फेसबुक से जुड़े विशेषज्ञ पेज बनाने की जानकारी भी दे रहे हैं। सेमीनार में ही कई व्यापारियों ने अपनी संस्था का फेसबुक पेज बनवाया।

(एस.पी. मित्तल)  (16-09-2016)
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Thursday 15 September 2016

#1764
अजमेर में साफ-सुथरी छवि और समाज सेवा करने वालों पर हुआ आयकर का सर्वें। राधे चोयल तो बाबा रामदेव का आटा तैयार करते हैं। 
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अजमेर के तीन धनाढय़ परिवारों पर आयकर विभाग ने 14 सितम्बर को सर्वें का जो काम शुरू किया। वह 15 सितम्बर को भी जारी रहा। आयकर विभाग इन परिवारों की काली कमाई का पता लगाने कि भरपूर कोशिश कर रहा है। लेकिन अजमेर में इन तीनों ही परिवार की छवि न केवल साफ-सुथरी है बल्कि समाज सेवा में भी इन परिवारों का योगदान है। ये तीनों परिवार है - श्री विश्वकर्मा ऐमरी स्टोन के मालिक राधे चोयल व गोपाल चोयल, रेलवे में बड़े-बड़े कार्य करने वाले ठेकेदार अजय जैन व विजय जैन तथा शहर के अधिकांश बड़े समारोह स्थलों का संचालन करने वाले अनुप गुप्ता व विजय गुप्ता। सबसे पहले बात चोयल बंधुओं की। चोयल बंधु देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में आटा पीसने की चक्की के निर्माण में पहले स्थान पर हैं। विश्वकर्मा ऐमरी स्टोन के मार्क वाली आटा चक्की नाम से बिकती है। चोयल बंधुओं की सफलता को देखते हुए ही योग गुरु बाबा रामदेव ने अपने ब्रांड का आटा तैयार करने का काम भी चोयल बंधु को दे रखा है। बाबा रामदेव के लिए चोयल बंधुओं ने अजमेर के निकट अर्जुनपुरा में बड़ा प्लांट लगाया है। बताया जाता है कि इस प्लांट पर 40 टन आटा प्रतिदिन तैयार होता है। यही पर ही पैकिंग का काम भी होता है। अभी हाल ही में एमडीएस यूनिवर्सिटी में एक सेमीनार आयोजित की गई, जिसमें राधे चोयल ने युवाओं को बताया, किस प्रकार से सफलता प्राप्त की जाती है। अजमेर में होने वाले सामाजिक और धार्मिक आयोजन मे चोयल बंधुओं की भूमिका बनी रहती है। उद्योग के क्षेत्र में चोयल परिवार को अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं। चोयल बंधु अपनी आय-व्यय का ब्यौरा भी पारदर्शिता के साथ रखते हैं। यही वजह है कि सर्वें के दौरान आयकर अधिकारियों ने योग गुरु बाबा रामदेव ट्रस्ट से जुड़े दस्तावेजों को भी खंगाला है। हो सकता है इससे बाबा के ट्रस्ट की भी जांच हो। 
जैन समाज में अजय जैन और विजय जैन दोनों भाईयों का बहुत मान-सम्मान है। अजमेर के निकट नारेली में बने नारेली तीर्थ के निर्माण में जैन बंधुओं की मजबूत भूमिका रही। अभी नाका मदार में जो जैन प्रतिमाएं तैयार हो रही हैं, उनमें भी इस परिवार का जबरदस्त सहयोग है। महावीर सर्किल के निकट पाश्र्वनाथ कॉलोनी में जैन संत विद्यासागर महाराज के तपोवन की भूमि भी इसी परिवार ने खरीदी है। इतना ही नहीं, सिविल लाईन स्थित अपने निवास पर भव्य जैन मंदिर बनवाया है। माना जाता है कि जैन कंस्ट्रक्शन कंपनी अपना काम बहुत पारदर्शिता के साथ करती है। कई बार पारदर्शिता और नियमों की वजह से जैन बंधुओं का रेलवे के इंजीनियरों और अधिकारियों से विवाद भी हो जाता है। जैन समाज के अलावा भी दूसरे सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में जैन बंधुओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 
अजमेर का शायद ही कोई परिवार होगा जो अनुप गुप्ता और विजय गुप्ता को नहीं जानता है। इसके साथ ही अजमेर में नियुक्त होने वाले सभी विभागों के अधिकारी अच्छी तरह जानते हैं। अभी डेढ़ माह पहले ही आयकर विभाग के बड़े अधिकारी ने गुप्ता बंधुओं के समारोह स्थल विजयलक्ष्मी पार्क में विवाह किया है। शहर के अधिकांश प्रमुख समारोह स्थल गुप्ता बंधुओं के द्वारा संचालित होते हैं। इसी वर्ष गुप्ता बंधुओं ने फॉयसागर रोड पर ग्रेंड जिनिया नाम की बहुमंजिला होटल बनाई है। यह होटल और समारोह स्थल अजमेर में सबसे बड़ा है। नगर निगम के लाईट के सभी काम गुप्ता बंधुओं के द्वारा किए जाते हैं। गुप्ता बंधुओं की साफ-सुथरी छवि को देखते हुए ही स्थानीय निकाय के प्रमुख शासन सचिव मंजीत सिंह ने केंद्र सरकार की हृदय योजना का 8 करोड़ रुपए का कार्य इसी परिवार को नियमों के अन्तर्गत दिया है। गुप्ता बंधुओं का यह प्रयास होता है कि कारोबार के कार्य पारदर्शिता के साथ किए जाए। चोयल और जैन परिवारों की तरह ही गुप्ता परिवार भी धार्मिक और सामाजिक कार्यों में आगे रहते हैं। 
आयकर विभाग ने तीनों परिवारों पर सर्वें की जो कार्यवाही की है, उसे चौंकाने वाला माना जा रहा है। जानकारों की माने तो ताजा सर्वें के पीछे ए क्लास ठेकेदार एच एस मेहता के ठिकानों पर पिछले दिनों हुई कार्यवाही माना जा रहा है। मेहता के पास से जो कागजात बरामद हुए,उसमें इन तीनों परिवारों से होने वाले लेन-देन का पता चला है। सर्वें की ताजा कार्यवाही से अजमेर में खलबली मच गई है क्योंकि ऐसे अनेक धनाढ्य परिवार हैं जो पारदर्शिता के साथ कारोबार नहीं करते है। जब इतनी पारदर्शिता दिखाने वाले परिवारों पर सर्वें की कार्यवाही हुई है तो दूसरे परिवारों का क्या हाल होगा? हो सकता है कि इन तीनों परिवारों से मिले दस्तावेज के बाद सर्वें का दायरा अजमेर में और बढ़ जाए। हो सकता है सर्वें के दायरे में रेलवे के इंजीनियर और राजस्थान सरकार के बड़े अधिकारी भी आ जाएं। इन तीनों ही परिवार के संबंध राजनेताओं से बहुत अच्छे हैं। 


