Tuesday 18 April 2023

रघु शर्मा ने भी माना पायलट को साथ रखने पर ही कांग्रेस सरकार रिपीट होगी।अब अशोक गहलोत बताएं कि स्वयं के दम पर सरकार कैसे रिपीट होगी?रगड़ाई के जवाब में धुआं निकलने की बात आई।

रघु शर्मा कांग्रेस के उन चुनिंदा विधायकों में शामिल है, जिन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सबसे ज्यादा सत्ता की मलाई चटाई है। केकड़ी से विधायक बनते ही राजस्थान का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री बनाया। तब स्वास्थ्य महकमे पर कितने आरोप लगे, यह सबको पता है। बाद में रघु को गुजरात का प्रभारी बनाकर गहलोत ने राजनीतिक कद ऊंचा कर दिया। अब इन्हीं रघु शर्मा का मानना है कि राजस्थान में सचिन पायलट के सहयोग के बगैर कांग्रेस सरकार रिपीट नहीं होगी। रघु ने यह बात तब कही है, जब सीएम गहलोत 17 से 20 अप्रैल तक खुद विधायकों से फीडबैक ले रहे हैं। जबकि गहलोत तो पायलट को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं। जब रघु शर्मा जैसे विधायक को ही गहलोत के दम पर भरोसा नहीं है तो फिर अन्य विधायकों की राय का अंदाजा लगाया जा सकता है। केकड़ी में जो स्थिति रघु शर्मा की है, वहीं स्थिति कांग्रेस के अन्य विधायकों की अपने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में है। कोई विधायक यह कहने की स्थिति में नहीं है कि अकेले अशोक गहलोत के दम पर चुनाव जीता जा सकता है। गहलोत ने विधायकों के फीडबैक का प्रोग्राम इसलिए रखा ताकि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के समक्ष अपनी ताकत का प्रदर्शन कर सके। गहलोत को उम्मीद थी कि 19 नए जिले बनाने, किसानों को दो हजार यूनिट फ्री बिजली देने, ओपीएस लागू करने आदि की वजह से कांग्रेस के विधायक फीडबैक में प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की मौजूदगी में उनकी जय जयकार करेंगे। गहलोत ने जिला तो केकड़ी को भी बनाया है, लेकिन विधायक रघु शर्मा का मानना है कि चुनाव तो सचिन पायलट के सहयोग ही जीता जाएगा। सवाल उठता है कि जब गहलोत के सबसे खास और भरोसेमंद विधायक रघु शर्मा के ऐसे ख्याल है तो गहलोत ने पायलट की अनदेखी क्यों कर रखी है? रघु शर्मा ने गहलोत को जमीनी हकीकत से अवगत करा दिया है। फीडबैक अभियान 20 अप्रैल तक चलेगा, लेकिन रघु ने तो पहले दिन अभियान के उद्देश्य पर पानी फेर दिया है। गहलोत की तमाम बजट घोषणाएं धरी रह गई हैं।
 
रघु की लाचारी:
हालांकि रघु शर्मा ने गहलोत को जमीनी हकीकत से अवगत कराया है, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में केकड़ी से चुनाव जीतने के लिए रघु को पायलट के समर्थन की जरूरत है। रघु को भी पता है कि सत्ता के घमंड में उन्होंने सचिन पायलट का बहुत अपमान किया है। केकड़ी में पायलट के समर्थक खासकर गुर्जर समुदाय के लोग रघु से खास नाराज हैं। ऐसी परिस्थितियों में रघु का केकड़ी से चुनाव जीतना आसान नहीं है। मंत्री रहते हुए रघु ने केकड़ी के छोटे छोटे दुकानदारों को भी परेशान किया। यहां तक कि की गुड़ की गजक बेचने वालों पर स्वास्थ्य विभाग से छापे पड़वाएं। अपनी राजनीतिक स्थितियों को देखते हुए ही रघु अब सचिन पायलट की चमचागिरी करने लगे हैं। लेकिन सवाल उठता है कि रघु की चमचागिरी पर भरोसा कौन करेगा? सत्ता की इतनी मलाई चाटने के बाद भी जो व्यक्ति अशोक गहलोत का नहीं हुआ, वह सचिन पायलट का क्या होगा? रघु ने मंत्री रहते हुए जो भी किया उसका परिणाम छह माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में सामने आ जाएगा। रिपीट तो रघु शर्मा का भी मुश्किल है।
 
अब धुआं निकलेगा:
2019 के सियासी संकट में सीएम गहलोत का कहना रहा कि राजनीति में सचिन पायलट को रगड़ाई के बगैर ही बहुत कुछ मिल गया था। इसलिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम पद का महत्व नहीं समझा। सीएम गहलोत ने जिस रगड़ाई शब्द का इस्तेमाल किया उसी के जवाब में अब 17 अप्रैल 2023 को सचिन पायलट ने धुआ निकालने की बात कही है। झुंझुनूं के खेतड़ी में आयोजित शहीद श्योराम गुर्जर की प्रतिमा के आनावरण समारोह में कहा कि मैं किसी के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता,लेकिन जब विरोध करता हंू तो धुआ निकाल देता हंू। इसलिए मैं न डरुंगा न पीछे हटूंगा। मालूम हो कि पायलट ने गत 11 अप्रैल को पूर्ववर्ती भाजपा के भ्रष्टाचार के मामले की जांच करवाने की मांग को लेकर जयपुर में एक दिन का धरना दिया था। तभी से सीएम गहलोत के खेमे में हलचल मची हुई थी। सूत्रों की माने तो गहलोत ने पूरा दबाव बनाया कि अब पायलट को कांग्रेस से निकाल दिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। गहलोत ने जो दबाव बनाया उसी के मद्देनजर पायलट का कहना रहा कि जब वे विरोध करते हैं तो धुआ निकाल देते हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (18-04-2023)
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