Sunday 9 December 2018

पांच राज्यों के नतीजे आने से पहले ही दिल्ली में जुटे पांच लाख राम भक्त।



पांच राज्यों के नतीजे आने से पहले ही दिल्ली में जुटे पांच लाख राम भक्त।  लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू।
=======

कांग्रेस सहित विपक्षी दल जब राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं, तब भाजपा ने मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में 9 दिसम्बर को दिल्ली के रामलीला मैदान में विश्व हिन्दू परिषद की धर्म सभा में कोई पांच लाख रामभक्त जुटे। दिल्ली सहित पडौसी राज्यों के राम भक्तों की धर्म संसद में योजनाबद्ध तरीके से लाया गया। विहिप की धर्म संसद में देश के प्रमुख संत महात्माओं के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बड़े पदाधिकारी भी मौजूद रहे। भाजपा के कई सांसदों ने शामिल होकर अयोध्या में मंदिर निर्माण का संकल्प लिया। विहिप की ओर से ऐसी ही धर्मसंसद 25 नवम्बर को अयोध्या में हो चुकी है। असल में संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है, ऐसे में कानून बना कर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करें। 9 दिसम्बर को धर्म संसद में भी यह बात उभरी की, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए जरुरत से ज्यादा विलम्ब हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट की नजर में अयोध्या का मुद्दा गंभीर और जरूरी नहीं है, इसलिए सुनवाई को जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है। असल में विहिप को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने पर फैसला मंदिर के पक्ष में आ जाएगा, लेकिन अब चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के रुख से लगता है कि फैसला मई 2019 से पहले नहीं आएगा। जबकि मई में होने वाले लोकसभा चुनाव में मंदिर मुद्दा सबसे बड़ा होगा। चूंकि भाजपा भी संघ परिवार का ही सदस्य है, इसलिए परिवार के सभी सदस्यों को मजबूत करने का दायित्व संघ का है। यही वजह है कि 9 दिसम्बर को दिल्ली पर संघ परिवार के ही सदस्य विहिप की ओर से धर्म संसद का आयोजन किया गया। इससे देश की राजनीति अचानक गर्मा गई। 8 दिसम्बर को जो टीवी चैनल पांच राज्यों के एग्जिट पोल पर बहस करवा रहे थे वे चैनल 9 दिसम्बर को धर्म संसद पर बहस करवाते रहे। सवाल उठता है कि क्या विहिप की धर्म संसद का असर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार पर पड़ेगा? जबकि भाजपा सरकार भी चाहती है कि अयोध्या में मंदिर बने। माना जा रहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने के लिए देश में मंदिर निर्माण के मुद्दे को गर्म किया गया है। हो सकता है कि किसी तरह कानून बनाने वाला प्रस्ताव संसद के शीतकालीन सत्र में ले आया जाए। जहां तक कानून व्यवस्था का सवाल है तो विहिप के आंदोलन से इस बार किसी भी स्थान पर गड़बड़ी नहीं होगी। 9 दिसम्बर को दिल्ली में इतनी बड़ी संख्या में जुटे रामभक्तों के बाद भी शांति रही। धर्म संसद में जिस तरह सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा गया, उससे भी इरादे साफ हो रहे थे। सरकार से ज्यादा सुप्रीम कोर्ट पर शब्दों का हमला हुआ। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संघ राजनीतिक सदस्य  (भाजपा) ही सक्रिय नहीं है बल्कि परिवार के अन्य सदस्य भी किसी न किसी तरह से सक्रिय हैं।
एस.पी.मित्तल) (09-12-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
=============

No comments:

Post a Comment