Wednesday 22 June 2022

नौकरशाही से तंग आकर सतगुरु ग्रुप अजमेर से अपना कारोबार समेटने की तैयारी में।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर एक हजार 55 करोड़ रुपए का निवेश अजमेर में कर रखा है।दीपमाला इंफ्रा एस्टेट एंड टाउंस की फाइल चार बार नगर निगम में जमा करवाई गई है। हार बार फाइल गायब हो जाती है।

अजमेर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला सतगुरु इंटरनेशनल ग्रुप अब अजमेर से अपना करोड़ों का कारोबार समेटने की तैयारी में है। ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट राजा डी ठारानी ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सकारात्मक पहल पर ग्रुप ने अजमेर में एज्युकेशन, रियोस्टेट, होटल्स, आईजी आदि के क्षेत्रों में 1 हजार 55 करोड़ रुपए का निवेश किया। इस निवेश के लिए प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल खुद दुबई आए और उन्होंने ग्रुप के पदाधिकारियों से मुलाकात की। धारीवाल ने सीएम गहलोत की ओर से भरोसा दिलाया कि राजस्थान में निवेश करने पर कोई परेशानी नहीं होगी। निवेशकर्ता को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। विभिन्न विभागों की एनओसी और लाइसेंस निवेशकर्ता के दफ्तर में पहुंचाए जाएंगे। धारीवाल के भरोसे पर ही हमने अजमेर में विभिन्न क्षेत्रों में एक हजार 55 करोड़ रुपए का निवेश किया, लेकिन नौकरशाही द्वारा तंग किए जाने के कारण अब हमारा ग्रुप अजमेर से अपना कारोबार समेटने की तैयारी में है। ठारानी ने आरोप लगाया कि कुछ स्वार्थी लोग झूठी शिकायतें करते हैं और उन पर कुछ अधिकारी जांच बैठा देते हैं। इससे हमें अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने में परेशानी हो रही है। बार बार आरटीआई लगाकर भी हमें परेशान किया जा रहा है। सच के सारे सबूत सरकारी दफ्तरों में मौजूद हैं। लेकिन फिर भी जांच के नाम पर हमें बार बार दफ्तर बुलाया जाता है। सिविल लाइन स्थित सतगुरु ग्रुप के दीपमाला इन्फ्राएस्टेट के सात मंजिला टाउनशिप के बारे में ठारानी ने बताया कि चार माह पहले हमें सूचित किया गया कि नगर निगम में फाइल नहीं मिल रही है। हालांकि फाइल को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की है। लेकिन फिर भी हमें हमारी फाइल के कागजातों की फोटो प्रति तैयार कर निगम के अधिकारियों को दे दी। कुछ दिनों बाद ही टाउनशिप की फाइल गायब होने के बारे में हमें बताया गया। मैंने स्वयं नगर निगम के आयुक्त और दोनों उपायुक्तों को अपने हाथों से तीसरी बार फाइल दी ताकि निगम में फाइल सुरक्षित रह सके। अब हमें बताया जा रहा है कि टाउनशिप की फाइल निगम से चोरी हो गई है और निगम ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा दी है। सवाल उठता है कि जब हम बार बार नगर निगम में फाइल उपलब्ध करवा रहे हैं, तब हर बार फाइल गायब क्यों हो रही है? जाहिर है कि कुछ नौकरशाह हमें बेवजह परेशान करना चाहते हैं। इस प्रोजेक्ट में हमारा करोड़ों रुपया लगा हुआ है, उस प्रोजेक्ट की भूमि और निर्माण को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। जिस खसरा संख्या 3038 का उल्लेख किया जा रहा है उस खसरे की भूमि से हमारे दीपमाला इन्फ्राएस्टेट एण्ड टाउनशिप की भूमिका का कोई सरोकार नहीं है। हमने यह भूमि गर्ग परिवार के सदस्यों से खरीदी है। हमारे पास इस भूखंड के खरीद फरोख्त के सौ वर्ष पुराने दस्तावेज भी उपलब्ध हैं। सबसे पहले यह भूखंड 1921 में हरविलास शारदा के नाम था, भूखंड खरीद के इतने साफ सुथरे प्रमाण होने के बाद भी झूठी शिकायतों पर जांच करवाई जा रही है। नगर निगम के इंजीनियरों ने मौका मुआयना करने के बाद यह लिख कर दिया है कि सात मंजिला टाउनशिप का निर्माण स्वीकृत नक्शे के अनुरूप हो रहा है, लेकिन इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारी भी जांच पड़ताल करवा रहे हैं। ठारानी ने कहा कि हम संबंधित अधिकारियों को अपनी सच्चाई के सबूत देते देते थक गए हैं, चूंकि नौकरशाही से हमें न्याय नहीं मिल रहा है, इसलिए अजमेर से अपना कारोबार समेटने की तैयारी में है। अब हम उस राज्य में अपना निवेश करेंगे, जहां हमें परेशान न किया जाए। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हमारे समूह के पदाधिकारियों से संपर्क किया है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (22-06-2022)
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