नेताओं को अपनी पार्टी से टिकट लेने के लिए रात दिन मशक्कत करनी पड़ रही है, लेकिन अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट रहे और मौजूदा समय में जिला परिषद के लोकपाल सुरेश सिंधी ऐसे शख्स है, जिन्हें अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाने के लिए कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी में विचार हो रहा है। सिंधी के दावे को सही माना जाए तो आप में तो टिकट फाइनल हो गया है। बस सुरेश सिंधी की सहमति का इंतजार है। भाजपा में भी सिंधी ने मजबूत दावेदारी प्रस्तुत कर रखी है। भाजपा पिछले बीस वर्षो से सिंधी के नाते वासुदेव देवनानी को उम्मीदवार बना रही है। जबकि सुरेश सिंधी तो स्थायी तौर पर सिंधी हैं। देश में पहले ऐसे अधिकारी है, जिन्होंने सरकारी नौकरी में रहते हुए अपना सरनेम सिंधी लगाया। सुरेश का कहना है कि सिंधी शब्द से उन्हें गर्व की अनुभूति होती है। यदि किन्हीं कारणों से वासुदेव देवनानी को टिक नहीं मिलता है तो भाजपा के सामने देवनानी के विकल्प के तौर पर सुरेश सिंधी का प्रस्ताव है। सुरेश सिंधी का कहना है कि देवनानी खुद भी उनके नाम का प्रस्ताव कर सकते हैं। सुरेश सिंधी ने कहा कि देवनानी को पांचवीं बार उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। कांग्रेस के संबंध में सुरेश सिंधी का कहना है कि मुख्यमंत्री सचिवालय में इन दिनों अजमेर के कई अधिकारी तैनात हैं। उन्होंने आरती डोगरा, गौरव गोयल, गौरव बजाड़ आदि कई अधिकारियों के साथ काम किया है। ये सभी अधिकारी उनकी कार्यकुशलता से वाकिफ हैं। यदि कांग्रेस में किसी स्तर पर सीएमओ के अधिकारियों की राय ली जाती है तो इसका फायदा उन्हें मिलेगा। हाल ही में आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ ने उत्तर क्षेत्र के सिंधी प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सुरेश सिंधी को भी बुलाया गया। सुरेश सिंधी ने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस को अजमेर उत्तर से सिंधी समुदाय के व्यक्ति को ही उम्मीदवार बनाना चाहिए। कांग्रेस में गत तीन बार से गैर सिंधी को उम्मीदवार बनाया और तीनों बार हार का सामना करना पड़ा। इस पर राठौड़ ने अजमेर उत्तर से स्वयं की दावेदारी जताते हुए जानना चाहा कि सिंधी समुदाय को कैसे संतुष्ट किया जा सकता है? इस पर सुरेश सिंधी ने कहा कि यदि कांग्रेस उत्तर से सिंधी को उम्मीदवार नहीं बनाती हैं तो अजमेर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष किसी सिंधी को बनाया जाए, लेकिन धर्मेन्द्र राठौड़ सिंधी समुदाय के किसी व्यक्ति को प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाने में विफल रहे।
प्रशासनिक कार्यकुशलता:
सुरेश सिंधी लंबे समय तक अजमेर में ही नियुक्त रहे। अजमेर का रसद अधिकारी रहते हुए सिंधी ने सबसे पहले केरोसिन की आपूर्ति जीरो ंकी। उन्होंने इस पद पर रहते हुए राज्य सरकार से एक लीटर केरोसिन भी नहीं मंगवाया। यह तब किया, जब केरोसिन ब्लैक में मिलता था। इसी के बाद प्रदेश भर में जिला रसद अधिकारियों को केरोसिन मंगाना बंद करना पड़ा। इसी प्रकार गेहूं की सप्लाई मशीन से करवाने में भी सिंधी अजमेर में सबसे पहले शुरुआत की। सरकारी कर्मचारियों का वेतन सीधे बैंक खाते में जमा करवाने में भी सिंधी ने प्रभावी भूमिका निभाई। ऐसे अनेक कार्य हैं, जिनकी वजह से अजमेर में आज भी सुरेश सिंधी को याद किया जाता है। सरकारी सेवा में रहते हुए कई मौकों पर दबंगता भी दिखाई। कई बार जब कोई मंत्री या कलेक्टर छोटे अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करते थे, तब भरी बैठक में सुरेश सिंधी सीना तानकर खड़े हो जाते थे। सुरेश सिंधी का कहना होता था कि जिस संविधान के तहत मंत्री और कलेक्टर बने हैं उसी संविधान के तहत एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति हुई है। सेवानिवृत्ति के बाद भी सुरेश सिंधी सामाजिक, धार्मिक और प्रशासनिक कार्यों में जुड़े रहे। लोक अदालत का स्थायी सदस्य होने के साथ साथ मौजूदा समय में अजमेर जिला परिषद में लोकपाल के पद पर कार्यरत हैं। नरेगा में होने वाली गड़बडिय़ों की शिकायत लोकपाल से ही की जाती है। मोबाइल नंबर 9928040567 पर सुरेश सिंधी की राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी ली जा सकती है।
प्रशासनिक कार्यकुशलता:
सुरेश सिंधी लंबे समय तक अजमेर में ही नियुक्त रहे। अजमेर का रसद अधिकारी रहते हुए सिंधी ने सबसे पहले केरोसिन की आपूर्ति जीरो ंकी। उन्होंने इस पद पर रहते हुए राज्य सरकार से एक लीटर केरोसिन भी नहीं मंगवाया। यह तब किया, जब केरोसिन ब्लैक में मिलता था। इसी के बाद प्रदेश भर में जिला रसद अधिकारियों को केरोसिन मंगाना बंद करना पड़ा। इसी प्रकार गेहूं की सप्लाई मशीन से करवाने में भी सिंधी अजमेर में सबसे पहले शुरुआत की। सरकारी कर्मचारियों का वेतन सीधे बैंक खाते में जमा करवाने में भी सिंधी ने प्रभावी भूमिका निभाई। ऐसे अनेक कार्य हैं, जिनकी वजह से अजमेर में आज भी सुरेश सिंधी को याद किया जाता है। सरकारी सेवा में रहते हुए कई मौकों पर दबंगता भी दिखाई। कई बार जब कोई मंत्री या कलेक्टर छोटे अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करते थे, तब भरी बैठक में सुरेश सिंधी सीना तानकर खड़े हो जाते थे। सुरेश सिंधी का कहना होता था कि जिस संविधान के तहत मंत्री और कलेक्टर बने हैं उसी संविधान के तहत एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति हुई है। सेवानिवृत्ति के बाद भी सुरेश सिंधी सामाजिक, धार्मिक और प्रशासनिक कार्यों में जुड़े रहे। लोक अदालत का स्थायी सदस्य होने के साथ साथ मौजूदा समय में अजमेर जिला परिषद में लोकपाल के पद पर कार्यरत हैं। नरेगा में होने वाली गड़बडिय़ों की शिकायत लोकपाल से ही की जाती है। मोबाइल नंबर 9928040567 पर सुरेश सिंधी की राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी ली जा सकती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (05-10-2023)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9929383123
To Contact- 9829071511
No comments:
Post a Comment