राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की कक्षा की इतिहास की पुस्तक में अब मुगल साम्राज्य को नहीं पढ़ाया जा सकेगा। राजस्थान में साढ़े चार वर्ष पहले अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने निर्णय लिया था कि स्कूली पाठ्यक्रम एनसीईआरटी वाला ही होगा। चूंकि शिक्षा बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में भी एनसीईआरटी का सिलेबस ही है। इसलिए अब सीबीएसई की स्कूलों की तरह ही राजस्थान सरकार की स्कूलों में भी मुगल साम्राज्य को नहीं पढ़ाया जाएगा। एनसीआरटी ने इतिहास की पुस्तक थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री पार्ट-2 में बदलाव के तहत किंग्स एंड क्रॉनिकल्स द मुगल कोटर्स (16वीं और 17वीं) शताब्दी से संबंधित अध्याय को हटा दिया है। राजस्थान की तरह उत्तर प्रदेश भी उन राज्यों में शामिल हैं, जहां एनसीआरटी के कोर्स को ही लागू किया गया। जानकारी के अनुसार एनसीईआरटी के कोर्स सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत लगातार बदलाव किए जा रहे हैं। नई शिक्षा नीति में गुलामी के प्रतीक माने जाने वाले पाठ्यक्रमों को हटाया जा रहा है। इसके स्थान पर देश के लिए बलिदान देने वालों के इतिहास को तरजीह दी जा ही है। माना जाता है कि आजादी के बाद वामपंथी विचारधारा के शिक्षाविदों ने देश के इतिहास को सही तरीके से नहीं लिखा। जो आक्रमणकारी रहे उनकी बहादुरी का बखान किया गया और जिन्होंने देश की सनातन संस्कृति को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया उन्हें इतिहास में उल्लेखित नहीं किया गया। ऐसे लोग आदिवासी क्षेत्रों के भी रहे हैं, जिन्होंने पहले मुगल आक्रमणकारियों और फिर अंग्रेजों से लोहा लिया। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य है कि जिन लोगों ने देश के लिए अपना बलिदान दिया, उनके इतिहास को युवा पीढ़ी पढ़े और देशभक्त बने। हालांकि कांग्रेस और वामपंथी विचारधारा के शिक्षाविद नई शिक्षा नीति का विरोध करते रहे हैं। चूंकि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए यह देखना होगा कि एनसीईआरटी के बदलाव पर सरकार का क्या रुख रहता है। यदि नजरिए में बदलाव नहीं होता तो राजस्थान के युवा भी अब मुगल साम्राज्य के इतिहास को नहीं पढ़ पाएंगे।
S.P.MITTAL BLOGGER (04-04-2023)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9929383123
To Contact- 9829071511
No comments:
Post a Comment