Sunday 9 June 2019

बूंद-बूंद पानी को तरस रहा है अजमेर और हजारों गेलन अमृत नाले में बह गया।
जलदाय विभाग ने कहा टाटा पावर कंपनी ने तोड़ी पाइप लाइन।
क्या दोषी अफसरों पर कार्यवाही होगी? लापरवाही की हद है। 

भीषण गर्मी में अजमेर के नागरिक जब बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं तब 9 जून को अमृत समान हजारों गेलन पानी नाले में बह गया। शर्मनाक बात तो यह है कि इस लापरवाही की जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा है। शहर के जागरुक नागरिक शैलेन्द्र गुप्ता ने जलदाय विभाग के इंजीनियरों को सुबह ही सूचना दे दी कि सुभाष बाग के सामने सुंदर विलास के नाले से गुजर रही पाइप लाइन टूट गई है और भारी मात्रा में पानी नाले और सड़क पर बह रहा है। लेकिन गुप्ता की सूचना पर जलदाय विभाग का कोई भी इंजीनियर मौके पर नहीं आया। कोई एक घंटे तक 8 इंच मोटी पाइप लाइन से पानी बहता रहा। जो अजमेर वासी बूंद बंूंद पानी को तरस रहे हैं उन्होंने जब अमृत नाले में बहता देखा तो आंखों से आंसू निकल गए। जलदाय विभाग के एक्सईएन राजेश सुबोत्रा और क्षेत्र के एईएन एसके बाकलीवाल ने कहा कि हजारों गेलन पानी बह जाने से हमारा कोई कसूर नहीं है। टाटा पावर कंपनी ने केबल बिछाते समय हमारी पाइप लाइन तोड़ दी। पाइप लाइन तोडऩे की जानकारी विभाग को नहीं दी। यही वजह रही कि जब 9 जून को सप्लाई दी गई तो पानी व्यर्थ हो गया। अब जलदाय विभाग टाटा पावर कंपनी के खिलाफ कार्यवाही करेगा। जहां तक सूचना मिलने पर सप्लाई बंद नहीं करने का सवाल है तो क्षतिग्रस्त पाइप लाइन में बाबूगढ़ की टंकी से सप्लाई होती है, यह टंकी दस किलोमीटर दूर है। एक बार सप्लाई शुरू हो जाने के बाद पाइप लाइन के पानी को रोकना मुश्किल होता है। उल्लेखनीय है कि अजमेर शहर में टाटा पावर कंपनी ही विद्युत वितरण का कार्य कर रही है। वहीं टाटा पावर ने पाइप लाइन तोड़े जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन होगा? विभागों के अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर अपने दायित्व से बच नहीं सकते हैं। सरकार को उन अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करनी ही चाहिए जो दोषी हैं। जहां तक पेयजल की पाइप लाइन तोडऩे का सवाल है तो सब जानते हैं कि केबल बिछाने या अन्य कोई कार्य ठेकेदार के द्वारा किया जाता  है। मौके पर संबंधित विभाग के  इंजीनियर अथवा अधिकारी नहीं होते हैं। ठेकेदार भी अकुशल श्रमिकों से यह कार्य करवाता है। इसी का नतीजा होता है कि आए दिन जलदाय विभाग, टेलीफोन, बिजली आदि की केबल टूट जाती है। लेकिन आज तक भी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई इसलिए ऐसी लापरवाही पर अंकुश नहीं लगता है। पाइप लाइन से पानी बहने का वीडियो मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog   पर देखा जा सकता है।

एस.पी.मित्तल) (09-06-19)
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