7 अक्टूबर को एशियन गेम्स में भारत के पदकों की संख्या 100 के पार हो गई है। देश के खेल इतिहास में यह पहला अवसर है, जब एशियन गेम्स में हमारे खिलाडिय़ों ने 100 से ज्यादा पदक जीते हैं। 2014 में हुए एशियन गेम्स में भारत को 57 पदक मिले। इसी प्रकार 2018 में पदकों की संख्या 71 हो गई। इन दिनों 2022 के एशियन गेम्स चीन के झांग झाऊ प्रांत में हो रहे हैं। गेम्स शुरू होने से पहले यह उम्मीद जताई गई थी कि इस बार पदको का आंकड़ा सौ के पार होगा, लेकिन तब इस उम्मीद पर किसी को भरोसा नहीं था, लेकिन मोदी सरकार ने 2014 के बाद देश में जो खेल नीतियों में बदलाव किया, उसी का परिणाम रहा कि आज एशियन गेम्स में हमारे पदकों की संख्या सौ के पार हो गई है, जब उम्मीद के मुताबिक परिणाम मिलते हैं तो खुशी का अहसास चार गुना बढ़ जाता है। यही वजह रही कि 7 अक्टूबर को सुबह सुबह पदकों की संख्या सौ हो गई तो पीएम मोदी ने देशवासियों और खिलाडिय़ों की बधाई दी। मोदी ने कहा कि यह भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण हैं। 2014 से पहले तक देश में खिलाडिय़ों के बजाए खेल पदाधिकारियों का दखल होता था, लेकिन 2014 के बाद जो नीतियां बनी उनमें खिलाडिय़ों को महत्व दिया गया। जब सरकारी सुविधाएं सीधे तौर पर खिलाडिय़ों के पास पहुंचने लगी तो खिलाडिय़ों ने भी अपनी योग्यता दिखाकर देश का नाम रोशन किया। सब जानते हैं कि पीएम मोदी ने समय समय पर खिलाडिय़ों की हौंसला अफजाई की है। जब कोई टीम या खिलाड़ी उत्कृष्ट प्रदर्शन करता है तो पीएम मोदी अपने सरकारी आवास पर बुलाकर खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करते रहते हैं। जब देश का प्रधानमंत्री खिलाडिय़ों से सीधा संवाद करेगा तो खिलाड़ी की एनर्जी का अंदाजा लगाया जा सकता है। नई नीतियों की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाडिय़ों को भी अपनी योग्यता दिखाने का अवसर मिला। एशियन गेम्स में ऐसे कई खिलाडिय़ों ने पदक जीते हैं, जिनके पास रहने का मकान भी नहीं है। चूंकि चयन प्रक्रिया पारदर्शी रही, इसलिए योग्य खिलाडिय़ों को आगे आने का अवसर मिला। यही वजह है कि आज एशियन गेम्स में भारत के पास सौ से भी ज्यादा पदक हैं। भारत को खेल की दुनिया में यह उपलिब्ध तब मिली है, जब जी-20 के सम्मेलन में भारत की सफलता की गूंज पूरी दुनिया में हो रही है। जी-20 के सफल सम्मेलन और भारत की धाक के बाद एशियन गेम्स में सौ पदक जीतना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। अब जब हम दुनिया की तीसरी आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर हैं, तब उम्मीद की जानी चाहिए कि अगले वर्ष होने वाले ओलंपिक खेलों में भी भारत के खिलाडिय़ों को ऐतिहासिक सफलता हासिल हो।
S.P.MITTAL BLOGGER (07-10-2023)
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