Friday 31 December 2021

कब्जे वाले कश्मीर को पाकिस्तान ने नरक बना दिया है, जबकि भारत का कश्मीर जन्नत है।रजिया बीबी की इस सच्चाई को समझेगी महबूबा मुफ्ती।

जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और अब्दुल्ला खानदान के सदस्य हर बार कहते हैं कि कश्मीर की समस्या के समाधान के लिए भारत को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए। महबूबा का तो कहना है कि पाकिस्तान से बात किए बगैर कश्मीर की समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। पाकिस्तान की समर्थक महबूबा को अब रजिया बीबी की सच्चाई को समझना चाहिए। रजिया हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से लौटी है। रजिया का पति पाकिस्तान में बैठे भारत के दुश्मनों के जाल में फंस गया था। आतंकी बनने के बाद पति मारा गया, लेकिन कब्जे वाले कश्मीर में किसी भी पाकिस्तानी ने रजिया की मदद नहीं की। बड़ी मुश्किल से रजिया  बीबी  भारत के कश्मीर में लौटी और अब पाकिस्तान की हकीकत को बता रही है। रजिया का कहना है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को नरक बना दिया है। यहां कश्मीरियों की कोई सुनवाई नहीं है। महिलाओं का हाल तो और भी बुरा है। जबकि हमारा कश्मीर तो जन्नत है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में इंसानों की स्थिति जानवरों से भी बदतर है। महबूबा मुफ्ती और अब्दुल्ला खानदान के सदस्यों को एक बार रजिया बीवी से मिलना चाहिए। रजिया बीवी बता देगी कि कब्जे वाले कश्मीर के हालात कैसे हैं? जो पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर के मुसलमानों की देखभाल नहीं कर सकता है, वह हमारे कश्मीर की समस्या का समाधान क्या करेगा? कश्मीर में महबूब की सोच वाले अनेक अलगाववादी अभी हैं। ऐसे अलगाववादियों को भी रजिया बीवी से मिलना चाहिए। कश्मीर का आम मुसलमान अमन चैन चाहता है। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अब कश्मीरियों को भी मिलने लगा है। जबकि पाकिस्तान में तो भुखमरी के हालात हैं। पाकिस्तान में तो सरकार की कोई कल्याणकारी योजना है ही नहीं, जबकि भारत में 80 करोड़ लोगों को प्रतिमाह पांच किलो अनाज मुफ्त मिल रहा है। इसके अलावा भी बहुत सी योजनाएं हैं जिनका लाभ कश्मीरी भी उठा रहे हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की स्थिति एक बार फिर रजिया बीवी ने उजागर कर दिया है। पाकिस्तान का मकसद कश्मीर के युवाओं को गुमराह कर भारत में अशांति पैदा करना है। अफसोस की बात है कि महबूबा जैसी नेत्री पाकिस्तान की मददगार बनी हुई है। जिन मुफ्ती और अब्दुल्ला के खानदानों ने कश्मीर में सत्ता का सुख भोगा, उनका प्रयास होना चाहिए कि पाकिस्तान के कब्जे से कश्मीर को मुक्त करवाकर सम्पूर्ण कश्मीर बनाया जाए। कश्मीर तो भारत का मस्तक है। 

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इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी के 25 ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी के साथ ही अखिलेश यादव की ख्वाहिश पूरी हुई।गुटखा कारोबारी मोहम्मद याकूब भी उलझे। अब देश के प्रमुख गुटखा कारोबारियों पर भी तलवर। 100 करोड़ के फर्जी शेयर मिलने की खबर।

31 दिसंबर को सुबह से ही उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के विधायक पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी के 25 ठिकानों पर आयकर विभाग की छापामार कार्यवाही शुरू हो गई। विधायक पम्पी ने ही पिछले दिनों समाजवादी पार्टी का इत्र लॉन्च किया था। लॉन्चिंग के समय सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी उपस्थित थे। पिछले दिनों जब इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां छापामार कर 300 करोड़ रुपए की नगदी और सोना चांदी बरामद किया, तब अखिलेश यादव ने कहा था कि आयकर विभाग ने गलती से पीयूष जैन के यहां छापा मार दिया। एजेंसियों को हमारे विधायक पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी के यहां छापा मारना था। अखिलेश को तब यह पता नहीं था कि पीयूष जैन के तार भी पम्पी से जुड़े हुए हैं। तब अखिलेश ने पीयूष जैन को भाजपा का कार्यकर्ता बताया था। लेकिन अब जब विधायक पम्पी पर कार्यवाही हो गई है तब अखिलेश यादव की भी ख्वाहिश पूरी हो गई है। जांच पड़ताल में पता चला है कि पम्पी के ठिकानों से 100 करोड़ रुपए के फर्जी शेयर मिले हैं। यानी पम्पी ने 100 करोड़ रुपए की राशि का निवेश शेयर में किया लेकिन संबंधित कंपनियों ने पम्पी को डमी शेयर दे दिए। आयकर विभाग ने पंपी के कन्नौज, गाजियाबाद, भोपाल, रायबरेली, हाथरस, सूरत, कोलकाता, मुंबई, नोएडा, दिल्ली आदि ठिकानों पर कार्यवाही की है। इनमें गुटखा कारोबारी मोहम्मद याकूब की कंपनी से जुड़े परिसर भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि अब देश के प्रमुख गुटखा कारोबारियों के यहां भी जांच पड़ताल होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार पीयूष जैन के कन्नौज और कानपुर के ठिकानों पर कार्यवाही करने से पहले जीएसटी इंटेलिजेंस ने अहमदाबाद में शिखर गुटखा के दो ट्रक जब्त किए थे। ट्रकों की जप्ती के समय शिखर गुटखा पर जीएसटी नहीं चुकाने का आरोप था। शिखर गुटखे की सप्लाई पीयूष जैन की ओर से ही की गई थी, इसलिए जीएसटी इंटेलिजेंस ने कन्नौज और कानपुर में कार्यवाही की। पीयूष जैन से जो जानकारी मिली उसके आधार पर ही अब सपा विधायक पम्पी और उससे जुड़े कारोबारियों पर कार्यवाही की जा रही है। हालांकि इस कार्यवाही को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने द्वेषतापूर्ण बताया है, उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार जांच एजेंसियों को दुरुपयोग कर रही है। पहले भी सपा से जुड़े नेताओं के यहां कार्यवाही की गई थी, लेकिन आयकर विभाग को कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने कहा कि जब भी किसी राज्य में चुनाव होते हैं तो इनकम टैक्स, ईडी आदि केंद्रीय एजेंसियां सक्रिय हो जाती हैं। 

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Thursday 30 December 2021

राजस्थान की सरकारी कमेटियों में आईएफडब्ल्यूजे को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से पत्रकारों में नाराजगी।

राजस्थान के पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न कमेटियों का गठन किया है। लेकिन इन कमेटियों में इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) से जुड़े पत्रकारों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। संस्था के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि उनका संगठन राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हैं और राजस्थान में एकमात्र ऐसा संगठन है जिसके सदस्यों के नाम और मोबाइल नंबर वेबसाइट पर डाल रखे हैं। उनके संगठन से ही अधिकांश पत्रकार जुड़े हुए हैं। प्रदेश के पत्रकारों की समस्याओं को समय समय पर उन्हीं का संगठन उठाता रहा है। जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक सम्मेलन भी किए गए हैं। संगठन के प्रतिनिधियों ने कई बार पत्रकारों की समस्याओं से सरकार को अवगत भी करवाया है। हमारे संगठन की सक्रियता के बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जानते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी जनसंपर्क निदेशालयों के अधिकारियों ने सरकारी कमेटियों में हमारे संगठन को प्रतिनिधित्व नहीं दिया है। राठौड़ ने कहा कि इस उपेक्षा की ओर जल्द ही मुख्यमंत्री गहलोत का ध्यान आकर्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी समितियों ने किन पत्रकारों को शामिल किया जाए यह सरकार पर निर्भर करता है, लेकिन जो पत्रकार संगठन पत्रकारों के हितों के लिए सक्रिय हैं, उसे भी प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। तभी सही मायने में पत्रकारों की समस्याओं का समाधान हो सकेगा। मोबाइल नंबर 9928096254 पर उपेंद्र सिंह राठौड़ से संवाद किया जा सकता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हाल ही में आधा दर्जन कमेटियों की घोषणा की है। 

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29 दिसंबर को मंत्रिमंडल की बैठक खत्म होने के मात्र आधा घंटे बाद ही कोरोना को लेकर सरकार की गाइडलाइन जारी हो गई। क्या मंत्रियों के साथ संवाद दिखावा था?राजस्थान में दूसरी डोज लगाने की रफ्तार धीमी, लेकिन बूस्टर डोज को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का प्रलाप।मंत्रिमंडल की बैठक का न्यूज चैनलों पर लाइव प्रसारण।

राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की त्वरित गति से काम करने की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है। 29 दिसंबर को सीएम अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण को लेकर मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ संवाद किया। इसमें चिकित्सा वैज्ञानिकों ने भी राय रखी। इस बैठक की कार्यवाही का प्रसारण न्यूज चैनलों पर हुआ। यह बैठक 29 दिसंबर को शाम सवा सात बजे खत्म हुई और पौने आठ बजे सरकार के गृह विभाग ने संयुक्त शासन सचिव सीमा कुमार की ओर से नई गाइड लाइन जारी हो गई। सवाल उठता है कि क्या मात्र 30 मिनट  में मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों और चिकित्सा वैज्ञानिकों की राय का निष्कर्ष निकाल कर गृह विभाग ने गाइडलाइन तैयार कर ली? गाइड लाइन को मुख्यमंत्री से स्वीकृत भी करवा लिया। आधा घंटे में जिस प्रकार गाइड लाइन जारी हुई, उससे प्रतीत होता है कि मंत्रिमंडल की बैठक से पहले ही गाइड लाइन तैयार हो गई थी। बैठक तो सिर्फ दिखाने के लिए की। बैठक के बाद कोई निष्कर्ष नहीं निकाला गया। सीएम गहलोत ने दिन में ही जो निर्देश दिए उसी के मुताबिक बैठक खत्म होते ही गाइड लाइन जारी कर दी गई। सवाल यह भी है कि जब गाइड लाइन पहले से तैयार थी तब मंत्रियों को अपनी राय प्रकट करने को क्यों कहा गया? क्या मंत्रियों की राय कोई मायने नहीं रखती है? जिन लोगों ने न्यूज चैनलों पर बैठक की कार्यवाही का लाइव प्रसारण देखा उन्होंने सुना होगा कि खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपनी दबंग आवाज में साफ कहा कि 31 दिसंबर तक राजस्थान में कोई पाबंदी नहीं लगाई जानी चाहिए। चूंकि राजस्थान में नाइट कर्फ्यू प्रभावी नहीं था, इसलिए होटल, रिसोर्ट वालों ने नव वर्ष के जश्न की बुकिंग कर ली है। अब एक-दो दिन पहले बुकिंग निरस्त नहीं की जा सकती है। खाचरियावास ने मुख्यमंत्री को सलाह दी थी कि पाबंदियां 1 जनवरी से लागू की जाए। जबकि चिकित्सा मंत्री परसा राम मदेरणा का कहना रहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए तत्काल प्रभाव से पाबंदियां लगाई जाएं। हालांकि अब नई गाइड लाइन जारी हो गई है, लेकिन देखना होगा कि इन पर अमल कैसे हो सकता है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के साथ ही एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र के विरुद्ध प्रलाप शुरू कर दिया है सीएम गहलोत का कहना है कि केंद्र सरकार के पास बूस्टर  डोज की वैक्सीन नहीं है, इसलिए प्रीकॉशन डोज की चालाकी की गई है। जबकि सब जानते हैं कि वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगाने में अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान बहुत फिसड्डी है। खुद सीएम गहलोत वैक्सीन लगाने की धीमी रफ्तार से चिंतित है। इसलिए अब वैक्सीन को अनिवार्य किया गया है। राजस्थान में लाखों लोग पहली डोल लगवा कर गायब हो गए है। जबकि पहले डोज के 45 दिन बाद दूसरी डोज जरूरी थी। जिस प्रदेश में लाखों लोगों ने दूसरी डोज भी नहीं लगवाई है उस प्रदेश के मुख्यमंत्री बूस्टर डोज को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे है। यही भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती है।

