26 अगस्त को मुझे भी अजमेर के संभागीय आयुक्त सी.आर. मीणा के साथ अजमेर की अरावली पहाड़ी पर बने ऐतिहासिक चामुंडा माता मंदिर में दर्शन करने का अवसर मिला। मंदिर के पुजारी मदन सिंह ने हम दोनों को चामुंडा माता पर चढ़ी चुनरिया ओढ़ाई और हमारी मनोकामना पूर्ण होने के लिए चामुंडा माता से प्रार्थना की। मंदिर से जुड़ी प्रबंध कमेटी के सदस्य मदन सिंह रावत, रतन सिंह, बीरम सिंह, कान सिंह, शंभू सिंह, कल्याण सिंह, गुलाब सिंह, कालू सिंह आदि ने हमें मंदिर परिसर में बने उस गंगा माता कुंड को दिखाया, जिसमें वर्ष भर पानी भरा रहता है, चाहे कितना भी पानी निकाला जाए। कुंड का पानी कभी समाप्त नहीं होता। कुंड में पानी कहां से आता है यह भी रहस्य बना हुआ है। चामुंडा माता का मंदिर पहाड़ी पर जमीन से एक हजार फिट ऊपर बना हुआ है। इसे चामुंडा माता का चमत्कार ही कहा जाएगा कि एक हजार फिट ऊपर तो पानी ही पानी, लेकिन नीचे जमीन में एक हजार फिट की खुदाई के बाद भी पानी नहीं है। पुजारी और मंदिर प्रबंध कमेटी के सदस्यों का कहना है कि कुंड का पानी किसी मिनरल वाटर से भी शुद्ध और खनिज युक्त है। इस मंदिर का इतिहास भी बहुत पुराना है। इतिहासकारों के अनुसार हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान वर्ष 1160 में जब तारागढ़ किले से अपना शासन चलाते थे, तब फॉयसागर की अरावली की पहाड़ी पर स्थित चामुंडा माता की पूजा अर्चना करने आते थे। यही वजह है कि चामुंडा माता को पृथ्वीराज चौहान की कुलदेवी माना गया। चामुंडा माता के दर्शन करने और चमत्कारी कुंड का पानी पीने के लिए देशभर से श्रद्धालु अजमेर आते हैं। नवरात्रि के दिनों में दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए पहाड़ी पर मंदिर परिसर के विकास के साथ साथ पहाड़ी वाले मार्ग को भी सुगम बनाया गया है। अब मंदिर तक दुपहिया और विशेष परिस्थितियों में चौपहिया वाहन आ सकते हैं। लेकिन पिछले दिनों हुई तेज वर्षा से रास्ते की एक दीवार ढह गई, जिसकी वजह से वाहनों का आवागमन बंद हो गया है। चूंकि नीचे 600 फिट गहराई है, इसलिए पैदल श्रद्धालुओं का आवागमन भी जोखिम भरा है। संभागीय आयुक्त मीणा के मंदिर आगमन पर समाजसेवी सुभाष काबरा ने टूटे रास्ते को जल्द ठीक करवाने का आग्रह किया। इस पर मीणा ने कहा कि रास्ते को ठीक करने के कार्य के आदेश जारी हो चुके हैं। वहीं मंदिर से जुड़े शुंभ सिंह ने डीसी मीणा को बताया कि 15 अक्टूबर से नवरात्र शुरू हो रहे हैं। नवरात्रि के दिनों में लाखों श्रद्धालुओं चामुंडा माता के दर्शन करने आते हैं, ऐसे में नवरात्रि से पहले पहले रास्ता ठीक होना चाहिए। नहीं तो दुर्घटना की आशंका रहेगी। मौजूदा समय में टूटा रास्ता बहुत खतरनाक स्थिति में है। पहाड़ी पर 600 फिट की दीवार का निर्माण बहुत मुश्किल कार्य है। वहीं यदि निकट की पहाड़ी काट कर रास्ता चौड़ा किया जाता है तो भी काफी समय लगेगा। डीसी मीणा ने भरोसा दिलाया कि रास्ते का कार्य युद्धस्तर पर कराया जाएगा ताकि नवरात्र में श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। मंदिर के इतिहास के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9001206361 पर शंभू सिंह से ली जा सकती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (28-08-2023)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9929383123
To Contact- 9829071511