(एस.पी. मित्तल)  (15-09-2016)
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#1762
फेसबुक, ब्लॉग और वेबसाइट पर भी पढ़े ब्लॉग। वाट्सएप में खड़ी हो रही है तकनीकी परेशानी।
आज 15 सितम्बर है। पिछले कई दिनों से वाट्सएप से तकनीकी परेशानियां हो रही है। इसकी वजह से मेरे ब्लॉग पाठकों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसीलिए मैं पाठकों से विनम्र आग्रह करना चाहता हूं कि वाट्सएप के साथ-साथ मेरे ब्लॉग को फेसबुक www.facebook.com, ब्लॉग spmittal.blogspot.in व वेबसाइट www.spmittal.in पर भी पढ़ें। चूंकि फेसबुक पर 5 हजार मित्र हो चुके हैं। इसीलिए मेरे फेसबुक एकाउंट को ही देखना पड़ेगा। इसमें कोई दोराय नहीं कि अजमेर जिले और राजस्थान भर के साथ-साथ देशभर के वाट्सएप समूह से मैं जुड़ा हूं। एक हजार से भी ज्यादा वाट्सएप समूह हैं। मेरे ब्लॉग पर भी करीब एक लाख पाठक बने हुए हैं। इसके अतिरिक्त वेबसाइट और ट्यूटर के माध्यम से भी ब्लॉग को पढ़ा जा रहा है। ये माना कि वाट्सएप ने मेरे ब्लॉग को लाखों लोगों तक पहुंचाया है, लेकिन अब वाट्सएप की अपनी तकनीक है। इसलिए मुझे भी परेशानी हो रही है। वाट्सएप ने जो नई व्यवस्था लागू की है, उसके मुताबिक मेरा ब्लॉग वो ही पाठक पढ़ सकेगा, जिसके मोबाइल में मेरा मोबाइल नंबर 9829071511 सेव होगा। मैंने वाट्सएप की नई लिस्ट बनाई है, हो सकता है कि इसमें अनेक पाठकों का नंबर लिस्टेड होने से रह गया हो। ऐसे पाठक मुझे फोन पर सूचित करवाने या फिर एसएमएस के जरिए अपना नाम और मोबाइल नंबर भिजवाए। मुझे उम्मीद है कि वाट्सएप की तकनीक से होने वाली परेशानी को ध्यान में रखते हुए लाखों पाठक मुझे सहयोग करेंगे। मैं भरपूर कोशिश करता हूं कि पाठकों तक मेरे ब्लॉग रोजाना पहुंचे। मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान यही है कि आज सोशल मीडिया पर लाखों लोग मेरे लिखे को पढ़ रहे हैं। मेरे लिखने से कुछ लोगों को नाराजगी भी होती है। ऐसी नाराजगी फेसबुक पर दर्ज की जाती है। मैं पूरे सम्मान के साथ नाराजगी को भी प्रदर्शित करता हूं। यह सही है कि मैं ब्लॉग पर आने वाली प्रतिक्रियाओं का जवाब नहीं देता। इसका मतलब यह नहीं है कि मेरा ब्लॉग गलत है। ब्लॉग पर लिखे एक-एक शब्द पर मैं कायम रहता हूं। कई बार नाराज और उत्तेजित लोग जबरन जवाब चाहते हैं, मैं ऐसे सभी पाठकों से कहना चाहता हूं कि जब वक्त आएगा तो अपने आप जवाब भी दूंगा। जब किसी सामाजिक संस्था, प्रभावशाली व्यक्ति, राजनेता आदि के चेहरे की पोल खुलती है तो उसका नाराज होना स्वाभाविक है। मैं हर किसी व्यक्ति के विचारों का स्वागत करता हूं, लेकिन कई बार यह देखने में आया है कि नाराज व्यक्ति ब्लॉग का अर्थ समझे बिना आरोप-प्रत्यारोप करते हैं। 

(एस.पी. मित्तल)  (15-09-2016)
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#1763
ब्लास्टिंग से बर्बाद हो रहा है, अजमेर का कायड़ ग्राम।
दो सौ बीघा भूमि पर रात और दिन खनन।


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अजमेर का निकटवर्ती ग्राम कायड़ लगातार हो रही ब्लास्टिंग से बर्बाद हो रहा है। इस गांव की दो सौ बीघा भूमि पर रात और दिन हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड (वेदान्ता ग्रुप) के द्वारा खनन हो रहा है। जमीन के अंदर से जस्ता, आयरन, सिल्वर आदि धातु निकालने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। गंभीर बात तो यह है कि जिस क्षेत्र में खनन हो रहा है, उसके पास ही रिहायशी इलाका है। यही वजह है कि जब ब्लास्टिंग होती है तो मकानों में दरार आ जाती है। वेदान्ता ग्रुप ने जब खनन कार्य शुरू किया था तब ग्रामीणों को भरोसा दिलाया था कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा और गांव के विकास कार्य भी होंगे। लेकिन अब बाहर से श्रमिकों को बुलाया जाता है और गांव में किसी भी प्रकार का विकास कार्य भी नहीं करवाया जा रहा है। हालत इतने खराब है कि गांव में नालियां भी नहीं है, जिससे गन्दा पानी कच्ची सड़क पर ही बहता है। गांव वालों ने इस संबंध में ग्रुप के अधिकारियों से कई बार आग्रह किया लेकिन आज तक भी कोई राहत नहीं मिल पाई है। गांव वालों ने अब एक समिति बनाकर संभागीय आयुक्त को ज्ञापन दिया है। इस ज्ञापन में ग्रामीणों ने मांग की है कि वायदे के मुताबिक खनन कार्य में गांव के ही युवाओं को रोजगार दिलवाया जाए तथा ब्लास्टिंग के तेज को कम किया जाए। ज्ञापन में कहा गया है कि वेदान्ता ग्रुप की हरकतों से ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। गांव वालों को बेवजह झूठे आरोपों में पाबंद करवाया जाता है। गांव वालों से सस्ती दरों पर भूमि ली जा रही है। 


(एस.पी. मित्तल)  (15-09-2016)
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Wednesday 14 September 2016

आखिर राहुल गांधी क्यों लूटवा रहे हैं कांग्रेस की खाट। सभा समाप्ति के बाद मिर्जापुर में भी लूटी गई खाटें। ---------------------------------------

#1760
आखिर राहुल गांधी क्यों लूटवा रहे हैं कांग्रेस की खाट।
सभा समाप्ति के बाद मिर्जापुर में भी लूटी गई खाटें। 
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14 सितम्बर को कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में एक चुनावी सभा की। पहले की सभाओं की तरह मिर्जापुर में भी 2000 खाटें मंगवाई गई थी। राहुल का भाषण समाप्त होते ही लोग खाटों की लूट खसोट में लग गए। छीना झपटी में अनेक खाटे लूट भी गई। इससे पहले देवरिया और गौरखपुर की सभाओं में भी इसी तरह खाट लूटी गई। सवाल उठता है कि आखिर राहुल गांधी कांग्रेस की खाटें क्यों लूटवा रहे हैं? महत्त्वपूर्ण बात है कि जब ग्रामीण खाटों को ले जाते हैं, तब कांग्रेस का कोई भी कार्यकर्ता रोकता नहीं र्है। यानि राहुल गांधी स्वयं ही खाटों को ले जाने की छूट दे रहे हैं। सब जानते हैं कि इस बार यूपी चुनाव में कांग्रेस की ओर से प्रचार प्रसार का ठेका प्रशांत किशोर ने ले रखा है। ये वही प्रशांत किशोर हैं, जिन्होंने बिहार के चुनाव में नितीश कुमार का जिम्मा लिया था। शायद प्रशांत किशोर को पता है कि राहुलगांधी को आकर्षित करने के लिए खाटों को ले जाने की छूट दी जा रही है। यानि यह चुनावी राजनीति का हिस्सा है। इसमें कोई दोराय नहीं कि खाटों की वजह से राहुल की सभाओं में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। राहुल गांधी जहां भी सभा करते हैं, वहां एक दिन पहले ही 2000 से भी ज्यादा खाटें आ जाती हैं। 
(एस.पी. मित्तल)  (14-09-2016)
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तो क्या यूपी में मुलायम का कुनबा हार रहा है? सरकार और परिवार का झगड़ा सड़क पर।