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मार्बल नगरी किशनगढ़ में बन रही है राजस्थान की पहली आधुनिक और आकर्षक सड़क। गुंदलाव झील की भी काया पलट होगी।किशनगढ़ के सभी 222 गांवों में बीसलपुर का पानी नल से उपलब्ध।कांग्रेस सरकार को समर्थन देने की पूरी कीमत वसूल रहे हैं निर्दलीय विधायक सुरेश टाक।

मार्बल नगरी किशनगढ़ में राजस्थान की पहली आधुनिक और आकर्षक सड़क बन रही है। यदि कोई बड़ी बाधा उत्पन्न नहीं हुई तो यह 9 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क अगले आठ माह में किशनगढ़ को समर्पित हो जाएगी। अजमेर जिले के किशनगढ़ उपखंड की पहचान देश भर में मार्बल नगरी के तौर पर है। लेकिन शहर की मुख्य सड़क पर चलना मुश्किल था। कहा जा सकता है कि यह टूटी फूटी सड़क चमचमाते मार्बल के पत्थर पर दाग जैसी थी। लेकिन अब इस दाग को हटाने का कार्य क्षेत्रीय विधायक सुरेश टाक ने शुरू कर दिया है। सड़क भी ऐसी बनाई जा रही है कि जो पूरे प्रदेश में अनूठी है। अजमेर रोड के रेलवे स्टेशन से नए बस स्टैंड तक बनने वाली सड़क पर 22 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। विधायक टाक ने बताया कि सड़क के दोनों ओर डेढ़ फीट मोटे पाइप बिछाए गए हैं ताकि भविष्य में सड़क को खोदना न पड़े। बिजली के तार हो या अन्य कोई केबल इन पाइपों के माध्यम  से ही पहुंचेंगे। सड़क के बीच जो डिवाइडर होगा उस पर एक हजार नीम के पेड़ तथा 900 फॉक्सटेल पॉम्प के पेड़ लगाए जाएंगे। लाइटे भी हेरिटेज होंगी। इतना ही नहीं स्पीड ब्रेकर थ्रीडी एनिमेशन की तकनीक वाले होंगे यानी वाहन चालक को स्पीड ब्रेकर नजर तो आएगा, लेकिन पास पहुंचने पर स्पीड ब्रेकर नहीं होगा। 9 किलोमीटर लंबी सड़क में तीन किलोमीटर सीमेंट की सड़क होगी ताकि बरसात के दिनों में सड़क क्षतिग्रस्त न हो। पहाडिय़ा चौराहे को जयपुर के पांच बत्ती चौराहे से भी आधुनिक और आकर्षक बनाया जा रहा है। 22 करोड़ की लागत वाली इस सड़क का सारा पैसा राज्य सरकार की ओर से दिया जा रहा है। विधायक टाक ने बताया कि पुराना किशनगढ़ के गुंदलाव झील को भी नया स्वरूप दिया जा रहा है। झील के किनारे आकर्षक रेलिंग और पाथवे का निर्माण  करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में इस झील में दस गंदे नालों का पानी गिर रहा है। नालों का पानी झील में न गिरे इसके लिए भी योजना बनाई जा रही है। झील के अंदर म्यूजिकल फाउंटेन, छतरिया, झरने आदि बनाए जा रहे हैं। झील के जीर्णोद्धार के लिए ढाई करोड़ रुपए विधायक कोष से दिए गए हैं। इसी प्रकार शहर में बने डाक बंगले का भी जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है। सात बीघा भूमि पर बने डाक बंगले को जनुपयोग बनाया जाएगा। ताकि शहर वासी सुबह शाम डाक बंगले के बगीचे में घूम सके।
हर घर में नल से जल:
विधायक टाक ने बताया कि किशनगढ़ के शहरी क्षेत्र के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में भी कोई कमी नहीं रखी जा रही है। उनके विधानसभा क्षेत्र में 222 गांव आते हैं। इन सभी गांवों में बीसलपुर का शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए नल से जल योजना की क्रियान्विति करवाई जा रही है। जल जीवन मिशन में पचास प्रतिशत की राशि केंद्र और पचास प्रतिशत की राशि राज्य सरकार देती है। आने वाले दिनों में किशनगढ़ का कोई ऐसा घर नहीं होगा, जिसमें नल न हो। विधायक टाक ने बताया कि किशनगढ़ से मालपुरा और अरांई से सरवाड़ तक के मार्ग को स्टेट हाइवे घोषित करवा दिया गया है। इससे इस मार्ग की कायापलट हो जाएगी। कोई पचास करोड़ रुपए की राशि विकास कार्यों पर खर्च हो रही है। इन दिनों प्रशासन गांवों और शहरों के संग में जो शिविर लगाए जा रहे हैं उन सभी में उनकी उपस्थिति है। एक एक ग्रामीण की समस्या का समाधान किया जा रहा है। टाक ने बताया कि अभी उनके कार्यकाल के दो वर्ष शेष हैं। किशनगढ़ की जनता जो भी काम बताएगी उसे पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विकास कार्यों को लेकर सकारात्मक रुख है। उन्होंने अब तक जो कार्य मुख्यमंत्री को बताए हैं वे सभी पूरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे निर्दलीय विधायक हैं, लेकिन अपने क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने के लिए कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि किशनगढ़ की समस्याओं का समाधान तेजी से हो रहा है। किशनगढ़ की उपलब्धियों के लिए मोबाइल नंबर 9414010882 पर विधायक सुरेश टाक को बधाई दी जा सकती है। 
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अजमेर की क्रिश्चियनगंज पुलिस ने मोबाइल पर अश्लील डांस दिखाकर ब्लैक मेल करने और एचडीएफसी बैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोहों को पकड़ा।वर्ष 2021 में अपराधों पर नियंत्रण और अपराधियों को पकड़ने में भी सफलता हासिल की। थानाधिकारी रवीश कुमार सामरिया का वैज्ञानिक दृष्टिकोण रहा।

जब अपराध के क्षेत्र में साइबर क्राइम प्रवेश कर गया है, तब पुलिस को भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। जब अपराध करने के लिए अपराधी डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं, तब पुलिस को भी डिजिटल उपकरणों की तकनीक की जानकारी होना जरूरी है। ऐसे ही वैज्ञानिक रुख और डिजिटल तकनीक की सहायता से अजमेर की क्रिश्चियनगंज पुलिस ने अपराधियों के गिरोह को पकड़ा और अपराध नियंत्रण में सफलता प्राप्त की। थानाधिकारी रवीश कुमार ने बताया कि अपराधी तत्व ही नई नई तकनीक का उपयोग करने लगे हैं, इससे साइबर क्राइम को बढ़ावा मिला है। दिसंबर माह में ही क्रिश्चियनगंज पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा जो मोबाइल पर लड़कियों के अश्लील डांस दिखाकर लोगों को ब्लैकमेल कर रहा था। इस तकनीक में वाट्सएप पर वीडियो कॉल के दौरान ही मोबाइल की स्क्रीन पर एक नग्न लड़की को डांस करते दिखाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति ऐसे डांस को देखता है तो कॉल करने वाला व्यक्ति रिकॉर्डिंग कर लेता है। यानी अश्लील वीडियो देखने वाले का ही वीडियो बन जाता है। बाद में ऐसे व्यक्ति को ब्लैकमेल कर राशि वसूल की जाती है। ब्लैक मेल के शिकार लोगों की शिकायत पर ही पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान किया और डिजिटल उपकरणों की मदद से ही राजस्थान के अलवर में मेवात क्षेत्र में संचालित ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया। थानाधिकारी सामरिया ने कहा कि अब इस स्मार्ट फोन को भी सावधानी से चलाने की जरुरत है। पुलिस ने इस मामले में मेवात क्षेत्र के 8 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में गंभीर बात यह है कि ब्लैकमेलिंग की राशि बेरोजगारों के बैंक अकाउंट में ली जाती थी। ऐसे बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर नए बैंक अकाउंट खुलवाए जाते थे। चूंकि बेरोजगारी बहुत ज्यादा है इसलिए युवा वर्ग जल्दी से झांसे में आ जाता है। ऐसा ही एक अन्य मामला एचडीएफसी बैंक ने नौकरी दिलवाने को लेकर है। अलवर जिले के तिजारा निवासी मनीष यादव ने पुलिस में एक शिकायत दी थी कि एचडीएफसी बैंक में नौकरी दिलवाने के नाम पर प्रमोद सिंह तंवर व पुरखाराम ने 2 लाख रुपए की राशि ली और एचडीएफसी बैंक का ऑफर लेटर दे दिया। लेकिन जब  इस आदेश की सत्यता का पता लगाया गया तो यह आदेश फर्जी निकला। इस मामले में पुलिस ने उक्त दोनों आरोपियों के साथ साथ  अजमेर के गुलाब बाड़ी निवासी चंद्रपाल, पवन कुमार कुमावत और नरेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया। सामरिया ने कहा कि बेरोजगारों लोगों को अधिकृत संस्थाओं से ही नौकरी के लिए संपर्क करना चाहिए। बैंक प्राइवेट हो या सरकारी सभी ने भर्ती के लिए नियम कानून बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में ही क्रिश्चियनगंज पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मोटर वाहनों पर लोन लेने गिरोह का भी भंडाफोड़ किया है। इस मामले में यश बैंक के प्रतिनिधि अमित सिंह भाटी ने दयाराम मीणा के विरुद्ध फर्जी दस्तावेज पेश करने के आरोप लगाए। इस मामले में पूरे गिरोह का भंडाफोड़ किया गया। थानाधिकारी सामरिया ने बताया कि डिजिटल तकनीक के जरिए ही कार लूटने वाले दो व्यक्तियों को मात्र दो घंटे में गिरफ्तार कर लिया गया। नागौर जिले के रहने वाले अभिषेक बिश्नोई ने अपने नेपाली साथी की मदद से गत 23 दिसंबर को आनासागर चौपाटी के पास कार को रुकवाया और ड्राइवर  जितेंद्र सोनी से कार को छीन कर फरार हो गए। दोनों आरोपियों को दो घंटे की अवधि में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने वैज्ञानिक तरीका अपनाकर और गोपनीय सूचनाएं एकत्रित कर क्रिश्चियनगंज क्षेत्र के कई आरोपियों और अपराधियों को पकड़ा है। जनाना अस्पताल में गबन के आरोपी रविंद्र सिंह रावत की भी गिरफ्तारी की गई है। बहुचर्चित विक्रम शर्मा हत्याकांड का ईनामी अपराधी राहुल भाट को भी मथुरा से गिरफ्तार किया गया। इसी प्रकार अंतर्राष्ट्रीय मोटर साइकिल चोर गिरोह को भी पकड़ा गया है। सामरिया ने कहा कि थाने पर आने वाली हर शिकायत को गंभीरता के साथ लिया जाता है। पुलिस का प्रयास रहता है जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ा जाए। उन्होंने कहा कि क्रिश्चियनगंज पुलिस थाने का क्षेत्र बहुत बड़ा है। लेकिन इसके बावजूद भी अपराधों पर नियंत्रण के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। अपराधों पर नियंत्रण के लिए लोगों की जागरूकता भी जरूरी है। वर्ष 2021 में क्रिश्चियनगंज पुलिस ने अनेक उपलब्धि पूर्ण कार्य किए हैं। मोबाइल नंबर 9530421125 पर थानाधिकारी रवीश कुमार सामरिया से संवाद किया जा सकता है। 

