Sunday 27 January 2019

बहुत मायने रखता है महजबीन का अशोक चक्र पुरस्कार लेना। आतंकवादियों की गोलियों से शहीद हुए थे लांस नायक नजीर अहमद।

बहुत मायने रखता है महजबीन का अशोक चक्र पुरस्कार लेना। आतंकवादियों की गोलियों से शहीद हुए थे लांस नायक नजीर अहमद। 
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26 जनवरी को  भारत के 70 वें गणतंत्र दिवस समारोह की शुरूआत शहीद लांस नायक नजीर अहमद वानी की पत्नी महजबीन को अशोक चक्र पुरस्कार देकर हुई। अशोक चक्र भारतीय सेना का सर्वोच्च पुरस्कार है। दिल्ली के राजपथ पर जब देश के प्रमुख लोग उपस्थित थे तब श्रीमती महजबीन का नाम पुकारा गया। अपने पति के शहीद होने का गम तो चेहरे पर साफ था, लेकिन देश का सर्वोच्च पुरस्कार मिलने का गर्व भी था। अफ्रीका के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री आदि की उपस्थिति में राजपथ के ऐतिहासिक गणतंत्र दिवस के समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महजबीन को अशोक चक्र से सम्मानित किया। यह लम्हा अपने आपमें वाकई गौरवान्वित करने वाला था। हालांकि किसी भी सैनिक का शहीद होना दर्द भरा होता है, लेकिन जब उसकी शाहदत को इतना सम्मान मिलता है तो फिर देशभक्ति का जज्बा बढ़ता ही है। महजबीन के पुरस्कार ग्रहण करने के बाद ही समारोह की शुरूआत हुई। राजपथ पर अकेले मेहजबीन को ही अशोक चक्र सम्मान से नवाजा गया। महजबीन का यह पुरस्कार ग्रहण करना कई मायने में महत्वपूर्ण है। महजबीन के पति नजीर अहमद वानी सेना में भर्ती होने से पहले कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में लिप्त थे। लेकिन कश्मीर की आजादी के नाम पर आतंकियों की करतूतों को देखने के बाद नजीर वानी ने आतंक का रास्ता छोड़ दिया और अपने देश की हिफाजत के लिए सेना में भर्ती हो गए। शाहदत के समय नजीर वानी सेना की जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैट्री में लांस नायक के पद पर तैनात थे। आतंकियों ने जब सेना पर हमला किया तो सबक सिखाने के लिए नजीर ही सबसे आगे आए। नजीर ने एक आतंकी को मौत के घाट उतार दिया। नजीर दूसरे आतंकी को भी मार देते, लेकिन तब तक उनके शरीर में कई गोलियां धंस चुकी थी। हालांकि ईलाज के लिए नजीर को अस्पताल लाया गया, लेकिन लाख कोशिश के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। सैन्य अधिकारियों का मानना रहा कि नजीर ने जिस बहादुरी से आतंकियों का मुकाबला किया, वह देश के लिए गर्व की बात है। नजीर की बहादुरी को देखते हुए ही सरकार ने मरणोपरांत नजीर को सेना का सर्वोच्च सम्मान अशोक चक्र देने का फैसला किया। नजीर की शाहदत ने यह संदेश भी दिया है कि कश्मीर के युवा जो गुमराह होकर आतंकी गतिविधियों में लिप्त है, उन्हें अब अपने देश की हिफाजत करनी चाहिए। नजीर ने सही मायने में देशभक्ति का परिचय दिया है। नजीर ने जिस बहादुरी से आतंकियों का मुकाबला किया, उतने ही बड़े फैसले से सरकार ने अशोक चक्र से नवाजा है। महजबीन के गम को तो दूर नहीं किया जा सकता, लेकिन उनके पति नजीर ने देश के युवाओं में खासकर कश्मीरियों के सामने देशभक्ति का एक सबक प्रस्तुत किया है। 


एस.पी.मित्तल) (26-01-19)
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