अजमेर नगर निगम के अधिशाषी अभियंता (यांत्रिक) ने 13 नवंबर को अखबारों में विज्ञापन देकर आम लोगों को सूचित किया है कि अजमेर में एलिवेटेड रोड बनाने वाली कंपनी मैसर्स सिम्फोनिया एवं ग्राफिक्स प्रा.लि. की पाइलिंग मशीन को 15 नवंबर को प्रातः 11 बजे नीलाम किया जाएगा। यह मशीन अभी कचहरी रोड स्थित पुरानी आरपीएससी भवन के सामने पड़ी है। इसी विज्ञापन में बताया गया कि मशीन को आम रास्ते से हटाने के लिए आरएसआरडीसी के परियोजना निदेशक ने 2 नवंबर 2012 (10 वर्ष पूर्व) को पत्र लिखा था, लेकिन सिम्फोनिया कंपनी ने मशीन को नहीं हटाया। इसको लेकर 11 नवंबर 2022 को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की बैठक हुई। इस बैठक में ही पाइलिंग मशीन को जब्त और नीलाम करने का निर्णय हुआ। इसी के अनुरूप अब 15 नवंबर को प्रातः 11 बजे मशीन की नीलामी होगी। नीलामी की सरकारी बोली दस लाख रुपए रखी गई है। नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने वाले व्यक्ति को पहले 50 हजार रुपए जमा कराने होंगे।
प्रशासन की लाचारी:
नगर निगम के विज्ञापन से अजमेर प्रशासन की लाचारी प्रकट होती है। अजमेर में एलिवेटेड रोड भारत सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के तहत बन रहा है। इस योजना के सीईओ जिला कलेक्टर को बनाया गया है। कलेक्टर ने एलिवेटेड रोड का कार्य आरएसआरडीसी (राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट कारपोरेशन) को आवंटित किया है। इस एजेंसी ने मैसर्स सिम्फोनिया एंड ग्राफिक्स प्रा.लि. कंपनी को एलिवेटेड रोड बनाने का ठेका दिया है। यह रोड करीब 300 करोड़ रुपए में बन रहा है। सवाल उठता है कि जो कंपनी 300 करोड़ का काम कर रही है, वह अपनी एक मशीन को हटा नहीं रही है। जबकि स्मार्ट सिटी योजना के सीईओ स्वयं जिला कलेक्टर है। यह मशीन गत 10 वर्षों से कचहरी रोड के बीचो बीच खड़ी है। अब तो इस विशालकाय मशीन के पास ही एलिवेटेड रोड की भुजा है। यह मशीन यातायात में भी बाधक है। 10 वर्ष पूर्व लिखे पत्र के बाद भी मशीन के नहीं हटने से सिम्फोनिया कंपनी की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है। जो कंपनी प्रशासन के अधीन काम कर रही है, वही कंपनी प्रशासन को चुनौती भी दे रही है। प्रशासन कंपनी की मशीन को आपसी सहमति से हटाने की स्थिति में नहीं है, इसलिए जब्ती और नीलामी की कार्यवाही की जा रही है। इससे कंपनी और प्रशासन के संबंधों का अंदाजा भी लगाया जा सकता है। जानकारों की मानें तो सिम्फोनिया कंपनी अब अपनी शर्तो पर एलिवेटेड रोड बना रही है, क्योंकि 90 प्रतिशत से ज्यादा राशि का भुगतान हो चुका है, जबकि काम अभी काफी बाकी है। गांधी भवन से पीआर मार्ग वाली भुजा पर तो अभी पूरे गार्डर भी नहीं रखे गए हैं। सोनी जी की नसिया के निकट तो भुजा की दीवार बनाने का काम ही हो रहा है। एलिवेटेड रोड के निर्माण में जहां लगातार विलंब हो रहा है,वहीं पिछले कई वर्षों से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी बिगड़ी हुई है। शहर में लगातार जाम की स्थिति है। सिम्फोनिया कंपनी और प्रशासन के बीच तालमेल है ही नहीं। इसका खामियाजा अजमेर की जनता को उठाना पड़ रहा है।
प्रशासन की लाचारी:
नगर निगम के विज्ञापन से अजमेर प्रशासन की लाचारी प्रकट होती है। अजमेर में एलिवेटेड रोड भारत सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के तहत बन रहा है। इस योजना के सीईओ जिला कलेक्टर को बनाया गया है। कलेक्टर ने एलिवेटेड रोड का कार्य आरएसआरडीसी (राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट कारपोरेशन) को आवंटित किया है। इस एजेंसी ने मैसर्स सिम्फोनिया एंड ग्राफिक्स प्रा.लि. कंपनी को एलिवेटेड रोड बनाने का ठेका दिया है। यह रोड करीब 300 करोड़ रुपए में बन रहा है। सवाल उठता है कि जो कंपनी 300 करोड़ का काम कर रही है, वह अपनी एक मशीन को हटा नहीं रही है। जबकि स्मार्ट सिटी योजना के सीईओ स्वयं जिला कलेक्टर है। यह मशीन गत 10 वर्षों से कचहरी रोड के बीचो बीच खड़ी है। अब तो इस विशालकाय मशीन के पास ही एलिवेटेड रोड की भुजा है। यह मशीन यातायात में भी बाधक है। 10 वर्ष पूर्व लिखे पत्र के बाद भी मशीन के नहीं हटने से सिम्फोनिया कंपनी की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है। जो कंपनी प्रशासन के अधीन काम कर रही है, वही कंपनी प्रशासन को चुनौती भी दे रही है। प्रशासन कंपनी की मशीन को आपसी सहमति से हटाने की स्थिति में नहीं है, इसलिए जब्ती और नीलामी की कार्यवाही की जा रही है। इससे कंपनी और प्रशासन के संबंधों का अंदाजा भी लगाया जा सकता है। जानकारों की मानें तो सिम्फोनिया कंपनी अब अपनी शर्तो पर एलिवेटेड रोड बना रही है, क्योंकि 90 प्रतिशत से ज्यादा राशि का भुगतान हो चुका है, जबकि काम अभी काफी बाकी है। गांधी भवन से पीआर मार्ग वाली भुजा पर तो अभी पूरे गार्डर भी नहीं रखे गए हैं। सोनी जी की नसिया के निकट तो भुजा की दीवार बनाने का काम ही हो रहा है। एलिवेटेड रोड के निर्माण में जहां लगातार विलंब हो रहा है,वहीं पिछले कई वर्षों से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी बिगड़ी हुई है। शहर में लगातार जाम की स्थिति है। सिम्फोनिया कंपनी और प्रशासन के बीच तालमेल है ही नहीं। इसका खामियाजा अजमेर की जनता को उठाना पड़ रहा है।
S.P.MITTAL BLOGGER (13-11-2022)
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