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Wednesday 29 December 2021

हिन्दुत्व को हिंसा से जोड़कर कांग्रेस खतरनाक खेल खेल रही है।राहुल गांधी और अशोक गहलोत ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बयानों की आलोचना क्यों नहीं करते?हिन्दुत्ववादी ही हैं जो अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत करते हैं।

राजस्थान के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 28 दिसंबर को जयपुर के बाड़ा पदमपुरा में संपन्न हुआ। समापन सत्र को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने वर्चुअल तरीके से संबोधित किया। 12 दिसंबर को भी राहुल गांधी ने जयपुर में कांग्रेस की राष्ट्रीय रैली में हिन्दू और हिंदुत्व की अलग अलग व्याख्या की थी। 28 दिसंबर को राहुल गांधी ने अपनी 12 वाली सोच को ही आगे बढ़ाया। राहुल गांधी लगातार यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि हिन्दुत्ववादी हिंसक हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिन्दू समाज के प्रमुख साधु संतों को भी राहुल गांधी हिन्दुत्ववादी मानते हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राहुल गांधी को खुश करने के लिए हिंदुत्ववादियों को नकली हिन्दू बता रहे हैं। हालांकि ऐसी सोच से कांग्रेस लगातार गर्त में जा रही है। राहुल गांधी खुद अमेठी से लोकसभा का चुनाव हार गए हैं तथा देश में 545 में से कांग्रेस के मात्र 52 सांसद हैं, जबकि हिंदुत्ववादियों वाली भाजपा के 303 सांसद हैं। यह फर्क भी राहुल गांधी और अशोक गहलोत के समझ में नहीं आ रहा है। तीन माह बाद होने वाले उत्तर प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस चौथे नंबर पर ही बनी हुई है, जबकि पंजाब में कांग्रेस हार के कगार पर खड़ी है। राहुल गांधी और अशोक गहलोत कांग्रेस को किस स्थिति में ले जाएं, यह उनकी सोच हैं, लेकिन हिंदुत्व को हिंसा से जोड़कर कांग्रेस देश में खतरनाक खेल खेल रही है। कांग्रेस को हिंदुत्व में तो हिंसा नजर आती है, लेकिन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेाहुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के देश विरोधी बयानों पर कोई एतराज नहीं है। यूपी के चुनाव में मुसलमानों के वोट लेने के लिए ओवैसी जहर उगल रहे हैं। ओवैसी के बयान भी ऐसे हैं जिन्हें लिखा भी नहीं जा सकता। ओवैसी ने विगत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, वह हिंसा से भी ज्यादा है। कांग्रेस को ओवैसी के ऐसे बयानों पर कोई एतराज नहीं होता है। राहुल गांधी और अशोक गहलोत में हिम्मत हो तो ओवैसी के बयानों की आलोचना करें। ओवैसी की तरह ही कई मुस्लिम नेता देश विरोधी बयान दे रहे हैं। लेकिन कांग्रेस ने कभी भी ऐसे बयानों पर एतराज नहीं किया है। राहुल गांधी और अशोक गहलोत को सारी खामियां सिर्फ हिन्दुत्व में ही नजर आती हैं? हिन्दुत्व में विश्वास रखने वाला ही हिन्दू है। देश के प्रमुख साधु-संत और धर्माचार्य हिन्दुत्व के साथ खड़े हैं। ऐसे धर्माचार्यों का आशीर्वाद हिंदुत्ववादियों के साथ ही है। जहां तक हिन्दुओं की सहिष्णुता का सवाल है तो हजारों हिन्दू प्रतिदिन अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में पूरी अकीदत के साथ जियारत करता है। राहुल गांधी और अशोक गहलोत भले ही हिन्दुत्व को हिंसा से जोड़े, लेकिन हजारों हिन्दुत्ववादी मुस्लिम परंपरा के अनुरूप ख्वाजा साहब की दरगाह में सिर पर मखमली और फूलों की चादर रख कर जियारत करते हैं। खादिम द्वारा दिए गए लच्छों को अपने गले में पहनते हैं। अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह से पुष्कर तीर्थ मुश्किल से 12 किलोमीटर दूर है, लेकिन अनेक हिन्दुत्ववादी ऐसे हैं जो दरगाह में जियारत कर अजमेर से लौट जाते हैं। ऐसे सहिष्णु हिंदुत्ववादियों के बारे में कांग्रेस के नेता कुछ भी सोचे लेकिन कांग्रेस का कार्यकर्ता भी समझता है कि हिन्दुओं पर किस विचारधारा के लोगों ने अत्याचार किए। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को यह भी पता है कि धर्म के आधार पर 1947 में देश का विभाजन हुआ। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को यह भी पता है कि किन धर्मगुरु के दो मासूम बच्चें को किस अत्याचारी ने दीवार में चिनवा दिया। किन लोगों ने तलवार के दम पर हिन्दू मंदिरों में लूटपाट की। हिन्दुओं पर इतने अत्याचारों के बाद भी राहुल गांधी और अशोक गहलोत को हिंदुत्व में हिंसा नजर आती है तो आने वाले दिनों में कांग्रेस की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (29-12-2021)
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निर्मला में निर्मलता ऐसी की 80 वर्ष की उम्र में भी दिव्यांगजनों को खिला रही हैं कबड्डी। 58 साल पहले बनी बेस्ट कैडेट।पुष्कर में दिव्यांगों की राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी प्रतियोगिता सम्पन्न। 10 राज्यों के 150 खिलाडिय़ों ने भाग लिया।

पुष्कर के होटल पुष्कर हेरिटेज के खेल मैदान पर 29 दिसंबर को दिव्यांगजनों की कबड्डी की तीन दिवसीय राष्ट्रीय प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। इस प्रतियोगिता का आयोजन स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया फार द डिसेबल की ओर से किया गया। इस संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष जयपुर की निर्मला रावत है। निर्मला की उम्र 80 वर्ष है। इस उम्र में जब किसी बुजुर्ग को स्वयं संभालने वाले की जरुरत होती है तब निर्मला रावत चुस्त दुरस्त रह कर 150 दिव्यांगों की कबड्डी प्रतियोगिता करवा रही हैं। निर्मला का कहना है कि उनमें यह जोश और उत्साह दिव्यांगों की हिम्मत और ऊर्जा देख कर है। दिव्यांगों को यदि अवसर मिले तो वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं। दिव्यांगों के जज्बे को देखते हुए ही पुष्कर में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में राजस्थान सहित महाराष्ट्र, पंजाब, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मुंबई, झारखंड बिहार उत्तर प्रदेश उड़ीसा आदि राज्यों की टीमों ने भाग लिया। करीब 150 खिलाडिय़ों ने पूरे जज्बे के साथ कबड्डी खेली। 29 दिसंबर को अंतिम दिन सभी खिलाडिय़ों को पुष्कर के रेतीले भूभाग में ऊंट की सवारी करवाई गई। प्रतियोगिता के संयोजक राजेदं्र महावर ने बताया कि कोई भी खिलाड़ी विकलांगता की भावना से ग्रसित नहीं देखा गया। खिलाड़ी अपनी विकलांगता को अवसर के तौर पर देख रहे हैं। हाल में पैरा ओलंपिक में जिस तरह भारत के दिव्यांगों ने पदक जीते हैं, उससे उनमें और उत्साह है। संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्मला रावत ने बताया कि खेल मंत्रालय दिव्यांगों के खेलों को लेकर गंभीर है। मंत्रालय का जोर योगाभ्यास पर भी है ताकि दिव्यांग खिलाड़ी भी स्वस्थ्य रह सके। निर्मला ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के दिव्यांग खिलाडिय़ों की अलग ही पहचान है। पुष्कर में मिले सहयोग के लिए निर्मला रावत ने पुष्कर हेरिटेज होटल के मालिक राजेंद्र महावर, पत्रकार राकेश भट्टे आदि का आभार जताया।
58 साल पहले मिला बेस्ट कैडेट का अवार्ड:
पुष्कर में 150 दिव्यांगों की कबड्डी प्रतियोगिता करवाने वाली 80 वर्षीय निर्मला रावत ने बताया कि 1963 में उन्होंने एनसीसी की बेस्ट कैडेट्स का सर्टिफिकेट हासिल किया और दिल्ली में 26 जनवरी को होने वाली परेड में भाग लिया। तब उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मुलाकात करने का अवसर भी मिला। 1964 में विवाह के बाद वे स्विट्जरलैंड चली गई थी, लेकिन उनके पति ने भी उनकी खेल भावना का ख्याल रखा। अब वे चाहती हैं कि भारत में ही रह कर दिव्यांगजनों को खेलों के लिए प्रेरित करुं। समाज में भी दिव्यांगजनों को लेकर सकारात्मक माहौल हे। आने वाले दिनों में खेलों की अन्य प्रतियोगिताएं भी करवाई जाएंगी। मोबाइल नम्बर 9314014040 पर 80 वर्षीय निर्मला रावत की हौसला अफजाई तथा मोबाइल नम्बर 9414300125 पर प्रतियोगिता के संयोजक राजेंद्र महावर को बधाई दी जा सकती है। 

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Tuesday 28 December 2021

आखिर एक इत्र कारोबारी के पास इतना काला धन जनरेट कैसे हुआ? क्या इसमें टैक्स वसूली वाले विभागों की भी मिलीभगत है?क्या नोटबंदी और जीएसटी के बाद भी काला धन जमा हो रहा है?