#1761
तो क्या यूपी में मुलायम का कुनबा हार रहा है?
सरकार और परिवार का झगड़ा सड़क पर।
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देश के सबसे बड़े प्रदेश यूपी में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में इन दिनों जोरदार घमासान हो रहा है। यूपी में अगले वर्ष के शुरू में ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। पिछले साढ़े चार वर्ष में मुलायम सिंह यादव का कुनबा एकजुट था। कुनबे में शामिल सभी ने सत्ता की मलाई जमकर खाई। मुलायम ने जब अपने बेटे अखिलेश को सीएम बनाया तब भी कोई विरोध नहीं हुआ। सभी को पता था कि अखिलेश के सीएम बनने से सत्ता की मलाई ज्यादा अच्छी तरह खाई जा सकती है। मुलायम सिंह के सभी रिश्तेदार बड़े आराम से सत्ता की मलाई खाते रहें, लेकिन अब जब चुनाव का सामना करना पड़ रहा है तो मुलायम के कुनबे में बिखराव हो रहा है। मुलायम के छोटे भाई और यूपी के ताकतवर मंत्री शिवपाल यादव को जिस तरह से सपा का अध्यक्ष बनाया गया, उससे कुनबे की फूट चौराहे पर आ गई। अखिलेश ने भी अपने चाचा से पीडब्ल्यूडी जैसे महत्वपूर्ण विभाग छिन लिए। असल में मुलायम के कुनबे को आगामी चुनाव में हार नजर आ रही है, इसलिए कुनबे के सदस्य आपस में ही उलझ रहे हैं। यानि जब तक सत्ता की मलाई खाई जा रही थी तब तक कुनबा एकजुट था और अब चुनाव में हार की स्थिति को देखते हुए कुनबा बिखर रहा है। हालांकि मुलायम सिंह भरसक प्रयास कर रहे हैं कि कुनबे में बिखराव न हो लेकिन संभावित हार का ठीकरा कोई भी सदस्य अपने ऊपर नहीं लेना चाहता। गत लोकसभा चुनाव में 80 में से 72 सीटें भाजपा और उसके सहयोग दलों ने जीती थी। यही वजह है कि यूपी की वर्तमान परिस्थितियों में मुकाबला करने में मुलायम केे कुनबे को भारी परेशानी हो रही है। यह बात अलग है कि यूपी की जनता का पैसा खर्च कर अखिलेश यादव विज्ञापनों में अपनी छवि निखार रहे हैं। टीवी चैनलों पर बड़े-बड़े विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। इन विज्ञापनों में सीएम अखिलेश यादव का ही गुणगान हो रहा है। 
(एस.पी. मित्तल)  (14-09-2016)
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Tuesday 13 September 2016

शहीद के अधजले शव को चिता से निकाला। टुकड़े-टुकड़े कर दोबारा लकड़ी लगाकर जलाया। मंत्री और अफसर बीच में छोड़ गए अंतिम संस्कार को। बर्खास्त होना चाहिए सिरोही का प्रशासन।

#1759
शहीद के अधजले शव को चिता से निकाला। टुकड़े-टुकड़े कर दोबारा लकड़ी लगाकर जलाया। मंत्री और अफसर बीच में छोड़ गए अंतिम संस्कार को। बर्खास्त होना चाहिए सिरोही का प्रशासन। 
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13 सितम्बर को सिरोही में शहीद रमेश चौधरी का अंतिम संस्कार बड़ी मुश्किल से हो पाया। शुरुआत के मौके पर मंत्री ओटाराम देवासी, सांसद देवजी पटेल, कलेक्टर, एसपी, एसडीओ आदि तमाम अधिकारी मौजूद थे। शहीद के शव के साथ फोटो खिंचवाने में कोई भी पीछे नहीं रहा, लेकिन इसे शर्मनाक ही कहा जाएगा कि फोटो खिंचवाने वाले मंत्री और अधिकारी अंतिम संस्कार को बीच में ही छोड़कर चले गए। किसी ने भी इस बात की चिंता नहीं की, कि शहीद का शव पूरी तरह जला है या नहीं। श्मशान से प्रमुख लोगों के चले जाने के बाद जब कुछ ग्रामीणों ने देखा कि शव पूरी तरह जला नहीं है और चिता की लकडिय़ां भी जल चुकी है। इस स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों ने अधजले शव को बाहर निकाला और उसके टुकड़े-टुकड़े कर वापस नई लकडिय़ों पर जमाया। इसके बाद ही शहीद का शव राख बन सका। जिस तरह से यह घटना सामने आई है, उसमें सिरोही के जिला प्रशासन के अधिकारियों को बर्खास्त किया जाना चाहिए। किसी भी शहीद के शव का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होता है। ऐसे में सिरोही के प्रशासन की यह जिम्मेदारी थी कि वह शव का अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक करवाएं। इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि जिस जवान ने कश्मीर में आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए अपनी जान गंवा दी, उस जवान का अंतिम संस्कार भी सम्मानपूर्वक नहीं हो सका। यह वो ही शहीद है, जिसने कश्मीर में तैनाती के दौरान शादी करने से इंकार कर दिया था। रमेश का कहना था कि कश्मीर में भारतीय जवान के सामने हर समय मौत मंडराती है। ऐसे में जब कश्मीर से तैनाती खत्म हो जाएगी, तभी वह विवाह करेगा। यानि रमेश ने अपने देश के खातिर शादी भी नहीं की और सिरोही का प्रशासन उसका अंतिम संस्कार भी सही ढंग से नहीं कर सका। इस मामले में मंत्री ओटाराम देवासी का बयान भी शर्मनाक है। देवासी का कहना है कि मैं स्वयं भी अंतिम संस्कार में था, लेकिन शहीद के पिता को देखने के लिए बीच में ही उसके घर चला गया। मंत्री के चले जाते ही कलेक्टर और एसपी भी मौके से भाग गए। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को चाहिए कि इस मामले में तुरंत जांच करवाकर दोषी अधिकारियों के साथ-साथ देवासी को भी मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए।  

(एस.पी. मित्तल)  (13-09-2016)
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राजनेताओं के बगैर ही अजमेर में शुरू हो गई एमआरआई मशीन। बीपीएल, भामाशाह, मेडिक्लेम वालों को भी मिलेगी सुविधा।

#1758 
राजनेताओं के बगैर ही अजमेर में शुरू हो गई एमआरआई मशीन। बीपीएल, भामाशाह, मेडिक्लेम वालों को भी मिलेगी सुविधा।
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13 सितम्बर को अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में 10 करोड़ रुपए की लागत से लगी एमआरआई मशीन शुरू हो गई है। आश्चर्यजनक बात यह है कि मशीन के शुरू होने पर अजमेर का कोई भी राजनेता उपस्थित नहीं था। जो विधायक और मंत्री नाली निर्माण का भी उद्घाटन करने में पीछे नहीं रहते थे, वे भी मशीन के शुभारंभ के मौके पर नजर नहीं आए। असल में यह मशीन पीपीपी मॉडल पर जयपुर के सिद्धार्थ डायग्नोस्टिक सेन्टर के द्वारा लगाई गई है। इसमें एक रुपया भी सरकार का नहीं लगा है। ऐसे में कोई भी राजनेता अथवा अधिकारी का मशीन लगाने में सहयोग नहीं रहा है। यही वजह रही कि मशीन लगाने वाली संस्था ने 13 सितम्बर को सुबह धार्मिक अनुष्ठान करने के साथ ही मशीन पर कामकाज शुरू कर दिया। मशीन के शुभारंभ के अवसर पर अस्पताल में उप अधीक्षक डॉ. विक्रान्त ने बताया कि बीपीएल, भामाशाह, मेडिक्लेम आदि की सुविधा वाले मरीज भी एमआरआई करा सकते हैं। अजमेर के सरकारी क्षेत्र में यह पहली मशीन है जो पीपीपी माडल पर लगी है। उन्होंने बताया कि इस मशीन को लगाने के लिए 10 वर्षों से प्रयास हो रहे थे लेकिन सफलता आज मिली है। इस मशीन की उपयोगिता यहां मेडिकल कालेज में पीजी की पढ़ाई कर रहे डाक्टरों के लिए भी है। पीजी की डिग्री के लिए एमआरआई मशीन का होना भी जरूरी है। इस मशीन के बिना एमसीआई पीजी की डिग्री भी रोक सकती है। लेकिन अब पीजी करने वाले डाक्टर भी मशीन का अध्ययन कर सकेंगें। प्राइवेट अस्पतालों में एमआरआई का जो शुल्क वसूला जाता है, उससे आधे शुल्क में ही इस मशीन पर एमआरआई हो सकेगी। इतना ही नहीं संबंधित संस्था अपनी आय का 20 प्रतिशत राजस्थान मेडिकल रिलीफ फण्ड में जमा करवाएगी। विकलांग, पूर्व सैनिक जैसी श्रेणियों के मरीज भी इस मशीन का लाभ उठा सकेंगे। 

(एस.पी. मित्तल)  (13-09-2016)
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ब्यावर में कार्यकर्ताओं के साथ रहे भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष प्रो. सारस्वत। विधायक और सभापति को झटका। तेजा मेले में परोसी अश्लीलता।

