Friday 6 January 2017

#2121
स्कूली शिक्षा मंत्री देवनानी ने की मिशनरी स्कूलों की प्रशंसा। मिशनरीज की वार्षिक सभा में मंत्री का जन्मदिन भी मनाया।
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6 जनवरी को अजमेर के सेंट एंसलम्स स्कूल परिसर में सोसायटी ऑफ कैथोलिक एजुकेशनल इंस्टीट्यूट इन राजस्थान की वार्षिक सभा हुई। यहीं संस्था राजस्थान भर में इसाई मिशनरीज शिक्षण संस्थाओं का संचालन करती है। इस वार्षिक सभा का महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें राजस्थान के ईसाई समाज के तीनों धर्मगुरु उपस्थित थे। मिशनरीज ने कार्य विभाजन के नजरिए से राजस्थान को अजमेर, जयपुर और उदयपुर के धर्मप्रांतों में बांट रखा है। यही वजह रही कि वार्षिक सभा में अजमेर प्रांत के धर्मगुरु बिशप पायस थॉमस डिसूजा, जयपुर के बिशप ओसवाल्ड लुईस तथा उदयपुर प्रांत के देवप्रसाद धानवा उपस्थित रहे। मिशनरीज की प्रांतीय सभा में राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने मिशनरीज स्कूलों की जमकर प्रशंसा की। देवनानी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मिशनरीज स्कूल महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सरकार की मदद के बिना भी समाज के सभी वर्गों के लोगों को शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने माना कि मिशनरी स्कूलों में मूल्य आधारित शिक्षा दी जाती है। यहां पढऩे वाले बच्चें अनुशासित होते हैं।
देवनानी ने मनाया जन्मदिन :
सभागार में जब इस बात का पता चला कि शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी का जन्मदिन 11 जनवरी को आने वाला है तो तुरंत आयोजकों ने केक मंगवा कर गीत और प्रार्थनाओं के बीच उनका जन्म दिवस मनाया। तीनों धर्म गुरुओं ने केक पर मोमबत्ती लगाई और फिर एक चाकू देकर देवनानी से अपने जन्म दिन का केक कटवाया। इसके लिए देवनानी ने तीनों ईसाई धर्म गुरुओं का आभार जताया। 
मिड डे मिल की मांग:
अजमेर बिशप पायस थॉमस डिसूजा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में शिक्षा के माध्यम से सेवा कर रहे है। 115 वर्ष पुरानी संस्था का मूल उद्देश्य छात्रों में जीवन मूल्य आधारित शिक्षा देना है। उन्होंने कहा कि हम शिक्षा को मानव समाज की सेवा भावना के साथ जोड़ते है जबकि आज शिक्षा व्यापार बन चुकी है।
बिशप डिसूजा ने कहा कि ग्रामीण अंचल में गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं को मिड डे मिल से अलग किया हुआ है जो दु:खद है। केन्द्र सरकार की इस योजना पर कहा कि यह अच्छा प्रयास है, लेकिन इस तरह का भेदभाव ठीक नहीं है। आखिर वो बच्चे भी भारत माता की संतान है जो गैर सरकारी संस्थाओं में अध्यनरत है। इससे पूर्व संस्था के संयुक्त सचिव एवं सेंट एंसलम्स स्कूल के प्राचार्य फादर सुसै माणिक्कम ने सभी का स्वागत किया। समारोह में राज्यभर से पुरुष एवं महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
(एस.पी.मित्तल) (06-01-17)
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