उत्तर प्रदेश के कानपुर और कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों से अब तक 300 करोड़ रुपए नकद और 200 किलो से भी ज्यादा सोना चांदी मिल चुका है। जिस तरह एक कारोबारी के यहां से इतनी धन दौलत मिली है, उससे यह सवाल उठता है कि इतना काला धन जनरेट कैसे हुआ? क्या टैक्स वसूली में अभी भी खामियां हैं, जिसका फायदा उठाकर एक कारोबारी अपने घर में 300 करोड़ रुपए के नोट भर लेता है? सरकार ने आयकर में अनेक संशोधन किए तथा टैक्स चोरी को रोकने के लिए देशभर में जीएसटी सिस्टम लागू किया गया। इन नियम कायदों की वजह से आम कारोबारी को परेशानी भी हो रही है। छोटे कारोबारी के टैक्स की चोरी करना मुश्किल है। बैंकों के नए नए कानून बना दिए हैं।पेन कार्ड को आधार से लिंक कर आम व्यक्ति के सभी बैंक अकाउंट एक नजर में रखे गए हैं। 50-50 हजार रुपए की राशि पर भी नजर रखी जा रही है। यदि कोई व्यक्ति स्कूटर भी खरीदता है तो आयकर विभाग को पता चल जाता है। जिस व्यक्ति के पास कितनी संपत्ति है इसकी संपूर्ण जानकारी आयकर विभाग के पास होती है। साधारण कारोबारी भी अब पूरी जानकारी प्रतिवर्ष आयकर विभाग को दे रहा है। बेनामी संपत्तियों पर भी सरकार ने प्रदत्त कानून बना दिए हैं। ऐसे बेईमानी करना मुश्किल है। केंद्र सरकार ने जब नोटबंदी की थी, तब यह भी दावा किया गया था कि इससे काला धन बाहर आएगा तथा भविष्य में कालाधन जर्नेट नहीं होगा। इसलिए एक हजार और पांच सौ के नोट बंद कर दिए। हालांकि बाद में सरकार ने दो हजार और पांच सौ के नए नोट जारी किए, लेकिन तब यह कहा गया कि इन नोटों का हिसाब किताब रहेगा, लेकिन एक इत्र  कारोबारी के यहां से 300 करोड़ रुपए नकद मिलना यह बताता है कि सरकार के वित्तीय सिस्टम में छेद है। पीयूष जैन के ठिकानों से 2 हजार के नोट नहीं, बल्कि पांच सौ वाले नोट मिले हैं। आखिर इतने नोट अकेले एक कारोबारी ने कैसे जमा कर लिए? कानपुर तो देश का बड़ा शहर है। जब इत्र कारोबारी पांच पांच सौ के नोट जमा कर रहा था, तब आयकर और जीएसटी वालों को भनक नहीं लगी? सब जानते हैं कि देश के प्रमुख गुटखा निर्माता कानपुर के ही है और गुटखे के निर्माण में कन्नौज के परफ्यूम की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इस खुली जानकारी के बाद भी उत्तर प्रदेश में तैनात आयकर और जीएसटी विभागों के अधिकारी आंखे बंद कर बैठे रहे। पीयूष जैन को यूपी के अधिकारियों ने नहीं पकड़ा है। विगत दिनों गुजरात के जीएसटी इंटेलिजेंस विंग ने गुटखे से भरे दो ट्रक पकड़े थे, जो बिना ई बिल के थे। ट्रकों के ड्राइवरों से ही पीयूष जैन के बारे में पता चला। पीयूष जैन अब जीएसटी और आयकर विभाग के अधिकारियों के कब्जे में है। पीयूष ने बता दिया है कि 300 करोड़ रुपए की नगदी और 200 किलो सोना चांदी किन किन गुटखा निर्माताओं का है। अब देखना है कि संबंधित अधिकारी गुटखा निर्माताओं के यहां कब कार्यवाही करते है। 

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तो सचिन पायलट के बगैर ही हो गया राजस्थान में कांग्रेस का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर।प्रशिक्षण की अवधि में पायलट राजस्थान में ही रहे।

28 दिसंबर को राजस्थान के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर जयपुर के पदमपुर में संपन्न हो गया। यह शिविर लगातार तीन दिनों तक चला। शिविर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित राष्ट्रीय स्तर के अनेक नेताओं ने संबोधित किया। इस शिविर का महत्व इसी से समझा जा सकता है कि इसमें मौजूदा जिला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों एवं प्रमुख पदाधिकारियों ने भाग लिया। तीन दिवसीय शिविर में कई सत्र हुई, लेकिन एक भी सत्र में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का संबोधन नहीं हुआ। ऐसा नहीं कि पायलट राजस्थान से बाहर थे, इसलिए शिविर में नहीं आ सके। 26 दिसंबर को जब सीएम अशोक गहलोत ने शिविर का शुभारंभ किया तब पायलट अपने निर्वाचन क्षेत्र टोंक में थे। 27 दिसंबर को जब प्रभारी महासचिव अजय माकन जयपुर आए तो पायलट ने जयपुर के निकट ही बानसूर में शहीद हंसराज गुर्जर की प्रतिमा का लोकार्पण किया। पायलट 28 दिसंबर को भी जयपुर में ही रहे। सब जानते है कि पायलट इन दिनों देश के बड़े शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस का पक्ष रख रहे हैं। ऐसे में यदि पायलट को राजस्थान कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर में आमंत्रित  किया जाता है तो वे अवश्य भाग लेते। राजस्थान और जयपुर के आसपास होने के बाद भी सचिन पायलट को कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर में न बुलाया जाना अनेक सवाल खड़े करता है। यह तब है जब डेढ़ वर्ष पहले तक सचिन पायलट की राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे। पायलट के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए ही कांग्रेस ने 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और कांग्रेस को जीत मिली थी। पायलट को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद भले ही जिला कमेटियों को भंग कर दिया गया हो, लेकिन भंग कमेटियों के अध्यक्ष ही अपने अपने जिलों में राजनीतिक गतिविधियां कर रहे हैं। जिन अध्यक्षों ने शिविर में प्रशिक्षण लिया, उनकी नियुक्ति भी पायलट ने ही की थी। शिविर में सचिन पायलट का संबोधन नहीं करने को लेकर  कांग्रेस नेताओं में भी चर्चा हो रही है। सब जानते हैं कि प्रशिक्षण शिविर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर ही हुआ है। क्या इस शिविर के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की गई है कि अब पायलट के बगैर ही राजस्थान कांग्रेस चलेगी? भले ही पायलट को कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर में नहीं बुलाया गया हो, लेकिन प्रदेश भर में पायलट की लोकप्रियता बनी हुई है।
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अजमेर के पत्रकार राजेंद्र गुंजल को सरकार की आवास और पत्रकार प्रताप सनकत को समस्या समाधान समिति का सदस्य बनाया।राजस्थान में जनसंपर्क विभाग का प्रभार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है।

अजमेर के वरिष्ठ पत्रकार और मौजूदा समय में पत्रकारों की प्रतिनिधि संस्था अजयमेरु प्रेस क्लब के महामंत्री राजेंद्र गुंजल को राज्य के जनसंपर्क निदेशालय से जुड़ी पत्रकार आवास समिति का सदस्य मनोनीत किया गया है। इसी प्रकार दैनिक भास्कर के अजमेर संस्करण के डिप्टी न्यूज एडिटर प्रताप सनकत को पत्रकार समस्या समाधान समिति का सदस्य बनाया गया है। जनसंपर्क निदेशालय से जुड़ी राज्य स्तरीय इन दो समितियों का महत्व इसलिए भी है कि मौजूदा समय में इस विभाग का प्रभार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है।  पत्रकार गुंजल पूर्व में जनसत्ता, नवभारत टाइम्स, राजस्थान पत्रिका, दैनिक नवज्योति आदि अखबारों में काम कर चुके हैं।  अजमेर में पत्रकारों के लिए बनी आवासीय कॉलोनी में भी गुंजल की महत्त्वपूर्ण भागीदारी  रही है। अजमेर और जयपुर जैसी आवासीय  कॉलोनियां पत्रकारों के लिए प्रदेशभर में बने, इसमें अब गुंजल की सक्रिय भूमिका होगी। गुंजल का मानना है कि जिन रियायतों के साथ अजमेर में कोटड़ा क्षेत्र में पत्रकार कॉलोनी बनी है, वैसी ही कॉलोनियां प्रदेश के अन्य शहरों में भी बनाई जाए। गुंजल का कहना है कि इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का उदार रुख है। प्रदेश भर के पत्रकारों से विचार विमर्श कर पत्रकार कॉलोनी के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री को सुझाव दिए जाएंगे। मोबाइल नंबर 9414259372 पर राजेंद्र गुंजल को बधाई दी जा सकती है। इसी तरह पत्रकार प्रताप सनकत को राज्य स्तरीय पत्रकार समस्या समाधान समिति का सदस्य मनोनीत किया गया है। दैनिक समाचार पत्रों में काम करने वाले पत्रकारों और छोटे समाचार पत्रों के सम्पादकों की अनेक समस्याएं होती है। जिनका समाधान जनसंपर्क निदेशालय के स्तर पर होता है। कई बार अधिकारियों की अड़ंगेबाजियों के कारण पत्रकारों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता है। लेकिन अब समितियों में पत्रकारों को प्रतिनिधित्व मिल गया, अब ऐसी समस्याओं का समाधान हो सकेगा। पत्रकार सनकत लंबे समय से पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष रहे हैं। दैनिक भास्कर से पहले सनकत राष्ट्रीय और प्रादेशिक अखबारों में काम कर चुके हैं। सनकत भास्कर के अजमेर संस्करण की शुरुआत से ही जुड़े हुए हैं। सनकत ने कहा है कि पत्रकारों की समस्याओं के समाधान का हर संभव प्रयास किया जाएगा। मोबाइल नंबर 9983989111 पर प्रताप सनकत को बधाई दी जा सकती है। सनकत भी अजयमेरु प्रेस क्लब के अध्यक्ष रह चुके हैं। क्लब के अध्यक्ष डॉ. रमेश अग्रवाल ने गुंजल और सनकत को बधाई दी है। 