#1755
ब्यावर में कार्यकर्ताओं के साथ रहे भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष प्रो. सारस्वत। 
विधायक और सभापति को झटका। तेजा मेले में परोसी अश्लीलता। 
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राजस्थान की औद्योगिक नगरी ब्यावर में सत्तारुढ़ भाजपा की राजनीति में उस समय नया मोड़ आ गया, जब भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष प्रो.बी.पी.सारस्वत निष्ठावान और ईमानदार कार्यकर्ताओं के साथ खड़े नजर आए। हुआ यंू कि तीन दिवसीय तेजा मेले के दूसरे 12 सितम्बर को आयोजित समारोह का मुख्य अतिथि प्रो. सारस्वत को बनाया गया था। ब्यावर के तेजा मेले की धूम प्रदेश भर में रहती है। सारस्वत को आमंत्रित करने के लिए क्षेत्र के भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत और नगर परिषद की सभापति श्रीमती बबीता चौहान ने भरसक प्रयास किए, लेकिन सारस्वत ने अपनी उपस्थिति से इंकार कर दिया। बताया जा रहा है कि विधायक और सभापति ने मनमर्जी करते हुए संगठन के निष्ठावान और ईमानदार कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की मेले के आयोजन में उपेक्षा की। ब्यावर मंडल के विभिन्न मोर्चो के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों तक के नाम निमंत्रण पत्रों में नहीं छापे गए। असल में विधायक और सभापति का गुट जिलाध्यक्ष सारस्वत को बुलाकर ब्यावर के निष्ठावान पदाधिकारियों को अपमानित करना चाहता था, लेकिन सारस्वत ने यह दर्शा दिया कि वे विधायक और सभापति से पहले संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का सम्मान करते हैं। यदि किसी समारोह में कार्यकर्ता को ही सम्मान नहीं मिल रहा है तो फिर वे अपना सम्मान कैसे करवा सकते हैं? ब्यावर के तेजा मेले में अपनी अनुपस्थिति के संबंध में प्रो. सारस्वत ने कुछ नहीं कहा, लेकिन केकड़ी में हुए तेजा मेले के आयोजन की भरपुर प्रशंसा की। प्रो. सारस्वत का कहना रहा कि केकड़ी नगर पालिका के अध्यक्ष अनिल मित्तल और क्षेत्रीय विधायक शत्रुघ्न गौतम ने संगठन के सभी पदाधिकारियों का सम्मान किया। इसलिए वे स्वयं भी केकड़ी के समारोह में शामिल हुए। प्रो. सारस्वत के ब्यावर के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने से विधायक और सभापति के गुट को झटका लगा है। 
परोसी अश्लीलता:
ब्यावर नगर परिषद की सभापति की कुर्सी पर इस समय श्रीमती बबीता चौहान विराजमान हैं, लेकिन 12 सितम्बर के सांस्कृतिक समारोह में जिस तरह अश्लीलता दिखाई गई,उसे नगर परिषद की प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं माना जा सकता। यह माना कि राजस्थान की लोक संस्कृति में भड़कीले डांस आदि होते रहते हैं, लेकिन जब ऐसे आयोजन कोई सरकारी संस्था करवाए तो फिर मर्यादाओं का ध्यान रखा ही जाना चाहिए और फिर जब नगर परिषद पर महिला सभापति हो तो जिम्ममेदारी भी बढ़ जाती है। गंभीर बात तो यह रही कि नगर परिषद के उपसभापति सुनील मूदंड़ा, कांग्रेस पार्षद दल के नेता रहे विजेन्द्र प्रजापति पार्षद नरेश कनौजिया आदि ने किन्नरों के साथ जमकर ठुमके लगाए। 
(एस.पी. मित्तल)  (13-09-2016)
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राजस्थान के कोटड़ी कस्बे में मुसलमानों ने ईद के दिन नहीं की कुर्बानी की रस्म। जलझूलनी एकादशी पर रखा हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का ख्याल।

#1756
 राजस्थान के कोटड़ी कस्बे में मुसलमानों ने ईद के दिन नहीं की कुर्बानी की रस्म। जलझूलनी एकादशी पर रखा हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का ख्याल।
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13 सितम्बर को देशभर में जहां मुसलमानों ने ईद का पर्व मनाया, वहीं हिन्दुओं ने जलझूलनी एकादशी पर अनेक धार्मिक आयोजन किए। हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी कस्बे में 13 सितम्बर को ईद के दिन मुसलमानों ने कुर्बानी की रस्म नहीं की। असल में कोटड़ा की जामा मस्जिद पेश इमाम मोहम्मद फरीद आलम ने 12 सितम्बर को नमाज के दौरान ही ऐलान किया था कि जलझुलनी एकादशी पर निकलने वाली सवारियों और मंदिरों में होने वाले धार्मिक आयोजनों को देखते हुए कोई भी मुसलमान बकरे आदि की कुर्बानी न दे। पेश इमाम की इस अपील का आमतौर पर असर भी हुआ। 13 सितम्बर को कोटड़ी कस्बे में धूमधाम से भगवान की सवारियां निकालकर जल में विसर्जित किया गया। पेश इमाम ने स्वीकार किया कि एकादशी पर देर रात तक हिन्दुओं के धार्मिक आयोजन होते हैं, इसलिए मुसलमान 14 और 15 सितम्बर को कुर्बानी की रस्म अदा करेंगे। पेश इमाम ने कहा कि भले ही कोटड़ी एक छोटा सा कस्बा हो, लेकिन देश के हालातों को देखते हुए कोटड़ी ने दुनिया भर में साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया है। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि उनकी अपील का आम मुसलमानों ने पालन किया। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी एकादशी और मोहर्रम एक ही दिन थे। तब भी मुसलमानों ने मोहर्रम के जुलूस अगले दिन निकाले।
इसमें कोई दोराय नहीं कि भीलवाड़ा में कोटड़ी कस्बे में कौमी एकता का एक प्रभावी संदेश दिया है। सब जानते है कि बकरे की कुर्बानी के समय खून नालियों में बहता है और मांस और खाल के टुकड़े भी इधर-उधर बिखर जाते है। ऐसे माहौल में भगवान की सवारियां निकलती है तो उसमें शामिल लोगों की भावनाओं को ठेस लगती है। कोटड़ी के मुस्लिम भाईयों ने जिस प्रकार हिन्दुओं की भावना का ख्याल रखा,वह अपने आप में काबिले तारीफ है।
(एस.पी. मित्तल)  (13-09-2016)
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प्रसाद के रूप में मिलेगी गणेश प्रतिमा की लुगदी। पर्यावरण संरक्षण के लिए अनोखी पहल।

