Sunday 9 December 2018

आखिर फारुख अब्दुल्ला हिन्दुओं को चिढ़ाने वाले बयान ही क्यों देते हैं?

आखिर फारुख अब्दुल्ला हिन्दुओं को चिढ़ाने वाले बयान ही क्यों देते हैं? 
अब कहा क्या भगान राम किसानों का कर्ज चुकाएंगे?
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला के मन में देश के हिन्दुओं के प्रति कैसी भावनाएं हैं, यह सब जानते हैं। इसलिए फारुख समय-समय पर हिन्दुओं और उनके देवी-देवताओं पर प्रतिकूल टिप्पणियां करते हैं। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर को लेकर 9 दिसम्बर को फारुख अब्दुल्ला का विवादित बयान सामने आया है। फारुख सवालिया अंदाज में कहा कि क्या भगवान राम स्वर्ग से आकर किसानों का कर्ज चुकाएंगे? यह माना कि देश की राजनीति में भगवान राम के नाम का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन फारुख अब्दुल्ला को भगवान राम पर ऐसी टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। असल में देश के सौ करोड़ हिन्दुओं की आस्था भगवान राम से जुड़ी है। अयोध्या में मंदिर बने या नहीं इससे हिन्दुओं की आस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यह आस्था और विश्वास ही है कि लाखों बीमार राम का नाम लेकर स्वस्थ्य हो जाते हैं। इसे चमत्कार ही माना जाएगा कि डाॅक्टरों से इजाज करवाने के बाद भी जो मरीज ठीक नहीं होता, वो राम मंदिर में जाने के बाद स्वस्थ्य हो जाता है। किसान भी बरसात के लिए रामजी को ही पुकारता है। वाकई राम नाम में वो ताकत है जिससे किसान भी समृद्धशाली बन जाता है। भारत धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है, इसलिए फारुख अब्दुल्ला सिर्फ हिन्दुओं के देवी देवताओं पर विवादित टिप्पणी कर सकते हैं। फारुख अब्दुल्ला ने यदि किसी ओर धर्म के बारे में ऐसी टिप्पणी की होती तो उन्हें जवाब भी मिल जाता। यह पहला मौका नहीं है कि फारुख अब्दुल्ला ने ऐसी टिप्पणी की है। हिन्दुओं को चिढ़ाने वाली टिप्पणियां फारुख समय समय पर करते रहते हैं। सब जानते हैं कि जम्मू कश्मीर पर सबसे ज्यादा राज अब्दुल्ला परिवार ने ही किया है। फारुख अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला लम्बे समय तक जम्मू कश्मीर के सीएम रहे। पिता के बाद फारुख अब्दुल्ला स्वयं और अब उनके बेटे उमर अब्दुल्ला भी सीएम रह चुके हैं। अब्दुल्ला परिवार की नीतियों की वजह से ही कश्मीर घाटी के हालात बदत्तर हुए हैं। चार लाख हिन्दुओं को पीट पीट कर कश्मीर से भगाया जाता रहा है और अब्दुल्ला परिवार चुप बैठा रहा। यदि अब्दुल्ला परिवार के मन में हिन्दुओं के प्रति स्नेह होता तो कश्मीर से भगाए नहीं जाते। इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि जो परिवार हिन्दुओं के प्रति ऐसा नकारात्मक भाव रखता हो वो आज भी देश की राजनीति में सक्रिय हैं। पूर्व सीएम की हैसियत से करोड़ों रुपए की सुविधाएं सरकारी खजाने से ले रहे हैं। हिन्दुओं के देवी देवताओं के बारे में बोलने से पहले फारुख अब्दुल्ला को कुछ तो सोचना चाहिए।
एस.पी.मित्तल) (09-12-18)
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