Thursday 28 January 2016

पाक के गुब्बारे पर हमारा सुखोई हमला।



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यह कोई वाह-वाही लूटने की बात नहीं है कि पाकिस्तान से आए एक गुब्बारे को हमारे लड़ाकू सुखोई विमान ने फायर कर उड़ा दिया। सवाल यह है कि आखिर हमें एक गुब्बारे के लिए सुखोई जैसे लड़ाकू विमान का इस्तेमाल क्यों करना पड़ा? सरकार और सेना बार-बार यह दावा करते हैं कि हमारे पास ऐसी दूरबीन है जो सैकड़ों किलोमीटर दूर तक देख सकती है। इन दूरबीनों से ही देश की सीमा की रक्षा होती है। 26 जनवरी को बाड़मेर की सीमा पर पाकिस्तान की ओर से एक गुब्बारा उड़ कर आया तो जोधपुर स्थित एयर फोर्स बेस में खलबली मच गई। गुब्बारे टुकड़े-टुकड़े करने के लिए जोधपुर से हमारा सुखाई लड़ाकू विमान उड़ा और 79 फायर कर गुब्बारे को ध्वस्त कर दिया। इससे प्रतीत होता है कि हमारे जवानों ने गुब्बारे को एक ऐसा उपकरण समझा जो भारत को नुकसान कर सकता था। इसलिए सुखोई से 79 राउंड फायर करवाए। यह सही है कि देश की सुरक्षा के लिए कोई चूक नहीं होनी चाहिए। इस लिहाज से सेना की कार्यवाही उचित मानी भी जा सकती है। लेकिन हमें भविष्य में यह भी ध्यान रखने की जरुरत है कि आखिर दुश्मन के किस हथियार का मुकाबला हमारे किस हथियार से किया जाए। यदि हम पाकिस्तान के एक गुब्बारे को ध्वस्त करने के लिए लड़ाकू विमान का उपयोग करेंगे तो कभी पाकिस्तान की ओर से मानव रहित हेलीकॉप्टर आ गया तो क्या हम तोप, टेंक, मिसाइल और सुखोई आदि का इस्तेमाल करेंगे? गुब्बारे को ध्वस्त करने के बाद गुब्बारे के मलबे को ढूंढने के लिए भी सेना ने दो हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया। गुब्बारे के टुकड़े बाड़मेर की सीमा से 250 किमी दूर पाली जिले के गांव गुंदोज में मिले। इस घटना से सेना को सबक लेने की जरुरत है। ऐसा नहीं कि पाकिस्तान से उड़कर आया गुब्बारा कोई छोटा सा था। सेना के अनुसार ही गुब्बारा 10 फीट लम्बा और तीन मीटर व्यास का था। यानि इस गुब्बारे को नंगी आंखों से भी आसानी से देखा जा सकता था। क्या सेना के किसी विशेषज्ञ ने गुब्बारे को नहीं देखा? सेना की चौकसी के मुताबिक तो गुब्बारा जब पाकिस्तान की सीमा के आसमान पर उड़ रहा था, तभी हमारी नजर पहुंच जानी चाहिए थी। क्या भारतीय आसमान में घुसने के बाद सेना को पाकिस्तान का गुब्बारा नजर आया? हमारे सैनिकों की वीरता पर किसी को भी संदेह नहीं है, लेकिन यदि इस मामले में कोई चूक हुई है तो उसे भविष्य में रोकने की सख्त जरुरत है। 
(एस.पी. मित्तल)  (28-01-2016)
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