#1757
प्रसाद के रूप में मिलेगी गणेश प्रतिमा की लुगदी।
पर्यावरण संरक्षण के लिए अनोखी पहल।
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अजमेर के प्राकृतिक सौंदर्य में चार चांद लगाने वाली आनासागर झील के किनारे बनी चौपाटी पर गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रतिदिन शाम को होने वाली महाआरती में 12 सितम्बर को मुझे भी शामिल होने का अवसर मिला। मेरे साथ देहात भाजपा के जिला अध्यक्ष प्रो. बी.पी.सारस्वत और पूर्व मंत्री ललित भाटी भी थे। सभी ने हाथ से बने आरती के एक विशेष पात्र से लम्बोदर की आरती की। गणेश की प्रतिमा 6 सितम्बर को स्थापित की गई थी और इसका विसर्जन 15 सितम्बर को सायं पांच बजे किया जाएगा। यूनाइटेड अजेमर की संयोजक कीर्ति पाठक और लोक कला संस्थान के प्रमुख संजय सेठी ने बताया कि प्रतिमा को कागज और आटे के घोल से तैयार किया गया है। इसलिए इस प्रतिमा का विसर्जन किसी सार्वजनिक कुंड में नहीं किया जाएगा। 15 सितम्बर को सायं पांच बजे हवन होगा और इसके बाद पानी से भरे ड्रम में मूर्ति को विसर्जित कर दिया  जाएगा। इसके बाद जब प्रतिमा की सामग्री पानी में घुल जाएगी, तब प्रसाद के तौर पर लुगदी को श्रद्धालुओं को वितरित की जाएगी। लोग इस लुगदी को अपने घरों के गमलों और बगीचों में खाद के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। 
असल में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए ही इस बार आनासागर के किनारे गणेश प्रतिमा की स्थापना की गई है। पूर्व में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन आनासागर में ही होता था, जिससे पानी प्रदूषित हो रहा था, लेकिन अदालत की रोक के बाद अब सुभाष बाग में विशेष कुंड बनाकर प्रतिमाओं का विसर्जन नगर निगम के द्वारा करवाया जाता है। जितनी बड़ी संख्या में प्रतिमाएं आती हैं,उसे देखते हुए यह कुंड भी छोटा पड़ रहा है। प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी प्रतिमाएं तो कुंड के पानी में घुल भीनहीं पाती। ऐसे में प्रतिमाओं की बेकद्री भी होती है, लेकिन यूनाईटेड अजमेर और लोककला संस्थान ने प्रतिमा के विसर्जन की जो अनोखी पहल की है, वह प्रेरणादायक हैं, इसलिए बड़ी संख्या में शाम को इस स्थान पर लोग एकत्रित होते है। 
नाटक का मंचन :
12 सितम्बर को अजमेर की सुप्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था कला अंकुर के कलाकारों ने अनेक नाटकों का मंचन किया। श्याम नारायण माथुर द्वारा तैयार नाटक में बेटी बचाओं, पर्यावरण बचाओ, परिवार के वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करो आदि कीशिक्षा दी गई। समारोह का संचालन आरजे अजय और फरहाद सागर ने किया।

(एस.पी. मित्तल)  (13-09-2016)
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Monday 12 September 2016

मुस्लिम युवाओं का हीरो जाकिर नाईक नहीं, बल्कि नबील वानी होना चाहिए।

#1753
मुस्लिम युवाओं का हीरो जाकिर नाईक नहीं, बल्कि नबील वानी होना चाहिए।
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देश के मुस्लिम युवाओं के सामने दो चेहरे हंै। एक जाकिर नाईक और दूसरा नबील वानी। नबील वानी कश्मीर के उधमपुर में रहने वाले एक साधारण परिवार का युवक है। वानी ने हाल ही में बीएसएफ के अस्सिटेंट कमांडेंट का पद संभाला है। वानी ने केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद वानी ने कहा कि कश्मीर के युवाओं को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ती हो। हर कश्मीरी युवक का फर्ज अपने देश की सुरक्षा करना है। मुझे खुशी है कि अब मैं देश की सीमाओं की रक्षा करने का काम करूंगा एक तरफ नबील वानी है तो दूसरी ओर जाकिर नाईक। आरोप है कि नाईक के उपदेश सुनने के बाद मुस्लिम युवक जेहाद के लिए प्रेरित होते हैं। कुछ युवक तो आतंकी संगठन आईएस में भी शामिल हो गए। इन दिनों कश्मीर घाटी नाजुक दौर से गुजर रही है। पाकिस्तान की मदद से रोजाना आतंकी वारदातें हो रही हैं। कई इलाकों में कफ्र्यू लगा हुआ है। इसमें नबील वानी का जो चेहरा सामने आया है, उससे मुस्लिम युवकों खासकर कश्मीरी युवकों के बीच एक नई सोच सामने आई है। अन्य कश्मीरी युवकों की तरह नबील वानी को भी अपने परिवार चलाने के लिए रोजगार की सख्त जरूरत थी। सब जानते हैं कि बीएसएफ के अस्सिटेंट कमांडेंट बनने के लिए कड़ी से कड़ी परीक्षा देनी होती है। वानी ने अपने शरीर के बल के दम पर ऐसी सभी परीक्षा को पास किया। आज पूरा देश नबील वानी के परिणाम से खुश है। प्रशिक्षण के बाद वानी देश की सीमाओं पर तैनात हो जाएगा। 

(एस.पी. मित्तल)  (12-09-2016)
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दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कागजों में नहीं होते विकास के काम, अनिता भदेल ने गिनाई उपलब्धियां।

#1754
दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कागजों में नहीं होते विकास के काम, अनिता भदेल ने गिनाई उपलब्धियां।
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12 सितम्बर को अजमेर नगर निगम के डिप्टी मेयर सम्पत सांखला ने अपने वार्ड संख्या 23 के विकास कार्य की जानकारी पत्रकारों को दी। इस मौके पर दक्षिण क्षेत्र की विधायक और प्रदेश की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल भी उपस्थित रही। भदेल ने सांखला की पीठ थपथपाते हुए कहा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र में कागजों में विकास कार्य नहीं होते हैं। मैं अपने क्षेत्र के एक-एक वार्ड में जाकर समस्याओं का पता लगाती हूं और हरसंभव समाधान करवाती हूं। अभी हाल ही में पांच हजार वर्गगज जमीन पर सामुदायिक अस्पताल के निर्माण का शिलान्यास करवाया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने पांच करोड़ रुपए की राशि भी दे दी है। अजय नगर में बने सांई मंदिर के चारों तरफ रिंग रोड बनाया जा रहा है, मिसिंग लिंक सड़कों का पता लगाकर पुनर्जीवित किया जा रहा है। मेरे क्षेत्र के विकास कार्य की जांच कोई भी व्यक्ति कर सकता है। 
एक वर्ष में 13 करोड़ के विकास कार्य
डिप्टी मेयर सम्पत सांखला ने बताया कि चन्द्रवरदाई नगर क्षेत्र के उनके वार्ड 23 में पिछले एक वर्ष में 13 करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए गए हैं। इन कार्य को करवाने में नगर निगम, अजमेर विकास प्राधिकरण और क्षेत्र की विधायक अनिता भदेल का पूर्ण सहयोग रहा है। इस अवसर पर रंगीन फोल्डर का विचोचन भी किया गया है। फोल्डर का विमोचन मसाणिया भैरवधाम के उपासक चम्पालाल महाराज ने किया।
नहीं दिखे गहलोत और देवनानी 
डिप्टी मेयर सांखला ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल का शानदार समारोह किया, लेकिन इस भव्य समारोह में उत्तर क्षेत्र के विधायक एवं शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी तथा मेयर धर्मेन्द्र गहलोत नजर नहीं आए। इस वार्ड का बहुत बड़ा क्षेत्र अजमेर विकास प्राधिकरण की चन्द्रवरदाई आवासीय योजना में आता है। इसलिए प्राधिकरण ने भी अपनी योजना क्षेत्र में विकास कार्य करवाए हैं। लेकिन 12 सितम्बर को हुए समारोह में प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा भी नहीं आए। सांखला को राज्यमंत्री अनिता भदेल का समर्थक माना जाता है। हालांकि समारोह में शहर भाजपा अध्यक्ष अरविंद यादव, धर्मेंश जैन, कंवल प्रकाश किशनानी, दक्षिण क्षेत्र के मण्डल अध्यक्ष आदि उपस्थित थे। माना जा रहा है कि देवनानी और गहलोत के समर्थक माने जाने वाले पार्षदों और भाजपा नेताओं ने डिप्टी मेयर के कार्यक्रम से दूरी बनाई रखी।
(एस.पी. मित्तल)  (12-09-2016)
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Sunday 11 September 2016

कचरे के डस्टबिन में हो रहा है गड़बड़झाला। निगम का टेंडर एक लाख 40 हजार का, लेकिन जागृति फाउंडेशन खर्च करवा रहा है 3 लाख से भी अधिक। फिर सामने आई प्रमुख शासन सचिव मंजीत सिंह की भूमिका।

