Sunday 9 December 2018

अयोध्या में भूमि का अधिग्रहण कर सरकार जल्द मंदिर बनवाए।

अयोध्या में भूमि का अधिग्रहण कर सरकार जल्द मंदिर बनवाए।
राष्ट्रसंत गोविंदगिरि महाराज को सुप्रीम कोर्ट के रुख से निराशा।
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9 दिसम्बर को पुष्कर में ब्रह्मा सावित्री वेद विद्या पीठ के परिसर में संत निवास और 15 वातानुकूलित कक्षों का लोकार्पण राष्ट्रसंत स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज ने किया। इस निर्माण पर कोई पांच करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है। पुष्कर जैसे वेद विद्या पीठ देश के कई प्रमुख स्थानों पर संचालित हैं। ऐसे विद्यालयों का संरक्षण गोविंददेव गिरि महाराज ही कर रहे हैं। लोकार्पण के लिए पुष्कर आए गोविंददेव गिरि महाराज ने मुझ से सीधा संवाद करते हुए कहा कि अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर कोई विवाद नहीं है। सरकार को चाहिए कि विवादित भूमि का अधिग्रहण कर मंदिर निर्माण जल्द से जल्द करवा दे। इस समय उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ और केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है। इसलिए कानून बनाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। यह करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं से जुड़ा हुआ मुद्दा है, इसलिए सरकार को गंभीरता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आरोप  गलत है कि चुनाव आने पर मंदिर का मुद्दा गर्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि जब दीपक मिश्रा सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस थे, तब उन्होंने इस मुद्दे को महत्वपूर्ण माना और अक्टूबर माह से प्रतिदिन सुनवाई के निर्देश दिए, लेकिन जस्टिस दीपक मिश्रा की सेवानिवृत्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में जब सुनवाई हुई तो सुप्रीम कोर्ट के रुख में बदलाव आ गया। चीफ जस्टिस गोगोई का कहना रहा कि यह मुद्दा जल्द सुनवाई के लायक नहीं है। इसलिए इस मामले की सुनवाई जनवरी 2019 में की जाएगी। असल में देश के साधु संत और रामभक्त सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे थे। लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट का रुख सामने आ गया है, तो सरकार पर दबाव डालने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस मुद्दे को बेवजह तूल दे रहे हैं। जबकि यह मामला सिर्फ भूमि विवाद का है और सरकार को यह अधिकार है कि वह देशहित में भूमि का अधिग्रहण कर सकती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार कानून बनाएगी। जहां तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सवाल है तो वे स्वयं सनातन संस्कृति के रक्षक हैं। प्रधानमंत्री भी चाहते हैं कि देशवासियों की भावनाओं के अनुरूप अयोध्या में मंदिर का निर्माण हो। स्वामी गोविंददेव गिरि ने कहा कि पिछले दिनों जो सकारात्मक प्रयास हुए उसी के तहत अनेक मुस्लिम संगठनों ने मंदिर निर्माण का समर्थन किया है। लेकिन कुछ मुस्लिम संगठन अपने राजनीतिक स्वार्थों की वजह से इस मुद्दे पर विवाद बनाए हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जब मंदिर का निर्माण शुरू होगा तो मुसलमान भी सहयोग करेंगे। 
संस्कृति को बचाने के लिए वेद विद्यालय:
स्वामी गोविंददेव गिरि ने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति को बचाने के लिए ही पुष्कर जैसे पवित्र स्थानों पर वेद विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है।  इन विद्यालयों में बचपन से ही बच्चों को संस्कृत की शिक्षा दी जाती है। आवासीय विद्यालय होने की वजह से सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती है। विद्यालय के पाठ्यक्रम को सरकार से भी अनुमति है। वेदपाठी विद्यार्थी डिग्री लेने के बाद धार्मिक ग्रंथों पर प्रवचन देने लगे हैं। इन विद्यालयों से निकले युवा अब सनातन संस्कृति की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पश्चिम देशो में भी हमारे वेदपाठी युवाओं की लगातार मांग बढ़ रही है। हमारे वेदों पर विदेशों में बड़े पैमाने पर रिसर्च हो रहे हैं। 
पांच करोड़ की राशि खर्च: 
पुष्कर स्थित ब्रह्मा सावित्री वेद विद्या पीठ से जुडे़ समाज सेवी और सीए अजीत अग्रवाल ने बताया कि आचार्य निवास 15 वातानुकूलित कक्षों पर कोई पांच करोड रुपए की राशि खर्च हुई है। आचार्य निवास का निर्माण डीमार्ट समूह के राधाकिशन दमानी तथा संत निवास के कक्षों का निर्माण मुम्बई स्थित सूरजमल तापड़िया मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से किया गया है। इन कक्षों के निर्माण से विद्यापीठ में वेद पाठी बालकों की संख्या में वृद्धि हो जाएगी। 
एस.पी.मित्तल) (09-12-18)
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