लोकसभा में अमित शाह ने ओबैसी से कहा-आपके मन में डर है तो हम क्या करें।
सरकार आम नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
15 जुलाई को लोकसभा में केन्द्रीय गृहमंत्री अमितशाह ने दो टूक शब्दों में कहा कि सरकार आम नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। असल में एनआईए के नियमों में संशोधन के लिए लोकसभा में बिल प्रस्तुत किया गया है। बिल पर जब भाजपा के सांसद सत्यपाल मलिक सरकार का पक्ष रख रहे थे तब एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओबैसी बीच में बीच में टोका टाकी कर रहे थे, ओबैसी के इस रवैये पर केन्द्रीय गृहमंत्री अमितशाह खड़े हुए और ओबैसी से कहा कि आपके मन में डर है तो हम क्या कर सकते हैं। आपको बिल के बारे में धैर्य से सुनना चाहिए। सरकार का प्रयास है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनआईए को मजबूत किया जाए ताकि अपराध होने पर आपराधियों को पकड़ा जा सके। शाह ने नाराजगी भरे लहजे से कहा कि विपक्ष को बिल के प्रावधानों के बारे में अच्छी तरह समझना चाहिए। पिछले कुछ वर्षों से देशभर में आतंक की जो वारदातें हो रही हैं उसमें विदेशी तत्वों का भी हाथ सामने आया है। कई बार अपराधी विभिन्न राज्यों में रह कर अपराध की योजनाएं बनाते हैं। ऐसे में एनआईए को मजबूत किए जाने की जरूरत है। सरकार इसीलिए एनआईए के कानून में संशोधन का प्रस्ताव लाई है। विभिन्न घटनाओं में एनआईए की जांच लगातार महत्वपूर्ण हो रही है। लेकिन कई अवसरों पर देखा गया है कि कुछ राज्य सरकारें जांच में सहयोग नहीं करती हैं। ऐसे में एनआईए को विशेष अधिकार मिलने ही चाहिए। 15 जुलाई को लोकसभा में अमितशाह ने जो तल्खी दिखाई उससे एक बार तो पूरा विपक्ष भी सक्ते में आ गया, लेकिन वहीं भाजपा के सांसदों ने अमितशाह के रुख का समर्थन किया।
सरकार आम नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
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15 जुलाई को लोकसभा में केन्द्रीय गृहमंत्री अमितशाह ने दो टूक शब्दों में कहा कि सरकार आम नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। असल में एनआईए के नियमों में संशोधन के लिए लोकसभा में बिल प्रस्तुत किया गया है। बिल पर जब भाजपा के सांसद सत्यपाल मलिक सरकार का पक्ष रख रहे थे तब एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओबैसी बीच में बीच में टोका टाकी कर रहे थे, ओबैसी के इस रवैये पर केन्द्रीय गृहमंत्री अमितशाह खड़े हुए और ओबैसी से कहा कि आपके मन में डर है तो हम क्या कर सकते हैं। आपको बिल के बारे में धैर्य से सुनना चाहिए। सरकार का प्रयास है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनआईए को मजबूत किया जाए ताकि अपराध होने पर आपराधियों को पकड़ा जा सके। शाह ने नाराजगी भरे लहजे से कहा कि विपक्ष को बिल के प्रावधानों के बारे में अच्छी तरह समझना चाहिए। पिछले कुछ वर्षों से देशभर में आतंक की जो वारदातें हो रही हैं उसमें विदेशी तत्वों का भी हाथ सामने आया है। कई बार अपराधी विभिन्न राज्यों में रह कर अपराध की योजनाएं बनाते हैं। ऐसे में एनआईए को मजबूत किए जाने की जरूरत है। सरकार इसीलिए एनआईए के कानून में संशोधन का प्रस्ताव लाई है। विभिन्न घटनाओं में एनआईए की जांच लगातार महत्वपूर्ण हो रही है। लेकिन कई अवसरों पर देखा गया है कि कुछ राज्य सरकारें जांच में सहयोग नहीं करती हैं। ऐसे में एनआईए को विशेष अधिकार मिलने ही चाहिए। 15 जुलाई को लोकसभा में अमितशाह ने जो तल्खी दिखाई उससे एक बार तो पूरा विपक्ष भी सक्ते में आ गया, लेकिन वहीं भाजपा के सांसदों ने अमितशाह के रुख का समर्थन किया।
एस.पी.मित्तल) (15-07-19)
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