#1750
कचरे के डस्टबिन में हो रहा है गड़बड़झाला। 
निगम का टेंडर एक लाख 40 हजार का, लेकिन जागृति फाउंडेशन खर्च करवा रहा है 3 लाख से भी अधिक। फिर सामने आई प्रमुख शासन सचिव मंजीत सिंह की भूमिका। 
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ऐसा प्रतीत होता है कि राजस्थान के स्वायत शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव मंजीत सिंह का अजमेर नगर निगम और अजमेर विकास प्राधिकरण के कामकाज में सीधा सीधा दखल है। मंजीत सिंह के दखल की वजह से ही इन दोनों संस्थाओं को अनेक अवसरों पर बेवजह धनराशि खर्च करनी पड़ती है। आरोप है कि 15 अगस्त को अजमेर में हुए राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस के समारोह की तैयारियों में इन दोनों संस्थाओं को अनेक ठेकेदारों को उपकृत करना पड़ा है। तैयारियों के लिए लाखों रुपए का जो सामान खरीदा गया, वह अब बेकार पड़ा हुआ है। ताजा मामला भूमिगत डस्टबिन से जुड़ा है। अजमेर नगर निगम ने पिछले दिनों डस्टबिन के लिए जो टेंडर किए उसमें सेठ ब्रदर्स फर्म को डस्टबिन लगाना निर्धारित किया गया। सेठ ब्रदर्स मात्र एक लाख 40 हजार रुपए में भूमिगत डस्टबिन लगा रहा है, लेकिन वहीं जागृति फाउंडेशन के अनिल त्रिपाठी तीन लाख रुपए से भी ज्यादा में डस्टबिन लगा रहे हैं। त्रिपाठी डस्टबिन को विदेश से आयात करते हैं, जबकि सेठ ब्रदर्स ने मेकइन इंडिया की तर्ज पर स्वदेशी डस्टबिन तैयार करवाया है। सवाल उठता है कि जब स्वदेशी डस्टबिन मात्र 1 लाख 40 हजार रुपए में लग रहा है तो फिर 3 लाख रुपए से अधिक वाले डस्टबिन को क्यों लगवाया जा रहा है? असल में जागृति फाउंडेशन पर प्रमुख शासन सचिव मंजीत सिंह मेहरबान हैं। इसीलिए यह संस्था प्रदरेशभर में भूमिगत डस्टबिन लगा रही है। चूंकि अजमेर में नगर निगम के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत की पहल पर टेंडर हो गए इसलिए अब कोई न कोई कमी निकाल कर एक लाख चालीस हजार रुपए वाले डस्टबिन को फेल करवाया जा रहा है। चूंकि मंजीत सिंह का दबाव है इसलिए जिला कलेक्टर गौरव गोयल भी जागृति फाउंडेशन के मददगार बने हुए हैं। फाउंडेशन के प्रतिनिधि कलेक्टर को मौके पर ले जाकर टेंडर वाली फर्म की गलतियां बता रहे हैं। यह बात अलग है कि नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी रूपाराम चौधरी को अभी तक भी टेंडर वाली फर्म के डस्टबिन में कोईगड़बड़ी नजर नहीं आईहै। 
चौधरी का कहना है कि दोनों ही संस्थाओं के डस्टबिन सही प्रकार से काम कर रहे हैं। उन्होंने माना कि जागृति फाउंडेशन के माध्यम से जो डस्टबिन लगते हैं उस पर निगम का एक लाख रुपए से भी ज्यादा खर्च हो जाता है। यह संस्था दो लाख रुपए में विदेशी डस्टबिन को बेचती है यानि विदेशी डस्टबिन को स्थापित करने में तीन लाख रुपए से भी ज्यादा का खर्चा होता है। भूमिगत डस्टबिन के लिए आम लोगों की भागीदारी रहती है। अभी तक अजमेर में जो भी डस्टबिन लगे हैं, उन सभी को जनसहयोग से लगाया गया है। 
झूठा प्रचार
सेठ ब्रदर्स के प्रतिनिधि ललित सेठ ने एक बयान जारी कर कहा कि उनकी प्रतिद्वंद्वी संस्था (जागृति फाउंडेशन) झूठा प्रचार कर रही है। स्वदेशी डस्टबिन हर दृष्टि से मजबूत है। लेकिन यह देखने में आया है कि कुछ स्थानों पर प्रतिद्वंद्विता की वजह से डस्टबिन के इंटर लॉक में गड़बड़ी की गई। ऐसा हमारी संस्था को बदनाम करने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था एक लाख चालीस हजार रुपए में डस्टबिन स्थापित कर देती है। 
सामाजिक सरोकार है:
जागृति फाउंडेशन के प्रतिनिधि अनिल त्रिपाठी ने कहा कि उनकी संस्था का उद्देश्य लाभ कमाना नहीं है। उनका उद्देश्य सामाजिक सरोकार से जुड़ा हुआ है। उनकी संस्था दो लाख रुपए में डस्टबिन विदेश से मंगवाकर नगर निगम को देती है। संबंधित स्थान पर खड्डा खोदने और अन्य कार्य निगम के द्वारा किया जाता है। इसके लिए संस्था के कार्यकर्ता जागरुकता का कार्य भी करते हैं। क्षेत्र में स्वच्छता भी बनी रहे, इसके लिए लोगों को जागरुक किया जाता है। इतना ही नहीं डस्टबिन खरीदने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था प्रदेश भर में काम कर रही है। 
उपयोगिता पर सवाल:
अजमेर में भूमिगत डस्टबिन लगाने की भले ही होड़ मची हुई हो, लेकिन नगर निगम के सफाई के जानकारों ने इसकी उपयोगिता पर सवाल उठाए हैं। जानकारों का मानना है कि ऐसे डस्टबिन का उपयोग तभी हो सकता है, जब घर-घर से कचरा संग्रहण की व्यवस्था हो। इन भूमिगत पात्रों में खुला कचरा नहीं डाला जा सकता है। वैसे भी इस पात्र की क्षमता मात्र एक टन ही है। जबकि एक ट्रेक्टर में तीन टन कचरा भरा जाता है।
(एस.पी. मित्तल)  (11-09-2016)
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गणेश प्रतिमा देखकर ही खुश है मूक-बधिर विद्यार्थी।

#1751
गणेश प्रतिमा देखकर ही खुश है मूक-बधिर विद्यार्थी।
इन दिनों देशभर में गणेश उत्सव की धूम ही जगह-जगह लम्बोदर प्रतिमा स्थापित कर धार्मिक आयोजन हो रहे है। ऐसी ही एक गणेश प्रतिमा अजमेर के वैशालीनगर स्थित मूक बधिर विद्यालय में स्थापित की गई। प्रतिदिन होने वाली गणेश आरती में 10 सितम्बर को मुझे भी आमंत्रित होने का अवसर मिला। परिसर में भगवान गणेश के भजन बजाए जा रहे है। परिसर में 100 से ज्यादा मूक बधिर छात्र-छात्राएं उपस्थ्ज्ञित थी। जब धार्मिक भजन किसी के भी कानों में सुनाई देते है तो आंनद की अनुभूति होती है, लेकिन इसे ईश्वर की  बेरहमी ही कहा जाएगा कि सुंदर-सुंदर चेहरे वाले लड़के-लड़कियां भगवान गणेश के भजन सुन नहीं पा रहे थे। मैंने देखा कि 100 से अधिक विद्यार्थियों की मौजूदगी के बाद परिसर में कोई शोरगुल नहीं हो रहा था, क्योंकि ईश्वर ने इन बच्चों को जुबान भी नहीं दी। मेरे साथ विद्यालय के प्राचार्य एस के सिंह भी बैठे हुए थे। प्राचार्य का कहना था कि भले ही ये बच्चे गूंगे-बहरे हो, लेकिन योग्यता दिखने में कभी भी पीछे नहीं रहते है। हाथ और होठ के इशारे से ही एक-दूसरे के संवाद को समझ लेते है। मैंने देखा कि भगवान गणेश के प्रति जो श्रद्धा सामान्य बच्चों में होती है उससे कई ज्यादा इन मूक-बधिर बच्चों में थी। आरती के समय जिस प्रकार बच्चे हाथ जोड़ कर खड़े थे उसे देखते हुए यह लगा ही नहीं कि यह बच्चे गूंगे-बहरे है। मैंने सच्चे मन से भगवान गणेश से यह प्रार्थना की कोई चमत्कार क्या इन बच्चों को सुनने और बोलने की शक्ति प्रदान कर दी जाए। आखिर यह बच्चें भी  तो रोजाना लम्बोदर की आरती कर रहे है। यदि लम्बोदर को अपनी आरती सुनानी है तो इन बच्चों को कान देने ही पड़ेंगे और यदि इन बच्चों से आरती बुलानी है तो आवाज भी देनी पड़ेगी। प्राचार्य सिंह ने बताया कि इस विद्यालय का सालाना खर्च करीब 40 लाख रुपए के है, लेकिन सरकार की ओर से मात्र 20 लाख रुपए का ही सहयोग मिलता है। ऐसे में जन सहयोग से ही काम चलाया जाता है। अजमेर का मशहूर औद्योगिक तोषनीवाल परिवार की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। श्रीमती पुष्पा तोषनीवाल इन बच्चों के लिए हमेशा चिंतित रहती है।
लायंस क्लब उमंग की प्रमुख श्रीमती आभा गांधी और उनके समाजसेवी  राजेन्द्र गांधी की ओर से प्रतियोगिता में विजेता बच्चों को पारितोषिक दिए गए। जिन बच्चों ने उपहार प्राप्त किए उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं थी। मूक-बधिर विद्यार्थियों की विभिन्न प्रतियोगिताए आयोजित करने वाले कमल गर्ग भी इस बात से उत्साहित थे कि मूक बधिर विद्यार्थी भी इस बार गणेश उत्सव मना रहे है। गर्ग स्वयं भी मूक-बधिर है, लेकिन मूक बधिर बच्चों की समस्याओं के समाधान के लिए गर्ग हमेशा आगे रहते है। पत्रकार विजय शर्मा ने भी विद्यार्थियों के प्रति शुभकामनाएं प्रकट की।
(एस.पी. मित्तल)  (11-09-2016)
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एकता नहीं होने का खामियाजा भुगत रहा है जैन समाज। ब्यावर में हुआ युवाओं का राष्ट्रीय सम्मेलन।