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Sunday 26 December 2021

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को एक सूत्र में बंधाने का काम कर रहे है।राजस्थान भाजपा के संगठन महासचिव चन्द्रशेखर का अजमेर दौरा।

पिछले चार वर्ष से राजस्थान में भाजपा संगठन के केन्द्र बिन्दु ओर प्रदेश संगठन महासचिव चन्द्रशेखर 24व 25 दिसम्बर को अजमेर दौरे पर रहे। इस दौरान 25 दिसम्बर को भाजपा के युवा नेता अनीष मोयल के कचहरी रोड़ स्थित आवास पर मुझे चन्द्रशेखर से मुलाकात काने का अवसर मिला। मैंने जब राष्ट्र्ीय स्तर पर उनके विचार जानने चाहे तो चन्द्रशेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले सात वर्षों से देश को एक सूत्र में बांधने का काम कर रहें। यही वजह कि आज अन्तर्राष्ट्र्ीय मंच पर भारत एक मजबूत स्थिति में खड़्ा है। सबसे मजबूत काम तीनों सेनाओं में समन्वय के लिए सीडीएस की नियुक्ति करना हैं। प्रदेशों में अलग अलग टैक्स व्यवस्था को समाप्त कर एक सामान टैक्स के लिए जीएसटी प्रणाली लागू की है। आधार कार्ड को बहुउननेशीय बनाया गया है। आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ा जा रहा है ताकि राष्ट््रव्यापी मतदाता सूची तैयार हो सके। वन नेशन वन राशन कार्ड का काम भी किया जा रहा है। चन्द्रशेखर ने की कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर इस प्रदेश को देश की मुख्यधारा से जोड़ा गया है। 370 के हटने के बाद सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी रूकी है तथा पाकिस्तान से आंतकवाद की घुसपैठ भी कम हुई है। पहले हम देखते  थे कि पूर्वोत्तर राज्यों में माहौल अंशांत था लेकिन अब सेवनसिस्टर वाले इन राज्यों में शांति है। अलगाववादियों पर नियंत्रण किया गया है। असम में बोडो आन्दोलन हो यर फिर नागालैंड में नागा आन्दोलन। सभी जनजातियों की समस्याओं का समाधान देशहित में किया गया ीै। यानि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक शांति का माहौल बनाया गया है। चन्द्रशेखर ने कहा कि अपने ही देश में कोरोना की वैक्सीन बनाने और फिर सवासौ करोड़ देशवासियों को निशुल्क वैक्सीन लगाने में मामले में तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया में इतिहास रच दिया है। भारत में हुए वैक्सीन के काम को अमेरिका और इंगलैण्ड जैसे विकसित देश भी अजूबा मान रहे। भारत सरकार ने न केवल देश में वैक्सीन उपलब्ध करवायी बल्कि जरूरतमंद देशों को भी दी। वैक्सीन का डेटा रिकार्ड में तो भारत ने कमाल ही कर दिया।वैक्सीन लगवाने वाले ही व्यक्ति का रजिस्ट्र्शेन किया गया है। वैक्सीन लगाने के तुरन्त बाद आन लाइन सार्टिफिकेट भी मिल रहा है। ऐसा दुनिया के किसी भी देश में नहीं हुआ। भारत में बनी वैक्सीन को दुनियाभर में मान्यता लिी है। आजादी के बाद यह पहला अवसर है जब अन्तर्राष्ट्र्ीय जगत में भारत की इतनी मजबूती दिख रही है। नरेन्द्र मोदी जहां भारत को एक सूत्र में बांध रहे हैं वही दशकों पुरानी समस्याओं को जड़ से समाप्त किया जा रहा है। हम सब जानते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय नहीं होने से महिलाओं को कितनी परेशानी होती थी। शौच के लिए महिलाओं क ो अंधेरा होने का इंतजार करना पड़ता था, लेकिन आज घर घर में शैचालय बन गए हैं। चूल्हे के जहरीले धूएं से निजात दिलाने के लिए ग्रामीण महिलाओं को रसोई गैस के कनेक्षन निशुल्क दिए गए है। और अब हर घर में नल से जल पहुंचाने का काम युद्व स्तर पर किया जा रहा है। देश के प्रत्येक परिवार को आयुष्मान भारत योजना में पांच लाख रूपये तक का स्वास्थ्य बीमा दिया गया है। असंगठित श्रमिकों का राष्ट्र्व्यापी रजिस्ट्र्शेन किया जा रहा है। हर चार माह में किसानों के बैंक अकांउट में मोदी सरकार दो हजार रूपये की राशि जमा करवा रही है। विपक्ष बार बार पहुंचता है कि मोदी सरकार ने सात वर्ष में क्या किया। इसका जवाब शहरी और ग्रामीण मतदाता दे रहा है। कोरोना की स्थिति को देखते हुए देश के अस्सी करोड़ लोगों को प्रतिमाह पांच किलो अनाज निशुल्क दिया जा रहा है। मोदी सरकार की कल्याणकारी योजना का लाभ बिना किसी भेदभाव के दिया जा रहा है। चन्द्रशेखर ने कहा कि अब विपक्ष के पास मोदी सरकार की आलोचना का कोई मुददा नहीं है, इसीलिए वह संसद को भी नहीं चलने देता। सरकार जब हर मुददे पर चर्चा को तैयार है तो फिर विपक्ष के सांसद संसद में हंगामा क्यों करते है। कांग्रेस जयपुर में तो मंहगाई के विरोध में रैली करती है जब संसद में मंहगाई पर चर्चा होती तो सदन को चलने नहीं दिया जाता। यह कांग्रेस का दोहरा चरित्र है। राजनीतिक कारणों से कांग्रेस की स्थिति कितनीखराब है इसका अंदाजा गंाधी परिवार को मार्च में होने वाले पांच राज्यों के चुनाव से जग जाएगा। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और जेपी नडडा के नेतत्व में भाजपा स्थिति लगातार मजबूत हो रही है। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेत़त्व वाली कांग्रेस सरकार के विरोध में प्रबल जन विरोधी लहर है। गहलोत ने पिछले तीन वर्षों में केन्द्र सरकार की आलोचना करने के अलावा कोई काम नही किया है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (26-12-2021)
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राहुल जी! राजस्थान में वैक्सीन की पहली ओर दूसरी डोज लगवाने का इंतजाम तो करवाये।आखिर नाइट कफ्र्यू को प्रभावी कब बनवायेंगे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत। पड़ोसी राज्यों के लाखों लोग नववर्ष का जश्र मनाने के लिए राजस्थान आ गए है। क्या इससे कोराना का संकम्रण नहीं फैलेगा?

कांग्रेस के राष्ट़्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने कहा है कि बच्चों को नहली ओर वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना की बूस्टर डोज देने का निर्णय केन्द्र की मोदी सरकार ने उनकी सलाह पर लिया है। 26 दिसम्बर को राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार के फैसले को सही ठहराया। विपक्ष में होने के कारण राहुल गांधी हमेशा ही मोदी सरकार की आलोचना करते है, लेकिन यह अच्छी बात है कि 26 दिसम्बर को वैक्सीन के मामले में राहुल गांधी ने मोदी सरकार की सराहना की है। 25 दिसम्बर को रात क ो दस बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो घोषणा की उसके अनुरूप देश में 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष वाले बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लगना शुरू हरे लाएगी। इसी प्रकार 10 जनवरी से स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वक र्स को भी प्रीकाशन डोज तथा 60 वर्ष से अधिक नागरिकों को डाक्टर की सलाह पर वैक्सीन की तीसरी डोज लगेगी। मोदी सरकार ने भले ही यह निर्णय राहुल गांधी की सलाह पर लिया हो लेकिन इससे कोरोना के नए वैरिएंट को रोकने में मदद मिलेगी। सब जानते हैं कि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेत़त्व में कांग्रेस की सरकारचल रही है। लेकिन वैक्सीनेशन के मामले में राजस्थान बहुत पिछड़ा हुआ है। लाखों लोगों को पहली डोज भी नहीं लगी है तथा लाखें लोग नहली डोज लगवाने के बाद गयाब हो गए है। चिकित्सा वैज्ञानिकों का मानना है कि 45 दिन के अंतराल में दूसरी डोज नहीं लगवाने पर पहली डोज बेअसर हो जाती है। यानि राजस्थान में वैक्सीन नहीं लगवाने वालों की संख्या ओर बढ़ गई। वैक्सीन नहीं लगवाने वालों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुस्से में है। जुर्माना तक लगााने की धमकी दी गई है। अच्छा हो कि राहुल गांधी राजस्थान में वैक्सीनेशन को प्रभावी बनाने के लिए ही गहलोत सरकार को ही सुझाव दे। कांग्रेस शासित राजस्थान में जब लोग पहली डोज ही नहीं लगवा रहै है, तब बूस्टर डोज के कोई मायने नहीं है।
नववर्ष का जश्न
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राजस्थान के सभी पड़ौसी राज्यों ने नाइट कफर्यू लगने से हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात आदि में नववर्ष के जश्र पर प्रतिबंध लग गया है। ऐसे में इन राज्यों के लाखों लोग नववर्ष का जश्न मनाने के लिए राजस्थान आ गये है। यही वजह है कि राजस्थान के सभी होटल रिसोर्ट आदि फुल हो गए है। एक ओर राजस्थान में वैक्सीनेशन का काम धीमा है वही लाखों लोगों के बाहर से आ जाने के कारण कोरोना संकम्रण का खतरा बढ़ गया है। सीएम अशोक गहलोत ने 23 दिसम्बर को मौजूदा हालातों पर चिकित्सकों के साथ विचार विमर्श भी किया था। तब गहलोत ने कहा कि राजस्थान में नाइट कफर्यू पहले से ही लगा हुआ है। सरकार को सख्ती बरतने के आदेश देने है। सवाल उठता है कि अभी तक भीसख्ती बरतने के आदेश क्यों नहीं दिए गए है? क्या सरकार खुद संकम्रण को आंमत्रित कर रही है? सरकार के लिए नववर्ष का जश्न ज्यादा जरूरी है? अच्छा हो कि राजस्थान में भी जल्द से जल्द नाइट कफर्यू को प्रभावी बनाया जायें।

