Friday 4 May 2018

क्या नई कलेक्टर अजमेर की बिगड़ी बिजली व्यवस्था को सुधार पाएंगी? टाटा पावर संभाल रहा है वितरण व्यवस्था।
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इन दिनों भीषण गर्मी में अजमेर की विद्युत वितरण व्यवस्था पूरी तरह गड़बड़ाई हुई है। जलदाय विभाग ने स्पष्ट कह दिया कि बिजली की सप्लाई लगातार नहीं मिलने की वजह से जल वितरण का समय निर्धारित नहीं हो रहा है। चूंकि अजमेर शहर में बिजली वितरण की फ्रेंचाइजी टाटा पावर कम्पनी के पास है। इसलिए उपभोक्ताओं की सुनने वाला कोई नहीं है। चूंकि विद्युत वितरण निगम के अधिकारी टाटा पावर से मिलने हुए हैं इसलिए कंपनी के विरुद्ध निगम में भी कोई सुनवाई नहीं होती। अजमेर की नव नियुक्त कलेक्टर आरती डोगरा जोधपुर निगम के एमडी के पद से स्थानांतरित होकर आई है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि अजमेर में बिजली वितरण में सुधार होगा। जोधपुर में एमडी के पद पर रहते हुए डोगरा ने अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उम्मीद है कि डोगरा ने जोधपुर के उपभोक्ताओं को जो सुविधा उपलब्ध करवाई वह अजमेर में भी होगी। पिछले एक वर्ष से अजमेर में बिजली वितरण का काम टाटा पावर संभाल रहा है। पिछले साल भर में हर दिन किसी न किसी क्षेत्र में मरम्मत के नाम पर बिजली कटौती की गई। शर्तों के अनुरूप चैबीस घंटे में नया कनेक्शन देना है, लेकिन कंपनी के इंजीनियर मनमर्जी से कनेक्शन देते हैं। एस्टीमेंट की एक मुश्त राशि बताई जाती है, जबकि एस्टीमेंट में खर्च का पूरा विवरण होना चाहिए। साल भर पहले सवा लाख उपभोक्ता टाटा पावर को दिए गए लेकिन कंपनी ने शहर में मात्र 5 सब डिवीजन आफिस खोल रखे हैं। जबकि कम से कम 9 सब डिवीजन आॅसिफ होने चाहिए। कंपनी ने अनट्रेंड तकनीकी कर्मचारियों को रख रखा है। कई काम ठेके पर दे दिए गए हैं। संबंधित ठेकेदार अपनी मर्जी से काम करता है। नए कनेक्शन के लिए कोई रजिस्टर नहीं है। ऐसे में आवेदन की जानकारी भी नहीं होती। शर्तों के मुताबिक पहले आवेदन करने वाले को कनेक्शन मिलना चाहिए। टाटा पावर लाभ की दृष्टि से बिजली वितरण का काम कर रहा है। अधिक राशि का बिल आने पर उपभोक्ताओं की कोई सुनवाई नहीं होती। अनेक उपभोक्ताओं को शिकायत है कि पहले पुराने मीटर को बंद कर दिया जाता है और फिर उपभोक्ता से औसत यूनिट की राशि की वसूली होती है। लेकिन नया मीटर लगने पर ली गई राशि समायोजित नहीं की जाती है। यदि विस्तृत जांच करवाई जाए तो टाटा पावर बिजली वितरण की ज्यादा वसूली कर रहा है।
सफाईः
वहीं टाटा पावर कंपनी के कारपोरेट हैड आलोक श्रीवास्तव ने दावा किया है कि व्यवसायिक कनेक्शन एक दिन में और घरेलू कनेक्शन अधिकतम चार दिनों में दिया जा रहा है। कई बार फाइल में आवश्यक दस्तावेज नहीं होने अथवा मौके पर पोल आदि के कार्य की वजह से कनेक्शन देने में विलम्ब हो जाता है। एस्टीमेट में उपभोक्ता को पूरी जानकारी दी जाती है। ट्रांसफार्मर की मरम्मत की वजह से संबंधित क्षेत्र में बिजली सप्लाई बंद रहती है। जिन शर्तों पर कंपनी ने बिजली वितरण का काम लिया है, उसका पालन किया जा रहा है। पांच सब डिवीजन आॅफिस में उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान किया जाता है। श्रम कानून कंपनी के अपने हैं, जिसके अंतर्गत कार्य करवाया जाता है। विद्युत निगम के श्रम कानून हमारी कंपनी पर लागू नहीं होते।

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