#1752
एकता नहीं होने का खामियाजा भुगत रहा है जैन समाज। ब्यावर में हुआ युवाओं का राष्ट्रीय सम्मेलन।
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11 सितम्बर को राजस्थान की औद्योगिक नगरी ब्यावर में साधुमार्गी जैन समाज का राष्ट्रीय युवा सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में मेरे सहित राजफैड की प्रबन्ध निदेशक वीणा प्रधान (आईएएस), चित्तौड़ के एसपी, ए-1 न्यूज चैनल के चीफ अनिल लोढ़ा, दैनिक भास्कर के चीफ रिपोर्टर सुरेश कासलीवाल, ब्यावर के विधायक शंकर सिंह रावत, सभापति श्रीमती बबीता चौहान, दैनिक निरन्तर के सम्पादक रामप्रसाद कुमावत, वरिष्ठ पत्रकार सिद्धांत जैन आदि अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। सम्मेलन में अतिथियों के साथ-साथ जैन समाज के पदाधिकारियों ने भी विचार रखे। सभी का सम्बोधन जैन समाज की एकता पर केन्द्रित रहा। यह माना गया कि जब समाज के हर क्षेत्र में बुराई आई है तो फिर जैन समाज भी अछूता नहीं रहा है, लेकिन जैन समाज भी कई विचारधाराओं में बांटा हुआ है। इसलिए संपन्नता होने के बावजूद राजनीतिक दृष्टि से मजबूत स्थिति में नहीं है। श्रीमती इंदिरा गांधी जब प्रधानमंत्री थी तो जैन समाज ने मांग की कि समाज के धार्मिक उत्सवों पर एक छुट्टी घोषित की जाए। तब श्रीमती गांधी ने तत्काल एक दिन के अवकाश पर सहमति जता दी, लेकिन यह शर्त रखी कि जैन समाज के सभी धड़े एक होकर कोई एक दिन निश्चित कर ले। आज 40 वर्ष गुजर गए, लेकिन किसी धार्मिक आयोजन पर एक दिन के अवकाश पर सहमति नहीं हो पाई है। जैन समाज श्वेताम्बर और दिगम्बर में ही विभाजित नहीं है बल्कि स्थानकवासी, साधुमार्गी, तेरापंथी आदि में बटा हुआ है। इसका दोष साधु संतों को नहीं है, बल्कि समाज के लोगों को है। यदि जैन समाज के आम व्यक्ति एक साथ एक जाजम पर बैठ जाए तो फिर जैन समाज की एकता को कोई नहीं तोड़ सकता। समाज के लोगों में भले ही पूजा पद्वति भिन्न हो, लेकिन सभी लोग भगवान महावीर स्वामी को मानते हैं। ऐसे में भगवान महावीर के अनुयायी अलग-अलग होने ही नहीं चाहिए। सम्मेलन में यह बात भी उभर कर सामने आई कि अब पुरानी परम्पराओं से हटकर आधुनिक क्रान्ति की ओर अग्रसर होना चाहिए। सूचना के क्षेत्र में जो क्रान्ति आई है, उसका लाभ साधु संतों को उठाना चाहिए ताकि विचारों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके। यहां यह उल्लेखनीय है कि साधुमार्गी जैन संत और साध्वी प्राकृतिक सुविधाओं का ही उपयोग करते हैं। प्रवचन स्थल पर न तो माईक न लाईट का उपयोग होता है। इतना ही नहीं फोटो खिचने पर भी प्रतिबन्ध है। साधु साध्वी बिना माईक के ही प्रवचन देते हैं, भले ही पीछे बैठे व्यक्ति को प्रवचन सुनाई न दे। सांस लेने से भी किसी जीव की हत्या न हो इसके लिए मुंह पर कपड़ा रूमाल बांधा जाता है। कई बार इस रूमाल की वजह से ही आवाज साफ सुनाई नहीं देती है। कितना भी लम्बा सफर तय करना हो साधुमार्गी साधु-संत मोटर वाहनों का उपयोग नहीं करते हैं। पैदल और नंगे पैर ही सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। सम्मेलन  का संचालन प्रकाश जैन ने किया।  
जियो और जीने दो का नारा बदनाम हो गया है। 
सम्मेलन से पहले ब्यावर के महावीर भवन में साधुमार्गी जैन साध्वी अनोखा कंवर मा.स. ने कहा कि आज जियो और जीने दो का नारा जैन समाज के लोग ही बदनाम कर रहे हैं। शादी-समारोह के आयोजन रात्रि के समय बड़े-बड़े पार्क में होते हैं, ऐसे समारोह से न जाने कितने जीवों की हत्या हो जाती है। उन्होंने कहा कि धर्म का अनुसरण करने वाले व्यक्ति का जीवन ही सरल और तनावमुक्त होता है। 
(एस.पी. मित्तल)  (11-09-2016)
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Saturday 10 September 2016

जाकिर नाईक से भी लिया कांग्रेस ने 50 लाख का चंदा। ---------------------------------------------

#1749
जाकिर नाईक से भी लिया कांग्रेस ने 50 लाख का चंदा।
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जिस जाकिर नाईक की तकरीर सुन कर मुस्लिम युवक जेहाद के लिए तैयार हो जाते हैं, उसी जाकिर नाईक के वल्र्ड पीस फाउंडेशन से कांग्रेस ने 50 लाख रुपए का चंदा ले लिया, यह राशि नाईक ने कांग्रेस के राजीव गांधी फाउंडेशन को दी है। 10 सितम्बर को हुए खुलासे में यह पता चला है कि वर्ष 2012 में कांग्रेस सरकार ने ही लोकसभा में यह स्वीकार किया कि जाकिर नाईक के फाउंडेशन द्वारा संचालित दो टीवी चैनलों के प्रसारण संदिग्ध हैं, लेकिन इसके बाद भी नाईक से 50 लाख रुपए का चंदा गैर कानूनी तरीके से ले लिया। गंभीर बात तो यह है कि जाकिर नाईक के फाउंडेशन को मुस्लिम देशों में डोनेशन मिलता है। यानि जो डोनेशन मुस्लिम देशों से आया उसे ही कांग्रेस ने प्राप्त कर लिया। 
(एस.पी. मित्तल)  (10-09-2016)
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बेटी बचाने के लिए ससुराल वालों की सोच में भी हो बदलाव। जयपुर में एक मां ने 4 माह की बेटी की हत्या।

