Monday, 7 April 2025
श्रीलंका में पीएम मोदी को सर्वोच्च सम्मान मित्र विभूषण मिला, लेकिन तमिलनाडु के समारोह में मुख्यमंत्री स्टालिन नहीं आए। यह मोदी से नहीं बल्कि सनातन धर्म से नफरत दिखाती है। अफसोस: स्टालिन की पार्टी को कांग्रेस का समर्थन है।
5 और 6 अप्रैल को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका के दौरे पर रहे। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिशानायके ने अपने देश के सर्वोच्च सम्मान मित्र विभूषण से मोदी को नवाजा। भारत के सहयोग से श्रीलंका में 850 करोड़ रुपए की लागत से 128 किलोमीटर का रेलवे ट्रेक बना है। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने इस सहयोग के लिए भी पीएम मोदी का आभार जताया। एक ओर भारत के प्रधानमंत्री को श्रीलंका में इतना मान सम्मान मिला, लेकिन जब 6 अप्रैल को मोदी तमिलनाडु पहुंचे तो मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने स्वागत का सामान्य शिष्टाचार भी नहीं निभाया। इतना ही नहीं स्टालिन उस समारोह में भी नहीं गए, जिसमें मोदी ने रामेश्वरम के समुद्र में बने वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का उद्घाटन किया। इस समारोह में आमंत्रित करने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने व्यक्तिगत तौर पर स्टालिन को फोन किया था। देश के पहले इस वर्टिकल ब्रिज का निर्माण भी रेलवे ने ही किया है। देश के प्रधानमंत्री का स्वागत न करना और न फिर समारोह में जाना दर्शाता है कि मुख्यमंत्री स्टालिन के मन में सनातन धर्म के प्रति कितनी नफरत है। स्टालिन और उनके पुत्र डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन पहले ही कह चुके है कि सनातन धर्म को नष्ट कर दिया जाना चाहिए। पीएम मोदी को सनातन धर्म के प्रति अटूट श्रद्धा रखने वाला माना जाता है। जबकि 550 करोड़ रुपए की लागत से रामेश्वरम में जो सी ब्रिज बना है, उसमें तमिलनाडु में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसका फायदा स्टालिन की सरकार को ही मिलेगा। एक और स्टालिन केंद्रीय शिक्षा नीति के तहत त्रिभाषायी फार्मूले को स्वीकार नहीं कर रहे है, वहीं तमिलनाडु में मेडिकल की पढाई तमिल भाषा में करवाने को तैयार नहीं है। यदि मेडिकल की पढ़ाई तमिल भाषा में हो तो तमिलनाडु के युवाओं को डॉक्टर बनने में सुविधा होगी। स्टालिन अपने प्रदेश में हिंदी भज्ञषा को विकल्प के तौर पर भी स्वीकार नहीं करते और युवाओं को तमिल भाषा में मेडिकल की पढ़ाई करने का अधिकार भी नहीं देते। इससे स्टालिन और उसके नेतृत्व वाली डीएमके की कथनी और करनी को समझा जा सकता है। तमिलनाडु के नागरिकों को भी अपने मुख्यमंत्री के दोहरे चरित्र को समझने की जरूरत है। गंभीर बात तो यह है कि जो पार्टी सनातन धर्म को नष्ट करने की सोच रखती हे, उस पार्टी से कांग्रेस ने गठबंधन कर रखा है। कांग्रेस को उत्तर भारत में सनातनियों के तो वोट चाहिए लेकिन दक्षिण में कांग्रेस उस पार्टी के साथ खड़ी है जो सनातन धर्म को ही नष्ट करना चाहती है।
S.P.MITTAL BLOGGER (07-04-2025)
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