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Saturday 25 December 2021

किसान आंदोलन की आड़ में सक्रिय हुए थे खालिस्तान के समर्थक। अब पंजाब को भुगतना पड़ रहा है।आखिर हालात बिगाड़ने के लिए कौन जिम्मेदार है? राजनेताओं को देशहित में भी सोचना चाहिए।

पंजाब के लुधियाना कोर्ट में हुए बम विस्फोट में 25 दिसंबर को चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई है। 23 दिसंबर को हुए विस्फोट में गगनदीप नाम का जो व्यक्ति मारा गया, वही बम को प्लांट कर रहा था। गगनदीप पंजाब पुलिस का बर्खास्त हैड कांस्टेबल तो है ही साथ खालिस्तान समर्थक बब्बर खालसा इंटरनेशनल से भी लिंक है। यह समूह पाकिस्तान से हैंडिल होता है। यानी लुधियाना बम ब्लास्ट एक सोची समझी साजिश है। 24 दिसंबर  को ही पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि कपूरथला गुरुद्वारे में बेअदबी नहीं हुई थी। यहां एक युवक की मौत के मामले में गुरुद्वारे से जुड़े एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पंजाब में इन दिनों जो कुछ भी घटित हो रहा है, उसका खामियाजा चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को ही उठाना पड़ रहा है। चन्नी इस समय चारों तरफ से घिरे हुए है। सब जानते हैं कि किसान आंदोलन को सबसे ज्यादा हवा कांग्रेस ने ही दी थी। जब सुरक्षा एजेंसियों ने किसान आंदोलन में खालिस्तान समर्थकों के घुसपैठ की बात कही तो कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की ओर से कहा गया कि किसानों को खालिस्तानी बताया जा रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर नेशनल हाईवे पर पक्के मकान बनाकर कब्जा करने वाले सभी लोगों को विपक्षी दल किसान मान रहे थे। सब जानते हैं कि गत 26 जनवरी को भी अराजकतत्वों ने किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली के लाल किले पर उपद्रव किया था। तब कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल ऐसे किसानों की हौसला अफजाई कर रहे थे। तब विपक्षी दलों ने अराजकतत्वों की निंदा नहीं की। गांधी परिवार और विपक्षी दल माने या नहीं, लेकिन किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तान के समर्थक सक्रिय रहे। तब भले ही कांग्रेस ने ऐसे तत्वों को केंद्र सरकार के खिलाफ इस्तेमाल किया, लेकिन आज वो ही तत्व पंजाब में चरण जीत सिंह चन्नी की सरकार के लिए मुसीबत बने हुए हैं। यह तब हो रहा है जब पंजाब में तीन माह बाद ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। चुनाव में हर राजनीतिक दल अपनी अपनी ढपली बजा रहा है और खालिस्तान के समर्थक बम विस्फोट कर रहे हैं। यदि सत्ता के लालची नेताओं का यही रवैया रहा तो अराजकतत्व चुनाव में अपनी स्थिति और मजबूत कर लेंगे। पंजाब में आतंकवाद को समाप्त करवाने में कांग्रेस ने तो बड़ी कीमत चुकाई है। यदि अब कांग्रेस गंभीरता नहीं दिखाएगी तो पंजाब के हालात और बिगड़ेंगे। राजनीतिक दलों की यह जिम्मेदारी है कि वह चुनाव से ज्यादा पंजाब में अमन चैन को महत्त्व दें। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब के हालात पूरी ईमानदारी के साथ देश के सामने रखने चाहिए। राजनीति की वजह से चन्नी को ऐसा कोई काम नहीं करें, जिससे देश कमजोर होता हो। 

S.P.MITTAL BLOGGER (25-12-2021)
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वैक्सीन नहीं लगवाने वालों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गुस्सा जायज है।लाखों राजस्थानियों ने दूसरी डोज ही नहीं लगवाई। राशन सामग्री बंद की जा सकती है।राजस्थान में नाइट कर्फ्यू तो लागू है-मुख्यमंत्री

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना की वैक्सीन को अनिवार्य कर दिया है। 31 जनवरी तक जो व्यक्ति वैक्सीन नहीं लगवाएगा उस पर जुर्माना लगाया जाएगा तथा उसे सरकार की योजनाओं से भी वंचित कर दिया जाएगा। 24 दिसंबर को सीएम गहलोत ने कोरोना संक्रमण को प्रदेश के चिकित्सा वैज्ञानिकों और वरिष्ठ चिकित्सकों से संवाद किया। गहलोत ने इस बात पर नाराजगी जताई कि लाखों लोगों ने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है। इस संवाद वैक्सीन नहीं लगवाने वालों को लेकर सीएम गहलोत ने जो नाराजगी जताई है, वह वाजिब है। जब कोरोना की तीसरी लहर ने ओमिक्रोन वायरस के तौर पर दस्तक दे दी है तब वैक्सीन नहीं लगवाना बहुत गंभीर बात है। सवाल उठता है कि क्या लोग मरने से नहीं डरते हैं? दुनिया में ऐसे अनेक देश हैं जो कोरोना की वैक्सीन के लिए तरस रहे हैं। ऐसे देशों के प्रमुख वैक्सीन के लिए मुंह मांगी कीमत देने को तैयार है, लेकिन फिर भी वैक्सीन नहीं मिल रही है। इसके विपरीत भारत में वैक्सीन मुफ्त में लगाई जा रही है। राजस्थान में वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक है। राज्य का चिकित्सा महकमा भी वैक्सीन लगाने के लिए तैयार है। अब पहले ही तरह स्वास्थ्य केंद्रों पर लाइन भी नहीं लग रही है। उल्टे स्वास्थ्य कर्मी घर घर जाकर वैक्सीन लगा रहे हैं। सब जानते हैं कि कोरोना वायरस से बचने के लिए वैक्सीन ही सबसे बड़ा हथियार है, लेकिन फिर भी यदि लाखों लोग वैक्सीन नहीं लगवाते हैं तो अफसोसनाक बात है। वैक्सीन लगवाने के लिए सरकार को जुर्माना लगाना पड़े, यह लोगों की लापरवाही दर्शाता है। हो सकता है कि कुछ लोग अपनी धार्मिक भावनाओं के चलते वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं, लेकिन धार्मिक भावनाओं का तभी महत्व है जब इंसान बचेगा। यदि कोरोना संक्रमण से मौत हो जाएगी तो फिर धार्मिक भावनाओं का क्या होगा? कोई धर्म नहीं सिखाता कि स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जाए। कुछ लोगों को लगता है कि जब हम कोरोना की दूसरी लहर में भी संक्रमित नहीं हुए तो अब तीसरी लहर में भी बच जाएंगे। ऐसे लोगों का तर्क नहीं बल्कि कुतर्क कर रहे हैं। अच्छा हो कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भावनाओं के अनुरूप प्रदेश के सभी नागरिक वैक्सीन लगवाएं। दूसरी लहर में हम सबने देखा कि संक्रमित व्यक्तियों को सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में पलंग तक नहीं मिले। कोई ऑक्सीजन के अभाव में तो कोई वेंटिलेटर नहीं मिलने की वजह से मर गया। जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है वे एक बार उन परिवारों से मिले, जिनके किसी सदस्य की मौत दूसरी लहर में हुई है। लोगों को सारी जिद्द छोड़कर सबसे पहले वैक्सीन लगवानी चाहिए। 24 दिसंबर के संवाद में यह बात भी सामने आई कि राजस्थान में लाखों लोग ऐसे हैं जिन्होंने एक सिर्फ डोज लगवाई है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना से बचने के लिए दोनों डोज जरूरी है। यदि दूसरी डोज नहीं लगवाई जाती है तो पहली डोज बेअसर है। समझ में नहीं आता कि लोगों ने दूसरी डोज क्यों नहीं लगवाई?
नाइट कर्फ्यू लागू है:
चिकित्सा वैज्ञानिकों के साथ संवाद में सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक का नाइट कर्फ्यू लागू है। दूसरी लहर में जो नाइट कर्फ्यू लगाया था, वह अभी तक हटाया नहीं है। पुलिस ने सख्ती करना छोड़ दिया था, लेकिन बढ़ते संक्रमण को देखते हुए नाइट कर्फ्यू को लेकर फिर से सख्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री के इस कथन से साफ जाहिर है कि जिला प्रशासन अपने स्तर पर होटल, रिसोर्ट आदि में होने वाले नव वर्ष के जश्नों पर रोक लगा सकता है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश में नव वर्ष के कार्यक्रम नहीं होने चाहिए। 
S.P.MITTAL BLOGGER (25-12-2021)
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Tuesday 21 December 2021

देश भर के दो लाख राजपूत 22 दिसंबर को जयपुर के भवानी निकेतन में जुटेंगे।श्री क्षत्रिय युवक संघ का हीरक जयंती समारोह। सीएम अशोक गहलोत, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को भी बुलाया।अजमेर जिले से भी 100 बसें जाएंगी।

श्री क्षत्रिय युवक संघ का हीरक जयंती समारोह 22 दिसंबर को जयपुर के भवानी निकेतन में धूमधाम से मनाया जाएगा। समारोह में देशभर से करीब दो लाख राजपूत जुटेंगे। संघ की स्थापना 22 दिसंबर 1946 को हुई थी। मौजूदा समय में लक्ष्मण सिंह (जेमलियावास) संघ प्रमुख है। समारोह को सफल बनाने में विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र सिंह राठौड़ और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र राठौड़ भी सक्रिय हैं। कहा जा रहा है कि इस समारोह का राजनीति से कोई सरोकार नहीं है। इसलिए कांग्रेस-भाजपा और अन्य दलों में सक्रिय नेताओं की भी भागीदारी है। चूंकि यह समारोह जयपुर में हो रहा है, इसलिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया को खासतौर से आमंत्रित किया गया है। समारोह में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी भाग लेंगे। इस समारोह में राजपूत समाज के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। राजस्थान की राजनीति में राजपूत समाज का हमेशा से ही दबदबा रहा है। पूर्व राजघरानों के सदस्य भी राजनीति में सक्रिय हैं। प्रदेश की राजनीति में जहां राजपूत समाज की मजबूत भागीदारी है, वहीं राजपूत समाज की अनेक संस्थाएं सामाजिक कार्यों से भी जुड़ी हुई है। भवानी निकेतन के माध्यम से अनेक संस्थाएं शैक्षणिक क्षेत्र में सक्रिय हैं। राजपूत समाज  के जरूरतमंद युवाओं को अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति तो दी ही जाती है साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग की व्यवस्था भी की जाती है। कहा जा सकता है कि शैक्षणिक गतिविधियों में राजपूत समाज अन्य समाजों से आगे हैं। समारोह के संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9950303054 लक्ष्मण सिंह जेमलियावास से ली जा सकती है।
अजमेर जिले से सौ बसें:
समारोह से जुड़े देवेंद्र सिंह बाजियावास ने बताया कि अजमेर जिले से राजपूत समाज के लोग सौ बसों में भर कर 22 दिसंबर को जयपुर पहुंचेंगे। श्री क्षत्रिय युवक संघ के हीरक जयंती समारोह में भाग लेने के लिए समाज के लोगों ने जबरदस्त उत्साह है। अजमेर से लोगों को ले जाने के कार्य में विजय राज सिंह जालिया, शिवदयाल सिंह कुड़ी आदि की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। समारोह के संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9749922222 पर देवेंद्र सिंह बाजियावास से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (21-12-2021)
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प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा को दरगाह जियारत का निमंत्रण दिया। खादिम जकरिया गुर्र्देजी ने दिल्ली आवास पर दस्तारबंदी की।दैनिक भास्कर के संपादक डॉ. रमेश अग्रवाल 6 बार अजयमेरु प्रेस क्लब के अध्यक्ष बने।शिक्षा वैज्ञानिक सोम त्यागी की परिवार की खुशहाली पर कार्यशाला 22 दिसंबर को।

अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खादिम सैयद जकरिया गुर्देजी और उनके पुत्र अली अब्बास ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी की पति रॉबर्ट वाड्रा की 20 दिसंबर को दिल्ली आवास पर दस्तारबंदी की। खादिम गुर्देजी ने ख्वाजा साहब की पवित्र मजार पर रखी गुलाबी रंग की पगड़ी वाड्रा के सिर पर बांधी और दरगाह का तबर्रुक भेंट किया। गुर्देजी ने वाड्रा परिवार के उज्ज्वल भविष्य के लिए दुआ भी की। इसके साथ ही वाड्रा परिवार को दरगाह जियारत का निमंत्रण भी दिया। वाड्रा ने कहा कि समय मिलने पर वे परिवार के साथ अजमेर आ कर दरगाह की जियारत करेंगे। वाड्रा ने दस्तारबंदी के लिए गुर्देजी परिवार का आभार जताया। जकरिया गुर्देजी ने बताया कि वे प्रियंका गांधी के लिए दुपट्टा ले गए थे, लेकिन प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश चली गई, इसलिए उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। लेकिन राबर्ट वाड्रा का व्यवहार बहुत ही आत्मीयपूर्ण रहा। मालूम हो कि गुर्देजी परिवार की दरगाह में गांधी परिवार का खिदमतगार है। गांधी परिवार के सदस्यों को दरगाह में जियारत गुर्देजी परिवार  ही करवाता है। यह सिलसिला श्रीमती इंदिरा गांधी के समय से चला आ रहा है। जकरिया गुर्देजी के पिता सैय्यद अब्दुल गनी गुर्देजी ने पहली बार श्रीमती इंदिरा गांधी को जियारत करवाई थी, तभी से राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी आदि सभी को जियारत करवाई है। ख्वाजा साहब के सालाना उर्स में कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से भेजी जाने वाली चादर को भी गुर्देजी परिवार की मजार शरीफ पर पेश करता है। इस संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829074392 पर जकरिया गुर्देजी से ली जा सकती है।
डॉ. अग्रवाल छठी बार अध्यक्ष बने:
दैनिक भास्कर के अजमेर संस्करण के संपादक डॉ. रमेश अग्रवाल छठी बार अजयमेरु प्रेस क्लब के अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किए गए हैं। निर्वाचन अधिकारी राजेंद्र गुप्ता और उमेश चौरसिया ने बताया कि डॉ. अग्रवाल के नेतृत्व वाले पैनल के अलावा किसी अन्य ने नामांकन दाखिल नहीं किया। इसलिए निर्विरोध चुनाव हुआ है। उपाध्यक्ष पद पर हरीश वरियानी, विक्रम सिंह बेदी, महासचिव पर राजेंद्र गुंजल, सचिव राजकुमार पारीक, कोषाध्यक्ष के पद पर बृजेश कुमार शर्मा निर्वाचित हुए हैं। इसके अतिरिक्त सरवर सिद्दीकी, रतनलाल बाकोलिया, सतीश शर्मा, सूर्य प्रकाश गांधी, अब्दुल सलाम कुरैशी, सुमन शर्मा, रजनीश रोहिल्ला, विवेक शर्मा, तरुण दाधीच और गिरीश दाधीच को कार्यकारिणी का सदस्य चुना गया है। डॉ. अग्रवाल मौजूदा समय में भी क्लब के अध्यक्ष हैं। यह निर्वाचन लगातार दूसरी बार हुआ है। डॉ. अग्रवाल पूर्व में भी चार बार अध्यक्ष रह चुके हैं। डॉ. अग्रवाल के प्रयासों से ही अजमेर के वैशाली नगर में अजयमेरु प्रेस क्लब का भव्य भवन बना है। इस भवन के निर्माण में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव, अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल आदि ने भी अपने अपने कोष से आर्थिक मदद की है। क्लब में इंटरनेट आदि सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है। डॉ. अग्रवाल का मानना है कि पूरे देश में अजयमेरु प्रेस क्लब एक ऐसा प्रेस क्लब है, जहां शराब के सेवन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है।
कार्य शाला 22 को:
देश के प्रमुख शिक्षा वैज्ञानिक एवं शोधकर्ता सोम त्यागी की कार्यशाला 22 दिसंबर को सायं चार बजे अजमेर के बीके कौल नगर स्थित मणिपुंज सेवा संस्थान में रखी गई है। अजमेर जिला वैश्य महासम्मेलन की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में सोम त्यागी शिकायत मुक्त, अभाव मुक्त, और रोग मुक्त परिवार बनाने के लिए टिप्स देंगे। सम्मेलन के प्रतिनिधि गिरधारी मंगल ने इच्छुक व्यक्तियों से कार्यशाला में भाग लेने की अपील की है। कार्यशाला की समाप्ति पर प्रसादी की व्यवस्था भी की गई है। कार्यशाला के संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829072977 पर गिरधारी मंगल से ली जा सकती है। 

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एक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं जो राजस्थान के किसानों की फसलों को बचाने के लिए बिजली उधार दे रहे हैं और दूसरे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल है जो छत्तीसगढ़ की खदानों से कोयला निकालने नहीं दे रहे हैं।अशोक गहलोत बताएं कि यह क्या हो रहा है?

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में जिन योगी आदित्यनाथ की सरकार को निकम्मा बताती है वही योगी सरकार अब राजस्थान के किसानों की फसलों को बचाने के लिए 700 मेगावाट बिजली अशोक गहलोत की सरकार को उधार देगी। यानी पांच वर्ष पहले जिस उत्तर प्रदेश में मात्र चार-पांच घंटे ही बिजली सप्लाई होती थी, वह प्रदेश अब राजस्थान जैसे समृद्ध प्रदेश को उधार बिजली देने की स्थिति में आ गया है। अब प्रियंका गांधी और सपा के अखिलेश यादव माने या नहीं लेकिन अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार 700 मेगावाट बिजली उधार लेने का करार योगी सरकार से किया है। गंभीर बात तो यह है कि राजस्थान में बिजली संकट भी कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ की सरकार की वजह से हुआ है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने तो छत्तीसगढ़ की खदानों से कोयला निकालने की अनुमति दे दी है, लेकिन भूपेश बघेल की सरकार राजस्थान को खदानों से कोयला निकालने नहीं दे रही है। इससे राजस्थान के बिजली उत्पादन प्लांट ठप हो रहे हैं। राजस्थान के सीएम गहलोत ने छत्तीसगढ़ सरकार की शिकायत करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा है। पत्र में आग्रह किया गया है कि छत्तीसगढ़ की खदानों से कोयला निकलवाने की अनुमति दिलवाई जाए। यानी राजस्थान में मौजूदा समय में जो बिजली संकट है वह कांग्रेस शासित प्रदेश छत्तीसगढ़ की वजह से ही है। अब अशोक गहलोत को यह बताना चाहिए कि राजस्थान में यह क्या हो रहा है? क्या गहलोत अपनी ही पार्टी के एक मुख्यमंत्री के साथ संवाद कर समस्या का समाधान नहीं निकाल सकते? कांग्रेस की अपने दम पर तीन राज्यों में सरकारें हैँ। पंजाब वाली सरकार का कार्यकाल चार माह बाद पूरा हो रहा है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकारें अभी दो साल तक चलेंगी। यानी कांग्रेस की दो सरकारें हैं और दोनों में ही आपसी तालमेल नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तो सभी अपेक्षाएं की जाती है, लेकिन कांग्रेस की दो सरकारों में भी आपसी तालमेल का अभाव है। यदि एक कांग्रेस शासित प्रदेश की सरकार की वजह से दूसरे कांग्रेस शासित प्रदेश में किसानों को परेशानी हो तो कांग्रेस के प्रबंधन का अंदाजा लगाया जा सकता है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश के किसानों की तो चिंता है, लेकिन राजस्थान के किसानों की नहीं। अशोक गहलोत बताएं कि यदि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश की सरकार बिजली नहीं दे तो राजस्थान के किसानों का क्या होगा? गहलोत माने या नहीं लेकिन प्रदेश के किसानों की मदद योगी आदित्यनाथ की सरकार की काम आई है। 
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Monday 20 December 2021

मतदाता पहचान पत्र अब आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य। लोकसभा में बिना बहस के पास हो गया चुनाव सुधार बिल।पत्रकार के सवाल पर जब राहुल गांधी को गुस्सा आया।