#1748
बेटी बचाने के लिए ससुराल वालों की सोच में भी हो बदलाव। जयपुर में एक मां ने 4 माह की बेटी की हत्या। 
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इन दिनों पूरे देश में जयपुर की एक मां नेहा गोयल द्वारा अपनी 4 माह की मासूम बेटी की हत्या करने की चर्चा हो रही है। सभी लोग उस मां को कोस रहे हैं, जिसने अपनी बेटी की ही हत्या कर दी। हालांकि हत्यारी मां ने अपना जुल्म स्वीकार कर लिया है लेकिन फिर भी अदालत के फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए। हमें मां की उस मानसिक स्थिति को भी समझना चाहिए, जिसमें बेटी की हत्या की जा रही है। जैसे-जैसे शिक्षा का प्रसार हो रहा है, वैसे-वैसे बेटियों को भी बेटों के समान देखा जा रहा है। जिन परिवारों में एक बेटा और एक बेटी है, उनमें बेटे के मुकाबले बेटी को ज्यादा अच्छे तरीके से रखा जाता है। जो माता-पिता बेटे के मुकाबले बेटी को ज्यादा अच्छे तरीके से रखते है उनके सामने एक चिन्ता बेटी के ससुराल में रहने की भी होती है। वे माता-पिता बहुत भाग्यशाली है, जिनकी बेटी ससुराल में सम्मान पूर्वक रह रही है। लेकिन अधिकांश माता-पिता अपनी बेटी के लिए ससुराल में होने वाली परेशानियों की वजह से ही चिंतित रहते हैं। जब बेटी को ससुराल में कोई तकलीफ होती है तो माता-पिता ही सबसे ज्यादा परेशान होते हैं। बेटी को कोख में ही मारने या बेटी के बजाए बेटे की चाह रखने के पीछे ससुराल वालों की सोच भी है। हमारी यह सामाजिक व्यवस्था है कि बेटी वाले माता-पिता को झुकना ही पड़ता है। यदि हमें बेटी को बचाना है तो ससुराल वालों को भी अपनी सोच में बदलाव करना होगा। समझ में नहीं आता कि सास-ससुर, बहु को बेटी की तरह क्यों नहीं रखते। बहु की छोटी सी गलती पर भी बड़ा हंगामा कर दिया जाता है। यदि ससुराल में बहु को बेटी की तरह रखा जाए तो बेटी बचाओं के अभियान को और बल मिल सकता है। अधिकांश माता-पिता को पहले बेटी के विवाह की चिंता होती है और फिर बेटी के ससुराल में रहने को लेकर चिंतित रहते हैं। ऐसा नहीं कि हर बेटी को ससुराल में परेशानी होती है। अनेक बेटियां अपने ससुराल मे अच्छी तरह और सम्मानपूर्वक रहती हैं। लेकिन अधिकांश ससुराल में बेटियों के साथ जो व्यवहार किया जाता है उससे माता-पिता सबसे ज्यादा दुखी होते हैं। इसलिए कई बार मुंह से यह निकल जाता है कि काश बेटी होती ही नहीं। ससुराल वालों की सोच बदलने में सास और ननद की भूमिका सबसे अहम है। जो मापदण्ड माता-पिता अपनी बेटी के लिए निर्धारित करते हैं वो ही मापदण्ड बहु के लिए भी होने चाहिए। यदि किसी भी माता-पिता को बेटी के लिए ससुराल की चिंता न हो तो बेटियों की जान और ज्यादा बचाई जा सकती है। 

(एस.पी. मित्तल)  (10-09-2016)
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राजस्थान के मुख्य सचिव ओ.पी.मीणा पर बेटी ने ही लगाया सेक्सुअल हरेसमेंट का आरोप। आखिर ऐसे दागी आईएएस को वसुंधरा ने क्यों बनाया मुख्य सचिव।

#1747
राजस्थान के मुख्य सचिव ओ.पी.मीणा पर बेटी ने ही लगाया सेक्सुअल हरेसमेंट का आरोप। 
आखिर ऐसे दागी आईएएस को वसुंधरा ने क्यों बनाया मुख्य सचिव।
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राजस्थान के मुख्य सचिव ओ.पी.मीणा पर उन्हीं की बेटी ने सेक्सुअल हरेसमेंट का आरोप लगाया है। मीणा की पत्नी गीता सिंह ने 10 सितम्बर को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि इंग्लैंड में पढऩे वाली बेटी ने पिछले दिनों हाईकोर्ट को एक ईमेल भेजा था। इस ईमेल में ही पिता ओ.पी.मीणा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। गीता सिंह का कहना है कि दहेज प्रताडऩा को लेकर पूर्व में उन्होंने भी अपने पति मीणा पर मुकदमा दर्ज करवाया। लेकिन पुलिस ने आज तक भी प्रभावी कार्यवाही नहीं की। गीता सिंह स्वयं भी आरएएस अधिकारी हैं और उनके पिता जी.रामचन्दर प्रदेश के ताकतवर आईएएस रह चुके हैं। गीता सिंह ने बताया कि ओ.पी.मीणा को जब मुख्य सचिव बनाया जा रहा था, तब भी मैंने मुख्य मंत्री वसुध्ंारा राजे को शिकायत की थी। लेकिन मेरी शिकायतों को नजर अंदाज कर सरकार ने मीणा को ही मुख्य सचिव बना दिया। इससे प्रतीत होता है कि सरकार के लिए महिला उत्पीडऩ के मामले कोई गंभीरता नहीं रखते। गीता सिंह का आरोप है कि ओ.पी.मीणा बेटा चाहते थे, लेकिन जब बेटी हो गई तो मेरे साथ मारपीट तक की गई। गीता सिंह ने एक बार फिर सरकार से मांग की है कि मीणा को मुख्य सचिव के पद से हटा कर दहेज प्रताडऩा वाले मामले में सख्त कार्यवाही करवाई जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शीघ्र ही मिलकर अपनी पीड़ा बताएंगे। 
प्रशासनिक तंत्र में खलबली:
10 सितम्बर को जिस तरह पुत्री ने अपने पिता मीणा पर आरोप लगाएं उससे राजस्थान के प्रशासनिक तंत्र में खलबली मच गई है। संभवत: यह पहला मौका होगा, जब किसी राज्य के मुख्य सचिव पर उन्हीं की बेटी ने सेक्सुअल हरेसमेंट का आरोप लगाया है। प्रशासनिक क्षेत्र में अब यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि आखिर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक दागी को ही मुख्य सचिव क्यों बनाया? बेटी ने जिस तरह से आरोप लगाए हैं, उससे वसुंधरा सरकार की छवि पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। जिस मुख्य सचिव पर बेटी ही आरोप लगा रही है, उस मुख्य सचिव के शासन में महिलाओं की सुरक्षा कैसे होगी?
बहनोई ने भी लगाया था आरोप:
जानकार सूत्रों के अनुसार ओ.पी.मीणा जब अजमेर में राजस्व मंडल के सदस्य थे, तब उनके बहनोई ने भी मारपीट का आरोप लगाया था। इस संबंध में तब एक शिकायत पुलिस स्टेशन पर की गई थी, लेकिन आईएएस को रौब होने की वजह से बहनोई की शिकायत पर मीणा के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। यानि मीणा मारपीट करने के आदतन हंै। 
दबंग है मीणा परिवार:
ओ.पी.मीणा का परिवार हर दृष्टि से दबंग हैं। मीणा खुद मुख्य सचिव हैं तो उनके भाई हरीश मीणा दौसा से भाजपा के सांसद हैं। हरीश मीणा भी लम्बे समय तक राज्य के डीजीपी रहे। मीणा के बड़े भाई नमोनारायण मीणा कांग्रेस के ताकतवार नेता हैं। कांग्रेस के शासन में नमोनारायण केन्द्रीय मंत्री रहे। मीणा भी आईपीएस की नौकरी से रिटायर हुए। नमोनारायण भी लम्बे समय तक राजस्थान को डीजीपी थे। यही वजह है कि पीडि़त पत्नी गीता सिंह की सुनने वाला कोई नहीं है। अब देखना है कि ओ.पी.मीणा वसुंधरा के शासन में कितने समय तक मुख्य सचिव बने रहेंगे। 
(एस.पी. मित्तल)  (10-09-2016)
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