20 दिसंबर को लोकसभा में चुनाव सुधार बिल मंजूर हो गया है। इसके साथ ही अब मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक करवाना अनिवार्य होगा। यानी जिस प्रकार बैंक अकाउंट से आधार को जुड़वाया गया है, उसी प्रकार अब वोटर आईडी कार्ड को भी आधार कार्ड से लिंक करवाना होगा। आधार कार्ड से वोटर आईडी लिंक होने पर ही मतदाता वोट डाल सकेगा। सरकार का कहना है कि बोगस मतदान को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। जब मतदाता का वोटर आईडी कार्ड आधार से लिंक होगा तो फिर कोई भी उम्मीदवार चुनाव में फर्जी मतदान नहीं करवा सकेगा। सरकार की ओर से कहा गया कि चुनाव सुधार के कार्यों में यह सबसे पहले महत्त्वपूर्ण कदम है। कानून मंत्री किरण रिजूजी ने जब इस बिल को रखा तो लोक सभा के सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी सांसदों को बिल पर अपनी राय रखने के लिए आमंत्रित किया। लेकिन अधिकांश सांसद लोकसभा में हंगामा करते रहे, जिसकी वजह से इस बिल पर सार्थक चर्चा नहीं हो सकी। जब कोई विपक्षी सांसद बिल पर बहस करने को तैयार नहीं हुआ तो सभापति ने हाथ उठाने वाली परंपरा को निभाते हुए बिल को स्वीकृत होना घोषित कर दिया।
राहुल को गुस्सा आया:
संसद में लगातार हो रहे हंगामे को लेकर 20 दिसंबर को कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने संसद भवन परिसर में मीडिया से संवाद किया। राहुल ने कहा कि हम लद्दाख से लेकर फोन टैपिंग तक के मामले सदन में उठाना चाहते हैं, लेकिन सरकार तैयार नहीं है। इस पर एक पत्रकार ने राहुल गांधी से कहा कि सरकार का कहना है कि हाउस ऑर्डर में आएगा तभी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। इस सवाल पर राहुल गांधी नाराज हो गए। राहुल ने पत्रकार से पूछा कि क्या आप सरकार के लिए काम करते हैं? यह बात राहुल गांधी ने तीन बार दोहराई। राहुल गांधी के गुस्से को देखते हुए पत्रकार चुप हो गया। राहुल गांधी ने कहा कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी सरकार की है। विपक्ष जो मुद्दे उठा रहा है उस पर भी सदन में चर्चा करवाई जानी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि हमारे सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। सरकार इस मुद्दे पर भी बात करने को तैयार नहीं है। वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि विपक्ष द्वारा संसद का बहिष्कार किया जाना उचित नहीं है। जो दल बहिष्कार कर रहे हैं उनका चुनाव में जनता ही बहिष्कार कर रही है। जोशी ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर बहस कराने को तैयार है, लेकिन यह बहस तभी होगी, जब दोनों सदनों में शांति हो। संविधान दिवस के कार्यक्रम का बहिष्कार कर विपक्ष ने नई परंपरा डाली है जो बेहद ही शर्मसार करने वाली है। विपक्ष लोकतंत्र की दुहाई तो देता है, लेकिन संविधान दिवस के कार्यक्रम का बहिष्कार भी करता है। 
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बताएं कि ऐसे हिन्दू राष्ट्र की बात किसने कहीं, जिसमें अन्य धर्मों के लोग नहीं रह सकते।जब कश्मीर और पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं की हत्याएं की जाती है, तब अशोक गहलोत जैसे राजनेता क्यों चुप रहते हैं।

19 दिसंबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हिन्दू राष्ट्र बनाने की बातें करने वाले यह तो बताएं कि अन्य धर्मों के लोगों को कहां निकालेंगे? हालांकि समारोह सरकारी था, लेकिन गहलोत का पूरा भाषण राजनीति और हिन्दुत्व पर केंद्रित रहा। गहलोत ने यह भी कहा कि धर्म के नाम पर नरेंद्र मोदी ने केंद्र की सत्ता हासिल की है। अन्य धर्मों के लोग कहां जाएंगे, यह सवाल उठाने से पहले अशोक गहलोत को यह बताना चाहिए कि ऐसे हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात किसने कही, जिसमें अन्य धर्मों के लोग नहीं रह सकेंगे। क्या यह बात देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही? या फिर  यह सवाल अशोक गहलोत के दिमाग की उपज है? सब जानते हैं कि राजस्थान में गहलोत किस नजरिए से बयान देते हैँ। शायद गहलोत को अपनी ही सनातन संस्कृति पर भरोसा नहीं है। जिस हिन्दुत्व को लेकर गहलोत सवाल उठा रहे हैं, वह हिंदुत्व सनातन  संस्कृति की ही देन है और सनातन संस्कृति ही एकमात्र ऐसी संस्कृति है जिसमें सभी धर्मो का सम्मान है। जब हमारी सनातन संस्कृति में सभी धर्मों का सम्मान है तो फिर अन्य धर्म के लोगों को बाहर निकालने का सवाल ही नहीं उठता। नरेंद्र मोदी पिछले सात वर्षों से देश के प्रधानमंत्री हैं और प्रधानमंत्री भी ऐसे जिन्हें 545 में से 350 सांसदों का समर्थन है। 303 सांसद तो मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के ही है। अशोक गहलोत बताएं कि पिछले सात वर्ष में मोदी ने ऐसा कौन सा काम किया जो अन्य धर्मों के खिलाफ हो? उल्टे सभी धर्मों का सम्मान करने के लिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और अब सबका प्रयास का नारा लगाया है। देश में मुसलमान हो या ईसाई, सभी धर्मों के लोगों के सामने नरेंद्र मोदी की नीयत तो साफ है, लेकिन अशोक गहलोत जैसे कांग्रेस के नेता किस नीयत से सवाल उठा रहे हैं, यह पूरादेश देख रहा है। अफसोसनाक बात तो यह है कि अशोक गहलोत अपनी पार्टी की दुर्दशा की ओर नहीं देख रहे हैं। लोकसभा में 545 में से कांग्रेस के सिर्फ 52 सांसद हैं। अशोक गहलोत जिस राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं, वहां भी 25 में से कांग्रेस का एक भी सांसद नहीं है। मई 2019 में लोकसभा का चुनाव हुआ था, जब गहलोत ही मुख्यमंत्री थे। गहलोत अपने गृह जिले जोधपुर से अपने पुत्र वैभव गहलोत तक को चुनाव नहीं जितवा सके। मुख्यमंत्री के पुत्र की हार चार लाख मतों से हुइ। यह माना कि अशोक गहलोत गांधी परिवार के प्रति वफादार हैं, लेकिन गहलोत को अपनी सनातन संस्कृति पर सवाल उठाने से बचना चाहिए। असली सवा तो यह है कि जब कश्मीर और पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं की हत्याएं होती हैं तो अशोक गहलोत जैसे राजनेता चुप क्यों हो जाते हैं? क्या हिन्दुओं की हत्याओं के कोई मायने नहीं है? अशोक गहलोत जैसे नेताओं को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से सबक लेना चाहिए। गहलोत जिन नरेंद्र मोदी पर धर्म की राजनीति करने के आरोप लगा रहे हैं, उन्हीं मोदी ने काबुल एयरपोर्ट से हजारों मुसलमानों को सुरक्षित बाहर निकाला है। 
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25 बीघा में फैले पुष्कर के निर्मल आश्रम में 100 वर्ष पहले जिन श्रद्धालुओं ने कमरों का निर्माण करवाया, अब उनके परिजनों को तलाश रहे हैं डॉ. स्वामी रामेश्वरांद हरि जी महाराज।सनातन धर्म की रक्षा के लिए अब धर्म योद्धाओं की जरुरत।

अजमेर के मशहूर दंत चिकित्सक डॉ. राजेंद्र तेला के परिवार की ओर से 19 दिसंबर को पुष्कर के निर्मल आश्रम में एक स्नेह मिलन समारोह रखा गया। डॉ. तेला के पुत्र डॉ. शांतनु तेला ने सभी साधु संतों और अजमेर के गणमान्य नागरिकों की आवभगत की। इस अवसर पर आश्रम के प्रमुख और सनातन धर्म की रक्षा में लगे डॉ. स्वामी रामेश्वरानंद हरि जी महाराज ने बताया कि निर्मल आश्रम का इतिहास बहुत पुराना है। अजमेर के अग्रवाल, माहेश्वरी, सिक्ख आदि परिवारों के सदस्यों ने 100 वर्ष पहले आश्रम में अनेक कमरों का निर्माण करवाया। लेकिन ऐसे परिवार अब आश्रम से दूर हो गए हैं। मेरा प्रयास है कि उन परिवारों को फिर से जोड़ा जाए ताकि आश्रम को उपयोगी बनाया जा सके। पुष्कर के प्रभावशाली लोगों ने आश्रम की भूमि प अतिक्रमण कर लिए थे, लेकिन अब संपूर्ण 25 बीघा भूमि और आश्रम के कमरे अतिक्रमण मुक्त हो गए हैं। अतिक्रमणकारियों ने भी आश्रम की संपत्ति को निर्मल अखाड़े की संपत्ति मान लिया है। अब हर पूर्णिमा को आश्रम में साधु संतों और गणमान्य नागरिकों का स्नेह मिलन होता है। डॉ. स्वामी रामेश्वरानंद हरि महाराज ने अजमेर और राजस्थान के धर्म प्रेमियों को आश्रम में आमंत्रित किया है। चूंकि राष्ट्र रक्षा अभियान के तहत उन्हें दिल्ली या भारत भ्रमण पर रहना पड़ता है, इसलिए निर्मल आश्रम में उनकी उपस्थिति का ध्यान रखा जाए। मोबाइल नंबर 9414366010 पर स्वामी जी से संवाद किया जा सकता है। डॉ. स्वामी ने बताया कि निर्मल आश्रम या निर्मल शब्द का इतिहास भी बहुत पुराना है। गुरु नानक देव जी से जब लोगों ने उनके संप्रदाय के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, हम तो निर्मल है। इसी के साथ देश में निर्मल परंपरा की शुरुआत हुई। पुष्कर के निर्मल आश्रम को कई बीघा भूमि अजमेर के सरदार मोहन सिंह जी छाबड़ा ने 1884 में दी थी। अब उनके पुत्र नारायण सिंह छाबड़ा संपर्क में आए हैं। निर्मल परंपरा से सिक्ख समुदाय को भावनात्मक लगाव है। डॉ. स्वामी ने कहा कि वे चाहते हैं कि पुष्कर का निर्मल आश्रम अब जरुरतमंद लोगों के काम आए और यहां साधु संतों का सम्मान भी हो, ऐसे कार्यों में वैश्य समाज हमेशा आगे रहता है।
धर्म योद्धाओं की जरूरत:
डॉ. स्वामी रामेश्वरानंद हरि जी महाराज ने कहा कि आज सनातन धर्म को बचाए रखने की आवश्यकता है। मौजूदा समय में हमारे सनातन धर्म पर चौतरफा हमला हो रहा है। देश के अंदर भी ऐसी ताकतें मजबूत हो रही हैं, जो हमारी संस्कृति को नुकसान पहुंचा रही हैं। बाहरी ताकतें भी लगातार देश को कमजोर करने में लगी हुई है। अब हमें धर्म योद्धाओं की जरूरत है जो आक्रमणकारियों को मुंह तोड़ जवाब दे सकें।
ये लोग उपस्थित रहे:
डॉ. तेला परिवार की पहल पर हुए स्नेह मिलन में चार्टेट अकाउंटेंट एचएम जैन, सीताराम गोयल, इंजीनियर अनिल जैन, सुभाष चांदना, हरनाम सिंह, किसान गोपाल हेड़ा, अशोक बाफना, सत्यनारायण चौधरी, सुनील हेड़ा, विनीत कुमार पारीक, गोविंद नारायण हेड़ा, अरुण बाहेती, सुभाष काबरा आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। 
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